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Unity news

April 4, 2024

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Difference Between Desi Cow and Jersey Cow : कौन सी गाय है सबसे अच्छी ? देशी गाय या जर्सी गाय, जानिए पूरी जानकारी.


Animal care update : किसान और चरवाहे अपनी आय बढ़ाने के लिए कई प्रकार के दुधारू पशु पालते हैं। आजकल पशुपालन एक अच्छा व्यवसाय है। लेकिन गायों के बारे में सही जानकारी न होने के कारण कई बार देखा गया है कि चरवाहों को कई समस्याओं का सामना करना पड़ता है।

 देशी गाय आमतौर पर स्थानीय नस्ल की होती है, जबकि जर्सी गाय एक विशेष नस्ल होती है जो उत्तर अमेरिका के जर्सी द्वीप से प्राप्त हुई है। दोनों में विभिन्न आयु, वजन, और दूध के उत्पादन की क्षमता में अंतर होता है। जर्सी गाय अक्सर अधिक दूध उत्पादित करती है और उसका दूध अधिक मात्रा में चरणों के अंदर उपयोग किया जाता है। देसी गाय के लम्बे सींग और बड़े कूबड़ होते है जबकि जर्सी गाय में ये सब नहीं होता है। देसी गायों का कद जर्सी गायों की अपेक्षा छोटा होता है। देसी गाय की तुलना में जर्सी गाय अधिक दूध देती है। देसी गायों को आमतौर पे बच्चा पैदा करने में 30-36 महीने लगते हैं जबकि जर्सी गायों को 18-24 माह ही लगते हैं।

      देशी गाय और जर्सी गाय  बीच के  फरक 

1: देशी गाय, जिसे भारतीय नस्लीय गाय भी कहा जाता है, भारतीय सबसे प्राचीन गाय नस्लों में से एक है। इन्हें भारत के विभिन्न क्षेत्रों में पाया जाता है। देशी गाय का विकास प्राकृतिक परिस्थितियों, पोषण, और क्षेत्रीय चर्चा के आधार पर होता है। ये गाय छोटे आकार और लंबे शिरों वाले होते हैं। उनकी शिंगें लंबी होती हैं और वे मोटे कुबड़े वाले होते हैं। देशी गाय का दूध साधारणत: 3 से 4 लीटर तक प्रतिदिन होता है। इन्हें आधुनिक नस्लों की तुलना में कम उत्पादक माना जाता है, लेकिन वे स्थानीय वातावरण में अधिक सक्रिय होती हैं और कम उपचार की आवश्यकता होती है।

2 : जर्सी गाय, उत्तर अमेरिका के जर्सी द्वीप से प्राप्त होने वाली एक विशेष नस्ल है। इनका वजन और आकार देशी गायों के मुकाबले थोड़ा अधिक होता है। जर्सी गाय की शिरा में थोड़ा संकुचित होता है और उनके शरीर का रंग गहरी भूरी या बैंगनी होता है। 

जर्सी गाय का दूध उत्तम गुणवत्ता का होता है और इनकी उत्पादनता भी अधिक होती है। आमतौर पर जर्सी गाय प्रति दिन 12 से 14 लीटर दूध देती है। इसके अलावा, इनका शरीर भी कम उपाय की आवश्यकता होती है और इनका विकास ठंडे तापमान के अनुसार होता है। जर्सी गाय का विकास ठंडे तापमान पर अधिक अवलंबित होता है।

थँक  यौ 


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Unity news

April 3, 2024

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Shami plant : घर मै शमी का पौधा क्यो लगाना चाहिए? जानीए शमी के पौधे फायदे.


Shami plant:  हॅलो  दोस्तो शमी के पौधे को घर में लगाने से विभिन्न धार्मिक और सांस्कृतिक मान्यताओं का पालन किया जाता है। इसके अलावा, लोग मानते हैं कि शमी का पौधा घर में शांति, सुरक्षा और समृद्धि की विशेष शक्ति लाता है। इसके साथ ही, यह पौधा आसपास के पर्यावरण को भी सुदृढ़ करता है और वातावरण को सुचरित रखने में मदद करता है। कई लोग इसे भूमि की सुरक्षा और रक्षा के लिए भी लगाते हैं।

शमी का पौधा एक प्रकार का छोटा पौधा होता है जो आम तौर पर गर्मी के इलाकों में पाया जाता है। इसके पत्ते छोटे और घने होते हैं और इसके फूल लाल या पीले रंग के होते हैं। इसके फल छोटे-छोटे होते हैं और वे मीठे होते हैं। शमी के पौधे के लकड़ी बहुत मजबूत होती है और इसका उपयोग लकड़ी के कई उपयोगिताओं के लिए किया जाता है।

           शमी का धार्मिक महत्व

मान्यता है कि इसे अपने घर में लगाने से शनिदेव की कृपा प्राप्त होती है साथ ही यदि किसी पर शनि की साढ़ेसाती चल रही है तो शमी के पोधे की नियमित पूजा करनी चाहिए। ऐसे लोगों को शमी के पौधा का पत्ता गणेश जी को चढ़ाने से शनि दोष का प्रभाव कम होता है. शनि देव के आने से शांति, स्थिरता और समृद्धि की कामना की जाती है। कुछ लोग अपने घर में शमी के पौधे को लगाते हैं क्योंकि यह एक प्रसिद्ध परंपरा है जो शनि देव की पूजा में मान्यता दी जाती है। इसके अलावा, शमी का पौधा घर को शुभ और सुरक्षित बनाने में मदद कर सकता है, क्योंकि इसे लोग धार्मिकता और संरक्षण का प्रतीक मानते हैं।

 

  शमी के पोधे को घर में लगाने के कुछ फायदे

1. धार्मिक आधार:शमी का पौधा धार्मिकता का प्रतीक माना जाता है।

2. शांति और सुरक्षा:  इसे घर में लगाने से शांति और सुरक्षा का अनुभव होता है।

3. पर्यावरण का संरक्षण: यह पौधा पर्यावरण को सुचारू रूप से संरक्षित रखता है।

4. वास्तु शास्त्र:  इसे वास्तु शास्त्र के अनुसार लगाने से घर की ऊर्जा संतुलित रहती है।

5. प्राकृतिक सौंदर्य: शमी का पौधा आपके घर को प्राकृतिक सौंदर्य प्रदान करता है।

6. आच्छादन के लिए:  विशेष अवसरों पर घर को सजाने के लिए इसका उपयोग किया जा सकता है।

7. वृक्षारोपण:  पर्यावरण संरक्षण के लिए यह एक अच्छा विकल्प है।

8. पूरे साल बरसात:यह पौधा पूरे साल हरी रहता है, जिससे घर में एक प्राकृतिक महसूस होता है।

9. स्वास्थ्य के लिए: पौधे के उपरांत घर में वातावरण की शुद्धता बढ़ती है, जो स्वास्थ्य के लिए लाभकारी होता है।

10. साथी पौधा:इस पौधे को दूसरे पौधों के साथ लगाने से एक साथी वातावरण बनता है।

 

इन सभी फायदों को समझ कर और उन्हें अपने घर के आवासीय दृश्य के अनुसार अनुकूलित करके आप अपने घर में शमी का पौधा लगा सकते हैं।

Thank you.....

 


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Unity news

April 2, 2024

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Gardening tips : 'तलाव' मै ही नाही! आपके घर मै ही उगा सकते हों कलम के पोधे.?


 

गार्डनिंग टिप्स: हॅलो दोस्तो घर मै कमल के पौधे को बेस्ट तरीके से लगाने के लिए, यह ध्यान में रखना महत्वपूर्ण है कि आप उन्हें किसी भी समय नहीं लगा सकते। कमल के पौधे को सबसे अच्छे तरीके से लगाने का समय उनकी प्राकृतिक विकास अवस्था के अनुसार होता है। वे आमतौर पर गर्मी के महीनों में अधिक उगते हैं। उन्हें गर्मी के अंत में या गर्मियों की शुरुआत में लगाना अच्छा होता है। जब भूमि का तापमान 15-20 डिग्री सेल्सियस के बीच हो, तब आप कमल के पौधे को लगा सकते हैं। ध्यान दें कि बीज से पौधे तक का समय भी आधारभूत होता है। आपको बीज उपलब्ध होने के बाद और पौधे को लगाने के समय के बीच का सही संबंध बनाए रखना चाहिए।

एक कमाल का पौधा उगाने के लिए, सबसे पहले आपको एक अच्छे वातावरण के साथ अच्छी गुणवत्ता के बीज ढूंढने की आवश्यकता होगी। यह सुन्दर पौधा धूप और आच्छादित स्थान को पसंद करता है। इसके बाद, बीज को गर्म पानी में भिगोकर रात भर के लिए रखें। अगले दिन, उन्हें एक अच्छे खाद युक्त मिट्टी में बोना जाए, जिसमें खाद, मिट्टी, और रेत मिलाई गई हो। फिर ध्यान दें कि पौधा को नियमित रूप से पानी दिया जाए और उसे धूप और अच्छी हवा मिले। अन्य फलों की तरह, कमाल का पौधा भी धैर्य, संवेदनशीलता और संरक्षण की आवश्यकता होती है।

कमल का पौधा उगाने के लिए, निम्नलिखित चरणों का पालन करें:

1. बीज का चयन: पहले, एक अच्छे गुणवत्ता के कमल के बीज ढूंढें।

2. पोट में बोना: बीज को आपकी चयनित मिट्टी में बोने। मिट्टी में खाद मिलाना न भूलें।

3. पानी और धूप: पौधे को नियमित रूप से पानी दें, और उसे सूर्य की रोशनी मिलनी चाहिए।

4. देखभाल: पौधे की नियमित देखभाल करें, जैसे कि कीट प्रतिरोधक छिद्रों की जाँच और उन्हें हटाना।

5. फूलों की देखभाल: फूलों की देखभाल करें, जैसे कि पुष्पों को समय समय पर काटना और स्वच्छ रखना।

 

:कमल को घर में लगाने के लिए कुछ उचित जगहों की सूची: 

1. मिट्टी का पोट: कमल को बड़े मिट्टी के पोट में लगाना उचित होता है। ध्यान दें कि पोट में अच्छा ड्रेनेज होना चाहिए ताकि पानी नहीं जमा रहे।

2. गमला: छोटे कमल को गमले में लगाना भी उचित होता है, खासकर जब आपके पास कम जगह हो। ध्यान दें कि गमले में भी अच्छा ड्रेनेज होना चाहिए।

3. कमल के जलशाय में: कुछ लोग कमल को जलशाय में लगाते हैं। यह एक आकर्षक विकल्प हो सकता है, खासकर जब आपके पास छोटी जगह हो। इसके लिए विशेष तरह के जलशाय में पानी की स्तर को संभालना महत्वपूर्ण है।

 

याद रखें, पौधे की सही देखभाल और ध्यान से, आपके घर में एक सुंदर कमल का पौधा उगाना आसान हो सकता है।

Thank you.......

 


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Unity news

March 23, 2024

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Holi Festival of careing: होळी के दिन कुछ सावधानीया पालन करना महत्वपूर्ण है?


 

holi festival of careing : हॅलो दोस्तो होली भारतीय समाज में एक महत्वपूर्ण और रंगबिरंगा त्योहार है। यह फाल्गुन मास के पूर्णिमा को मनाया जाता है। होली का महत्व भगवान विष्णु के भक्त प्रहलाद की रक्षा, प्रेम और एकता का संदेश, फसलों की बुराई का दहन और वसंत ऋतु का आगमन माना जाता है। इस त्योहार में लोग रंगों से खेलते हैं, गुलाल और अबीर बिखेरते हैं, और मिठाई बांटते हैं। यह एक समाजिक और सांस्कृतिक उत्सव है जो लोगों को एक साथ आने और खुशियों का अनुभव करने का मौका देता है।

होली का पहला दिन, जो विश्वसनीयता से होलिका दहन कहलाता है, विभिन्न पारंपरिक कथाओं और धार्मिक महत्व के साथ मनाया जाता है। इस दिन के अंतर्गत, लोग होलिका दहन की पूजा करते हैं और होली की आग को जलाते हैं। यह पर्व प्राचीन हिंदू धर्म के अनुसार हिरण्यकश्यप और प्रह्लाद की कथा को याद करता है, जिसमें प्रह्लाद नामक युवक अपनी भक्ति के लिए उसके भगवान भक्त होलिका के चढ़े हुए प्यारे प्रह्लाद की रक्षा की गई थी। इसलिए, होलिका दहन का महत्वपूर्ण संदेश है कि भले ही अधर्मीता की आग होलिका के विनाश के साथ जलती है, लेकिन सत्य, धर्म और प्रेम का प्रह्लाद जीतता है।

होली का त्योहार भारत में बहुत ही धूमधाम से मनाया जाता है।  जो इस होली को आप सुरक्षित और रोमांचक बना सकते हैं:

 

1. रंगों का उपयोग करें जो पर्यावरण के लिए सुरक्षित हों।

2. अपनी त्वचा को रंगों से बचाने के लिए तेल या सनस्क्रीन क्रीम का उपयोग करें।

3. खासतौर पर बच्चों के लिए विशेष रंगों का उपयोग करें जो स्वास्थ्य के लिए सुरक्षित हों।

4. ध्यान दें कि आपके द्वारा उपयोग किए जाने वाले रंग गुणकारी हों।

5. भोजन को अच्छे से पकाकर खाएं, ताकि पेट की समस्याएं न हों।

6. अल्कोहल और अन्य मद्यपान का सेवन न करें।

7. पानी की बाल्टी और पिचकारी का उपयोग करें।

8. दूरगामी पिचकारियों का उपयोग करें ताकि संपर्क कम हो।

9. खासतौर पर बच्चों को बड़े बच्चों द्वारा पर्याप्त संरक्षण दिया जाए।

10. ध्यान दें कि आपके आसपास कोई आग या चिमनी न हो।

11. सुरक्षित और अच्छे संगीत का आनंद लें।

12. परिवार और मित्रों के साथ मनोरंजन का आनंद लें।

13. पारंपरिक खाने का आनंद लें, जैसे गुजिया, थंडाई, आदि।

14. सामूहिक खेल खेलें, जैसे कबड्डी या गिल्ली-डंडा।

15. छोटे बच्चों को सुरक्षित और आनंदमयी होली का अनुभव कराएं।

16. अपने विचारों को शांत रखें और अवधारणाओं का सम्मान करें।

17. पर्यावरण की देखभाल के लिए पेड़-पौधों का बचाव करें।

18. अपने साथ एक विशेष व्यक्ति को लेकर खेलें और उनके साथ समय बिताएं।

19. ध्यान दें कि किसी को भी अनिच्छित रूप से रंग न डालें।

20. समाज के सदस्यों के साथ मिलकर समर्थन करें और सहयोग प्रदान करें।

       होळी के दिन क्या रखे सावधनिया

होली के दिन कुछ सावधानियों का पालन करना महत्वपूर्ण है ताकि आप और आपके परिवार के लिए सुरक्षित रहें। यहां कुछ सुरक्षित रहने के लिए सावधानियां हैं:

 

1. रंगों का उपयोग करें जो पर्यावरण के लिए सुरक्षित हों।

2. बाजार से सत्यापित और गुणवत्ता वाले रंग ही खरीदें।

3. अपने आँखों, नाक और मुंह को रंगों से बचाने के लिए आँखों का चश्मा, नाकमुख और फेस मास्क पहनें।

4. ध्यान दें कि रंग केवल त्वचा पर ही लगाए जाएं, आंतरिक उपयोग से बचें।

5. बच्चों को निगरानी में रखें और उन्हें सुरक्षित जगहों पर ही खेलने दें।

6. अपने बालों को तेल या कंडीशनर से लिपटाएं ताकि रंग आसानी से धोने जा सके।

7. बालों को पानी से भरी गिलास के साथ बंध लें ताकि रंग न जमे।

8. पेट को अच्छे से खाली रखें, खासतौर पर साफ पानी पीने का ध्यान रखें।

9. बड़े ताजा पानी का उपयोग करें रंग हटाने के लिए।

10. अपने अनुभवों का आनंद लेने के लिए दोस्तों और परिवार के साथ खुशियों का जश्न मनाएं।

 

याद रहें, सावधानी से खेलने के साथ ही होली का मज़ा लें।

Happy holi... All


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Unity news

March 21, 2024

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Nail care : सावधान! आप भी नाखुन बढाणे के शौकीन! हों जाओ सावध! नाही तो हों सक्ती ऐ बिमाऱ्या..?


 

nail care: हॅलो दोस्तो आज काल इस दुनिया मै हर चीज की फैशन करते है. जेसे की.नाखूनों को बड़ा रखना भी कुछ लोगों के लिए फैशन हों सकता है। कुछ मानदंडित छवियों और कला के क्षेत्रों में, बड़े नाखून एक विशेष लुक या अद्भुत डिज़ाइन का हिस्सा बन सकते हैं। विभिन्न रंगों, डिज़ाइन और पैटर्न के साथ नाखूनों को बड़ा करने के कई तरीके हैं, जैसे कि नाखूनों पर चित्रकला, मैटलिक रंग, और विभिन्न शैलियों की फिलिंग। इसके अलावा, कुछ लोग अलग-अलग आकारों और लंबाई के नाखूनों को शैली का अंग बनाते हैं। नाखूनों को बड़ा रखना भी कई लोगों के लिए फैशन k एक हिस्सा हो सकता है।

इस नाखुन बढाणे  फैशन के चालते  कुछ समस्याएं हो सकती हैं जो बिमारी का कारण बन सकती हैं। यहाँ कुछ संभावित समस्याएं हैं:

 

1. इंग्रोइंग नाखून: अगर नाखून बहुत बड़ा होता है, तो वह अंदर की ओर मोड़ सकता है और इंग्रोइंग नाखून का कारण बन सकता है, जिसमें नाखून चमड़े के अंदर उतर जाता है। यह दर्द, सूजन और इंफेक्शन का कारण बन सकता है।

 

2. नाखून की फटना:बड़े नाखूनों के कारण, नाखून फट सकते हैं या उनमें दरारें पैदा हो सकती हैं, जो इंफेक्शन का कारण बन सकती हैं।

 

3. जख्मी होना: बड़े नाखून आपको जख्मी होने के संभावना को बढ़ा सकते हैं, खासकर अगर आप कठिन काम करते हैं।

 

4. अस्थमा के कारण: यदि नाखूनों को बड़ा रखा जाता है तो यह आपको अस्थमा का कारण बन सकता है।

 

नाखूनों को बड़े करने का एक कारण हो सकता है कि व्यक्ति को बाहरी दुनिया में या उसके आसपास की चीजों के साथ काम करने का बड़ा संचित्रण हो, लेकिन यह आम तौर पर नाखूनों को बड़ा नहीं किया जाता है क्योंकि बड़े नाखूनों से जुड़ी समस्याएं हो सकती हैं, जैसे कि इंग्रोइंग या फटना।

 

स्वास्थ्य को अच्छा रखने के लिए, निम्नलिखित कार्यों को करना महत्वपूर्ण है:

1. नियमित रूप से नाखूनों को काटें: नियमित अंतराल से नाखूनों को सही तरीके से काटना अच्छा है।

2. हाथों को साफ रखें: हाथों को साफ रखना, विशेष रूप से नाखूनों को, संक्रमणों से बचाव कर सकता है।

3. हाथ की देखभाल:हाथों की त्वचा को मोइस्चराइज़ करना और सुरक्षा प्रदान करने के लिए उपयुक्त लोशन का उपयोग करें।

            नाखुन कैसे काटे. 

 1: नाखून काटने के लिए तैयार करें । अपने नाखूनों को मुलायम करने के बाद ही नेल ट्रिमिंग करनी चाहिए। अपने नाखूनों को काटने का सबसे अच्छा समय नहाने या स्नान करने के ठीक बाद का है। आप काटने से पहले अपने नाखूनों को नरम करने के लिए उन्हें कुछ मिनटों के लिए गर्म पानी में भी भिगो सकते हैं।

 

2: अपने उपकरण इकट्ठा करो. नाखून काटने के लिए नाखून कतरनी या नाखून कैंची का प्रयोग करें। उंगलियों और पैर के नाखूनों के लिए विभिन्न प्रकार के नेल क्लिपर उपलब्ध हैं। अपने नाखूनों के लिए नियमित नाखून कतरनी या नाखून कैंची का उपयोग करें और अपने पैर की उंगलियों के लिए पैर की अंगुली कतरनी का उपयोग करें। यदि आपको लगता है कि आपके पैर के नाखून इतने मोटे हैं कि नियमित पैर के अंगूठे के कतरनी से नहीं काटे जा सकते, तो आप टोनेल निपर नामक स्प्रिंग-हैंडल टूल का भी उपयोग कर सकते हैं।

 

3: सुनिश्चित करें कि आप क्लिपर्स या कैंची को अपने नाखूनों पर उपयोग करने से पहले कीटाणुरहित कर लें। औजारों को अच्छे से साफ करने के लिए सबसे पहले एक छोटे स्क्रब ब्रश को 70% से 90% आइसोप्रोपिल अल्कोहल वाले कटोरे में भिगोएँ । फिर क्लिपर्स या कैंची को साफ करने के लिए उसी ब्रश का उपयोग करें। उपयोग करने से पहले सभी चीजों को गर्म पानी से धोएं और सूखने दें। 

 

4: नाखूनों को सीधा काटें। अपने नाखूनों को "वी" आकार में काटने या किनारों को गोल करने से बचें। नाखूनों को सीधा काटें ताकि वे इतने लंबे हों कि किनारों पर नाखून के कोने बरकरार रहें। यह काटने की तकनीक पैर के अंदर की ओर बढ़ने वाले नाखूनों को रोकने में मदद कर सकती है । जब आपके पैर के नाखून अंदर की ओर बढ़ते हैं, तो आपके कोने पर नाखून का एक हिस्सा त्वचा में बढ़ जाता है, जिससे दर्द होता है और कभी-कभी संक्रमण भी होता है।

 

5: उबड़-खाबड़ किनारों को भी समतल करें। अपने नाखून काटने के बाद, आप कभी-कभी पा सकते हैं कि किनारे थोड़े खुरदुरे या असमान हैं। नाखूनों को फाइल करने के लिए नेल फाइल या एमरी बोर्ड का उपयोग करें ताकि वे एक समान हो जाएं। जब आप किसी नाखून को फ़ाइल करते हैं, तो आप ऊबड़-खाबड़ किनारों को पीसने के लिए नेल फ़ाइल को नाखून के किनारे पर रगड़ रहे होते हैं। अपने नाखूनों को नुकसान पहुंचाने या कमजोर होने से बचाने के लिए आगे-पीछे करने के बजाय केवल एक ही दिशा में फाइल करें।

 

6: क्यूटिकल्स को बचाएं. क्यूटिकल वह स्थान है जहां आपका नाखून त्वचा से मिलता है । यह एक नए नाखून की रक्षा करने में मदद करता है क्योंकि यह छल्ली के नीचे जड़ से बढ़ता है। यदि आप क्यूटिकल्स में कटौती करते हैं, तो बैक्टीरिया और रोगाणु आपके शरीर में प्रवेश कर सकते हैं, जिससे संक्रमण हो सकता है। यदि आपको क्यूटिकल्स के क्षतिग्रस्त होने के कारण संक्रमण हो जाता है, तो संक्रमण को ठीक होने में अधिक समय लग सकता है। जब आप अपने नाखून काट रहे हों तो क्यूटिकल्स को अकेला छोड़ दें।

 

7: मॉइस्चराइजर का प्रयोग करें . एक बार जब आप नाखून की ट्रिमिंग और फाइलिंग का काम पूरा कर लें, तो मॉइस्चराइजर लगाएं । मॉइस्चराइज़र का उपयोग आपके नाखूनों को लचीला बनाए रखने में मदद कर सकता है। यदि नाखून बहुत अधिक शुष्क हो जाएं तो वे आसानी से टूटने लगते हैं। सूखे नाखून भी अधिक आसानी से टूट सकते हैं। क्यूटिकल्स के साथ-साथ नाखूनों पर भी मॉइस्चराइज़र लगाना याद रखें।

 

सास्थ्य को अच्छा रखने के लिए, नाखूनों को  नियमित रूप से काटे और उनकी देखभाल करना और स्वच्छता का ध्यान रखना अधिक महत्वपूर्ण है।

Thank you...

 


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Unity news

March 20, 2024

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Indian Premier League: ipl के बारे मै कुछ महत्व पूर्ण जानकारी? आपको नाही पता कोणसा खिलाडी कोणसे टीम सें खेल राहा. तो जाणे..


 

Indian Premier League (ipl) : हॅलो दोस्तो ipl ke बारे aap सभी जाणते ही होगे. केकीन आपको पता है ipl कोणसे साल मै शुरु  हुवा था?  और ipl को क्यू शुरु  किया था? नाही जाणते तो आज जाण जाओगे..

भारतीय प्रीमियर लीग (IPL) का इतिहास 2008 में शुरू हुआ था। यह भारतीय क्रिकेट का एक प्रमुख टूर्नामेंट है जो टीमों के बीच ट्वेंटी20 क्रिकेट प्रतियोगिता का आयोजन करता है। इस लीग का मुख्य उद्देश्य क्रिकेट को अन्य खेलों की तुलना में एक नए, आकर्षक और एकाधिकारिक उपाय में प्रस्तुत करना है।

Indian Premier League: (IPL) में कुल 8टीम होती हैं, जो एक दूसरे के खिलाफ मुकाबले करती हैं। ये टीमें विभिन्न शहरों या राज्यों को प्रतिनिधित्त्व करती हैं और प्रत्येक टीम के पास अपना खुद का नाम, लोगो, और खिलाड़ियों की समृद्धि के लिए एक टीम का प्रबंधक होता है।

IPL में विभिन्न भारतीय शहरों के लिए टीमें होती हैं, जैसे कि मुंबई इंडियंस, चेन्नई सुपर किंग्स, दिल्ली कैपिटल्स, कोलकाता नाइट राइडर्स, राजस्थान रॉयल्स, बैंगलोर रॉयल चैलेंजर्स, सनराइज़र्स हैदराबाद, पंजाब किंग्स XI लखनो सुपर जाईंट,और गुजरात लायंस।

IPL के दौरान खिलाड़ियों को विभिन्न आयोजनों में शामिल होने का मौका मिलता है, जो उन्हें अंतरराष्ट्रीय स्तर पर उनकी क्रिकेट करियर को सुधारने का अवसर प्रदान करता है। इसका पॉपुलैरिटी और महत्व दिन पर दिन बढ़ता जा रहा है, और यह भारतीय क्रिकेट के लिए एक महत्वपूर्ण प्रतियोगिता बन चुका है।

        टीम  के खिलाडीयोंके  नाम..

 

1: Gujarat Titans 

1: अभिनव मनोहर : Right-Handed बॅट्समन 

2: डावीड मिलर : Left-Handed बॅट्समन 

3:  विलियामसन : Right-Handed बॅट्समन 

4:साई सुधारसाण Left-Handed बॅट्समन 

5:शुभमन गिल (C) : Right-Handed बॅट्समन 

6: राहुल तेवतिया :Left-Handed बॅट्समन • Right-Arm Leg स्पिन Bowler

7: शाहरुख खान : Right-Handed बॅट्समन 

8: विजय शंकर : Right-Handed बॅट्समन • Right-Arm मेडीयम Bowler

9: मॅटहेव वाडे (Wk): Left-Handed बॅट्समन 

10: रशीद खान : Right-Arm लेग स्पिन Bowler

 

2: dc

players: Rishabh Pant( c), David Warner, Prithvi Shaw, Yash Dhull, Abishek Porel, Axar Patel, Lalit Yadav, Mitchell Marsh, Pravin Dubey, Vicky Ostwal, Anrich Nortje, Kuldeep Yadav, Lungi Ngidi, Khaleel Ahmed, Ishant Sharma, Mukesh Kumar

3: pbks

Shikhar Dhawan(c),  Matthew Short, Prabhsimran Singh, Jitesh Sharma, Sikandar Raza, Rishi Dhawan, Liam Livingstone, Atharva Taide, Arshdeep Singh, Nathan Ellis, Sam Curran, Kagiso Rabada, Harpreet Brar, Rahul Chahar, Harpreet Bhatia, Vidwath Kaverappa, Shivam Singh.

4:Lsg

Quinton de Kock , KL Rahul(c ), Nicolas Pooran . Devdutt Padikkal, Ayush Badoni, Ashton Turner, Deepak Hooda, K. Gowtham, Krunal Pandya, Kyle Mayers, Marcus Stoinis, Prerak Mankad, Yudhvir Singh Charak, David Willey , Arshin Kulkarni, Md. Arshad Khan,  Mark Wood , Mayank Yadav, Mohsin Khan, Ravi Bishnoi, Yash Thakur, Amit Mishra, Naveen-ul-Haq, Shivam Mavi, Manimaran Siddarth.

5:csk

MS Dhoni (c), Moeen Ali, Deepak Chahar, Devon Conway, Tushar Deshpande, Shivam Dube, Ruturaj Gaikwad, Rajvardhan Hangargekar, Ravindra Jadeja, Ajay Mandal, Mukesh Choudhary, Matheesha Pathirana, Ajinkya Rahane, Shaik Rasheed, Mitchell Santner, Simarjeet Singh, Nishant Sindhu, Prashant Solanki, Maheesh Theekshana, Rachin Ravindra, Shardul Thakur, Daryl Mitchell, Sameer Rizvi, Mustafizur Rahman, Avanish Rao Aravelly

6:mi

Ishan Kishan, Vishnu Vinod.Rohit Sharma, Tim David , Suryakumar Yadav, N. Tilak Varma, Dewald Brevis Hardik Pandya, Romario Shepherd , Nehal Wadhera, Shams Mulani, Gerald Coetzee, Mohammad Nabi, Shivalik Sharma, Naman Dhir, Jasprit Bumrah, Jason Behrendorff, Kumar Kartikeya, Akash Madhwal, Arjun Tendulkar, Piyush Chawla, Dilshan Madushanka , Nuwan Thushara , Anshul Kamboj, Shreyas Gopal.

7:Rcb

Faf du Plessis (c) 

Glenn Maxwell

Virat Kohli

Rajat Patidar

Anuj Rawat

Dinesh Karthik

Suyash Prabhudessai

Will Jacks

Mahipal Lomror

Karn Sharma

Manoj Bhandage

Mayank Dagar

Vijaykumar Vyshak

Akash Deep

Mohammed Siraj

Reece Topley

Himanshu Sharma

Rajan Kumar

Cameron Green

Alzarri Joseph

Yash Dayal

Tom Curran

Lockie Ferguson

Swapnil Singh

Saurav Chauhan.

 

8: hrs

Aiden Markram (Captain)

Washington Sundar

Rahul Tripathi

Mayank Agarwal

Abhishek Sharma

Heinrich Klaasen

Bhuvneshwar Kumar

Marco Jansen

Abdul Samad

T Natarajan

Umran Malik

Shahbaz Ahmed

Glenn Phillips

Fazalhaq Farooqi

Mayank Markande

Upendra Yadav

Anmolpreet Singh

Nitish Kumar Reddy

Sanvir Singh

Pat Cummins

Travis Head

Jaydev Unadkat

Wanindu Hasaranga

Jhathavedh Subramanyan

Akash Singh

 

9:RR

Yashasvi Jaiswal, Shimron Hetmyer, Rovman Powell, Riyan Parag, Shubham Dubey, Sanju Samson (c), Jos Buttler, Dhruv Jurel, Tom Kohler-Cadmore*, Kunal Singh Rathore

 

ये कुछ प्रमुख खिलाड़ी हैं, जो अपने अपने टीम के साथ खेलते हैं। टीम में अन्य भी कई उत्कृष्ट खिलाड़ियों के मौजूद होते हैं।

Thank you.


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March 18, 2024

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effect of drinking: खबरदार! 'दारू पिताय'. व्हा सावध, अन्यथा होऊ शकतात या बिमाऱ्या?.


Effect of drinking :: हाय मित्रानो लोक दारू का पितात? हा प्रश्न सर्वांच्या मनामध्ये एक ना एक वेळा आलं असेलच. आज याच प्रश्नवर चर्चा करणार आहोत. लोक दारू पीतात यांचे कारणे वेग वेगळी आहेत. काही लोक दारू पिण्याच्या सवय आणि अनुभवामध्ये मात्र आनंद मिळते, त्याचा सामाजिक वातावरणात आणि सामाजिक संघटनांमध्ये भाग घेण्यासह संबंधित असते. इतर लोक दारू पीतात कारण आधारे अत्यंतता, मानसिक तणाव, कामाच्या प्रदर्शनाच्या आत असहमती आणि इतर आदिकांसाठी एक प्रकारची आत्मविश्वासहीनता, आणि मानसिक स्वास्थ्य समस्या असू शकतात. तसेच, काही लोक दारू पीण्याच्या प्रभावासह सार्थकता, कामात यश मिळवण्याचा एक माध्यम मानतात. परंतु, दारू पिण्याच्या नकारात्मक परिणामांमध्ये जीवनातील संघर्षांचा विशेषतः अधिक धाव देणारा वातावरण, स्वास्थ्य संबंधित समस्या, आणि सामाजिक समस्यांचा कारक असतो. त्यामुळे, दारू पिणे स्वस्थ आणि सुरक्षित रहण्यासाठी केवळ मानवी मात्रा आणि परिस्थितीत अधिकाधिक धोरणांचा नियंत्रण आणि सावधानपणे वापर करणे महत्त्वाचे आहे.

        दारू पिण्याचे काही परिणाम आहेत:

 

1. स्वास्थ्य समस्या: दारू पिण्याची अधिकता स्वास्थ्याच्या समस्यांस जोडू शकते, जसे की लिव्हर किडनी आणि हृदय समस्या.

 

2. मानसिक स्वास्थ्य: अत्यधिक पाणी पिण्यामुळे आवडताना दारूच्या संपर्कात आल्यास मानसिक समस्या वाढू शकतात, जसे की डिप्रेशन आणि अंधार.

 

3. सामाजिक प्रभाव: दारूचे अत्यंत सेवन करण्याने संबंधांमध्ये संघर्ष आणि संघर्ष येऊ शकतात.

 

4. कानूनी मुद्दे: दारू पिण्याने गाडी चालण्याच्या अव्यवस्थितता, अपघात आणि कायदेशीर दंडाची जोखिम वाढू शकते.

 

5. पेशेवर संघटना: अत्यंत पाणी पिण्यामुळे कार्यसंघटनेची असंतोष आणि कामाच्या गुणात्मकतेत कमी होऊ शकते.

 

6. दारू पिल्याने आपल्या करिअरमध्ये प्रगती कमी होईल.

 

7. संबंधात्मक संघर्ष: अत्यंत पाणी पिण्यामुळे कौटुंबिक संबंधांमध्ये संघर्ष आणि असमंजस होईल.

 

8. व्यक्तिगत स्वार्थाची अधिकता: दारू पिण्यामुळे व्यक्तिगत स्वार्थाची अधिकता वाढू शकते.

 

9. शारीरिक क्षमता: अत्यंत पाणी पिण्यामुळे शारीरिक क्षमता कमी होईल.

 

10. पैसे खर्च : अत्यंत पाणी पिण्यामुळे आपल्या आर्थिक स्थितीमध्ये कमी होईल.

 

11. संबंधात्मक संघर्ष: अत्यंत पाणी पिण्यामुळे संबंधात्मक संघर्ष वाढू शकतात.

 

12. संघटनेची क्षमता: दारू पिण्याच्या कारणाने कार्यसंघटनेची क्षमता कमी होते.

 

13. प्रतिसाद: अत्यंत पाणी पिण्यामुळे आपल्या असंतोषाचे प्रतिसाद कमी होईल.

 

14. संघटनेची भावना: दारू पिण्यामुळे संघटनेची भावना कमी होते.

 

15. उत्पादनशी संबंध: अत्यंत पाणी पिण्यामुळे उत्पादनशी संबंध कमी होईल.

 

16. संबंधात्मक आर्थिक संघटना: दारू पिण्यामुळे संबंधात्मक आर्थिक संघटना वाढते.

 

17. सामाजिक संबंध: अत्यंत पाणी पिण्यामुळे सामाजिक संबंध बिघडतात.

 

18. आत्मविश्वास: दारू पिण्याच्या परिणामाने आत्मविश्वास कमी होतो.

 

19. संपत्ती: अत्यंत पाणी पिण्यामुळे संपत्ती कमी होईल?

 

दारू पिण्याच्या किंवा अत्यधिक सेवनाच्या परिणामात विविध आजारांचा धोका असू शकतो. काही विशेष टिप्स आहेत:

 

1. मधुमेह: दारूचे अत्यधिक सेवन मधुमेहाच्या धोक्याचा कारण बनू शकतो.

2. उच्च रक्तदाब: अत्यधिक दारू सेवनाने उच्च रक्तदाब होऊ शकतो.

3. मस्तिष्क अशांतता: अत्यधिक पिणे संयोगात अंधापन, मानसिक अशांतता आणि मस्तिष्काच्या समस्या येऊ शकतात.

4. पाचन समस्या: दारू पिण्याच्या परिणामात पाचन समस्या होऊ शकते.

5. लिवर रोग: अत्यधिक दारू सेवनाने लिवर क्षतिग्रस्त होऊ शकतो.

6. मनोविकार: दारूचे अत्यधिक सेवन मानसिक समस्या जसे कि डिप्रेशन आणि अयापेटाइट वाढू शकतात.

7. उच्च रक्तचाप: अत्यधिक दारू सेवनाने उच्च रक्तचाप वाढू शकतो.

8. परिमाणात नियंत्रण: दिवसातील दारूचे मध्यमाध्यम वापर करा.

9. दृष्टीकोन: अत्यधिक सेवन करण्यापूर्वी आपल्या स्वास्थ्य विशेषज्ञाशी चर्चा करा.

10. स्वस्थ आहार: विविध आहारात समृद्ध असा सुरक्षित रहाण्यासाठी आहार संशोधन करा.

11. व्यायाम: नियमित व्यायाम करणे स्वस्थ जीवनस्तरातील मदतीला असू शकते.

12. अल्कोहॉल विहिन दिवस: अत्यधिक दिवस पिणे अल्कोहॉल विहिन ठरवा.

13. स्वतंत्री: आपल्या दारू सेवनाची नियंत्रणात्मक आणि स्वतंत्र प्रकृती ठेवा.

14. साथीदार समर्थन: संबंधीत व्यक्तींशी आपल्या सेवनाच्या अंगी वापरा.

 

आशा आहे की हे सल्ले आपल्या स्वास्थ्याला सुरक्षित ठेवण्यास मदत करतील. परंतु, सर्वोत्तम सल्ले आपल्या डॉक्टर किंवा स्वास्थ्य विशेषज्ञाशी चर्चा करा.. धन्यवाद..


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Unity news

March 16, 2024

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Rudraksha usse: क्या आप जानते हैं रुद्राक्ष धारण करणे नियम?


 

रुद्राक्ष :   ... हॅलो दोस्तो आज हम रुद्राक्ष के बारे मै बात करणे वाले है जो कई लोग रुद्राक्ष को धारण करते है? लेकिन रुद्राक्ष को कैसे धारण करें , रुद्राक्ष की क्या शक्तीया है?  और रुद्राक्ष कैसे काम करतात है इस बारे मै जाणणे वाले है? 

    रुद्राक्ष एक प्राचीन हिंदू जाप माला का हिस्सा है, जिसे हिंदू धर्म में महत्वपूर्ण माना जाता है। यह एक प्रकार का प्राकृतिक बीज होता है, जो रुद्राक्ष पेड़ के फलों से प्राप्त होता है। इसे हिंदू धार्मिक अनुष्ठान, मन्त्र जप, और ध्यान में प्रयोग किया जाता है। यह माला स्वास्थ्य, धन, और सुख की प्राप्ति के लिए भी मानी जाती है। रुद्राक्ष के पेड़ ज्यादातर नेपाल, भारत और इंडोनेशिया जैसे उत्तरी भूखंडों में पाया जाता है। इस पेड़ का वृक्ष ज्यादातर अर्बल, सिमल, बहेरा और गरुड़ वृक्षों के निचे उगाया जाता है। इसका उत्पादन बसंत ऋतु में अधिक होता है, लेकिन कुछ रुद्राक्ष पेड़ अन्य समयों में भी फलने की क्षमता रखते हैं। इसलिए, यह ठीक नहीं कहा जा सकता कि रुद्राक्ष केवल एक विशेष दिन में ही उगता है।

रुद्राक्ष को पहनने के लिए बुधवार, शुक्रवार और शनिवार को उत्तम माना जाता है। इन दिनों पर रुद्राक्ष का प्रयोग करने से उसके शक्तियों का लाभ अधिक होता है। तथापि, कोई विशेष नियम नहीं है कि अन्य दिनों पर रुद्राक्ष को न पहना जाए। यह आपकी श्रद्धा और अपने आपको समर्पित करने के भाव के साथ जुड़ा होता है।

रुद्राक्ष की महिमा अपरंपार है, लेकिन हर कोई इसे धारण नहीं कर सकता। रुद्राक्ष धारण करने के बाद भी कुछ बातों का विशेष ध्यान रखना पड़ता है। आइए जानते हैं रुद्राक्ष से जुड़े इन नियमों के बारे में।

 1: रुद्राक्ष धारण करते समय धागे के रंग का ध्यान रखना चाहिए। कभी भी काला धागा न पहनें। इसे पीले धागे या लाल धागे में जोड़ें।

 2:रुद्राक्ष बहुत पवित्र है. गंदे हाथों से न छुएं.

3: नहाने के बाद हमेशा साफ कपड़े पहनें।

4:रुद्राक्ष धारण करते समय ॐ नमः मंत्र का जाप करना चाहिए।

5:याद रखें यदि आप रुद्राक्ष की माला पहनते हैं तो मोतियों की संख्या विषम होनी चाहिए।

6:रुद्राक्ष की माला 27 मन से कम नहीं होनी चाहिए।

7:भूलकर भी किसी दूसरे का रुद्राक्ष न पहनें और अपना रुद्राक्ष किसी दूसरे को न दें

 

      रुद्राक्ष पहनने के कुछ महत्वपूर्ण फायदे और उपाय 

 

1. ध्यान और मनःशांति:रुद्राक्ष पहनने से मानसिक शांति और ध्यान की अधिकता होती है।

2. रोगनिवारण: रुद्राक्ष का प्रयोग रोगों को नियंत्रित करने और दूर करने में मदद कर सकता है।

3. शारीरिक और मानसिक स्वास्थ्य: इसका उपयोग शारीरिक और मानसिक स्वास्थ्य को सुधारने में मदद कर सकता है।

4. प्रेरणा और समर्थन: यह आपको प्रेरित करने में मदद कर सकता है और आपका समर्थन कर सकता है।

5. ध्यान एवं धारण शक्ति: रुद्राक्ष को धारण करने से ध्यान और धारण शक्ति बढ़ती है।

6. आत्मविश्वास: यह आपके आत्मविश्वास को बढ़ा सकता है और आपको साहसी बना सकता है।

7. कामना सिद्धि: कुछ लोग मानते हैं कि रुद्राक्ष पहनने से कामनाएं सिद्ध होती हैं।

8. प्राणशक्ति: यह आपकी प्राणशक्ति को बढ़ा सकता है और आपको ऊर्जावान बना सकता है।

9. संतुलन:रुद्राक्ष पहनने से आपका मानसिक और भावनात्मक संतुलन बना रहता है।

10. आत्मा की विकास:यह आपके आत्मा के विकास में सहायक हो सकता है।

 


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March 14, 2024

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Almond usse : रोज बदाम खाल्याने काय फायदे होतील .


almond usse:  हॅलो दोस्तो आज हम बदाम के बारे मै बात करणे वाले है. जो की बदाम प्रमुखत परोसे जाने वाले खाद्य पदार्थों में से एक है, जो आपके स्वास्थ्य के लिए बहुत लाभकारी होता है।  हर घर बदाम का सेवन करते है. लेकिन बदाम को कैसे खाये, बदाम को कोनसे समय खाये,  बदाम मै कोणसे व्हिटॅमिन राहते है, बदाम को खाणे सें क्या होता है.. इस बारे बात करेंगे..

    बदाम को किसी भी समय खाया जा सकता है, लेकिन कुछ समय इसके सेवन के लाभदायक होते हैं। यहाँ कुछ उपयुक्त समय हैं जब बदाम खाना उचित होता है:  सुबह के समय बदाम खाने से आपको ऊर्जा मिलती है और दिन की शुरुआत में आपका ताजगी से भरपूर रहता है।  रात्रि के समय (soaking almobd)भिगोकर बदाम खाना सेहत के लिए फायदेमंद होता है, क्योंकि यह नींद को बेहतर बनाता है और शारीरिक और मानसिक तनाव को कम करता है। भूख लगने पर बदाम को खाने से पहले भूख लगने पर खाना उचित होता है, ताकि आपका शारीर पोषक तत्वों को अधिक अवशोषित कर सके। व्व्ययाम से पहले बदाम खाना शारीरिक ऊर्जा को बढ़ावा देता है और मांसपेशियों को मजबूत करता है। तनाव और स्ट्रेस के समय बदाम का सेवन करना आपको ध्यान और शांति मिलती है, जिससे आपका मन शांत रहता है। यह थे कुछ उपयुक्त समय जब बदाम खाना उचित होता है। आप अपनी आदतों और आवश्यकताओं के अनुसार इसका सेवन कर सकते हैं।

बदाम में कई प्रकार के विटामिन्स और पोषक तत्व होते हैं, लेकिन उनमें कुछ प्रमुख विटामिन्स निम्नलिखित होते हैं:

            ( बदाम मै कोणसे व्हिटॅमिन राहते है )

1. विटामिन ई: बदाम में अच्छी मात्रा में विटामिन ई होता है, जो त्वचा के स्वास्थ्य को बनाए रखने में मदद करता है और रंग निखारता है।

2. विटामिन बी: बदाम में विटामिन बी के कई प्रकार होते हैं, जैसे कि बी1, बी2, बी3, और बी6, जो मस्तिष्क के स्वास्थ्य को सुधारते हैं और ऊर्जा के स्त्रोत के रूप में काम करते हैं।

3. विटामिन ए: बदाम में विटामिन ए होता है, जो आंतरिक संरचना के लिए लाभकारी होता है और नेत्रों के स्वास्थ्य को बनाए रखने में मदद करता है।

4. विटामिन डी: छिले हुए बदाम में थोड़ी मात्रा में विटामिन डी होता है, जो हड्डियों के स्वास्थ्य को बनाए रखने में मदद करता है।

ये सभी विटामिन्स और पोषक तत्व बदाम को सेहतमंद और पोषण से भरपूर बनाते हैं।

            

                         ( बदाम को कितने तारिको सें खाया जा                                                         सकता है? )

 

1. सादा बदाम को सुबह के समय खाना लाभदायक होता है।

2. उन्हें रात्रि के बाद भिगोकर सुबह खाने से पोषक तत्वों का अधिक अवशोषण होता है।

3. उन्हें छीलकर खाना, जिससे पाचन क्रिया सुधारित होती है।

4. बदाम का तेल या पेस्ट बनाकर भोजन में शामिल करें।

5. दूध में भिगोकर, उन्हें मसाले और मिश्रणों में डालें।

6. बदाम की बर्फी, केक, या बिस्किट्स बनाएं।

7. स्नैक के रूप में सूखे बदाम खाएं।

8. सलाद में उन्हें छोटे टुकड़ों में डालें।

9. बदाम का तेल उपयोग करें खाने की तैयारी के लिए।

10. बदाम का पाउडर बनाकर दूध या फलों के साथ मिलाएं।

11. बदाम की चटनी बनाएं और रोटी के साथ परोसें।

12. बदाम को चिप्स बनाकर खाएं।

13. बदाम को दही में मिलाकर खाएं।

14. बदाम का पेस्ट बनाकर सैंडविच या रोल में डालें।

15. बदाम को सूप में मिलाएं।

16. बदाम को आपके पसंदीदा चवनी पकवान में शामिल करें।

17. बदाम की खीर बनाएं और मिठाई के रूप में खाएं।

18. बदाम को कटा हुआ फलों के साथ मिलाएं और फ्रूट सैलड बनाएं।

19. बदाम को आपके पसंदीदा खाने के साथ खाएं, जैसे कि चावल, रोटी, और सब्जियां।

20. बदाम को चॉकलेट और ड्राई फ्रूट मिश्रण में शामिल करें।

21. बदाम को दलिया या पोहा में मिलाएं।

22. बदाम को नारियल के साथ खाएं।

23. बदाम को राइस पुडिंग या खीर में डालें।

24. बदाम की बर्फी बनाएं और दारूस्त के रूप में खाएं।

25. बदाम को दलिया या खिचड़ी में मिलाएं।

26. बदाम को विविध चटनी बनाएं।

27. बदाम को चिकित्सा कवाथ बनाएं।

28. बदाम को चटपटे नमकीन या मसाले में पकाएं।

29. बदाम को कुरकुरे बनाएं और नमकीन में खाएं।

30. बदाम को अपनी पसंद की मिठाई में मिलाएं और खाएं।

            

              ( भिजलेले बदाम खाणे के फायदे )

                 (soaking almond )

1. ऊर्जा और ताकत की दुकान: बिजली बदाम में प्रोटीन, विटामिन और मिनरल्स की अच्छी मात्रा होती है, जो शारीरिक ऊर्जा और ताकत को बढ़ावा देती है।

2. दिमाग के लिए फायदेमंद: इसमें मौजूद ऑमेगा-3 फैटी एसिड्स दिमाग के लिए लाभकारी होते हैं, जो मस्तिष्क की कार्यक्षमता को बढ़ाते हैं।

3. हृदय स्वास्थ्य: बिजली बदाम में मोनो-अनसैचुरेटेड फैट्स होते हैं, जो हृदय स्वास्थ्य को बढ़ावा देते हैं और कोलेस्ट्रॉल को कम करने में मदद करते हैं।

4. त्वचा के लिए लाभकारी: बिजली बदाम में विटामिन ई और एंटीऑक्सीडेंट्स होते हैं, जो त्वचा को स्वस्थ और चमकदार बनाए रखने में मदद करते हैं।

5. वजन नियंत्रण: इसमें फाइबर और प्रोटीन की अच्छी मात्रा होती है, जो भूख को कंट्रोल करती है और वजन नियंत्रित रखने में मदद करती है।

          

 

 


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March 13, 2024

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Fair skin : गोरे होने का सबसे आसान तरीका?


