Automobile News :- How to Increase car mileage :- क्या आप भी अपनी कार में अधिकतम माइलेज पाना चाहते हैं? अगर हां, तो यह लेख आपके लिए ही है।
आजकल पेट्रोल और डीजल के दाम आसमान छू रहे हैं। ऐसे में हर कोई अपनी कार में अधिकतम माइलेज पाना चाहता है। लेकिन, क्या आप जानते हैं कि आपकी कार की स्पीड का माइलेज पर सीधा असर पड़ता है?
कार की सही स्पीड और माइलेज का संबंध
आपकी कार की स्पीड और माइलेज का सीधा संबंध होता है। अगर आप अपनी कार को एक निश्चित स्पीड पर चलाते हैं, तो आप अधिक माइलेज पा सकते हैं।
सही स्पीड क्या है?
सामान्यतः, 50-70 किलोमीटर प्रति घंटे की स्पीड पर कार चलाने से अधिकतम माइलेज मिलता है। इस स्पीड पर कार का इंजन सबसे ज्यादा कुशलता से काम करता है और कम ईंधन खपत करता है।
क्यों 50-70 किलोमीटर प्रति घंटे?
* इंजन पर कम दबाव: इस स्पीड पर कार के इंजन पर कम दबाव पड़ता है, जिससे इंजन को अधिक मेहनत नहीं करनी पड़ती और कम ईंधन खपत होती है।
* अचानक ब्रेक लगाने और एक्सेलरेट करने से बचाव: इस स्पीड पर आप अचानक ब्रेक लगाने या एक्सेलरेट करने से बच सकते हैं, जिससे ईंधन की बर्बादी होती है।
* वायु प्रतिरोध कम: इस स्पीड पर कार को हवा का कम प्रतिरोध मिलता है, जिससे इंजन को अधिक मेहनत नहीं करनी पड़ती।
शहरी क्षेत्रों में:
शहरी क्षेत्रों में ट्रैफिक अधिक होता है, इसलिए यहां 50-70 किलोमीटर प्रति घंटे की स्पीड बनाए रखना मुश्किल हो सकता है। ऐसे में आप कोशिश करें कि अपनी कार को एक स्थिर गति पर चलाएं और अनावश्यक ब्रेक लगाने से बचें।
अन्य कारक जो माइलेज को प्रभावित करते हैं:
* टायर का दबाव: टायर में सही दबाव होना बहुत जरूरी है। कम या ज्यादा दबाव होने से माइलेज कम हो सकता है।
* कार का रखरखाव: कार का नियमित रूप से सर्विसिंग करवाना बहुत जरूरी है। इससे कार का इंजन दक्षतापूर्वक काम करता है और माइलेज बढ़ता है।
* एसी, म्यूजिक सिस्टम: एसी, म्यूजिक सिस्टम आदि का इस्तेमाल कम से कम करें। इससे भी माइलेज बढ़ सकता है।
* अतिरिक्त भार: कार में अतिरिक्त भार न रखें। इससे भी माइलेज कम हो सकता है।
* ईंधन की गुणवत्ता: हमेशा अच्छी गुणवत्ता का ईंधन डलवाएं।
अगर आप अपनी कार में अधिकतम माइलेज पाना चाहते हैं, तो 50-70 किलोमीटर प्रति घंटे की स्पीड पर कार चलाएं और ऊपर बताए गए अन्य कारकों का भी ध्यान रखें।
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1. Royal Enfield Hunter 350
* Classic design: A timeless aesthetic that appeals to many riders.
* Comfortable ride: Relaxed riding position and plush suspension.
* Reliable engine: A proven 350cc single-cylinder engine.
2. TVS Apache RTR 165
* Sporty performance: A powerful 164.9cc engine that delivers a thrilling ride.
* Modern features: LED lighting, digital instrument cluster, and Bluetooth connectivity.
* Agile handling: Sharp cornering and responsive steering.
3. Bajaj Dominar 250
* Cruiser styling: A comfortable and stylish design.
* Powerful engine: A 249cc single-cylinder engine that offers good performance.
* Value for money: A well-equipped motorcycle at an affordable price.
