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Sujata Awachat

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Army MES Recruitment 2024: मिलिट्री इंजीनियरिंग सर्विसेज़ Army MES में निकली 10वीं 12वीं पर 41,822 पदों के लिए भर्ती, यहां करें आवेदन


Army MES Recruitment 2024: दोस्तों नौकरी की तलाश में रहने वालों के लिए बड़ी ख़ुशी की खबर हम लाए है. मिलिट्री इंजीनियरिंग सर्विसेज़ ARMY MES में 41,822 पदों की बंपर भर्ती निकली है. लेकिन अभी तक इस भर्ती का ऑफिशियल नोटिफिकेशन जारी नहीं किया गया है. 

इस भर्ती की आवेदन प्रक्रिया बहुत जल्द शुरू होने वाली है. पात्र उमीदवार ऑनलाइन आवेदन कर सकते है. हालांकि इस भर्ती का ऑफिशियल नोटिफिकेशन अभी तक जारी नहीं किया गया है. लेकिन ये पक्का है बहुत जल्द आवेदन की प्रक्रिया शुरू होगी। और आपको बता दे की आवेदन करने के लिए सिर्फ 20 से 25 दिन समय दिया जाएगा। इस लिए उमीदवार अपनी तैयारियां समय पर पूरी करे. 

दोस्तों आवेदन करने की प्रक्रिया ऑनलाइन होने वाली है. इस भर्ती के लिए उम्र कितनी होनी चाहिए, शैक्षणिक योग्यता कितनी और आवेदन किस प्रकार से करना है इसके बारे मे आज हम पूरी जानकारी बताने वाले है तो आइए जानते है.

  • पद का नाम : Group C, MTS (मल्टी टास्किंग स्टाफ), शॉपकीपर, सुपरवाइजर
  • कुल पद :  41,822
  • शैक्षणिक योग्यता :  अलग -अलग पदों के लिए अलग -अलग शैक्षिक योग्यता रखी गई है. 10वीं या 12वीं पास, किसी विशेष विषय में डिप्लोमा या डिग्री।
  • उम्र की सिमा :  18 से 25 वर्ष

तो दोस्तों आपको भी ये जानकारी पसंद आई हो तो अपने दोस्तों जरुर शेयर करें ताकि उन्हें भी इस जानकारी का लाभ मिल सके.

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Sujata Awachat

Sept. 4, 2024

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Indian Cow: भैंस का रिकॉर्ड तोड़ने वाली गायें: जानें कौन सी हैं ये दूध की मशीनें


Indian Cow: आजकल दूध और दूध से बने प्रोडक्ट्स की मांग तेजी से बढ़ रही है, जिसके चलते पशुपालन एक लाभदायक व्यवसाय बन गया है। कई पशुपालक दूध की बिक्री से अच्छी खासी कमाई कर रहे हैं। लेकिन सवाल यह है कि किस प्रकार की गाय या भैंस पालकर सबसे अधिक दूध और मुनाफा कमाया जा सकता है? जब बात ज्यादा दूध देने वाले पशुओं की होती है, तो अधिकांश लोग भैंसों को प्राथमिकता देते हैं। भैंस के बारे में यह माना जाता है कि वे गायों की तुलना में अधिक दूध देती हैं, लेकिन यह पूरी तरह सही नहीं है। कुछ गायें भी ऐसी हैं जो भैंसों को दूध उत्पादन में कड़ी टक्कर देती हैं। अगर आप भी पशुपालन के जरिए तगड़ी कमाई करना चाहते हैं, तो आपको इन गायों के बारे में जानकारी जरूर होनी चाहिए।

 ये भी पढे : Food Not To Fridge: भूल कर भी फ्रिज में न रखें ये 5 पदार्थ, हो सकता है भारी नुकसान

गिर गाय गुजरात के गिर क्षेत्र से संबंधित है और यह भारत की प्रमुख दूध देने वाली नस्लों में से एक है। इस गाय की खासियत यह है कि यह औसतन 10-12 लीटर तक दूध प्रतिदिन देती है, और कुछ विशेष मामलों में यह 15-20 लीटर तक भी पहुंच सकता है। गिर गाय का दूध A2 प्रकार का होता है, जो कि स्वास्थ्य के लिए बेहद लाभकारी माना जाता है। इसकी देखभाल के लिए नियमित आहार, साफ-सफाई और समय पर टीकाकरण की आवश्यकता होती है। साहिवाल गाय पंजाब और हरियाणा की प्रसिद्ध नस्ल है। यह गाय प्रतिदिन 8-10 लीटर तक दूध देती है, और इसकी दूध की गुणवत्ता बेहद उच्च मानी जाती है। साहिवाल गाय के दूध में फैट की मात्रा अच्छी होती है, जिससे यह बाजार में ऊंची कीमत पर बिकता है। इसकी देखभाल में भी खास ध्यान देने की जरूरत होती है, खासकर इसके आहार और स्वच्छता पर।

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रेड सिंधी गाय मुख्य रूप से सिंध क्षेत्र से संबंधित है, और यह भी एक प्रमुख दूध देने वाली नस्ल मानी जाती है। यह गाय प्रतिदिन 6-8 लीटर तक दूध देती है, और इसकी दूध की गुणवत्ता भी बेहतरीन होती है। यह गाय अन्य नस्लों की तुलना में बीमारियों के प्रति अधिक प्रतिरोधी होती है, जिससे इसका पालन आसान होता है। रेड सिंधी गाय की देखभाल के लिए पोषक आहार और स्वच्छ पानी की आवश्यकता होती है। इन गायों को उच्च गुणवत्ता वाला आहार देना जरूरी है, जिसमें हरा चारा, सूखा चारा, दाने, खनिज मिश्रण और साफ पानी शामिल हो। साथ ही, इनकी नियमित टीकाकरण और समय पर डॉक्टर से चेकअप भी आवश्यक होता है। साफ-सफाई का भी खास ख्याल रखना चाहिए ताकि गायें स्वस्थ रहें और अधिक दूध दे सकें। अगर आप अपने पशुपालन व्यवसाय से अधिक कमाई करना चाहते हैं, तो इन गायों का पालन एक बेहतरीन विकल्प हो सकता है। इन गायों के दूध से आप न सिर्फ अपने परिवार की जरूरतें पूरी कर सकते हैं, बल्कि बाजार में भी अच्छी कीमत पर बेच सकते हैं। सही देखभाल और पोषण के साथ, ये गायें आपको तगड़ी कमाई करने में मदद करेंगी।


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Sujata Awachat

Aug. 30, 2024

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Gadchiroli News: गडचिरोलीत आर्थिक फसवणुकीची घटना: इसमाचे पैसे डबल करण्याचे आमिष दाखवून लाखो रुपयांची फसवणूक


Gadchiroli News: गडचिरोली शहरात 29 ऑगस्ट रोजी एक गंभीर आर्थिक फसवणुकीची घटना उघडकीस आली आहे, ज्यामध्ये एका इसमाचे पैसे डबल करण्याचे आमिष दाखवून लाखो रुपयांची फसवणूक करण्यात आली आहे. या प्रकरणात गडचिरोली पोलीस ठाण्यात तक्रार दाखल करण्यात आली असून, आरोपीविरुद्ध गुन्हा नोंदविण्यात आला आहे.

 

फसवणुकीचा प्रकार

गडचिरोली येथील डोमाजी डेकलुजी डोंगरे यांना आरोपी सतीश लहुजी येरगुडे, रा. तुकुम वार्ड, चंद्रपूर, याने पैसे डबल करण्याचे आमिष दाखवले. आरोपीने डोंगरे यांना सांगितले की, तीन लाख रुपयांचे मुदतीठेव म्हणून ठेवल्यास त्यांना सहा लाख रुपये मिळतील. तसेच, आरडीच्या 21 हप्त्यांमधून 42 हजार रुपये मिळतील असा दावा करून, एकूण 3 लाख 42 हजार रुपयांच्या फसवणुकीत त्यांना गोवले. मुदतीठेवीच्या व्याजासह, डोंगरे यांना 6 लाख 42 हजार रुपयांचे आमिष दाखवून आरोपीने त्यांची आर्थिक फसवणूक केली.

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तक्रारीनंतर पोलिसांची कारवाई

सदर घटना 31 ऑक्टोबर ते 15 फेब्रुवारी 2024 या काळात घडली. आपली फसवणूक झाल्याचे लक्षात आल्यानंतर डोंगरे यांनी 29 ऑगस्ट 2024 रोजी गडचिरोली पोलीस ठाण्यात तक्रार दाखल केली. तक्रारीच्या आधारावर पोलिसांनी आरोपी सतीश येरगुडे विरुद्ध गुन्हा नोंदवून तपास सुरू केला आहे.