फेअर स्किन : हॅलो दोस्तो आज काल की लाईफ मै कोण नाही चाहता चाहता अच्छा दिखाना.  लेकिन आज काल के युग मै क्रीम का वापर करते है .  क्रीम सें चेहरा खराब होता इसलीये मै आपके लिये घरेलू उपाय लाया हूं  ..  इस उपाय सें आप गोरा और चेहरे सें धाग, धबे, मिठा   शकते हों.. 

गोरे होने का सबसे आसान तरीका है नियमित रूप से चेहरे की देखभाल करना। सबसे महत्वपूर्ण कदमों में एक सही सनस्क्रीन का उपयोग, हैड्रेटेशन, स्वस्थ आहार, और सुनसान जगहों से बचाव शामिल हैं। इसके अलावा, अच्छी नींद, स्वस्थ व्यायाम, और तंतु विरोधी आहार की दिशा में ध्यान रखना भी मदद कर सकता है।

 हॅलो दोस्तो दिन में दो बार त्वचा को फेस वॉश करना उचित हो सकता है। सुबह और रात के समय त्वचा को साफ़ करना त्वचा की देखभाल के लिए महत्वपूर्ण है। हालांकि, त्वचा का प्रकृति और स्थिति के आधार पर यह मात्रा बदल सकती है, और किसी भी नए क्रीम का प्रयोग शुरू करने से पहले आपको अपने त्वचा पर परीक्षण करना चाहिए। निंद की कमी होती है तो इसका सीधा असर त्वचा पर पड़ सकता है। निंद कम होने से शरीर में स्ट्रेस होता है और यह त्वचा के स्वास्थ्य को प्रभावित कर सकता है। अगर निंद की कमी होती है, तो यह त्वचा के रंग में कमी, दाग-धब्बे, और त्वचा की तनावपूर्णता का कारण बन सकती है। सुनिश्चित होना चाहिए कि आप प्रतिदिन कुछ समय के लिए अच्छी नींद प्राप्त करते हैं, ताकि आपका शरीर और त्वचा स्वस्थ रह सकें।

                               सलाह 

1. नियमित सफाई: दिन में दो बार अपना चेहरा साफ करें ताकि गंदगी और कीटाणु हटा सकें।

 

2. मॉइस्चराइज़र का इस्तेमाल: आपकी त्वचा को हैड्रेटेड रखने के लिए एक उपयुक्त मॉइस्चराइज़र का इस्तेमाल करें।

 

3. सनस्क्रीन:दिन में कम से कम SPF 30 के सनस्क्रीन का इस्तेमाल करें ताकि आपकी त्वचा को UV किरणों से सुरक्षा मिले।

 

4. स्वस्थ आहार: आपके आहार में फल, सब्जियां, और पूरे अनाज शामिल करें ताकि आपको आवश्यक पोषण मिले।

 

5. हाइड्रेशन: सामान्य स्वास्थ्य के लिए पर्याप्त पानी पिएं।

 

6. पर्याप्त नींद:प्रतिदिन 7-9 घंटे की अच्छी नींद लें।

 

7. धूम्रपान से बचें: धूम्रपान त्वचा की उम्र को तेजी से बढ़ा सकता है और त्वचा को क्षति पहुंचा सकता है।

 

8. शराब की सीमा: अत्यधिक शराब त्वचा को सुखा सकती है, इसलिए मामूली मात्रा में सेवन करें।

 

9. नियमित व्यायाम: शारीरिक गतिविधि अच्छे रक्त संचार को बढ़ावा देती है और स्वस्थ त्वचा को बनाए रखती है।

 

10. तनाव प्रबंधन: ध्यान या योग जैसी तनाव कम करने वाली गतिविधाएं करें।

                     घरेलू उपचार 

1. नींबू और शहद: नींबू का रस और शहद मिलाकर चेहरे पर लगाएं, फिर 15-20 मिनट बाद धो लें।

 

2. हल्दी और दही का पैक: हल्दी और दही को मिलाकर चेहरे पर लगाएं और सूखने पर धो लें।

 

3. बेसन और गुलाब जल: बेसन में गुलाब जल मिलाकर पेस्ट बनाएं और चेहरे पर लगाएं, फिर सूखने पर धो लें।

 

4. आलू और टमाटर पेस्ट: आलू और टमाटर को पीसकर चेहरे पर लगाएं, सूखने पर धो लें।

 

5. रोज़मैरा तेल और बादाम:रोज़मैरा:  तेल में बादाम का तेल मिलाकर लगाएं और 15-20 मिनट बाद धो लें।

 

6. गुलाबी पानी का इस्तेमाल: गुलाबी पानी से अपने चेहरे को साफ करें, यह त्वचा को निखार देता है।

 

7. धूप सें बचाव: लगातार धूप से बचने के लिए उचित सनस्क्रीन का प्रयोग करें।

 

8. हरी चाय के पत्ते:  हरी चाय के पत्तों को पानी में उबालकर ठंडा करें और फिर इस पानी से चेहरे को धोएं।

 

9. कच्चा दूध: रोज़ रात को कच्चा दूध चेहरे पर लगाएं और सुबह में धो लें।

 

10. पुदीना पेस्ट: पुदीना को पीसकर पेस्ट बनाएं और इसे चेहरे पर लगाएं, सूखने पर धो लें।

 

11. तुलसी का रस: तुलसी के पत्तों का रस निखार और ताजगी देता है।

 

12. खीरा और गुलाब जल: खीरा को काटकर गुलाब जल के साथ चेहरे पर रगड़ें, फिर सूखने पर धो लें।

 

13. पपीता और शहद: पपीते का रस और शहद मिलाकर चेहरे पर लगाएं, सूखने पर धो लें।

 

14. सुबह गुनगुना पानी: सुबह में गुनगुना पानी पीने से त्वचा में रंगत में सुधार हो सकता है।

 

15. बादाम का तेल: बादाम के तेल को चेहरे पर लगाकर मसाज करें, फिर धो लें।

 

ध्यान दें कि इन घरेलू उपायों का प्रभाव व्यक्ति की त्वचा प्रकृति पर भी निर्भर कर सकता है, और किसी नए उपाय की शुरुआत से पहले एक चिकित्सक से सलाह लेना हमेशा उचित है।

Thank you..


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March 8, 2024

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Butea monnosperma: पौधशाली, आयुर्वेदिक पेड़ है जो कई प्राकृतिक और सांस्कृतिक महत्वपूर्णताओं के लिए महत्वपूर्ण है? जानीये इसके बारे मै.


 

Butea monosperma : हॅलो दोस्तो आज हम पलाश के बारे मै बात करणे वाले है जो की पलाश कितणे फायदेशीर है. आपको पता चाल जायेगा. पलाश (Butea monosperma) एक पेड़ है जो भारत, नेपाल, श्रीलंका, थाईलैंड, बांग्लादेश, और पाकिस्तान में पाया जाता है। यह पेड़ विभिन्न नामों से जाना जाता है, जैसे कि , पलाश, पलास, और धक्किया। इसके फूल गहरे नारंगी रंग के होते हैं और इसकी खास बूँदएँ भी होती हैं।

पलाश के फूल के विभिन्न उपयोग हो सकते हैं, जैसे कि औषधीय गुण, परंपरागत चिकित्सा में उपयोग, और आर्थिक उपयोग। इसके फूलों से तैयार किए जाने वाले काढ़े का सेवन विभिन्न स्वास्थ्य लाभ प्रदान कर सकता है। इसके बावजूद, पलाश एक सुंदर और पौधशाली पेड़ है जो कई प्राकृतिक और सांस्कृतिक महत्वपूर्णताओं के लिए महत्वपूर्ण है। पलाश के फूलों का उपयोग होली में किया जाता है। इन्हें होली के रंगों को बनाने में इस्तेमाल किया जाता है। पलाश के फूल नारंगी रंग के होते हैं और इसलिए इनका प्रयोग रंगीन होली का खेलने में किया जाता है। होली, भारतीय सांस्कृतिक पर्व, विशेषकर रंगों के खेल के रूप में मनाया जाता है, जिसमें लोग एक दूसरे पर रंग फेंकते हैं। पलाश के फूलों का उपयोग इस पर्व को और भी रंगीन और रोमांटिक बनाता है।

             पलाश के फुल कोणसे ऋतू मै उघते है?

     पलाश के फूल वसंत ऋतु, यानी कि फरवरी से अप्रैल के बीच, उगते हैं। इस समय पर पलाश पेड़ों पर अपने बालों के साथ अपनी शानदार नारंगी रंग की चारिक फूलें दिखाई देती हैं?

      पलाश के फुल के आयुर्वेदिक फायदे  ( health tips) 

1. पलाश के फूल में एंटीऑक्सीडेंट्स होते हैं, जो शरीर को रोगों से बचाने में मदद करते हैं।

2. इसमें विटामिन सी की अच्छी मात्रा होती है, जिससे इम्यून सिस्टम को बढ़ावा मिलता है।

3. पलाश के फूल का उपयोग श्वासरोगों में लाभकारी हो सकता है।

4. इसमें एंटीबैक्टीरियल गुण होते हैं, जो स्वास्थ्य को सुरक्षित रखने में मदद कर सकते हैं।

5. पलाश के फूल का बनाया गया डेकॉक्शन दर्द और सूजन को कम करने में सहायक हो सकता है।

6. इसमें एंटीइंफ्लेमेटरी गुण होते हैं, जो जोड़ों की सूजन को कम कर सकते हैं।

7. पलाश के फूल से बना हुआ काढ़ा जुकाम और सर्दी में लाभकारी हो सकता है।

8. इसमें फाइबर की अच्छी मात्रा होती है, जो पाचन को सुधारने में मदद कर सकती है।

9. पलाश के फूल के नियमित सेवन से शरीर का तापमान संतुलित रह सकता है।

10. इसमें ब्लड प्रेशर को नियंत्रित करने में मदद करने वाले तत्व हो सकते हैं।

11. पलाश के फूल का उपयोग त्वचा समस्याओं से निजात पाने के लिए किया जा सकता है।

12. इसमें एंटीऑक्सीडेंट्स से भरपूर होने के कारण, यह त्वचा को युवा और स्वस्थ बनाए रख सकता है।

13. पलाश के फूल के पानी से बना गरारा गले की खराश को शांत करने में सहायक हो सकता है।

14. इसमें एंटीऑक्सीडेंट्स से भरपूर होने के कारण, यह बालों को मजबूती और चमक दे सकता है।

15. पलाश के फूल के पानी का सेवन गुर्दे की स्वस्थता के लिए फायदेमंद हो सकता है।

16. इसमें एंटीऑक्सीडेंट्स के कारण, यह आंतरिक शुगर को नियंत्रित करने में मदद कर सकता है।

17. पलाश के फूल से बना हुआ काढ़ा थकान और स्ट्रेस को कम करने में मदद कर सकता है।

18. इसमें विटामिन ए की अच्छी मात्रा होने के कारण, यह आंतरिक रूप से त्वचा को सुधार सकता है।

19. पलाश के फूल से बनी चाय पेट की समस्याओं को दूर करने में मदद कर सकती है।

20. इसमें फाइटोकेमिकल्स होते हैं, जो कैंसर के खिलाफ रक्षा कर सकते हैं।

थँक यौ..


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March 6, 2024

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Dray ice : ड्राय आइस क्या है? ड्राय आइस के क्या फायदे? जाणे ड्राय आइस कैसे खाये. ड्राय आइस कैसे बनता है.?


 

(dray ice ) :हॅलो दोस्तो आज हम ड्राई आइस  कैसे बनता है इसके क्या फायदे है और ड्राय आईस कहा इस्तमाल होता यह जाणणे वाले है...

"ड्राय आईस" एक प्रकार की बर्फ है जो पानी में गिरकर जम जाती है। यह बर्फ पानी में तरल रूप में गिरती है और फिर ठंडे हवाओं के कारण जमकर सख्त हो जाती है। ड्राय आईस को कई ढंगों से गुजारा जाता है जेसे गरमाकर ठंडा करें और फिर उसे फ्रीजर में रखें। इससे आपको ठंडा और सॉलिड आइस मिलता है?  ड्राई आइस खाने से बहुत अधिक बिमारियाँ सामने नहीं आतीं हैं, लेकिन कुछ लोगों को संभावित समस्याएं हो सकती हैं जैसे कि दाँतों में संवेदनशीलता या ठंडक से उत्पन्न होने वाला दर्द। अगर आपको ऐसी कोई समस्या है, तो ड्राई आइस को धीरे-धीरे खाना चाहिए या बारिशीली आइस का उपयोग कर सकते हैं।

         ड्राई आइस का मतलब 

ड्राय आईस  यह ठंडी जल की रूपरेखा लोचदार होती है जिसमें पानी पूरी तरह से ठंडा हो जाता है और यह ठंडा और सॉलिड आइस बनता है। इसे आमतौर पर फ्रीजर में रखकर बनाया जाता है और इसे बर्फ़ के टुकड़ों की तरह इस्तेमाल किया जा सकता है। ड्राय आइस में वायु (एयर) होता है, लेकिन यह बहुत कम होता है क्योंकि पानी फ्रीज होने के दौरान ठंडा होता है और वायु को बाहर निकाल जाता है, जिससे सॉलिड आइस बनती है। ड्राय आईस  मै कार्बन डाइऑक्साइड (CO2) को स्थायी रूप में ड्राई आइस नहीं कहा जाता है। ड्राई आइस वायुमंडल, विभिन्न गैसों और अन्य तत्वों के अनुपस्थिति में सॉलिड CO2 होता है जिसे यह नाम मिला है। यह बर्फ़ के रूप में होता है और -78.5 डिग्रीस सेल्सियस पर ठंडा होकर ठंडा रूप में बनता है।

   ड्राय आइस का इस्तमाल काहा किया जाता है? 

1.होटल:  ड्राय आइस को बर्फ़ के रूप में सर्विंग के लिए उपयोग किया जा सकता है, खासकर शाकाहारी और माछाहारी पदार्थों को ठंडा रखने के लिए।

2. स्थानीय दुकानें: लोग अपने घरों में ड्राय आइस का उपयोग पार्टियों या इवेंट्स में करते हैं ताकि वे अपने ड्रिंक्स को ठंडा रख सकें।

 

3. इंडस्ट्रियल उपयोग: ड्राय आइस को इंडस्ट्रीज में ठंडे और ठंडे प्रक्रियाओं के लिए उपयोग किया जाता है, जैसे कि खाद्य संयंत्रों में और अन्य उद्योगों में।

 

4. शिपिंग और ट्रांसपोर्टेशन: ड्राय आइस जलवायु नियंत्रण और ट्रांसपोर्टेशन के क्षेत्र में उपयोग हो सकता है ताकि सामग्री ठंडी रहे और अच्छे से बने रहें।

          ड्राय आईस का कैसे वापर करें.

1. ड्रिंक्स को ठंडा करने के लिए: ड्राय आइस को पीने के पानी, सोडा, फलों का रस या अन्य पेय के साथ मिलाकर ठंडा करने के लिए उपयोग किया जा सकता है.

 

2. पार्टी और इवेंट्स में: ड्राय आइस को पार्टी और इवेंट्स में बर्तनों में रखकर ड्रिंक्स को ठंडा रखने के लिए उपयोग किया जा सकता है.

 

3. इंडस्ट्रियल उपयोग: इंडस्ट्रियल सेटिंग्स में ड्राय आइस को तथा ठंडा करने के लिए उपयोग किया जा सकता है, जैसे कि खाद्य संयंत्रों और फार्मेस्यूटिकल उद्योगों में।

 

4. मेडिकल उपयोग: ठंडे पैकेजिंग में ड्राय आइस को चोटी या सूजन को कम करने के लिए उपयोग किया जा सकता है।

ड्राय आइस का उपयोग कई तरीकों से किया जा सकता है:

थँक यौ...

 


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March 4, 2024

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Psyllium husk: ऐ ऐसा पेड है जो आयुर्वेदिक चिकित्सा में महत्वपूर्ण स्थान रखता है? जाणे सविस्तर.. इसके आयुर्वेदिक उपचार.!


 

 Psyllium husk: हॅलो दोस्तो आज हम  एक पोधे के बारे मै बात करणे वाले है जो की हमारे भारत  मै उगता है.  उसको इसबगोल कहते  है और  अंग्रेजी में  "Psyllium" या "Psyllium husk"  कहा जाता है।  इसबगोल, जिसे प्सिलियम हस्क प्रदान करने के लिए भी जाना   जाता है, एक पौष्टिक और गुणकारी हेरबल पदार्थ है। इसका सेवन   कई स्वास्थ्य लाभ प्रदान कर सकता है, जैसे कि पाचन को सुधारना,   कोलेस्टेरॉल कम करना, और वजन नियंत्रित करना। इसे बीजों के   रूप में या इसके पाउडर के रूप में खाया जा सकता है। इसबगोल को गुजरात, राजस्थान, मध्य प्रदेश, और कर्नाटक जैसे भारतीय राज्यों में अधिकतर रूप से उगाया जाता है। इसे ठंडे और उमस्त (अच्छी बर्फ) वाले भूखंडों में उगाने के लिए उपयुक्त माना जाता है। इसके लिए सहारा देने वाले भूमि, अच्छी द्रव्यमान साझेदारी, और उचित तापमान का होना चाहिए।

                 

         इसबगोल  को कैसे उगाऐ'  जाणे?...

  1. उचित मिट्टी का चयन:   - इसबगोल को उगाने के लिए खुली, अच्छे द्रव्यमान वाली, और फास्ट ड्रेनिंग मिट्टी का चयन करें।

2. बीजों का धीरे से बोना जाए: इसबगोल के बीजों को धीरे से मिट्टी में बोऐ , ताकि वे अच्छे से बूंदें बना सकें।

3. गहराई और दूरी की जाच करणा : बीजों को बोने जाने वाली गहराई उचित होनी चाहिए, और बोऐ गए बीजों के बीच की दूरी को ध्यान में रखें।

4. धूप में सुखाना : बोऐ गए बीजों को धूप में सुखा लें, जिससे उन्हें त्वरित उगाने का मौका मिले।

5. उचित बर्तन: बीजों को उगाने के लिए उचित बर्तन का चयन करें, जिसमें पूर्णियाँ आसानी से बढ़ सकें।

6. पूर्णियों का समर्थन: उगाई जाने वाली पूर्णियों को समर्थन के लिए अच्छे से बांधें, ताकि पौधे मजबूत रहें।

7. पानी और देखभाल: उगाए गए पौधों को पर्याप्त पानी दें और उचित समय पर उर्वरक दें।

8. सूर्य प्रकाश: पौधों को पूर्ण सूर्य प्रकाश का लाभ मिले, इसके लिए उचित स्थान पर रखें।

9. उगाई गई इसबगोल का समय:  इसबगोल को अनुसार उगाने का समय सही चुनें, ज्यादातर यह बर्फ के समय के बाद होता है।

 

       इसबगोल के महतपूर्ण आयुर्वेदिक फायदे हैं:

1. पाचन को सुधारना: इसबगोल पाचन को सुधारने में मदद कर सकता है और अपच और गैस की समस्याओं को कम करने में सहायक हो सकता है।

2. कोलेस्टेरॉल कम करना: इसबगोल का सेवन कोलेस्टेरॉल को नियंत्रित करने में मदद कर सकता है, जिससे हृदय रोगों का खतरा कम हो सकता है।

3. वजन नियंत्रित करना: इसबगोल का सेवन वजन नियंत्रित करने में मदद कर सकता है, क्योंकि यह बॉडी में अधिकतम पानी को सोख सकता है और भूख को कम कर सकता है।

4. मल सारंग: इसबगोल का सेवन मल सारंग को बढ़ावा देने में मदद कर सकता है, जिससे नियमित मल विसर्जन होता है।

5. शीतलिकरण: इसबगोल ठंडक प्रदान कर सकता है और शरीर को ठंडा रखने में मदद कर सकता है, विशेषकर गरमी के मौसम में।

6. मूत्र प्रवृत्ति को सुधारना: इसबगोल का सेवन मूत्र प्रवृत्ति को नियंत्रित करने में मदद कर सकता है, जिससे विभिन्न मूत्र संबंधित समस्याएं कम हो सकती हैं।

इसबगोल, आयुर्वेदिक चिकित्सा में महत्वपूर्ण स्थान रखता है और इसका नियमित सेवन कई स्वास्थ्य लाभ प्रदान कर सकता है। यहां कुछ आयुर्वेदिक फायदे हैं:


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March 3, 2024

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What is computer engineering? Know what technology is there in it?


 

( Computer engineering ): Hello dosto aaj ham Computer engineeringComputer engineering  ke bare mai bat karne vale hai computer engineering ek mahatva purna kshetra hai jo aapko technology aur computation mein kushalta pradan karta hai. Agar aapko computers, programming, aur technology mein ruchi hai, to computer engineering aapke liye uchit ho sakta hai. Yeh aapko innovative problem-solving aur advanced technology ke sath judne ka avasar deta hai

 Computer engineering is a field that integrates aspects of electrical engineering and computer science. It involves designing, developing, and maintaining computer systems and components, including hardware and software. Engineers in this field work on a wide range of technologies, from microprocessors and circuit design to software development and network systems.

      Computer engineering ka chayan karne ke kuch fayade hain:

1.  Vast Career Opportunities:  Computer engineering opens doors to diverse career options, including software development, hardware design, cybersecurity, artificial intelligence, and more.

2. Innovation and Creativity: It provides a platform for innovation and creativity, allowing you to create new technologies, software, and solutions to address real-world problems.

3. Global Demand : In today's digital age, there is a high global demand for skilled computer engineers, making it easier to find job opportunities worldwide.

4. Competitive Salaries : Computer engineers often receive competitive salaries due to the demand for their specialized skills and expertise.

5. Continuous Learning : Technology is constantly evolving, offering continuous learning opportunities. Computer engineering keeps you engaged in staying updated with the latest advancements.

6. Versatility :  The skills gained in computer engineering are versatile and applicable across various industries, providing flexibility in choosing your career path.

7. Contribution to Society: Through advancements in technology, computer engineers contribute to societal progress by developing solutions that improve efficiency, communication, and overall quality of life.

8. Entrepreneurial Opportunities : It equips you with the skills needed to start your own tech-related business or venture into entrepreneurship.

Yeh fayade aapko ek vibrant aur dynamic kshetra mein kariyer banane mein madad karte hain.


Computer engineering ke baad aapko kai sambhavit scopes milte hain:

1. Software Development:Aap software engineer ban sakte hain aur applications, games, operating systems, aur aur bhi bahut kuch develop kar sakte hain.

2. Hardware Design:Computer hardware engineer ban kar aap computer systems, chips, aur devices ke design mein yogdan de sakte hain.

3. Network Engineering:Aap networking mein mahir ban kar large-scale computer networks ke design aur maintenance mein yogdan de sakte hain.

4. Cybersecurity Specialist: Aap cybersecurity mein expertise develop karke organizations ko online threats se bachane mein madad kar sakte hain.

5. Artificial Intelligence (AI) and Machine Learning (ML) : Aap AI aur ML mein career banakar intelligent systems aur algorithms develop kar sakte hain.

6. Database Management:Aap database administrator ban kar data storage, retrieval, aur management ke kshetra mein kaam kar sakte hain.

7. Embedded Systems:Aap embedded systems mein kaam karke small-scale computing devices ke liye specialized software aur hardware design kar sakte hain.

8. Entrepreneurship: Aap apna khud ka startup shuru karke innovative solutions aur products develop kar sakte hain.

Yeh kuch hi examples hain, aur aapko apne interest aur skills ke anusar aur bhi kai scopes mil sakte hain. Computer engineering ke kshetra mein chayan aapko aapke passion aur career goals ke anurup multiple avenues provide karta hai.


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March 3, 2024

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एक साल मै अपने घर को कितनी बार पेंट करणा चाहिए जाणे! 'नाही तो आपकी "सास्थ दीक्कत" मै पड सकती है?


 

(Penting tips)हॅलो दोस्तो घर को अच्छा रखने के लिए, आपको पेंटिंग की आवश्यकता तब होती है जब सतह में कोई दिक्कतें या कमीज होती हैं, या जब आप नए रंग का इस्तेमाल करना चाहते हैं। सामान्यत एक साल में एक बार सामान्यत आपको घर को अच्छा रखने के लिए साल में कम से कम एक बार पेंटिंग की आवश्यकता होती है।

                          : पेंटिंग टिप्स :

 

1:तैयारी का महत्व: पेंट करने सें पहले  आपने  पुरे घर की सफाई  करणी होगी. 


  2. सतह की तैयारी: सतह को साफ़, सूखा, और धूल या चरबी से मुक्त करें।

 3. उच्च गुणवत्ता का पेंट: अच्छे गुणवत्ता का पेंट चयन करें ताकि रंग दीर्घकालिक रहे। 

 4. प्राइमर का इस्तेमाल: एक अच्छे प्राइमर के साथ सतह को तैयार करें। 

 5. क्षति को मरम्मत करें: किसी भी दरारों या छेदों को पहले मरम्मत करें। 

 6. उचित उपकरण: सही पेंट ब्रश, रोलर्स, या स्प्रे उपकरण का उपयोग करें। 

 7: सुरक्षा आवरण: चिपकाई या पेंटिंग स्थल को सुरक्षित रखने के लिए पेंटर का टेप और ड्रॉप क्लॉथ का उपयोग करें।

8. वायुमंडल: अच्छा वायुमंडल सुनिश्चित करें ताकि पेंट तेजी से सुखे और कफ कम हो। 

9. तापमान का ध्यान रखें: मध्यम तापमान में पेंट करें, अत्यधिक गर्मी या ठंडक से बचें। 

10. पतली परतें: एक सुधारित फिनिश के लिए एक से अधिक पतली परतें लगाएं। 

 11. सफाई: पेंट करने के बाद उपकरणों को तुरंत साफ करें ताकि वे लंबे समय तक चलें और आने वाले परियोजनाएँ सरल हों।

                 : घर को पेंटिंग करने के तारिके :

1. रंग चयन: सही रंग का चयन करने के लिए विचार करें, जो आपके घर के साथ मेल खाता हो और आपकी पसंद को व्यक्त करता है।

2. टेक्निकल टिप्स:  सतह की तैयारी, प्राइमर का इस्तेमाल, और सही आवधि वाले पेंट की चयन में तकनीकी टिप्स जानें।

3. रूम डिजाइन: पेंटिंग के साथ साथ आपके रूम का डिजाइन भी सोचें, जैसे कि फर्नीचर और आर्टवर्क का इस्तेमाल।

4. टेक्स्चर और फिनिश: टेक्स्चर का चयन और फिनिश को समझें, जिससे आपका पेंट आपकी दीवारों पर अच्छा लगे।

5. बजट योजना: आपकी बजट के अनुसार पेंटिंग परियोजना की योजना बनाएं और सामग्री, उपकरण, और कामगार के लिए आरंभ करें।

6. चुनौतीयां और समाधान:  यदि कोई विशेष चुनौती आती है, तो उसका समाधान ढूंढें, जैसे कि विशेष रूप से डिज़ाइन की आवश्यकता, या विभिन्न सतहों के साथ काम करना।

7. सुरक्षा के नियम: उच्च स्थानों पर काम करते समय सुरक्षा के नियमों का पालन करें, और उपयुक्त सुरक्षा उपकरणों का इस्तेमाल करें।

8. कैसे करें और कैसे न करें: आपको यह जानना महत्वपूर्ण है कि किस तरह से पेंटिंग करें और किस तरह से नहीं करें, ताकि आपका परियोजना सफल हो।

9. ट्रेंड्स और स्टाइल्स: आप चाहे तो नवीनतम पेंटिंग ट्रेंड्स और स्टाइल्स की खोज करके अपने घर को मॉडर्न और ट्रेंडी बना सकते हैं।

10. संरचना का सुनिश्चित करें: पहले से ही संरचना का विचार करें ताकि आप यह सुनिश्चित कर सकें कि आपकी पेंटिंग योजना आपके घर की व्यावस्था के साथ मेल खाती है।

 

                :ध्यान देने वाली योग्य बातें:

 पेंटिंग के दौरान अच्छी वेंटिलेशन सुनिश्चित करें और चेमिकल्स से बचने के लिए सुरक्षा उपकरणों का उपयोग करें।उच्च गुणवत्ता के पेंट का चयन करें अगर आप अच्छे गुणवत्ता के पेंट का इस्तेमाल करते हैं, तो यह आपके स्वास्थ्य के लिए अधिक सुरक्षित हो सकता है।व्यक्तिगत सुरक्षा यदि आप किसी तरह की एलर्जी या संबंधित स्वास्थ्य समस्याएं जानते हैं, तो सभी सुरक्षा उपायों का पालन करें और चिकित्सक से सलाह लें।

इन सलाहों का पालन करके, आप अपने घर को अच्छा रख सकते हैं और पेंटिंग प्रक्रिया को सुरक्षित और सफल बना सकते हैं। ऐसेंही जाणकारी  के लिये फॉलो  करें!

धन्यवाद 


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March 2, 2024

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Electrical engineering kyu lena chaiye?? Iske kya fayde hai??..


 

( Electrical engineering )

Hello friends Electrical engineering karne ke dher sare fayde hai lekin mai aapko sabse mukhya fayde ke bare mai batane vala hu...
 
"Electrical engineering mein kuch mukhya fayde "

   Vastu Samajh: Electrical engineering mein padhne se aap electronic devices, circuits, aur power systems ko samajhne mein mahir ho jaate hain, jo modern technology ka ek crucial hissa hai.

    Diverse Careers: Ismein padhne ke baad aapko diverse career options milte hain jaise power generation, telecommunications, electronics, aur control systems.

     Innovation aur Technology: Aapko naye technologies ka pata chalta hai aur aap innovation mein bhaag lete hain, jisse aap future mein emerging fields mein bhi kaam kar sakte hain.

    Industry Demand: Electrical engineers ki demand industries mein high hoti hai, kyun ki unki skills aur knowledge ki zarurat har jagah hoti hai.

    Problem-Solving Skills: Electrical engineering aapko problem-solving mein mahir banata hai, jisse aap real-world challenges ko effectively tackle kar sakte hain.

    Sustainable Solutions: Electrical engineering allows you to contribute to the development of sustainable energy solutions, addressing global concerns about environmental impact and energy conservation.

    Global Opportunities: Aapko global job opportunities milte hain, kyun ki technology ka use worldwide hota hai, aur aap apne skills ko kisi bhi desh mein apply kar sakte hain.

    Innovative Industries: Aap innovative industries mein kaam karke apne ideas ko reality mein convert kar sakte hain, jaise ki renewable energy, robotics, aur smart technology.

     Continuous Learning: Electrical engineering field mein hamesha naye technologies aati rehti hain, isliye aapko apne knowledge ko update rakhne ka mauka milta hai, jo aapke professional growth ke liye beneficial hota.

"Electrical engineers ko kai alag alag sectors mein jobs mil sakti hain, jaise:"

     1.Power Generation Companies: Bijli utpadan companies mein electrical engineers ko power plants, hydroelectric plants, ya renewable energy projects mein kaam karne ka mauka milta hai.

     2.Telecommunications Industry: Telecom industry mein electrical engineers network design, development, aur maintenance mein kaam kar sakte hain.

     3.Electronics Manufacturing: Electronics manufacturing units mein aap electronic components, devices, ya circuits ke design, production, aur testing mein involve ho sakte hain.

    4.Automation and Control Systems: Industries mein automation aur control systems ke development aur maintenance ke liye electrical engineers ki demand hoti hai.


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March 1, 2024

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civil engineering kyu lena chaiye??


 

Civil Engineering:  ek branch hai engineering ka jo infrastructure development, construction, maintenance, aur design se jude kaam karta hai. Ismein buildings, roads, bridges, dams, airports, sewage systems, water supply networks, aur other physical structures ka development aur maintenance hota hai. Civil engineers ki zimmedari hoti hai surety dena ki structures safe, durable, aur environment-friendly ho.

Civil engineering kaafi mahatvapurna hai kyunki ye humare samaj ke vikaas mein ek vital role ada karta hai. Kuch khaas points, Civil Engineering ko lena kyun beneficial hai:

  1. Infrastructure Development:Civil engineers cities aur towns ko develop karne mein madad karte hain. Ismein buildings, roads, bridges, aur other facilities shaamil hote hain, jo ek better quality of life provide karte hain.

2. Environmental Sustainability:

Civil engineers environment-friendly designs develop karte hain taki ecological balance maintain rahe. Unka focus hota hai renewable energy aur sustainable practices par.

3. Public Safety:

Civil engineers structures ko design aur construct karte hain, keeping in mind public safety ko. Ye buildings aur bridges ko natural disasters jaise earthquakes, floods, ya hurricanes se resistant banata hai.


4. Job Opportunities:

Civil engineering mein kaafi job opportunities hote hain. Government, private, aur construction companies mein civil engineers ki demand hoti hai.


5. Creativity aur Innovation:

Civil engineering mein creative aur innovative solutions develop karne ka scope hota hai. Large-scale projects ko plan karke implement karne mein challenges aur opportunities milte hain.

6. Nation Building:

Civil engineering ek desh ke vikaas mein instrumental role play karta hai. Critical infrastructure projects se ek strong aur progressive nation ki building hoti hai.

7. Challenging aur Rewarding Career:

Civil engineering ka career challenging hota hai, lekin sahi tarike se execute kiya gaya project completion aur public benefit ke through rewarding bhi hota hai.

Ismein academic knowledge ke saath, practical experience aur problem-solving skills bhi kaafi mahatvapurna hote hain. Civil engineering mein successful hone ke liye patience, perseverance, aur teamwork bhi zaroori hai.

Yeh kuch reasons hain jinke liye Civil Engineering ek promising career option ho sakta hai. Lekin ye zaroori hai ki aap apne interests, strengths, aur goals ke according apna career path choose karein.


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Feb. 18, 2024

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Hair problem : गंजेपण सें बचाऐगी ये तीन चिजे, हेअरफॉल की परीक्षणी होगी दूर.


 

hair हम सभी आजकल की खराब लाइफस्टाइल में पोषण की कमी की वजह से हर कोई हेयरफॉल से परेशान है. महिला हो या पुरुष... हर किसी को आजकल हेयरफॉल की दिक्कत का सामना करना पड़ रहा है. हालांकि एक दिन में लगभग 100 बाल गिरना सामान्य होता है लेकिन अगर आपके इससे अधिक बाल गिरते हैं तो इसका मतलब है कि आप हेयरॉफल की समस्या से ग्रसित हैं जिसके पीछे कई कारण हो सकते हैं.

      

शरीर में जरूरी पोषक तत्वों की कमी, मेडिकल इश्यू, हार्मोनल बदलाव और तनाव इसका कारण हो सकते हैं. यहां हम आपको कुछ ऐसे फूड्स के बारे में बता रहे हैं जो आपकी इस समस्या को दूर रखने में आपकी मदद कर सकते हैं. अगर आप चाहते हैं कि बाल की सेहत अच्छी बनी रहे तो अपनी डाइट में इन्हें शामिल कर लीजिए.

हरी सब्जियां :

अगर आप रोजाना हरी सब्जियां खाएंगे तो आपके बाल मजबूत और सुंदर बनेंगे जिसका कारण है कि इनमें आयरन और जरूरी विटामिन्स होते हैं. आयरन की कमी की वजह से बाल झड़ते हैं. बालों को आयरन की जरूरत होती है. इसकी वजह से कई जरूरी पोषक तत्वों को बालों की जड़ों तक पहुंचने में मुश्किल होती है इसलिए हेल्दी और स्ट्रॉन्ग बालों के लिए हरी सब्जियों का सेवन जरूरी है. पालक, मेथी, केल और ब्रोकली जैसी हरी सब्जियों को अपने आहार का हिस्सा जरूर बनाइए.

अंडा :

अंडा प्रोटीन का बहुत अच्छा सोर्स है जो बालों के लिए जरूरी होता है. हर रोज अंडा खाने से शरीर को खूब प्रोटीन मिलता है जो बालों को मजबूती प्रदान करता है. इसलिए हेयरफॉल का सामना कर रहे लोगों को इसे नियमित रूप से खाना चाहिए. अगर आप अंडा नहीं खाते हैं तो फिर अपनी डाइट में टोफू, सोयाबीन, पनीर और ड्राई फ्रूट्स जैसी चीजों को शामिल कीजिए.

विटामिन सी

हेयरफॉल रोकने और बालों की ग्रोथ के लिए खट्टे फलों को शामिल करना भी जरूरी है क्योंकि इनमें बालों के लिए जरूरी विटामिन सी होता है. यह आयरन को एब्जॉर्ब करने का काम करता है और बालों को कई पोषक तत्व भी प्रदान करता है. नींबू, संतरा, मौसमी, कीवी जैसे फलों को अपने खाने में शामिल कर लीजिए. इससे आपके बालों के साथ स्किन भी चमकदार बनेगी.

 


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Feb. 17, 2024

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Car driveing : कार कशी चालवायची आणि तिला जास्त काळ कस टिकवायचं हे सर्व कही जाणून घ्या.,?


 (gadciroli.)

: साधारणपणे नवीन कार खरेदी करताना सुरक्षितता, फीचर्स, परफॉर्मन्स अशा गोष्टी विचारात घेतल्या जातात. पण, भारतीय ग्राहक मायलेजला सर्वाधिक महत्त्व देतात, असं म्हटल्यास चुकीचं ठरणार नाही.

कारण, इंधनाच्या वाढलेल्या दरांचा आपल्या खिशावर परिणाम होतो. त्यामुळे प्रत्येकाला आपल्या कारला जास्तीत जास्त मायलेज मिळावं असं वाटतं. बऱ्याच वेळा ज्ञानाच्या अभावामुळे आपण आपल्या कारवर असे प्रयोग करतो ज्याचा कारच्या मायलेजवर विपरित परिणाम होतो. परिणामी, गाड्या काहीशा जुन्या झाल्या की त्यांचं मायलेज खूपच कमी होतं. हे टाळण्यासाठी काही गोष्टी लक्षात ठेवणं गरजेचं आहे. 'टीव्ही 9 भारतवर्ष'ने याबाबत वृत्त प्रसिद्ध केलं आहे.

गाडीचा वेग नियंत्रित करण्यासाठी आपण अ‍ॅक्सलरेटरचा वापर करतो. जर अ‍ॅक्सलरेटरच्या वापरात चूक केली तर कारच्या मायलेजवर परिणाम होऊ शकतो. कार सुरू केल्यानंतर लगेच तिचा वेग वाढवल्यास मायलेज कमी होऊ शकतं. कारचे मायलेज कमी होणं म्हणजे पेट्रोल/डिझेल/सीएनजीचा वापर वाढतो. इंधनाचा वापर वाढल्यामुळे तुमच्या खिशावर आर्थिक ताण येईल.

जेव्हा आपण कार सुरू करतो तेव्हा इंजिन थंड असतं. थंड असलेलं इंजिन जास्त आरपीएमवर चालवल्यास फ्रिक्शन (घर्षण) वाढतं. घर्षण वाढल्यामुळे कारचं मायलेज कमी होते. त्यामुळे कार सुरू केल्यानंतर काही मिनिटं गाडी कमी वेगाने चालवा म्हणजे इंजिन हळूहळू गरम होईल. इंजिन गरम झाल्यावर हळूहळू अ‍ॅक्सलरेटर दाबा.

इंजिन ऑईल : काही लोक वेळच्यावेळी कारचं सर्व्हिसिंग करत नाहीत. त्यामुळे खराब झालेलं इंजिन ऑईल दीर्घकाळ कारमध्येच राहतं. अशा इंजिन ऑईलमुळे फ्रिक्शन वाढतं आणि मायलेज कमी होतं.

 टायर प्रेशर कारच्या टायरमध्ये हवेचा दाब सतत कमी असेल तर फ्रिक्शन वाढतं. यामुळेही कारचं मायलेज कमी होतं.

फॅन्सी अ‍ॅक्सेसरीज: अनेकदा आपण हौस म्हणून कारला फॅन्सी अ‍ॅक्सेसरीज लावतो. या फॅन्सी अ‍ॅक्सेसरीजमुळे देखील मायलेजवर परिणाम होतो. त्यामुळे गाडीचं वजन वाढू शकतं आणि त्याचा परिणाम मायलेजवर होऊ शकतो.


- कार सुरू केल्यानंतर 30 सेकंद थांबा.
- अ‍ॅक्सलरेटर हळूच दाबा आणि कारचा स्पीड हळूहळू वाढवा.
- इंजिन गरम होईपर्यंत कमी आरपीएमवर कार चालवा.

जर तुम्ही वर नमूद केलेल्या सर्व गोष्टी लक्षात ठेवल्या तर तुमच्या कारचं मायलेज कमी होण्याऐवजी वाढेल आणि इंधनाचा खर्चही कमी होण्यास मदत होईल.


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Sept. 14, 2023

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सरकारी शाळांच्या खाजगीकरण व पदभरतीतील भ्रष्टाचार विरोधात मुव्हमेंट फॉर जस्टीस चा एल्गार*


 

गडचिरोली: राज्यातील सर्व सरकारी शाळा खाजगी उद्योजकांना हस्तांतरित करण्याच्या राज्य सरकारच्या निर्णयाला व राज्यातील पदभरती मधील भ्रष्टाचाराला गडचिरोली जिल्ह्यातील नागरिकांनी प्रचंड विरोध दर्शवला असून लवकरच मोठे जण आंदोलन उभारण्यासाठी आज मुव्हमेंट फॉर जस्टीस च्या पुढाकाराने संविधान सभागृहात महत्वपूर्ण बैठक आयोजित करण्यात आली.

 सदर बैठकीमध्ये विविध सामाजिक संघटना, शिक्षक संघटना व राजकीय पक्ष प्रतिनिधी  उपस्थित राहून सरकारच्या या जनविरोधी धोरणा विरुद्ध तीव्र संताप व्यक्त करून जिल्ह्यामध्ये  व्यापक जन आंदोलन उभे करण्याचे सर्वानुमते ठरवण्यात आले.

 राज्यातील सरकारी शाळा उद्योजकांना हस्तांतरित करणे म्हणजे राज्यातील गोर गरीब शेतकरी, कामगार, बहुजन विद्यार्थ्यांना शिक्षणापासून वंचित ठेवण्याचा डाव आहे आणि वयाच्या चौदाव्या वर्षापर्यंत मुलांना मोफत व सक्तीचे शिक्षण देणे या संविधानाने दिलेल्या मूलभूत अधिकारांचे हे हनन आहे. तसेच राज्यातील पदभरती मध्ये होणाऱ्या भ्रष्टाचारामुळे, अवाढव्य परीक्षा फी मुळे, व जिल्ह्यातील विद्यार्थ्यांची परीक्षा जिल्ह्यात न घेता बाहेर जावे लागत असल्यामुळे  हा जिल्ह्यातील युवकांवर मोठा अन्याय आहे. व या बाबीचा विरोध मोठ्या प्रमाणात झाला पाहिजे अशा भावना यावेळी सर्व कार्यकर्त्यांनी  व्यक्त केल्या.

 सभेचे प्रास्ताविक राज बनसोड यांनी, तर आभार विनोद मडावी यांनी केले.
यावेळी मुव्हमेंट फॉर जस्टीस चे रोहिदास राऊत, शेकापचे रामदास जराते, सीपीआयचे डॉ. महेश कोपुलवार, देवराव चौरे , अनिसचे विलास निंभोरकर, रिपब्लिकन पक्षाचे प्रकाश दुधे, हंसराज उंदीरवाडे, राष्ट्रवादीचे संजय कोचे, BRSP चे प्रितेश अंबादे, आदिवासी विकास परिषदेचे विनोद मडावी, कुणाल कोवे, बादल मडावी, गोंडवाना पार्टीचे प्रशांत मडावी, सामाजिक कार्यकर्ते गुलाबराव मडावी, राहुल बनकर, सुधीर वालदे, परमेश्वर गावडे, लहू रामटेके, प्रतीक डांगे, सुधा चौधरी, उमेश गावळे आदी कार्यकर्ता उपस्थित होते.

दि. 14 सप्टेंबर 2023


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Sept. 8, 2023

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Mobaile use :- Of course if you want to keep your mobile phone safe then know these tips otherwise the mobile phone will be damaged.


 

welcome to reality :- Certainly! Here are some mobile phone usage tips to help you use your device more effectively and responsibly:

 1. Limit Screen Time:   Try to limit your screen time, especially on social media and entertainment apps, to prevent excessive phone use.

 2. App Permissions:    Review and manage app permissions to protect your privacy. Only grant necessary permissions to apps.

3. Update Regularly:  Keep your phone's operating system and apps up to date to ensure security and performance improvements.

4. Backup Data:  Regularly back up important data, photos, and contacts to prevent data loss.

5. Battery Management: Optimize battery life by adjusting screen brightness, using battery saver mode, and closing unused apps.

6. Use Secure Passwords/PINs:  Ensure your phone is locked with a strong password, PIN, or biometric authentication (e.g., fingerprint or face recognition).

7. Install Antivirus: Consider installing reputable antivirus software to protect your device from malware and viruses.

8.Data Usage Monitoring:  Set data limits and monitor your data usage to avoid exceeding your plan's limits.

9. Wi-Fi Security: When using public Wi-Fi, use a VPN (Virtual Private Network) for added security.

10. Parental Controls: If applicable, set up parental controls to manage and restrict content for children's devices.

11. Avoid Distractions: Use the "Do Not Disturb" mode or app blockers to minimize distractions during work or study hours.

12. Safe Driving:  Never use your phone while driving. Use hands-free options or pull over if you need to use your device.

13. Regularly Clear Cache:  Clear app caches to free up storage space and improve performance.

14. Secure Personal Information:  Be cautious when sharing personal information online and be aware of phishing attempts.