4. KTM 200 Duke
* Sporty character: A lightweight and agile motorcycle that's perfect for city riding and short trips.
* Powerful engine: A 200cc liquid-cooled engine that delivers strong performance.
* Modern features: LED lighting, digital instrument cluster, and ABS.
5. Yamaha R15 V4
* Racing pedigree: A track-focused motorcycle with a sharp and agile handling.
* Powerful engine: A 155cc liquid-cooled engine that delivers strong performance.
* Modern features: LED lighting, digital instrument cluster, and traction control.
Note: Prices may vary depending on your location and specific model variant. It's always recommended to test ride multiple motorcycles before making a final decision.
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जब हम एक नई कार खरीदने का मन बनाते हैं, तो यह सिर्फ एक साधन नहीं होता, बल्कि हमारे सपनों और जरूरतों का भी एक अहम हिस्सा होता है। आज के समय में, जब पेट्रोल और डीज़ल की कीमतें तेजी से बढ़ रही हैं, और पर्यावरण को बचाने की जागरूकता बढ़ रही है, हम सभी सोचते हैं कि कौन सी कार हमारे लिए सबसे बेहतर रहेगी। क्या हमें इलेक्ट्रिक कार खरीदनी चाहिए जो आने वाले कल के लिए सुरक्षित है, या फिर डीज़ल और पेट्रोल कारों की परंपरा को बनाए रखना चाहिए? आइए, इन विकल्पों पर थोड़ा और गहराई से नज़र डालते हैं।
इलेक्ट्रिक कारें सिर्फ एक नया ट्रेंड नहीं हैं, बल्कि यह भविष्य की दिशा भी हैं। जैसे-जैसे समय बीत रहा है, दुनिया भर में इलेक्ट्रिक वाहनों की मांग तेजी से बढ़ रही है। ये कारें सिर्फ पर्यावरण के लिए ही फायदेमंद नहीं हैं, बल्कि आपकी जेब के लिए भी लंबे समय में एक अच्छा निवेश साबित हो सकती हैं।
फायदे:
पैसों की बचत: पेट्रोल और डीज़ल के बढ़ते दामों के मुकाबले, इलेक्ट्रिक कार की बैटरी चार्ज करना काफी सस्ता है। एक बार की चार्जिंग में आप सैकड़ों किलोमीटर की दूरी तय कर सकते हैं।
लो मेंटेनेंस: इलेक्ट्रिक कारों में कोई इंजन नहीं होता, जिसका मतलब है कि नियमित सर्विस की जरूरत भी कम होती है। आपको तेल बदलने या इंजन के अन्य हिस्सों की मेंटेनेंस के बारे में चिंता नहीं करनी पड़ेगी।
पर्यावरण के लिए बेहतर: इलेक्ट्रिक कारों से कोई धुआं नहीं निकलता, जिससे वायु प्रदूषण भी कम होता है। यह न केवल आपके लिए बल्कि आने वाली पीढ़ियों के लिए भी फायदेमंद है।
कमियाँ:
शुरुआती कीमत: इलेक्ट्रिक कारें फिलहाल पेट्रोल और डीज़ल कारों के मुकाबले थोड़ी महंगी होती हैं। हालांकि, सरकार की ओर से दी जा रही सब्सिडी इस अंतर को कम करने में मदद करती है।
चार्जिंग इंफ्रास्ट्रक्चर: हालांकि चार्जिंग स्टेशनों की संख्या बढ़ रही है, फिर भी दूर-दराज के इलाकों में चार्जिंग की सुविधा उपलब्ध नहीं हो पाती।
2. डीज़ल कार: लंबी दूरी के सफर के लिए आदर्श
डीज़ल कारें हमेशा से ही माइलेज के लिए जानी जाती हैं। अगर आप रोज़ाना लंबी दूरी तय करते हैं या हाईवे पर सफर ज्यादा करते हैं, तो डीज़ल कार आपके लिए एक अच्छा विकल्प हो सकती है।
फायदे:
बेहतर माइलेज: डीज़ल इंजन वाले वाहनों की माइलेज पेट्रोल वाहनों के मुकाबले ज्यादा होती है। इसलिए लंबी दूरी तय करने वालों के लिए यह एक लाभदायक विकल्प है।
शक्ति और टॉर्क: डीज़ल इंजन में ज्यादा टॉर्क होता है, जो गाड़ी को पावरफुल बनाता है, खासकर जब आपको भारी सामान ढोना हो या ऊबड़-खाबड़ रास्तों पर चलना हो।
कमियाँ:
मेंटेनेंस लागत: डीज़ल इंजन की देखभाल में ज्यादा खर्च आता है। इसके पार्ट्स की लागत भी पेट्रोल के मुकाबले ज्यादा होती है।
पर्यावरण पर असर: डीज़ल इंजन से निकलने वाला धुआं वातावरण को नुकसान पहुंचाता है। हालांकि, नए उत्सर्जन मानदंडों के तहत, यह प्रभाव कम हो गया है, लेकिन फिर भी यह पूरी तरह से मुक्त नहीं है।
3. पेट्रोल कार: शहर की भागदौड़ में सबसे मुफीद
पेट्रोल कारें हमेशा से ही सिटी ड्राइविंग के लिए पसंदीदा रही हैं। शहर के अंदर छोटी दूरी तय करने वालों के लिए ये कारें सुविधाजनक होती हैं।
फायदे:
कम शुरुआती कीमत: पेट्रोल कारों की शुरुआती कीमत डीज़ल और इलेक्ट्रिक कारों के मुकाबले कम होती है। यह उन्हें बजट फ्रेंडली बनाता है।
लो मेंटेनेंस: पेट्रोल इंजन की सर्विसिंग और मेंटेनेंस में खर्च कम आता है। इनके पुर्जों की लागत भी कम होती है, जिससे आपकी जेब पर ज्यादा भार नहीं पड़ता।
शांत और स्मूथ ड्राइव: पेट्रोल इंजन डीज़ल के मुकाबले कम शोर करते हैं और स्मूथ ड्राइविंग का अनुभव देते हैं।
कमियाँ:
कम माइलेज: पेट्रोल कारों की माइलेज डीज़ल कारों के मुकाबले कम होती है, जिससे लंबी दूरी तय करने पर यह महंगी पड़ सकती है।
बढ़ती ईंधन की कीमतें: पेट्रोल की कीमतें लगातार बढ़ रही हैं, जो लंबी अवधि में आपकी बचत को प्रभावित कर सकती हैं।
अंतर और निष्कर्ष:
इलेक्ट्रिक कारें: ये भविष्य की ओर इशारा करती हैं। अगर आप पर्यावरण के प्रति सचेत हैं और लंबी अवधि में पैसों की बचत करना चाहते हैं, तो यह आपके लिए सही चुनाव हो सकता है।
डीज़ल कारें: अगर आप लंबी दूरी तय करते हैं और माइलेज आपकी प्राथमिकता है, तो डीज़ल कारें आपके लिए सबसे बेहतर हैं। लेकिन आपको इसके मेंटेनेंस और पर्यावरण पर इसके प्रभाव पर भी ध्यान देना होगा।
पेट्रोल कारें: ये शहरी सफर के लिए सही हैं। अगर आपकी यात्रा की दूरी कम है और आप एक बजट-फ्रेंडली विकल्प चाहते हैं, तो पेट्रोल कार आपके लिए उपयुक्त है।
आपकी जीवनशैली, बजट और प्राथमिकताओं के आधार पर कार का चुनाव करना चाहिए। यह निर्णय सिर्फ आज के लिए नहीं, बल्कि आने वाले कई वर्षों के लिए एक निवेश है। चाहे आप किसी भी कार का चयन करें, यह सुनिश्चित करें कि वह आपकी ज़रूरतों को पूरी तरह से पूरा करे और आपके हर सफर को सुरक्षित और सुखद बनाए।
हर मोड़ पर, हर सफर में, आपकी कार आपके साथ होगी, आपके जीवन की कहानी का एक हिस्सा बनकर। तो समझदारी से चुनें, और अपने सपनों की इस सवारी को नए आयाम दें।
Tata Curvv EV Launch: Tata Motors ने भारतीय बाजार में एक नई क्रांति की शुरुआत की है -Tata Curvv EV के लॉन्च के साथ. यह भारत की पहली कूप एसयूवी है, जो इलेक्ट्रिक वाहन के परिदृश्य में एक नई दिशा का संकेत देती है. इस आर्टिकल में जानें Tata Curvv EV की प्रमुख विशेषताएँ, कीमत और बुकिंग की जानकारी.