हे देखील वाचा : Fake Trading Apps: ऑनलाइन ट्रेडिंगमध्ये फसवणुकीचा धोका: हे App तुमचे बँक अकाउंट करणार खाली, जाणून घ्या माहिती

 

आणखी फसवणुकीचे प्रकार उघड होण्याची शक्यता

या घटनेने शहरात खळबळ माजली आहे, आणि आणखी किती लोकांना अशाच प्रकारे फसवले गेले आहे, याचा शोध घेणे गडचिरोली पोलिसांसमोर मोठे आव्हान ठरणार आहे. 

गडचिरोली पोलिसांकडून पुढील तपास सुरू आहे.

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Sujata Awachat

Aug. 28, 2024

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Ganesh Chaturthi 2024, Modak Recipe In Hindi: गणपति बप्पा को लगाना है उनका पसंदीदा भोग, तो घर पर बनाएं दुकान जैसे मोदक, जानिए रेसिपी


Ganesh Chaturthi 2024, Modak Recipe In Hindi: हर साल गणेश चतुर्थी का त्योहार धूमधाम से मनाया जाता है, जब भक्तगण अपने घरों में भगवान गणेश की स्थापना कर उनकी पूजा करते हैं. धार्मिक मान्यताओं के अनुसार, भगवान गणेश को मोदक बहुत प्रिय होते हैं, और इसलिए इस पवित्र अवसर पर उन्हें मोदक का भोग अर्पित करना अत्यंत महत्वपूर्ण माना जाता है. लेकिन यदि आप घर पर बाजार जैसे मोदक बनाना चाहते हैं, तो यहां हम आपके लिए लाए हैं एक सरल और पारंपरिक मोदक रेसिपी modak recipe. इस रेसिपी की मदद से आप घर पर ही स्वादिष्ट और शुद्ध मोदक बना सकते हैं, जो गणपति बप्पा को बेहद प्रिय होंगे.

 

मोदक बनाने के लिए सामग्री (Ingredients for Modak)

  • चावल का आटा: 1 कप
  • कद्दूकस किया हुआ नारियल: 1 कप
  • गुड़: 1/2 कप
  • घी: 1 चम्मच
  • नमक: एक चुटकी
  • इलायची पाउडर: 1/2 चम्मच
  • पानी: 1 कप

 

आटा कैसे लगाएं (How to Prepare the Dough)

  1. सबसे पहले एक पैन में पानी गर्म करें.
  2. इसमें एक चुटकी नमक और घी डालें.
  3. पानी में उबाल आने पर इसमें धीरे-धीरे चावल का आटा डालें और अच्छे से मिलाएं.
  4. गैस बंद कर आटे को 10 मिनट के लिए ढक कर रख दें.
  5. हल्का ठंडा होने पर इसे मुलायम आटे की तरह गूंथ लें.

 

स्टफिंग तैयार करें (Prepare the Filling)

  1. नारियल को कद्दूकस करें और उसमें गुड़ मिलाएं.
  2. पैन में इसे मध्यम आंच पर डालकर पकाएं.
  3. इसमें इलायची पाउडर मिलाएं और मिश्रण को गाढ़ा होने तक पकाएं.
  4. ठंडा होने दें और फिर आटे से छोटी-छोटी लोईयां बनाएं.
  5. हर लोई के बीच में नारियल-गुड़ का मिश्रण रखें और मोदक का आकार दें.

 

मोदक को स्टीम करें (Steam the Modak)

  1. तैयार मोदक को स्टीमर में 10-15 मिनट के लिए पकाएं.
  2. जब मोदक हल्के ट्रांसपेरेंट हो जाएं, तब उन्हें निकालें.
  3. ठंडा होने के बाद गणपति बप्पा को भोग लगाएं.


Ganesh Chaturthi 2024 के लिए विशेष: इस बार घर पर ही बनाएं भगवान गणेश के पसंदीदा मोदक और पाएं उनकी विशेष कृपा.


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Sujata Awachat

Aug. 25, 2024

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Food Not To Fridge: भूल कर भी फ्रिज में न रखें ये 5 पदार्थ, हो सकता है भारी नुकसान


Food Not To Fridge: आजकल के जीवन में फ्रिज एक ऐसी सुविधाजनक वस्तु बन गई है, जिससे हम अपने खाने को ताजा और सुरक्षित रख सकते हैं। हालांकि, यह जानना भी महत्वपूर्ण है कि कुछ खाद्य पदार्थ ऐसे होते हैं जिन्हें फ्रिज में रखना उनके गुणों को कम कर सकता है और स्वास्थ्य के लिए हानिकारक हो सकता है. बहुत से लोग यह मानते हैं कि सभी खाद्य पदार्थ फ्रिज में सुरक्षित रहते हैं, लेकिन कुछ खाद्य पदार्थ ऐसे हैं जिन्हें फ्रिज में रखने से वो जल्दी खराब हो सकते हैं और उनका स्वाद भी बदल सकता है. इस आर्टिकल में, हम उन 5 खाद्य पदार्थों के बारे में जानेंगे जिन्हें आपको फ्रिज में रखने से बचना चाहिए ताकि आप अपने भोजन को ताजा और स्वादिष्ट बना सकें। तो आइए जानते है. उन 5 पदार्थों के बारे में.

 

1. ब्रेड

ब्रेड को फ्रिज में रखने से वह सूखी और सख्त हो जाती है, जो इसके स्वाद और बनावट को प्रभावित करती है. ब्रेड को फ्रिज के बजाय खुली हवा में रखने पर यह लंबे समय तक ताजा रहती है.

ये भी पढ़ें : Top 100 Worst Rated Foods in World: हम सभी के घरों हमेशा रहने वाला 'ये' पदार्थ दुनिया के खराब पदार्थों के लिस्ट में शामिल

 

2. शहद

शहद को फ्रिज में रखने से वह जल्दी जम जाता है और सख्त हो जाता है, जिससे इसका उपयोग करना मुश्किल हो जाता है. शहद को ठंडे स्थान पर रखने की बजाय कमरे के तापमान पर स्टोर करना बेहतर होता है.

 

3. कॉफ़ी

कॉफ़ी को फ्रिज में रखने से उसकी प्राकृतिक सुगंध और स्वाद खराब हो सकते हैं. फ्रिज की नमी और अन्य पदार्थों की गंध से कॉफ़ी की गुणवत्ता कम होती है. कॉफ़ी को हवा-tight कंटेनर में कमरे के तापमान पर रखना बेहतर है.

 

4. केले

कच्चे केले को फ्रिज में रखने से उनकी पकने की प्रक्रिया रुक जाती है और वे जल्दी काले हो जाते हैं। केले को ताजा रखने के लिए उन्हें बाहर ही स्टोर करें. फ्रिज में रखने से केले की रंगत, स्वाद और बनावट खराब हो जाती है.

 

5. टमाटर

टमाटरों को फ्रिज में रखने से उनका रंग और बनावट बिगड़ जाती है। ठंडे तापमान के कारण टमाटर की त्वचा नरम हो जाती है, जिससे वे खाने योग्य नहीं रहते। टमाटरों को कमरे के तापमान पर स्टोर करना चाहिए.

इन सरल नियमों का पालन करके आप न केवल अपने खाद्य पदार्थों की गुणवत्ता को बनाए रख सकते हैं, बल्कि उन्हें लंबे समय तक ताजा भी रख सकते हैं.


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Sujata Awachat

Aug. 22, 2024

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Railway Recruitment 2024: भारतीय रेल्वे मध्ये निघाली 1376 वेगवेगळ्या पदांसाठी भरती, इथे करा अर्ज


Railway Recruitment 2024: मित्रांनो नमस्कार नोकरी शोधणाऱ्यांसाठी खूप मोठी आनंदाची बातमी आम्ही घेऊन आलेलो आहे. भारतीय रेल्वे मध्ये 1376 वेगवेगळ्या पदांसाठी भरती निघाली आहे. 17 ऑगस्ट 2024 पासून अर्ज करण्याची प्रक्रिया सुरु झालेली आहे. 

या भरतीसाठी वयोमर्यादा किती असणार, शिक्षण पात्रता किती, आणि अर्ज कशा प्रकारे करावं लागेल. तर मित्रांनो याबद्दल आपण पूर्ण माहिती जाणून घेऊया.