15. App Deletion:  Uninstall apps you no longer use to declutter your device and improve performance.

16. Privacy Settings:  Review and adjust privacy settings for apps and services to control what information they can access.

17. Screen Timeout:  Set a short screen timeout to save battery when your phone is not in use.

18. Offline Mode:  Use airplane mode or turn off data when you don't need internet access to save battery.

19. Screen Protectors and Cases:  Protect your phone from physical damage with screen protectors and sturdy cases.

20. Respect Others:20. **Respect Be mindful of your surroundings and avoid loud or disruptive phone usage in public places.

By following these tips, you can make the most of your mobile phone while maintaining security, privacy, and responsible usage

Thank you

 


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Sept. 5, 2023

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बसल्या बसल्या पाय हलवणे चांगले की वाईट जाणून घ्या.


 

gadciroli news 5/9/2023: अनेक लोकांना बसल्या बसल्या पाय हलवण्याची, पायाची बोटं हलवण्याची सवय असते. अशा हालचालींना इंग्लिशमध्ये 'फिजिटिंग' म्हटलं जातं. या सवयी चांगल्या नसतात असे काहींचे म्हणणे असते.

मात्र, तज्ज्ञांनी म्हटले आहे की ही सवय आरोग्यासाठी चांगलीच ठरते! विशेषतः वजन घटवण्यासाठी बसल्या बसल्या अशा हालचाली करणे लाभदायक ठरते.

फिजिटिंगकडे पूर्वी बघण्याचा द़ृष्टिकोन वेगळा होता; पण आता त्याकडे बघण्याची द़ृष्टी बदलली आहे. यासंबंधी झालेल्या नवीन संशोधनातून समोर आलंय की चंचलता आपल्याला निरोगी ठेवण्यात, वजन आटोक्यात ठेवण्यात आणि आपला स्ट्रेस मॅनेज करण्यात आयुष्यभर मदत करते. लीडस् विद्यापीठात न्युट्रिशनल डिसीज तज्ज्ञ असणार्‍या जॅनेट केड यांनी सांगितले, "जर तुम्ही एकाच ठिकाणी स्थिर बसून राहात असाल तर ते चांगलं नाही.

जर तुम्ही बसलेले असताना हालचाल करत असाल तर ते तुमच्या आरोग्यासाठी चांगलं आहे." फिजिटिंग म्हणजे दडपण घेणं, बेचैन असणं असं सहसा समजलं जातं; पण इप्सेन फाऊंडेशनचे अध्यक्ष आणि मेयो क्लिनिकमध्ये मेडिसिनचे प्रोफेसर जेम्स लेवाईन यांचं म्हणणं आहे की शरीराच्या एका भागाची एका लयीत होणारी हालचाल मेंदूतून नियंत्रित केली जाते. तज्ज्ञांच्या मते, फिजिटिंग अनेक कारणांमुळे होऊ शकतं. एक म्हणते तुमची नेहमीची सवय असू शकते किंवा कधी कधी तुम्हाला कुठला तरी आजार झाला असला असल्याची शक्यता असते. आणखी एक शक्यता अशी आहे की तुमचं फिजिटिंग तुम्हाला फायदेशीर ठरू शकतो.

जगभरात 1975 पासून आतापर्यंत लठ्ठ लोकांच्या लोकसंख्येत तिप्पट वाढ झाली आहे. याचं एक महत्त्वाचं कारण म्हणजे बैठी जीवनशैली. यामुळे आपल्या शरीराचं मेटॅबोलिझम म्हणजेच चयापचय क्रिया मंदावतं. यामुळे आपल्या रक्तातल्या साखरेची पातळी रक्तदाब नियंत्रित करण्याची क्षमता प्रभावित होते. यामुळे आपल्या शरीरातील चरबीही काम करू शकत नाही; पण आता याचे पुरावे मिळालेत की फिजिटिंगमुळे आपलं वजन आटोक्यात राहण्यात मदत होते. कारण यामुळे आपण एका जागी स्वस्थ न बसता हालचाल करत असतो.

 


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Sept. 5, 2023

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सावधान! तरुणांमध्ये वाढतोय कॅन्सर चा धोका '. जाणून घ्या कारण


 

 गडचिरोली न्युज 5 /9/2023: कॅन्सरबाबत एका अभ्यासात एक धक्कादायक खुलासा झाला आहे. ब्रिटिश मेडिकल जर्नल (BMJ ऑन्कोलॉजी) मध्ये प्रकाशित झालेल्या एका अभ्यासात असे आढळून आले आहे की गेल्या तीन दशकांमध्ये जागतिक स्तरावर 50 वर्षांखालील लोकांमध्ये कॅन्सरच्या नवीन प्रकरणांमध्ये 79% वाढ झाली आहे.


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Sept. 4, 2023

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Teacher day 2023: 05 सितम्बर को ही क्यो मनाया जाता है शिक्षक दिवस? पढे इसका इतिहास और इसका महत्व.


 

Teachers Day 2023: अज्ञान से ज्ञान की ओर ले जाने वाले गुरु को भगवान का दर्जा दिया जाता है. हमारे जीवन में गुरु का बड़ा महत्व है. भारत में हर साल 5 सितंबर को शिक्षक दिवस (Teachers Day)मनाया जाता है. यह देश के पहले उपराष्ट्रपति और पूर्व राष्ट्रपति, विद्वान, दार्शनिक और भारत रत्न से सम्मानित डॉ. सर्वपल्ली राधाकृष्णन के जन्मदिन के उपलक्ष्य में मनाया जाता है, जिनका जन्म 05 सितंबर 1888 को हुआ था.

शिक्षक दिवस पर देश में शिक्षकों के अद्वितीय योगदान को प्रोत्साहित और उन सभी शिक्षकों को सम्मानित किया जाता है, जिन्होंने अपनी प्रतिबद्धता और समर्पण के माध्यम से न केवल शिक्षा की गुणवत्ता में सुधार किया है बल्कि अपने छात्रों के जीवन को भी समृद्ध बनाया है. 

पहली बार कब मनाया गया था शिक्षक दिवस?


दरअसल, डॉ. एस राधाकृष्णन का जन्म 5 सितंबर, 1888 को हुआ था. सन 1962 में जब डॉ. सर्वपल्ली राधाकृष्णन ने भारत के दूसरे राष्ट्रपति के रूप में पदभार संभाला, तो उनके छात्र 5 सितंबर को एक विशेष दिन के रूप में मनाने की अनुमति मांगने के लिए उनके पास पहुंचे. इसके बजाय, उन्होंने समाज में शिक्षकों के अमूल्य योगदान को स्वीकार करने के लिए 5 सितंबर को शिक्षक दिवस के रूप में मनाने का अनुरोध किया. डॉ. राधाकृष्णन ने एक बार कहा था कि "शिक्षकों को देश में सर्वश्रेष्ठ दिमाग वाला होना चाहिए." 1954 में उन्हें भारत रत्न से सम्मानित किया गया था.

 

शिक्षक दिवस का महत्व


5 सितंबर को स्कूलों, कॉलेजों, विश्वविद्यालयों और शैक्षणिक संस्थानों में शिक्षक दिवस के रूप में मनाया जाता है. छात्र अपने प्रिय शिक्षकों के प्रति अपनी प्रशंसा व्यक्त करने के लिए प्रदर्शन, नृत्य और विस्तृत शो जैसी विभिन्न गतिविधियां आयोजित करते हैं. यहां तक कि उन लोगों के लिए भी जो अब स्कूल या कॉलेज में नहीं हैं, शिक्षक दिवस अपने गुरुओं के प्रति आभार व्यक्त करने और शिक्षकों के उनके जीवन पर पड़े गहरे प्रभाव को स्वीकार करने का एक उत्कृष्ट अवसर है. शिक्षक गुणवत्तापूर्ण शिक्षा की नींव हैं और अक्सर अपने छात्रों की सफलता पर गर्व करते हैं.

थँक क्यू....

 


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Sept. 4, 2023

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टीव्ही पाहिल्याने गंभीर आजार होऊ शकतात. टीव्ही पाहणे कमी केले नाही तर या आजाराला आमंत्रण द्यावे लागेल.Watching TV can cause serious diseases. If you don't cut down on watching TV,


 

welcome to reality: नमस्कार मित्रानो तुम्हाला माहिती आहे काय आपण हर रोज दिवसातून 3 ते 4 तास टीव्ही पाहतो . पण आपल्याला नाही माहिती की जास्त वेळ टीव्ही पाहण्याचे खूप  मोठे तोटे होऊ शकतात.चला तर मग आज या छोट्याशा  ब्लॉग मध्ये थोडक्यात जाणून घेऊ.  अशाच नवनवीन ब्लॉग वाचन्यासाठी.... नक्की फॉलो  करा..

टीव्ही पाहण्याचे तोटे काय आहेत? 

1. वेळ वाया घालवणे: जास्त टीव्ही पाहण्याने तुमचा वेळ वाया जाऊ शकतो, ज्याचा उपयोग उत्पादक कामासाठी केला जाऊ शकतो.

2. अशक्तपणा: जास्त वेळ टीव्ही पाहिल्याने तुम्ही शारीरिकदृष्ट्या निष्क्रिय होऊ शकता, ज्यामुळे अशक्तपणाचा धोका वाढू शकतो.

3. लठ्ठपणा: टीव्ही पाहण्याने तुमची शारीरिक हालचाल कमी होते आणि त्यामुळे लठ्ठपणा येऊ शकतो.

5. झोपेची समस्या: टीव्ही पाहिल्यानंतर रात्री झोपणे कठीण होऊ शकते, कारण टीव्हीचा निळा प्रकाश मेलाटोनिनचे उत्पादन कमी करू शकतो.

6. तणाव आणि चिंता: नकारात्मक किंवा तणावपूर्ण टीव्ही सामग्री पाहण्यामुळे तणाव आणि चिंता होऊ शकते.

4. विचलित: टीव्ही पाहताना, तुमचे लक्ष दुसरीकडे वळवले जाऊ शकते, ज्यामुळे तुमचे वाचन आणि काम प्रभावित होऊ शकते.

7. सामाजिक संवाद कमी होणे: जास्त टीव्ही पाहण्याने सामाजिक संवाद कमी होऊ शकतो, ज्यामुळे परस्पर संबंधांवर परिणाम होऊ शकतो.

8. अंमली पदार्थांचे व्यसन: टीव्हीवर दाखवले जाणारे पदार्थांचे सेवन किंवा व्यसनाचे शो तुमच्या मुलांवर परिणाम करू शकतात.

9. व्यायामाचा अभाव: टीव्ही पाहण्यामुळे तुम्ही व्यायाम आणि शारीरिक तंदुरुस्तीकडे दुर्लक्ष करू शकता.

10. आपण अभ्यासात आहोत: जर आपण टीव्ही पाहताना अभ्यासाकडे किंवा कामाकडे दुर्लक्ष केले तर ते आपल्याला अभ्यासात आणू शकते.

हे तोटे टाळण्यासाठी, तुम्ही टीव्ही पाहण्याचे प्रमाण आणि योग्य वेळी टीव्ही पाहण्याचे प्रमाण मर्यादित ठेवावे.

 धन्यवाद....


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Sept. 4, 2023

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( ladli bahna yojana ) लाडली बेहना योजना के अंतर्गत अब 21 से 23 वर्ष की महिलाओं को भी मिलेगा पैसा.


 

Ladli Behna Yojana:  लाड़ली बहना योजना की चौथी किस्त 10 सितंबर को सभी पात्र महिलाओं के ख़ातो मैं ट्रांसफ़र की जायेगी, और इस बार दूसरे चरण की पात्र महिलाओं को भी किस्त का पैसा मिलेगा, पहले चरण की महिलाओं कि यह चौथी किस्त हैं और दूसरे चरण की महिलाओं कि पहली किस्त हैं, जो 1250 रुपए की जारी कि जाएगी।

दोस्तों जैसा कि आपको पता हैं लाड़ली बहना योजना के अन्तर्गत हर माह की 10 तारीख़ को योजना की किस्त ट्रांसफ़र की जाती हैं, पहले चरण की महिलाओं को 27 अगस्त यानी रक्षाबंधन से 3 दिन पहले 250 रुपए डाल दिये गये थे, और आप पहले चरण की महिलाओं को मात्रा 1000 रुपए चौथी किस्त मैं मिलेगे।

मध्यप्रदेश लाड़ली बहना योजना मैं अब बहनों के खाते मैं हर महीने 1250 रुपए डाले जायेगी, जिसकी घोषणा मुख्यमंत्री शिवराज सिंह ने 27अगस्त को कर दी है, दूसरे चरण मैं 21 से 23 और ट्रेक्टर मलिक परिवार की महिलाओं को आवेदन करने का मौक़ा दिया गया था, और अब वह महिलायें भी योजना का लाभ ले सकती हैं।

लाड़ली बहना योजना चौथी किस्त कब डाली जाएगी?

जैसा कि सभी महिलाओं को भली भाती पता हैं लाड़ली बहना योजना की किस्त हर माह की 10 तारीख़ को डाली जाता हैं, उसी के अनुसार चौथी किस्त को योजना के कार्यक्रम के दौरान मुख्यमंत्री शिवराज सिंह के दुवारा डाली जाएगी, जिसका सभी महिलाओं को इंतज़ार हैं, अब इस माह से दूसरे चरण की महिलाओं को भी पैसा मिलेगा।

अब 21 से 23 वर्ष की महिलाओं को भी मिलेगा पैसा

लाड़ली बहना योजना का लाभ लेने के लिये काफ़ी लंबे समय से इंतज़ार कर रही दूसरे चरण की महिलाओं का इंतज़ार अब ख़त्म होने को हैं, और अब उन्हें पहली किस्त का पैसा 10 तारीख़ को मिलेगा इस माह की जिसकी घोषणा की जा चुकी हैं, परंतु आपको उसके पहले योजना की अंतिम सूची मैं अपना नाम देख लेना चाहिए।

दूसरे चरण की महिलायें 10 सितंबर से पहले यह ज़रूर काम कर ले।

अगर आपने भी योजना के दूसरे चरण मैं आवेदन किया हैं तब आपको 10 सितंबर से पहले एक ज़रूरी काम कर लेना चाहिए, आपको योजना की अंतिम सूची को 31 अगस्त को जारी की गई मैं अपना नाम देखना हैं अगर आपका नाम इस सूची मैं हैं तभी आपको योजना का लाभ दिया जाएगा अन्यथा आपको इस योजना का लाभ नहीं मिलेगा।


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Sept. 3, 2023

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मोदी सरकारची ही नवीन योजना. एका अप ने बनू शकता करोडपती. जाणून घ्या सविस्तर.


 

3 सप्टेंबर 2023 मोदी सरकारची नवीन योजना.जाणून घ्या सविस्तर.

हॅलो  मित्रानो तुम्ही तुमच्या मोबाईलमध्ये एक अॅप इस्टॉल करुन लखपती होऊ शकता. हे सरकारी अॅप आहे, यावरुन तुम्हाला फक्त तुम्ही व्यवहार केलेल्या बिलाचा फोटो अपलोड करायचा आहे. तुम्ही 'मेरा बील, मेरा अधिकार' या अॅप बद्दल ऐकलं असेल.

Google Play store वर 'मेरा बिल मेरा अधिकार' हे अॅप सर्च करुन तुमच्या मोबाइलवर डाऊनलोड करा. मोदी सरकारची ही नवीन योजना आहे, यामध्ये तुम्ही २०० रुपयांच्या GST बिलासह 50000 हजार रुपये जिंकू शकता.

तुम्‍ही 'मेरा बिल मेरा अधिकार' लकी ड्रॉचे विजेते झाल्‍यास, तुम्‍हाला ३० दिवसांच्‍या आत अॅपवर पॅन क्रमांक, आधार कार्ड क्रमांक आणि बँक खाते तपशील द्यावा लागेल. यानंतर, बक्षिसाची रक्कम तुमच्या बँक खात्यात जमा होईल.

3 सप्टेंबर २०२३ रोजी केंद्रातील मोदी सरकारने 'मेरा बिल मेरा अधिकार' ही योजना सुरू केली. यामध्ये भारतातील सर्व नागरिक सहभागी होऊ शकतात. योजनेअंतर्गत अनेक लकी ड्रॉ काढण्यात येणार आहेत. यामध्ये किमान २०० रुपयांच्या बिलाचा फोटो अपलोड करून जास्तीत जास्त 50000 हजार रुपये जिंकता येतील.

ही योजना आसाम, गुजरात, हरियाणा, महाराट्र आणि केंद्रशासित प्रदेश पुद्दुचेरी, दादरा नगर हवेली आणि दमण आणि दीवसाठी सुरू करण्यात आली आहे. ही योजना एक वर्षासाठी सुमारे १२ महिने सुरू राहणार आहे.

या योजनेअंतर्गत दर तीन महिन्यांनी दोन बंपर बक्षिसे काढली जातील. याची कमाल किंमत एक कोटी रुपये असेल. तसेच १० लाख रुपयांचे मासिक १० लकी ड्रॉ काढले जातील. १०,००० रुपयांचे तेच ८०० मासिक लकी ड्रॉ काढले जाणार आहे.

बील असं अपलोड करा

अगोदर तुम्हाला 'मेरा बिल मेरा अधिकार' अॅप डाउनलोड करावे लागेल. यानंतर तुम्हाला तुमच्या बिलाचे इनव्हॉइस अपलोड करावे लागेल.
यासाठी तुम्हाला My Invoice या पर्यायावर जावे लागेल, जिथे तुम्हाला कॅमेरा, गॅलरी आणि PDF असे तीन पर्याय मिळतील. तुम्ही बिल इनव्हॉइस फोटो, गॅलरी किंवा पीडीएफ फॉरमॅटमध्ये अपलोड करू शकाल. यानंतर, तुमच्या बिलाचे सर्व तपशील जसे की CGST, SGST आणि इतर व्यवहार तपशील त्यात भरा. यानंतर सबमिट इनव्हॉइस वर क्लिक करावे लागेल. तुम्हाला बदल करायचा असल्यास त्यात बदल करू शकता. यानंतर अपलोड केले जाईल. आणि ARN जनरेट होईल.

यात तपशीलांसह NRN माय इनव्हॉइस विभागात उपलब्ध असेल. बक्षीस जिंकण्यासाठी वापरकर्त्यांना हार्ड कॉपी सुरक्षित ठेवावी लागेल.

Thank you 


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Sept. 2, 2023

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500 rupee notes : रातोरात तुमचे नशीब बदलेल. ही 500 रुपयांची नोट घरबसल्या मिडतील 78 लाख रुपये. जाणून घ्या सविस्तर...


 

500 rupee note: अनेकांना जुन्या नोटा आणि जुनी नाणी जमा करण्याचा छंद असतो. जर तुम्हालाही असा छंद असेल तर तुम्ही सहज तब्बल 78 लाख रुपयांची कमाई करू शकता. ते देखील घरबसल्या आणि कोणत्याही शारीरिक कष्टाशिवाय.

जागतिक बाजारपेठेत अशा अनेखासियक वेबसाइट आहेत ज्या जुन्या नोटा आणि जुनी नाणी घेतात. जर तुमच्याकडे 500 रुपयांची नोट असेल तर तुमचे देखील रातोरात नशीब बदलू शकेल. त्यासाठी तुम्हाला काही नियम आणि अटी मान्य कराव्या. लागतील. जाणून घ्या सविस्तर माहिती.

आता तुम्ही जुन्या नोटा आणि नाण्यांच्या मदतीने कधीही कुठूनही चांगली कमाई करू शकता. त्यासाठी फक्त तुमच्याकडे फक्त जुनी दुर्मिळ नोट असणे गरजेचे आहे. सध्या 500 रुपयांच्या नोटांच्या बदल्यात लाखो रुपये कमावता येत आहेत. अशा परिस्थितीत आता जर तुमच्याकडे 500 रुपयांची नोट असल्यास तर तुम्ही या नोटेतून 78 लाख रुपये सहज घरबसल्या कमवू शकता.

हे लक्षात घ्या की जागतिक बाजारपेठेत अशा अनेक वेबसाइट आहेत ज्या जुन्या नोटा खरेदी करत आहेत. समजा आता तुमच्याकडे 500 रुपयांची नोट असल्यास तर तुम्हाला त्याच्या बदल्यात 78 लाख रुपये मिळतील. तुमच्यासाठी ही एक चांगली संधी आहे, परंतु आता तुम्ही ही संधी गमावली तर तुम्हाला पश्चाताप करावा लागेल. जाणून घ्या नोट विकण्यापूर्वी तिची सर्व वैशिष्ट्य.

खासियत

समजा तुमच्याकडे 500 रुपयांची खास नोट असल्यास आता तुम्ही या नोटेतून सहज लाखो रुपयांची कमाई करू शकता. काही अटींसह नोटेचे मूल्यही वाढते. या नोटेच्या वैशिष्ट्याबद्दल सांगायचे झाले तर, या नोटमध्ये 786 क्रमांक लिहिला असावा. जे फार कमी नोटेमध्ये असते.सर्वात महत्त्वाचे म्हणजे हा आकडा खूप लकी असल्यामुळे या नोटेची जास्तीत जास्त किमतीत खरेदी केली जाते.

786 म्हणजे काय?

या 786 नंबरमध्ये असे काय आहे ज्यामुळे नोट मौल्यवान आहे, असा जर तुम्ही विचार करत असाल तर हे लक्षात घ्या की मुस्लिम धर्मात 786 क्रमांकाचे खूप महत्त्व आहे. कारण 786 क्रमांक घरात सुख-समृद्धी आणत असल्याने ही नोट 78 लाख रुपयांना विकली जात आहे. आता तुमच्याकडे 786 क्रमांकाच्या तीन नोटा असल्यास तुम्ही ही नोट 78 लाख रुपयांना सहज विकू शकता.

सर्वात महत्त्वाची बाब म्हणजे ही नोट विकण्यासाठी तुम्हाला कुठेही जाण्याची गरज पडणार नाही. कारण आता तुम्ही घरबसल्या या नोटेची विक्री शकता. यासाठी तुम्हाला eBay वेबसाइटवर जावे लागणार आहे. या ठिकाणी तुम्हाला या नोटेचा फोटो ज्या ठिकाणी अपलोड करावा लागणार आहे तेथे गेल्यानंतर ग्राहक नोट खरेदी करण्यासाठी आपोआप कनेक्ट होतील.

Thank you..

 


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Sept. 2, 2023

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यंदाच्या कमी पाऊसमानाचा गंभीर फटका महाराष्ट्र राज्याला पावसामुळे वीज निर्मितीचा वेग मंदावला?This year's low rainfall has seriously affected the state of Maharashtra.


महाराष्ट्र :

यंदाच्या कमी पाऊसमानाचा (rain)गंभीर फटका राज्याला बसण्याची चिन्हे आहेत. पावसामुळे वीज निर्मितीचा वेग मंदावला आहे. यामुळे वीजेची निर्मिती व पुरवठा यात मोठी तफावत निर्माण आहे. परिणामी, राज्यावर आपत्कालीन लोडशेडिंग म्हणजे भारनियमन करण्याची वेळ आली आहे. राज्यातील नागरिकांना दररोज अर्धा ते 2 तासांच्या भारनियमनाला सामोरे जावे लागणार आहे. एका मराठी वृत्तवाहिनीने यासंबंधीचे वृत्त दिले आहे.

यंदा राज्यात कमी पाऊसमान झाले आहे. त्यामुळे वीजेच्या मागणीत मोठी वाढ झाली आहे. ही मागणी पूर्ण करण्यात महावितरणला अपयश येत आहे. त्यामुळे राज्यातील काही ठिकाणी अर्धा ते 2 तासापर्यंतचे भारनियमन सुरू करण्यात आले आहे. कमी पाऊसमानामुळे शेतकऱ्यांकडून सिंचनासाठी होणारा पाण्याचा उपसा वाढला आहे. परिणामी वीजेची मागणी वाढून तुटवडा निर्माण झाला आहे. त्यामुळे राज्यात आपत्कालीन लोडशेडिंग करण्यात येत आहे, अशी माहिती महावितरणच्या एका अधिकाऱ्याने दिली. राज्यात काही भागात अर्धा तास ते 2 तासांपर्यंत लोडशेडिंग केली जात आहे. वीजेची वाढीव मागणी कमी झाली किंवा पाऊस झाला, तर लोडशेडिंग आपसूकच बंद होईल, असे या अधिकाऱ्याने सांगितले.

दुसरीकडे महाजेनकोने कमी पावसामुळे औष्णिक वीज केंद्रातील अनेक युनिट देखभालीसाठी बंद ठेवली आहेत. यामुळे वीजेची मागणी व पुरवठ्यात तब्बल 2 ते 3 हजार मेगावॅटचा तुटवडा निर्माण झाला आहे. महावितरणने या समस्येचा निपटारा करण्यासाठी काही फिडरवर अचानक लोडशेडिंग सुरू केले. नागपूर जिल्ह्यातील अनेक भागांत बुधवारी भारनियमन करण्यात आले. त्यानंतर गुरुवारी स्थितीत काहीशी सुधारणा झाली. पण अमरावती विभागातील काही भागांत गुरुवारीही वीज कपात करण्यात आली आहे.

मागणी पुरवठ्यातील तुटवडा वाढला

महावितरणच्या माहितीनुसार, सद्यस्थितीत वीजेची कमाल मागणी 26 हजार मेगावॅटपेक्षा जास्त वाढली आहे. सामान्यतः ऑगस्ट महिन्यात होणाऱ्या पावसामुळे कृषी क्षेत्रातील विजेची मागणी कमी होते. पण यंदा ही मागणी कमी झाली नाही. उलट वाढत्या उकाड्यामुळे एसी, कुलर अजून सुरू आहेत. त्यामुळे वीजेची मागणी वाढली आहे, असे महावितरणाच्या अधिकाऱ्यांनी सांगितले आहे

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Sept. 1, 2023

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अवाढव्य वीज बिल वाढ  व विभागाकडून होणारा गैरव्यवहार थांबवावा ..*


 

gadciroli   वीज ही प्रत्येक व्यक्तीच्या व्यवहारातील  जीवनावश्यक  बाब झालेली आहे. व ती समाजातील अगदी खालच्या गोरगरीब व्यक्तीपर्यंत पोहोचवणे हे आपल्या विभागाचं व शासनाचे काम आहे. तथापि महावितरण विभागाकडून सेवेमध्ये अनियमितता, गैरव्यवहार व हयगय  मोठ्या प्रमाणात असल्याचे आढळून येत आहे. विभागाकडून पाठवत असलेल्या मासिक विज बिलामध्ये मोठ्या प्रमाणात धांदली असल्याचे आढळून येत आहे.

प्रत्येकच बिलामध्ये  नियमित आकार, स्थायी आकार, वीज अधिभार ह्या काय भानगडी आहेत व यामुळे वीज बिलामध्ये प्रचंड मोठ्या प्रमाणात वाढ होत आहे. हा गोरगरीबावर एक प्रकारचा अन्याय आहे. सावेला पोटेगाव परिसरात वारंवार विद्युत पुरवठा खंडित होतो व ५-५ दिवस विद्युत येत नाही. त्या परिसरात रोज लाईन जात असून कर्मचारी हे स्थायी राहत नसल्याने , विभागाकडून सुविधा वेळेवर पोचत नाही व त्यामुळे विद्यार्थ्यांचे , गरोदर महिलांचे मोठे नुकसान होते .एवढेच नव्हे तर  नवीन कनेक्शन करिता अर्ज केला असता कार्यालयात मीटर उपलब्ध नाही , मीटर येण्यासाठी एक वर्ष लागेल व त्यामुळे आपण बाहेरून मीटर घ्यावे असे सांगण्यात येते. मग जर खाजगी दुकानांमध्ये मीटर उपलब्ध होत असेल तर आपल्या कार्यालयामध्ये मीटर उपलब्ध का नाही.? आणि जर मीटर उपलब्ध नाही तर आपण डिमांडची रक्कम मीटर सहित का बर घेता ? हा एक गंभीर प्रश्न आहे. तसेच डिमांड भरली असता सुद्धा आपले मीटर लावायला येणारा कर्मचारी हा पुन्हा पाचशे रुपये का घेतो. याचे उत्तर आपण द्यावे. हा भ्रष्टाचाराचा प्रकार आहे. तसेच मीटर साठी अर्ज करताना आपल्या कर्मचाऱ्यांना जर काही विचारणा केली असता ते अरेरावीपणे  बोलतात व योग्य समाधानकारक उत्तर ते देत नाही  असाही आरोप करण्यात आला . याचा अर्थ असा होतो की आपण मुख्य अभियंता म्हणून आपला  वचक  किंवा  नियंत्रण आपल्या विभागातील कर्मचाऱ्यांवर नाही असा त्याचा अर्थ होतो.  वास्तविक पाहता कार्यालयात आलेल्या तक्रारी ३ ते ५ दिवसात सोडवाव्यात असा नियम असून ६-६ महिने व काही समस्या २-२ वर्षापासून प्रलंबित असल्याचे चर्चेत समजले .महिन्याला ७०० मीटर कार्यालयात उपलब्ध होत असून विभागामध्ये ४ ते ५ हजार मीटर साठी अर्ज येतात असे अभियंता यांनी सांगितले . मीटर लावताना कोणतेही खर्च येत नसताना कर्मचारी मात्र ५०० ते १००० रु. मीटर लावायची रक्कम घेत असतात. हा भ्रष्टाचारावर आळा घालण्यात यावा अशीही मागणी मुवेमेंट फॉर जस्टीस ने केली . यावेळी मुवेमेंट फॉर जस्टीस चे समन्वयक विनोद मडावी , राज बन्सोड , रिपब्लिकन पक्षाचे हंसराज उंदिरवाडे, प्रदीप भैसारे, प्रतिक डांगे ,नागसेन खोब्रारागडे, राहुल कुकुडकर ,बादल मडावी, लहूजी रामटेके ,सोमनाथ कुमरे, मधुकर पारसा ,कुणाल मानुसमारे, बाळकृष्ण बांबोले, महेश हलामी , संदीप पोटावी , मोहम्मद कुरेशी , दिनेश नरोटे, सुगंध बांबोले तसेच बहुसंख्य गावकरी उपस्थित होते.


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Sept. 1, 2023

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" चंद्रानंतर आता भारत सूर्यावर जाणार आहे" आदित्य L1 मिशन काय आहे? आणि ते कधी प्रक्षेपित होणार आहे. After the moon, now India will go to the sun. What is Aditya L1 Mission?


 

(Isro)

चंद्राच्या पृष्ठभागावर चांद्रयान-3 (Chandrayaan-3) चं यशस्वी लँडिंग केल्यानंतर, देशाच्या नजरा आता इस्रोच्या सूर्य मोहिमेवर म्हणजेच, आदित्य-एल1 वर आहेत. इस्रोची ही महत्त्वाकांक्षी मोहीम PSLV-XL रॉकेटच्या मदतीनं 2 सप्टेंबर रोजी प्रक्षेपित होणार आहे.

लॉन्च झाल्यानंतर 127 दिवसांनी ते त्याच्या पॉइंट L1 वर पोहोचेल. या टप्प्यावर पोहोचल्यानंतर, आदित्य-L1 सूर्य आणि तेथील परिस्थितीसंदर्भातील अत्यंत महत्त्वाचा डेटा पाठवण्यास सुरुवात करेल.

मिशनच्या लॉन्चिंगपूर्वी इस्रोचे प्रमुख एस सोमनाथ म्हणाले की, 'आदित्य एल-1 मिशन लाँच करण्याची तयारी सुरू आहे. ही मोहीम 2 सप्टेंबर रोजी सकाळी 11.50 वाजता आंध्र प्रदेशातील श्रीहरिकोटा अंतराळ स्थानकावरून लॉन्च केली जाईल. पृथ्वी आणि सूर्य यांच्यातील एक टक्का अंतर कापल्यानंतर आदित्य L-1 या अंतराळयानाला L-1 बिंदूवर घेऊन जाईल. L1 हे सूर्य आणि पृथ्वीमधील एकूण अंतराच्या एक टक्का आहे, म्हणजेच 15 लाख किलोमीटर, तर सूर्यापासून पृथ्वीचं अंतर 15 कोटी किलोमीटर आहे.

इस्रोचे प्रमुख पुढे बोलताना म्हणाले की, आदित्य एल-1 मिशन ही सूर्याचं निरीक्षण करणारी इस्रोची पहिली डेडिकेटेड अंतराळ मोहीम असणार आहे. प्रक्षेपणाची तयारी अंतिम टप्प्यात पोहोचली आहे. रॉकेट आणि उपग्रह तयार आहेत. प्रक्षेपणाची तालीमही पूर्ण झाली आहे. इस्रोचे सर्वात विश्वासार्ह रॉकेट PSLV-C57 आदित्य-L1 ला पृथ्वीच्या लोअर अर्थ ऑर्बिटमध्ये सोडेल. यानंतर, तीन किंवा चार ऑर्बिट मैन्यूवर केल्यानंतर, ते थेट पृथ्वीच्या स्फेयर ऑफ इंफ्लूएंस (SOI) बाहेर जाईल. त्यानंतर क्रूझचा टप्पा सुरू होईल. हा टप्पा जरा जास्त काळा चालेल.

आदित्य-L1 हे हॅलो ऑर्बिटमध्ये (Halo Orbit) समाविष्ट केलं जाईल. जिथे L1 पॉईंट आहे. हा पॉईंट सूर्य आणि पृथ्वी यांच्यामध्ये स्थित आहे. पण सूर्यापासून पृथ्वीच्या अंतराच्या तुलनेत तो फक्त 1 टक्के आहे. या प्रवासासाठी 127 दिवसांचा कालावधी लागणार आहे. हे अवघड मानलं जातं, कारण त्याला दोन मोठ्या ऑर्बिटमध्ये जावं लागतं.

इस्रोच्या आदित्य-L1 मिशनचं वैज्ञानिक उद्दीष्ट काय?

आदित्य-L1 हा अवकाशात सौर वेधशाळा स्थापन करण्याचा भारताचा पहिला प्रयत्न आहे. मुळात आदित्यला पृथ्वीपासून 800 किमी उंचीवर ठेवण्याची योजना होती. पण नंतर एक महत्त्वाकांक्षी प्रस्ताव तयार करण्यात आला आणि आता, आदित्यला Lagrangian पॉईंट L1 जवळ ठेवण्याची योजना आखण्यात आली आहे. म्हणूनच, या मिशनला आदित्य-L1 असं म्हटलं जात आहे. सोलर कोरोनाचे निरीक्षण करणं हाच इस्रोच्या या मोहिमेचा मुख्य उद्देश आहे.

सोलर कोरोना म्हणजे काय? (Stellar Corona)

कल्पना करा की, आपण सौर पृष्ठभागावर उभे आहोत, याला फोटोस्फियर (Photosphere) म्हणतात (सूर्यावर कोणताही 'कठीण' पृष्ठभाग नाही. तो फक्त उकळत्या वायूचा पृष्ठभाग आहे आणि त्यामुळे आपण त्यावर उभे राहू शकत नाही). त्यानंतर आपल्याला सूर्याचं वातावरण दिसतं, ज्याला क्रोमोस्फियर  (Chromosphere)म्हणतात. हे घटक-समृद्ध आणि दाट आहे आणि वारंवार होणार्या Solar Flare उत्सर्जनामुळे पहिला धक्का बसतो. याशिवाय सूर्याचा सर्वात बाहेरचा थर हजारो किलोमीटरपर्यंत पसरलेला आहे. या बाह्य वातावरणाला कोरोना म्हणतात. ते प्लाझ्मानं भरलेलं असतं आणि सतत चमकत असतं. साधारणपणे सूर्याच्या तेजामुळे ते दिसू शकत नाही. परंतु, सूर्यग्रहणादरम्यान आपण सौर कोरोना कोणत्या उपकरणाच्या मदतीशिवाय अगदी सहज पाहू शकतो.

सौर कोरोनाबद्दलचं रहस्य हे आहे की, त्याचे तापमान खूप जास्त आहे. फोटोस्फियर किंवा क्रोमोस्फियरपेक्षा कितीतरी जास्त. कल्पना करा की, हिवाळा सुरू आहे आणि खूप थंडी आहे, अशातच तुमच्या घरात हीटर चालू आहे. जसजसं तुम्ही हीटरपासून दूर जाल तसतसं तुम्हाला कमी उष्णता मिळेल. साहजिकच, एखादी वस्तू उष्णता स्त्रोतापासून जितकी दूर असेल तितकी ती थंड असते. पण कोरोनाच्या बाबतीत, जसं आपण सूर्यापासून दूर जातो, त्याचं तापमान वाढताना दिसतं, पण हे असं का होतं? हे अनेक वर्षांपासून न सुटलेलं रहस्य असून आतापर्यंते ते पूर्णपणे समजलेलं नाही. उत्तर कोरोनाच्या चुंबकीय क्षेत्र रेषांमध्ये कुठेतरी असू शकते. अडकलेले वायू विविध परस्परक्रियांमुळे गरम होऊ शकतात. त्यामुळे कोरोनल मास इजेक्शन समजून घेणं आपल्यासाठी अधिक महत्त्वाचं आहे. कारण त्याचा पृथ्वीच्या हवामानावर थेट परिणाम होतो. अशातच इस्रोचं आदित्य L1 सोलर कोरोनाचं निरिक्षण करण्यासाठी अंतराळात जाणार आहे.

Thank you!


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Aug. 31, 2023

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वजन कम करना है?तो सुबह खाली पेट खालें ये मीठी चीज, मिलेंगे और भी फायदे? Want to lose weight? Then eat this sweet thing on an empty stomach in the morning, you will get more benefits.


 

हॅलो  दोस्तो आपको पता नाही होगा आप जीवन मै  कभी ना कभी  ये फळ खाया होगा नेकीन आपको नाही पता की यह एक आयुर्वेदिक औषधीय फळ है जो भारत में उगता है। इस फलो   का उपयोग खाने के लिए किया जाता है। यह पीले भूरे रंग का बेरी जैसा और थोड़ा लम्बा फल है। एक फल में केवल एक बीज होता है और उसके चारों ओर के गूदे में 60 से 70 प्रतिशत चीनी होती है। खजूर (खजूर )में जल्दी किण्वन होने लगता है, इसलिए खजूर के फलों को तेज धूप में सुखाया जाता है। सूखने के दौरान खजूर का वजन 35 प्रतिशत कम हो जाता है।

(Khjur )खजूर का नाम तो आपने सुना ही होगा, यह खाने में मीठा होता है लेकिन कई स्वास्थय लाभों से भरा हुआ होता है. खजूर खाना सेहत के लिए फायदेमंद होता है. इसमें पाए जाने वाले पोषक तत्व शरीर के लिए लाभदायी होते हैं. क्या आप जानते हैं कि हर रोज सुबह इस फल का सेवन का असर आपके शरीर को बहुत सारे लाभ दिलाने में मदद करता है. तो आइए जानते हैं इस फल को खाने के फायदे.             (helt tips )

(वजन कम होना ) vajan kam hona?


सुबह खाली पेट खजूर का सेवन आपका वजन कम करने में भी आपकी मदद कर सकता है. बता दें कि 1 खजूर में 6 ग्राम कार्बोहाइड्रेट पाया जाता है, इसके साथ ही इसमें चीनी भी काफी कम मात्रा में पाई जाती है. इसके अलावा यह स्वाद में मीठा होता है और उसमें फ्रुक्टोज की मात्रा अधिक होती है, जो ग्लूकोज से दोगुना मीठा होता है. इसके सेवन से पेट लंबे समय तक भरा रहता है. जो आपका वजन कम करने में मदद कर सकता है.

एनर्जी बढ़ाने में( to increase energy)

अगर आप रोजाना खाली पेट खजूर का सेवन करते हैं तो इसमें पाए जाने वाले तत्व आपके शरीर को पूरे दिन के लिए एनर्जी देने का काम करते हैं. इस फल में आयरन भरपूर मात्रा में पाया जाता है जिससे शरीर में हीमोग्लोबिन का लेवल बढ़ता ह

डायजेशन होगा दुरुस्त (digestion will be better)

जिन लोगों की डाइजेशन की समस्या होती है उनके लिए खाली पेट खजूर का सेवन फायदेमंद होता है. इसमें मौजूद फाइबर डाइजेशन को बेहतर बनाने में मदद करता है जिससे कब्ज और गैस की समस्या दूर हो जाती है.

Thank you..

Welcome to realtiy 


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Aug. 27, 2023

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जास्त प्रमाणात लसूण खाण्याने या आजारास द्यावे लागते आमंत्रण!( jast pramanat lasun khalyane ya aajaras dyave lagte aamtrn!


 

हॅलो मित्रांनो.. (welcome to reality)आज आपण सायंपाक घरा मध्ये असणारा म्हणजेच लसूण (lasun)हा आपल्या शरीराला  किती फायदेशीर आहे की नाही या बदल जाणून घेऊ.आपण रोज जेवणात चव आणण्यासोबतच आरोग्यासाठीही लसूण खूप फायदेशीर आहे. लसणामध्ये फॉस्फरस, झिंक, पोटॅशियम, व्हिटॅमिन-सी सारखे पोषक घटक असतात, जे आरोग्यासाठी फायदेशीर आहेत असे समजतो परंतु. लसूण जास्त प्रमाणात खाल्याने अनेक आजारांना सामोरे जावे लागते. जाणून घ्या जास्त प्रमाणात लसून खाल्याने काय होते नुकसान...

गडचिरोली gadciroli: लसणामुळे जेवणाची चव वाढते. आरोग्यासाठीही लसूण खूप फायदेशीर आहे. लसणात अँटीबॅक्टेरियल आणि अँटीफंगल गुणधर्म आढळतात. त्यामुळे व्हायरल इन्फेक्शन होण्याचा धोका कमी होतो. पोटॅशियम, लोह, कॅल्शियम आणि जीवनसत्त्वेही लसणात आढळून येतात. यामुळे मधुमेह आणि रक्तदाब यांसारख्या आजारांवर नियंत्रण ठेवणे शक्य होते.

शिजवलेले किंवा कच्चे लसूण कोणते चांगले आहे ? शिजवलेले लसून आणि कच्चा लसूण या दोघांचेही वैज्ञानिक फायदे सिद्ध झाले आहेत. कच्चा लसूण ठेचताना, चिरताना आणि चघळताना, अ‍ॅलिनेझ एन्झाइम सक्रिय होते आणि ऍलिसिन सोडते. ऍलिसिन हे कच्च्या लसणातील प्राथमिक बायोएक्टिव्ह कंपाऊंड आहे. ज्यामध्ये बॅक्टेरियाच्या वाढीस प्रतिबंध करणारा पदार्थ असतो. हे हृदयाचे आरोग्य सुधारण्यासाठी ओळखले जाते. लसूण शिजवताना सर्व महत्त्वपूर्ण एन्झाईम नष्ट होतात. अशाप्रकारे कच्चा लसूण सर्वाधिक फायदे देते हे सिद्ध होते. परंतु जास्त प्रमाणात लसूण खाणे हानिकारक आहे. जाणून घेऊया जास्त लसूण खाणे का आहे आरोग्यासाठी हानिकारक.

पचनासंबंधित समस्या निर्माण होतात : जास्त प्रमाणात लसूण खाल्ल्याने पचनाच्या समस्या निर्माण होतात. त्यामुळे गॅस, बद्धकोष्ठता, पोटदुखी सारख्या समस्या होतात.

श्वासाची दुर्गंधी होते : जास्त लसूण खाल्ल्याने श्वासाची दुर्गंधी होते. लसणात सलफर नावाचा घटक आढळतोय त्याने श्वासाच्या दुर्गंधीची समस्या होते.

हृदय जळणे : लसूण जास्त खाल्याने अनेक वेळा छातीत जळजळ होते. रिकाम्या पोटी लसूण खाल्ल्याने पोटात ऍसिडिटी वाढते. ज्यामुळे छातीत जळजळ होण्याची समस्या निर्माण होते.

रक्तस्त्राव : लसूण जास्त प्रमाणात खाल्ल्याने रक्तस्त्राव देखील होऊ शकतो. लसणात रक्त पातळ करण्याचे गुणधर्म असतात. जर तुम्ही रक्त पातळ करणारे औषध घेत असाल तर लसूण खाणे टाळावे.

शरीराचा वास : कांदे आणि लसूणमध्ये सल्फ्यूरिक ऍसिड असते. यांच्या अतिसेवनामुळे ते घामात मिसळते आणि शरीरात दुर्गंधी निर्माण करते.

कमी रक्तदाब : लसणाचे जास्त सेवन केल्याने अनेक वेळा लो ब्लडप्रेशरची समस्या सुरू होते. त्यामुळे चक्कर येणे सुरू होते. लसणात असे गुणधर्म आढळतात, जे उच्च रक्तदाब नियंत्रित ठेवण्यास मदत करतात. याच्या अतिसेवनामुळे रक्तदाब कमी होतो.


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Aug. 27, 2023

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तुम्ही पण फिरण्याचे आहात शौकीन! तर इथं नक्की जहाँ? डोंगर,दऱ्या, झाडे, धबधबा सर्व कही बगण्या सारखं.(tumhi pn aahat firnyace ( travling) shokin tr it nakki jaha! (Mountains, valleys, trees, waterfalls.


 

(welcome to reality) हॅलो मित्रांनो.. Good morning  या  व्लॉग  (vlogs)मध्ये आपणास स्वागत आहे. चला मित्रांनो मुल (mul)या शहरापासून सुमारे 5km वर वसलेला सोमनाथ (somnath) प्रकल्प स्वर्गीय बाबा आमटे यांची कर्मभूमी म्हणून ओळखला जातो.

या ठिकाणी निसर्गाने व हिरव्यागार वनाने नटलेला सोमनाथ धबधबा येणाऱ्या पर्यटकांचे लक्ष वेधणारा ठरला आहे. या ठिकाणी जिल्ह्यातील व जिल्ह्याबाहेरील अनेक पर्यटक वाहत असणाऱ्या धबधब्याचा आनंद लुटण्यासाठी येत असतात. हे सौंदर्य बघूनच आलेल्या पर्यटकांच्या मुखातून ‘काय झाडी, काय डोंगर, काय धबधबा’ सगड  कस ok मध्ये असे उद्गार बाहेर पडत असताना दिसत होते.

मूल mulपासून ५ किलोमीटर अंतरावर असलेल्या सोमनाथ येथे  आहे. सोमनाथ येथे एक मंदिर आहे. त्याला लागूनच डोंगर दरीतून वाहणारा एक धबधबा आहे. प्रत्येक पावसाळ्यात धबधबा ओसंडून वाहत असतो. हाच धबधबा येणाऱ्या पर्यटकांचे लक्ष वेधणारा असून या ठिकाणी येणारे पर्यटक आनंद लुटत असतात. मंदिराच्या (temple)सभोवताली घनदाट जंगल आहे. सोमनाथ बफर झोन क्षेत्रांअंतर्गत येत असल्याने आसपास वन्य प्राण्यांचा वावर मोठ्या प्रमाणात आहे. या ठिकाणी हिरवीगार वनराई, डोंगर, धबधबा असल्याने पर्यटकांचे आकर्षणाचे केंद्र बनले आहे.

 

चंद्रपूर Chandrapurजिल्यातील जास्त पाऊस rainआल्याने हा धबधबा ओसंडून वाहत असल्याने या ठिकाणी अनेक पर्यटकांनी मोठ्या प्रमाणात गर्दी केली जाते . पर्यटक धबधब्याचा आनंद लुटत असताना बघणं सुद्धा एक वेगडीच मजा  आहे.

हॅलो  मित्रांनो तुम्हला जायच असेल तर सोपा आणि सरड रस्ता म्हणजे   पहले सावली ला यहा  नंतर सावली पासून मुल ला जहाँ मुल ला आल्यानंतर  गाडी ने आल्या असाल तर पेट्रोल वगरे  भरून टाका कारण  मुल ते सोमनाथ  या रस्त्या वर कोणताच पेट्रोलपंप ची सुविधा  नसल्याने आपण अर्द्या रस्त्या मध्ये लटकून जाऊ नये नणून पेट्रोल भरणे अनिवार्य आहे. नंतर मुल पासून मुल मारोडा बाईपास रोडने जहाँ मुल मारोडा पासून 1km असलेला सोमनाथ . सोमनाथ  ला गेल्यानंतर सर्वात पहले शिव मंदिर मध्ये जहाँ आणि दर्शन  घ्या आणि मना... सगड कस ok मध्ये  आणि एन्जॉय करा... आपणास सोमनाथ  ला खूप  मज्जा येईल...

