Latest Isro Mission: इसरो 30 दिसंबर को अपना नया मिशन, स्पेस डॉकिंग एक्सपेरीमेंट (स्पाडेक्स), लॉन्च करने जा रहा है। इस लॉन्च के साथ ही भारत अंतरिक्ष कार्यक्रम में एक अहम कदम बढ़ाएगा और दुनिया के उन तीन देशों के क्लब में शामिल हो जाएगा, जिनके पास दो अंतरिक्ष यानों या उपग्रहों की डॉकिंग करने की क्षमता है। फिलहाल, अमेरिका, रूस और चीन इस विशेष क्षमता के मालिक हैं। इस मिशन के बाद भारत का नाम भी इन देशों के साथ लिया जाएगा।
यह मिशन, जो ध्रुवीय उपग्रह प्रक्षेपण यान (पीएसएलवी-सी60) द्वारा श्रीहरिकोटा के सतीश धवन अंतरिक्ष केंद्र से लॉन्च किया जाएगा, इसरो का 2024 का आखिरी मिशन होगा। इसके सफल संचालन से भारत की भूमिका वैश्विक अंतरिक्ष समुदाय में और भी सशक्त हो जाएगी। यह मिशन रिसर्च और अंतरराष्ट्रीय सहयोग के नए द्वार खोलेगा, और अंतरिक्ष में डॉकिंग क्षमताओं का प्रदर्शन करेगा, जो भविष्य के अंतरिक्ष प्रयासों के लिए अत्यंत महत्वपूर्ण है।
इस मिशन का मुख्य उद्देश्य दो अंतरिक्ष यानों के बीच डॉकिंग और अनडॉकिंग के लिए आवश्यक प्रणालियों का परीक्षण करना है। अंतरिक्ष में डॉकिंग एक जटिल और जोखिमपूर्ण प्रक्रिया होती है, जिसमें बहुत ही सटीकता की आवश्यकता होती है। एक छोटी सी चूक भी दुर्घटना का कारण बन सकती है। इस मिशन के तहत, दो अंतरिक्ष यान—चेजर (एसडीएक्स01) और टारगेट (एसडीएक्स02)—की डॉकिंग की जाएगी। इन दोनों यानों का वजन लगभग 220 किलोग्राम होगा। मिशन का उद्देश्य ये सुनिश्चित करना है कि चेजर यान, टारगेट यान का पीछा कर उसे डॉक कर सके।
इसरो के वैज्ञानिकों द्वारा मिशन कंट्रोल से चेसर और टारगेट के बीच की दूरी को सटीकता से नियंत्रित किया जाएगा। दोनों यान पृथ्वी की निचली कक्षा (LEO) में 470 किलोमीटर की ऊंचाई पर स्थापित होंगे और चेजर, टारगेट के पास आते हुए अंततः 3 मीटर की दूरी पर डॉक करेंगे। इस प्रक्रिया के दौरान, अंतरिक्ष यान के बीच इलेक्ट्रिक पावर का ट्रांसफर भी किया जाएगा।
इस मिशन का सफलतापूर्वक संपन्न होना भारत के अंतरिक्ष विज्ञान में एक मील का पत्थर साबित होगा और देश को अंतरिक्ष तकनीकी में प्रमुख खिलाड़ियों में शामिल करेगा।
Trai New Rules: देश के करोड़ों मोबाइल यूजर्स के लिए अच्छी खबर है। टेलीकॉम रेगुलेटर ट्राई (TRAI) ने एक बड़ा फैसला लिया है, जिसके तहत अब कंपनियों को वॉयस और एसएमएस पैक अलग से उपलब्ध कराना होगा। इसका उद्देश्य ग्राहकों को उनकी जरूरतों के अनुसार सर्विस चुनने और केवल उसी के लिए भुगतान करने का विकल्प देना है। साथ ही, स्पेशल टैरिफ वाउचर (STV) की वैधता अवधि 90 दिन से बढ़ाकर 365 दिन कर दी गई है।
ग्रामीण और दूरदराज के इलाकों में 2जी सिम का इस्तेमाल करने वाले यूजर्स को इस बदलाव का सबसे अधिक फायदा मिलेगा। मौजूदा समय में टेलीकॉम कंपनियां अधिकतर कॉम्बो पैक देती हैं, जिनमें वॉयस, एसएमएस, और डेटा बंडल होते हैं। इससे उन लोगों को भी डेटा पैक के लिए भुगतान करना पड़ता है जो इंटरनेट का इस्तेमाल नहीं करते।