पदाचे नाव : नर्सिंग सुपरिटेंडेंट
 जागा : 713
शैक्षणिक पात्रता : GNM किंवा B. Sc ( nursing )
वयोमर्यादा : 20 ते 43 वर्ष

 

पदाचे नाव : हेल्थ & मलेरिया इन्स्पेक्टर ग्रेड ।।।
जागा : 123
शैक्षणिक पात्रता : B. Sc. (Chemistry) किंवा हेल्थ /सॅनिटरी इन्स्पेक्टर डिप्लोमा किंवा NTC
वयोमर्यादा : 18 ते 36 वर्ष 

 

पदाचे नाव : फार्मासिस्ट
जागा : 246
शैक्षणिक पात्रता : 12वी उत्तीर्ण + D. Pharm किंवा B. Pharm
वयोमर्यादा : 20 ते 38 वर्ष

 

पदाचे नाव : लॅब असिस्टंट ग्रेड ।।
जागा : 94
शैक्षणिक पात्रता : 1- 12वी उत्तीर्ण 2- DMLT 
वयोमर्यादा : 18 ते 36 वर्ष 

येथे करा अर्ज : ऑनलाईन अर्ज करण्यासाठी खालील दिलेल्या https://www.rrbmumbai.gov.in/ या वेबसाईट वर क्लिक करून तुम्ही अर्ज करू शकता

अर्ज करण्याची अंतिम तारीख : 16 सप्टेंबर 2024

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Sujata Awachat

Aug. 18, 2024

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Gadchiroli News: पॅराडाईज इंग्लिश मीडियम स्कूलच्या समीर बनपूरकर चा ऐतिहासिक यश: स्वातंत्र्यदिनाच्या सोहळ्यात सहभाग आणी नरेंद्र मोदींसोबत थेट संवाद


Gadchiroli News: समीर मनोज बनपुरकर, पॅराडाईज इंग्लिश मीडियम स्कूल, आरमोरी येथील दहावीचा विद्यार्थी, केंद्र सरकारच्या शिक्षण मंत्रालयाच्या प्रेरणा उत्सवात जिल्ह्यातील सर्वोत्तम ठरला आहे. जवाहर नवोदय विद्यालय, घोट येथे आयोजित या स्पर्धेत समीरने पहिला क्रमांक मिळवून, आपल्या कौशल्याचा ठसा उमठवला आहे. या यशामुळे त्याला दिल्ली आणि वडनगर येथे विशेष प्रशिक्षणाची संधी प्राप्त झाली.

 

दिल्लीतील लाल किल्ल्यावर सहभाग 

समीरला १५ ऑगस्ट २०२४ रोजी दिल्लीतील लाल किल्ल्यावर झालेल्या ७८व्या स्वातंत्र्यदिनाच्या मुख्य ध्वजारोहण सोहळ्यात सहभागी होण्याचे निमंत्रण मिळाले. या ऐतिहासिक कार्यक्रमात, त्याने पंतप्रधान नरेंद्र मोदी यांच्या उपस्थितीत सहभाग घेतला. यानंतर, १६ ऑगस्ट २०२४ रोजी समीरला प्रेरणा उपक्रमाच्या अंतर्गत नरेंद्र मोदी यांच्याशी थेट संवाद साधण्याची संधी मिळाली, ज्यातून त्याला विविध विषयांवर चर्चा करण्याची आणि प्रेरणा मिळवण्याची अनमोल संधी प्राप्त झाली.

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समीरचे यश : शाळा पालक आणि जिल्ह्याचे अभिमान 

समीरच्या या यशाबद्दल त्याचे पालक, शिक्षक, आणि शाळेच्या सर्व पदाधिकाऱ्यांनी मनःपूर्वक अभिनंदन केले आहे. त्याच्या या यशामुळे आरमोरी तालुका आणि गडचिरोली जिल्हा  गौरवशाली बनला आहे. समीरने आपल्या मेहनतीने आणि कर्तृत्वाने संपूर्ण जिल्ह्याचा अभिमान उंचावला आहे.

 

पंतप्रधान नरेंद्र मोदी यांच्याशी थेट संवाद 

  • शिक्षण मंत्रालयाच्या प्रेरणा उत्सवातील यश: समीरने जिल्ह्यात पहिला क्रमांक मिळवला.
  • लाल किल्ल्यावर सहभाग: ७८व्या स्वातंत्र्यदिनाच्या मुख्य ध्वजारोहण सोहळ्यात समीरचा सहभाग.
  • प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी यांच्याशी संवाद: प्रेरणा उपक्रमाच्या अंतर्गत समीरला पंतप्रधान नरेंद्र मोदी यांच्याशी थेट संवाद साधण्याची संधी.

समीरचा हा प्रवास एक प्रेरणादायी उदाहरण आहे, जो फक्त त्याच्यासाठीच नाही तर संपूर्ण समाजासाठी गौरवशाली ठरला आहे.

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Sujata Awachat

Aug. 11, 2024

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Gadchiroli Murder Case: मोबाइल चोरीच्या संशयावरून युवकाची हत्या, तिघांना अटक


Gadchiroli Murder Case: गडचिरोली, 9 ऑगस्ट - कुरखेडा तालुक्यातील चिखली गावात 28 वर्षीय युवक जितेश पगडवार यांच्या हत्या प्रकरणाने गावात हळहळ व्यक्त केली आहे. जितेशचा मृतदेह चिखली-वडेगाव मार्गावर आढळून आला असून, प्राथमिक तपासानुसार हत्या मोबाइल चोरीच्या संशयावरून झाल्याचे समोर आले आहे.

 

जुन्या वादातून घडली घटना

जितेश पगडवार आणि आरोपींमध्ये काही दिवसांपूर्वीपासून मोबाइल चोरीच्या संशयावरून वाद सुरू होता. गुरुवार, 8 ऑगस्ट रोजी रात्री हा वाद विकोपाला गेला, जेव्हा आरोपींनी जितेशला वडेगाव रस्त्यावर गाठून, लोखंडी सळईने डोक्यावर वार करून त्याची हत्या केली. या घटनेने संपूर्ण गाव हादरले आहे.

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आरोपींची ओळख

आरोपींमध्ये जितू ऊर्फ विशाल पिसोरे (19), वैभव सहारे (19), आणि अमन पठान (20) या तिघांचा समावेश आहे. हे तिघेही चिखलीचे रहिवासी आहेत आणि मित्र आहेत. जितू ऊर्फ विशालचा मोबाइल काही दिवसांपूर्वी हरवला होता, आणि तो जितेशने पळविल्याचा संशय आरोपींना होता. या संशयातूनच हत्येचा कट रचला गेला.

 

पोलिस तपास आणि कारवाई

घटनेच्या दुसऱ्या दिवशी सकाळी पोलिसांनी त्वरित कारवाई करत आरोपींना ताब्यात घेतले. चौकशीदरम्यान, पोलिसांनी खाक्या दाखवताच आरोपींनी गुन्ह्याची कबुली दिली. आरोपींना न्यायालयात हजर केले असता, त्यांना चार दिवसांची पोलिस कोठडी सुनावली गेली आहे.

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जितेश पगडवार: कुटुंबाचा आधार हरपला

जितेश पगडवार हा अविवाहित होता आणि रोजंदारीवर काम करून आपल्या कुटुंबाचा आधार होता. त्याच्या मृत्यूनंतर त्याच्या वृद्ध आई-वडिलांवर दुःखाचा डोंगर कोसळला आहे. ग्रामपंचायतीत संगणक परिचालक असलेल्या मोठ्या भावावर आता कुटुंबाची जबाबदारी आली आहे.

कुरखेडा पोलीस ठाण्याचे ठाणेदार महेंद्र वाघ यांच्या मार्गदर्शनात तपास सुरू असून, आरोपींना कठोर शिक्षा मिळेल, अशी अपेक्षा आहे.

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Sujata Awachat

Aug. 7, 2024

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Fake Trading Apps: ऑनलाइन ट्रेडिंगमध्ये फसवणुकीचा धोका: हे App तुमचे बँक अकाउंट करणार खाली, जाणून घ्या माहिती


Fake Trading Apps: नवी दिल्ली: डिजिटल युगात ऑनलाईन ट्रेडिंगचे प्रमाण वाढले आहे, ज्यामुळे गुंतवणूक करणे अधिक सोपे झाले आहे. परंतु, याचाच फायदा काही चोरटे उठवत आहेत. नवीन बनावट ट्रेडिंग Apps बाजारात येत आहेत, ज्या गुंतवणूकदारांना लुबाडण्याचा प्रयत्न करत आहेत.

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'कोटाकावे' Kotakave आणि 'कोटकझेर' Kotakzer या दोन बनावट Apps ने गुंतवणूकदारांना फसवले आहे. या Apps ने कोटक महिंद्राच्या लोगोचा गैरवापर करून विश्वास मिळवला आहे.

संबंधित सरकारी यंत्रणांनी या Apps च्या उपयोगाची सूचना केली आहे. गुंतवणूकदारांना असे Apps आपल्या मोबाइलमधून डिलीट करण्याचे आणि याचा वापर करून पैसे गुंतवू नका, असे आवाहन करण्यात आले आहे.