Thank you..

 

 


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Aug. 24, 2023

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(LIC Jeevan Akshaya Policy ): में निवेश करके कोई भी व्यक्ति जीवनभर पेंशन पा सकता है.?


 

 हॅलो मित्रांनो भारत देश की सबसे बड़ी बीमा कंपनी एलआईसी (LIC) में हर वर्ग और हर उम्र के लिए पॉलिसी मौजूद हैं. सुरक्षित निवेश के तौर पर एलआईसी की स्कीम्स पर लोग अधिक भरोषा करते हैं. वहीं अगर बात पेंशन स्कीम्स की हो, तो इस कैटेगरी में भी एलआईसी सबसे आगे है. ऐसी ही एक पॉलिसी है एलआईसी जीवन अक्षय (LIC Jeevan Akshaya), जो रिटायरमेंट प्लान के तौर पर खासी लोकप्रिय हो चुकी है. इसमें खास बात ये है कि आप एकमुश्त निवेश करके हर महीने मनचाही पेंशन पा सकते हैं. ये रिटायरमेंट प्लानिंग के लिहाज से एक बेहतरीन विकल्प साबित हो सकती है.

जिंदगीभर के लिए पेंशन की गारंटी
एलआईसी की जीवन अक्षय योजना (LIC Jeevan Akshaya Policy) एक एन्यूटी प्लान और सिंगल प्रीमियम पॉलिसी है. यानी इस पॉलिसी को लेते समय आपको बस एक बार निवेश करना होता है और आपको नियमित आय मिलनी शुरू हो जाती है. यानी वन टाइन इन्वेस्टमेंट में जिंदगीभर के लिए इनकम तय हो जाती है. है. आप अपने किए गए निवेश के जरिए पेंशन मासिक आधार पर, तिमाही आधार पर, छमाही आधार पर या फिर सालाना प्राप्त कर सकते हैं. खास बात ये है कि आप जो भी ऑप्शन चुनते हैं, उसमें अलग-अलग बेनेफिट्स मिलते हैं. ध्यान रहे इस पॉलिसी के स्टार्ट होने के बाद आप बाद में पेमेंट ऑप्शन चेंज नहीं कर सकते हैं.

पॉलिसी लेने के लिए आयुसीमा


(LIC Jeevan Akshaya Policy ): में निवेश करके कोई भी व्यक्ति जीवनभर पेंशन पा सकता है. पेंशन का क्राइटेरिया आपके द्वारा किए गए निवेश पर निर्भर करता है, इसमें जितना ज्यादा एकमुश्त निवेश करेंगे, पेंशन भी उतनी ही ज्यादा मिलेगी. पेंशन राशि का कैलकुलेशन भी आपके इन्वेस्टमेंट के आधार पर ही किया जाता है. यह पॉलिसी सिंगल प्रीमियम नॉन-लिंक्ड नॉन-पार्टिसिपेटिंग और पर्सनल एन्युटी प्लान है और इसमें निवेश करने के लिए आयु सीमा 30 वर्ष से 85 वर्ष तय की गई है.

तीन महीने बाद लोन सुविधा उपलब्ध


एलआईसी की इस पॉलिसी को आप सिंगल या ज्वाइंट रूप में खरीद सकते हैं. पॉलिसी जारी होने के तीन महीने बाद आपको लोन (Loan) की भी सुविधा भी मिल जाती है. LIC Jeevan Akshaya पॉलिसी में न्‍यूनतम एक लाख रुपये तक का निवेश स्टार्ट किया जा सकता है. हालांकि, इसमें निवेश की कोई अधिकतम सीमा नहीं है. मतलब जितना ज्यादा निवेश, उतनी ज्यादा मासिक पेंशन पाने के हकदार आप बन सकते हैं.

निवेश और पेंशन का ये है पूरा गणित


पॉलिसी के तहत मिलने वाली पेंशन की गणना अगर उदाहरण के तौर पर करें, तो माल लो आप एक लाख का वन टाइम इन्वेस्टमेंट करते हैं, तो इस पर आपको सालाना 12 हजार रुपये तक पेंशन मिल सकती है. वहीं अगर आप रिटायरमेंट के बाद एलआईसी जीवन अक्षय प्लान के जरिए हर महीने 16,000 रुपये की पेंशन पाना चाहते हैं, तो आपको इसके लिए 35 लाख रुपये एक साथ देने होंगे

अगर आप चाहते हैं कि आपको हर महीने 20,000 रुपये पेंशन के रूप में मिलते रहें यानी की सालाना 2.40 लाख रुपये मिलें, तो फिर इसके लिए इन्वेस्ट की जाने वाली एकमुश्त राशि 40 लाख 72 हजार रुपये बनेगी.


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Aug. 23, 2023

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कष्टाचे पैसे धोक्यात आणू शकता. OTP चा चुकीचा वापर केल्याने? (जाणून घ्या सविस्तर माहिती )


 

हॅलो मित्रांनो आजकाल अनेक कामं ऑनलाइन केली जातात, ऑनलाईन व्यवहार करताना ओटीपी ही एक महत्त्वाची पायरी आहे. वन टाइम पासवर्ड टाकल्याशिवाय अनेक कामे अपूर्ण राहतात. पण तुम्ही कधी विचार केला आहे का की OTP म्हणजे काय? आणि त्याची सुरूवात कोणी केली.

तुमच्यापैकी बहुतेकांना हे माहित नसेल की जर तुमच्याकडे OTP बद्दल संपूर्ण माहिती नसेल तर तुम्ही तुमचे कष्टाचे पैसे धोक्यात आणू शकता. OTP चा चुकीचा वापर आणि तुमची संपूर्ण बँक रिकामी होऊ शकते. अशा परिस्थितीत, आज आम्ही तुम्हाला OTP शी संबंधित महत्त्वाची माहिती सांगणार आहोत जेणेकरून तुमची फसवणूक होऊ नये.

OTP म्हणजे काय आणि त्याचा शोध कोणी लावला?

OTP सामान्यतः सर्वत्र ऑनलाइन वापरला जातो, जर आपण OTP च्या पूर्ण स्वरूपाबद्दल बोललो तर त्याचा पूर्ण फॉर्म One Time Password आहे.
OTP हा एक सुरक्षा कोड आहे जो बहुतेक 6 ते 8 अंकांचा असतो. ऑनलाइन खरेदीपासून ते व्यवहारापर्यंत प्रत्येक कामासाठी OTP भरावा लागेल.


जेव्हा तुम्ही ऑनलाइन व्यवहार करता तेव्हा तो पूर्ण करण्यासाठी तुमच्या नोंदणीकृत मोबाइल नंबरवर एक OTP येतो. OTP भरल्यानंतरच तुमचा व्यवहार पूर्ण होतो.
एकदा वापरल्यानंतर ते पुन्हा वापरता येत नाही. याशिवाय, त्याची वैधता आहे, त्यानंतर ते आपोआप कालबाह्य होते.
1980 मध्ये लेस्ली लॅम्पपोर्टने प्रथम OTP वापरला होता. यात वन-वे फंक्शन (f) वापरले. या अल्गोरिदममध्ये सीड आणि हॅश फंक्शन वापरले होते.

OTP असे काम करतो?

ओटीपी जनरेट करण्यासाठी दोन इनपुट वापरले जातात, ज्यामध्ये सीड आणि मूव्हिंग फॅक्टर वापरले जातात. प्रमाणीकरण सर्व्हरवर प्रत्येक वेळी नवीन खाते तयार केल्यावर मूव्हिंग फॅक्टर बदलतो, ज्यामुळे तुम्हाला प्रत्येक वेळी नवीन OTP कोड दिसतो. OTP ची सुरक्षा प्रणाली सर्वात सुरक्षित आहे आणि ती बदलणे किंवा ट्रॅक करणे खूप कठीण आहे.

ओटीपी घोटाळा कसा होतो?

ओटीपी कसा काम करतो हे तुम्हाला वर कळले असेलच, पण यात लक्षात ठेवण्यासारखी गोष्ट म्हणजे तुमच्या नंबरवर आलेला ओटीपी तुम्ही कोणत्याही अनोळखी व्यक्तीसोबत शेअर करू नये. यामुळे तुमच्या खात्यातून सर्व पैसे काढले जातील आणि तुम्हाला मोठे नुकसान सहन करावे लागेल. OTP तुमच्या ईमेलवर किंवा नोंदणीकृत क्रमांकावर येतो आणि हे दोन्ही तुमच्या बँक खात्यातून सोशल मीडिया प्लॅटफॉर्मशी जोडलेले असतात.?

Thank you

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Aug. 23, 2023

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पंतप्रधान नरेंद्र मोदी दक्षिण आफ्रिकेतून ‘चांद्रयान-3’ चे लँडिंग प्रत्यक्ष पाहणार आहेत.


 

हॅलो  मित्रांनो आज सायंकाळी ६ वाजून ४ मिनिटांनी भारताचे चांद्रयान-३ चंद्राच्या दक्षिण ध्रुवावर सॉफ्ट लँडिंग करेल आणि त्याचवेळी खर्‍या अर्थाने भारत विश्वविक्रमादित्य ठरेल. पंतप्रधान नरेंद्र मोदी दक्षिण आफ्रिकेतून ‘चांद्रयान-3’ चे लँडिंग प्रत्यक्ष पाहणार आहेत. चांद्रयान-3' साठी पुढील 24 तास महत्वाचे आहेत. 23 ऑगस्टला चांद्रयान-3 संध्याकाळी 6 वाजून 04 मिनिटांनी चंद्रावर उतरणार आहे.

चंद्राच्या दक्षिण ध्रुवावरील सर्वात आव्हानात्मक मोहीम आता अंतिम टप्प्यात आली असून, सर्वांना प्रतीक्षा आहे ती, यशस्वी, सफल लँडिंगची! चांद्रयान-3 चे यशस्वी लँडिंग कसे असेल, याची उत्सुकता शिगेला पोहोचली आहे आणि म्हणूनच आजची सायंकाळ विशेष उत्कंठापूर्ण असणार आहे.

 

चांद्रायन -३ य मोहिमेकडे देशाचेच नाही तर संपूर्ण जगाचे लक्ष लागले आहे. १४ जुलै रोजी, चांद्रयान-३ च्या प्रक्षेपणानंतर सुमारे २५ दिवसांनी, रशियाने त्यांचे लुना-२५ प्रक्षेपित केले. परंतु, ते लँडिंगपूर्वीच क्रॅश झाले. त्या अपघाताने २०१९ च्या चांद्रयान-२ मोहिमेच्या कडू आठवणी ताज्या झाल्या. यावेळी लँडिंगवेळीच चांद्रयान-२ हे क्रॅश झालं होतं. या सर्व परिस्थितीत, प्रत्येक व्यक्ती ही प्रार्थना करत आहे की यावेळी इस्रोचं चांद्रयान-३ हे चंद्रावर कोणत्याही अडथळ्याशिवाय सॉफ्ट लँडिंग करण्यात यशस्वी ठरेल.


इस्रोने सांगितले की, विक्रम लँडरच्या लँडिंगमध्ये कोणतीही अडचण यायला तर नको. पण, जर कोणत्याही प्रकारची अडचण आली तर त्या परिस्थितीतही आमच्याकडे प्लॅन बी तयार आहे.


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Aug. 23, 2023

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"झोपेतून उठल्याबरोबरच अचानक चक्कर येणे यामागे 7 गंभीर आजारांचा धोका?"


 

हॅलो  मित्रांनो आजची लाइफस्टाइल आणि धकाधकीच्या आयुष्यात अनेक आजारांचा सामना करावा लागतो. सकाळी झोपेतून उठल्यानंतर डोळ्यांसमोर अंधारी येने  सामना करावा लागतो.

मात्र अशक्तपणा आहे असं समजून आपण दुर्लक्ष करतो. मात्र, या लक्षणांकडे दुर्लक्ष करणे महागात पडू शकते. कारण ही लक्षण भयानक आजारांची शक्यता वर्तवतात. त्यामुळं चुकूनही या लक्षणांकडे दुर्लक्ष करु नका.

गरगरणे, चक्कर येणे ही अशक्तपणाची लक्षणे असू शकतात. पण झोपेतून उठल्याबरोबरच अचानक चक्कर येणे यामागे 7 गंभीर आजारांचा धोका असू शकतो. हे आजार घातक ठरु शकतात. त्यामुळं ही लक्षणे हलक्यात न घेता वेळीच डॉक्टरांचा सल्ला घ्या.

( अचानक चक्कर का येते? )

झोपताना जास्तकरुन रक्ताचा प्रवाह हा पोटाच्या दिशेने असतो. त्यामुळं अचानक उभं राहिल्यानंतर रक्तप्रवास डोक्यापासून पायापर्यंत जातो. ही क्रिया अगदी जलद घडते. त्यामुळं तुमचं डोक गरगरायला लागते किंवा चक्कर येते. म्हणजेच अचानक झोपेतून उठल्यानंतर ब्लड प्रेशर कमी होणं असं आहे. याला ऑर्थोस्टेटिक या पोस्चुरल हायपोटेंशन असं म्हणतात.

( अचानक बीपी लो होण्याचे लक्षणे )

अंधुक दिसायला लागते
धातीत किंवा खांद्यात वेदना जाणवणे
मन एकाग्र होत नाही
थकवा किंवा अशक्तपणा
डोकेदुखी
हृदयाचे ठोके असमान्य असणे
मळमळणे
गरम होणे किंवा घाम अति प्रमाणात येणे
श्वास फुलणे

या आठ आजारांचा असू शकतो धोका

१ व्हिटॅमिन बी 12ची कमतरता किंना अॅनिमिया असल्यास अचानक डोके गरगरते

२ डायरिया, उलटी यामुळं शरिरात पाण्याची कमतरता निर्माण होणे

३ डायबेटीज, थायरॉइडसारखी एंडोक्राइन सारख्या आजारांचा धोका

४ हृद्याचे ठोके असामान्य होणे

५ उच्च रक्तदाब, डिप्रेशन यांच्या औषधांचा साइट इफेक्ट

६ पार्किसन या डिमेंशिया सारखे आजार

७ गरोदरपणात जाणवणारी अस्वस्थता

( लगेचच घ्या डॉक्टरांचा सल्ला )

जर उभे राहिल्यानंतर तुम्हाला गरगरल्यासारखे वाटतं असेल तर लगेचच डॉक्टरांसोबत संपर्क करा व त्यांचा सल्ला घ्या. त्यामुळं तुमच्या आजारांवर वेळीच योग्य उपचार सुरू होतील. या कामात थोडाही हलगर्जीपणा करु नका.

( या गोष्टींचे करा सेवन )

डिहायड्रेशन कमी करण्यासाठी योग्य प्रमाणात पाणी आणि ओओरएस यांचे मिश्रण करुन पाणी प्या. तसंत, अॅनिमियाचा आजार असल्यास व्हिटॅमिन बी 12, लोहयुक्त आहार घ्या दूध, अंड, टेम्पेह, मासे, मांस असे पदार्थ आहारात समाविष्ट करा.

थँक यौ....

सबसे फास्ट न्युज 


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Aug. 23, 2023

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विमा काढण्याचे काय फायदे.. जाणून घ्या?


 

 हॅलो मित्रांनो.. या युगमध्ये अपघात किंवा गंभीर आजारपणासाठी बऱ्याच व्यक्तींनी काहीही नियोजन केलेले नसते. या गोष्टी तुमच्यासोबत घडण्याची शक्यता सदैव असते. अनेक लोक उतरवण्याची गरज असलेला विमा उतरवणे पुढे ढकलतात. पण अपघात होत असतात फक्त घटना घडल्यानंतरच, आपल्याला आपण संरक्षणासाठी विमा घ्यायला हवा होता हे समजते.विमा हे आर्थिक नुकसानीपासून संरक्षणाचे साधन आहे व आकस्मिक किंवा अनिचित नुकसानीच्या जोखमीविरुद्ध संरक्षणासाठी ते दिले जातात.

 

जीवन विमा

 जीवन विमा जीवन विमा हा तुमचा मृत्यू झाल्यानंतर तुमच्या लाभार्थ्याला वित्तीय प्रदान पुरवते. जेव्हा तुम्ही जीवन विमा पॉलिसी खरेदी करता, तेव्हा तुम्ही लाभार्थ्यांचे नाव देता. सामान्यत :तुमच्या कुटुंबाचे रक्षण करण्यासाठी तुमच्या वार्षिक उत्पन्नाच्या 7 ते 10 पट मूल्य संरक्षणासह विमा उतरवण्याची शिफारस केली जाते.

अशा उत्पादनांमध्ये पॉलिसीचा समावेश होतो ज्या व्यक्तींच्या जीवनाशी पत्यक्षपने संबंधित नसतात. जसे अशा पॉलिसी पॉलिसीधारकाला संपत्ती आणि आरोग्याच्या जोखमीविरुद्ध संरक्षण देतात.जीवन विम्याचे प्रकारटर्म इन्शुरन्स :हा निश्चित कालावधीसाठी सक्रिय असतो व पॉलिसी कालावधीदरम्यान तुमच्या नामनिर्देशीत व्यक्तीला 'हमी दिलेली रक्कम' मिळते. यामध्ये प्रीमियम परत केले जात नाही, पण हे जोखीम चांगल्या प्रकारे आहे .


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Aug. 22, 2023

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देशी देशी ना बोला कर या गाण्यावरचे गायक आज त्यांचे निधन ४० व्या वर्षी घेतला जगाचा निरोप?


 

सबसे फास्ट न्युज : हरियाणवी गायक राजू पंजाबी यांचं सोमवारी रात्री निधन झाले. ते 40 वर्षांचे होते. गेल्या 10 दिवसांपासून त्यांच्यावर हिस्सार येथील खासगी रुग्णालयात उपचार सुरु होते. त्यांना कावीळ झाली होती.

  

त्यामुळे यकृत आणि फुफ्फुसात संसर्ग झाला होता. प्रकृती खालावल्याने त्यांना व्हेंटिलेटरवर ठेवण्यात आले होते.

त्यांच्या पार्थिवावर त्यांच्या मूळ गावी रावतसर खेडा येथे अंत्यसंस्कार करण्यात येणार आहेत. सध्या ते आझादनगर, हिसार येथे राहत होता. त्यांच्या मृत्यूची बातमी मिळताच त्यांचे नातेवाईक आणि चाहते हिस्सारला पोहोचले.. त्यांचा मृतदेह रुग्णालयातून त्यांच्या निवासस्थानी नेण्यात आला आहे.

राजू पंजाबी यांट्यावर हिसार येथे उपचार सुरू होते. उपचारादरम्यान ते बरे होऊन घरी गेले, मात्र त्यांची प्रकृती पुन्हा खालावली. यानंतर त्यांना पुन्हा रुग्णालयात दाखल करण्यात आले. राजू पंजाबी विवाहित आहे. त्यांना ३ मुली आहेत.

सॉलिड बॉडी, चंदन, तू चीज लाजवाब, देसी-देसी अशी त्यांची गाणी लोकप्रिय आहेत. सपना चौधरीसोबतची त्यांची जोडी खूप गाजली होती. हरियाणातील संगीत उद्योगाला त्यांनी एक नवी ओळख दिली. हरियाणवी गाण्यांना नवी दिशा दिली. राजू पंजाबीचे शेवटचे गाणे १२ ऑगस्टला रिलीज झाले. मात्र, यादरम्यान त्यांना रुग्णालयातच दाखल करण्यात आले. आपसे मिलेके यारा हमको अच्छा लगा था या शेवटच्या गाण्याचे बोल. हे गाणे तयार करण्यासाठी 2 वर्षे लागली.


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Aug. 22, 2023

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रक्षाबंधनाचा धार्मिक महत्व काय आहे?


 

सबसे फास्ट न्युज : श्रावण महिन्यात साजरा केला जाणारा रक्षाबंधन हा भाऊ-बहिणीच्या प्रेमाचा-विश्वासाचा सण होय. यावर्षी श्रावणपौर्णिमा 30 आणि 31 ऑगस्ट अशी दोन दिवस दिनदर्शिकेत (कॅलेंडर) असल्याने रक्षाबंधन कधी साजरा करावा याबाबत घराघरांत संभ्रम निर्माण झाला आहे.

       (रक्षाबंधनचं धार्मिक महत्त्व काय आहेत.) 


कोणत्याही धाडसी, शूरवीर अशा पुरूषाने आपल्या आसपासच्या सर्व महिलांचे, दुर्बल, वृद्ध, आबाल, अपंगांचे रक्षण करणे हा धर्म समजण्यात येतो. पुराणात सांगितल्याप्रमाणे श्रावण पौर्णिमेला भटजी अर्थात पुरोहितांनी दिलेले आशीर्वाद हे पवित्र मानण्यात येतात. या रक्षाबंधन सणाला धार्मिक महत्त्वदेखील (information about raksha bandhan in marathi) आहे. मध्ययुगीन भारतामध्ये बाहेरील आक्रमणांपासून महिलांचे रक्षण करण्यासाठी हा सण साजरा करण्यात येत असे. त्याकाळी अनेकवेळा मुसलमानांचे आक्रमण होत असे. त्यामुळे रक्षणकर्त्या भावाच्या मनगटावर राखी बांधण्याच्या या पवित्र संस्कृतीला तेव्हापासून धार्मिक महत्त्व प्राप्त झाले. तर याच दिवशी महाराष्ट्रातील कोळी बांधवांसाठीही हा सण खास असतो. वरूण राजाची आराधना करत त्याला या दिवशी पूजण्यात येते. श्रावण महिन्यातील पौर्णिमेला श्रावण नक्षत्र असेल तर हा दिवस अत्यंत लाभदायक आणि चांगल्या कामासाठी अनुकूल मानण्यात येतो.या पौर्णिमेला श्रावणी असेही म्हटले जाते. पाऊस पडल्यानंतर समाधानी शेतकरी आणि लोक वेदपुराणाची कथा ऐकण्याचे उत्सव त्याकाळी साजरे करत होते. तर शिक्षण घेण्यासाठी सुरूवात करण्यासाठी हा शुभमुहूर्त काढण्यात येत असे. अध्ययनासाठी आरंभ, शौर्याचे प्रतीक म्हणजे श्रावणी असा अर्थ होतो. हेदेखील या सणाचे धार्मिक महत्त्व आहे.

   ( रक्षाबंधनासाठी मुहूर्ताची गरज नसते )

यावर्षी रक्षाबंधन बुधवारी 30 ऑगस्टला की गुरुवारी 31 ऑगस्टला? अशी विचारणा केली जात आहे, त्या संभ्रमाला उत्तर देताना सोमण म्हणाले, सूर्योदयापासून 6 घटिकांपेक्षा जास्त व्यापिनी अशा श्रावण पौर्णिमेच्या दिवशी अपराण्हकाली किंवा प्रदोषकाली रक्षाबंधन करावयाचे आहे.

तशी स्थिती बुधवारी 30 ऑगस्ट रोजीच आहे. रक्षाबंधन या सणाला पूजा विधी नसतो, त्यामुळे मुहूर्ताचीही गरज नसते, पूर्ण दिवस शुभच असतो, पण तरीही ज्यांना पंचांगानुसार कार्य करण्याची सवय असते, त्यांनी 30 ऑगस्टला रक्षाबंधन साजरे करावे, असे सोमण यांनी स्पष्ट केले आहे.

( भद्राकरण महाराष्ट्रात पाळला जात नाही )

काहीजण रक्षाबंधनाच्या दिवशी भद्राकरण असल्याने रक्षाबंधन न करण्याबाबतही शंका विचारत आहे. भद्राकरण हा कालावधी अशुभ असतो. मात्र, महाराष्ट्रात भद्राकरण हा कालावधी पाळला जात नाही तो उत्तर भारतात पाळला जातो. त्यामुळे तिथे रक्षाबंधनला काळा धागा, राखी बांधण्याची पद्धत आहे.

 

 


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Aug. 22, 2023

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सोनपाखरू या किटका बदल बाराशा गोष्टी 100% लोकांना माहिती नाही? . ....


 

सबसे फास्ट न्युज 

 

       हॅलो  मित्रांनो आज आपण सोनपाखरू या किटका बदल कही   प्रश्नांची  उत्तरे सविस्तर जाणून घेऊ......

1)सोनपाखरू किती कालावधी  जीवन असते?

2 सोनपाखरू कोणत्या प्रजातीचे असतात?

3)सोनपाखरू कोणत्या ऋतू  मध्ये पाहायला मिळतात?

4) सोनपाखराचे खरे नाव काय आहे?

5 सोनपाखरू कोण कोणत्या देशा मध्ये पाहायला मिळतात?

6) या कीटकला सोन  का  म्हटले जाते?.

                  "   अशा  काही प्रश्नांची उत्तरे आर्टिकलं या माध्यमाने   जाणून घेऊ. चला या छोट्याशा  किटका बदल  सविस्तर जाणून घेऊ.."

     ( हा माझं आर्टिकलं आवडेल तर नक्की फॉलो  करा 🙏)

 

         (  सोनपाखरू )                    

                    :  सोनपाखरू हा एक आकर्षक कीटक आहे. सोनपाखरू  ला शास्त्रीय भाषेत याला (इंडियन ज्वेलबिटल ) असे नाव आहे. परंतु ग्रामीण भागात सोनपाखरू  म्हणूनच हा कीटक प्रसिद्ध आहे. सोनपाखरू त्याच्या इंद्रधनुषी रंगासाठी प्रसिद्ध आहेत. जे मौल्यवान रत्नासारखे दिसतात. मनहूनच सोनपाखरू हे नाव दिले आहे  सोनपाखरू हे (बुप्रेस्टिक ) या  कुटुंबातील  आहेत. सोनपाखरू हे कीटक असेल तरी ग्रामीण भागात त्याच्या मोठया आकारामुळे पाखरू म्हटले जाते.

           सोनपाखरू भारतातील आकर्षक सुंदर कीटक आहेत. ते ग्रामील भागातील बालकामध्ये अंत्यत आवड आणि आकर्षणची एक कीटक प्रजाती आहे. ग्रामीण भागातील बालकांना सोनपाखरू पकडणे हा एक छंद झाला आहे. काट्याच्या झुडूपावर हमखास हे कीटक दिसतात. ग्रामीण भागामध्ये जे लोक जंगलमध्ये गाय -बेल चारायला नेतात त्यांना सोनपाखरू आणायला सांगतात. घरी सोनपाखरू आल्यांनतर चिमटा घालणाऱ्या त्याच्या मानेत धागा बांधून आगपेटिच्या डबीत टाकून त्याला (काटे बोर ) झाडाचा पाला खाण्यासाठी ठेवतात. सोनपाखरू जो पर्यंत तो अंडी देत नाही तोपर्यंत तो तसाच ठेवतात. ते कधी एकाच रात्रीतून तर कधी दोन दिवसाने अंडी देतात.

  • सोनपाखराची सुंदरता पाहून निसर्गाच्या कळात्मकतेचे आश्रयच वाटते. आणि विशेषतः त्याचे रंगीत अंडी हे आकाशणाचे केंद्र बिंदू आहे. अंडी देताना पाहणे हे त्याही पेक्षा आनंदाचे आहे. त्याच्या मानेत बोट सापडेल की इजा झालीच म्हूणन समजा, शरीर आणि मानेत बोट गेलं की तो चिमटा      काढतो त्यामुळे तेवढी काळजी घेऊन च त्याला हाताळावे लागतो. या   सोनपाखराचे बालकांमध्ये विशेष आकर्षण असते. आकर्षक राणामुळे हे  कीटक बालके सहजरित्या हाताळतात. मात्र दिवसेंदिवस सोनपाखरू दुर्मिळ होत आहे. 
  •  ::  सोनपाखरू हा शाकाहारी आहे, जंगतील ( हिवर, किन्ही, मोवई, काटे बोर) अशा प्रजातीच्या झाडाची पाने खातात. त्यामुळे याच झाडावर विशेषतः त्यांचे वास्तव्य आहे. झाडाची पाने खाताना घिरट्या घालून ते लक्ष वेधतात सोनपाखरू हे ( कीटक प्रजातीचे ) आहे. आकर्षक रंगामुळे सोनपाखरू हे कीटक आहे हे सुंद्धा विसरतात.(पहिल्या पावसानतर सोनपाखरू दिसायला लागतात.) ग्रामीण भागात बालके हिवर, किन्ही, मोवई, बोर अशा प्रजातीच्या झाडावर सोनपाखरू शोधतात याच झाडाची मऊ पाने सोनपाखरूचे खादय आहे.
  • सोनपाखरू (आशिया, आस्टेलिया, अमेरिका ): इत्यादी जगाच्या विविध भागामध्ये आढळतात. ते सामान्यत लहान ते मध्यम आकाराचे असतात. त्याचा आकार काही मिलिमिटर ते काही सेंटीमीटर लांबीपर्यंत असतो सोनपाखराचे एक अव्हीतीय जीवन चक्र असते, ज्याची सुरुवात झाडावर किंवा मातीमध्ये अंडी घालण्यात वा्युल होते. अळ्या नंतर लाकडात जन्म घेतात. जिथे ते त्याच्या आयुष्यातील महत्त्वपूर्ण भाग खायला घालतात आणि वाढतात प्रोढ सोनपाखरू प्रामुख्याने ऊबदार महिन्यात सक्रिय असतात. बहुतेक सोनपाखरू दिवसा सक्रिय असतात आणि रात्री पाने आणि इतर वनस्पतीच्यासामग्रीखाली बसतात.
  • सोनपाखरू हे बोल्लच्या सर्वात मोठया कुंटूंबापैकी एक आहेत. आणि सोनपाखरू तीन आठवडे जगतो असा हा सोनपाखरू.....

 

thank you......

लेखक. प्रज्योत वेस्कडे

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Aug. 20, 2023

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उदयाला होणारी नाग पंचमी! कशी साजरी करायची . जाणून घ्या पूजेची वेळ?


 

 

हॅलो मित्रांनो नागपंचमी हा सण श्रावण महिन्यातील शुक्ल पक्षाच्या पाचव्या दिवशी साजरा केला जातो.

नागपंचमी  हा सण दरवर्षी सावन महिन्याच्या शुक्ल पक्षाच्या पाचव्या दिवशी साजरा केला जातो. उद्या २१ ऑगस्टला नागपंचमी साजरी होणार आहे. मान्यतेनुसार नागपंचमीच्या दिवशी नागांची पूजा केल्याने व्यक्तीच्या जीवनात आध्यात्मिक शक्ती, अपार संपत्ती आणि इच्छित फळ प्राप्त होते.

नागपंचमी हा सण सावन महिन्याच्या शुक्ल पक्षाच्या पाचव्या दिवशी साजरा केला जातो. हिंदू धर्मात नागांच्या पूजेचा हा पवित्र सण खूप महत्त्वाचा आहे. या दिवशी नागदेवता, भगवान शिवाचे अलंकार पूजन केले जाते. धार्मिक शास्त्रानुसार, सापांची पूजा केल्याने आध्यात्मिक शक्ती, अपार संपत्ती आणि इच्छित परिणाम मिळू शकतात. यावेळी नागपंचमीचा सण 21 ऑगस्ट, सोमवारी साजरा केला जाणार आहे. या शुभ सणावर महिला नागदेवतेची पूजा करतात आणि नागांना दूध अर्पण करतात. या दिवशी महिला आपल्या भावाच्या आणि कुटुंबाच्या सुरक्षिततेसाठी प्रार्थना करतात.

शुभ मुहूर्त कधी?

हिंदू दिनदर्शिकेनुसार, नागपंचमी हा सण श्रावण महिन्यातील शुक्ल पक्षाच्या पाचव्या दिवशी साजरा केला जातो. या दिवशी पंचमी तिथी 21 ऑगस्ट रोजी दुपारी 12.21 वाजता सुरू होईल आणि पंचमी तिथी 22 ऑगस्ट रोजी दुपारी 2 वाजता समाप्त होईल. नागपंचमीच्या पूजेची वेळ पहाटे 5.53 ते 8.30 अशी असेल.

पूजा विधी

नागपंचमीला आठ देवता मानल्या जातात. या दिवशी अनंत, वासुकी, पद्म, महापद्म, तक्षक, कुलीर, कर्कट आणि शंख या अष्टनागांची पूजा केली जाते. नागपंचमीच्या एक दिवस आधी, चतुर्थीच्या दिवशी एकदाच भोजन करावे आणि पंचमीला उपवास केल्यानंतर संध्याकाळी जेवावे. नाग चित्र किंवा मातीच्या नागाची मूर्ती पूजेसाठी लाकडी चौकटीवर ठेवली जाते. त्यानंतर हळद, रोळी (लाल सिंदूर), तांदूळ आणि फुले अर्पण करून नागदेवतेची पूजा केली जाते. त्यानंतर कच्चे दूध, तूप आणि साखर मिसळून लाकडी ताटात बसलेल्या नागदेवतेला अर्पण केले जाते. पूजा केल्यानंतर नागदेवतेची आरती केली जाते. सोयीसाठी, हे दूध सर्पमित्राला थोडी दक्षिणा देऊन सापाला देता येईल. शेवटी नागपंचमीची कथा ऐकायलाच हवी.

नागपंचमीच्या दिवशी 'या' गोष्टी करू नका

1. या दिवशी जमीन खोदणे किंवा शेत नांगरणे फार अशुभ मानले जाते. त्यामुळे असे करणे कटाक्षाने टाळावे. याशिवाय हिरव्या भाज्याही तोडू नयेत.

2. नागपंचमीच्या दिवशी तीक्ष्ण आणि टोकदार वस्तू वापरणे टाळा. मुख्यतः सुई आणि धागा वापरू नये. असे करणे अशुभ मानले जाते.

3. चुलीवर शिजवण्यासाठी तवा आणि लोखंडी तवा वापरू नये. असे केल्याने सर्पदेवाला त्रास होऊ शकतो.

4. नागपंचमीच्या दिवशी कोणासाठीही तोंडातून चुकीचे शब्द काढू नका. हे अत्यंत चुकीचे मानले जाते.


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Aug. 20, 2023

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तीन दिवसांपासून सुरू असलेल्या संततधार पावसामुळे गडचिरोली या जिल्यातील पोटफोडी नदी ला पूर...


 

हॅलो  मित्रांनो यावर्षी राज्यात सर्वत्र पावसाने थैमान घातले असता विदर्भातील काही जिल्हे याला अपवाद ठरले. गडचिरोली जिल्यात यंदा किरकोळ पाऊस पडला. शेतकर्‍यांवरही दुबार पेरणीचे संकट यामुळे ओढवले.

तर अर्ध्याअधिक शेतकर्‍यांनी पावसाच्या प्रतिक्षेत तब्बल जुलै महिन्यात पेरण्या आटोपल्या. एक-अर्ध्या पावसात पिके डोलत असताना पावसाने चांगलीच दडी मारली. त्यामुळे पिके सुकण्याच्या मार्गावर होती. अशातच तीन दिवसांपासून जिल्ह्यात संंततधार सुरू झाली. त्यामुळे पिकांना पुन्हा एकदा नवसंजिवनी मिळाली. मात्र, तीन दिवसांपासून सुरू असलेल्या संततधार पावसामुळे जिल्ह्यातील नदी-नाले ओसंडून वाहू लागले असून अनेक मार्ग बंद झाले आहे.

 

गुरुवारपासून सुरू झालेल्या पावसामुळे परिसरातील नदी-नाल्यांना पूर आला. परिणामी, शहरात येणार्‍या-जाणार्‍यांची अडचण झाली आहे. सुटीवर गेलेल्या पावसाने दमदार हजेरी लावली. त्यामुळे कालपर्यंत शेतकरी आनंदात होते. मात्र, शनिवारी रात्री पडलेल्या पावसाने या भागातील नदी-नाल्यांना पूर आला. या शिवाय काही शेतकर्‍यांच्या शेतात पावसाचे पाणी साचल्यामुळे पिकेही धोक्यात येण्याची शक्यता वाढली आहे. रविवारी दुपारच्या सुमारास पाऊस थांबल्यामुळे काही मार्ग मोकळे झाले. समाधानकारक पर्जन्यवृष्टीने बळीराजा आणि शेतमजूर देखील सुखावले आहेत. दिवसभर आभाळ भरून असल्यामुळे पुन्हा पावसाची शक्यता नाकारता येत नाही. वैगणगा  नदीला जोडणारी नदी म्हणजेच पोटफोडी नदी ला पूर आल्यामुळे शिवणी, क्रूफडा  तसेच शिवारातील शेतकर्‍यांची पुराच्या पाण्याने अडवणूक झाली आहे.

 

 


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Aug. 19, 2023

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दुचाकी चोरट्याला पकडण्यास सावली पोलिसांना यश मिडाले..


 

 

हॅलो   मित्रांनो  इंदळा  पोस्ट पारडी ता.जि गडचिरोली  इंदळा  येथे राहत असलेला  एक मुलगा  खूप दिवसा पासून  दुचाकी चोरी कारत  होता . पण दुचाकी चोरी करणाऱ्या चोरट्याला पकडण्यात सावली पोलिसांना यश आले आहे. गडचिरोलीचा चोरटा जवळीलच सावली तालुक्यातील परिसरात जाऊन आपल्या विधिसंघर्षग्रस्त मित्राच्या मदतीने तब्बल आठ दुचाकी चोरल्या.

पोलिसांनी त्या सर्व दुचाकी जप्त केल्या असून, त्याला अटक केली आहे. करण मेहश चेरकुरवार (वय १९, रा. इंदाळा, जि. गडचिरोली) असे अटकेतील चोरट्याचे नाव आहे.

१७ ऑगस्ट रोजी सावली पोलिस ठाण्यात दुचाकी चोरीचा गुन्हा दाखल झाला. दरम्यान, ठाणेदार आशिष बोरकर यांनी तपासाची चक्रे फिरवली. संशयित आरोपी करण महेश चेरकुरवार याला ताब्यात घेऊन कसून चौकशी केली असता त्याने त्याचा साथीदार विधिसंघर्षग्रस्त बालक दोघे मिळून गडचिरोली व सावली परिसरात मोटरसायकल चोरी करीत असल्याचे सांगितले. त्या चोरट्यांनी ज्यांना ज्यांना दुचाकी विकल्या त्यांच्याकडून आठ दुचाकी हस्तगत केल्या आहेत..


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Aug. 19, 2023

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मध्य प्रदेश, राजस्थान, महाराष्ट्र आणि छत्तीसगड यांसारख्या राज्यांत पेट्रोल -डिझेल दर कमी होणार?


 

सबसे फास्ट न्युज

 

पेट्रोलियम मंत्रालय पेट्रोल आणि डिझेलचे दर कमी करण्याचा विचार करत असून अशा परिस्थिती सकारात्मक राहिल्यास कमी किमतींचा लाभ लवकरच सर्वसामान्यांना मिळण्याची अपेक्षा आहे. दरम्यान, आज देशातील भोजन व इंधनाच्या खर्चात कपात करण्यासाठी केंद्र सरकारने एक लाख कोटी रुपयांची तरतूद करण्याची तयारी चालवली आहे. त्यामुळे पेट्रोल-डिझेलच्या दरात कपात होण्याची शक्यता व्यक्त केली जात आहे.

विविध मंत्रालयांकडून हा निधी दिला जाणार असून, पंतप्रधान नरेंद्र मोदी येणाऱ्या काही आठवड्यांत याची घोषणा करू शकतात, असे सरकारशी संबंधित सूत्रांनी सांगितले.

प्राप्त माहितीनुसार, या योजनेंतर्गत पेट्रोल आणि डिझेलवरील करात कपात केली जाण्याची शक्यता आहे. याशिवाय तेल आणि गव्हाच्या आयातीवरील शुल्कही कमी केले जाऊ शकते. सरकारने गेल्यावर्षी २६ अब्ज डॉलरच्या योजनेची घोषणा केली होती. जीवनावश्यक वस्तूंच्या किमती नियंत्रणात ठेवण्यासाठी यंदाही असाच मोठा निर्णय घेतला जाऊ शकतो.

बजेटच्या तुलनेत २ टक्के रक्कम

भारतीय अर्थव्यवस्था जगात सर्वाधिक वेगाने वाढत आहे. १ लाख कोटी रुपयांची तरतूद करण्याची सरकारची क्षमता आहे. मार्च २०२४ मध्ये संपणाऱ्या अर्थसंकल्पाच्या तुलनेत ही रक्कम फक्त २ टक्के आहे. त्यामुळे अर्थसंकल्पीय तुटीचे लक्ष्य कायम ठेवूनही सरकार ही रक्कम जारी करू शकते.

सध्या वाढती महागाई हा देशातील प्रमुख मुद्दा बनलेला असून, जुलैमध्ये किरकोळ क्षेत्रातील महागाईचा दर १५ महिन्यांच्या उच्चांकावर पोहोचला होता. भाज्या आणि अन्य खाद्यपदार्थांच्या किमती गगनाला भिडल्यामुळे लोक त्रस्त आहेत.

निवडणुकांच्या पार्श्वभूमीवर निर्णयसूत्रांनी सांगितले की, यंदा मध्य प्रदेश, राजस्थान, महाराष्ट्र आणि छत्तीसगड यांसारख्या राज्यांत विधानसभा निवडणुका होत आहेत. याशिवाय पुढीलवर्षी सार्वत्रिक निवडणूकही होत आहे.या पार्श्वभूमीवर महागाई कमी करण्यासाठी तरतूद केली जाऊ शकते. वास्तविक, महागाई नियंत्रणात आणण्यासाठी पंतप्रधान नरेंद्र मोदी यांच्या नेतृत्वाखालील सरकारकडे काहीच महिन्यांचा अवधी आहे. तसेच, असे निर्णय घेण्यापूर्वी अर्थसंकल्पीय तूट किती वाढेल, याचाही सरकारला विचार करावा लागणार आहे

तेल विपणन कंपन्या पेट्रोल-डिझेलच्या दरात कपात करण्याची शक्यता आहे. गेल्या १३ महिन्यांपासून राष्ट्रीय पातळीवर पेट्रोल आणि डिझेलच्या दरात कोणताही बदल झालेला नाही. २२ मे २०२२ रोजी इंधन दरात अखेरचा बदल करण्यात आला होता आणि तेव्हापासून इंधनाचे दर 'जैसे थे' आहेत. पेट्रोलियम मंत्रालय किंमती कमी करण्याचा विचार करत असून येत्या काही महिन्यांत जनतेला पेट्रोल आणि डिझेलच्या किमतीत मोठा दिलासा मिळू शकतो.


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Aug. 18, 2023

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कुत्रा व मांजर पडताय तर परवानगी घेणे आवश्यक नाही तर होईल केस?


 

सबसे फास्ट न्युज........

 

हॅलो  मित्रांनो दिवसेंदिवस शहरामध्ये पाळीव कुत्रा आणि मांजराची संख्या वाढत  चालली आहे. कुत्रा हा इमानदार प्राणी आहे. त्यामुळे त्याचा वापर राखण करण्यासाठी, शिकार करण्यासाठी, गुन्ह्यांच्या तपासणीसाठी तसेच सोबतीसाठी करतात.कुत्र्यांच्या अनेक प्रजाती आहेत.

मित्रांनो कुत्रा हा प्राणी जगभरात प्रत्येक ठिकाणी आढळतो. अनेक लोकांना कुत्रे पाळण्याची आवड असते. कुत्रा हा अतिशय प्रामाणिक प्राणी असतो आणि वेळप्रसंगी आपल्या मालकासाठी तो प्राणही देतो.

कुत्रे मांजरींपेक्षा जास्त काळजी घेतात. मांजरी त्यांच्या संगोपनात सावध असतात आणि त्यांना गोंधळलेल्या स्थितीत असणे आवडत नाही.  दररोज साफसफाईची काळजी करण्याची गरज आहे कारण मांजर आणि कुत्रा हें अशे  प्राणी आहेत. कुठेही शौचास करतात  त्या मुडे गंदगी होऊ शकते. त्या साथी नगरपालिकानी कुत्रा व मांजर पाळायचे असल्यास त्याची परवानगी आवश्यक केली आहे. हाच नियम गडचिरोलीसह इतर नगर परिषदांकडून लागू होण्याची शक्यता नाकारता येत नाही. बहुतांश मोठया महानगरपालिकांनी परवाना घेणे आवश्यक केले आहे.

कुत्रा, मांजर पाळण्यासाठी परवाना आवश्यक आहे का? 

कुत्रा, मांजर पाळण्यासाठी भाविष्यात परवाना घेण्याची गरज भासू शकते. कुत्रा सातत्याने भुंकत असल्यास त्याचा सभोवतालच्या व्यक्तींना त्रास होतो. तसेच कुत्रा चावाही घेऊ शकतो.  कुत्र्याला शौचास लागल्यानंतर काही नागरिक त्याला मोकळे सोडतात. तो रस्त्यावर जाऊन शौचास करते त्यामुळे दुर्गधी पसरते.

परवण्यासाठी काय लागेल?

तुम्ही तर कुत्रा पाळत असाल तर कुत्राच्या जातीचा प्रकार, लसीकरण झाल्याचे तपशील, नसबंधी आदिबाबतची माहिती अर्जसोबत जोडावे लागू शकते. बहुतांश नगरपालिकानी कुत्रासाठी प्रमाणपत्र आवश्यक केले आहे.

Thank you  ...

 


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Aug. 17, 2023

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विमानात बसल्यानंतर फोन Flight mode वर नसल्यास काय होईल?


 

हॅलो मित्रांनो आजकाल प्रत्येकजण स्मार्टफोन वापरतो. लहानांपासून ते वृद्धांच्या हातात स्मार्टफोन पाहायला मिळतो. स्मार्टफोनचा वापर वाढत आहे पण अनेक लोकांना त्यातील फिचरबद्दल पुरेशी माहिती नसते. असेच एक फिचर म्हणजे फ्लाइट मोड. नावाप्रमाणे या फिचरचा वापर विमानात प्रवास करताना केला जातो. विमानात प्रवास करताना तुमचा मोबाईल फ्लाइट मोडवर ठेवावा, सिट बेल्ट बांधावे यासारख्या सूचना तुम्ही ऐकल्या असेल. पण एखाद्याने मोबाईल फ्लाइट मोडवर ठेवला नाही तर काय होईल हे जाणून घेऊया.

फ्लाइट मोड म्हणजे काय?

सर्वच स्मार्टफोनमध्ये Flight Mode किंवा Airplane Mode असे लिहिलेले असते. या सर्वांचे काम एकच आहे. जेव्हा तुम्ही फ्लाइट मोड चालू करता, तेव्हा तुमचा फोन नेटवर्क क्षेत्राबाहेर जातो. त्यामुळे फोनच्या अनेक सेवा बंद होतात.

यामध्ये GPS, Bluetooth, Wi-Fi यासारख्या सेवांचा वापर करू शकत नाही. यामध्ये सगळ्यात महत्वाचे म्हणजे इंटरनेट आणि कॉलिंग सेवेचा वापर करता येत नाही. या मोडमध्ये फक्त तुम्ही डाउनलोड केलेले चित्रपट किंवा गाणे पाहू शकता.

फोन Flight Modeवर नसल्यास काय होईल?

जेव्हा विमान उड्डाण करते तेव्हा पायलट नेहमी नियंत्रण कक्षाच्या संपर्कात असतो. हा संपर्क रेडिओ लहरींद्वारे केला जातो. हे विमानाच्या नेव्हिगेशन आणि कम्युनिकेशन सिस्टममध्ये मदत करते. आपला फोन देखील अनेक टॉवर्सशी सतत सिग्नल कनेक्ट करत असतो.