Tata Motors के MD, शैलेश चंद्र ने इस लॉन्च के दौरान बताया कि अब कंपनी की कुल बिक्री में 12 प्रतिशत हिस्सा इलेक्ट्रिक वाहनों का है. इससे स्पष्ट है कि कंपनी इलेक्ट्रिक वाहनों के प्रति गंभीर है और कर्व ईवी के साथ, वे भारतीय बाजार में एक नया मानक स्थापित करना चाहते हैं.
आगामी लॉन्च: इसके साथ ही, टाटा मोटर्स Tata Curvv ICE के पेट्रोल और डीजल वेरिएंट्स को 2 सितंबर 2024 को लॉन्च करेगी. यह नई पेशकश टाटा मोटर्स के उत्पाद पोर्टफोलियो को और भी मजबूत करेगी और ग्राहकों को अधिक विकल्प प्रदान करेगी.
सारांश: Tata Curvv EV, अपनी उन्नत तकनीक और शानदार डिज़ाइन के साथ, इलेक्ट्रिक वाहन के भविष्य को नया दिशा देने के लिए तैयार है. यह कूप एसयूवी भारतीय ग्राहकों को एक नई और बेहतर ड्राइविंग अनुभव प्रदान करती है.
Automobile News :- कई स्पाई शॉट्स, टीज़र और लीक्स के बाद, Tata Curvv EV आखिरकार कल लॉन्च होने वाली है। कर्व टाटा की पहली एसयूवी-कूप होगी जो बड़े पैमाने पर बाजार के लिए बनाई गई है और इसे इंटरनल कम्बशन इंजन (ICE) और EV दोनों वर्जन में पेश किया जाएगा।
हालाँकि, अगर आप ICE मॉडल में रुचि रखते हैं, तो आपको थोड़ा और इंतज़ार करना होगा, क्योंकि इसे सितंबर में लॉन्च किए जाने की उम्मीद है। अभी के लिए, आइए देखें कि Tata की नई इलेक्ट्रिक एसयूवी-कूप के बारे में आपको क्या जानना चाहिए.
बाहरी डिजाइन
Tata motors ने पहले ही कर्व ईवी के बाहरी डिज़ाइन का अनावरण कर दिया है, जिसमें नेक्सन Ev जैसे ही डिज़ाइन तत्व देखे जा सकते हैं। कर्व ईवी के सामने की तरफ़ बंद ग्रिल और वेलकम और गुडबाय एनिमेशन के साथ कनेक्टेड एलईडी डीआरएल हैं।
फ्रंट बंपर में वर्टिकल स्लैट्स हैं, जैसा कि नेक्सन ईवी में देखा गया है। प्रोफाइल में, कर्व में फ्लश-टाइप डोर हैंडल हैं, जो Tata कारों के लिए पहली बार फीचर है, एयरोडायनामिक रूप से डिज़ाइन किए गए अलॉय व्हील्स और एक ढलान वाली छत है जो इसके एसयूवी-कूप नेचर को उजागर करती है।
पीछे की ओर एक कनेक्टेड टेल लाइट सेटअप है, जिसमें स्वागत और अलविदा एनिमेशन भी हैं।
आंतरिक भाग, विशेषताएं और सुरक्षा
Tata Curvv EV के इंटीरियर को हाल ही में भारतीय ऑटोमेकर ने टीज किया था, जिसमें डुअल-टोन डैशबोर्ड, 4-स्पोक स्टीयरिंग व्हील ( हैरियर - सफारी डुओ से उधार लिया गया) और टच-इनेबल्ड क्लाइमेट कंट्रोल पैनल जैसे विवरण सामने आए थे। इसमें पैनोरमिक सनरूफ, 12.3 इंच का फ्री-फ्लोटिंग इंफोटेनमेंट सिस्टम, 10.25 इंच का डिजिटल ड्राइवर डिस्प्ले और फ्रंट वेंटिलेटेड सीटें भी होंगी। इसमें नेक्सन जैसा ही ड्राइव मोड सिलेक्टर और ऑटोमैटिक गियर शिफ्टर भी मिलेगा।