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सर्व गुंतवणूकदारांनी सुरक्षित आणि अधिकृत ट्रेडिंग प्लॅटफॉर्म्सचा वापर करूनच गुंतवणूक करावी.

 


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Sujata Awachat

Aug. 3, 2024

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Energy Drinks: सावधान ! या एनर्जी ड्रिंक मुळे मुलांना हृदयविकाराचा वाढला धोका !


Energy Drinks: मित्रांनो गेल्या 5 ते 6 वर्षांपासून मुलांमध्ये एनर्जी ड्रिंक घेण्याचे प्रमाण वाढले आहे. पण, या एनर्जी ड्रिंकमध्ये केमिकलचे बरेच प्रमाण असल्यामुळे मुलांना हृदयविकाराचा धोका वाढला आहे. त्यामुळे एनर्जी ड्रिंकचे सेवन करताना काळजी घेणे आवश्यक आहे.

एनर्जी ड्रिंक्सच्या सुरक्षिततेबाबत नियमनाचा अभाव आहे. तसेच तरुणांना आकर्षित करण्यासाठी या पेयांचे मार्केटिंग केले जाते. एनर्जी ड्रिंक्समध्ये असलेल्या घटकांपैकी कॅफेन हा सर्वांत सामान्य घटक असल्याने त्याचे दुष्परिणाम समजून घेणे महत्त्वाचे आहे.

ड्रिंक्समध्ये असलेले cafen हे एकाग्रता आणि सतर्कता वाढविण्यासाठी आहे. पण या कॅफेनमुळे अस्वस्थता, हृदयाचा धोका वाढणे आणि त्या सोबतच निद्रानाश यासारख्या काही लक्षणे उद्भवू शकतात. कॅफेनच्या अती जास्त डोसमुळे हायपरटेन्शन, पल्पिटेशन, कॅल्शिअमची कमतरता शरीरात निर्माण होणे या सोबतच अनेक समस्या होऊ शकतात, असे डॉक्टरांचे म्हणणे आहे.

एनर्जी ड्रिंक्सचा आरोग्यावर नकारात्मक परिणाम होतो. त्यामुळे मानसिक आरोग्य खराब होऊ शकते, हृदय व रक्तवाहिन्यांवर खूप वाईट परिणाम होण्याची शक्यता असते.

 

युवकांमध्ये एनर्जी ड्रिंकची क्रेझ

शहरी भागातील मुले व युवकांमध्ये एनर्जी ड्रिंकची क्रेझ अलिकडे वाढली आहे. अनेकजण मेडिकल स्टोअर्समधून नेत आहेत.

 

प्रमाणाबाहेर साखर व कॅफेन

एनर्जी ड्रिंकमध्ये प्रमाणापेक्षा साखर व कॅफेन समाविष्ट आहे. याचा सेवन करणाऱ्याच्या शरीरावर मोठा परिणाम होतो. शाळेत जाणारे मुले व लहान बालकांनी एनर्जी ड्रिंकचा नाद सोडून द्यावे. त्याऐवजी फळे व पौष्टिक आहार घ्यावा, जेणेकरून मुलांची शक्ती वाढण्यास मदत होईल.

 

एनर्जी ड्रिंक आहे अत्यंत घातक

  1. हृदयासंबंधी आजारांचा धोका :
    एनर्जी ड्रिंकमध्ये विविध प्रकारचे रसायने राहत असल्याने हृदयासंबंधी आजार बळावण्याची शक्यता अधिक असते, असे तज्ज्ञांचे म्हणणे आहे.
  2. लठ्ठपणा वाढतो :
    एनर्जी ड्रिंक वारंवार तसेच अधिक काळपर्यंत सेवन केल्यास लठ्ठपणा वाढण्याची समस्या निर्माण होऊ शकते. त्यातून इतरही आजार होऊ शकतात.
  3. लिव्हर आणि किडनीला धोका:
    आपले शरीर फक्त साखरेवर चालते. आपण जे काही पदार्थ खातो, ते ग्लुकोज (शुगर) मध्ये रूपांतरित करूनच आपले शरीर वापरण्यास सक्षम असते. पण जास्त साखर खाल्ल्यास ती यकृतातही जाते. या अतिरिक्त साखरेचे यकृतातील फेंटमध्ये रूपांतर होते. जेव्हा जास्त चरबी आपल्या यकृतामध्ये जमा होने सुरुवात होते, तेव्हा ते रक्तप्रवाहात पाठवू लागते. आणि मग किडनीवर परिणाम होतो.


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Sujata Awachat

July 28, 2024

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Betal Leaf Benefits: विड्याचे पान खाल्याने होतात हे 5 फायदे


Betal Leaf Benefits: विड्याच्या पानाचे अनेक पारंपरिक व औषधीसाठी महत्त्व आहे. विड्याचे पान हे विविध संस्कृतीमध्ये आणि आयुर्वेदामध्ये औषधी गुणधर्मासाठी वापरले जाते. सर्दी-खोकला पळवून लावत असल्याने हे पान खावे, असे सल्ला आयुर्वेदतज्ज्ञ देतात.

विड्याची हिरवीगार ताजी पाने स्वच्छ धुऊन एका स्वच्छ सुती कापडाने पुसून घ्यायचे. त्यांच्या शिरा आणि देठ काढून त्याला चुना, कात, वेलदोड्याचे दोन दाणे, गुंजेचा पाला घालून घरी केलेली सुपारी, बडीशेप, गुलकंद, सुके किंवा ओले खोवलेले खोबरे, लवंग लावून विडे बनविले जात होते. विशेष म्हणजे, आजी- आजोबाचा पानपुडा म्हणून घरोघरी प्रचलित होता.

हे देखील वाचा : Baby Aadhar Card: बाळ जन्मत:च करा आधार नोंदणी, नाही तर मिळणार नाही या योजनेचा लाभ

 

Betal Leaf Benefits: विड्याच्या पानाचे महत्त्व

  1. Betal Leaf Benefits: सर्दी, खोकला होतो अराम
    सर्दी, खोकला, दमा श्वासविकारावर विड्याचे पान उपयोगी ठरते.
    गरम पाण्यात काढा करून घेतल्याने श्वसनमार्ग यामुळे फायदा होतो.
  2. Betal Leaf Benefits: पाचनक्रिया सुधारते
    विड्याचे पान चघळल्याने पाचनक्रिया सुधारते. यामुळे तोंडातील लाळेचे प्रमाण वाढते. त्यामुळे पचनक्रियेला मदत होते. त्यामुळे प्रमाणात हे पान खाल्ले पाहिजे.
  3. Betal Leaf Benefits: मुख स्वास्थ्य मिळते
    विड्याचे पान चघळल्याने तोंडातील दुर्गंधी दूर होते. यामुळे तोंडातील जंतू नष्ट होतात व दात व हिरड्या मजबूत होण्यास मदत होते. तोंडाला चवसुद्धा येते.

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Betal Leaf Benefits: विड्याच्या पानात आहे औषधी गुणधर्म.

विड्याच्या पानामध्ये अँटिसेप्टिक, अँटिबा योटिक आणि अँटिफंगल गुणधर्म आहेत. हे पान त्वचेच्या इन्फेक्शनवर आणि जखमांवर प्रभावी व गुणकारी आहे.

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Sujata Awachat

July 23, 2024

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Kids Tips: सावधान ! मोबाइलमुळे मुलांची विचार करण्याची गती होत आहे कमी


Kids Tips: मित्रांनो आई-वडील आणि मुलगा किंवा मुलगी या त्रिकोणी कुटुंब व्यवस्थेचा मोठा परिणाम सध्या पाहायला मिळत आहे. मुले रडले की त्याला उचलून समजावण्यासाठी कुणाकडे वेळ नाही. त्यामुळे मुलाचे रडणे थांबविण्यासाठी आपण त्याला मोबाइल देतो. मात्र, न काळत हाच मोबाइल मुलांचे आयुष्य उद्ध्वस्त करीत आहे.

मोबाइलमुळे मुलांची विचार करण्याची आणि समजून घेण्याची क्षमता कमी होत आहे. ते रील्समधून मातृभाषा सोडून जपानी आणि चिनी भाषा शिकत आहेत. डॉक्टर आता रील्सच्या शैलीने त्यांच्याशी संवाद करण्याचा प्रयत्न करीत आहेत.

जास्त स्क्रीन टाइम दिल्यमुळे मुले 'ऑटिझम autism'' आजाराला बळी पडत आहेत. reels बघत असल्याने आई-वडिलांना त्यांची भाषा समजण्यासाठी अडचण होत आहे. दिवसेंदिवस मोबाइलचा अतिरेकी वापर धोकादायक ठरणारा आहे. त्यामुळे पालकांनी वेळीच सावध होण्याची गरज आहे.