मोबाईलमधून निघणाऱ्या वेव्ह इतर ठिकाणच्या संपर्क यंत्रणेशी जोडू लागतात. त्यामुळे पायलट अणि नियंत्रण कक्ष यांच्यातील संवादामध्ये अडथळा येऊ शकतो. नियंत्रण कक्षाकडून पाठवण्यात येत असलेली माहिती पायलटला स्पष्टपणे ऐकू येत नाही. यामुळे विमान उड्डाण करतांना अडचण येऊ शकते. तसेच विमान क्रॅश होण्याची शक्यता असते. यामुळेच विमानात प्रवास करतांना फोन नेहमी Flight Mode वर ठेवण्याची सुचना दिली जाते.


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Aug. 17, 2023

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क्या है जीरो शैडो डे? क्यू मनाया जाता है? और साल मै कितनी बार जिरो शैडो डे आता है?


 

हॅलो  दोस्तो इस साल में दो बार ऐसा भी होता है, जब आपकी परछाई भी आपका साथ छोड़ देती है. ये दुर्लभ खगोलीय घटना 'जीरो शेडो डे' के कारण होता है. इस साल 25 अप्रैल को बेंगलुरु में ये घटना देखी जा चुकी है. अब ये घटना 18 अगस्‍त 2023 को देखने को मिलेगी. जानते हैं कि ऐसा क्‍या होता है कि आपकी परछाई इतनी छोटी हो जाती है, जो दिखती ही नहीं है?



( Zero Shadow day ): कल दोपहर 12.17 बजे देश सहित दुनिया के कई हिस्सों में अचानक सब चीजों की परछाई दिखनी बंद हो जायेगी . दरअसल, यह एक खास भौगोलिक घटना के कारण हुआ. जिसे जीरो शैडो डे कहा जाता है. 25 अप्रैल को 130 लेटीट्यूड पर स्थित सभी स्थानों पर यही हुआ. कुछ समय के लिए किसी भी वर्टीकल चीज या इंसानों की परछाईं ही बननी बंद हो गई. पृथ्वी पर कई घटनाएं कभी-कभी ही होती हैं. जैसे सूर्यग्रहण और चंद्रग्रहण. जीरो शैडो डे की घटना भी उन्हीं में से एक है. हालांकि, ऐसी स्थिति साल में दो बार बनती है.

पृथ्वी पर कई घटनाएं ऐसी होती हैं जो कभी-कभी ही होती हैं. इनमें कुछ पृथ्वी के अपनी धुरी और सूर्य के चारों ओर की जा रही परिक्रिमा के कारण होती हैं. इनमें सूर्य ग्रहण, चंद्र ग्रहण जैसी कई खगोलीय घटनाएं शामिल होती हैं. इन्हीं में एक घटना ‘जीरो शैडो डे’ होती है. इसी साल बेंगलुरू में स्कूली बच्चों और विज्ञान के छात्रों ने जीरो शैडो डे मनाया. धरती के कई हिस्‍सों में यह विशेष खगोलीय घटना साल में दो बार आती है, जब इसे देखा जाता है. अब सवाल ये उठता है कि ये जीरो शैडो डे क्या है और क्यों मनाया जाता है? ये घटना किन कारणों से होती है

क्या है जीरो शैडो डे?

कल सिर के ऊपर सूरज की पोजिशन इस तरह बनी कि लोगों को अपनी छाया भी दिखनी बंद हो गई. इसलिए इसे जीरो शैडो डे कहा जाता है. यह वो दिन होता है, जब दिन के एक खास समय पर सूर्य हमारे सिर के ठीक ऊपर आ जाता है. जिस वजह से हमारी कोई परछाई नहीं बनती है. इसी वजह से इस स्थिति को जीरो शैडो कहा जाता है.


कहां जाती है परछाई?

ऐसा नहीं है कि इस दिन छाया बिल्कुल गायब ही हो जाती है. दरअसल, जब सूरज ठीक हमारे सर के ऊपर होता है, तो उसकी किरणे हम पर लंबवत पड़ती हैं. जिस वजह से हमारी जो परछाई होती है वो थोड़ा इधर-उधर न बनकर बिलकुल हमारे पैरों के नीचे बनती है. जिस वजह से सीधे खड़े रहने पर कोई परछाई दिखाई नहीं देती है.


सूर्य और पृथ्वी की स्थिति

यह विशेष स्थिति, पृथ्वी की घूमने की धुरी के झुकाव के कारण बनती है. पृथ्वी, सूर्य के परिक्रमा तल के लंबवत होने की बजाय उससे 23.5 डिग्री तक झुकी होती है. इसी वजह से हर दिन दोपहर में सूर्य हमारे सिर के ठीक ऊपर नहीं आ पाता है. लेकिन, कर्क रेखा और मकर रेखा के बीच के स्थान पर पृथ्वी पर साल में दो बार ऐसा होता है, जब पृथ्वी पर सूरज की रोशनी एकदम संभवत पड़ती है. यानी  कर्क रेखा और मकर रेखा के बीच के स्थानों पर साल में दो बार जीरो शैडो डे आता है.


अगला जीरो शैडो दिवस कब होगा?

कल यानी 25 अप्रैल को यह कारनामा बेंगलुरु सहित दुनिया के कई और हिस्सों में हुआ. गौरतलब है कि जीरो शैडो की स्थिति हर जगह नहीं बनती है. जीरो शैडो डे ट्रॉपिक्स के बीच के स्थानों तक ही सीमित है. यह सिर्फ कर्क रेखा और मकर रेखा के बीच में बनती है. बेंगलुरु में अगला ऐसा दिन 18 अगस्त को होगा.

( Zero Shadow Day): कल दोपहर 12.17 बजे देश सहित दुनिया के कई हिस्सों में अचानक सब चीजों की परछाई दिखनी बंद हो गई. दरअसल, यह एक खास भौगोलिक घटना के कारण हुआ. जिसे जीरो शैडो डे कहा जाता है. 25 अप्रैल को 130 लेटीट्यूड पर स्थित सभी स्थानों पर यही हुआ. कुछ समय के लिए किसी भी वर्टीकल चीज या इंसानों की परछाईं ही बननी बंद हो गई. पृथ्वी पर कई घटनाएं कभी-कभी ही होती हैं. जैसे सूर्यग्रहण और चंद्रग्रहण. जीरो शैडो डे की घटना भी उन्हीं में से एक है. हालांकि, ऐसी स्थिति साल में दो बार बनती है.

 


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Aug. 17, 2023

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(किसान क्रेडिट कार्ड )असल्यास. ( 5 लाख पर्यंत )शेतकऱ्याला मिडेल लोन..


 

हॅलो मित्रानो आणि आमचे शेतकरी बंधू  तुम्हाला शेतीसाठी स्वस्त कर्ज हवे असेल तर सावकार सोडून बँकेत जा. देशातील प्रत्येक शेतकऱ्याकडे किसान क्रेडिट कार्ड (KCC) असावे, अशी केंद्र सरकारची इच्छा आहे. ते मिळवण्याची प्रक्रिया तर अगदी सोपी केली आहे, पण प्रक्रिया शुल्कही रद्द करण्यात आले आहे.

एवढेच नाही तर याला पीएम किसान योजनेशीही जोडण्यात आले आहे. जेणेकरून KCC बनवणे सोपे होईल.

या योजनेंतर्गत घेतलेले कर्ज वेळेवर परत केल्यास केवळ 4 टक्के व्याज आकारले जाईल. इतक्या कमी व्याजदरात तुम्हाला कुठेही कर्ज मिळणार नाही. मात्र त्याचा लाभ घेण्यासाठी काही अटी ठेवण्यात आल्या आहेत. याआधी, अर्ज कसा केला जाईल ते जाणून घेऊया.

( किसान क्रेडिट कार्डसाठी अर्ज कसा करायचा ? )

किसान क्रेडिट कार्ड (KCC) चा फॉर्म प्रधानमंत्री किसान सन्मान निधी योजनेच्या वेबसाइटवर उपलब्ध असेल. ते फक्त एका पानाचे आहे. ते डाउनलोड करा आणि भरा. त्यात पॅन कार्ड आणि आधार कार्डची फोटो कॉपी पेस्ट करा. त्यात अर्जदार शेतकऱ्याचा फोटोही लावावा लागेल. प्रतिज्ञापत्रही घेतले जाणार आहे.

ज्यामध्ये तुम्ही इतर कोणत्याही बँकेकडून कर्ज घेतलेले नाही आणि कोणत्याही बँकेत थकबाकी नसल्याचे नमूद केले जाईल. ज्या बँकेत तुमचे खाते आहे किंवा जेथे पीएम किसान योजनेचे पैसे येत आहेत तेथे हा फॉर्म सबमिट करा. सरकारने बँकांना आदेश दिले आहेत की जर सर्व काही बरोबर असेल तर फक्त 14 दिवसांच्या आत कार्ड बनवावे लागेल.

( किसान क्रेडिट कार्डसाठी पात्रता काय आहे ?)

कृषी, मत्स्यपालन, कुक्कुटपालन आणि दुग्धव्यवसाय क्षेत्रातील कोणकोणते लोक( KCC )द्वारे स्वस्त कर्ज मिळवण्यास पात्र आहेत हे आता आपण जाणून घेऊया. जेणेकरून अर्ज करण्यापूर्वी तुम्ही पात्रतेच्या निकषांमध्ये बसता की नाही हे तुम्ही स्वतःच जाणून घेऊ शकता.

केंद्रीय कृषी मंत्रालयाने 4 जुलै 2018 रोजी भारतीय रिझर्व्ह बँकेने जारी केलेल्या मास्टर परिपत्रकानुसार ( KCC ) बाबत पात्रता माहिती दिली आहे. शेतकऱ्याचे वय 18 ते 75 वर्षे दरम्यान असावे. भाडेकरू शेतकरी, भागधारक यासाठी पात्र आहेत. शेतकरी तीन लाख रुपयांच्या ( KCC )साठी पात्र आहेत. शेतकऱ्यांचे स्वयं-सहायता गट किंवा संयुक्त दायित्व गट ज्यात भाडेकरू शेतकरी, भागधारक इत्यादींचा समावेश आहे, यासाठी पात्र आहेत.

( पशुसंवर्धन, मत्स्यव्यवसायासाठी पात्रता )

( RBI )ने 4 फेब्रुवारी 2019 आणि 18 मे 2022 रोजी पशुसंवर्धन आणि मत्स्यपालन क्षेत्रात (KCC )घेण्याची पात्रता दिली आहे. (KCC) मध्ये दुग्धव्यवसाय आणि मत्स्यव्यवसाय क्षेत्र खूप नंतर जोडले गेले. या क्षेत्रासाठी मर्यादा 2 लाख रुपये ठेवण्यात आली आहे.

दुग्ध उत्पादक शेतकरी, भाडेकरू शेतकऱ्यांसह स्वयं-सहायता गट आणि ज्यांचे स्वतःचे, भाड्याने किंवा भाड्याने घेतलेले शेड आहेत ते पात्र आहेत. मत्स्य शेतकरी वैयक्तिक, गट, भागीदार आणि भागधारक पात्र आहेत. सागरी मत्स्यपालन करणारे शेतकरी ज्यांच्याकडे मासेमारी जहाजे किंवा बोटी आहेत. किंवा त्यांनी भाडेतत्त्वावर बोट घेतली आहे. ते त्यास पात्र आहेत. ज्यांच्याकडे समुद्रात मासेमारीसाठी परवाना किंवा परवानगी आहे ते देखील पात्र आहेत.

कुक्कुटपालन शेतकरी वैयक्तिकरित्या किंवा संयुक्तपणे पात्र आहेत. असे बचत गट देखील यासाठी पात्र आहेत, ज्यात मेंढ्या, शेळी, डुक्कर, कोंबडी, पक्षी, ससे शेतकरी आणि ज्यांचे स्वतःचे, भाड्याने किंवा भाड्याने घेतलेले शेड आहे.


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Aug. 16, 2023

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सुट्टीवर गेलेला पासूस उद्यापासून परत येणार? हवामानचा अंदाज?


 

हॅलो मित्रांनो  सध्या राज्यासह गडचिरोली जिल्ह्यातही पावसाने विश्रांती घेतली असल्यामुळे सुरुवातीच्या पावसात झालेली पिकांची लागवड धोक्यात आली आहे. आता पाऊस झाला नाही तर दुबार पेरणीचं संकट शेतकऱ्यांवर आहे. जिल्ह्यामध्ये सध्या ऊन सावलीचा खेळ सुरु आहे. तर काही ठिकाणी अधूनमधून हलक्या पावसाच्या सरी कोसळत आहे. शेतकरी जोरदार पावसाच्या प्रतीक्षेत आहे. पावसाळ्याचे अडीच महिने उलटले तरी देखील जिल्ह्यातील अनेक प्रकल्प देखील खाली आहे. त्यामुळे पाणीटंचाईची शक्यता आहे

  जुलै महिन्यात धो-धो पडलेला पाऊस ऑगस्ट महिन्यात गायब झाला आहे. मागील गेल्या काही दिवसपासून पावसाने दडी मारली आहे. यामुळे शेतकरी राजा चिंतेत सापडला आहे. पाऊस कधी परतेल याची प्रतीक्षा शेतकरी करत आहे. अशातच मात्र सर्वांसाठी एक आनंदाची बातमी आहे. ओढ दिलेला पाऊस उद्यापासून राज्यभरात पडण्याची शक्यता आहे.

काय आहे हवामान खात्याचा अंदाज?


गेल्या ४-५ दिवसांपासून पावसाने राज्यात विश्रांती घेतली आहे. विदर्भ, मराठवाडा, कोकणात उद्यापासून पावसाला सुरुवात होण्याची शक्यता हवामान विभागाने वर्तवली आहे. काही भागात येलो अलर्ट देखील असण्याची शक्यता आहे.

राज्यात निर्माण झालेल्या कमी दाबाच्या पट्ट्यामुळे पावसाने काही काळ ओढ दिली होती. मात्र येत्या १८ आणि १९ ऑगस्ट रोजी राज्यातील काही भागात मुसळधार पाऊस पडण्याचा अंदाज हवामान विभागाने दिला आहे. हवामान विभागाने वर्तवलेल्या अंदाजानुसार 18 ते 24 ऑगस्ट दरम्यान पाऊस पुन्हा एकदा जोर धरेल.

विदर्भात विजांच्या कडकडाटासह पावसाची हजेरी पाहायला मिळेल. तर, पश्चिम, मध्य आणि दक्षिम महाराष्ट्रात मात्र पावसाची ये-जा असेल. तर मराठवाड्यातही विविध भागांमध्ये पाऊस पडण्याची शक्यता आहे. पश्चिम, मध्य आणि दक्षिम महाराष्ट्रात मात्र पावसाची ये-जा असेल.

हें पण वाचा 

https://mykhabar24.com/post/Prajyotveskade/MK24post236

Thank you..

 


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Aug. 16, 2023

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मालेवाडा येथे स्वतंत्र दिन साजरा.


 

 

काल 15 ऑगस्ट रोजी देशभरात 76 वा स्वातंत्र्यदिन साजरा केला जात आहे. स्वातंत्र्यदिनी ठिकठिकाणी ध्वजारोहणाचे कार्यक्रम घेण्यात येत आहेत. भिवापूर तालुक्यातील अंतर्गत येत असलेल्या मालेवाडा येथील ग्रामपंचायत कार्यालयात सरपंच श्री.विष्णुजी कोडापे यांच्या हस्ते डॉ. बाबासाहेब आंबेडकर व महात्मा गांधी यांच्या प्रतिमेला माल्याअर्पण करण्यात आले.


सरपंच श्री.विष्णुजी कोडापे यांच्या हस्ते ग्रामपंचायत कार्यालयात ध्वजारोहण करण्यात आले.तसेच उच्च प्राथमिक शाळा मालेवाडा येथे शाळा व्यवस्थापन समितीच्या नवनियुक्त अध्यक्षा सौ. स्वाती सहारे यांच्या हस्ते उच्च प्राथमिक शाळा मालेवाडा येथे ध्वजारोहण करण्यात आले.
यावेळी शाळेला जमीन दान दिलेल्या रामाजी मोहोळ यांच्या परिवारातील श्री.उत्तम मोहोळ यांचा शाल व पुष्पगुच्छ देऊन  सत्कार करण्यात आला.

यावेळी शाळेतील विद्यार्थ्यांनी आपले मनोगत व्यक्त केले.
यावेळी व्यासपीठावर उपसरपंच प्रशांत इंगोले, ग्रामसेवक सुनील तायवाडे, सामाजिक कार्यकर्ते पंजाबराव इंगोले, हरीभाऊ राऊत, शाळा व्यवस्थापन समितीचे उपाध्यक्ष विलास मेश्राम, मनोहर वानखेडे, राजेश्वर पसारे, तंटामुक्त समितीचे अध्यक्ष देविदास भजभुजे, आरोग्य सेवक शेंडे साहेब,रेकचंद मेश्राम, ग्रामपंचायत सदस्य विघ्नेश्वर रामटेके, राहुल गोवारदिपे, कल्पना सुर्यवंशी, वर्षा इंगोले, संगिता चट्टे, सुनंदा आंभोरे, सुनीता गजघाटे,पोलिस पाटील इंदू गेडाम, दुर्गा सहारे, भुमिका म्हैसकर  शाळेच्या सहायक शिक्षका भुमेश्वरी सातपुते, अंगणवाडी सेविका रंजना गेडाम यांची यावेळी उपस्थिती होती.कार्यक्रामाचे  सुत्रसंचलन शिक्षिका वर्षा चापले यांनी केले तर प्रास्ताविक शाळेच्या मुख्याध्यापिका श्रीमती शिला रोडे  यानी सादर केले तर सहायक शिक्षक विजय मेश्राम यांनी आभार मानले.यावेळी
गावातील नागरिक उपस्थित होते.


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Aug. 15, 2023

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पीडिएफ स्वरूपात मोबाईल वर ठेवता येणार ( राशनकार्ड ) . कस तर जाणून घ्या?


 

(महाराष्ट्र)....आगामी  काळात नवीन रेशनकार्डचे पुस्तक ग्राहकांच्या हातात पडणार नाही, तर थेट ई -रेशनकार्डने ग्राहकांच्या कुटुंबातील सर्व नोंदी घेतल्या जाणार आहेत. ऑनलाईन रेशनकार्ड मिळणार आहे. यामुळे असे अद्ययावत रेशनकार्ड ग्राहकांना पीडिएफ स्वरूपात मोबाईल वर ठेवता येणार आहे.

या रेशनकार्डवर संपूर्ण माहिती उपलब्ध राहणार आहे. प्रत्येकाचे आधार नंबरही त्यावर नोंदविले जाणार आहेत. यावर डिजिटल स्वाक्षरीसह क्यूआर कोडही असणार आहे. या अद्ययावत रेशनकार्डमध्ये कुठल्या प्रकारच्या नोंदी आहेत. किती किलोचा कोटा ग्राहकाला मंजूर झाला आहे, याबाबतची माहिती दुकानदाराला सहज मिळविता येणार आहे. एकूणच डिजिटल धोरणाचा सर्वांनाच लाभ होणार आहे.

प्रथम नवीन ग्राहकांना मिळणार रेशनकार्ड ई -रेशनकार्डची योजना 1आगस्टपासून लागू करण्यात आली आहे. यामध्ये प्रारंभी नवीन कुटुंबाच्या नोंदी करणाऱ्या ग्राहकाला रेशनकार्ड न देता ई -रेशनकार्ड सुपूर्द केले जाणार आहे त्यावर 12अंकी नंबर असणार आहे. या रेशनकार्डवर शासकीय शिक्का राहणार आहे.एकूणच सदर नवीन योजना लाभदायी आहे.1 आगस्टपासून योजनेची अंमलबजावणी करण्याच्या सूचना पुरवठा विभागाला मिळाल्या आहेत. आनलाईन रेशनकार्डची पीडीएफ ग्राहकांना सहज  उपलब्ध होणार आहे त्यावर संपूर्ण सदस्यांची नावे आणि संपूर्ण माहिती उपलब्ध राहणार आहे. 


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Aug. 14, 2023

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काय आहे हर घर तिरंगा अभियान ? जाणून घ्या..!


 

हॅलो मित्रांनो 15 ऑगस्ट रोजी देशभरात 76 वा स्वातंत्र्यदिन साजरा केला जात आहे. स्वातंत्र्यदिनी ठिकठिकाणी ध्वजारोहणाचे कार्यक्रम घेण्यात येत आहेत. हर घर तिरंगा यावेळी आपण भारतीय नागरिक आपल्या स्वातंत्र्याचा 76 वा स्वातंत्र्यदिन साजरा करणार आहेत, याला भारत सरकारने आझादी का अमृत महोत्सव असे नाव दिले आहे, त्यानिमित्त 'हर घर तिरंगा' अभियान सुरू करण्यात आले आहे. हर घर तिरंगा अभियानाची घोषणा माननीय पंतप्रधान श्री नरेंद्र मोदी यांनी केली आहे.

काय आहे हर घर तिरंगा अभियान ?


‘हर घर तिरंगा ‘ अभियानाद्वारे सरकारची योजना आहे की भारतातील प्रत्येक घरावर राष्ट्रध्वज फडकावा. यासाठी सरकारने 20 कोटी घरांचे लक्ष्य निश्चित केले आहे. पंतप्रधान नरेंद्र मोदी यांनी स्वातंत्र्य दिनाच्या पार्श्वभूमीवर एक ट्विट करत ‘हर घर तिरंगा’ या मोहीमेबद्दल माहिती दिली होती. 13 ऑगस्ट ते 15 ऑगस्ट दरम्यान प्रत्येकाने आपल्या घरावर तिरंगा फडकवून या मोहिमेला बळकटी द्यावी, असे आवाहन त्यांनी केले होते. 1947 साली 22 जुलै रोजी तिरंग्याचा राष्ट्रध्वज म्हणून स्वीकार करण्यात आला होता, असेही पंतप्रधानांनी नमूद केले होते.


आज देशभरात तिरंगा अभियान राबवण्यात येत आहे, मात्र एक काळ असा होता की प्रत्येक घरात ध्वजारोहण करता येणे शक्य नव्हते. बऱ्याच बदलांनंतर सामान्य जनतेचे घर, ऑफीस, कार्यालये आणि शाळांमध्ये ध्वजारोहण करणे शक्य झाले. 2002 मध्ये ध्वजारोहणाच्या नियमांमध्ये बदल झाल्यानंतर सामान्य नागरिकांना हा अधिकार मिळाला

तिरंगा ध्वज उतरवताना आणि फडकवताना अनेक गोष्टींची विशेष काळजी घ्यावी लागते.

 15 ऑगस्ट 2023 रोजी संपूर्ण देश 76 वा स्वातंत्र्यदिन साजरा करणार असून, त्याची तयारी सुरू झाली आहे. स्वातंत्र्य दिन साजरा करण्यासाठी राष्ट्रध्वज फडकवणे ही एक महत्त्वाची प्रक्रिया आहे. आपला ध्वज हे राष्ट्राभिमानाचे प्रतिक आणि प्रतिष्ठित राष्ट्रीय प्रतीकांपैकी एक आहे. देशाचा राष्ट्रध्वज तिरंगा म्हणून ओळखला जातो, जो भगवा, पांढरा आणि हिरवा या तीन रंगांचा असतो. यात पांढर्‍या पट्ट्याच्या मध्यभागी निळ्या रंगाचे अशोक चक्र आहे. या अशोक चक्रात 24 आरै आहेत.

भारत देशात तिरंग्याला खूप मान दिला जातो. देशाचा तिरंगा फडकवणे हे समान ध्वज फडकवण्यासारखे नाही. देशात ध्वजारोहणासाठी अनेक नियम व तत्त्वे आहेत, हे लक्षात घेऊन प्रत्येक नागरिकाने ध्वजारोहण केले पाहिजे. हर घर तिरंगा मोहिमेसोबतच, गृह मंत्रालयाने भारतीय ध्वज संहिता, 2002 मध्ये सुधारणा केली आहे. राष्ट्रध्वजाच्या प्रदर्शनासाठी सर्व कायदे, अधिवेशने, पद्धती आणि सूचना एकत्र आणण्यासाठी भारतीय ध्वज संहिता लागू करण्यात आली. हे खाजगी, सार्वजनिक आणि सरकारी संस्थांमध्ये फडकलेल्या ध्वजांवरही लक्ष ठेवते. 26 जानेवारी 2002 रोजी भारताचा ध्वज संहिता लागू झाली. 30 डिसेंबर 2021 रोजी काही सुधारणा करण्यात आल्या. यात आम्ही तुम्हाला त्या नियमांबद्दल सांगणार आहोत, जे सर्व नागरिकांनी पाळणे अनिवार्य आहे. ध्वज संहिता, 2002 नुसार, भारतीय ध्वज बनवण्याचे नियम आहेत. भारतीय ध्वज कोणत्याही आकारात आणि प्रमाणात डिझाइन करू शकत नाही. संहितेनुसार, राष्ट्रध्वजाचा आकार आयताकृती असावा, त्याचे गुणोत्तर ३:२ असावे.

भारतीय ध्वज संहितेनुसार, भारतीय ध्वजासंदर्भात अनेक नियम आणि तत्त्वे आहेत, जी खालीलप्रमाणे आहेत...

जेव्हा तिरंगा दुसऱ्या देशाच्या राष्ट्रध्वजासोबत फडकवला जातो तेव्हा तो दुसऱ्या देशाच्या ध्वजाच्या डावीकडे लावावा. मात्र, संयुक्त राष्ट्रसंघाच्या ध्वजाच्या शेजारी तिरंगा फडकवताना त्याच्या दोन्ही बाजूला फडकता येईल.

कोणत्याही व्यक्तीला किंवा वस्तूला सलाम करताना भारतीय ध्वज खाली करू नये.

तिरंग्याचा वापर कोणत्याही ड्रेस, रुमाल किंवा गणवेशासाठी करता येणार नाही.

ध्वजावर कोणत्याही प्रकारची अक्षरे नसावीत.

कोणताही पुतळा किंवा स्मारक झाकण्यासाठी ध्वजाचा वापर करता येणार नाही.

ध्वज जाणूनबुजून जमिनीला स्पर्श करू नये किंवा पाण्यात बुडवू नये.

तिरंगा ध्वज फडकवताना त्याचा भगवा रंग फक्त वरच्या दिशेने असावा याची विशेष काळजी घ्यावी.

शाळा, विद्यापीठे आणि गैर-सरकारी संस्थांसाठी नियम आणि तत्त्वे

खराब झालेला आणि विस्कटलेला ध्वज अजिबात प्रदर्शित करू नये.

ध्वज एकाच ध्वजस्तंभावर इतर कोणत्याही ध्वजासह फडकवू नये.

स्पीकरच्या व्यासपीठाजवळ ध्वज फडकवताना ध्वज स्पीकरच्या मागे आणि उंच असावा याची काळजी घ्यावी.

कोणत्याही संघटनेच्या किंवा देशाच्या ध्वजासह भारतीय ध्वज फडकवताना तो तिरंग्यापेक्षा उंच आणि मोठा नसावा.

ध्वज कोणत्याही प्रकारची सजावट किंवा चिन्ह म्हणून वापरू नये.

आणि  आपल्या गाडीवर गरज पडल्यास  राष्ट्रध्वज फडकावू शकतात. जेव्हा एखादा विदेशी प्रतिष्ठित व्यक्ती सरकारने उपलब्ध करून दिलेल्या कारमधून प्रवास करतो तेव्हा कारच्या उजव्या बाजूला राष्ट्रध्वज फडकवला जातो आणि संबंधित देशाच्या व्यक्तीचा ध्वज कारच्या डाव्या बाजूला फडकलेला असावा.

सर्वाना माझ्याकडून 15 ऑगस्ट 76 वा स्वातंत्र्यदिनानिमित्य हार्दिक शुभेच्छा.......... 🇮🇳🇮🇳🇮🇳🇮🇳

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Aug. 13, 2023

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100% लोकांना.. माहिती नाही!. लवंगाचे फायदे अनं नुकसान?


 

(सबसे फास्ट न्युज )

 

 

हॅलो मित्रांनो आज आपण फार प्राचीन काळापासून आहारशास्त्राबरोबरच आयुर्वेदशास्त्रातदेखील लंवगांचा वापर केला जातो. अनेकजण घरगुती औषध म्हणूनही तिचा वापर करतात. मसाल्यामध्ये सुगंध आणण्यासाठी लवंगेचा वापर केला जातो. तुम्हाला माहिती तर असेल तरी पण एक वेळा सविस्तर माहिती जाणून घ्या? चला मग........

तुम्हाला माहिती तर असेलच मराठीमध्ये ‘लवंग’, हिंदीमध्ये ‘लौंग’, इंग्रजीत ‘क्लोव्ह तर शास्त्रीय भाषेत ‘युजेनिआ कॅरिओफिलाटा’ या नावाने ओळखली जाणारी लवंग ‘मिटेंसी’ या कुळातील आहे.

लवंगेचे झाड पंचवीस ते चाळीस फूट उंच व वर्षभर हिरवेगार असते. या झाडावर तीन-तीन गुच्छांचा समूह तयार होतो. या गुच्छांना कळ्या लागतात. या कळ्या फुलून लहान फुले होतात. या फुलांनाच आपण ‘लवंग’ असे म्हणतो. जेथे पाऊस खूप पडतो, तेथे लवंगेचे झाड दिसून येते. जगामध्ये सिंगापूर व आफ्रिकेत ही झाडे भरपूर प्रमाणात आहेत. मल्लाक्का, जंगबार व त्याच्याजवळ असणाऱ्या फेम्बा टापूमध्ये लवंगेची झाडे अधिक प्रमाणात आहेत. भारतामध्येही लवंगेची झाडे आढळतात. परंतु त्याचे प्रमाण खूप कमी आहे. लवंगेचे दोन प्रकार आहेत. एक तीव्र सुगंधाची काळी लवंग व दुसरी धुरकट रंगाची लवंग होय. जी लवंग उग्र वासाची, तिखट आणि दाबल्यानंतर तिच्यामध्ये तेलाचा अंश असल्याचे जाणवते. ती उत्तम प्रतीची असते.

आयुर्वेदानुसार: लवंग सुगंधी, उत्तेजक, रक्तविकारनाशक, कफघ्न, अग्निदीपक, पाचक, दुर्गंधीहारक, रुची उत्पन्न करणारी, डोळ्यांना हितकारक आहे. तिच्या या गुणधर्मामुळे मळमळणे, उलटी होणे, पोटात कळ येणे, तीव्र दातदुखी, डोळे दुखणे, पोट फुगणे, अति तहान लागणे, खोकला, श्वास अशा अनेक विकारांवर तिचा उपयोग होतो.

(फायदे )

खोकला येत असेल. तर लवंग तोंडात चघळल्याने खोकल्याची ढास कमी होते. तसेच घशातील खवखव कमी होऊन खोकला दूर होण्यास मदत होते.
सर्दी-खोकला, घसा धरणे, आवाज बसणे अशा विकारांवर भाजलेली लवंग तोंडात ठेवून चघळल्यास घशाची सूज कमी होऊन आवाज मोकळा होतो.
वारंवार सर्दी होऊन नाकातून पाणी गळत असेल, तर अशा वेळी हातरुमालावर लवंगांचे तेल टाकून तो हुंगावा.
 बारीक केलेल्या लवंगांचा लेप कपाळावर लावल्यास डोकेदुखी त्वरित थांबते.
लवंगांचे तेल कपाळावर चोळल्याने सुद्धा डोकेदुखी थांबते.
अपचन, गॅस यांमुळे होणारी पोटदुखी थांबविण्यासाठी पाव चमचा लवंगपूड आणि एक चमचा खडीसाखर एकत्रित करून दिवसातून दोन वेळा खावी.


तीव्र स्वरूपात दातदुखी जाणवत असेल, तर तत्काळ वेदना कमी करण्यासाठी लवंगांच्या तेलात भिजविलेला कापसाचा बोळा ठणकत असलेल्या दातावर घट्ट दाबून ठेवावा. याने दातदुखी त्वरित थांबते.
लवंग पाण्यात उकळून ते पाणी दिवसभर प्यायल्याने सर्दी-खोकला, अपचन, तोंडास दुर्गंधी येणे, भूक न लागणे हे विकार कमी होतात.
 लवंग जंतुनाशक, कीटकनाशक, कृमीघ्न, पूर्तिरोधक आणि स्तंभक कार्य करणारी असल्याने आयुर्वेदात अनेक विकारांवर लवंगेचा वापर करण्यास सांगितला आहे. म्हणून लवंगादी वटींचा वापर अनेक विकारांवर निष्णात वैद्य करीत आहेत.
वारंवार तहान लागत असेल व पाणी पिऊनही तहान भागत नसेल, तर एक ग्लास पाण्यामध्ये चार लवंगा उकळाव्यात. थोड्या थोड्या अंतराने दोन-दोन चमचे हे पाणी प्यायल्यास तहान शमते.
गर्भवती स्त्रीला उलटी, मळमळ यांचा त्रास जास्त जाणवल्यास भाजलेली लवंग तोंडात धरावी किंवा लवंग गरम पाण्यात भिजवून ते पाणी घोट-घोट त्या स्त्रीला प्यायला दिल्यास उलट्यांचा त्रास त्वरित थांबतो.


खोकल्याची उबळ येणे, दम लागणे, सर्दी जाणवणे, छातीमध्ये आखडणे हे विकार दूर करण्यासाठी गरम पाण्यात लवंगतेलाचे काही थेंब टाकून ती वाफ श्वासाद्वारे आत घ्यावी.
दातांचा व हिरड्यांचा पायरिया हा आजार घालविण्यासाठी दातांना व हिरड्यांना लवंगतेलाने मालीश करावे.
रात्री डास खूप चावत असतील, तर अशा वेळी संपूर्ण अंगाला लवंगतेल चोळावे. यामुळे डास जवळ येत नाहीत.
 लवंगेमध्ये ‘अ’ जीवनसत्त्व व बीटा कॅरोटीन भरपूर प्रमाणात असल्याने ते शरीराची रोगप्रतिकारशक्ती वाढवून शरीर सुदृढ ठेवते.
 ‘ब’ जीवनसत्त्व (पायरिडॉक्सीन थायसिन) ‘बी-१’ जीवनसत्त्व, तसेच ‘क’ जीवनसत्त्व लवंगेमध्ये भरपूर प्रमाणात असल्याने शरीरातील विषारी घटक बाहेर काढून टाकण्यास मदत होते.

लवंगांचे मसाल्यामध्ये प्रमाणात सेवन करावे. त्याचे अति प्रमाणात सेवन केल्यास डोळे, जठर, आतडे, मूत्राशय व हृदय यामध्ये दाह निर्माण होऊन वाईट परिणाम होऊ शकतात. लवंगांची पूड ही आवश्यकतेप्रमाणे ताजीच बनवावी. आधीच बनवून ठेवल्यास त्याचा सुगंध कमी होऊन त्यातील उर्ध्वगमनशील तेलही उडून जाते.

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Aug. 12, 2023

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गदर 2' ने पहिल्याच दिवशी रेकॉर्डब्रेक ओपनिंग केलं आहे?.


 

गडचिरोलि न्युज : गदर 2' ने पहिल्या दिवसापासूनच थिएटरमध्ये गर्दी जमवायला सुरुवात केली आहे. तारा सिंगच्या पुनरागमनाने बॉक्स ऑफिसवर असा धमाका केला आहे. 22 वर्षांनंतर आलेला सिक्वेल पाहण्यासाठी पहिल्याच दिवशी थिएटरबाहेर लाइन लागल्याचं पाहायला मिळालं गदर 2' ने पहिल्याच दिवशी रेकॉर्डब्रेक ओपनिंग केलं आहे.

Gadar 2 box office collection : सनी देओलच्या तारा सिंगने धडाक्यात पुनरागमन केलं. पुन्हा एकदा थिएटरबाहेर  गर्दी पाहायला मिळाली. 22 वर्षांनंतर पुनरागमन करणाऱ्या या आयकॉनिक हिरोने पहिल्या दिवसापासून बॉक्स ऑफिसवर (Box office collection) राज्य करण्यास सुरुवात केली आहे. 2001 मध्ये रिलीज झालेल्या 'गदर'चा सिक्वेल तब्बल 22 वर्षांनी आला आहे. गदर 2 सिनेमा बॉक्स ऑफिसवर चालेल असं साऱ्यांनाच वाटत होतं, पण इतकी दणक्यात कमाई करेल असं वाटलं नव्हतं.

शुक्रवारी रिलीज झालेल्या गदर 2 ला प्रेक्षकांनी भरघोस प्रतिसाद दिला. अनेक सिंगल स्क्रीन थिएटरमध्ये तारा सिंगच्या पुनरागमनामुळे, 'हाऊसफुल'चे बोर्डही बऱ्याच काळानंतर झळकले. दिल्ली-मुंबईसारख्या मोठ्या शहरांचे मल्टिप्लेक्स असो किंवा छोट्या शहरातील सिंगल स्क्रीन थिएटर्स असो. शुक्रवारी 'गदर 2'ने सर्वत्र धुमाकूळ घातला. अहवालानुसार 'गदर 2' ने पहिल्याच दिवशी या वर्षातील दुसरे सर्वात मोठे ओपनिंग कलेक्शन केले आहे.

'( गदर 2'चे ओपनिंग कलेक्शन )

पहिल्याच दिवशी 'गदर 2'चे Advanced बुकींग जबरदस्त होते. देशभरात'गदर 2' चे Advanced booking जवळपास 2 लाख 80 हजाराहून अधिक झाले आहे. तर जगभरात सुमारे 7 लाखांहून अधिक Advanced booking झाले आहे. पहिल्या दिवशी चित्रपटाचे कलेक्शन 30 कोटींच्या घरात जाण्याची शक्यता आहे. ट्रेड रिपोर्ट्समधील अंदाजानुसार 'गदर 2' ने पहिल्या दिवशी 38 ते 40 कोटी रुपये कमावले आहेत.

पहिल्या दिवशीच केला विक्रम

सनी देओलच्या (Sunny Deol) या सिनेमाने'पठाण' (Pathan movie) नंतर 2023 ची सर्वात मोठी ओपनिंग केलं आहे. शाहरुख खान स्टारर 'पठाण' या चित्रपटाने पहिल्या दिवशी 57 कोटींची कमाई केली आहे. पहिल्या दिवशी 36 कोटींची कमाई करून प्रभासचा 'आदिपुरुष' 'पठाण'नंतर दुसऱ्या क्रमांकावर होता. मात्र, 'गदर 2' आदिपुरुष सिनेमाला मागे टाकले आहे.

बॉलिवूड सिनेमांबद्दल बोलायचे झाले तर सनीचा हा सिनेमा सर्वात मोठा ओपनिंग कलेक्शन करणारा सिनेमा ठरला आहे. आमिर खानच्या 'धूम 3' (2013) ने पहिल्या दिवशी 36.22 कोटी रुपयांची कमाई केली आणि कोणत्याही सीक्वलची ही सर्वात मोठी ओपनिंग होती. 'गदर 2' ने 10 वर्षांनंतर हा विक्रम केला आहे. भारतीय सिनेमांबद्दल बोलायचे झाल्यास, 'KGF 2' हा 57 कोटींच्या ओपनिंग कलेक्शनसह सर्वात मोठा ओपनिंग सिक्वेल होता. 'बाहुबली 2'ने पहिल्या दिवशी 41 कोटींची कमाई केली. यानंतर 'गदर 2' तिसऱ्या क्रमांकावर आहे.

'गदर 2'ने सनीला तिच्या करिअरमधील सर्वात मोठी ओपनिंग दिली आहे. पहिल्याच दिवशी, सिनेमाचे कलेक्शन 40 कोटींच्या जवळ पोहोचले आहे, ज्यामुळे 'गदर 2' वीकेंडलाच 100 कोटींचा आकडा पार करण्याची शक्यता आहे.

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Aug. 11, 2023

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कांदाही महागणार असून, यामुळे सर्वसामान्यांच्या डोळ्यात पाणी तर येणारच?


 

(सबसे फास्ट न्युज ) 

हॅलो  मित्रांनो कोरोनामुळे अनेकांच्या नोकऱ्या तर गेल्या, त्यामुळे वाढलेल्या बेरोजगारीमुळे सर्वसामान्य चिंतित असतानाच आता त्यामध्ये महागाईची भर पडली आहे. मागील एक ते दीड महिन्यांपासून टोमॅटोचे भाव उतरण्याचे नाव घेत नसतानाच आता जीवनाश्यक असलेला कांदाही महागणार असून, यामुळे सर्वसामान्यांच्या डोळ्यात पाणी तर येणारच असून, गृहीणींचे बजेट कोलडणार आहेत.

सध्या टोमॅटो 100 ते 80 रुपये किलोने विकले जात आहेत. सोबतच भाजीपाल्यामधील कोथिंबीर, मेथीची जुडी 40 ते 50 रुपयांना मिळत आहे. यामुळे अनेकांनी कडधान्य खाणेच पसंत केले असतानाच या भाजीला फोडणीसाठी आवश्यक असलेला कांदाही महागत जात असल्याचे चित्र आहे. काही दिवसापूर्वी 15 ते 20 रुपये किलोने मिळणारा कांदा आता 60ते 80 रुपये किलोने विकल्या जात आहे. त्यामुळे सर्वसामान्यांच्या खिशाला चाप बसत असल्याचे चित्र आहे.

( भावात 20 ते 30 रुपयांनी वाढ )

या रविवारी गडचिरोली  कांदा मार्केटमध्ये आज झालेल्या हर्रासीमध्ये कांद्याचे भाव वाढल्याचे दिसून आले. गेल्या काही दिवसांपूर्वी 15 ते 20 रुपये किलोने मिळणारा कांदा आज 60ते 80 रुपये किलोने विकल्या गेला आहे. कांद्याच्या दरामध्ये वाढ होण्याचे कारण अवकाळी पाऊस असल्याची माहिती कांदा व्यावसायिकांनी दिली.

सध्या बाजारामध्ये टोमॅटो हा 100 ते 80 रुपये किलोने विकला जात असून, आता त्या पाठोपाठ कांद्याच्या दरामध्ये देखील वाढ होत आहे. टोमॅटोच्या दरामध्ये वाढ झाली त्या पाठोपाठ हिरवी मिरची, कोथिंबीर व इतरही पालेभाज्या महागल्यामुळे अनेकांच्या जेवनातील टोमॅटो कोथिंबीर जिरे, गायब झालेले यला मिळत आहे.

मागील वर्षी फेब्रुवारी-मार्च महिन्यांत राज्यात अवकाळी पावसाने कहर केला होता. यामध्ये कांद्याचे मोठे नुकसान झाले होते. त्यामुळे काही व्यापाऱ्यांनी कांदा खरेदी करुन तो साठवून ठेवला होता. आता तोच कांदा बाजारात काही प्रमाणात येत आहे. मात्र, बहुतांश शेतकऱ्यांकडे कांदाच शिल्लक नसल्याने बाजारात कांद्याची आवक घटली आहे. यामुळे आहे त्या कांद्याचे दर वाढलेले दिसत आहेत.

हलक्या प्रतिचा कांदा बाजारात

महाराष्ट्र मध्ये भाजीबाजारात कांद्याची आवक कमी असून 50 ते 60 टक्के हलक्या प्रतिचा कांदा दाखल होत आहे. तसेच, पावसाने दांडी मारल्याने नवीन कांदा लागवड केलेले उत्पादन देखील हाती लागणार नाही, त्यामुळे पुढील कलावधीत कांदा आणखीन वधारण्याची शक्यता व्यापाऱ्यांनी वर्तवलेली आहे

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Aug. 10, 2023

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......मसाले भात पाककृती......


 

( सबसे फास्ट न्युज )

हॅलो  मित्रांनो आमच्या गावाला कोणतेही शुभकार्य असले म्हणजे लग्न, मुंज किंवा राम नवमीत असलेलं गाव जेवण, मसाले भाताशिवाय पंगतीचे जेवण अपूर्णच असतं. गोडा मसाला, खडे मसाले तआणि फुल गोबी याचं अप्रतिम चमचमीत combination म्हणजे मसाले भात.

हा भात फक्त एक पातेलं वापरून बनतो त्यामुळे भरपूर भांडी पण खराब होत नाहीत. भरपूर भाज्या, गोडा मसाला आणि ओलं खोबरं यामुळे ह्यात fiber (तंतुमय पदार्थ) च प्रमाण वाढतं यामुळे हे संपूर्ण परिपूर्ण जेवणासाठी हा एकच पदार्थ पुरेसा आहे.

आपण मराठी पाककृतीमध्ये पुढे जात असताना, आपण ज्या पदार्थांचा आस्वाद घेतो त्यामागील समृद्ध ऐतिहासिक संदर्भाचे आपण कौतुक केले पाहिजे. आपला आजचा तारा, ‘मसाले भात’, महाराष्ट्राच्या पाककला परंपरेत एक विशेष स्थान आहे.

‘मसाले भात’ शतकानुशतके जुन्या मराठी पाककलेच्या परंपरेचा शोध घेतात, सामान्यत: पिढ्यान् पिढ्या पुढे जात आहेत. तो महाराष्ट्रीयन घराण्यातील एक महत्त्वाचा भाग होता आणि आजही आहे. उत्सवाच्या प्रसंगी मसाले भात विशेष असतो. तांदूळ, गोडा मसाला (मसाल्यांचे मिश्रण) आणि देशी भाज्या यांसारख्या स्थानिक स्रोतांवर प्रकाश टाकणारी ‘मराठीतील मसाले भात’ रेसिपी या प्रदेशातील विपुल शेतीचा पुरावा आहे.

आज मी.    मसाले भात कस बनवायचं सोप्या पद्धतीने सांगणार आहे तुम्ही तर या माझ्या टिप्स ने मसाले भात बनवलं तर नाकी छान होईल... कारण मी पण याच टिप्स ने मसाले भात बनवतो.. कारण कोणते पान सान या कही राहील तर मसाले भात बघायला मिडतात. मसाले भाता शिवाय जेवणाची चवच नाही.. 

बघा  सर्वात पहले साहित्य असने गरजेचे आहे मसाले भाता साठी . तांदूळ, खडे  मसाले, वाली मिरची,  लाल मिरची पावडर, गोडा मसाला, हळदी पावडर, मीठ,सांभार, कांदा, लसूण, अद्रक, कढीपता, तेजपान, वटना, फुल गोबी, आलू, तेल, सोयाबीन वाडी, मोव्हरी, जिरा, शेंगदाणे, लवंग, विलायवी, काडी मिरी, कर्णफूल, भेंडीविलायची.

कृती....

बघा सर्वात पहले  गॅस चालू करा त्या वर छोटासा गंज   माडा त्यात जितकं वाटते तितकं तेल टाका  तेल गर्म झाल्यावर.त्यात कढीपता , मोव्हरी, जिरा  टाका, नंतर त्याला छान पेक्की तडून घ्या. नंतर छोटे छोटे चिरलेले कांदे टाका कांद्याला थोडं  लालसर येई पर्यंत शिजवा शिजवून झाल्यानंतर.  त्यात   कढे मसाले म्हणजे काडी मिरी, लवंग, तेजपान, विलायची, कर्णफुल, भेंडीविलायची, आणि शेंगदाणे  टाका. नंतर थोडं शिजू द्या. त्यानंतर  लसूण आणि अद्रक चा पेस्ट टाका.. त्याला पण छान  पेक्की शिजू द्या. त्या नंतर हिरवी मिरची कापलेली असेल तर ते टाका आणि नंतर टमाटर चे छोटे  छोटे  पीस कापलेले त्या मध्ये टाका. त्या नंतर हळदी, मिरची पावडर, गोडा मसाला, स्वाद अनुसार मीठ टाका. त्या नंतर  फुल गोबी, आलू, वटाणा , सोयाबीन वाडी ठाका थोडं शिजू द्या आणि त्या मध्ये जितकं बनवायचं आहे त्या अनुसार पाणी टाका आणि झाकून ठेवा  पाणी उबाडी येत पर्यंत  नंतर उबाडी आलेल्या पाण्यामध्ये तांदूळ टाका आणि त्याला थोडं उबाडी येत वारी घाटा नंतर गॅस कमी करून झाकून ठेवा 10ते 15 मिनिटात तुमच मसाला भात बनून जाईल.. आणि वरून सांभार  टाकावे.. एक दा नक्की बनवून  बघा.... 

