अभि लायटिंग, इलेक्ट्रिकल अँड हार्डवेअर
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20-06-2024
भारतीय वाहन उद्योग पिछले वित्त वर्ष में 10.22 लाख करोड़ रुपए पर पहुंच गया है | बुधवार को जारी रिपोर्ट के अनुसार, बहुपयोगी और स्पोर्ट्स यूटिलिटी व्हीकल (एसयूवी) खंड के मजबूत प्रदर्शन से वाहन उद्योग में उछाल आया है |
प्रबंधन परामर्शक कंपनी 'प्राइमस पार्टनर्स' की रिपोर्ट में कहा गया है कि 2023-24 में मात्रा के लिहाज से वाहन उद्योग का आकार 10% बढ़ गया | यूवी (बहुपयोगी) और एसयूवी खंड में उल्लेखनीय बदलाव यह रहा कि पिछले वित्त वर्ष में इनकी मांत्रा में 23 प्रतिशत और कीमत में 16 प्रतिशत की वृद्धि हुई, जिससे कुल मूल्य 39 प्रतिशत बढ़ गया | इस खंड में औसत मूल्यवृद्धि कीमतों में सामान्य वृद्धि, उच्च खंड और हाइब्रिड और स्वचालित की ओर झुकाव, 'सनरूफ' की लोकप्रियता और इलेक्ट्रिक वाहनों (ईवी) की मांग बढ़ने के कारण हुई |
यात्री वाहन (पीवी) खंड में मामूली मूल्य वृद्धि के कारण मात्रा में 9% की गिरावट देखी गई, जिससे मूल्य में 4% गिरावट आई | दोपहिया वाहन खंड में, भारत में मात्रा में 10% और मूल्य में 13% की वृद्धि देखी गई, वहीं, रिपोर्ट में कहा गया है कि पंजीकृत वाहनों के मामले में चीन और अमेरिका के बाद भारत तीसरे स्थान पर है, लेकीन मूल्य मामले में यह जापान और जर्मनी जैसे देशों से पीछे है | भारत में एक वाहन की औसत कीमत कई उन्नत देशों की तुलना में कम है | भारतीय वाहन उद्योग का मूल्य मात्रा की तुलना में अधिक तेजी से बढ़ रहा है |तीपहिया वाहन खंड में मात्रा में 16% और मूल्य में 24% की वृद्धि हुई | वाणिज्यिक वाहन खंड में मात्रा में 3% की वृद्धि हुई.भारतीय ग्राहक विभिन्न क्षेत्रों में अधिक ऊंचे एवं महंगे मॉडल को पसंद कर रहे हैं, तथा वाहनों की औसत कीमत बढ़ रही है | भारत कम कीमत वाले उत्पादों को दरकिनार करते हुए और खूबियों और ऊंची कीमत वाले वाहनों को पसंद कर रहा है|
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