स्क्रीन टाइम वाढल्याने 7 वर्षापर्यंतच्या मुलांना ऑटिझमचा त्रास होत आहे. त्यांच्यात भाषेचा विकास होत नाही. पडद्यावर दिसणाऱ्या भाषेतील शब्द ते बोलू लागतात. अशी अनेक प्रकरणे समोर येत आहेत. मुलाचे मन इतर खेळांमध्ये रमेल यासाठी प्रयत्न करावेत. त्याला विविध प्रकारच्या कला व खेळ शिकवावेत.

मोबाइल मुळे मुलांवर हे होत आहे परिणाम

  • जास्त वेळ स्क्रीन वर दिल्याने मुलांचा शारीरिक आणि मानसिक विकास थांबतो.
  • मुलांचा विकास पूर्णपणे होण्यात अडथळे निर्माण होतात.
  • मोबाइलच्या व्यसनामुळे शारीरिक विकासासाठी आवश्यक असलेले खेळही मुले खेळत नाहीत किंवा ते खेळू शकत नाहीत.

कौटुंबिक भावना, आणि सामाजिक जाणिवा नातेसंबंध हेदेखील बाळाला मुलांना समजत नाहीत, त्यामुळे आता मुलांच्या हाती मोबाइल द्यायचा की त्याला दुसऱ्या खेळात गुंतवायचे ते तुम्हीच ठरवा.


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Sujata Awachat

July 16, 2024

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Baby Aadhar Card: बाळ जन्मत:च करा आधार नोंदणी, नाही तर मिळणार नाही या योजनेचा लाभ 


Baby Aadhar Card: आधार कार्ड हे महत्त्वाच्या सरकारी कागदपत्रांपैकी एक आहे. बँकेपासून ते शाळेतील ऍडमिशनपर्यंत प्रत्येक ठिकाणी आधार कार्ड पुरावा म्हणून गरजेचे आहे. त्यामुळे नवजात बालकांचे आधार क्रमांक नोंदणीचे आदेश सरकारने दिले आहेत; मात्र नवजात बालकांच्या आधार नोंदणीला लोक फारसा प्रतिसाद देत नाही.

हे देखील वाचा : Kids Health: मुलांमध्ये डोळ्यांचा त्रास वाढण्याचे ही आहेत 3 कारणे

 

Baby Aadhar Card: तर योजनांचा लाभ नाही

आधार कार्ड नसल्यास अनेक सरकारी योजनांचा लाभ घेता येणार नाही. सरकारी कागदपत्रांसोबतच आणि बऱ्याच कामांसाठी  आधार कार्डची गरज पडते. आता UIDAI ने लहान बाळांचे Baby Aadhar Card बनवण्याच्या नियमात बदल केला आहे.

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Baby Aadhar Card: या कागदपत्रांची गरज

पाच वर्षांखालील लहान बाळांसाठी बायोमेट्रिक माहिती गरजेची नसते. बाल आधारसाठी पासपोर्ट, पॅन कार्ड, ड्रायव्हिंग लायसन्स, रेशन कार्ड अथवा सार्वजनिक वितरण प्रणाली फोटो कार्ड, वोटर आयडी, शस्त्राचे लायसन्स, भारत सरकारद्वारे जारी फोटो आयडी प्रूफ, मान्यता प्राप्त शैक्षणिक संस्थेचे ओळखपत्र, नरेगा रोजगार कार्ड, फोटो क्रेडिट कार्ड, पेंशनर फोटो कार्ड, स्वातंत्र्य सैनिक फोटो कार्ड, शेतकरी पासबुक, लग्नाचा पुरावा, नावात बदल केल्याचा पुरावा आवश्यक आहे.

 

Baby Aadhar Card: जन्मताच आधार क्रमांक नोंदणी

बालकांच्या आधार कार्ड नोंदणीसाठी पालकांना आवश्यक दस्तावेजासह सेतू केंद्रात जावे लागते. कोणत्याही शासकीय रुग्णालयात आधार क्रमांक नोंदणीची सुविधा नाही.

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Sujata Awachat

July 12, 2024

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Kids Health: मुलांमध्ये डोळ्यांचा त्रास वाढण्याचे ही आहेत 3 कारणे 


Kids Health: सध्याच्या डिजिटल युगात लहान मुलांना चष्मा लागलेला दिसून येत आहे. ही केवळ टीव्ही व मोबाइलच्या अतिवापरामुळे असले, तरी चष्म्याचे नंबर लागण्याचे अन्य कारणेदेखील आहेत. लहान वयात डोळ्यांचा योग्य विकास न होण्याच्या कारणामुळे सुद्धा चष्मा लागत असल्याचे मत नेत्रचिकित्सकांचे आहे.

 

Kids Health: ही आहेत कारणे

अनुवांशिकता, डोळ्यांचा योग्य विकास न होणे, जन्मत असलेला मोतीबिंदू, तिरळेपणा, मोबाइल आणि टीव्हीचा अतिवापर, डोळ्यांची ऍलर्जी, डोळ्यांतून सतत पाणी येणे, व्हिटॅमिन 'ए' चीकमतरता आदी कारणे लहान मुलांना चष्मा लागण्याची आहेत.

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Kids Health: ही आहेत लक्षणे

सतत डोळे चोळणे. उन्हाकडे बघताना त्रास, वस्तूवर लक्ष केंद्रित करण्यास अवघड, डोळ्यांची योग्य प्रकारे हालचाल, डोळ्यांमध्ये तिरळेपणा, एक डोळा बंद केले तर रडणे, वाचन करताना पुस्तक फार जवळ घेणे ही चष्मा लागण्याची लक्षणे आहेत.

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Kids Health: या वयात अधिक आढळते प्रमाण

लहान मुलांना चष्मा लागणे म्हणजे डोळ्यांचा विकास कमी होणे होय. ज्यामुळे साधारणत लहान वयात म्हणजे सहाव्या महिन्यापासून ते दहा वर्षापर्यंतच्या बालकांमध्ये हे अधिक प्रमाणात आढळते.

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Kids Health: अशी घ्या काळजी 

धुळीच्या सान्निध्यात जाणे टाळणे, डॉक्टरांनी दिलेली ऍलर्जी ड्रॉप चुकवू नये, मोबाइल व टीव्हीचा वापर कमी, मुलांना मोकळ्या मैदानात खेळण्यास पाठवावे, व्हिटॅमिन 'ए' युक्त आहार घेणे, डॉक्टरांनी सांगितलेल्या नंबरचाच चष्मा नियमित लावणे.

सध्या पावसाळ्याचे दिवस आहेत. या दिवसांमध्ये थंड वातावरणामुळे मुलांना ऍलर्जी होऊन डोळ्यांना त्रास वाढतो. त्यामुळे हात व डोळे स्वच्छ ठेवावे. शिवाय लहान मुलांनी दोन तासच टीव्ही पाहावा व मोबाइलचा वापर टाळावा. डोळ्यांना अधिकच त्रास होत असेल तर नेत्रचिकित्सक किंवा तज्ज्ञ डॉक्टरांचा सल्ला घेऊन उपचार घ्यावे.

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Sujata Awachat

July 4, 2024

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Ranbhajya In Marathi: या रानभाज्या तुम्ही खाल्ल्या का ?


Ranbhajya In Marathi: रानभाज्या ग्रामीण भागात तसेच जंगल परिसरात मोठ्या प्रमाणात आपोआप उगवतात. त्यासाठी कुणी त्याची स्वतःहून लागवड करत नाही. त्यासाठी कुणी खत घालत नाही. कुणी रासायनिक फवारण्या करत नाही. त्यामुळे रानभाज्यांकडे रानमेवा म्हणून पाहिले जाते. या रानमेव्याची लज्जत काही औरच असते.

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Ranbhajya In Marathi: या रानभाज्या आहेत आरोग्यदायी

पाथरी, दिंडा, मोरशेंड, भोकर, तांदूळजा, अंबाडा, पिंपळ, भारंगी, कुरडू, हादगा, पानांचा ओवा, चुका, काटेमाठ, मोहोर, उंबर,सुरण या भाज्या आरोग्यदायी आहे.

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  • चरबी कमी करण्यासाठी आघाडा : आम्लतानाशक, रक्तवर्धक आघाडा चरबी कमी करतो.
  • त्वचारोगावर उपयुक्त केना : केनाच्या कोवळ्या पानांची भाजी बनविता येते. त्वचेला उपयुक्त.
  • तापावर गुणकारी टाकळा : टाकळा ही रानभाजी गुणकारी असून लहान मुलांना तापावेळी पानांचा काढा उपयुक्त ठरतो.