आणि कही विचारयच असेल तर नक्की सांगा.. Aani mazya tips आवडल्या  असतील तर प्लीज, follow करा

Thank you.

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Aug. 9, 2023

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आधुनिक युगाची भाषा ?.........


 

सबसे फास्ट न्युज 

 

हॅलो  मित्रांनो आज आपण आधुनिक  युगामध्ये बोलली जाणारी भाषा म्हणजेच इमोजी........ 🤣😭😂🤔👨‍❤‍💋‍👨😋👇🤩🥰💋


आपल्या भावना व्यक्त करण्यासाठी संवाद महत्वाचा आहे. त्यासाठी बोलीभाषेचा वापर होतो हाच संवाद लिखित स्वरूपात असेल तर लिपीत गरज भासते. मात्र आनंद, दुःख, उत्साह, प्रेम, क्रोध, धृना यासारख्या भावना चेहऱ्यावरून मांडता येतात. या भावना प्रकट करण्यासाठी भाषेची गरज नाही. लिखित किंवा मोखिक भाषेऐवजी बाडी लैँग्वेज, इशारा, चित्र आणि चेहऱ्यावरून भावना व्यक्त करता येतात. स्मार्टफोनच्या दुनियेत हाच भाव इमोजीच्या रूपाने आला आहे.

Emoji म्हणजे काय ? 😘😋👨‍❤‍💋‍👨😂💔👇💋🥰😍🔔🎂🏸😇🏓💙🌞🌞👌👌🖕🏿👅😱👌☹️🇮🇳☹️😛🤫💯😙😋👨‍❤‍💋‍👨
जर तुम्ही मोबाईल फोन वापरत असाल, तर तुम्ही तुमच्या मित्रांना Messenger, WhatsApp मध्ये Emoji पाठवले असतील, तर तुम्हाला या Emoji बद्दल माहिती असणे आवश्यक आहे.

Emoji चे नाव जपानी भाषेतून आले आहे “e”=picture आणि “Moji”=Character म्हणून Emoji चा शाब्दिक अर्थ pictogram असा आहे.

सोप्या भाषेत, Emoji चा अर्थ एखाद्याला कमी शब्दात आपल्या भावना समजावून सांगणे असा आहे.  म्हणजे समजा तुम्ही खूप आनंदी आहात आणि कोणताही मित्र तुम्हाला कसा आहेस असे विचारत असेल, तर तुम्ही कोणताही मजकूर न लिहिता फक्त Happy Emoji 😊 पाठवला तर तुमचा मित्र समाजुन जाईल की तुम्ही आता आनंदी आहात.

जर तुम्ही दुःखी असाल आणि एखाद्याने तुम्हाला Message करून तुम्ही कसे आहात असे विचारले असेल, तर तुम्ही फक्त Sad Emoji 😔 पाठवाला , तर तुमच्या मित्र परिवाराला समजेल की तुम्ही दुःखी आहात.

तर खरं तर हे Emoji चे काम आहे, तुम्ही तुमच्या कोणत्याही Feelings फक्त एका Emoji द्वारे कोणाशीही शेअर करू शकता.  तुम्ही कसे आहात हे स्पष्ट करण्यासाठी कोणालाही लांबलचक मजकूर लिहिण्याची गरज नाही, तुम्ही तुमच्या Feelings इमोजीद्वारे स्पष्ट करू शकता.

Emoji चा शोध कोणी आणि केव्हा लावला?

इमोजी बनवणारे सर्वप्रथम शिगेताका कुरीता (Shigetaka Kurita) होते, ज्यांनी 1999 मध्ये केवळ जपानी यूझर बेससाठी बनवले होते. जगातला पहिला इमोजी अगदी सोपा होता – केवळ 12 पिक्सेल बाय 12 पिक्सेल वापरुन – आणि Shigetaka Kurita ने तयार करण्यासाठी मंगा आर्ट (Manga Art) आणि कांजी पात्रांमधून (kanji characters) प्रेरणा घेतली होती

1999 पासून इमोजीच्या इतिहासात अनेक बदल झाले आहेत. सर्व प्रथम, म्हणजे, त्याच्या मूळ सेटमध्ये, फक्त वाहतूक, तंत्रज्ञान, हवामान आणि वेळ चिन्ह होते.

नंतर 2010 पर्यंत, अधिक मांजरीचे चेहरे आणि राग, अश्रू आणि आनंदाचे इमोजी त्यात जोडले गेले आणि 2015 च्या विविधतेच्या अपडेटमध्ये, इमोजींमध्ये आणखी बदल करण्यात आले आणि त्यात 5 स्किन टोन जोडण्यात आले.

त्यानंतर 2017 मध्ये इमोजीमध्ये आणखी बदल झाले ज्यामध्ये भाषा आणि संस्कृतीचाही समावेश करण्यात आला. इमोजी डे 17 जुलै रोजी जगभरात साजरा केला 

🥰...........इमोजीचे फायदे............. 🥰

😍 : लोक सहसा प्रेमाची अभिव्यक्ती व्यक्त करण्यासाठी या इमोजीचा वापर करतात.
😏 : मागे वळणारा इमोजी, तिरस्कार किंवा आक्षेपार्ह किंवा नाराजी म्हणून व्यक्त केलेला देखावा म्हणून वापरला जातो.
🤗 : हा एक सौहार्दपूर्ण हावभाव आहे जो मैत्रीची अभिव्यक्ती आहे
😡 : हे ईमोजी व्यक्ती किंवा परिस्थितीबद्दल नाराजी आणि राग व्यक्त करते.
😇 : जेव्हा एखादी व्यक्ती चांगले कृत्य करते, तेव्हा त्याचा निर्दोषपणा व्यक्त करण्यासाठी वापरला जातो.
😘: ही प्रेम दर्शवणारी भावना आहे
🥰 : जब कोई व्यक्ति प्रेम की धुन में होता है उस भावना को व्यक्त करने के लिए इसका प्रयोग किया जाता है।
😂  :- जेव्हा तुम्ही एखाद्या गोष्टीबद्दल बोलता ज्यामुळे तुमचे डोळे पाणावतील तेव्हा तुम्ही ते या इमोजीद्वारे व्यक्त करू शकता. याला आनंदाचे अश्रू असेही म्हणतात.
🤣  :- जेव्हा तुम्हाला एखाद्या गोष्टीतून खूप हसायला मिळते तेव्हा तुम्ही ते या इमोजीद्वारे व्यक्त करू शकता
😭 :- जेव्हा तुम्हाला एखाद्या गोष्टीसाठी खूप रडावे लागते, तेव्हा तुम्ही ते या इमोजीद्वारे व्यक्त करू शकता..
•😊 :सर्वाधिक वापरलेले इमोजी! हा आनंदी हसरा चेहरा दर्शवितो!
😃 : हे इमोजी उघडे तोंड आणि गोल आकाराचे डोळे असलेले आहे. हा इमोजी सकारात्मक मूड तयार करतो!
😄  इमोजी सूचित करतो की हा खूप आनंदाचा प्रसंग आहे! आनंदाने इमोजीचे डोळे मिटले आहेत आणि खूप हसत आहेत!
😁:  दात दाखवणारा हसरा चेहरा – हा इमोजी प्रँक हसत आहे!
😆 : उघडे तोंड आणि डोळे मिटून हसणारा चेहरा – तेव्हा तुम्ही हे इमोजी वापरू शकता! जेव्हा काही विनोद चालू असतो आणि तुम्ही हसत असता.
😅 : शांत स्मित आणि थोडा घाम गाळलेला हसरा चेहरा – जेव्हा कोणी तुम्हाला काही मजेदार गोष्टी सांगत असेल! आणि तुम्ही त्याच्या बोलण्यावर हसता.
😂 :आनंदाच्या अश्रूंनी हसणे – जेव्हा कोणी तुम्हाला विनोद सांगते, तेव्हा तुम्ही तुमचे हसू थांबवू शकत नाही, तेव्हा तुम्ही या इमोजीचा वापर करू शकता.
🙄 : वरती बघताना – जेव्हा तुम्हाला विनोद आवडत नाही! आणि तुमची कोणतीही reaction नसते, म्हणून तुम्ही ही इमोजी वापरू शकता.
😉  : डोळे मिचकावलेला चेहरा – जर तुम्ही काही प्रँक करत असाल आणि तुम्हाला काहीतरी मजेदार बोलायचे असेल तर तुम्ही हे इमोजी वापरू शकता.
😍 : हृदयाचे डोळे आणि गोड हास्य – तेव्हा तुम्ही हे इमोजी वापरू शकता! जेव्हा कोणी तुमच्याशी गोड बोलत असेल.

व्यतिगत सांभाषण गुप्त राहते. सुरक्षितपणे तुम्ही टाईप करू शकता. टाईप करताना शब्द नसल्याने चुका टाळतात. तुमच्या भावना शबदऐवजी थेट इमोजीतून व्यक्त होतात संवादतील इमोजी वापरामुळे पुढील व्यक्तीच्या चेहऱ्यावरच्या हावभावाची कल्पना येते आणि चाटिंग अधिक रंजक होते....

Thank you and follow me ..?


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Aug. 9, 2023

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साहेब, कोणती शेती करेल शेतकऱ्याला मालामाल?


  • सबसे फास्ट न्युज 
  • हॅलो मित्रानो आपल्या जिल्हात रासायनिक शेतीकडेच कल :सेंद्रिय परवडत नसल्याच सुरु दिसत आहे...

( गडचिरोली ): रासायनिक शेतीचे अनेक तोटे असले तरी शेतकऱ्याला आता ही शेती केल्याशिवाय पर्याय राहिला नाही . त्यामुळे कृषी विभागाचे अधिकारी कितीही मार्गदर्शन कार्यक्रमांचे आयोजन करीत असले तरी बहुतांश शेतकऱ्यांना सेंद्रिय शेती परवडत नसल्याचाआजपर्यतचा अनुभव आहे.

सेंद्रिय शेती निसर्गाच्या विविध तत्वावर आधारित आहे. सेंद्रिय शेती निसर्गपूरक शेती मानली जाते. वीस वर्षांपूर्वी शेतकरी सेंद्रिय शेतीच करीत होता. आता मात्र सेंद्रिय शेतीसाठी आवश्यक असलेले घटक मिळणे कठीण झाले आहे. सेंद्रिय शेतीसाठी प्रामुख्याने खत म्हणून कचरा, जनावरांचे मलमूत्र यापासून तयार केलेले सेंद्रिय खत वापरले जाते. तसेच रासायनिक कीटकनाशकांचा वापर करण्याऐवजी जैविक पद्धतीतेच कीटकनाशके वापरली जात होती.

*पेरणीयोग्य क्षेत्र सव्वादोन लाख हेक्टर *

जिल्ह्यात एकूण 2 लाख 25 हजार 890 हेक्टर क्षेत्रावर खरीप हंगामात पेरणी केली जाते. यात सर्वाधिक धान क्षेत्राचा समावेश आहे. त्यानंतर कापूस पिकाचे क्षेत्र आहे.

*सेंद्रिय शेतीचा खर्च अधिक *

कचरा, जनावरांचे मलमूत्र यापासून तयार केलेले खत अतिशय महाग आहे. आजच्या स्पर्धेच्या युगात महागडी शेती करूनही उत्पादनाला भाव मिळत नाही.काही मोजके शेतकरी करतात सेंद्रिय शेती शासनाकडून अनुदान प्राप्त होते म्हणून काही मोजकेच शेतकरी व बचत गट सेंद्रिय पद्धतीने शेती करतात. मात्र आर्थिकदृष्ट्या ही परवडणारी नाही. सेंद्रिय शेतीचा खर्च अधिक आहे. त्यामुळे त्याच्या उत्पादणाला अधिक भाव मिळणे आवश्यक आहे. मात्र नागरिक स्वस्त कुठे मिळते ते पाहतात.यांत्रिकीकरणाने पशुधन नष्ट झाले त्यामुळे आता सेंद्रिय खत मिळणार कुठून व ही शेती करायची कशी, असा प्रश्न आहे,

*सेंद्रिय शेतीचे फायदे काय?

जमिनीची नैसर्गिक व सेंद्रिय सुपीकता टिकून राहते. जमिनीची धूप कमी होते. हानिकारक किटकांची संख्या कमी करून अनुकूल कीटक व फायदेशीर जीव वाढविता येतात. येथील उत्पादन खाण्यास रुचकर राहते.


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Aug. 8, 2023

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उद्यानात सोयीसुविधा उपलब्ध करण्याची मागणी जोर धरत आहे.?


 

हॅलो  मित्रानो गेल्या काही वर्षांपासून संबंधित विभागाच्या दुर्लक्षितपणामुळे उद्यानाची बकाल अवस्था झाली आहे. त्यामुळे उद्यानाचे सौंदर्य हलविल्याचे भासत आहे. पुर्वी या ठिकाणी भाविकांसह पर्यटक, बच्चे कंपनीची मोठी गर्दी उसळायची, मात्र उद्यानाची झालेली दुरावस्था बघता उत्साहाने जावे, अशी परिस्थिती दिसून येत नाही. उद्यानाची प्रचंड हेळसांड झालेली असतांना वनविभागाद्वारे कोणतीच उपाययोजना केली जात नसल्याने पर्यटकांमध्ये विभागाप्रती नाराजीचा सूर उमटत आहे.

शहरापासून अवघ्या काही किमीवर अंतरावर असलेल्या चामोर्शी मार्गावरील सेमाना देवस्थान हे परिसरातील भाविकांचे श्रद्धास्थान आहे. याठिकाणी भाविकांची नेहमीच विशेषत: शनिवारी मोठी गर्दी असते. Forest Department निसर्गरम्य वातावरणात वसलेल्या देवस्थानालगतच वनविभागाच्या वतीने उद्यान उभारण्यात आले. पर्यटकांना आकर्षित करण्यासाठी येथे निरनिराळ्या प्रजातीचे वृक्ष लागवड तसेच बच्चेकंपनीना मनोरंजनासाठी विविध खेळाचे साहित्य उभारण्यात आले. त्यामुळे अल्पावधीतच पर्यटकांच्या उद्यानाकडे ओढा वाढला होता. मात्र काही वर्षात संबंधित विभागाने या उद्यानाकडे कमालीचे दुर्लक्ष केल्याने उद्यानाची अवस्था दयनीय झाली आहे. परिणामी पर्यटकांनी या उद्यानाकडे पाठ फिरविल्याचे चित्र आहे. त्यामुळे संबंधित विभागाने या बाबीला गांभीर्याने घेत उद्यानात पुर्वीप्रमाणे सोयीसुविधा उपलब्ध करण्याची मागणी गडचिरोली शहर परिसरातील पर्यटकांकडून होत आहे.

.पर्यटकांची संख्या रोडावलीएकीकडे वनविभागाद्वारे कॉम्पलेक्स परिसरातील स्मृती उद्योनात अनेक सोयीसुविधा उपलब्ध करुन दिली. त्यामुळे या उद्यानाकडे पर्यटकांचा ओढा वाढला आहे, तर दुसरीकडे मात्र सेमाना देवस्थान स्थित वन उद्यानाकडे वनविभागाने कानाडोळा केल्याचे निदर्शनास येत आहे. येथील अनेक साहित्यांची मोडतोड झाली असतांनाही ती दुरुस्ती करणे वा नव्याने साहित्य लावण्याकडे कमालीचे दुर्लक्ष केले जात असल्याने सेमाना देवस्थान स्थित या उद्यानाला भेट देणार्‍या पर्यटकांची संख्या रोडवत चालली आहे. विशेष म्हणजे सेमाना देवस्थानात हजारो भाविक दर्शनासाठी येत असतात. त्यामुळे या भाविकांमधूनही उद्यानात सोयीसुविधा उपलब्ध करण्याची मागणी जोर धरत आहे.


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Aug. 7, 2023

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सलार चित्रपट या तारखेला रिलीज होणार? प्रशांत निल यांनी जाहीर केले?


(Sabse fast news )

सलार : पौराणिक कथांपासून ऍक्‍शन मनोरंजन आणि रोम-कॉमपासून सायन्स फिक्‍शन पर्यंत भारतीय सुपरस्टार 'प्रभास'ने प्रत्येक क्षेत्रात यशस्वीपणे नवनवीन प्रयत्न करत स्वःतला सिद्ध केले आहे.

प्रभासचा आगामी सालार चित्रपट देखील चांगलाच चर्चेत आहे.नुकतंच या चित्रपटाच्या निर्मात्यांनी अभिनेत्यांना काही महत्वाच्या सूचना दिल्याचे समजते.

सालारचा टीझर लाँच झाल्यापासूनच प्रेक्षक याबद्दल उत्सुक आहेत, पण ट्रेलर लॉन्च होईपर्यंत निर्माते चित्रपटाशी संबंधित कोणतीही माहिती उघड करण्याच्या मनस्थितीत नसल्याचे दिसते. यासाठी त्यांनी चित्रपटाच्या स्टारकास्टलाही कडक शब्दात सूचना दिल्या आहेत.

सालार: भाग 1 चित्रपटाच्या कथानकाशी संबंधित कोणतीही माहिती उघड होऊ नये म्हणून कलाकार मीडियाशी संवाद साधणार नाहीत.प्रेक्षकांनी चित्रपट पाहावा अशी निर्मात्यांची इच्छा आहे. प्रेक्षकांनी स्वतः सालारची भव्यता अनुभवा असं निर्मात्यांचा म्हणणं आहे म्हणून त्यांनी असा निर्णय घेतल्याचे समजते.

निर्मात्यांच्या या निर्णयामुळे चित्रपटाची उत्कंठा आणखी वाढली आहे. या चित्रपटात प्रभास सोबत पृथ्वीराज सुकुमारन, श्रुती हसन आणि जगपती बाबू दिसणार आहेत. प्रशांत नील दिग्दर्शित हा चित्रपट 28 सप्टेंबर 2023 रोजी थिएटरमध्ये प्रदर्शित होणार आहे.

Thank you...


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Aug. 7, 2023

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सावधान! दुसरों कीं आखों मे देखणे सें हों सकती है बडी बिमारी?


 

हॅलो दोस्तो बरसात के मौसम में आंखों का इंफेक्शन तेजी से फैल रहा है. महाराष्ट्र में भी इसके मामले तेजी से बढ़ रहे हैं. कंजक्टिवाइटिस  आंखों की एक बीमारी है, जिसे आंख आना,आंखों का गुलाबी होना या पिंक आई भी कहते हैं.

आंखों के होने वाले इन्फेक्शन को आई फ्लू या कंजंक्टिवाइटिस कहते हैं. इसमें इंफेक्शन होने वाले व्यक्ति की आंखें लाल हो जाती है. इसके साथ ही आंखों से पानी निकलता रहता है और सूजन हो जाती है. जिस कारण आंखों से साफ नहीं दिखता.आई फ्लू आँखों में होने वाली एक तरह की संक्रामक बीमारी है, जो गंदगी, बारिश, जलजमाव इत्यादि के कारण ज्यादा फैलती है। इसके लक्षण में आँखों का लाल होना, आँखों में दर्द होना, सूजन आ जाना, इत्यादि है। इसके कारण धूल-मिट्टी या गंदगी हो सकती है। इसके अलावा यह संक्रमित व्यक्ति के संपर्क में आने से भी फैल सकती है

आई फ्लू के प्रकार

आई फ्लू सिर्फ एक ही तरह से नहीं होता. आई फ्लू के तीन अलग अलग प्रकार होते हैं. आई  फ्लू बैक्टीरियल भी होता है. इसके अलावा आई फ्लू वायरस से भी  आई फ्लू होता है. किसी किसी को इस मौसम में एलर्जी के चलते भी आई फ्लू हो जाता है.

 

आई फ्लू से बचने के तरीके

आई फ्लू से बचने का सबसे कारगर  तरीका है अपने हाथों की और अपने आस पास की सफाई रखना. आई फ्लू का इंफेक्शन हाथों के जरिए सबसे ज्यादा फैलता है. इसलिए हाथों को बार बार धोने की सलाह दी जाती है. अगर किसी आई फ्लू वाले व्यक्ति के संपर्क में आ जाते हैं और इसका शिकार हो जाते हैं सबसे पहले खुद को आइसोलेट कर लें. कॉन्टेक्ट लेंस लगाते हैं उसका उपयोग कुछ समय के लिए बंद कर दें. लोगों के बीच में कुछ दिन न जाएं. पूल और पार्टियों से भी दूर रहें. 

 

आई फ्लू का इलाज

आई फ्लू का इलाज इस बात निर्भर करता है कि वो किस तरह का आई फ्लू है. अगर वायरल आई फ्लू है तो वो सेल्फ लिमिटिंग टाइप का आई फ्लू होता है जो समय के साथ ठीक हो जाता है. लेकिन उसमें भी पेन रिलिवर और जरूरी दवाएं दी जाती हैं. बैक्टीरियल और एलर्जिक आई फ्लू की जांच के बाद उसका ट्रीटमेंट किया जाता है. इसके साथ ही आंखों में ठंडी सिकाई भी की जा सकती है.


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Aug. 5, 2023

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हॉस्पिटल का बिल है बचाना ! तो टंकी कीं सफाई है करणा है जरुरी?


 

(Sabse fast news)

 

हॅलो  दोस्तो.. आज मै आपको बताने वाला हू.... बडे बडे कॉलेज और स्कूल या घर  के छत पर राखणे वाली टंकी के बारे में बताने वाला हू आप  सभी जाणते ही हों पाणी टंकी में बोरवेल या नदी से आता  है लेकिन वो पाणी में मिठी,काय, किडे आ  सकते  है और ज्यादा समय पर टंकी  की सफाई नही की जाए तो अपने आरोग्य को जाणलेवा हे और बारिश के दिनो मे ज्यादा आरोग्य पाणी पिने से ही खराब होता हें जैसे की ताप, सर्दी, खासी , पेट दर्द यदि तो इससे बचने  का यह सबसे आसन तारिका हें. आपको पता नाही तो जानीये 

कभी -कभी आपने सुना होगा की किसी पाणी के टंकी में किळे पळ जाते हें किळे पळणे का कारण टंकी की अच्छे तारिकेसे साफ सफाई ना होणा या काफी समय तक पाणी ईस्तमाल न होने के कारण अभी ठेहरे हुए पाणी में पाणी ठेहर जाता हें तो ठेहरे हुए पाणी में भी अक्सर किळे हों जाते हें या टंकी के उपर से ढकण हटेगा या उळ गया, या टूट गया तो ऐसे ही कुछ करणो की वजहसे हमारी टंकी के अंदर गंदगी कुळा कचरा गीर जाता हें जिस कारण से टंकी में किळे पळ जाते हें.

या फिर कही बार दूषितजल के कारण गंदे पाणी के कारण भी हमारे पाणी के टंकी में किळे पळ जाते हें तो दोस्तो अब इस समस्या दूर कैसे करा जाए वैसे तो हमें हर 6-6महिने के बाद अपनी पाणी कीं टंकी कीं सफाई करवाते रहना चाहिए. और टंकी कीं ढकण को भी अच्छी प्रकार सें चेंक करते रहिए वो अच्छे तरिकेसे लगा हुआ या नही लगा हुआ, वो टूटा हुआ तो नहीं हें या तेज आंधी हवा के कारण उड तो नही गया उन बातो का ध्यान रखना चाहिए. तो पाणी कीं टंकी में होणे वाले किळो कीं समस्यासे कैसे बचा जाए जो किळे होते हें वो भी समाप्त हों जाए और आगे सें पाणी कीं टंकी में किळे न हों न पनप हों सके तो इसके लिए क्या उपाय करणा चाहिए.

इसकी जानकारी आपको देता हूं. दोस्तो बाजार सें तुरटी लेकर आए तुरटी के छोटे -छोटे डालिया छोटे तुकडे अपने पाणी के टंकी के अंदर चार या पाच तुकडे तुरटी के डाल दे और अच्छे तरिकेसे उसका ढकण बंद करके उसको छोड दें एक या दो दिन में टंकी के पाणी में जो भी किळे हें वो समाप्त हों जाएंगे और इस प्रकार सें आप हर 6 महिने में या साल में एक बार या अपने जरुरत के हिसाब सें बस चार -पाच तुकडे टंकी के अंदर दालने हें फैलाकार उसे टंकी के पाणी के किळे मर जाते हें.

और पाणी साफ हों जाता हें पाणी कीं टंकी में जो किळो ये वो तो तुरटी दालकर समाप्त हों गए. लेकिन उससे पेहले जरुरी हें आप अपनी टंकी कीं अच्छी प्रकारसे सफाई करवा लें किसी टंकी साप करणे वालो को बुलये नही तो खुद  भी कर सकते हों लेकिन यदि किळे मर चुके हें तो टंकी कीं साफ करवाना बहुत जरुरी हें क्योकी तुरटी दालनेसे किळे साफ हों जाएंगे परंतु उनको निकालेंगे कैसे उन किळो को निकालणे के लिए अच्छे तरिकेसे एक बार टंकी कीं सफाई करवाना बहुत जरुरी हें उसके बाद तुरटी वाला फार्मुला को फॉलो करते रहिए.

ऐसा करते रहेंगे तो जीवन में कभी भी पाणी कीं टंकी में किळे पैदा होणे कीं समस्या होगी नही. किळे पैदा ही नही होंगे और नाही उसप्रकार के मच्छर या उनका काय पैदा हुआ. तो दोस्तो उम्मीद करता हूं कीं आपकी जानकारी का पुरा लाभ उठएंगे और अपने साथ औरो को भी सुझाव देंगे ताकी लोग स्वस्थ और निरोगी रह सके तो आज के आर्टिकल में बस इतना ही और आगे आणे  वाले आर्टिकल को पढना  है  तो जरूर फॉलो  करो... Thank you...


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Aug. 4, 2023

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11 august 2023 ko top 4 Most bollywood superstar films release hone vali he?


 

 

( Sabse fast news)

 

हॅलो दोस्तो 11 ऑगस्ट को 4 मूवी रे्लीज  होने वाली है वो 4 मूवी सुपरस्टार हिरो की है  जो  की  आपकी पसंदिता होगी

 

(Omg) 2

बॉलीवुड एक्टर अक्षय कुमार स्टारर फिल्म ओ माय गॉड 2 खबरों में चल रही है. उनकी ये फिल्म 11 अगस्त को थिएटर्स में रिलीज होने वाली है. उससे ठीक एक महीने पहले 11 जुलाई को फिल्म का टीजर वीडियो जारी किया गया. अक्षय कुमार, पंकज त्रिपाठी और यामी गौतम अभिनीत "ओह माई गॉड 2" 11 अगस्त को सिनेमाघरों में रिलीज़ होगी, निर्माताओं ने शुक्रवार को इसकी घोषणा की। Viacom18 स्टूडियोज ने ट्विटर पर फिल्म की रिलीज डेट साझा की। "तारीख तय हो गई है! #OMG2 11 अगस्त, 2023 को सिनेमाघरों में रिलीज होगी। वहां मिलते हैं!" पोस्ट पढ़ी. फिल्म निर्माता अमित राय, जो 2010 की समीक्षकों द्वारा प्रशंसित फिल्म "रोड टू संगम" के लिए जाने जाते हैं, ने फिल्म को लिखा और निर्देशित किया है।

एनिमल रणबीर कपूर की आने वाली फिल्म है जो एक्शन , क्राइम और ड्रामा से भरपूर है। इसकी एक बेहतरीन कहानी और अद्भुत कलाकार हैं। फिल्म में रणबीर कपूर, अनिल कपूर और रश्मिका मंदाना अहम भूमिकाओं में होंगे। इसका निर्देशन संदीप रेड्डी वांगा ने किया है जो जाने-माने फिल्म निर्माता हैं। एनिमल एक अनोखी और रोमांचक फिल्म होने वाली है। आइए पहले एनिमल ओटीटी रिलीज़ डेट 11 august  रे्लीज  होंगी 

 

दोस्तों ग़दर 2 बालीवुड की आनेवाली एक धमाकेदार फिल्म है। इस फिल्म को देखने के लिए दर्शकों काफी उत्सुक हैं। पूरे 21 साल बाद अभीनेता सन्नी देओल और अभीनेत्री अमीषा पटेल एक बार बड़े पर्दे पर नजर आने वाले है। इस फिल्म के निदेशक और निर्माता अनिल शर्मा है। ग़दर 2 साल 2001 में आई फिल्म ” ग़दर एक प्रेम कथा” की सिक्वल है।

दोस्तों साल (2001) में आई फ़िल्म ग़दर की कहानी भारत पाकिस्तान के बंटवारे पर आधारित थी। लेकिन आने वाली फिल्म गदर 2 की कहानी भारत पाकिस्तान के बीच हुए युद्ध पर आधारित है। इस फिल्म के हिरो सन्नी देओल ‘तारा सिंह’ और हिरोइन अमीषा पटेल ‘सकीना’ के किरदार में नज़र आएंगे। इस फिल्म में सन्नी देओल फिर से पाकिस्तान जाएंगे और फिर से पाकिस्तान में भारत का झंडा बुलंद करेंगे। दोस्तों अगर आप इंटरनेट पर Gadar 2 Movie Release Date के बारे मे सर्च कर रहे हैं तो आपकी जानकारी के लिए बता के कि ग़दर 2 फ़िल्म 11 अगस्त 2023 को रिलीज़ होगी।

रजनीकांत की मोस्ट अवेटेड फिल्म 'जेलर' का ट्रेलर रिलीज हो गया है. ट्रेलर में थलाईवा के धुंआधार एक्शन के साथ शानदार डॉयलॉग्स फैंस को खूब पसंद आ रहे हैं. एक बार फिर रजनीकांत अपने धमाकेदार एक्शन के साथ पर्दे पर दिखाई देने वाले हैं. पुलिसवाले के रोल में रजनीकांत बॉक्स ऑफिस पर धमाल मचाने के लिए तैयार हैं.

फिल्म में राम्या कृष्णन रजनीकांत की पत्नी के रोल में नजर आएंगी. इसके अलावा फिल्म में जैकी श्रॉफ, तमन्ना भाटिया, शिव राजकुमार, सुनील, योगी बाबू जैसे स्टार्स भी नजर आने वाले हैं. फिल्म में मोहनलाल का कैमयो भी दिखाई देने वाला है. वहीं फिल्म की रिलीज से पहले ही तमन्ना भाटिया का आइटम नंबर कावाला सुपरहिट हो चुका है

बता दें कि फिल्म जेलर थलाईवा की 169वीं फिल्म है. इसीलिए पहले इस फिल्म का नाम थलाईवार 169 रखा गया था. हालांकि बाद में मेकर्स ने फिल्म का नाम बदलकर जेलर कर दिया. अब फिल्म इसी साल 10 अगस्त को रिलीज के लिए तैयार है. 

Thank 

You 

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Aug. 3, 2023

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फवारणी करताना खर्रा जीवघेणे ठरू शकतो?


 

(सबसे फास्ट न्युज )

 

हॅलो  मित्रानो. आज मी शेती विषय बोलणार आहे तुमच्या आस पास शेतकरी बंधू  असतील तर त्यानला सांगा खूप महत्वाच विषय आहे कारण गावगड्यात शेतकरी फवारणी सतच  करतात. हा विषय फक्त शेतकरीसाठी या युगा मध्ये शेती ला खूप  महत्व आहे पण बरेच लोक शेती करताना खूप मोठी  गलती करतात आणि जीव पण जाते..महाराष्ट्र मध्ये धान , कापूस जास्त प्रमाण्यात लावला जातो आणि धान कापसाला फवारणी करताना बरेच लोकांचा जीव गेला आहे..

( फवारणी आगोदर घ्यावयाची  खबरदारी )

१ गरज असेल तरच कीटकनाशक वापरावे.

२ केवळ शिफारस केलेले कमी विषारी कीटकनाशक वापरावे.

३ निशचित करा की सर्व घटक स्वच्छ आहेत.

४ फवारणी यंत्राची योग्यरीत्या चाचणी करून घ्या.

५ अनुप्रयोगाशी संबंधीत सर्व लोकांना प्रशिक्षण देऊन त्यातील महत्वाच्या शिफारशी देखील सांगाव्यात.

६ फवारणी अगोदर फवारणी यंत्र स्वच्छ धुवून घ्यावे.

शेतात फवारणी करताना प्रामुख्याने ‘मोनोक्रोटॉफॉस’ आणि ‘प्रोफेनाफॉस’ ही अतिजहाल, मानवी आरोग्य व पर्यावरणाला अत्यंत घातक कीटकनाशके फवारली जात आहेत. मोनोक्रोटॉफॉस आणि प्रोफेनाफॉस या दोन्ही ओषधांचे मिश्रण असलेले सुपरफॉस हे आणखी तिसरे कीटकनाशक फवारले जात आहे. याशिवाय कमी विषारी असलेले ‘इनोमॅक्टीन’ आणि ‘क्लोरोफोमीटॉल’ ही कीटकनाशकेही वापरात आहेत. अतिजहाल कीटकनाशक असलेल्या डब्यांवर लाल त्रिकोणांचे चिन्ह असते तर कमी विषारी औषधी असलेल्या डब्यांवर निळा, पिवळा, हिरवा अशा रंगांची खूण असते. शेतकऱ्यांनी लाल त्रिकोणी चिन्ह असलेले औषध वापरू नये असा सल्ला शेतकऱ्यांचे मृत्यू झाले.

 

 

आणि कीटकनाशक, तणनाशक पिकांच्या पोषक्तेसाठी आवश्यक औषधीची फवारणी करताना शेतकरी तसेच शेतमजूर खर्रा सुपारी. अन्य पदार्थ खातात. परंतु हेच पदार्थ खाणे त्यांच्यासाठी जीवघेणे ठरु शकते, फवारणी करताना विषबाधा होऊ नये यासाठी कोणतेही पदार्थ खाऊ नये किंवा चवळू नये शेतकऱ्यांनी याबाबत सतकर्ता बाळगावी.शेतीमध्ये फवारणी हे एक अगत्याचे काम आहे आणि ही फवारणी करत असताना शेतकऱ्यांनी विशेष काळजी घेणे गरजेचे असते कारण कीटकनाशके जर जास्त विषारी असली आणि योग्य ती काळजी घेतली नाही तर फवारणी करणाऱ्या व्यक्तीला बऱ्याच गोष्टीना सामोरे जावे लागू शकते उदा. डोळे जळजळणे, चेहऱ्याची तसेच पूर्ण शरीराची आग होणे, जास्त उन्हामध्ये फवारणी केली तर चक्कर येणे ऊलट्या होणे, डोकेदुखी.फवारणी करत असताना जेवढी काळजी घेणे गरजेचे आहे तेवढीच काळजी फवारणी आगोदर आणि फवारणी नंतर देखील घेणे गरजेचे

(फवारणी कशी करायची आणि फवारणी कोणत्या दिशेने करायची?)

फवारणी करत असताना पहले बगुन घ्या हवा कोणत्या दिशेने आहे.. आणि ज्या दिशेने वारा वाहत असेल त्या दिशेने फवारणी करावी वाऱ्याच्या विरुद्ध दिशेने फवारणी करू नये. अन्यथा फवारणी केली जाणारी औषधी संबंधितच्या अंगावर उडेल, तसेच नाकातोंडांत जाईल.

( फवारणी करताना काय काळजी घेतली पाहिजे? )

फवारणी  करताना खर्रा तंबाखू  खाऊ  नये. संपूर्ण शरीर झाकावे. यासाठी फवारणी  किट वापरावी, टोपी, मास्क चा वापर करावा. फवारणीदरम्यान धूमपण करू नये शिफार्शीची औषधीच वापरावी, डोळ्यावर तस्मा घालावा. फवारणी करताना डोळ्या, आणि तोंडाला हात लावू नये आजारी, जखमी व्यक्तीकडून फवारणी करून घेऊ नये.

Thank

You

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Aug. 3, 2023

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क्या? आपको पाता है इस छोटेसे पोधे के फायदे क्या है ?


 

(सबसे फास्ट न्युज )

हॅलो  मित्रानो आप सब अच्छे ही होंगे और.. मै  आशा कारुंगा की आप हमेशा खुश रहे और मेरे आर्टिकलं पडते रहे तो चाले फिर आज नये विषय  परं बात चित करेंगे.. आज मै  बताने वाला हू आप सभी के घर मै और हमारे आस पास के परिसर  मै राहणे वाले छोटेसे  पोधे के बारे मै  बताने वाला हू जिसे हर इन्सान जनता है.| 

क्‍या आपको पता है कि जिस पौधे को आप अपने घर की छतों, बाग-बगीजों पर आसानी से उगाते हैं उस घृतकुमारी का उपयोग क्या है? क्या आप जानते हैं कि घृतकुमारी को ही एलोवेरा बोला जाता है? वास्तव में एलोवेरा औषधीय गुणों की खान है और सचमुच आप इसके बारे में नहीं जानते होंगे। जब आप एलोवेरा के गुणों या एलोवेरा के इस्तेमाल के बारे में जानेंगे तो आश्चर्य में पड़ जाएंगे।

 

भारत के कई ग्रंथों जैसे कि अमरकोष, भावप्रकाश आदि में घृतकुमारी की चर्चा मिलती है। स्थान एवं अलग अलग देशों में एलो वेरा की कई प्रजातियां पाई जाती हैं जिनका प्रयोग चिकित्सा में किया जाता है। मुख्यतया इसकी दो प्रजातियों का चिकित्सा में विशेष तौर पर प्रयोग किया जाता है।

एलोवेरा सदियों से एक लोकप्रिय औषधीय पौधा रहा है जो कई तरह से हमारे जीवन में प्रयोग होता ही है। एलोवेरा के फायदे इतने सारे हैं की आप जानकर हैरान हो जायेंगे। यह त्वचा की बीमारियों से लेकर सूजन, चोट का इलाज करता है और साथ ही यह हमारी ओरल हेल्थ और आंतों के स्वास्थ्य के लिए भी बहुत अच्छा होता है। अगर इसकी पॉपुलैरिटी की बात करें तो यह जगज़ाहिर ही है की एलोवेरा ने हाल ही में सौंदर्य की दुनिया में भी अपनी एक अलग पहचान बनाई है। यह सनबर्न, त्वचा के दाग धब्बों से लेकर लाल चकत्तों, सुस्त त्वचा या शुष्क फ्रिज़ी बाल हो, आपकी त्वचा और बालों की हर एक समस्या का समाधान करने में आपकी मदद करेगा। 

( मुंह के छालों के इलाज में मददगार )

 एलोवेरा मुंह के छालों के इलाज में काम आता है. एलोवेरा जेल से न केवल मुंह के छालों के इलाज किया जा सकता है, बल्कि इससे छालों का दर्द भी कम हो जाता है. इसमें एंटी-वायरल और एंटी-इंफ्लेमेटरी गुणों के अलावा, एलोवेरा अमीनो एसिड और बी1, बी2, बी6 और सी विटामिन त्वचा के लिए लाभदायक होते हैं. एलोवेरा का जूस मुंह के अंदर छालों में भी मददगार होता है.

( कब्ज की समस्‍या दूर करेंगा )

एलोवेरा कब्ज के इलाज में भी मदद कर सकता है. इसमें लेटेक्स एक चिपचिपा पीला अवशेष है, जो गंभीर रूप से कब्ज को भी ठीक करता है, रात को सोने से पहले एक और गिलास इसे पी सकते हैं. इससे आपको जबरदस्त फायदा होगा. 

( वजन कम करने में आए काम )

एलोवेरा वजन कम करने में भी आपकी मदद कर सकता है. खाने से पहले एलोवेरा जूस का सेवन करने से वजन कम होता है. हर दिन एक चम्मच एलोवेरा के सेवन से डाइजेस्टिव सिस्‍टम सही हो जाता है. एलोवेरा में विटामिन बी की मौजूदगी शरीर में मौजूद फैट को एनर्जी में बदलने में मदद करती है और यह वजन घटाने में सहायक होती है.

(घाव भरने में मदद करता है :)

एलोवेरा जैल में 12 प्राकृतिक पदार्थ होते हैं जो बिना किसी साइड इफेक्ट्स के हमारे घाव भरने के काम आते है। इसके लिए जरूरी है कि आप अपने घर में एलोवेरा को पौधा या एलोवेरा का जूस हर समय रखें क्योंकि चोट कभी भी लग सकती है। चोट पर एलोवेरा लगाएं, जब एलोवेरा सूखता है, तो यह ऊतक को एक साथ खींचता है, और इस तरह से घाव बंद कर देता है और इसे बैक्टीरिया से मुक्त रखता है। वैसे,एलोवेरा मुंह और मसूड़ों के लिए भी बहुत अच्छा होता है।

और एलोवेरा के ढेर  सारे फायदे है  वो भी ज्यांना है तो कॉमेंट मे बताओ.

Thank

You

(सबसे फास्ट न्युज )


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July 31, 2023

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वयाच्या 13 व्या वर्षी मुमताजने चित्रपटसृष्टीत प्रवेश केला.आणि लागतार 15-16 सुपरहिट चित्रपटे दिले..


 

( सबसे फास्ट न्युज ) (happy brithday मुमताज जन्म 31 जुलै 1947 रोजी )

 

 

ज्या युगात बबली, आनंदी आणि खोडकर  मुमताज तिच्या अभिनयाची जादू फिल्मी पडद्यावर पसरवायची, त्या वेळी तिच्या अभिनयाची प्रत्येकाला खात्री होती.  जेव्हा मुमताजने बॉलिवूडमध्ये पदार्पण केले, तेव्हा अभिनेत्री म्हणजे लाजाळू, सौम्य आणि शांत स्वभावाची स्त्री असायची, पण मुमताजने तिच्या खोडकर कृती आणि नखराखोर शैलीने अभिनेत्री होण्याचे सर्व अर्थ बदलले.मुमताज यानी अनेक हिट चित्रपट दिले आहेत. प्रथम त्या कुस्तीपटू दारा सिंगसोबत दिसल्या, ज्यांच्यासोबत त्यांनी एक-दोन नव्हे तर जवळपास 15 ते 16 चित्रपट केले.

 

 यानंतर मुमताज बॉलिवूडची सर्वात प्रसिद्ध हिरोईन बनल्या. अभिनेत्री मुमताज यांचा जन्म 31 जुलै 1947 रोजी मुंबईत झाला. जेव्हा भारत ब्रिटिश राजवटीखाली होता.  त्यांचे वडील अब्दुल सलीम अस्करी आणि आई हबीब आगा हे इराणचे होते. बॉलिवूडची सुंदर अभिनेत्री मुमताज स्वभावाने अतिशय शांत अभिनेत्री होती.

वयाच्या 13 व्या वर्षी मुमताजने चित्रपटसृष्टीत प्रवेश केला. मुमताजचे ‘गोरे रंग पे ना इतना गुमान कर’ हे गाणे आजही लोकांच्या जिभेवर आहे.  किशोर कुमार आणि लता मंगेशकर यांनी 1974 मधील ‘रोटी’ चित्रपटातील हे सुंदर गाणे त्यांच्या मधुर गायनाने गायले.  तिच्या चित्रपटांमध्ये तिने साकारलेल्या पात्रांसाठी प्रेक्षक अजूनही मुमताजला आठवतात.

मुमताजच्या वैयक्तिक आयुष्याबद्दल बोलायचे झाले तर, मुमताजने 1974मध्ये मयूर मेधवानीसोबत लग्न केले. त्याचवेळी, लग्नानंतर अभिनेत्री चित्रपटांपासून दूर राहून आपल्या वैवाहिक जीवनात व्यस्त झाली. लग्नानंतर हे जोडपे नताशा आणि तान्या मेधवानी या दोन मुलींचे पालक झाले. आपल्या प्रदीर्घ करिअरमध्ये मुमताजने ‘दो रास्ते’, ‘लोफर’, ‘खिलोना’, ‘दुश्मन’, ‘आपकी कसम’ आणि ‘अपराध’ सारख्या अनेक शानदार चित्रपटांमध्ये काम केले आहे


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July 29, 2023

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देवो के देव महादेव मार्कंडा देवस्थान .माहिती. गडचिरोली..


( सबसे फास्ट न्युज )... .

 

हॅलो मित्रानो.. आज पुन्हा तुम्हाला मी आपल्या गडचिरोली  मध्ये चामोर्शी तालुक्यात असलेला नदी खाठी एक  खूप छान गाव आणि त्या गावाला जागूनच एक मंदिर चला  मग माझ्या या लेखातून तुम्हाला अनुभव  करून देणार आहे माझं हा लेख  आवडेल तर प्लीज फोल्लो करा... आणि माझ्याशी बोलायच असेल तर कॉमेंट बॉक्स मध्ये मेसेज करा.. चला मग....

उत्तर हिंदुस्थानी पद्धतीचे आणि खजुराहो मंदिराच्या तोडीस तोड असलेले मार्कंडा हे देवस्थान  भारत महाराष्ट्र या राज्याच्या  गडचिरोली जिल्ह्यातील चामोर्शी तालुक्यात आहे. गडचिरोलि पासून 74 की मी इतक्या अंतरावर आहे...

भारतीय संस्कृतीमध्ये नद्यांना खूप महत्त्व आहे. पाण्याच्या ठिकाणी असणारी जीवन धारण करण्याची क्षमता भारतीय संस्कृतीने निर्विवादपणे मान्य केली आहे. म्हणूनच आपल्या पवित्र स्थानांना आपण 'तीर्थक्षेत्र' म्हणतो. नदी त्यातही उत्तर वाहिनी म्हणजे अत्यंत पवित्र मानली जाते. अशा उत्तरवाहिनी नद्यांच्या काठावर अनेक तीर्थक्षेत्रे विकसित झालेली दिसतात. मार्कंडा हे असेच एक तीर्थक्षेत्र आहे.

इ.स 1873 मध्ये कनिंगहॅम यांनी या मंदिरांकडे जगातील लोकांचे लक्ष वेधले. त्यांनी नोंदल्याप्रमाणे येथे २४ मंदिरे होती.सन 1777 च्या सुमारास येथे वीज पडून देवळाचे बरेच नुकसान झाले अशी भारतीय पुरातत्त्व सर्वेक्षण विभागाच्या अहवालात नोंद आहे.सन १९२४-१९२५ चे सुमारास आणखी काही मंदिरे कोसळली. सध्या तेथे दखल घेण्याजोगी १८ मंदिरे आहेत मार्कंडाला दरवर्षी महाशिवरात्रीला मोठी यात्रा असते. छत्तीसगड, मध्यप्रदेश आणि विदर्भाच्या इतर जिल्ह्यातून मोठ्या प्रमाणावर यात्रेकरू इथे दर्शनाला येतात. या काळात इथे लोकांची खूप गर्दी असते. पण एरवी ही मंदिरे वर्दळीपासून काहीशी दूर आहेत

. १५० वर्षापूर्वी या मंदिरावर वीज कोसळली होती. त्यामुळे मंदिराचे खूप नुकसान झाले आहे. थोडी पडझड झाली आहे. पण या मंदिरांचे देखणेपण आजही टिकवून आहेत. हजारो वर्षापूर्वी बांधलेली ही मंदिरे भारतीय शिल्पकृतीचे देखणे आहेत.

 

उत्तर हिंदुस्थानी पद्धतीचे आणि खजुराहो मंदिराच्या तोडीस तोड असलेले मार्कंडा हे देवस्थान विदर्भात गडचिरोली जिल्ह्यातील चामोर्शी तालुक्यात आहे. संथपणे वाहणारी उत्तरवाहिनी वैनगंगा आणि तिच्या तिरावरची अप्रतिम स्थापत्यशैली असलेली ही मंदिरे, बघता क्षणीच मनाला भुरळ घालणारी आहेत. मार्कंडा येथील देवालये दक्षिणोत्तर १९६ फूट लांब आणि पूर्व-पश्चिम १६८ फूट लांब अशी काटकोनात वसलेली आहेत. सभोवती ९ फूट उंचीची भिंत आहे आणि काटकोनी आकारामध्ये एकूण १८ देवळे आहेत.