फीचर फोन उपयोग करने वाले, खासकर बुजुर्ग और ग्रामीण इलाकों के ग्राहक, जो केवल वॉयस और एसएमएस सेवाओं का इस्तेमाल करते हैं, उनके लिए यह एक राहत भरा कदम है। अब उन्हें डेटा पैक के लिए अतिरिक्त पैसा नहीं देना पड़ेगा।
ट्राई ने कहा है कि वॉयस और एसएमएस-ओनली पैक से उन ग्राहकों को सुविधा मिलेगी जिन्हें इंटरनेट डेटा की आवश्यकता नहीं है। इससे वॉयस-केंद्रित उपयोगकर्ताओं के लिए किफायती और कस्टमाइज्ड प्लान्स उपलब्ध होंगे।
मोबाइल ऑपरेटरों ने पहले इस निर्णय का विरोध किया था और इसे डिजिटल इंडिया अभियान के लिए हानिकारक बताया था। लेकिन ट्राई ने स्पष्ट किया कि वॉयस और एसएमएस-ओनली वाउचर अनिवार्य करने से डेटा इनक्लूजन की पहल प्रभावित नहीं होगी, क्योंकि कंपनियों को बंडल ऑफर और डेटा-ओनली वाउचर प्रदान करने की स्वतंत्रता है।
घर में ब्रॉडबैंड रखने वाले परिवारों के लिए यह एक बड़ी राहत होगी। ऐसे परिवार, जो डेटा के लिए अलग से भुगतान नहीं करना चाहते, अब वॉयस और एसएमएस की जरूरतों के हिसाब से सस्ते प्लान चुन सकेंगे।
ट्राई ने 2022 में उपभोक्ताओं के बीच सर्वेक्षण किया और सभी हितधारकों से चर्चा के बाद यह निर्णय लिया। सर्वे में यह पाया गया कि लगभग 15 करोड़ फीचर फोन उपयोगकर्ता अब भी केवल वॉयस और एसएमएस सेवाओं पर निर्भर हैं।
ग्रामीण क्षेत्रों में रहने वाले बुजुर्ग ग्राहकों के लिए यह फैसला बेहद मददगार साबित होगा। यह उन्हें केवल जरूरी सेवाओं के लिए भुगतान करने की सुविधा देगा।
ट्राई का यह कदम देश के करोड़ों ग्राहकों के लिए राहत लेकर आया है। वॉयस और एसएमएस-ओनली पैक के जरिए ग्राहक अपनी जरूरतों के अनुसार सेवाएं चुन सकेंगे और बेवजह डेटा पैक के लिए पैसा खर्च करने से बचेंगे। इससे न केवल उनकी संतुष्टि बढ़ेगी, बल्कि टेलीकॉम सेक्टर में भी एक सकारात्मक बदलाव आएगा।
Viral Video: मुलींच्या भांडणांचे अनेक व्हिडिओ सोशल मीडियावर व्हायरल होतात, आणि आता एक असाच व्हिडिओ समोर आला आहे, ज्यात दोन मुली बॉयफ्रेंडवरून एकमेकांवर हल्ला करताना दिसत आहेत. "मेरे बॉयफ्रेंड के साथ गुलु-गुलु करेगी तो धोपटूंगी ना," हा आलिया भट्टचा प्रसिद्ध डायलॉग पुन्हा ऐकायला मिळाला, आणि याच डायलॉगप्रमाणे दोन मुली एका मुलावर होणाऱ्या वादातून एकमेकांना गोंधळात ओढत होत्या.
ही धक्कादायक घटना उत्तराखंडच्या डेहराडून शहरातील रायपूर भागात घडली आहे. या व्हायरल व्हिडिओमध्ये दोन मुली रस्त्यावर एकमेकांवर हल्ला करताना दिसत आहेत. त्यांचे भांडण एकाच मुलावर सुरू होते, ज्याचे दोघीही प्रियकर असल्याचे सांगत आहेत. व्हिडिओमध्ये एक मोकळा भाग दिसतो, जिथे 3-4 मुली एकत्र असून, दोन मुली एकमेकांचे केस ओढत, लाथ मारून एकमेकांना जमिनीवर पडण्याचा प्रयत्न करत आहेत.
वास्तविक, भांडणात एका मुलीचे कपडे फाटल्याने ते अधिकच चिघळले, पण मुली अजिबात थांबायला तयार नव्हत्या. या घटनेला सामोरे जात असलेल्या काही लोकांनी त्यांना थांबविण्याचा प्रयत्न केला, पण दोन्ही मुलींनी कोणाचेही ऐकले नाही. या घटनेचा व्हिडिओ सोशल मीडियावर त्वरित वायरल झाला असून, त्याची सर्वत्र चर्चा होत आहे.
प्रेमाच्या शोधात लोक किती वादापर्यंत जाऊ शकतात, याचे हे एक जिवंत उदाहरण ठरले आहे.