नैसर्गिक उपलब्ध होणाया रानभाज्यांमध्ये जीवनसत्त्वांचे भरपूर प्रमाण असते. त्या आरोग्यदायी आहेत.

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Sujata Awachat

June 30, 2024

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New Technology 2024: एकच पिन करेल आता सर्व मोबाईल चार्ज, जाणून घ्या कसे


New Technology 2024: अनेक फोनला वेगवेगळ्या प्रकारचे चार्जर आणि पिन असलेल्या चार्जिंग केबल्स लागतात. आता ही कटकट कायमची मिटणार आहे. सरकारने सर्व नव्या स्मार्ट फोन्स आणि टॅबलेटसाठी एकसारखे पिन असलेली चार्जिंग केवल पुरविण्याचे बंधनकारक केले आहे. त्यानुसार, 'USB-C' type च्या चार्जिंग पोर्टला जोडता येईल, अशा केबल्स पुरवाव्या लागणार आहेत. पुढील वर्षी जून महिन्यापासून याची अंमलबजावणी करण्यात येईल, असे सूत्रांनी सांगितले आहे.

काही ब्रँडसाठी वेगळ्या प्रकारचे चार्जिंग पोर्ट आणि केबल्स लागतात. त्यांचा त्रास आता कमी होणार आहे. केंद्रीय आयटी मंत्रालय येत्या काही आठवड्यांत यासंदर्भात स्मार्ट फोन उत्पादक कंपन्यांना निर्देश देऊ शकते. समान चार्जिंग पोर्टच्या सक्तीतून बेसिक किंवा साधे फोन, वेअरेबल्स जसे की स्मार्ट वॉच यांसारखी उपकरणे वगळण्यात आली आहेत.

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New Technology 2024: युरोपमध्ये झाली अंमलबजावणी

युरोपियन युनियनने वर्ष 2022 मध्ये विविध उपकरणांसाठी एकसमान चार्जर आणि चार्जिंग केबलची अंमलबजावणी सुरू केली. यामुळे खर्चही कमी होतो; तसेच वाढत्या इलेक्ट्रॉनिक कचऱ्यावरही आळा घालता येतो.

 

New Technology 2024: लॅपटॉपसाठी अंमलबावणी कधी?

हे देखील वाचा : Parent Child Relationship: बच्चों को कुछ कहने से पहले ये 4 बातें जरूर जान लीजिए

स्मार्ट फोन्स आणि टॅबलेटसाठी 2025 पासून नवे नियम लागू होऊ शकतात. तर लॅपटॉपसाठी याची अंमलबजावणी 2026 पासून होईल. भारताने युरोपियन स्टैंडर्डस् स्वीकारण्याचा निर्णय घेतला आहे. मात्र, यासाठी अतिरिक्त सहा महिन्यांचा वेळ सर्व उत्पादकांना देण्यात येईल, असे सूत्रांचे म्हणणे आहे.

 

New Technology 2024: C-type port चे फायदे काय?

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फास्ट चार्जिंग आणि डेटा ट्रान्सफरसाठी C-type portअतिशय उपयुक्त आहे.
1996 पासून या पोर्टचा वापर होत आहे. 2000 मध्ये Micro USB पोर्टचा वापर सुरु झाला. C-type port मध्ये 24 पिन असतात. कोणत्याही बाजूने केबल वापरता येते.

 

New Technology 2024: कंपन्यांनी केले स्वागत

मोबाइल उत्पादक कंपन्यांनी या नियमाचे स्वागत केले आहे.
यामुळे ई-कचरा कमी करण्यास मदत होईल. तसेच कंपन्यांचाही खर्च कमी होईल.

 


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Sujata Awachat

June 27, 2024

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Parent Child Relationship: बच्चों को कुछ कहने से पहले ये 4 बातें जरूर जान लीजिए


Parent Child Relationship: दोस्तों बच्चों से बात करना लगभग सबको पसंद होता है. इसलिए हम कई बार उनसे लाड-लड़ाते है, उनकी तारीफ करते है, तो कभी उन्हें युहीं मजाक मजाक में छेड़ देते है. परे ये तारीफ यब मजाक बच्चे को मन ही मन में परेशान भी कर सकता है. इसलिए समझ लीजिए की बच्चे को कब और क्या बोलना चाहिए.

बच्चों के मन पर कब कोनसी बात असर कर जाए कोई बता नहीं सकता इसलिए आप उन्हें कब क्या कह रहे हैं इसके बारे में जरूर सोचे. और हम आज आपको इसीके बारे बताने जा रहे है की, बच्चों को कब क्या बोलना चाहिए और क्या नहीं बोलना चाहिए. तो दोस्तों आइए जानते है इसके बारे में.

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 Parent Child Relationship: वजन का मजाक बनाना

अक्सर देखा होगा बचपन में जिस बच्चे का वजन ज्यादा होता है उसे मोटू, गोल, गोला जैसे नामों से पुकारने लगते हैं. वहीं जिनका वजन कम होता है उसे कहते है कि तुम खाते नहीं हो क्या तुम इतने पतले क्यों हो? ये साधारण से लगने वाले शब्द बच्चे के मन पर गहरा असर बल सकते हैं. वे स्वयं के वजन को लेकर ना सिर्फ परेशान हो सकते हैं बल्कि समय के साथ उनमें आत्मविश्वास की कमी और टिंग डिसऑर्डर भी देखने को मिल सकता है. और ध्यान रखें ऐसी बातों का मजाक ना बनाएं जिन्हें ठीक नहीं किया जा सकता.

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Parent Child Relationship: रिश्तों को लेकर चिढ़ाना

बच्चों से मिलने पर लोग सबसे पहले स्कूल के बारे में पूछते हैं फिर शिक्षक और सहपाठियों के बारे में इसके बाद जैसे ही बच्चे अपने अपोजि सेंडर (विपरीत लिंग) मित्र की बात करते हैं तो लोग उन्हें उसके नाम से मजाक चिढ़ाने लगते है. कि वो तुम्हारी गर्ल फ्रेंड है या वो लड़का तुम्हारा दोस्त ही है न ऐसा करना पहली बार मजाक लग सकता है पर इससे बच्चे के मन में रिश्तों को लेकर उलझन पैदा हो सकती है। इसलिए उनसे इस तरह की बातें ना करें.

 

Parent Child Relationship: बुद्धिमत्ता पर राय रख देना

यदि आप कहेंगे कि हमारा बच्चा तो बहुत होशियार है उसे अच्छे ग्रेड तो मिलने ही ही थे. इससे वो आगे चलकर गोल्डन चाइल्ड सिंड्रोम का शिकार हो सकता है. वहीं कम ग्रेड लाने पर कहना कि तुम मूर्ख हो इसलिए बी ग्रेड मिला, उसे आत्मशंका में डाल सकता है. इसलिए परिणाम के बजाय हमेश प्रयास पर ध्यान केंद्रित करने वाले वाक्य कहें. जैसे- उनसे कहें कि मैं खुश हूँ कि आप इतने अच्छे नंबर लाए आप इस बारे में क्या सोचते हो? या फिर मुझे लगता है आपको मैथ में और काम करने की जरूरत है आपको क्या लगता है?

 

Parent Child Relationship: स्वभाव को लेकर कहना

कुछ बच्चे ज्यादा बोलते है तो कुछ दूसरों के सामने बोलने में म हैं। पर इससे एक बेहतर या दूसरा कमतर नहीं होगा उनके स्वभाव का हिस्सा है जो ज्यादा बोलते हैं वे आसानी से घुल-मिल सकते हैं वहीं कम बोलना असर रचनात्मकता और सहानुभूति से संबंधित होता है। इसलिए उन्हें शर्मिंदा करने के बजाय उनके भावों को समझने में मदद करें जैसे अगर ये गुस्सा है तो कहें अगर मैं तुम्हारी जगह होती तो मुझे भी आता पर ऐसे चिल्लाकर बात नहीं करती.

 


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Sujata Awachat

June 23, 2024

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Old Pension Scheme: कर्मचाऱ्यांसाठी आनंदाची बातमी ! या लोकांना जुन्या पेन्शन योजनेचा मिळेल लाभ


Old Pension Scheme: बऱ्याच राज्यांमध्ये जुनी पेन्शन योजना Old Pension Scheme लागू करण्यात आली आहे. 2004 नंतर सेवेत आलेले जवळ पास 60 लाख कर्मचारी आणि अधिकारी जुनी पेन्शन योजना पुन्हा सुरू करण्यासाठी आवाज उठवत आहेत.

मागच्या ५ वर्षांत सत्तेवर आलेल्या 6 राज्यांतील बिगर BJP सरकारने OPS लागू करण्याची घोषणा केली. ज्या सहा राज्यांनी OPS ची घोषणा केली आहे. त्यात Rajasthan, Himachal Pradesh, Chhattisgarh, Punjab आणि jharkhand Karnataka यांचा समावेश आहे. महाराष्ट्र राज्य सरकारने NPS आणि OPS व्यतिरिक्त GPS लागू केले आहे.