 या देवळांपैकी मार्कंडेय ऋषींचे देऊळ, यमधर्म आणि महादेवाचे मंदिर हे उत्कृष्ट शिल्पकृतीचे नमुने आहेत. या प्रकारात मार्कंडेय ऋषी, नंदिकेश्वर, यमधर्म, भृशुंडीमुनी, मृत्युंजय, विठ्ठल रखुमाई, उमाशंकर, दशावतार, शक्तिदेवी, हनुमान, गणेश, शंकर, विश्वेश्वर, भीमेश्वर, वीरेश्वर इ. मंदिरे आहेत. या मंदिराकडे बघतांना आपण खजुराहोची मंदिरे बघत असल्याचा भास होतो.  

 

 


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July 29, 2023

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पृथ्वीराज', 'शमशेरा' आणि 'केजीएफ २' च्या सेटवर जाण्यासाठी तो उत्सुक होता. पण आता त्याला कर्करोगाचे निदान झाले आहे.....


 

(सबसे फास्ट न्युज )

 

बॉलिवूडचा संजू बाबा म्हणजेच अभिनेता संजय दत्त आज (२९ जुलै) आपला वाढदिवस साजरा करत आहे. 'रॉकी' या चित्रपटातून करिअरची सुरुवात करणाऱ्या संजय दत्तने आपल्या अभिनयाने सर्वांची मने जिंकली. संजय दत्त हे एक भारतीय अभिनेता आहे. त्यांनी बालपणात 1972 मध्ये आपल्या वडिलांसोबत रेशमा और शेरा या चित्रपटातून आपल्या अभिनयाच्या छब्या उमटविले आहेत. संजय दत्त एक यशस्वी अभिनेता, प्रसिद्ध चित्रपट अभिनेत्री नरगिस व अभिनेता संसदपटू सुनील दत्त यांचा मुलगा, खासदार प्रिया दत्तचा भाऊ आहे. वडिलो‍पार्जित मिळालेली प्रसिद्धी व धनदौलत मिळाल्यानंतरही हा नायक शेवटी खलनायक बनून चाहत्यांचे मनोरंजन करत राहिला. त्यांच्याविषयी माहिती पाहूया.

आयुष्यात सर्व गोष्टी सुरळीत सुरू आहेत असं वाटत असतानाच जीवनात एखादं मोठं वादळ येतं आणि आपण त्यासाठी अजिबात तयार नसतो. असंच काहीसं संजय दत्तसोबत झालं आहे. तो करोना व्हायरस संपण्याची आतुरतेने वाट पाहत होता. कारण 'भुज', 'पृथ्वीराज', 'शमशेरा' आणि 'केजीएफ २' च्या सेटवर जाण्यासाठी तो उत्सुक होता. पण आता त्याला कर्करोगाचे निदान झाले आहे.

संजय दत्तला ड्रग्जचं एवढं घाणेरडं व्यसन जडलं होतं की, अनेक मोठमोठे चित्रपट त्याच्या हातातून निघून गेले होते. १९८१मध्ये संजय दत्तने 'रॉकी' चित्रपटातून अभिनेता म्हणून पदार्पण केले होते. या पहिल्या चित्रपटाच्या वेळी संजय दत्तला खूप व्यसन जडले होते. सुनील दत्त आपल्या मुलाच्या अमली पदार्थाच्या व्यसनामुळे खूप नाराज होते. त्याचवेळी एके दिवशी स्वतः संजय दत्तने आपल्या वडिलांना ड्रग्जच्या व्यसनाबद्दल सर्व काही सांगितले. त्यानंतर सुनील दत्त यांनी आपला मुलगा संजय दत्तला घेऊन यूएस रिहॅबिलिटेशन सेंटर गाठलं. या ठिकाणी संजय दत्त दोन वर्षे राहिला होता. या दरम्यान त्याच्या मनात अनेकदा नशेचा विचार आला. पण, संजय दत्तने मनात ठरवले होते की, तो स्वतः ड्रग्ज घेणार नाही आणि कोणाला नाश करूही देणार नाही.

संजय दत्तने पहिल्यांदा सिगारेट ओढली तेव्हा तो अवघ्या ९ वर्षांचा होता. अनेक निर्माते-दिग्दर्शक सुनील दत्तला भेटायला यायचे आणि उरलेल्या सिगारेट तिथेच सोडायचे. संजूबाबा त्या सिगारेट गुपचूप ओढत असे. संजय दत्तला अभ्यासात अजिबात रुची नव्हती. त्याला सुरुवातीपासून फक्त चित्रपटात काम करायचे होते. पण, सुनील दत्त यांनी संजयला शिक्षणाची अट घातली होती. संजय दत्तबद्दल ही गोष्ट फार कमी लोकांना माहिती असेल की, तुरुंगात शिक्षा भोगत असताना संजय दत्तने रेडिओ जॉकी बनूनही लोकांचे मनोरंजन केले होते. संजय दत्त तिथे हिंदी, इंग्रजी आणि मराठीत घोषणा देण्याचे काम करायचा.


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July 28, 2023

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आसोला मेंढा धरण माहिती.?.पर्यावरणीय निसर्गरम्य असलेला.(आसोला मेंढा )..


 

(सबसे फास्ट न्युज)...: 

 

आपल्या महाराष्ट्रामध्ये अनेक बघण्यासारखे पर्यटन स्थळ आहेत. निसर्गाचा आणि पर्यावरणाचा आनंद घेण्यासाठी महाराष्ट्रात कित्येक देवस्थान डोंगर, दऱ्या, नद्या, तलाव, धरणे आहेत. आज मी तुम्हाला घेऊन जाणार आहे जवळचाच असलेला तलाव (धरण)याबद्दल माहिती सांगणार आहे. माहिती आवडेल तर फॉलो जरूर करा. मी आज माझ्या या लेखातून आसोला मेंढा धरण च अनुभव करून देणार आहे. तर चला मग आसोला मेंढा धरण. चंद्रपूर जिल्यात सावली तालुक्यात पाथरी या गावाजवळ आहे. आणि चंद्रपूर शहरापासून साधारण 18की.मी इतका आहे आणि सावली या तालुक्यापासून 26की.मी इतका अंतरावर आहे. आणि हा धरण चंद्रपूर जिल्ह्यातील सर्वात मोठे ब्रिटिश कालीन धरण म्हणून ओळखल्या जातो.

नैसर्गिक साधन सामग्रीने संपन्न असलेला घनदाट जंगलाने व्याप्त असलेला हा धरण आहे मित्रांनो या धरणाचे बांधकाम आपला भारत देश स्वतंत्र होण्यापूर्वी होण्यापूर्वी म्हणजे 1902आणि 1903 मध्ये धरणाचे बांधकाम सुरु झाले. आणि 1917 ते 1918 या कालावधीत धरणाचे बांधकाम पूर्ण झाले या धरणाची लांबी 1376 मिटर म्हणजेच (4516 फूट) इतकी आहे. तर सर्वात पायापासूनची लांबी 18.08 मिटर म्हणजेच (59.31फूट) आहे. आसोला मेंढा हे धरण निसर्ग सौदंर्यासाठी पर्यटकाची आकर्ष आहे. या धरणाजवळच एक गेस्ट हाऊस सुद्धा आहे.

 या धरणातले पाणी समुद्रासारखेच निळा आहे. हे धरण दरवर्षी पाऊसाळ्यामध्ये खूप भरून असते. आणि ओवरफ्लो होती. व त्यामधुन धबधबे तयार होतात. या धरणाचा ओवरफ्लो बघण्यासाठी या निसर्गरम्य वातावरण जिल्यातीलच नही तर इतर जिल्यातील पर्यटक सुद्धा गर्दी करतात. तर मित्रांनो येथील निसर्गरम्य वातावरण आणि घनदाट जंगल धरण्याच्या मधून असलेला रस्ता आणि प्राणी तसेच विविध पक्षी बघायला मिळतात.

 आणि आपण इथ यायच असेल तर सर्वात सोपा मार्ग म्हणजे गडचिरोली पासून लहान व्याहाळ ला यायच आणि तिथून निमगाव ला जायच निमगाव वरून पाथरी साठी शॉटकट रस्ता आहे. पाथरी ला आल्यावर नास्ता चाय करून टाकायच कारण पाथरी वरून जंगल रस्त्याने जावे लागते आणि आसोला धरणाला गेल्यानंतर आपल्याला यायच मन होणार नाही कारण तिथल्या पर्यावरणात आपला मन रमून जाते आणि ओवरफ्लो धबधब्यात गेल्यानंतर वापस यायच मन होणार नाही. आणि धरणाला जाताना पेट्रोल पंप असल्यामुळे काही प्रॉब्लेम होणार नाही. आणि. आसोला मेंढा  खूप छान आहे आपल्या फॅमिली सोबत जहाँ.. आणि पार्टी वगरे करू शकता..   जहाँ नक्की..(prajyotweskade)


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July 28, 2023

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साईं पल्लवी से लेकर राशि खन्ना तक, धनुष पर क्यों फिदा हैं साउथ एक्ट्रेस?


 

 

(Sabsefastnews): जन्म २८ जुलाई १९८३) जिन्हें धनुष के नाम से जाना जाता है भारतीय फ़िल्म अभिनेता, पार्श्वगायक, गीतकार और निर्माता हैं, इन्हें मुख्यतः तमिल फ़िल्मों के लिए जाना जाता है। : साउथ स्टार धनुष का बहुत बड़ा फैन बेस है. (हैप्पी बर्थडे धनुष) दक्षिण में, धनुष ने सचमुच दर्शकों और प्रशंसकों को सिर पर उठा लिया है। सिर्फ फैंस ही नहीं बल्कि उनके साथ काम करने वाली फीमेल को-स्टार्स भी उनपे फिदा राहते हैं।

चाहे वो साईं पल्लवी हों या राशि खन्ना. ये एक्ट्रेस कहती रहती हैं कि धनुष कितने मेहनती एक्टर हैं. वह सेट पर कितने जोश, लगन से काम करते हैं, अपने काम को लेकर कितने गंभीर और सावधान रहते हैं, कई अभिनेत्रियां उनकी तारीफ में गाती हैं। चाहे असुर हो या बॉलीवुड फिल्म 'रांजना', हैरान कर देने वाली फिल्में देने में धनुष का ही हाथ है। फिल्मों के भावनात्मक कथानक से धनुष के अभिनय में निखार आता है। कई लोगों का कहना है कि धनुष दिखने में खास नहीं हैं. इसलिए वह डल दिखने वाले एक्टर्स की लिस्ट में फिट बैठते हैं। लेकिन, साउथ के दर्शकों को दिखावे से कोई लेना-देना नहीं है। क्योंकि, धनुष के दांत खूबसूरत और मुस्कान आकर्षक है। वह इन सभी द्वंद्वों पर अपना व्यक्तित्व थोपता है।

यदि एक प्रतिभाशाली, मेहनती अभिनेता दर्शकों के सामने है, तो उन्हें इसकी परवाह नहीं होती कि वह कैसा दिखता है? कुछ फैन्स का कहना है, मुझे नहीं पता कि उनकी फिल्में हिट होंगी या नहीं, लेकिन मैं सिर्फ उनके लिए उनकी फिल्में देखता हूं। क्योंकि सब कुछ उसके कौशल और शानदार मुस्कान पर निर्भर करता है। सुन्दर वह है जो सुन्दरता से कार्य करता है। कुछ और प्रशंसकों का कहना है कि उनका चेहरा आकर्षक, नाक, आंखें सीधी हैं। वह बॉलीवुड हीरो की तुलना में हैंडसम दिखते हैं। उनका सांवला रंग उन्हें और भी विद्रोही दिखाता है

दरअसल, एक अभिनेता का लुक उतना महत्वपूर्ण नहीं होता। क्योंकि, जो अभिनेता बेहद सांवले होते हैं और दिखने में ज्यादा खूबसूरत नहीं होते, उन्हें दर्शक स्वीकार कर लेते हैं! मूलतः दर्शक यह देखते हैं कि उनमें अभिनय कौशल कितना है। बाकी सब गौण हैं.
धनुष ने बाकी एक्टर्स की तरह बॉडी नहीं बनाई है. वह बिल्कुल वैसे ही दिखते हैं जैसे वह स्क्रीन पर दिखते हैं। धनुष दक्षिण में एक महान रोल मॉडल हैं। सुपरस्टार होने के बावजूद भी उन्हें किसी महंगी चीज का इस्तेमाल करते हुए नहीं देखा गया है।उदाहरण के लिए कपड़े लीजिए। वह हमेशा कैजुअल लुक में नजर आते हैं.

करियर की शुरुआत में धनुष को देखकर कई लोगों ने उनका मजाक उड़ाया। दुबला-पतला, दिखने में काला और चेहरे पर मुस्कुराहट के साथ कुछ लोग आलोचना करते थे। लेकिन उन्होंने कुछ कमर्शियल फिल्में कीं. इसका उदाहरण 2004 में रिलीज हुई फिल्म 'सुलान' है। मिली सफलता के बाद उन्होंने कभी पीछे मुड़कर नहीं देखा। 'पोलाधवन,' 'पदीकथावन,' 'राउडी बेबी,' 'अदुकलम,' 'वाडा चेन्नई,' 'असुरन,' 'थिरुविलेयाडल अरामबम,' 'कैप्टन मिलर,' 'कधाल कोंडेन' ने उन्हें बड़ा बना दिया।उठाया राष्ट्रीय पुरस्कार मिलने के बाद उनकी गिनती बेहतरीन अभिनेताओं में होने लगी। 58वें और 67वें राष्ट्रीय फिल्म समारोह में सर्वश्रेष्ठ अभिनेता का पुरस्कार जीता। धनुष आनंद एल. राय ने अपना हिंदी डेब्यू फिल्म 'रांजना' से किया था। हालांकि बॉलीवुड में उन्हें ज्यादा सफलता नहीं मिली, लेकिन दक्षिणी दर्शकों के लिए वह 'सिनेमा के हरफनमौला हीरो' हैं।


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July 27, 2023

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सर्पमित्र friends of snaks... एक सत्य घटना...!


 

 

भारतामध्ये अनेक प्रकारचे साप पाहायला मिळता कोणते विषारी असतात आणि बिन विषारी असतात आपल्या भारतामध्ये अशी प्रथा आहे की नाग सापाला देव मानल्या जाते आणि बाकी जे साप आहेत त्यानला मारून टाकण्यात येतो. बघा आज मी एक सत्य घटना सांगणार आहे माझ्या गावची

पाऊसाळ्याच्या दिवसामध्ये मी फिरत असताना मला रोडवर्ती लोक दिसले तर मी काय आहे म्हणून बगायला गेलो तर ते लोक छोट्याशा सापाला मारत असताना दिसले तर मी एका माणसाला विचारलो या सापाला का मारत आहात त्याला जाऊ द्या. म्हणून मला उत्तर मिळालं ते लोक म्हणतात हा साप विषारी आहे आम्ही रोज इथून येण -जाणं करतोन तर तो आम्हाला चावला तर म्हूणन मारत आहोत तर त्यांना मी सांगितलं सापाला मारण्या पेक्षा सर्प र्मित्रांना बोलवा. तो घेऊन जातो त्या छोट्याशा सापाला मारून काय भेटेल तर त्यांना माझी गोस्ट पटली मी कॉल केलं आणि सर्प र्मित्र आला आणि सापाला घेऊन गेला. ते लोक माझा कौतुक करू लागले त्यांना मी मानलं कोणत्याही साप असो विषारी किंवा बिनविषारी त्याला मारू नका. आणि 

कुणाच्याही घरी किंवा परिसरात साप निघालं की तातडीने सर्प मित्रांचे फोन नंबर शोधून संपर्क केले जावे. पण खेड्या गावात सापाला जास्त प्रमाणात मारतात कारण त्यानला असं वाटते सर्वमित्र येईल पैसे घेईल तस काहीच नसते त्यानला पेट्रोल च खर्च दिल तर ते खुश होतात. आणि सापणा घेऊन जातात.बघा तुमच्या मुळे एका सापाचं जीव वाचत असेल तर किती पुण्याचं काम आहे साप हा कधीच स्वतःहून चावत नसते आपण चुकून त्याचा स्पर्शात आलो तर तो चावते. आणि  कोणताही कितीही विषारी साप असेल तरी चवल्यानंतर त्याच विष  हडू हडू शरीरात जाते पण इलाज झालं तर काहीच नहीं होत.गावगाड्यातले लोक अशे विचार करतात की साप चवेल तर माणूस मारून जाईल तस नहीं होत हॉस्पिटल मध्ये गेलं तर इलाज होते.

आणि आपण सर्प मित्राला बोलवलं तर त्या सापाला जंगलात नेऊन सोडल्या जातो. महाराष्ट्रामध्ये सर्वमित्र खूप आहेत तुम्ही त्यांना रात्रो बोलावलं तरी सुद्धा त्यांनी धावत येतात फक्त तुम्हाला एक फोन लावायचं आहे तुमच्या मुळे त्या सापाचं जीव वाचू शकतो.

मी बघितलं लोक सापाला मारतातही आणि त्याला जाडतातही ही कोणती प्रथा म्हणायची. त्या पेक्षा एक फोन लाऊन सर्प मित्राला बोलवलं तर किती छान वाटेल. आणि साप असो या विषारी प्राणी त्यांना मारू नका पाऊसाळ्यात विंचू, मोहदर अशा प्रकारे खूप प्राणी निगतात. तर त्यांना पण सर्वमित्रवाले घेऊन जातात. माझी एकच विनंती आहे की विषारी प्राण्यांना वाचवू कारण विषारी प्राणी कमी होत चालले आहेत समोरची पिळ्यांना पाहिण्यासारखं काहीच नसेल म्हणून विषारी प्राण्यांना मारू नका.

 

 


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July 27, 2023

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धान शेतिच्या बांधावरील लोकगीते होत आहेत लुप्त..


 

(महाराष्ट्र )  पहले शेतामध्ये काम करत असलेल्या बायका खूप छान छान लोकगीते म्हणायचे. चिकनल्या भुई संबगे, चिकन भुई, इतका रोवना रोवलो, माये तुझ्या सार भुई. धान रोवणीला सुरुवात झाली की, शेताच्या बांधावर दूरवर कुठून तरी हे सुमधुर लोकगीताचे स्वर कानी पडायचे, धान रोवणी करणाच्या महिला मुजा्रांकडून लय, ताल आणि एका गंभीरतेने म्हटली जाणारे लोकगीते घटकाभर थांबून ऐकायचा मोह कुणाला होणार नाही?

शरीराला पडलेले  श्रम घालवण्यासाठी आणि मनाला आनंद देणारी शेतीच्या बांधवरील लोकगीतांची लय  लुप्त झाल्याने झाडीचा गोहवा हरवला आहे. आपण केलेला श्रम इशवराप्रति अर्पण करण्याची वूत्ती कमी झाली. आपण काळ्या आईची सेवा करताना ईश्वर सेवा करतो. असा भाव या लोकगीतात असायचा, तो भावही राहिला नही.

आजच्या इतकी आधुनिक साधने त्या काळात नव्हती, शेतीची नांगरणी, रोवणी, निंदणी, खुरपणी, कापणी ही सगळी कामे श्रम पद्धतीने होत असत. शरीराला पडलेले श्रम मनाला आनंद देणाऱ्या लोकगीताचे कमी होते. याची ग्वाही आंतरमन देते. त्यामुळे सकाळपासूनच धान रोवणीच्या कामात गुंतलेल्या एक -दोन महिलांनी रोवणीच्या काळात लोकगीताची सुरुवात केली की, त्या गीताला सुरेख साथ इतर महिलांकडून मिळायची आणि लोकगीतांची रंगत चढायची. माथ्यावर असलेल्या सूर्य कधी पश्चिमेला वळला, हेसुद्धा कळत नव्हते.

आता सगळे श्रम घड्याळाच्या काट्यावर आणि मोबाईलच्या तालावर असल्याने आता सगळा व्यवहार झाला आहे. शेताच्या बांधावर कधी लोकगीताची धूम तर कधी कथा, कहाण्यांची रंगत चढायची. म्हातारपणात आई -वडिलांची सेवा करणारा   श्रावण बाळ, सत्य वचणी राजा हरिश्चंद्र, भक्त प्रल्हाद, राम-सीता अशा पौराणिक कथांमधून समाजात चांगल्या मूल्यांची पेरणी होत असे. या सगळ्या चांगल्या बाबींचा प्रभाव आधुनिकतेच्या नावावर कमी होत असताना दिसत आहे.. गावाखेड्यात एकमेकांच्या प्रति असलेला आपुलकीचाझरा आता आटायला लागला आहे.

धनपट्यात रोवना संपला की, गावातील अनेक शेतकरी शेवटीच्या दिवशी सगळ्या मजुरांना सामूहिक जेवण देत असत, महिला मजुर लोकगीत गात व पुरुष मजूर शेतीचे साहित्य खांद्यावर देऊन वाजतगाजत शेतमालकांच्या घरी जात. त्यांच्या श्रमाची उताराई म्हणून शेतमालक त्यांना आर्थिक मोबदला देत असे

शेतीमध्ये आधुनिक यंत्रचा वापर वाढल्यामुडे एक यंत्र 10 te20 मजुराचे काम काही तासात पूर्ण करते. त्यामुळे शेतकरी यंत्रच्या साहाय्याने शेती करण्याला पसंती दर्शवीत आहेत. यामुळे मात्र शेतीचा खर्च वाढला आहे...


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July 27, 2023

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11 व्या वर्षी शाळा सोडला आणि झाला संगीतकार.?


 

 त्यांचे संगीत जगभरातील करोडो लोकांच्या हृदयात आहे. संगीताच्या दुनियेतला तो एक सुपरस्टार आहे, ज्यांच्या गीत आणि संगीताचा कोणीच नाद करू शकत नाही पहिल्याच गाण्याने त्यांना रातोरात स्टार बनवले. त्यांना आज संगीत विश्वाचा रॉकस्टार म्हणून ओळखलं जातं.

गेल्या अनेक दशकांपासून ते आपल्या गायन, गाणी आणि संगीताने मन जिंकत आहे. ते आपल्या देशाचा अभिमान आहेत, पण जेव्हा ते 11 वर्षांचा होते तेव्हा त्यांना त्यांच्या आईच्या सांगण्यावरून आपले शिक्षण सोडावे लागले, कारण वडिलांच्या निधनानंतर घर चालवण्याची जबाबदारी त्यांच्या खांद्यावर आली.

असं जरी असलं तरी या संगीतकाराचे बालपण सुखाचे नव्हते. वयाच्या 9 व्या वर्षी वडिलांना गमावल्यानंतर त्यांना खूप त्रास सहन करावा लागला. वयाच्या 11 व्या वर्षी त्यांनी शाळा सोडली आणि कामाला सुरुवात केली. आई करीमा बेगम आणि बहिणीने एका मुलाखतीत एआर रहमान यांच्या आयुष्यातील काही माहिती झाले.

एआर रहमानच्या बहिणीने सांगितले की, माझा भाऊ अभ्यासात चांगला नव्हता, पण त्याला शाळा सोडायची नव्हती. ती म्हणाली, तो काळच तसा होता, त्याला शाळेत जायचे होते आणि घर चालवण्यासाठी आईला पैशांची गरज होती. या मुलाखतीत एआर रहमान देखील उपस्थित होते. ते म्हणाले होते की, माझ्यासाठी निर्णय घेणं खूप अवघड होतं, शाळा सोडल्यानं माझं मन तुटलं होतं, मला वाटलं होतं आता काय होणार एआर रहमान यांनी वयाच्या 11 व्या वर्षी काम करायला सुरुवात केली. त्यांनी सुरुवातीला काही पैसे वाचवले आणि एक स्टुडिओ भाड्याने घेतला,

जरी त्यांच्याकडे वाद्ये खरेदी करण्यासाठी पुरेसे पैसे नव्हते, तेव्हा त्यांच्या आईने त्यांना पहिला मिक्सर आणि रेकॉर्डर खरेदी करण्यासाठी पैसे दिले. 'रोजा' चित्रपटासाठी 'चिन्ना चिन्ना असाई' हे पहिले गाणे त्यांनी संगीतबद्ध केलं, ज्याचे हिंदी आवृत्ती 'दिल है छोटा सा' हे गाणं देशभर प्रसिद्ध झाले. या गाण्यातून त्यांनी आपल्या प्रतिभेची झलक आधीच दाखवली होती. या गाण्यानं त्यांना स्टार बनवलं. आणि नंतर  त्यांच्या करियर ची सुरुवात झाली.. आणि वडिलांना आश्चर्य वाटायचे की एवढं लहान मूल आपला सूर कसा बदलू शकतो. नंतर ते आपल्या मुलाचे सूर गाण्यात वापरत असत.

 

 

 


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July 26, 2023

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प्रसिद्ध पंजाबी गायक सुरिंदर शिंदा यांच्याबाबत एक मोठी धक्कादायक बातमी?


 

प्रसिद्ध पंजाबी गायक सुरिंदर शिंदा यांच्याबाबत एक धक्कादायक बातमी समोर आली आहे. वयाच्या ६४ व्या वर्षी या गायकानं अखेरचा श्वास घेतला आहे. ते गेल्या काही दिवसांपासून आजारी होते. त्यांना उपचारासाठी रुग्णालयात दाखलही करण्यात आले होते. पंजाबी मनोरंजन विश्वामध्ये सुरिंदर शिंदा यांचे मोठे नाव होते. त्यांच्या गायकीचा मोठा चाहतावर्ग आहे. आपल्या आगळ्या वेगळ्या गायकीनं त्यांनी वेगळी ओळख तयार केली होती.

 पंजाबी गायक सुरिंदर शिंदा  यांचं आज निधन झालं आहे. लुधियाना डीएमसी रुग्णालयात त्यांनी अखेरचा श्वास घेतला.त्यांचं वय ६४ वर्ष होतं. काही दिवसांपूर्वीच त्यांच्यावर फूड पाईपचं ऑपरेशन झालं होतं. यानंतर त्यांच्या शरिरात इन्फेक्शन वाढलं. त्यांना श्वास घ्यायला त्रास होऊ लागला. गेल्या अनेक दिवसांपासून ते व्हेंटिलेटरवर होते. त्यांची निधनाची अफवाही उडाली होती. मात्र मुलाने सोशल मीडियावर अफवांवर स्पष्टीकरण दिलं होतं. आज अखेर त्यांनी शेवटचा श्वास घेतला. त्यांच्या पश्चात पत्नी जोगिंदर कौर, दोन मुलं आहेत.

सुरिंदर शिंदा यांचा जन्म लुधियानामधील अयाली या छोट्याशा गावात झाला. त्यांना आईवडिलांकडूनच संगिताचा वारसा लाभला. यामुळे वयाच्या ४ थ्या वर्षापासूनच त्यांना संगितात गोडी निर्माण झाली. त्यांचं खरं नाव सुरिंदर पाल धम्मी आहे. शिंदा यांना उस्ताद मिस्तारी बचन राम यांनी संगीताचं शिक्षण दिलं. प्राथमिक शिक्षण पूर्ण केल्यानंतर त्यांना सरकारी नोकरी मिळाली

शालेय शिक्षण पूर्ण झाल्यानंतर शिंदा यांनी एसआयएस लुधियानामध्ये प्रवेश घेतला. शॉर्ट इंजिनिअरिंगमध्ये त्यांनी मेकॅनिकलचा कोर्स केला. गायक होण्याआधी त्यांनी नोकरी केली. मात्र गायनाची ओढ त्यांना स्वस्थ बसू देत नव्हती. म्हणूनच नोकरी सोडून त्यांनी प्रोफेशनल सिंगर होण्याचा निर्णय घेतला.bउच्चा बुर्ज लाहौर दा' हे त्यांचं पहिलं गाणं सुपरहिट झालं होतं त्यांना पंजाबी गाण्याचा खूप मोठा  छंद  होता. 

 

 


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July 26, 2023

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मुलांची एकग्रता सांघिक भावना, नेतृव गुण वाढवणारे खेळ ... नक्की वाचा..


 

 

गडचिरोली. अडीच हजार वर्षांपूर्वी खेळला जाणारा विट्टी-दांडू हा खेळ खूपच रोमांचक आहे. भोवरा, खो खो, कांदा फोडी, या पारंपारिक खेळांमुळे तरुण-तरूणींसह महिला व पुरूषांच्या आरोग्यावर सकारात्मक परिणाम होतो. या खेळांमुळे मनाची एकाग्रता वाढते, जिंकण्याची जिद्द, चिकाटी निर्माण होते. सोशल मिडियाच्या जमान्यात प्रत्येक पालकांनी चिमुकल्यांचे बालपण आनंददायी करण्यासाठी या खेळांची कास धरून त्यासाठी त्यांना प्रोत्साहित करण्याची गरज आहे. जेणकरून मुले एकलकोंडी होणार नाहीत, असे तज्ज्ञांचे मत आहे.

 

भोवरा हा शंक्वाकाराचा असतो. त्यास सहसा लोखंडाचे एक निमुळते टोक असते. त्यास आरु असे म्हणतात. दोरी किंवा जाळी गुंडाळण्यासाठी सोयीचे व्हावे म्हणून त्यास विशेष प्रकारची सोय केलेली असते. दोरी त्याच्या सभोवती गुंडाळून, त्याचे गाठ मारलेले एक टोक हातात धरुन तो जमिनीवर झटक्याने फेकला जातो व फिरवला जातो. हा खेळ भारत तसेच चीन व जपानमध्येही खेळला जातो. विशेषतः पावसाळ्यात हा खेळ रंगतो. चिंधकाने बोटे बांधून गरागरा भोवरे फिरवतात. ज्याच्यावर डाव येईल, त्याचा भोवरा रिंगणात मांडतात आणि बाकीचे खेळाडू त्या भोवऱ्याला गुच्चे मारतात.

 

खो-खो खेळ प्रकारामध्ये दोन संघ असतात. प्रत्येक संघात १२ खेळाडू असतात. परंतु, एका वेळेस ९ खेळाडू खेळतात. दोन भागातील या खेळात पाच मिनिटांची विश्रांती असते. संपूर्ण खेळ साधारणतः ३७ मिनिटे चालतो. सुरवातीला पाठलाग करणाऱ्या संघाचे आठ खेळाडू दोन खांबांमधील आठ चौकोनांत आळी-पाळीने विरुद्ध दिशांना तोंड करून बसतात. नववा खेळाडू कोणत्याही एका खांबाजवळ उभा राहतो. बचाव करणाऱ्या संघाचे तीन खेळाडू मैदानात असतात. पाठलाग करणाऱ्या सघांचा नववा खेळाडू बचाव करणाऱ्या संघाच्या तीन खेळाडूंना बाद करण्याचा प्रयत्न करतो. एकदा एका खांबाकडील दिशा पकडल्यावर तो आपली दिशा बदलू शकत नाही. खांबाला स्पर्श करून तो आपली दिशा बदलू शकतो.

 

या खेळात ज्याच्यावर राज्य आहे, तो खाली पाय पसरून बसतो आणि बाकीचे खेळाडू त्याचा पाय ओलांडून जातात. या खेळाच्या दुसऱ्या फेरीत राज्य असलेला एकावर एक पाय ठेवून बसतो. खेळ सुरू झाल्यावर राज्य असलेला पाय लांबवून त्यावर एका हाताची करंगळी धरतो आणि हात सरळ ठेवतो. उर्वरित खेळाडू ते ओलांडून जातात. बसलेला खेळाडू एका करंगळीवर दुसरी करंगळी ठेवतो, खेळाडू त्याला ओलांडतात. पण, जेव्हा हात-पाय एकावर एक धरून तो मनोरा उंचावला जातो, तेव्हा खरी मजा येते. उडी मारणाऱ्याच्या हात किंवा पायाचा स्पर्श झाल्यास तो बाद होतो. हाता-पायाच्या वेगवेगळ्या अवस्था झाल्यावर राज्य असलेला हाताने पायाचे अंगठे पकडून वाकून राहतो. फक्त, यावेळीच खेळाडूंनी त्याला उडी मारताना हात लावला तर चालतो. सरतेशेवटी राज्य असलेला उभाच राहतो, त्या वेळी त्याला ओलांडून जाणे कोणालाच शक्य नसते.

 

विट्टी दांडू हा भारतीय उपखंडातील अडीच हजार वर्षांपूर्वीचा पारंपारिक खेळ आहे. या खेळात दोन काठ्या लागतात. लहान, अंडाकृती आकाराच्या लाकडी तुकड्याला 'विट्टी' तर लांब भागाला 'दांडू' म्हणतात. विट्टी वरच्या टोकाला मारण्यासाठी खेळाडूला दांड्याचा वापर करावा लागतो. ते हवेत असताना, खेळाडू शक्यतो गिलीला दूर जाईल असा फटका मारतो. त्यानंतर खेळाडूला प्रतिस्पर्ध्याने गिली घेण्यापूर्वी वर्तुळाच्या बाहेर एका बिंदूला धावणे आणि स्पर्श करणे आवश्यक आहे. हा खेळ जिंकण्याचं रहस्य हे सगळं विट्टी उठवण्याच्या आणि मारण्याच्या तंत्रात आहे.

पारंपारिक खेळातून शारीरिक व सामाजिक संस्कार

पारंपारिक खेळांमुळे मुलांना सामाजिक बांधिलकीचे भान होते. सहानुभूतीचा विकास होतो. शिकण्याचे कौशल्य वाढण्यास मदत होते. फुफ्फुस निरोगी राहते. एकाग्रता वाढून ध्येय्यावर लक्ष केंद्रित करण्याची शिकवण मिळते. सांघिक भावना वाढीस लागते व नेतृत्वगुण देखील तयार होतात. त्यासोबतच शरीराच्या सर्वच भागांची हालचाल होत असल्याने शारीरिक समस्या निर्माण होत नाहीत, असा विश्वास शेठ गोविंदजी रावजी आयुर्वेदिक महाविद्यालयाच्या प्राचार्या डॉ. विणा जावळे यांनी व्यक्त केला.


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July 25, 2023

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सब छुट जाये ध्यान न छुटे.. ध्यान करणे से आपकी सेहत अच्छी राहती है.?


 

 

श्रीमाताजी कहती हें कि आध्यात्मिक उथान के लिए हमें सदैव, हर वक्त ध्यान में रहना चाहिए, यह महत्वपूर्ण है कि हम ध्यान करें, रोजाना, आप एक दिन खाना न खाए चलेगा, आप एक रात न सोए चलेगा, आप एक दिन काम पर ऑफिस न जाए, चलेगा, आप एक दिन वह कोई भी कार्य न करें जो आप रोजाना करते हों, तो भी चलेगा, लेकिन आपको ध्यान नित्य रूप से करना चाहिए, यह बहुत ही महत्वपूर्ण हें.

आपको बहुत अधिक समय ध्यान पर खर्च नहीं करणा है, मगर जो भी समय आप दे सको, तथा उसमें जो भी आपकी उपलब्ध हो, वह प्रत्यक्ष रूप से दृष्टीगोचर होनी चाहिए, आप किस तरह से चैतन्य बिखरते हो, दुसरों को देते है यह महत्वपूर्ण है, आप को इन गुनों से परिपूर्ण संत बनना है, जब तक आप गहराई में नहीं उतरेंगे हम अन्य सहजयोगियों को नहीं बचा सकते और हम उन्हें भी नहीं बचा सकते जो सहजयोग में नहीं है.

ध्यान हमारी दिनचर्या का एक अंग है, जैसे मनुष्य के लिए श्वास लेना आवश्यक है उसी तरह सहजयोगियों के लिए ध्यान करना आवश्यक है, यदि आप ध्यान नहीं करते है तो आप आगे नहीं बढ सकते है, आपको ध्यान करना ही है, यदि आप ध्यान नहीं करते है तो आप वैसे के वैसे ही रह जाएंगे, व्यक्तीत्व का विकास तभी संभव है जब आप ध्यान की गहराई में उतरते है, सतही स्तर पर ध्यान करने से कोई लाभ नहीं होने वाला, जो सहजयोग में आते हें और ध्यान नहीं करते है तथा उष्ठान को प्राप्त नाहीं होते हें उनका विनाश हों जाता है अथवा ऐसे लोग सहजयोग  से बाहर फेक दिये जाते है 


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July 25, 2023

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ट्रॅफिकचच्या आवाजामुळे होऊ शकतो? आरोग्यावर गंभीर आजार.


 

 

प्रदूषण ही सध्या जगात वाढत जाणारी समस्या ठरतेय. खास करून वायू प्रदुषणाचे अनेक दुष्परिणाम निसर्गावर आणि आरोग्यावर होत असल्याच दिसून येतं आहे. यामुळे वायू प्रदूषण Pollution रोखण्यासाठी जागतिक पातळीवर अनेक संघटना कार्यरत आहेत.

जागतिक आरोग्य संघटनेच्या अहवालानुसार ५३ डेलिबलपेक्षा जास्त ट्रॅफिकचा आवाज असल्यास तसचं ४५ डेसिबलपेक्षा जास्त विमानाचा आवाज असल्यास त्याचा व्यक्तीच्या आरोग्यावर परिणाम होवू शकतो. यामुळे काही आजारांचा सामना करावा लागू शकतो.

संशोधनानुसार ट्राफिकच्या आवाजामध्ये जास्त काळ राहिल्याने ५ वर्षांमध्ये हृदय विकाराचा झटका येण्याचा धोका अधिक वाढतो.

तर अमेरिकेत झालेल्या एका संशोधनानुसार जास्त मोठ्या आवाजामुळे मानवी शरीरात काही केमिकल रिलीज होतात. याचा आपल्या नर्व्हस सिस्टिमवर परिणाम होत असतो. तसचं यामुळे आपल्या हृदयचे ठोके तसचं बीपी वाढते.

ध्वनी प्रदूषणाचा शारिरीक आणि मानसिक आरोग्यावरही परिणाम होत आहे. अनेकदा काही आवाजांमुळे आपली चिडचिड होते. तर काही आवाज सतत आपल्या कानावर पडत असतात. मात्र, आपण त्याकडे दुर्लक्ष करत असतो. अशा आवाजांचा देखील आपल्यावर परिणाम होत असतो. यामुळे हायपर टेंशन, उच्च रक्तदाब आणि हृदयाचे आजार होवू शकतात.

त्याचसोबत ध्ननी प्रदूषणाने ऐकण्याच्या क्षमतेवरही परिणाम होत असता. यामुळे लवकर बहिरेपण येऊ शकतं.

मानसिक आरोग्यावर परिणाम

आपला मेंदू हा कायम एखाद्या आवाजाने सावध होत असतो. परिणामी झोपेतही जर तुमच्या कानावर सतत आवाज येत असतील तर नैराश्य, चिंता आणि तणाव वाढू शकतो. तसंच याचा झोपेवरही परिणाम होतो. शांत आणि गाढ झोप न झाल्याने तसंच आवाजामुळे सतत झोपमोड झाल्याने चिडचिडेपणा वाढू शकतो. तसचं लक्ष केंद्रित करण्यास अडचण निर्माण होवू शकते.


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July 25, 2023

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सावधान! तुमच्याही मोबाईल होऊ शकतो स्फोट.


 

 

सध्या च्या काळ्यात प्रत्येकाच्या हातात मोबाईल दिसतो. त्यामुळे सतत वापर झाल्याने त्याची भेटरी लवकर कमी होते. परिणामी सतत चार्जिंगला लावला जातो. खरं तर मोबाईलवर अधिक वेळ घालवणे हे आरोग्यासाठी अत्यत धोकादायक आहे. पण तरीदेखील लोक त्याचा वापर करतातच. त्यातच चार्जिंगला लावलेला मोबाईल हातात घेऊन पावरतात किंवा त्यावर कॉल  वर बोलतात त्यामुळे मोबाईल गरम होऊन त्याचा स्फ़ोट होण्याचा धोका असतो. त्यामुळे जरा जपून वापरकरायला हवा. चार्जिंग करताना ती तसेच ठेवून काहीजण झोपी जातात. हे खूप धोकादायक आहे. त्यामध्ये स्फ़ोट झाला तर जिवदेखील जाऊ शकतो.

देशात अनेक ठिकाणी मोबाईलचा स्फ़ोट झाल्याने काहीजण जखमी झाले. काहींना आपला प्राण गमवावा लागला. काही मोबाईलचा स्फोट एवढा मोठा होता कि, माणसाच्या शरीराचे तुकडे झाले. असे स्फोट होऊ नये यासाठी काळजी घेणे  आवश्यक आहे.

(स्फोट का होतो?):  मोबाईलचा स्फोट होण्यामागे खूप करणे आहेत. एकच असे कारण नाही. खरं तर बहुतांश मोबाईल बेटरी गरम झाल्याने होतात. कारण त्यामध्ये उष्णता वाढली कि, स्फोट होण्याचा धोका असतो. चार्जिंगला मोबाईल लावला आणि त्याचा कॉल  करण्यासाठी वापर होत असेल तर बेटरी खूप अधिक गरम होते. त्यामुळे अशी चुक कोणीही करू  नये. कितीही चांगल्या कंपनीचा मोबाईल असला तरी त्यालाही असा धोका असतो. त्यामुळे बेटरी चार्जिंग होताना त्याचा वापरच करू नये

स्फोट होऊ नये म्हणून हे करा. मोबाईल जर चार्जिंग होत असेल तर त्यावर बोलू नका. चार्जिंगला लावल्यास वेळीच ते बंदही करावे. चार्जिंग 70-80 % झाल्यावर लागेच बंद करा पूर्ण चार्जिंग करू नका कारण मोबाईल  ची बेटरी गरम होऊ शकते. मोबाईल उशिखली किंवा जवळ ठेऊन चार्ज करू नका  


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July 24, 2023

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लाखो लोकांचे प्राण वाचवणारा साबुदाणा भारतात आला कसा?..


 

सण आणि उपवासात साबुदाण्याची खिचडी, वडा आणि पकोडे यांसारख्या अनेक चविष्ठ व्यंजन बनविले जाते. सध्या अधिक-श्रावण महिन्याची सुरुवात झाली असुन यानिमित्त अनेक उपवास घरोघरी केले जातात मात्र चवीने खाल्ला जाणारा साबुदाणा भारतात आला कसा? खरंच साबुदाण्यामुळे लाखो लोकांचे प्राण वाचले होते का? असा प्रश तुम्हाला पडला असणार. चला तर मग आज जाणून घेऊ या साबुदाण्याबाबद्दल मजेशीर तथ्य

... भारतात असे अनेक पदार्थ आहेत जे इतर देशांतून आले आहेत आणि लोकांना त्याबद्दल माहितीही नाही. असाच एक पदार्थ म्हणजे साबुदाणा. साबुदाणा खिचडी हा एक खास पदार्थ आहे जो उपवासाच्या दिवसही आवर्जून बनविला जातो. त्यात स्टार्चसोबत भरपूर कार्बोहायड्रेट्स असतात, ज्यामुळे पोट बराच काळ भरलेले राहते. मात्र एका इंडियाच्या अहवालानुसार, साबुदाणा टॅपिओका किंवा कसावा रूट किंवा कसावा मुळांपासून बनविला जातो. त्याची साफसफाई करून मुळाचा चुरा केला जातो. यातून दुधासारखा द्रव (साबुदाणा कसा बनवला जातो) बाहेर पडतो. पदार्थातील सर्व घाण काढून टाकल्यावर तो घट्ट होतो आणि यंत्राच्या साहाय्याने तो गोलाकार बनवला जातो. यानंतर ते वाफवलेले, भाजलेले आणि वाळवले जाते. आणखी काही पावले टाकल्यावर आपण खातो तो साबुदाणा बनतो.

मात्र टॅपिओकाची मुळे मूळतः ब्राझीलमध्ये आढळतात. एका अहवालानुसार, चीनमध्ये हजारो वर्षांपासून याचा वापर अन्नात केला जात होता. Sago पण त्याचा वापर सर्वप्रथम केरळमध्ये सुरू झाला. वापराच्या सुरुवातीचा इतिहास देखील अगदी अनोखा आहे. असे झाले की 1800 साली त्रावणकोर राज्यात (त्रावणकोरमधील साबुदाणा) उपासमार पसरली, ज्यामुळे लोकांना आपले प्राण गमवावे लागले. यामुळे राजा अयल्यम थिरुनल रामा वर्मा आणि त्याचा धाकटा भाऊ विशाखम थिरुनल महाराज खूप चिंतेत होते. विशाखम हे वनस्पतिशास्त्रज्ञ होते आणि त्यांना त्यांच्या अनुभवातून कळले की टॅपिओकाद्वारे उपासमार कमी केली जाऊ शकते. त्यांनी या मुळांची तपासणी केली आणि त्यांना असे आढळले की जर ते विशिष्ट पद्धतीने शिजवले तर ते खाऊ शकतात.

त्यांनी आपल्या राज्यातील लोकांना ते खाण्याचा आग्रह केला, परंतु त्याची मुळे परदेशी असल्याने लोक ते टाळत राहिले. त्यात विष असू शकते, असे त्यांना वाटले. Sago मग राजाने ठरवले की तो आपल्या शाही आहारात या पदार्थाचाही समावेश करील. लोकांमध्ये विश्वास निर्माण करण्यासाठी, त्यांनी प्रथम स्वतः ही डिश खाल्ली. जनतेला खात्री पटल्यावर त्यांनी ते खायला सुरुवात केली आणि अनेकांचे प्राण वाचले. याशिवाय दुसऱ्या महायुद्धात जेव्हा तांदळाची कमतरता होती तेव्हा सैनिकांना साबुदाणा खायला दिला जात होता. केरळमध्ये ते कप्पा म्हणून ओळखले जाऊ लागले आणि हळूहळू ते संपूर्ण भारतात पसरले. प्रक्रिया केलेला साबुदाणा 1940 नंतर चीनमधून आयात करण्यात आला कारण तो अनेक वर्षे तेथे वापरला जात होता.


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July 24, 2023

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नागरिकांनो, पावसाळ्यात वीज यंत्रनेपासून राहा सावध..


 

पावसाळ्यात येणाऱ्या वादळासह, अतिवृष्टी, तुटलेल्या विजतारा किंवा शॉर्ट सर्किटमुळे दुर्घटना होण्याची शक्यता बळावते.त्यामुळे नागरिकांनी पावसाळ्याच्या कालावधीत सतर्क राहावे व सार्वजनिक ठिकाणी असलेल्या तसेच घरगुती विजयंत्रणा किंवा उपकरणांपासून नागरिकांनी सावधानता बाळगावी, असे आवाहन महावितरण प्रशासनाने केले आहे.

अतिवृष्टी, वादळाने तुटलेल्या वीज तारा, विजखांब, रस्त्याच्या बाजूचे फिडर पिलर, रोहित्राचे लोखंडी कुंपण, फ्युज बॉक्स तसेच घरातील ओलसर असलेली विद्युत उपकरणे, शेतीपंपाचा स्विचबोर्ड आदिंकडे दुर्लक्ष केल्याने दुर्घटना होण्याची शक्यता अधिक असते. या दुर्घटना टाळता येणे सहज शक्य आहे. मुसळधार पाऊस आणि वादळी वारा यामुळे झाडाच्या मोठ्या फ़ांद्या तुटून वीज तारांवर पडतात. तसेच झाडे पडल्याने विजखांब वाकला जातो.

परिणामी विजतारा तुटण्याचे प्रकार घडतात. त्यात विजप्रवाह असण्याची शक्यता असल्याने अशा तुटलेल्या, लोंबकळणाऱ्या वीज तारांपासून सावध राहावे. या तारांना हात लावण्याचा किंवा हटविण्याचा प्रयत्न करू नये. अतिवृष्टीमुळे कोणत्याही क्षणी प्रतिकूल स्थिती निर्माण होण्याची शक्यता असल्याने खबरदारीचा उपाय म्हणून रोहित्र आणि विजपुरवठा बंद करण्यात येतो, अशा स्थितीत संभाव्य धोका टाळण्यासाठी नागरिकांनी महावितरणला सहकार्य करावे, असे आवाहन करण्यात आले आहे.