Cyber Fraud: दिल्ली के मोहन गार्डन इलाके में रहने वाली एक महिला के साथ ऐसा साइबर फ्रॉड हुआ जिसने सभी को हैरान कर दिया। महिला ने न तो किसी को OTP दिया, न किसी लिंक पर क्लिक किया और न ही कोई कॉल रिसीव की, फिर भी उनके दो बैंक अकाउंट से दो लाख 28 हजार रुपये निकाल लिए गए।
पीड़िता ने 27 जुलाई को जब नेट बैंकिंग का इस्तेमाल किया, तो उनके होश उड़ गए। उनके अकाउंट से दो अलग-अलग ट्रांजेक्शन में रकम गायब थी। हैरानी की बात यह रही कि उनके फोन पर किसी भी प्रकार का मैसेज या अलर्ट नहीं आया। घटना का पता चलते ही उन्होंने तुरंत साइबर हेल्पलाइन नंबर 1930 पर शिकायत दर्ज कराई।
पुलिस सूत्रों के मुताबिक, महिला का नाम किस्मत है और वह अपने परिवार के साथ मोहन गार्डन इलाके में रहती हैं। जांच में पाया गया कि 23 जून से 27 जून के बीच उनके खाते से पैसे निकाले गए थे।
द्वारका जिले के साइबर थाने में मामला दर्ज कर लिया गया है। 12 दिसंबर को पुलिस ने केस दर्ज कर जांच शुरू की। फिलहाल, यह पता लगाने की कोशिश की जा रही है कि इतनी बड़ी रकम कैसे निकाली गई।
इस तरह के साइबर फ्रॉड से बचने के लिए नीचे दिए गए सुझावों का पालन करें:
यह घटना साइबर फ्रॉड की बढ़ती घटनाओं की ओर इशारा करती है। सावधान रहना और सतर्कता बरतना ही ऐसी धोखाधड़ी से बचने का सबसे अच्छा उपाय है।
Samsung Smart Glasses: सैमसंग जल्द ही स्मार्ट चश्मों की दुनिया में कदम रखने की तैयारी में है, और यह कदम टेक्नोलॉजी की दुनिया को पूरी तरह से बदल सकता है। लंबे समय से यह खबरें चर्चा में हैं कि कंपनी अपने XR ग्लास पर काम कर रही है। हालांकि, अब एक नई रिपोर्ट के अनुसार, सैमसंग अगले साल जनवरी में अपने बहुप्रतीक्षित स्मार्ट ग्लास का ऐलान कर सकती है।
रिपोर्ट्स बताती हैं कि सैमसंग अपने Galaxy S25 सीरीज के साथ स्मार्ट ग्लासेस का प्रोटोटाइप भी पेश कर सकता है। यह कदम मेटा (फेसबुक की पैरेंट कंपनी) के Meta Glasses की बढ़ती लोकप्रियता को देखते हुए लिया जा सकता है। कंपनी इस प्रतिस्पर्धा में पीछे नहीं रहना चाहती।
जहां Apple Vision Pro ने अपने डिजाइन की वजह से मिक्स रिव्यूज पाए हैं, वहीं मेटा ग्लासेस ने अपने फीचर्स और डिजाइन की वजह से यूजर्स का ध्यान खींचा है। सैमसंग इसे एक बड़े अवसर के रूप में देख रहा है। हालांकि, ताजा रिपोर्ट्स के मुताबिक, सैमसंग का यह प्रोडक्ट अभी पूरी तरह तैयार नहीं है। जनवरी 2025 में होने वाले इवेंट में इसका फिजिकल प्रोटोटाइप पेश नहीं किया जाएगा, बल्कि इसे एक वीडियो प्रेजेंटेशन के जरिए टीज किया जाएगा।
यह प्रोडक्ट प्रेजेंटेशन कुछ वैसा ही होगा जैसा सैमसंग ने इस साल Galaxy Ring के साथ किया था। कंपनी ने इसे अपने Unpacked इवेंट में टीज किया था और बाद में इसे Galaxy Fold और Flip डिवाइसेस के साथ लॉन्च किया।
लीक्स के अनुसार, सैमसंग अपने स्मार्ट ग्लास को अगले साल की तीसरी तिमाही में, यानी जुलाई 2025 तक लॉन्च कर सकता है। इन ग्लासेस का वजन करीब 50 ग्राम होगा और ये सामान्य चश्मे की तरह दिखेंगे। इनके जरिए पेमेंट करने, फेस रिकॉग्निशन और गेस्चर कंट्रोल जैसे एडवांस्ड फीचर्स का उपयोग किया जा सकेगा।
इसके अलावा, इन स्मार्ट ग्लासेस में AI के फीचर्स भी होंगे, जो इन्हें और ज्यादा स्मार्ट और उपयोगी बनाएंगे।
Vivo X200 Launch Date: वीवो ने भारत में अपनी नई स्मार्टफोन सीरीज Vivo X200 और Vivo X200 Pro की लॉन्च तिथि का ऐलान कर दिया है। 12 दिसंबर, 2024 को दोपहर 12 बजे से ये दोनों स्मार्टफोन Amazon India पर बिक्री के लिए उपलब्ध होंगे। इन स्मार्टफोन्स में मीडियाटेक डाइमेंशन 9400 SoC और Zeiss-ब्रांडेड कैमरा होंगे, जो आपको शानदार फोटोग्राफी और बेहतरीन परफॉर्मेंस का अनुभव देंगे।
Vivo X200 और Vivo X200 Pro दोनों स्मार्टफोन पहले चीन में अक्टूबर 2024 में लॉन्च किए गए थे। अब भारत में ये स्मार्टफोन Android 15 आधारित Funtouch OS 15 के साथ आएंगे, जो स्मार्टफोन का उपयोग और भी मजेदार और आसान बनाएगा।