हे देखील वाचा : गडचिरोली पुलिस भर्ती 2024: 922 पदों के लिए शारीरिक परीक्षा 19 जून से शुरू

पंजाबने आतापर्यंत केवळ अधिसूचना जारी केली आहे. प्रत्यक्षात त्याची अंमलबजावणी अद्याप झालेली नाही. जुनी पेन्शन लागू करणाऱ्या राज्यांनी केंद्र सरकारकडे NPS मध्ये जमा केलेले अडीच लाख कोटी रुपये परत करण्याची मागणी केली आहे, परंतु केंद्र सरकारने स्पष्टपणे सांगितले की, ते परत करण्याची PFRDA कायद्यात तरतूद नाही.

 

माहिती प्रमाणे असे मानले जाते की जुनी पेन्शन योजना Old Pension Scheme म्हणजेच OPS 2004 मध्ये बंद करण्यात आली होती. केंद्र सरकार आणि राज्य सरकारी कर्मचाऱ्यांसाठी जुन्या पेन्शन योजनेंतर्गत मूळ वेतनाच्या 50% टक्के पेन्शनचा अंतिम लाभ निश्चित करण्यात आला होता. म्हणजे सेवेच्या शेवटच्या काळात त्यांच्या मासिक पगाराच्या अर्धा भाग पेन्शन म्हणून आला.

जे कर्मचाऱ्यांसाठी खूप उपयुक्त आहे परंतु सरकारवर आर्थिक भार वाढतो, म्हणून केंद्र सरकार नवीन पेन्शन योजना New Pension Scheme कायम ठेवते. जर तुम्ही सरकारी कर्मचारी असाल आणि तुम्हाला तुमची जुनी पेन्शन योजना Old Pension Scheme परत मिळवायची असेल तर तुम्ही हा आर्टिकल पूर्ण वाचावे ज्यामध्ये या विषयावर सर्वोच्च न्यायालयाने नुकताच दिलेला निर्णय आहे.

 

Old Pension Scheme: जुनी पेन्शन विरुद्ध नवीन पेन्शन

अर्थमंत्र्यांच्या अध्यक्षतेखाली समिती स्थापन करण्यात आली आहे. ही समिती NPS ची विद्यमान रचना आणि रचना तपासते. राज्याचे अर्थमंत्री म्हणाले की, राजस्थान, छत्तीसगड, झारखंड, पंजाब आणि हिमाचल प्रदेश या राज्य सरकारने जुनी पेन्शन प्रणाली पुनर्संचयित केली आहे.

जुन्या पेन्शन योजनेत, शेवटच्या मूळ वेतनाच्या 50 टक्के पर्यंत निश्चित पेन्शन सेवानिवृत्तीच्या वेळी दिली जाते, तर NPS मध्ये निवृत्तीच्या वेळी निश्चित पेन्शनची हमी नसते. त्याचप्रमाणे, जुन्या पेन्शन योजनेत Old Pension Scheme पेन्शन मिळविण्यासाठी पगारातून कोणतीही रक्कम कपात केली जाणार नाही, तर NPS मध्ये कर्मचाऱ्यांच्या पगारातून कपात केली जाते.

 

Old Pension Scheme: जुनी पेन्शन पुनर्संचयित करण्याबाबत राज्यांची स्थिती

2022 नंतर, NPS शी संबंधित 600 हून अधिक सेवानिवृत्त कर्मचाऱ्यांना त्यांच्या शेवटच्या पगाराच्या 50 टक्के पेन्शन Co म्हणून मिळत आहे. परंतु मोठ्या संख्येने कर्मचाऱ्यांनी त्यांच्या सेवेदरम्यान शिक्षण, लग्न आणि घरबांधणीसाठी NPS खात्यातून मोठी रक्कम काढली आहे, अशा परिस्थितीत हे पैसे परत केल्यानंतरच OPS चा लाभ मिळेल, असे सरकारचे म्हणणे आहे.

 


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Sujata Awachat

June 19, 2024

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गडचिरोली पुलिस भर्ती 2024: 922 पदों के लिए शारीरिक परीक्षा 19 जून से शुरू!


गडचिरोली: गडचिरोली पुलिस विभाग ने पुलिस सिपाही चालक भर्ती - 2022-2023 (प्रत्यक्ष भर्ती प्रक्रिया 2024) के लिए 10 पदों और पुलिस सिपाही भर्ती - 2022-2023 (प्रत्यक्ष भर्ती प्रक्रिया 2024) के लिए 912 पदों की भर्ती प्रक्रिया शुरू कर दी है। शारीरिक परीक्षण की तिथि 19 जून 2024 से 12 जुलाई 2024 तक गडचिरोली पुलिस मुख्यालय के मैदान में आयोजित की जाएगी।

गडचिरोली पुलिस भर्ती 2024: गडचिरोली पुलिस सिपाही चालक के 10 पदों के लिए 2258 उम्मीदवारों ने आवेदन किया है और पुलिस सिपाही के 912 पदों के लिए कुल 24570 उम्मीदवारों ने आवेदन किया है।

गडचिरोली पुलिस भर्ती 2024: पुलिस सिपाही चालक पदों का विवरण

श्रेणी पदों की संख्या
अनुसूचित जाति 01
अनुसूचित जनजाति 02
भज (ब) 01
भज (क) 01
इमाव 02
एसईबीसी 01
ईडब्ल्यूएस 01
अरक्षित 01
कुल 10

गडचिरोली पुलिस भर्ती 2024: पुलिस सिपाही पदों का विवरण

श्रेणी पदों की संख्या
अनुसूचित जाति 121
अनुसूचित जनजाति 210
विज (अ) 54
भज (ब) 50
भज (क) 57
भज (ड) 46
विमाप्र 46
इमाव 158
एसईबीसी 50
ईडब्ल्यूएस 50
अरक्षित 70
कुल 912

गडचिरोली पुलिस भर्ती 2024: भर्ती प्रक्रिया की तिथि

भर्ती पद शारीरिक परीक्षा की तिथि
पुलिस सिपाही चालक 19 जून 2024 से 20 जून 2024
पुलिस सिपाही 21 जून 2024 से 12 जुलाई 2024

प्रत्येक दिन औसतन 1000 उम्मीदवारों की शारीरिक (मैदानी) परीक्षा पुलिस सिपाही चालक पद के लिए और 1300 उम्मीदवारों की पुलिस सिपाही पद के लिए ली जाएगी। सभी उम्मीदवारों को शारीरिक परीक्षण का प्रवेश पत्र महाआईटी विभाग द्वारा ऑनलाइन डाउनलोड करने के लिए उपलब्ध कराया गया है। उम्मीदवार अपने प्रवेश पत्र https://policerecruitment2024.mahait.org से डाउनलोड कर सकते हैं और उसमें दी गई तिथि के अनुसार आवश्यक दस्तावेजों के साथ पुलिस मुख्यालय गडचिरोली में उपस्थित हों।

तकनीकी सुधार: भर्ती प्रक्रिया में आधुनिक तकनीक का उपयोग किया जाएगा। इसमें उम्मीदवारों की छाती-ऊंचाई मापने के लिए पीएसटी (PST) डिजिटल फिजिकल स्टैंडर्ड टेस्ट तकनीक का उपयोग किया जाएगा। इसके अलावा, 1600 मीटर दौड़ (पुरुष), 800 मीटर दौड़ (महिला), और 100 मीटर दौड़ (पुरुष और महिला) के लिए आरएफआईडी (RFID) आधारित तकनीक का उपयोग किया जाएगा। गोला फेंक परीक्षण के लिए प्रिज्म तकनीक का उपयोग किया जाएगा।

शारीरिक परीक्षण में उत्तीर्ण उम्मीदवारों की बायोमेट्रिक उपस्थिति लेकर सत्यापन किया जाएगा। यदि किसी दिन बारिश के कारण शारीरिक परीक्षण नहीं हो पाता है, तो अगली उपयुक्त तारीख दी जाएगी। जिन उम्मीदवारों को एक से अधिक पदों के लिए एक ही दिन अलग-अलग स्थानों पर उपस्थित होना होगा, उन्हें दूसरी तारीख दी जाएगी।

उम्मीदवारों को किसी भी अनुचित तरीके का उपयोग नहीं करना चाहिए। ऐसा करते पाए जाने पर उनकी उम्मीदवारता तुरंत रद्द कर दी जाएगी और कानूनी कार्यवाही की जाएगी। उम्मीदवार किसी भी प्रलोभन या लालच में न पड़ें। यदि किसी को लालच या प्रलोभन दिया जाता है, तो पुलिस अधीक्षक कार्यालय, गडचिरोली के समाधान कक्ष (दूरभाष क्र. 8806312100) पर या उपविभागीय कार्यालय/पोस्टे/उपपोस्टे/पोमकें में सूचना दें।


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Sujata Awachat

June 16, 2024

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Children : या कारणांमुळे वाढली मुलांमध्ये चंचलता, जाणून घ्या कारण


Children : मुलांना चांगले संस्कार मिळावेत, चांगले शिक्षण घेऊन करिअर करून यशस्वी व्हावे, असे प्रत्येक पालकांना वाटते. परंतु, अलीकडच्या काळात मोबाईल, टी.व्ही.च्या अतिवापरामुळे मुलांचे वागणे, बोलणे आणि त्यांच्यातील चंचलपणा पालकांनाही आश्चर्यचकीत करणार ठरत आहे. तीन-चार वर्षांची मुले मोठ्या माणसांप्रमाणे बोलू लागली आहेत. त्यामुळे पालकांसमोर प्रश्न निर्माण होत असून, काहीजण तज्ज्ञांचा सल्ला घेत आहेत.