सुरक्षा की दृष्टि से इसमें छह एयरबैग, इलेक्ट्रॉनिक स्थिरता नियंत्रण (ईएससी), 360 डिग्री कैमरा और उन्नत ड्राइवर सहायता प्रणाली (एडीएएस) का एक सेट मिलने की उम्मीद है, जिसमें अनुकूली क्रूज नियंत्रण, लेन-कीप असिस्ट और आगे की टक्कर की चेतावनी शामिल है।
अपेक्षित पावरट्रेन विकल्प
हालांकि इलेक्ट्रिक पावरट्रेन के विवरण अभी तक सामने नहीं आए हैं, लेकिन इसमें दो बैटरी पैक का विकल्प मिलने की उम्मीद है, जिसकी रेंज लगभग 500 किलोमीटर बताई गई है, क्योंकि यह Tata के नवीनतम Acti.ev प्लैटफ़ॉर्म पर आधारित होगी। टाटा कर्व ईवी में V2L (वाहन-से-भार) और V2V (वाहन-से-वाहन) कार्यक्षमताएँ भी होने की संभावना है।
अपेक्षित मूल्य और प्रतिद्वंदी
Tata Curvv EV की कीमत 20 लाख रुपये (एक्स-शोरूम) से शुरू होने की उम्मीद है और इसका मुकाबला एमजी जेडएस ईवी और आगामी हुंडई क्रेटा ईवी और मारुति ईवीएक्स से होगा ।
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Car Safety Tips: दोस्तों, इन दिनों हर नई कार एयरबैग्स वाली आ रही है. लेकिन सिर्फ एयरबैग्स होने से ही ये मानना उचित नहीं रहेगा कि हम सुरक्षित हो गए हैं. अच्छी सड़कें और कारों की गति अधिक होने से सुरक्षा की आवश्यकता पर ध्यान दिया जाना अब और भी जरूरी हो गया है. ऐसे में यह जानना महत्वपूर्ण होगा कि एयरबैग्स वाली कारों को ड्राइव करते समय हमको किन-किन बातों का खास ध्यान रखना चाहिए. तो आइए जानते हैं कि एयरबैग्स वाली कारों को ड्राइव करते समय हमें किन बातों का ध्यान रखना होगा.
हर कार में सीट बेल्ट पहनना न केवल कानूनी दृष्टि से जरूरी है, बल्कि बड़े हादसों के दौरान यह जान बचाने में मददगार होता है. हर साल हजारों जानें केवल इसलिए चली जाती हैं क्योंकि उन्होंने सीट बेल्ट नहीं पहनी होती. और अगर आपकी कार में एयरबैग्स हैं, तब तो सीट बेल्ट पहनना और भी जरूरी हो जाता है. एयरबैग्स वाली कारों में इसकी फंक्शनिंग का सर्किट तभी पूरा होता है जब आप सीट बेल्ट पहनते हैं. मतलब किसी टक्कर के वक्त एयरबैग्स तभी खुलेंगे जब सीट बेल्ट पहनी होगी. इसलिए चलती कार में न केवल फ्रंट सीट पर बैठने वालों को सीट बेल्ट पहननी चाहिए, बल्कि पिछली सीटों पर बैठी सवारियों के लिए भी सीट बेल्ट पहनना आवश्यक होता है.
घड़ी में तीन बजे और नौ बजे की पोजिशन में कांटे जिस तरह होते हैं, ड्राइव करते समय चालक को अपने हाथों को भी स्टीयरिंग व्हील पर इसी पोजिशन में रखना चाहिए. कार चलाते वक्त अपने हाथों या बाहों को स्टीयरिंग व्हील के बीच में बिल्कुल भी न रखें, अन्यथा एयरबैग खुलने पर उससे सुरक्षा तो दूर रहेगी, लेकिन उलटे बड़ी चोट आ सकती है. इसी तरह ड्राइविंग करते समय छाती और स्टीयरिंग व्हील के बीच कम से कम 10 इंच की दूरी जरूर रखें. ऐसा न होने पर एयरबैग ओपन होते समय आपको चोट लग सकती है.