Vivo X200 Pro में एक विशेष फीचर है — भारत का पहला 200-मेगापिक्सल Zeiss APO टेलीफोटो कैमरा। यह कैमरा शानदार पिक्चर क्वालिटी और बेजोड़ ज़ूम अनुभव प्रदान करेगा, जिससे आपकी फोटोग्राफी का स्तर बिल्कुल नया होगा।
Vivo X200 और Vivo X200 Pro स्मार्टफोन भारत में एक बेहतरीन अनुभव देने के लिए तैयार हैं। इनके शानदार कैमरा, बड़ी बैटरी और पावरफुल प्रोसेसर के साथ, ये स्मार्टफोन उन लोगों के लिए एक बेहतरीन विकल्प होंगे जो एक प्रीमियम स्मार्टफोन की तलाश में हैं। यदि आप इन स्मार्टफोन्स के बारे में और अधिक जानकारी प्राप्त करना चाहते हैं, तो आप Amazon India पर जा सकते हैं और लॉन्च से पहले इसे प्री-बुक भी कर सकते हैं।
Lucknow Bride Banarasi Bikini: उत्तर प्रदेश के लखनऊ की एक वायरल तस्वीर इन दिनों सोशल मीडिया पर चर्चा का विषय बनी हुई है। इस तस्वीर में दावा किया जा रहा है कि एक दुल्हन ने अपनी शादी के दिन बनारसी बिकिनी पहनकर जयमाल के मंच पर परंपरा को चुनौती दी।
सोशल मीडिया पर वायरल हो रही इस तस्वीर में एक महिला पीले रंग की बनारसी बिकिनी पहने और घूंघट डाले हुए दिखती है। उसके साथ खड़ा दूल्हा शेरवानी में मुस्कुराता नजर आता है। इस तस्वीर को लेकर तरह-तरह की चर्चाएं हुईं। कुछ लोगों ने इसे महिला की स्वतंत्रता का प्रतीक बताया तो कुछ ने इसे भारतीय संस्कृति के खिलाफ बताया।
हालांकि, तस्वीर की सच्चाई सामने आने के बाद यह साफ हो गया है कि यह तस्वीर असली नहीं है बल्कि AI जनरेटेड है। जब इस तस्वीर की जांच की गई, तो पाया गया कि यह एक एआई जनरेटेड इमेज है। रिवर्स इमेज सर्च और डीपफेक डिटेक्शन टूल्स का उपयोग करने पर पता चला कि इस तस्वीर को पहली बार सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म रेडिट पर पोस्ट किया गया था। यह "शादी का मौसम" कैप्शन के साथ एक देसी एडल्ट फ्यूजन ग्रुप पर शेयर की गई थी। उस पेज पर एआई जनरेटेड आर्टवर्क पोस्ट किए जाते हैं, और पेज के विवरण में भी यह स्पष्ट रूप से उल्लेख किया गया है।
तस्वीर के वायरल होते ही सोशल मीडिया पर बहस शुरू हो गई। कई यूजर्स ने इसे समाज की सोच पर सवाल उठाने का मौका बताया। कुछ लोगों ने लिखा कि शादी के दिन महिला को अपनी पसंद के परिधान पहनने का अधिकार है, जबकि अन्य ने इसे भारतीय परंपराओं के खिलाफ माना।
कुछ यूजर्स ने ऐसी तस्वीरों को एआई तकनीक का दुरुपयोग बताते हुए इन पर रोक लगाने की मांग की। उनका कहना था कि इस तरह की तस्वीरें न केवल संस्कृति पर सवाल उठाती हैं, बल्कि गलत संदेश भी फैलाती हैं।
सोशल मीडिया पर वायरल इस तस्वीर ने समाज में व्यक्तिगत स्वतंत्रता और परंपरा के बीच संतुलन को लेकर नई बहस छेड़ दी है। हालांकि, यह स्पष्ट हो गया है कि यह तस्वीर वास्तविक नहीं है और इसे कृत्रिम माध्यम से तैयार किया गया है। इस घटना ने यह भी दिखाया कि डिजिटल युग में वायरल सामग्री को तथ्यात्मक रूप से जांचने की आवश्यकता कितनी महत्वपूर्ण है।
Social Media Post: दिल्ली के दक्षिणपुरी इलाके में 20 वर्षीय हर्ष ने अपनी गर्लफ्रेंड को इंप्रेस करने और इलाके में धाक जमाने के लिए सोशल मीडिया पर एक अनोखा तरीका अपनाया। हर्ष ने इंस्टाग्राम पर हथियारों के साथ कुछ ‘खतरनाक’ तस्वीरें पोस्ट कीं, जिससे न केवल हर्ष की गर्लफ्रेंड बल्कि इलाके के लोग भी प्रभावित हों।
हालांकि, इन तस्वीरों का हर्ष पर उल्टा असर पड़ा। इन तस्वीरों पर दक्षिणी जिला पुलिस की एंटी ऑटो थेफ्ट स्क्वॉड (AATS) की नजर पड़ गई। तस्वीरों में हर्ष के हाथों में अवैध हथियार साफ नजर आ रहे थे। पुलिस को शक हुआ कि ये तस्वीरें इलाके में डर फैलाने के इरादे से पोस्ट की गई हैं।
इंस्पेक्टर उमेश यादव के नेतृत्व में पुलिस टीम ने हर्ष की तलाश शुरू की। इसी दौरान पुलिस को खबर मिली कि अंबेडकर नगर क्षेत्र में दो युवक अवैध पिस्तौल लेकर घूम रहे हैं। सूचना पर कार्रवाई करते हुए पुलिस ने दोनों युवकों को हिरासत में ले लिया। उनमें से एक हर्ष था, जबकि दूसरा उसका नाबालिग दोस्त निकला।