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Children मुलांमध्ये चंचलता वाढली

  • कोरोना काळापासून मोबाइल, टीव्हीचा वापर प्रमाणापेक्षा अधिक वाढला आहे.
  • लहान मुले मोबाइलसाठी हट्ट धरतात. मोबाइल दिला नाही तर त्यांच्या चिडचिडपणा, राग आल्याचे पाहावयास मिळते.
  • अशावेळी मुलांवर दबाव न आणता त्यांना समजावून सांगणे अधिक चांगले. मोबाइलची सवय हळूहळू कमी करता येईल.

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Children काय आहेत कारणे?

  •  मुलांमध्ये चिडचिडपणास कारणीभूत मोबाइल आहे.
  •  मोबाइलमुळे डोळ्यांवर तर परिणाम होतोच, शिवाय वाचनाची सवय कमी होत
    असल्याचे तज्ज्ञांचे म्हणणे आहे.
  • मोबाइलबरोबर टीव्हीही मुलांच्या चंचलपणास कारणीभूत ठरते. त्यामुळे याची हळूहळू सवय कमी करावी.

Children मैदानी खेळ, वाचनाची सवय निर्माण करा

  • अलीकडच्या काळात मैदानी खेळाचे प्रमाण कमी झाले आहे. त्यामुळे मुले मोबाइल घेऊन किंवा टीव्हीपुढे तासन्तास बसून राहतात.
  • यासाठी मैदानी खेळ, वाचनाची सवय निर्माण करण्यासाठी पालकांना पुढाकार घ्यावा.
  • योगासने, सूर्यनमस्कार, व्यायामाकडेही लक्ष देणे गरजेचे असून, मुलांना समजावून सांगत या चांगल्या सवयी लावाव्यात.

Children अशी घ्या मुलांची काळजी?

  • मुलांना जास्तीत जास्त वेळ मोबाईलपासून दूर ठेवावे.
  • पालकांनी मुलांचे वय लक्षात घेऊन आपल्या अपेक्षा मर्यादित ठेवायला हव्यात. मुलांना अधिकाधिक वेळ पालकांनी द्यायला हवा.
  • मुलांनी मैदानी खेळांसाठी प्रेरिता करायला हवे. मैदानी खेळातून मुलांची ऊर्जा बाहेर पडते.
  • मुलांना बाहेरचे खायला देणे टाळायला हवे. सुदृढ आहारावर भर द्यावा.

मुले हे अनुकरणीय असतात, ते कळत नकळत टिव्ही. मोबाईल बघत असतात. त्याचेच ते अनुकरण करत असतात. त्यामुळे पालकांनी मुलांना विशिष्ट वेळच मोबाईल व टीव्ही बघू द्यावे. मैदानी खळे तसेच वाचन करण्यास मुलांना प्रोत्साहन द्यावे. विशेष म्हणजे आई-वडिलांनी मुलांना वेळ देणे गरजेचे आहे. त्यांच्यासोबत खेळावे, खेळता-खेळता काय चांगले व काय वाईट याबाबत समज द्यावी.

 


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Sujata Awachat

June 13, 2024

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Top 100 Worst Rated Foods in World: हम सभी के घरों हमेशा रहने वाला 'ये' पदार्थ दुनिया के खराब पदार्थों के लिस्ट में शामिल


Top 100 Worst Rated Foods in World: दोस्तों भारत के खाद्य पदार्थों में बहुत ही कमाल की विविधता दिखाई देती है. हर राज्य की खाद्य संस्कृति अलग अलग है.  लेकिन कुछ भारतीय पदार्थ ऐसे है की उन्हें पुरे भरता में बड़े ही चाव से खाया जाता है. इतनाही नहीं तो परदेशी खाने के शौकीन भी वो पदार्थचाव से खाते है.

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तो दोस्तों ऐसा ही एक पदार्थ जो की लगभग कश्मीर से कन्याकुमारी तक बहुत सारे घरों में तैयार है. वो है 'आलू-बैंगन' की सब्जी। ये सब्जी बनाने का तरीका अलग अलग होगी लेकिन बहुत सारे भारतीय घरों में वो बनती है. और विशेष ये है की कुछ भी न सोचकर सभी भारतीय बहुत चाव खाते है. लेकिन सिर्फ यही पदार्थ दुनिया के सबसे ख़राब पदार्थों की लिस्ट में आया देख भारतीय बहुत ही नाराजी व्यक्त कर रहे है. 

Tasteatlas की ओर से दुनियाभर के खाद्य पदार्थों का, खाद्य संस्कृति का अभ्यास किया जाता है और उस अभ्यास से सामने आए हुए अलग अलग निष्कर्ष खाने के शौकीनों के सामने रखा जाता है. उसके अनुसार Tasteatlas इन्होने दुनिया के 100 ख़राब पदार्थों लिस्ट हाली ही में जारी की है. 

इस लिस्ट में 60 नंबर 'आलू- बैंगन' ये पदार्थ आया है और उसे 5 में से 2. 7 इतना रेटिंग दिया गया है. वो देखकर अनेक भारतीय लोगों ने मज़ाकि किए है. जैसे की लोगों ने कहां की आलू-बैंगन ये पदार्थ ख़राब है ही नहीं। लेकिन लिस्ट बनाने वाले व्यक्ति को ऐसा लगता है तो ठीक है.

 


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Sujata Awachat

June 11, 2024

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Social Media: बच्चों को लत लगाने वाले पोस्ट पर लगेगा प्रतिबंध, न्यूयॉर्क में बिल मंजूर


Social Media: हाल ही के दिनों में छोटे बच्चों में सोशल मिडिया और मोबाइल का पागलपन दीखता है. ये लत बंद करने के लिए अमेरिका में क़ानूनी कदम उठाएं जा रहे है. बच्चों को लत लगे ऐसे सोशल मीडिया के पोस्ट पर प्रतिबन्ध लगाने के संबंध में न्यूयॉर्क के सीनेट ने बिल पास कर दिया है. गवर्नल कैथी होचुल ने साइन करने बाद बिल का को कानून में तब्दील होगा।

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बिल के अनुसार, 18 वर्ष से कम उम्र के बच्चों को लत लगाने वाली पोस्ट दिखाया नहीं जा सकता। बच्चे जिनको फॉलो करेंगे उन्ही की पोस्ट उनको दिखाई देगी। लत लगाने वाली पोस्ट माता पिता के सहमति के बाद ही नाबालिक बच्चों को दिखाया जाएगा।

 

विज्ञापन दिखाकर अरोबो डॉलर की कमाई 

सोशल मीडिया कंपनियों ने विज्ञापन दिखाकर पैसे कमाते है. हार्वर्ड विश्वविद्यालय के अनुसार, 2022 सोशल मीडिया कंपनियों ने नाबालिक बच्चों को विज्ञापन दिखाकर लगभग 918 अरब रुपये कमाए। इंस्टाग्राम और फेसबुक कंपनी मेटा ने गए साल कुछ सविंधा लाए थे. उनकी मदत से बच्चे सोशल मिडिया पर कितना समय बिताते है, इस पर माता पिता नजर रख सकते है.

 

लत लगाने वाली पोस्ट मतलब क्या?

सोशल मीडिया के ऐसे पोस्ट जिन्हे देखकर मन आकर्षित होता है. उसेही लत लगाने वाली पोस्ट कहते है. ऐसे पोस्ट दखने के बाद दिमाग में एक अलग प्रकार की उत्तेजना निर्माण होती है. ये उत्तेजना बार बार होने से एक प्रकार लत लगती है.