अगर आप किसी छोटे बच्चे को लेकर साथ सफर कर रहे हैं तो उसे अपने साथ आगे वाली सीट पर बैठाने की गलती कभी भी न करें, क्योंकि एयरबैग खुलने पर उसे बहुत बड़ी चोट आ सकती है. अच्छा होगा कि आप उसके लिए बेबी सीट का इस्तेमाल करें और उसे पीछे वाली सीट पर बैठाएं, और वह भी सीट बेल्ट से बांधकर रखें. अगर आपको सीट बेल्ट बांधनी नहीं है तो छोटे बच्चों के लिए पीछे की सीट पर बीच की जगह सबसे सुरक्षित समझी जाती है.
वैसे तो गाड़ी में अगर Airbag नहीं है, तब भी गाड़ी के Dashboard पर कभी भी भारी या कठोर वस्तुएं न रखें. एयरबैग वाली गाड़ियों के लिए तो ऐसा करने की बिल्कुल भी अनुमति नहीं है, क्योंकि जब एयरबैग खुलता है तब डैशबोर्ड को भी बहुत झटका लगता है और वहां रखी चीज उछलकर सामने बैठे व्यक्तियों को चोट पहुंचा सकती है. इस तरह एयरबैग बाकि नुकसान से तो बचा लेगा, लेकिन वो भारी चीज घातक साबित हो सकती है. साथ ही इस बात का भी ध्यान रखें कि अगर एयरबैग की लाइट ब्लिंक कर रही है तो यह संकेत है कि एयरबैग की सर्विसिंग करवाने का वक्त आ गया है.
Rapido Bike Taxi: राज्य सरकार ने बाइक टैक्सी को लेकर एक सकारात्मक निर्णय लिया है. मुंबई में आगामी कुछ महीनों में बाइक टैक्सी शुरू हो सकती है. अगले सप्ताह राज्य सरकार बाइक टैक्सी से संबंधित जीआर जारी करेगी. माना जा रहा है कि मेट्रो सफर के बाद लास्ट माइल कनेक्टिविटी के लिए बाइक टैक्सी सस्ता यातायात का साधन साबित होगी। इससे अकेले गंतव्य स्थान तक जाने वाले लोगों को सुविधा होगी.
फिलहाल राज्य सरकार ने प्रदेश में बाइक टैक्सी शुरू करने को सैद्धांतिक मंजूरी दे दी है. इस फैसले से बड़ी संख्या में युवा रोजगार के दायरे में आएंगे. अकेले यात्रियों के पास अब रिक्शा - टैक्सी किराए का एक कानूनी, सस्ता विकल्प होगा। बाइक टैक्सी को कानूनी मान्यता निर्धारित करने के लिए केंद्रीय सड़क परिवहन और राजमार्ग मंत्रालय ने मार्च में दिशानिर्देश जारी किया था.
कुछ संगठनों ने बाइक टैक्सी सेवा प्रदान करने वाले पायलट की आसानी से पहचान करने के लिए दोपहिया वाहन पर पीली नंबर प्लेट देने की मांग की है। ऐप आधारित टैक्सी कंपनियां और दोपहिया वाहन चालक सफेद नंबर प्लेटों पर जोर दे रहे हैं. परिवहन विभाग के अधिकारियों का कहना है कि सरकार के फैसले के बाद स्थिति साफ हो पाएगी.
राज्य सरकार ने बाइक टैक्सी नीति बनाने के लिए एक सेवानिवृत्त चार्टर्ड अधिकारी की अध्यक्षता में समिति गठित की थी. समिति ने बाइक टैक्सी सेवा को पायलट (साइकिल सवार) के माध्यम से यात्री सेवा के रूप में शुरू करने और जरूरत के समय बाइक किराए पर लेने की सिफारिशें की हैं.