पुलिस ने इनके कब्जे से दो कंट्री मेड पिस्टल और दो जिंदा कारतूस बरामद किए। हर्ष के खिलाफ आर्म्स एक्ट की धारा 25, 54 और 59 के तहत मामला दर्ज कर उसे गिरफ्तार कर लिया गया है। नाबालिग के खिलाफ भी कानूनी प्रक्रिया जारी है।
honda activa 7g : पर मिल रहा है तगड़ा कैशबैक ऑफर, अभी खरीदने पर इतने हजार की होगी बचत
honda activa 7g : हेलो दोस्तों जैसा कि आप जानते हैं कि होंडा एक्टिवा स्कूटर ने भारतीय बाजार में अपनी एक खास पहचान बनाई है। और यह स्कूटर न ही सिर्फ किफायती है, बल्कि बेहतरीन माइलेज भी प्रदान करता है। इस समय होंडा एक्टिवा पर चल रहे 5 हजार रुपये तक के कैशबैक ऑफर से यह स्कूटर और भी लुभावना हो गया है। अगर आप भी नया स्कूटर खरीदने की सोच रहे हैं, तो एक्टिवा आपके लिए परफेक्ट चुनाव हो सकता है।
होंडा एक्टिवा की कीमत और वेरिएंट्स
दोस्तों होंडा एक्टिवा की शुरुआत एक्स-शोरूम कीमत 76 हजार 684 रुपये है, जो कि इसके टॉप मॉडल के लिए 82 हजार 684 रुपये तक जाती है। वहीं इसकी ऑन रोड कीमत 92 हजार 854 रुपये होती है। एक्टिवा आपको तीन अलग-अलग वेरिएंट्स में मिल जाएगी, जिससे आप अपनी पसंद और जरूरत के अनुसार चुन सकते हैं।
एक्टिवा का इंजन और माइलेज
दोस्तों आपको बता दें कि होंडा ने एक्टिवा में 109.51 सीसी का शक्तिशाली इंजन लगाया है जो 7.79 पीएस की अधिकतम शक्ति और 8.84 एनएम का पीक टॉर्क उत्पन्न करता है। और यह स्कूटर अच्छी खासी माइलेज 50 किमी प्रति लीटर देने का दावा करता है, जो कि शहरी और ग्रामीण इलाकों दोनों के लिए बेस्ट है।
एक्टिवा के सुरक्षा फीचर्स
दोस्तों अगर सुरक्षा के मामले में बात करें तो होंडा एक्टिवा किसी से पीछे नहीं है। इसमें ड्रम ब्रेक्स, एनॉलॉग स्पीडोमीटर, ओडोमीटर और पैसेंजर फुटरेस्ट जैसे फीचर्स शामिल हैं। और इसके अलावा इसमें ईएसपी तकनीक और शटर लॉक भी दिया गया है जो इसे और भी आकर्षक बनाता है।
बाजार में एक्टिवा का मुकाबला
और आपको बता दें कि होंडा एक्टिवा का मुकाबला टीवीएस ज्यूपिटर और सुजुकी एक्सेस 125 जैसे स्कूटर्स से है। ये स्कूटर्स भी अपनी विशेषताओं के लिए बाजार में प्रसिद्ध हैं, परंतु एक्टिवा की विश्वसनीयता और कैशबैक ऑफर इसे एक बेहतर ऑप्शन बनाते हैं।
कैशबैक ऑफर के साथ एक्टिवा की खरीद
दोस्तों इस समय होंडा एक्टिवा खरीदने पर आपको विशेष रूप से 5 हजार रुपये तक का कैशबैक मिल सकता है, अगर आप इसे डेबिट कार्ड, क्रेडिट कार्ड या फाइनेंस के माध्यम से खरीदते हैं। यह ऑफर उन ग्राहकों के लिए विशेष रूप से लाभदायक हो सकता है जो वित्तीय सुविधाजनक तरीके से वाहन खरीदना चाहते हैं।
डाउन पेमेंट और फाइनेंसिंग ऑप्शन
दोस्तों अगर आप होंडा एक्टिवा को फाइनेंस पर लेना चाहते हैं, तो इसके लिए आपको केवल 10 हजार रुपये का डाउन पेमेंट करना होगा। और इसके बाद बैंक या फाइनेंस कंपनी आपको 80 हजार रुपये के आसपास का लोन प्रदान करेगी जिस पर 9.7% की दर से ब्याज लगेगा।
Cyber Security New Rules: साइबर सुरक्षा को मजबूत करने के लिए केंद्र सरकार ने कई अहम पहल की हैं। दूरसंचार विभाग (DoT) ने हाल ही में टेलीकॉम साइबर सिक्योरिटी नियम अधिसूचित किए हैं। इन नियमों के तहत सरकार को यह अधिकार होगा कि वह किसी भी टेलीकॉम कंपनी से ट्रैफिक डेटा या अन्य प्रकार का डेटा मांग सके। हालांकि, इसमें संदेशों के कंटेंट शामिल नहीं होंगे, लेकिन अन्य प्रकार का डेटा सरकार द्वारा मांगे गए विशेष फॉर्मेट में देना होगा।
सरकार ने यह सुनिश्चित करने के लिए प्रावधान किया है कि मांगे गए डेटा के स्टोरेज और प्रोसेसिंग के लिए आवश्यक बुनियादी ढांचा और उपकरण स्थापित किए जाएं। इसके अलावा, डेटा को गोपनीयता के साथ सुरक्षित रखने की जिम्मेदारी सरकार, अधिकृत एजेंसी और संबंधित टेलीकॉम कंपनियों पर होगी।
साइबर सुरक्षा के नियमों के अनुसार, टेलीकॉम कंपनियों को एक मजबूत साइबर पॉलिसी अपनानी होगी। इस पॉलिसी में निम्नलिखित पहलुओं को शामिल किया गया है:
इसके अलावा, टेलीकॉम कंपनियों को चीफ टेलीकम्युनिकेशंस सिक्योरिटी ऑफिसर नियुक्त करना होगा, जो सुरक्षा से जुड़ी घटनाओं को रोकने और उन पर कार्रवाई सुनिश्चित करेगा।
नए नियमों के तहत, सुरक्षा से जुड़ी किसी भी घटना को छह घंटों के भीतर केंद्र सरकार को रिपोर्ट करना अनिवार्य होगा। साथ ही, 24 घंटे के भीतर घटना से प्रभावित यूजर्स, स्थान और प्रभाव का विवरण भी देना होगा।
फर्जी डिवाइस और अवैध गतिविधियों पर रोक लगाने के उद्देश्य से सरकार ने IMEI (अंतरराष्ट्रीय मोबाइल उपकरण पहचान संख्या) का पंजीकरण अनिवार्य कर दिया है। भारत में बने या आयात किए गए सभी मोबाइल डिवाइस के लिए यह नियम लागू होगा।
भारत संचार निगम लिमिटेड (बीएसएनएल) ने भारत की पहली सैटेलाइट-टू-डिवाइस सेवा शुरू की है, जिसे देश के सबसे अलग-थलग इलाकों में भी निर्बाध कनेक्टिविटी प्रदान करने के लिए डिज़ाइन किया गया है। बुधवार को भारतीय दूरसंचार विभाग (डीओटी) द्वारा घोषित, यह नई सेवा कैलिफोर्निया स्थित संचार प्रौद्योगिकी कंपनी वायसैट के सहयोग से शुरू की गई है, और इसका उद्देश्य सीमित या बिना सेलुलर कवरेज वाले क्षेत्रों में निर्बाध नेटवर्क पहुँच प्रदान करना है।
यह पहल, जिसे शुरू में इंडिया मोबाइल कांग्रेस (IMC) 2024 में प्रदर्शित किया गया था, भारत के डिजिटल विभाजन को पाटने की दिशा में एक महत्वपूर्ण कदम है। बीएसएनएल के अनुसार, डायरेक्ट-टू-डिवाइस सैटेलाइट कनेक्टिविटी सेवा का पहले ही व्यापक परीक्षण हो चुका है, जिसमें दूरदराज और चुनौतीपूर्ण स्थानों में कनेक्शन बनाए रखने की इसकी क्षमता के बारे में आशाजनक परिणाम मिले हैं।
दूरसंचार विभाग (DoT) ने लॉन्च का जश्न मनाने के लिए X (पूर्व में Twitter) का सहारा लिया, जिसमें बताया गया कि BSNL की सेवा का उद्देश्य भारतीय उपयोगकर्ताओं के लिए उपग्रह संचार को व्यापक रूप से उपलब्ध कराना है। हालाँकि, आपातकालीन उपयोग के लिए Apple के iPhone 14 जैसे उपकरणों में पहले से ही उपग्रह कनेक्टिविटी की सुविधा दी जा रही है, लेकिन भारत में अब तक ऐसी सेवाएँ केवल सरकारी और सैन्य उपयोग तक ही सीमित हैं। BSNL की पेशकश इस तकनीक को आम जनता तक पहुँचाती है, जिससे उपयोगकर्ता दूरदराज के इलाकों में भी जुड़े रह सकते हैं।
भारत भर में दूरदराज के उपयोगकर्ताओं के लिए कनेक्टिविटी
बीएसएनएल की नई सैटेलाइट सेवा का उद्देश्य सीमित नेटवर्क पहुंच वाले चुनौतीपूर्ण स्थानों में उपयोगकर्ताओं की सहायता करना है। चाहे स्पीति घाटी में ट्रैकिंग कर रहे हों या ग्रामीण क्षेत्र में रह रहे हों, उपयोगकर्ता अब उन स्थितियों में परिवार और दोस्तों से जुड़ सकेंगे जहां सेलुलर या वाई-फाई नेटवर्क उपलब्ध नहीं हैं। यह सेवा आपातकालीन कॉलिंग, SoS मैसेजिंग और यहां तक कि UPI भुगतान का भी समर्थन करती है जब अन्य नेटवर्क पहुंच से बाहर हों।
नवी दिल्ली: ज्या बँक खात्यांत सरकारी योजनांच्या थेट लाभाचे (डीबीटी) पैसे हस्तांतरित होतात, त्या खात्यांची केवायसी नसली तरी ती खाती गोठवू (फ्रीझ) नका, असे निर्देश भारतीय रिझर्व्ह बँकेने बँकांना दिले आहेत.
डीबीटीद्वारे केंद्र सरकारकडून सबसिडी, पेन्शन आणि काही विशेष योजनांचे पैसे देशभरात असलेल्या लाभधारकांना हस्तांतरित केले जातात. केवायसीअभावी खातेच बंद झाल्यास या योजनांच्या मार्गात अडथळा निर्माण होतो, त्यामुळे ही खाती गोठवली जाऊ नयेत, अशा सूचना रिझर्व्ह बँकेचे डेप्युटी गव्हर्नर स्वामीनाथन जे. यांनी दिल्या आहेत.
ग्राहकांना मिळेनात पैसे
स्वामीनाथन यांनी म्हटले की, रिझर्व्ह बँकेच्या सूचनांचे पालन योग्य होत नसल्यामुळे बँक खाती गोठवली जात आहेत. त्यामुळे ग्राहकांना त्यांचेच पैसे मिळेनासे झाले आहेत. यामुळे खातेधारक त्रास सहन करीत आहेत.
केवायसी न होण्यास बँकाच जबाबदार
■ रिझर्व्ह बँकेचे डेप्युटी गव्हर्नर स्वामीनाथन जे. यांनी सांगितले की, अनेक कारणांमुळे बँक खात्यांची केवायसी रखडल्याचे आढळून आले आहे. याला बँका दोषी आहेत.