शहरी व ग्रामीण भागातील वीज ग्राहकांसाठी 24 तास कॉल सेंटर सुरु असतात. या कॉल सेंटर्सचे 1800-212-3435 किंवा 1800-233-3435,19120,1912 हे टोल फ्री क्रमांक उपलब्ध आहेत. विजसेवेच्या तक्रारिंसह अतिवृष्टी किंवा वादळामुळे वीज पुरवठ्यात तांत्रिक बिघाड होऊन दुर्घटना होण्याची शक्यता आहे. अशा  ठिकाणांची माहिती या टोल फ्री क्रमांकावर देण्याची सोय उपलब्ध आहे. तसेच महावितरणच्या मंडळ स्तरावरील नियंत्रण कक्ष येथे संपर्क साधता येईल. गडचिरोली मंडलातील ग्राहकांनी 7875009339 यावर संपर्क साधण्याचे आवाहन महावितरणने केले आहे.


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July 24, 2023

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पावसामुळे भाजीपाल्याच्या किमती गगनाला भिडाल्या.. 30% हुन वाढ.....


 

 

ठोक भाजी विक्रेत्याने म्हणणे आहे की, आतापर्यंत एनसीआर आणि आसपासच्या भागातून हिरवा भाजीपाला येत होता, मात्र महागाईमुळे प्रशासकीय अधिकाऱ्यांनी बाजार अधिकाऱ्यांची बैठक घेऊन इतर राज्यातून भाजीपाला आणण्यास सांगितले. त्यामुळे ऑगस्टपर्यंत भाज्यांचे दर सुधारण्याची शक्यता आहे. त्यामुळे सुमारे 20 ते 30 रुपयांची घसरण होणार आहे.

सध्या संपूर्ण देशात पावसाने जोर धरला आहे. परिणामी अनेक भागात पूरामुळे (Floods) शेतमालाचे नुकसान झाले आहे. पूर आणि पावसामुळे सखल भागात राहणाऱ्या लोकांचे जनजीवन तर विस्कळीत झाले आहे. वाढत्या महागाईमुळे भाजीपाला, फळे, मसाले, डाळींच्या किमतीमुळे लोकांची चव आणि मूड बिघडला आहे. गेल्या 1 महिन्यात सर्वच भाजीपाल्याचे भाव 20 ते 40 टक्क्यांनी वाढले आहेत. त्यामुळे गृहिणींच्या बजेटला ग्रहण लागले आहे. दिल्ली एनसीआरमध्ये गेल्या काही दिवसांपासून मुसळधार पाऊस आणि त्यानंतर आलेल्या पुरामुळे भाज्यांच्या पुरवठ्यावर सर्वाधिक परिणाम झाला आहे. यमुना आणि हिंडनच्या खालच्या भागात भाजीपाला आणि इतर गोष्टींची लागवड पूर्णपणे उद्ध्वस्त झाली आहे, ज्यामुळे भाज्या आणि फळांचे भाव गगनाला भिडले आहेत.

वाढत्या महागाई आणि दरामुळे भाजीपाला आणि फळेच नव्हे तर किराणा दुकानात ठेवलेला मालही लोकांच्या आवाक्याबाहेर गेला आहे. यासह, लोकांच्या घरापर्यंत सामान पोहोचवणाऱ्या अनेक अॅप्सवर भाजीपाला आणि फळांच्या किमती बाहेर उपलब्ध असलेल्या वस्तूंपेक्षा जास्त दराने विकत आहेत

भाज्या आणि फळे या सर्वात महत्त्वाच्या गोष्टी आजकाल लोकांच्या आवाक्याबाहेर गेल्या आहेत. लाल टोमॅटो असो की सिमला मिरची सर्वांचे भाव गगनाला भिडले आहेत. नोएडामध्ये 250 वर पोहोचलेल्या टोमॅटोच्या किमती आता 100 च्या आसपास खाली आल्याचे दिसत असले तरी अॅपवर ते 200 च्या आसपास आहेत. याशिवाय आलं 300 रुपये किलोच्या दराने विकलं जात आहे.

यासोबतच रोज वापरल्या जाणाऱ्या तरोई, बाटली, भेंडी, फ्लॉवर, सिमला मिरची या भाज्यांच्या दरात 20 ते 40 टक्क्यांनी वाढ झाली आहे. त्यामुळे ते सर्वसामान्यांच्या आवाक्याबाहेर असल्याचे दिसून येत आहे. नोएडाच्या सेक्टर 12 - 22 मधील भाजीपाल्याच्या घाऊक विक्रेत्या गोवतम सांगतात की, भाज्यांचे भाव सतत वाढत आहेत आणि त्यामुळे ग्राहक कमी येत आहेत. तसेच, आम्ही अनेक दिवस भाजीपाला साठवून ठेवू शकत नाही. त्यामुळे भाजीपालाही खराब होत आहे. पाऊस आणि पुरामुळे आजूबाजूच्या जिल्ह्यातून येणारा भाजीपाला अधूनमधून येत असल्याचे त्यांनी सांगितले.

यमुना आणि हिंडन नदीच्या आसपासच्या शेतात शेतकरी भाजीपाला पिकवतात आणि हा भाजीपाला ते दिल्ली व इतर शहरात पुरवतात. मात्र, पुरामुळे पिकांची नासाडी झाली असून भाजीपाला सडला आहे. त्यामुळे त्यांचे भाव आता गगनाला भिडले आहेत. तरोई सारखी भाजी जी 40 ते 50 रुपये किलोने सहज विकली जायची ती आता 100 रुपयांवर पोहोचली आहे. ऑनलाईन अॅपवर बाहेर लिहिलेल्या दरांपेक्षा सुमारे 10 ते 20 रुपये जास्त आकारले जात असल्याचे दिसून येत आहे....


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July 23, 2023

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तुम्ही पण whatsapp युझर आहात तर जाणून ग्या नवीन फुचर: एकाच वेळी 15 जणांना ग्रुप कॉल.


 

 

WhatsApp हे एक सोशल मीडिया प्लॅटफॉर्म आहे. यावरून आपण एकमेकांशी संवाद साधू शकतो. कंपनी आपल्या वापरकर्त्यांसाठी अनेक नवीन फीचर्स आणि अपडेट आणत असते. आतासुद्धा मेटाच्या मालकीचे असलेले हे प्लॅटफॉर्म WhatsApp iOS बीटा वर एक नवीन फिचर आणत आहे जे वापरकर्त्यांना १५ लोकांना ग्रुप कॉल करण्यास परवानगी देईल.

वाबे टाइन्फो च्या रिपोर्टनुसार, व्हॉट्सअ‍ॅप ग्रुप कॉल करण्यासाठी ३२ लोकांना सहभागी होता येते. मात्र यावरून सध्या हे जास्तीत जास्त ७ लोकांना ग्रुप कॉल करणे शक्य होते. मात्र आता नवीन फीचरमुळे बीटा वापरकर्ते १५ लोकांना ग्रुप कॉलमध्ये सहभागी करू शकणार आहेत. सध्या सुरुवातीच्या कॉलसाठी १५ वापरकर्ते निवडणे शक्य असले तरी, ग्रुप कॉलमध्ये एकूण ३२ जण सहभागी होऊ शकतात. याबाबतचे वृत्त झीबीज ने दिले आहे.

या फीचरसह गग्रुप कॉल सेटअप दरम्यान वापरकर्त्यांना निवडणे हे अधिक सोयीस्कर बनवण्याचे कंपनीचे उद्दिष्ट आहे. रिपोर्टमध्ये असे सांगण्यात आले आहे की, १५ लोकांना ग्रुप कॉल सुरु करण्याची क्षमता सध्या काही बीटा परीक्षकांसाठी आणले जात आहे. जे TestFlight अ‍ॅपवरून iOS साठी WhatsApp बीटा चे नवीनतम अपडेट इन्स्टॉल केले आहे आणि येणाऱ्या काही दिवसांमध्ये ते अधिक वापरकर्त्यांपर्यंत पोहोचेल अशी अपेक्षा आहे.

मेटाचे सीईओ मार्क झुकरबर्ग यांनी गेल्या वर्षी नोव्हेंबरमध्ये WhatsApp साठी ३२ लोकांसाठी व्हिडीओ कॉलिंग फीचरची घोषणा केली होती. या महिन्याच्या सुरुवातीला, असे सांगण्यात आले होते की मेसेजिंग प्लॅटफॉर्म iOS बीटा वर एक फिचर आणत आहे, जे वापरकर्त्यांना उच्च-गुणवत्तेचे व्हिडिओ पाठविण्याची परवानगी देते.


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July 23, 2023

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दर मिनिटाला शेयर करत आहा मुलाचे फोटो तर सावध राहा सायबर बुलिंगचा धोका?


 

आजकाल प्रत्येकजण सोशल मीडियावर सक्रिय असतो. आयुष्यात जे काही चालले आहे, त्याच्याशी संबंधित गोष्टी आपण इन्स्टाग्राम, फेसबुक सारख्या प्लॅटफॉर्मवर शेअर करतो. मुलेही आपल्या आयुष्याचा एक महत्त्वाचा भाग आहेत आणि त्यांचा खोडकरपणा पाहून एक वेगळाच दिलासा मिळतो. अशा सुंदर क्षणांची जपणूक करण्यासाठी अनेक वेळा पालक आपल्या मुलांचे फोटो आणि व्हिडिओ सोशल मीडियावर शेअर करतात. अशी सामग्री वापरकर्त्यांना खूप आवडते. पण मुलांचे फोटो किंवा व्हिडिओ ऑनलाइन शेअर करणे सुरक्षित आहे का?

बालपण ही अशी अवस्था असते, जेव्हा मुले शारीरिक आणि मानसिकदृष्ट्या मोठी होत असतात. ते गोष्टी समजून घेण्याची आणि स्वतःशी जोडण्याची समज विकसित करतात. अशा वेळी, त्यांचे फोटो किंवा रील शेअर केल्याने त्यांच्या गोपनीयतेवर आणि वागणुकीवर परिणाम होऊ शकतो. मुलांशी संबंधित चुकीचा मजकूर पोस्ट करणे इंटरनेटच्या जगात धोकादायक ठरू शकते.
पालकांनी मुलांचे फोटो किंवा व्हिडिओ शेअर करताना काळजी घेणे आवश्यक आहे. त्यांचे फोटो सोशल मीडियावर पोस्ट केल्याने त्यांच्या भविष्यावरही चुकीचा परिणाम होऊ शकतो. चला काही धोक्यांबद्दल जाणून घेऊया.
मुलांचे भविष्य: इंटरनेटवर काहीही पोस्ट केल्यानंतर, ते काढून टाकणे खूप कठीण आहे. लोक ऑनलाइन शेअर केलेल्या गोष्टींचे स्क्रीनशॉट घेतात. मुलांचा कोणताही फोटो किंवा व्हिडीओ शेअर करताना विचार करा की त्यांचे मूल मोठे झाल्यावर या फोटो-व्हिडिओचा त्याच्यावर किती परिणाम होऊ शकतो. याचा मुलाच्या भविष्यावर तर विपरीत परिणाम होणार नाही ना?
इंटरनेटवर चुकीच्या ठिकाणी व्हायरल होणे: तुमच्या मुलाचे ऑनलाइन अपहरणही होऊ शकते. हे खरोखर अपहरण करण्यासारखे नाही, फक्त मुलाचा फोटो आणि व्हिडिओ दुसऱ्या नावाने आणि ओळखीसह वापरला जाऊ शकतो. अनेक वेळा असे देखील घडते, जेव्हा काही ऑनलाइन लोक दुसऱ्याच्या मुलांना त्यांची मुले म्हणून सांगण्याचा दावा करतात.
सायबर गुंडगिरी: मुलांचे फोटो ऑनलाइन शेअर करणे हा मोठा धोका आहे. मुलांना थेट सायबर गुंडगिरीचा सामना करावा लागतो, त्यामुळे त्याचा परिणामही मोठा आहे. फोटो किंवा व्हिडिओ पाहून मुलांची छेड काढली जाते. कुरूप टिप्पण्या ऑनलाइन केल्या जातात. या सर्व गोष्टींपासून मुलांना दूर ठेवणे खूप गरजेचे आहे.
अश्लील सामग्री / पेडोफाइल्स: काही लोक चुकीच्या पद्धतीने सोशल मीडियावर शेअर केलेल्या प्रतिमांचा फायदा घेतात. या पीडोफाइलना चाइल्ड पोर्नोग्राफीचे वेड असते. असे लोक लहान मुलांचे फोटो आणि व्हिडिओ एडिट करून आक्षेपार्ह वेबसाइट किंवा फोरमवर पोस्ट करतात.
आपल्या मुलांचे फोटो आणि व्हिडिओ इन्स्टाग्राम किंवा फेसबुकवर शेअर करताना काळजी घेण्याची गरज आहे. ऑनलाइन धोके पाहता मुलांची काळजी घेणे आवश्यक आहे. त्यामुळे सोशल मीडियाचा वापर करताना नेहमी सतर्क राहा.


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July 23, 2023

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दीड वर्षात 3 चित्रपट फ्लाप,410 कोटीची नुकसान. आता एका सिनेमावर ठरलं भविष्य.


 

बॉलिवूडमध्ये कोरोना काळानंतर अनेक सुपरस्टार्सचं भविष्य धोक्यात आलं. त्यात एक असाच सुपरस्टार आहे ज्याचं भविष्य एकाच चित्रपटावर अवलंबून आहे. संजय लीला भन्साळी आणि रोहित शेट्टीच्या चित्रपटांनी या अभिनेत्याला सुपरस्टार ही पदवी मिळवून दिली.

मग कोरोनाचा काळ आला त्यानंतर सर्व काही नाहीसं झालं. महामारीनंतर, सुमारे दीड वर्षांच्या कालावधीत या सुपरस्टारचे 3 चित्रपट प्रदर्शित झाले, ज्यासाठी निर्मात्यांनी 410 कोटी रुपये खर्च केले. हे तिन्ही चित्रपट बॉक्स ऑफिसवर सुपरफ्लॉप ठरले. तेव्हापासून हा सुपरस्टार एका सुपरहिट चित्रपटाची अपेक्षा करत आहे.

महामारीच्या काळात बॉलिवूडसोबतच अनेक स्टार्सचे करिअर बुडण्याच्या उंबरठ्यावर पोहोचले होते. त्यातले काही स्टार्स वाईट काळातून सावरले असले तरी एक सुपरस्टार अजूनही संघर्ष करत आहे. त्याचे शेवटचे ३ चित्रपट फ्लॉप ठरले. आता त्याचे भविष्य त्याच्या पुढील चित्रपटावर अवलंबून आहे.

'पद्मावत' आणि 'सिम्बा' सारखे दोन ब्लॉकबस्टर चित्रपट दिल्यानंतर रणवीर सिंग 'गली बॉय'मध्ये दिसला होता. त्यामुळे त्याचे स्टारडम प्रचंड वाढले होते. पण त्यानंतर दीड वर्षात त्याचे तीन मोठे चित्रपट प्रदर्शित झाले, जे बॉक्स ऑफिसवर एकापाठोपाठ एक फ्लॉप झाले. कोरोना महामारीच्या काळात जेव्हा बॉलीवूडचे आणखी चित्रपट बॉक्स ऑफिसवर कोसळत होते, तेव्हा सगळ्यांच्या आशा रणवीर सिंगच्या '83'वर टिकून होत्या, ज्याची गणना बॉलिवूडमधील सर्वात महागड्या चित्रपटांमध्ये केली जाते.

चित्रपटाचे बजेट 'बाहुबली'पेक्षा जास्त आहे. जेव्हा परिस्थिती सामान्य झाली तेव्हा निर्मात्यांनी 24 डिसेंबर 2021 रोजी '83' हा चित्रपट थिएटरमध्ये रिलीज केला. या चित्रपटात रणवीर सिंगच्या अभिनयाचं कौतुक केलं गेलं, पण 270 कोटींच्या बजेटचा चित्रपट बॉक्स ऑफिसवर केवळ 109.2 कोटी कमवू शकला. जास्त कमाईची अपेक्षा असलेला हा चित्रपट बॉक्स ऑफिसवर फ्लॉप झाला.

रणवीर सिंग त्यानंतर 'जयेशभाई जोरदार' या चित्रपटात पुन्हा नव्या भूमिकेत दिसला. या चित्रपटाने मागच्या चित्रपटापेक्षा वाईट कामगिरी केली. 90 कोटींचा चित्रपट बॉक्स ऑफिसवर केवळ 15.59 कोटींची कमाई करू शकला. इथे काहीतरी वेगळं करण्याच्या इच्छेने गेलेला रणवीर सिंग पुन्हा पूर्णपणे फ्लॉप झाला.

गेल्या वर्षी 23 डिसेंबरला रिलीज झालेल्या 'सर्कस'मध्ये रणवीर सिंह पुन्हा दिसला. रोहित शेट्टीसोबत तो 'सिम्बा'सारखा आणखी एक ब्लॉकबस्टर देईल अशी अपेक्षा होती, पण यावेळीही रणवीरचे नशीब त्याच्या विरोधात होते. मीडिया रिपोर्ट्सनुसार, 'सर्कस' हा चित्रपट 150 कोटी रुपयांमध्ये बनवण्यात आला होता, ज्याने बॉक्स ऑफिसवर फक्त 35.65 कोटी रुपयांची कमाई केली होती.

38 वर्षीय रणवीर सिंग आता आलिया भट्ट सोबत आगामी 'रॉकी और रानी की प्रेम कहानी' या चित्रपटात झळकणार आहे. करण जोहर दिग्दर्शित 200 कोटींच्या बजेटचा हा चित्रपट या महिन्यात 28 जुलै रोजी प्रदर्शित होणार आहे. सगळ्यांनाच आता या चित्रपटाकडून खूप अपेक्षा आहेत. सतत फ्लॉप चित्रपट दिल्यानंतर हा सिनेमा हिट ठरणार का हे पाहणं महत्वाचं आहे.


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July 23, 2023

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आपण पण पर्यावर्णचा आनंद आणि महादेवाचा दर्शन ग्यायवा असेल आणि निसर्ग बागायच असेल तर नाकी जहाँ.


 

 

गडचिरोली जिल्हात खूप पर्यटण  थडे आहेत पण या जिल्ह्याच्या सौन्दर्यात आणखी भर घातली आहे ती चामोर्शी तालुक्यातील मुतनूर एक गाव असून तो प्रचालीत झाला आहे. कारण त्या गावाला लागून ठेकड्या आहेत त्या टेकड्या वरून पर्यावरनाचा आनंद घेऊ शकतो आणि  या टेकड्याला महादेवा रूप मानला जातो.

आणि असे मानता कि पहले. त्या गावात एक शेतकरी राहत होता त्याच्या कडे  एक गाय होती ती त्या टेकड्या वर रोज जात होती आणि तेथ  एक शिवलिंग  होता त्या शिवलिंगावर  दूध  देत होती.मनून महादेवाचा  मंदिर  उभारण्यात आला आणि त्या गावचे लोक पूज्जा करायला लागले. आणि त्या गावाला मान्यता प्राप्त झाली  आणि आता दूर दूर चे लोक पूज्जा करायला येतात..

आणि तुम्हला जायच असेल तर चामोर्शी या तालुक्यातील हे ठिकाण तालुक्याच्या पूर्वेस 20 किमी अंतरावर हे ठिकाण आहे आणि गडचिरोली च्या दक्षिणेकडे 50 किमी अंतरावर असलेले हे ठिकाण आहे जिल्ह्यातील पूर्वेकडील उंच व टेकड्यांच्या प्रदेशात येणाऱ्या भागात आहे. पूर्वी फारशी ओळख नसलेल्या ह्या ठिकाणची महती व महानता आज संपुर्ण महाराष्ट्रात व देशात पोहचते आहे, सोबतच विदेशी नागरिकांनी सुद्धा ह्या ठिकाणास भेट दिल्याचे स्थानिकांकडून माहिती मिळाली आहे.

अगदी निसर्गाच्या सानिध्यात जाता जाता निसर्गातुन मान उचलून आपल्याला न्याहाळण्यासाठी येणाऱ्या लोकांकडे पाहतो आहे हा प्रसंग मुतनूर पहाडीच्या जेव्हा आपण जवळजवळ जातो त्यावेळेस वाटत असते. मुतनूर या गावाच्या पायथ्याशी एक पहाडी आहे, जेथे एका पहाडीवरून दुसऱ्या पहाडीवर चालत जावे लागते अशा प्रकारचा हा हिल स्टेशन आहे. 

सुरुवातीस 100 पायऱ्या चढल्या की दुर्गा माता मंदिर, त्यानंतर च्या 100 पायऱ्या चढल्या की भगवान महादेवाचे मंदिर व मूर्ती आणि त्यांनतर मग फक्त दगडी पहाड आणि त्या पहाडावर चढण्यास एक बाजूस पायवाट...जिथून चढताना थरारक  वाटते आणि खूप मज्जा पण येते 

हा दगडी मार्गातील प्रवास पूर्ण करत पहाडीच्या अखेरला जेव्हा आपण पोहचतो तेव्हा तो डोळ्याचे पारणे फेडणारा नजारा पाहताच माणूस गदगद होऊन जातो..! पाहडीच्या शीर्ष स्थानी शिव - पार्वती मंदिर आहे. पाहाडीच्या एका बाजूस छोटीसी पायवाट व दुसऱ्या बाजूस एकदम 90 अंशाच्या अँगल नि सपाट खोल दरी आहे आणि पाहाडीच्या वरून आजूबाजूला पाहिल्यास अनेक लहान मोठे डोंगर दिसतात. चामोर्शी तालुक्याचे दर्शन या टेकडीवरून घेता येईल इतकी उंच आणि ढगात लपलेले डोंगर असा एकंदरीत शीर्ष भागाचा नजारा दिसतो खूप छान वाटतो हा नजारा.. आणि 


मुतनूर आणि जवळच्या पुसेर या भागातील पाहाडीच्या परिसरात खूप  प्रमाणात आणि उच्च दर्जाचे लोहसाठे आहेत असे सांगले जाते. मुतनूर या ठिकाणी गुडीपाडव्याला  खूप मोठी जत्रा भरते. त्या दिवसांत जेवण व इतर कार्यक्रम यांची रेलचेल असते, इतर दिवसात शनिवारी व रविवारी या दिवशी या स्थळास भेटी देणाऱ्यांची गर्दी असते. आणि फिरायला यहा साथी  खूप छान आहे....


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July 22, 2023

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अल्लू अर्जुन ने केला 'पुष्पा 2' चा डायलॉग लीक......


 

सुपरहिट चित्रपट 'पुष्पा' चित्रपटाने प्रेक्षकांना अक्षरशः वेड लावले होते 2021 साली प्रदर्शित झालेल्या 'पुष्पा' (Pushpa The Rise) चित्रपटाने देशभऱ बक्कळ कमाई केली होती.पुष्पा' चित्रपटातील पुष्पा अर्थात अल्लू अर्जुन व श्रीवल्ली अर्थात रश्मिका मंदाना  य़ांची ऑन स्क्रीन कॅमिस्ट्री प्रेक्षकांना खूप भावली होती. चित्रप़टातील स्वामी या गाण्याने आग लावली होती. एंटरटेनमेंटचे फुल पॅकेज असलेला 'पुष्पा' चित्रपटाने करोडो रुपयांचा गल्ला कमावला होता.

चित्रपटाचा पुढील सिक्वेलची म्हणजेच 'पुष्पा 2' (Pushpa 2: The Rule) ची प्रेक्षक आतुरतेने वाट पाहत आहेत. काही महिन्यांपूर्वी 'पुष्पा 2' चे पोस्टर आऊट करण्यात आले. यामध्ये पुष्पाची प्रमुख भूमिका साकारणारा अभिनेता अल्लू अर्जुन  निळ्या रंगाच्या अवतारामध्ये दिसून आला होता. त्याचा हा लूक आऊट झाल्यापासून प्रेक्षकांमध्ये पुष्पा 2 चित्रपटाबाबत उत्सुकता आहे.

आता अभिनेता अल्लू अर्जुनने पुष्पा 2 मधील खास डायलॉग लीक केला असून लोकांसमोर बोलून दाखवला आहे

एका कार्यक्रमा दरम्यान त्याने 'पुष्पा 2' चित्रपटातील दमदार डायलॉग बोलून दाखवला आहे. त्याने म्हणाले की, '(ईदंरा जरिगिंदी औकात रूल मीड़ा जारगुताना दादी, पुष्पा गाड़ी रूल).' याचा मराठीमध्ये असा अर्थ होतो की, ' इथे फक्त एकच रुल चालतो आणि तो म्हणजे पुष्पाचा रुल'. प्रेक्षकांच्या आग्रहामुळे अल्लू अर्जुनने त्यांच्या आगामी चित्रपटातील डायलॉग बोलून दाखवला. मात्र यामुळे पुष्पा 2 चित्रपटातील डाय़लॉग रिव्हिल झाला आहे. त्याची ही व्हिडिओ सोशल मीडियावर तुफान व्हायरल होत आहे...


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July 22, 2023

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पॉलीटेकनिक काय आहे? माहिती नसेल तर माहिती करून घ्या?पॉलीटेकनिक करण्याचे खूप फायदे.


 

 

 

(पॉलीटेकनिक ) :  अभ्यासक्रम हा तांत्रिक शिक्षणाचा एक प्रकार आहे जो विज्ञान आणि अभियांत्रिकी तत्त्वांच्या व्यावहारिक वापरावर लक्ष केंद्रित करतो. हे अभ्यासक्रम विद्यार्थ्यांना उत्पादन, बांधकाम आणि तंत्रज्ञानासह विविध उद्योगांमध्ये काम करण्यासाठी आवश्यक असलेले ज्ञान आणि कौशल्ये प्रदान करण्यासाठी डिझाइन केलेले आहेत.

या कॉलेज  मध्ये विविध शाखा असतात. व या शाखेत विविध ब्रांच असतात. विद्यार्थी या कॉलेज मध्ये आल्या नंतर किंवा शिक्षण पूर्ण करून गेल्या नंतर तो स्वयम रोजगार, नोकरीं सुद्धा करू शकतो.

आजकालच्या या धावपळीच्या युगात (टेकनॉलॉजि ) खूप वाढत आहे  या मुळे विद्याथाना टेकनॉलॉजि ची पुरेपूर माहिती मिळावी. त्या टेकनॉलॉजि चा उपयोग देनंदिन जीवनात किंवा नोकरीं लागल्यानंतर कसा पावर करावा इत्यादी शिकवण या कॉलेज मध्ये दिले जाते.आणि पॉलीटेकनिक हा तांत्रिक शिक्षणाचा एक प्रकार आहे जो विद्यार्थ्यांना विशिष्ट व्यापार किंवा तांत्रिक क्षेत्रात यशस्वी होण्यासाठी आवश्यक असलेली व्यावहारिक कौशल्ये आणि उपयोजित ज्ञान प्रदान करतो. पॉलिटेक्निक शिक्षण हे हाताने शिकण्यावर भर देते आणि विद्यार्थी वर्गातील सूचना, प्रयोगशाळेतील काम आणि व्यावहारिक प्रशिक्षण यांच्या संयोगातून शिकतात. 

जे विद्यार्थ्यांना विशिष्ट व्यापार किंवा तांत्रिक क्षेत्रात विशेष प्रशिक्षण देतात. हे अभ्यासक्रम सामान्यत: व्यावसायिक शाळा, तांत्रिक संस्था आणि समुदाय महाविद्यालयांमध्ये दिले जातात. भारतात, विद्यार्थी 10वी किंवा 12वी पूर्ण केल्यानंतर पॉलिटेक्निक कोर्स करू शकतात. या लेखात आपण बारावीनंतर पॉलिटेक्निक कोर्स कसा करायचा यावर लक्ष केंद्रित करणार आहोत. विविध क्षेत्रात आपलं भविष्य चांगलं घडवू शकतो.विद्यार्थीला या कॉलेज मध्ये प्रवेश घेण्यासाठी 10 कमध्ये 65% पेक्षा जास्त गुण पाहिजेत. प्रवेशासाठी , आणि  विद्यार्थ्यांनी विज्ञान, गणित आणि इंग्रजीमध्ये किमान 50% गुणांसह मान्यताप्राप्त बोर्डातून त्यांचे 12 वी पूर्ण केलेले असावे. काही पॉलिटेक्निक अभ्यासक्रमांमध्ये भौतिकशास्त्र, रसायनशास्त्र किंवा जीवशास्त्र यासारख्या विशिष्ट विषयांची आवश्यकता असू शकते. याव्यतिरिक्त, काही पॉलिटेक्निक अभ्यासक्रमांसाठी विद्यार्थ्यांना प्रवेश परीक्षेसाठी उपस्थित राहण्याची आवश्यकता असू शकते, तर काही गुणवत्तेवर आधारित प्रवेश देऊ शकतात. 


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July 21, 2023

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मोबाईल केल्यात 100% टक्के चार्ज. तर काय होणार नुकसान.


 

 

 या युगा मध्ये मोबाईल फोन चा वापर सगडेच करतात पण बऱ्याचदा आपण किंवा घरातले लोक मोबाईल फोनला 100% टक्के फुल चार्ज करण्यावर भर देतात. त्यांचा असा समज असतो किंवा बॅटरी फुल चार्ज केली की आपल्याला ती जास्त काळ टिकेल. पण सतत १०० % टक्के बॅटरी चार्ज करणं किंवा अति चार्ज करण्याचे तोटे देखील खूप जास्त आहेत आज आपण नेमकं काय होऊ शकतं आणि खरंतर किती टक्के फोन चार्ज करणं योग्य आहे याबद्दल जाणून घेणार आहोत

बरेचदा 100 % टक्के बॅटरी चार्ज होईपर्यंत फोन चार्ज केला जातो. तर बॅटरी १०% टक्क्यांवर उतरल्यावर चार्जिंगला लावला जातो. या दोन्ही सवयी तुमच्या बॅटरीच्या आयुष्यासाठी वाईट आणि घातकच आहेत. त्यामुळे बॅटरीचं आयुष्य कमी होऊ शकतं.

बॅटरीशिवाय फोनचं अस्तित्वच नाही. जर बॅटरी खराब झाली किंवा नसेलच तर फोन चालणार नाही हे तर माहितीच आहे. मग ती बॅटरी आपल्या काही छोट्या चुकांमुळे लवकर खराब होऊ शकते. ती टाळण्यासाठी काय काय करायचं आज आपण जाणून घेणार आहोत.

बॅटरीची काळजी घेणं खूप जास्त आवश्यक असते. यासाठी नेहमी सांगितलं जातं की टीव्ही वॉशिंगमशीनजवळ फोन ठेवू नका. गॅसजवळ फोन ठेवू नका. फोनमध्ये पाणी शिरु देऊ नका त्यामुळे तुमचं नुकसान होऊ शकतं.

बॅटरी चार्ज करण्यााची योग्य पद्धतही त्यांनी सांगितली आहे. फोनचे चार्जिंग 80% ते 90 %टक्के चार्जिंगने बंद केले पाहिजे. बॅटरी 20 %किंवा 30 %टक्क्यांपर्यंत उतरली तर लगेच पुन्हा चार्जिंगला लावलं पाहिजे यामुळे बॅटरी खूप चांगली दीर्घकाळासाठी टिकेल.

स्मार्टफोनचा विचार केला तर तो कितीही वापरला तरी तो कालबाह्य किंवा एक्सपायर होत नाही. वास्तविक स्मार्टफोनची एक्सपायरी डेट नसते. पण अशी काही कारणे आहेत ज्यांमुळे स्मार्टफोन खराब होतो.

स्मार्टफोन काजच्या काळात कोणाकडे नाही? अगदी लहान मुलांपासून ते मोठ्यांपर्यंत सगळेच लोक फोन वापरतात. फोन आपल्या आयुष्याचा अविभाज्य भाग बनला आहे. सगळ्याच कामासाठी आपण त्याच्यावर अवलंबून असतो. मग ते पैसे पाठवायचे असोत, किंवा सकाळी उठण्यासाठी अलार्म लावायचा असो.किंवा सोशल  मीडिया वर टाइम पास करायला . किंवा गेम्स खेडायला   आणि  खूप कामे होतात.


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July 21, 2023

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'गदर 2' ' एक प्रेम कथा' चा 'ट्रेलर' कधी रिलीज होणार? हे( अनिल शर्मा) director यांनी जाहीर केलं?


 

 

 

सनी देओल आणि अमिषा पटेल यांच्या 'गदर 2' या चित्रपटाची जोरदार चर्चा आहे. हा चित्रपट 11 ऑगस्ट रोजी प्रदर्शित होत आहे. नुकतेच या चित्रपटातील खैरियत हे गाणेही प्रदर्शित झाले, ज्याला चांगला प्रतिसाद मिळाला.

काही वेळापूर्वी त्याचा टीझरही रिलीज झाला होता, जो चाहत्यांना आवडला होता. या चित्रपटाबद्दल निर्मात्यांनी जोरदार चर्चा केली आहे. आता चाहते गदर 2 च्या ट्रेलरची आतुरतेने वाट पाहत आहेत. आता ट्रेलर कधी रिलीज होणार हे निर्मात्यांनी जाहीर केले आहे.

सूत्रांनी दिलेल्या माहितीनुसार, येत्या गुरुवारी म्हणजे 27 जुलै रोजी या चित्रपटाचे ट्रेलर लॉन्च होणार. चित्रपट प्रदर्शित होण्याच्या 15 दिवस अगोदर प्रदर्शित करणे चांगले मानले जाते आणि अशा चित्रपटाच्या सिक्वेलच्या प्रमोशनबद्दलची हाईप देखील कायम राहील.

गदर या चित्रपटाने धुमाकूळ घातले होते. आणि हा चित्रपट सर्वात संस्मरणीय चित्रपटांपैकी एक बनला. त्याचे प्रतिष्ठित संवाद, आकर्षक कथानक आणि स्टारकास्टच्या उत्कृष्ट कामगिरीने प्रेक्षकांच्या मनाला भिडले आणि चित्रपटाने त्यांच्या हृदयात एक विशेष स्थान मिळवले. आता, निर्माते गदर 2 द्वारे पुन्हा एकदा प्रेक्षकांची मने जिंकण्यासाठी सज्ज झाले आहेत.

 


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July 21, 2023

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उत्तर प्रदेशातील प्रयागराजमध्ये जन्मलेला अभिनेता. आज सर्वांचा लाडका मानला जातो. माहिती आहे काय तुम्हला?


 

 

 

 

  सर्वांचा लाडका cid इन्स्पेक्टर अभिजित.उत्तर प्रदेशातील प्रयागराजमध्ये जन्मलेला अभिनेता आदित्य श्रीवास्तव (अभिजित )आज (२१ जुलै) त्याचा ६०वा वाढदिवस साजरा करत आहेत. : दया दरवाजा तोड दो...'पासून ते 'कुछ तो गडबड है..'पर्यंत अनेक डायलॉग्समुळे लक्षात राहिलेली मालिका म्हणजे 'सीआयडी'. या मालिकेतील सगळीच पात्र आजही चाहत्यांच्या मनात घर करून राहिली आहेत.

अशाच पैकी एक नाव आहे 'इन्स्पेक्टर अभिजीत' अर्थात अभिनेता आदित्य श्रीवास्तव. 'सीआयडी'मध्ये 'इन्स्पेक्टर अभिजीत' म्हणून भूमिका साकारणारा हा अभिनेता त्यावेळी सगळ्यांचाच लाडका बनला होता. आदित्य श्रीवास्तवने 'सीआयडी' आधी आणि नंतर अनेक चित्रपट मालिकांमध्ये काम केले असले, तरी तो लक्षात राहिला ते 'इन्स्पेक्टर अभिजीत' म्हणूनच...

 टीव्हीवरच नाही. तर आदित्य श्रीवास्तवने हिंदी चित्रपटसृष्टीतही आपली प्रतिभा दाखवली आहे. परंतु, लोक त्याला त्याच्या रिअल लाईफपेक्षा अभिजीतचे रील लाईफ कॅरेक्टर म्हणून चांगले ओळखतात आणि या पात्राच्या नावाने त्याला ओळखतात. सीआयडीमधील इन्स्पेक्टर अभिजीतची व्यक्तिरेखा टीव्हीच्या पडद्यावर जिवंत करणारा आदित्य त्याच्या करिअरच्या सुरुवातीच्या काळात रंगभूमीकडेही वळला होता. त्याने केवळ टीव्हीवरच नाही तर अनेक चित्रपटांतून आपल्या अभिनयाची चुणूक दाखवली आहे.

त्यांच्या चित्रपटांची यादी खूप मोठी आहे. आदित्यने आतापर्यंत 'सत्य', 'गुलाल', 'फाइव्ह', 'कालू' यांसारख्या कल्ट चित्रपटांमध्ये काम केले आहे. आदित्य अगदी सामान्य कुटुंबातून आलेला आहे. त्याचे वडील बँकर होते. तर, आदित्यने अलाहाबाद विद्यापीठातून शिक्षण पूर्ण केले आणि तेथून त्याने थिएटरमध्ये रस घेण्यास सुरुवात केली. आदित्यला हिंदी चित्रपटसृष्टीत पहिला ब्रेक मिळाला तो शेखर कपूरच्या 'बँडिट क्वीन' या चित्रपटातून... आदित्यने बॉलिवूडच्या एका दिग्गज दिग्दर्शकासोबत दमदार पदार्पण केले.

संपूर्ण कारकिर्दीत आदित्यने केवळ अभिनेता म्हणूनच नाही, तर व्हॉईस ओव्हर आर्टिस्ट म्हणूनही काम केले आहे. १९९५ मध्ये मुंबईत आल्यानंतर त्याने टीव्ही जाहिरातींना आपला आवाज दिला. 'सीआयडी' व्यतिरिक्त, आदित्य 'ब्योमकेश बक्षी', 'रिश्ते', 'नया दौर', 'ये शादी नहीं', 'आहट'सारख्या इतर टीव्ही शोमध्ये झळकला होता. 


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July 20, 2023

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तुम्ही सुद्धा चपाती खाताय? तर वेळीच व्हा सावध अन्यथा होऊ शकतो हृदयविकार आणि केंन्सर


 

Sabse fast news

 

(चपाती कशी बनवून खायची )  :  आपण निरोगी राहण्यासाठी एक्सरसाइज, डायट प्लान तयार करत असतो. त्याचबरोबर जेवणामध्ये आपण चपाती खाण्याकडे जास्त लक्ष देतो. चपाती मधून प्रोटीन भेटत असले तरीही जर तुम्ही चुकीच्या पद्धतीने चपाती बनवत असाल तर हे तुमच्या आरोग्यासाठी जास्त हानिकारक आहे.

बऱ्याच ठिकाणी चपाती बनवण्यासाठी पीठ मळल्यानंतर ती तव्यावर टाकली जाते. त्यानंतर ती एका साईडने व्यवस्थित भाजल्यानंतर गॅसच्या फ्लेमवर ठेवून फुललेली चपाती बनवली जाते. परंतु ही पद्धत अत्यंत चुकीची असून याचा घातक परिणाम आपल्या आरोग्यावर पडू शकतो.

पर्यावरण विज्ञान आणि प्रायोगिक जर्नलच्या एका रिसर्च मध्ये उघड झाले आहे की, नॅचरल गॅस स्टोव्ह मधून कार्बन मोनो ऑक्साईड, नायट्रोजन डायऑक्साईड, आणि काही सूक्ष्म कण निघतात. हे सूक्ष्म कण बॉडी साठी अत्यंत घातक असून यातून श्वास घेण्यासाठी त्रास होऊ शकतो यासोबतच हृदयविकार आणि कॅन्सर होण्याची देखील शक्यता असते.

न्यूट्रिशन अँड कॅन्सर जर्नल च्या का रिसर्च मधून उघड झालं होतं की, जास्त फास्ट आचेवर अन्न शिजवल्यामुळे त्यामध्ये कार्सिनोजन्स निर्माण होतात. आणि ते वेगवेगळ्या अवयवांना हानी पोहोचवतात. एलपीजी गॅसवर जेवण बनवणं हे आरोग्य सह पर्यावरणासाठी देखील हानिकारक असून पर्यावरणाचा विचार केल्यास गॅसवर जेवण बनवल्यामुळे पाच पट हवा प्रदूषित होते. त्यामुळे एलपीजी गॅस न वापरता इंडक्शन किंवा विजेवर चालणारी शेगडी वापरल्यास याचा धोका कमी होतो.

तसेच  चपाती  योग्य पदतीने खाणे पण गरजेचे आहे.आपण  चपाती तव्यावरून काढून गरम असतानाच  खातो.. ते शरीरासाठी  चांगलं नाही आहे थोडं वेळ ठेवा नंतर खायचं कारण त्या चपाती मध्ये जे ग्यास असते ते पूर्ण पणे निघून जाईल तेव्हा ती चपाती शरीरासाठी योग्य असते.. 

 


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July 20, 2023

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Breakfast,lunch, dinner time: नास्ता आणि जेवण करण्याची योग्य वेळ कोणती? 80% टक्के लोकांना माहिती नाही?


 

 

 

(नास्ता आणि जेवण करण्याची वेळ ) :  मानवी शरीर  ही एक   यंत्रणाच आहे. शरीराला योग्य आहार  आणि  पोषण न मिळाल्याने   बरेच लोग   गंबीर आजरांना  बळी पडतात. नास्ता  आणि  जेवण   वेळेत न  केल्यास  एनर्जी लेव्हल डाऊन होऊ शकते. साधारण   सकाळी 8-11 या   वेळेत बरेच लोक नास्ता किंवा  जेवण करतात. आणि हिच नास्ता  आणि जेवण करण्याची  योग्य  वेळ आहे  असा अनेकांचा  समजही  आहे . मात्र नास्ता   आणि  जेवणाची   योग्य  वेळ  नेमकी   कोणती 80% लोकांना माहिती  नाही..  चला  तर आज   जाणून  घेऊया.

(नास्ता करण्याची योग्य वेळ ) : जर  तुम्ही सकाळीचा नास्ता सोडला तर रोगप्रतिकारक शक्ती प्रभावित होते आणि रक्तदाब आणि मधुमेहचा धोका वाढू शकतो. म्हणूनच तुमच्या आरोग्यासाठी आणि संतुलित जीवनशेलीसाठी योग्य वेळी नास्ता करणे खूप गरजे चे आहे आणि योग्य वेळी नास्ता न केला  तर खूप मोठी परीक्षणी होऊ शकते

सकाळी योग्य वेळी नास्ता न केल्याने तुमच्या शरीरात अनेक समस्या निर्माण होऊ शकतात. जर तुमच्या शरीराला योग्य वेळी पुरेसी ऊर्जा मिळाली नाही, तर तुम्हाला सकाळपासून च थकवा  आणि अशक्तपणा जाणवू शकतो. यासोबतच, योग्य वेळी नास्ता न केल्याने तुमची भूक वाढू  शकते, ज्यामुळे तुमच्या शरीराचे वजन वाढण्याची शक्यताही वाढू शकते. आणि रक्त दाब कमी होऊ शकते  वेळेवर नास्ता न केल्याने राग वाढू शकते.


(नास्ता करण्याची योग्य वेळ ).. साकळ ला 7 - 9 ही वेळ नास्ता करण्यासाठी योग्य समजली जाते परंतु या कालावधीत तुम्ही नास्ता नाही करू शकाल तर सकाळी 10 वाजण्यापूर्वी करा शस्त्रज्ञाच्या मनन्यानुसार. जर तुम्ही उशिरा उठत असाल तर झोपेतून उठल्यानंतर एक तासात नास्ता करणे ही सवोतम  वेळ आहे.

(जेवण करण्याची योग्य वेळ )  सकाळ ला  11 -12 आणि सायंकाडला 7-8 ही वेळ जेवन करण्यासाठी योग्य समजली जाते. आणि जेवण कस करायचं जेवण चावून खा  कारण जेवढं चावून खाल तेवढं शरीराला लागेल आणि जेवण करताना कुणाशी बोलू  आणि जेवण झाल्यानंतर अन्नाचा पाचन करण्यासाठी आपल्या जाथराला जास्त रक्त पुरवठायची  गरज  असते म्हणून आपलं शरीरच जेवण झाल्यानंतर इतर अव्यवाच्या रक्त पुरवठा  कमी करतो आणि जाठराचा  रक्त पुरवठा  वाढवतो म्हूणन आपल्याला झोप आल्यासारखं वाटतो. जेवण झाल्यानंतर थोडं फिरायला जायचं कारण जेवण झाल्यानंतर झोपलं तर आपल्या शरीराला जेवण लागणार नाही.


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July 20, 2023

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वडिलांच्या इच्छेविरुद्ध जाऊन करियर म्हणून अभिनय क्षेत्राची निवड केली?.


 

 

बॉलिवूडचे ज्येष्ठ अभिनेते नसीरुद्दीन शाह आज (२० जुलै) त्यांचा ७२वा वाढदिवस आहे  नसीरुद्दीन शाह यांचं नाव अशा कलाकारांमध्ये घेतलं जातं, ज्यांनी मोठ्या भूमिकांपासून ते छोट्या भूमिकांपर्यंत आपल्या अभिनयाच्या जोरावर लोकांची मने जिंकली.

उत्तम कला चित्रपटांबरोबरच व्यावसायिक चित्रपटातूनहीही त्यांनी मनोरंजन विश्वात आपला ठसा उमटवला आहे. नसीरुद्दीन यांना बॉलिवूडचा टिपिकल 'हिरो' अशी ओळख कधीच मिळाली नाही. मात्र, आजवर त्यांनी ज्या भूमिका स्वीकारल्या त्या त्यांनी अक्षरशः पडद्यावर जिवंत केल्या.

नसीरुद्दीन शाह यांचा जन्म २० जुलै १९५० रोजी एका नवाब कुटुंबात झाला होता. अलीगढ मुस्लिम विद्यापीठातून पदवी घेतल्यानंतर त्यांनी अभिनयात करिअर करायचे ठरवले होते. मात्र, नसीरुद्दीन यांच्या वडिलांना त्यांचा हा निर्णय अजिबात मान्य नव्हता. पण, वडिलांच्या इच्छेविरुद्ध जात नसिरुद्दीन यांनी करिअर म्हणून अभिनय क्षेत्राची निवड केली. त्यांनी जरी अभिनय क्षेत्र निवडले असले, तरी त्यांच्यासाठी या क्षेत्रात टिकून राहणं हा तसा कठीण भाग होता.

त्याच वेळी कारकिर्दीच्या सुरुवातीच्या टप्प्यात नसीरुद्दीन शाह यांना त्यांच्या साध्या उंचीमुळे सतत नकारांना सामोरे जावे लागले. मात्र, याच दरम्यान त्यांची भेट श्याम बेनेगल यांच्याशी झाली होती. यानंतर त्यांचं नशीबच पालटलं. नसीरच्या आत दडलेला कलाकार श्याम यांनी पाहिला होता. नसीरुद्दीन शाह यांच्या पहिल्या चित्रपटाचे नाव 'निशांत' होते. पण, हा चित्रपट काही विशेष जादू दाखवू शकला नाही. या चित्रपटातून त्यांचे कलागुण मात्र दिसले. यानंतर त्यांनी 'स्पर्श', 'इक्बाल', 'कर्मा' असे उत्कृष्ट चित्रपट दिले. नसीर यांची फिल्मी कारकीर्द केवळ हिंदी सिनेमांपुरती मर्यादित नव्हती, तर त्यांनी इंग्रजी, बंगाली, गुजराती, कन्नड, मल्याळम, मराठी अशा विविध भाषांमध्ये चित्रपट केले आहेत.अभिनेता नसीरुद्दीन शाह यांनी आपल्या आयुष्यातील तब्बल ६० वर्षे चित्रपटसृष्टीला समर्पित केली असून, या काळात त्यांनी १००हून अधिक बॉलिवूडppp चित्रपट केले आहेत. त्यांच्या चित्रपट कारकिर्दीबद्दल बोलायचे, तर ते बॉलिवूडमधील एक अष्टपैलू अभिनेता आहेत. त्यांनी 'त्रिदेव', 'विश्वात्मा', 'जाने भी दो यारों', 'अ व्हेनस डे' आणि 'कर्मा' सारखे समीक्षकांनी आवडलेले चित्रपट केले आहेत. तर, दुसरीकडे 'डर्टी पिक्चर', 'इश्किया' आणि 'मोहरा' सारखे चित्रपट देखील त्यांनी यशस्वी केले.......