भारतीय वाहन उद्योग पिछले वित्त वर्ष में 10.22 लाख करोड़ रुपए पर पहुंच गया है | बुधवार को जारी रिपोर्ट के अनुसार, बहुपयोगी और स्पोर्ट्स यूटिलिटी व्हीकल (एसयूवी) खंड के मजबूत प्रदर्शन से वाहन उद्योग में उछाल आया है |
प्रबंधन परामर्शक कंपनी 'प्राइमस पार्टनर्स' की रिपोर्ट में कहा गया है कि 2023-24 में मात्रा के लिहाज से वाहन उद्योग का आकार 10% बढ़ गया | यूवी (बहुपयोगी) और एसयूवी खंड में उल्लेखनीय बदलाव यह रहा कि पिछले वित्त वर्ष में इनकी मांत्रा में 23 प्रतिशत और कीमत में 16 प्रतिशत की वृद्धि हुई, जिससे कुल मूल्य 39 प्रतिशत बढ़ गया | इस खंड में औसत मूल्यवृद्धि कीमतों में सामान्य वृद्धि, उच्च खंड और हाइब्रिड और स्वचालित की ओर झुकाव, 'सनरूफ' की लोकप्रियता और इलेक्ट्रिक वाहनों (ईवी) की मांग बढ़ने के कारण हुई |
यात्री वाहन (पीवी) खंड में मामूली मूल्य वृद्धि के कारण मात्रा में 9% की गिरावट देखी गई, जिससे मूल्य में 4% गिरावट आई | दोपहिया वाहन खंड में, भारत में मात्रा में 10% और मूल्य में 13% की वृद्धि देखी गई, वहीं, रिपोर्ट में कहा गया है कि पंजीकृत वाहनों के मामले में चीन और अमेरिका के बाद भारत तीसरे स्थान पर है, लेकीन मूल्य मामले में यह जापान और जर्मनी जैसे देशों से पीछे है | भारत में एक वाहन की औसत कीमत कई उन्नत देशों की तुलना में कम है | भारतीय वाहन उद्योग का मूल्य मात्रा की तुलना में अधिक तेजी से बढ़ रहा है |तीपहिया वाहन खंड में मात्रा में 16% और मूल्य में 24% की वृद्धि हुई | वाणिज्यिक वाहन खंड में मात्रा में 3% की वृद्धि हुई.भारतीय ग्राहक विभिन्न क्षेत्रों में अधिक ऊंचे एवं महंगे मॉडल को पसंद कर रहे हैं, तथा वाहनों की औसत कीमत बढ़ रही है | भारत कम कीमत वाले उत्पादों को दरकिनार करते हुए और खूबियों और ऊंची कीमत वाले वाहनों को पसंद कर रहा है|
Washim News: १ जुलै १९९८ रोजी अकोला जिल्ह्याचे विभाजन करुन वाशिम जिल्ह्याची निर्मिती करण्यात आली (Washim News in Marathi). वाशिम जिल्हा राज्यातील विदर्भ भागात येतो. वाशिमचे पुरातन नाव वत्सलगुम असे होते (Latest Washim News). जिल्ह्यातील प्रमुख व्यवसाय शेती असून सोयाबीन, गहू, ज्वारी, कापूस, ऊस या पिकांचे उत्पादन अधिक घेतलं जाते. जिल्ह्यातील जास्तीत जास्त लोकांची आर्थिक स्थिती शेतीवर अवलंबून आहे 9Washim Crime News). कापूस हे जिल्ह्यातील मुख्य पिक असून कापड विणण्याचा व्यवसाय प्राचीन काळापासून येथे अस्तित्वात आहे. चरख्यावर सूत कातून खादीचे कापड विणण्याचा व्यवसाय मंगरूळपीर तालुक्यात केला जातो. तर, कारण तालुक्यातील अडाण नदीवरील 'अडाण प्रकल्प' हा जिल्ह्यातील मोठा जलसिंचन प्रकल्प आहे. जिल्ह्यामध्ये आंध, गोंड आणि बंजारा या आदिवासी जमाती प्रामुख्याने आढळतात.