■ वेळोवेळी केवायसी अद्ययावत करण्यात बँकांकडून दिरंगाई होते.
■ ग्राहकांना साह्य आणि आवश्यक कागदपत्रे प्राप्त करणे, यासाठी आवश्यक सक्रिय दृष्टिकोनाचा बँकांत अभाव असल्याचे दिसते.
■ अनेक बँकांकडे अपुरा कर्मचारी वर्ग असल्यामुळे केवायसी प्रक्रिया रखडून पडलेली दिसते. प्रत्येकाचे काम बँका गृहशाखेकडे पाठवतात.
■ ग्राहकांची कागदपत्रे बँकांकडून सिस्टममध्ये अपडेशन केले जात नाही.
गडचिरोली : शहरासह तालुक्याच्याग्रामीण भागात अनेक सुज्ञ मतदारांनी आपण केलेल्या मतदानाची खात्री करून घेतली.
मतदान यंत्राचे बटण दाबल्यानंतर ज्या क्रमांकाचे व चिन्हांचे बटण दाबले आहे, त्या चिन्हांवर आपले मतदान जात आहे की नाही की, दुसऱ्याच चिन्हाला मतदान जात आहे, याबाबत अनेक मतदारांनी व्हीव्हीपॅट मशिनमधील स्लिपची पाहणी करून खात्री करून घेतली. दरम्यान, ज्या चिन्हांचे बटण दाबले आहे, त्याचचिन्हाला आपले मतदान जात असल्याचे अनेक मतदारांनी सांगितले.
२०१९च्या लोकसभा व विधानसभा निवडणुकीत मतदान यंत्राबाबत निर्माण झालेले गैरसमज यंदाच्या विधानसभा निवडणुकीत प्रशासनाच्या पारदर्शकतेमुळे दूर झाल्याचे दिसून आले. विशेष म्हणजे, यावेळी सुज्ञ महिला व युवती मतदारांनी व्हीव्हीपॅटमधील पावतीची पडताळणी केली. आपण केलेले मतदान योग्य ठिकाणीच गेले आहे, याची खात्री पटल्याचे समाधान दिसले.
Vivo Y300 Price: काफी दिनों तक टीज करने के बाद, वीवो ने आखिरकार अपने नए स्मार्टफोन Y300 की लॉन्च डेट अनाउंस कर दी है। कंपनी ने X पर जानकारी दी कि वीवो Y300 भारत में 21 नवंबर को लॉन्च किया जाएगा। कई दिनों से इस स्मार्टफोन को टीज किया जा रहा था, और अब इसके डिजाइन और फीचर्स के बारे में भी जानकारी सामने आई है।
Vivo Y300 का डिजाइन प्रीमियम लुक के साथ आता है। फोन में मेटैलिक फ्रेम और बॉक्सी डिजाइन है, जो इसे एक मॉडर्न अपील देता है। फोन के बैक पैनल पर रेक्टेंगुलर आइलैंड में डुअल कैमरा सेटअप है, जिसमें कैमरा लेंस के नीचे एक रिंग लाइट भी दी गई है। इस कैमरा सेटअप से बेहतर लो-लाइट फोटोग्राफी का अनुभव मिलेगा। यह स्मार्टफोन डार्क पर्पल, सी ग्रीन और ग्रे जैसे तीन आकर्षक कलर ऑप्शंस में उपलब्ध होगा।
Vivo Y300 के बैक पैनल की डिजाइन में पिछले साल लॉन्च हुए Vivo Y300 से काफी बदलाव किया गया है। जहां Vivo Y300 की कीमत 20,000 रुपये से कम थी, वहीं अनुमान है कि Y300 की कीमत 25,000 रुपये के अंदर होगी। हालांकि, कंपनी ने आधिकारिक कीमत के बारे में अभी तक खुलासा नहीं किया है, लेकिन इसकी कीमत को लेकर बाजार में काफी उत्सुकता है।
Vivo Y300 में 6.67-इंच का AMOLED डिस्प्ले होने की उम्मीद है, जो 1080 x 2400 पिक्सल फुल HD+ रिज़ॉल्यूशन और 120Hz रिफ्रेश रेट सपोर्ट करता है। बैक कैमरा सेटअप में 50 मेगापिक्सल का प्राइमरी कैमरा और 8 मेगापिक्सल का सेकेंडरी लेंस हो सकता है, जिसमें Sony IMX882 सेंसर से डिटेल्ड पोर्ट्रेट शॉट्स लिए जा सकते हैं। इसके अलावा, सेल्फी के लिए इसमें 32 मेगापिक्सल का फ्रंट कैमरा दिया जा सकता है।
Vivo Y300 में स्नैपड्रैगन 4 जेन 2 चिपसेट और 8GB तक की रैम हो सकती है, जिससे यह मल्टी-टास्किंग और गेमिंग के लिए परफेक्ट रहेगा। इस स्मार्टफोन में 5,000mAh की बैटरी और 80W फास्ट चार्जिंग सपोर्ट भी मिलेगा, जिससे यह जल्दी चार्ज होगा और दिनभर चलेगा।
कनेक्टिविटी की बात करें तो Vivo Y300 में वाई-फाई 5, ब्लूटूथ 5.0, GPS, और USB-C पोर्ट जैसे विकल्प दिए गए हैं। यह स्मार्टफोन Android 14 पर आधारित FunTouch OS 14 पर चलेगा। इसके अलावा, इसमें डस्ट और वाटर रेजिस्टेंस के लिए IP64 रेटिंग और अंडर-डिस्प्ले फिंगरप्रिंट सेंसर भी दिया गया है।
Sunita Williams News: अंतराळात अंतराळवीर सुनीता विल्यम्सच्या प्रकृतीबाबत मीडियामध्ये अफवा पसरल्यानंतर NASA ने अधिकृत निवेदन जारी करत सर्व शंका दूर केल्या आहेत. इंटरनॅशनल स्पेस स्टेशन (ISS) वर सध्या असलेल्या सुनीता विल्यम्स यांच्या तब्येतीबाबत कोणतीही चिंता करण्याचे कारण नसल्याचे NASA ने स्पष्ट केले आहे.
ताज्या अहवालांनुसार, 'द डेली मेल' आणि 'द न्यूयॉर्क टाइम्स' सारख्या काही टॅब्लॉइड्समध्ये अफवा पसरली होती की, सुनीता विल्यम्सची तब्येत ISS वर खालावली आहे. 24 सप्टेंबर रोजी प्रकाशित करण्यात आलेल्या फोटोच्या विश्लेषणावर आधारित हे दावे करण्यात आले होते. यासंदर्भात NASA ने 7 नोव्हेंबर रोजी जारी केलेल्या निवेदनात सांगितले की, सुनीता विल्यम्स पूर्णपणे बरी असून, तिच्या तब्येतीबाबत कोणतीही काळजी करण्याची गरज नाही.
NASA च्या निवेदनात म्हटले आहे की, ISS वर उपस्थित असलेले सर्व अंतराळवीर निरोगी आहेत आणि त्यांच्यावर एक समर्पित फ्लाइट सर्जन सतत लक्ष ठेवून आहे. सुनीता विल्यम्स सध्या ISS क्रू 72 ची कमांडर असून, तिच्या सोबत अन्य तीन अमेरिकन आणि तीन रशियन अंतराळवीर आहेत. NASA ने त्यांच्या तपासण्या नियमितपणे केल्या जात असल्याचेही स्पष्ट केले आहे.
सुनीता विल्यम्स आणि तिचे सहकारी बुच विल्मोर 6 जून रोजी बोईंगच्या स्टारलाइनर यानातून ISS वर पोहोचले होते. नियोजित कालावधीनंतर पृथ्वीवर परतण्यासाठी तयार असले तरी, तांत्रिक समस्यांमुळे स्टारलाइनर यानाला अंतराळ स्थानकावरुन परत पाठवणे शक्य झाले नाही. यामुळे सुनीता आणि बुच यांना ISS वरच अधिक काळ राहावे लागणार आहे.
NASA ने निर्णय घेतला की स्टारलाइनर यान रिकामे पृथ्वीवर परतवले जाईल, जे 6 सप्टेंबर रोजी यशस्वीरित्या परत आले. आता सुनीता आणि बुच फेब्रुवारी 2025 मध्ये SpaceX च्या क्रू-9 मिशनसह पृथ्वीवर परत येण्याची योजना आहे.
WhatsApp Tips and Tricks: WhatsApp दुनिया के सबसे लोकप्रिय मैसेजिंग ऐप्स में से एक है, जिसका इस्तेमाल लाखों करड़ों लोग करते हैं। इस प्लेटफॉर्म का उपयोग केवल चैट, वॉइस और वीडियो कॉल के लिए ही नहीं, बल्कि फोटो, वीडियो, और लिंक भेजने के लिए भी किया जाता है। हालांकि, कुछ चीजें ऐसी हैं, जिन्हें WhatsApp पर भेजना आपके लिए जोखिम भरा हो सकता है, और इनका उल्लंघन करने पर जेल भी हो सकती है। आइए जानते हैं, किन 3 चीजों को WhatsApp पर शेयर करने से बचना चाहिए:
WhatsApp पर किसी भी तरह का अश्लील या बाल शोषण से जुड़ा वीडियो शेयर करना कानूनन अपराध है। इस तरह का कंटेंट भेजने पर आपका अकाउंट बैन किया जा सकता है, और आपको जेल के साथ भारी जुर्माना भी भरना पड़ सकता है। बाल शोषण कंटेंट फैलाना न केवल WhatsApp के नियमों का उल्लंघन है, बल्कि भारतीय कानूनों के तहत भी यह गैरकानूनी है।
ऐसा कोई भी कंटेंट जो धर्म, जाति, या राष्ट्रीय एकता को ठेस पहुंचाता हो, उसे शेयर करने से बचें। इस तरह का आपत्तिजनक कंटेंट भेजना सामाजिक शांति भंग कर सकता है और गंभीर कानूनी कार्रवाई का कारण बन सकता है। किसी भी तरह की विवादित सामग्री भेजने से आपके खिलाफ कार्रवाई हो सकती है, जिसमें जेल भी शामिल है।
बाल शोषण सामग्री के अलावा, अन्य अश्लील या आपत्तिजनक कंटेंट भेजना भी प्रतिबंधित है। अगर आप WhatsApp पर इस प्रकार का कंटेंट शेयर करते हैं, तो इसका परिणाम अकाउंट बैन से लेकर कानूनी कार्रवाई तक हो सकता है। अश्लील कंटेंट शेयर करना भारतीय कानूनों के तहत अपराध है, और इसके लिए कड़ी सजा का प्रावधान है।
याद रखें: WhatsApp पर कुछ भी शेयर करने से पहले सोच-समझकर ही भेजें। कानून का पालन करें और समाज को सुरक्षित बनाए रखें।