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13-07-2024
👉16 से 21 हैप्पीनेस योग शिविर
👉21 को पौधारोपण,सुदर्शन क्रिया
👉22 को सुमेरू भजन सँध्या के साथ होगा आयोजन
आर्ट आँफ लिविंग जिला समन्वयक ऋितु मोहारे ने बताया कि 11 जुलाई को आर्ट आँफ लिविंग स्वयंसेवकों द्वारा स्थानीय एक होटल के हाँल में योग,प्राणायाम व सुदर्शन क्रिया करने के पश्चात आने वाली 21 जुलाई को गुरूपूर्णिमा महोत्सव की तैयारियों को लेकर चर्चा की गई जिसमें सर्वसम्मति से निर्णय लिया गया कि गुरूपूर्णिमा के अवसर पर आर्ट आॅफ लिविंग द्वारा प्रत्येक वर्षानुसार इस दिन को हरियाली महोत्सव के साथ ही सेवा-साधना-सत्संग के साथ मनाया जायेगा,वहीं 21 जुलाई को सुबह06:30 बजे से सर्वप्रथम स्टेडियम कराटे हाँल में विश्व विख्यात सुदर्शन क्रिया के पश्चात व्रहदस्तर पर पौधारोपण मोती तालाब की पार के आस-पास किया जायेगा । साथ ही यह दिन गुरूजनों की अराधना का विशेष पर्व होता है जिसको महोत्सव के रूप में मनाने के लिये दि. 22 जुलाई दिन सोमवार को रात्री 08 बजे से स्थानीय शीतल पैलेस होटल सभागार में सुमधुर भजन-सँध्या का आयोजन बैंगलोर से आ रहे अन्तर्राष्ट्रीय भजन गायक रोहित श्रीधर द्वारा सुमधुर भजनों की प्रस्तुति दी जायेगी , जिसके बाद महाप्रसाद का वितरण भी किया जावेगा जिसमें सभी आमजनों से उपस्थिति की अपील आर्ट आँफ लिविंग स्वयंसेवकों ने की है , जिस तरह हम गुरू की शरण में शिक्षा ग्रहण कर एक परिपक्त्व इंसान बनते हैं, उसी तरह हम प्रकृति की शरण में रहकर अपने जीवन को सुरक्षित व आनंदमय बनाते हैं, लेकिन सोचो जब गुरू ही नहीं रहता तो इंसान मार्ग विहिन होता चला जाता, ठीक वैसे ही प्रकृति ही नहीं रहेगी तो मानव जीवन कहां सुरक्षित है, अभी भी वक्त है, हम सब प्रकृति के प्रति सजग रहकर उसे इतना हरा-भरा बनाये कि वर्तमान में जिस तरह का पर्यावरण में असन्तुलन का परिद्रश्य पूरी दुनिया में देखने मिल रहा है, उसे संतुलित कर सके।
इन्हीं सब बातों को लेकर आर्ट आॅफ लिविंग संस्था द्वारा व्रक्षारोपण कर उनके संरक्षण का संकल्प लिया जायेगा,साथ ही इस व्रक्षारोपण अभियान को सभी स्वयं सेवी संस्था, शैक्षणिक, धार्मिक, व्यापारिक सहित अनेक संगठनों के साथ करेंगे,वहीं इस पौधारोपण अभियान में नगर पालिका परिषद बालाघाट का सहयोग से प्रतिवर्षानुसार मिलने वाले सहयोग के लिये करने हेतु आर्ट आँफ लिविंग के स्वयंसेवक मिलकर चर्चा करेंगे,जिससे निश्चित ही जिले को हरा-भरा बनाने में कारगार कदम सिद्ध होगा, गुरूपूर्णिमा पर होगा हैप्पीनेस योग शिविर-: गुरूपूर्णिमा के पावन अवसर पर ही 16 से 21 जुलाई तक सुदर्शन क्रिया,प्राणायाम,ध्यान व आसन सीखाने के लिये हैप्पीनेस योग शिविर का आयोजन योग-आसन,प्राणायाम व विश्व विख्यात सुदर्शन क्रिया सीखाने प्रशिक्षक अरविन्द बालपाण्डेजी के सानिध्य में किया जा रहा है जिस शिविर में गुरूदेव श्री श्री रविशंकरजी के द्वारा उध्द्रत सिखाई जाने वाली सुंदर्शन क्रिया के अनेक लाभ होते हैं वही अनेक वैश्विक संस्थानों के द्वारा सुदर्शन क्रिया पर किये गये शोध में इसके अनेक सकारात्मक परिणाम सामने आये हैं शोध परिणाम में पाए गए सुदर्शन क्रिया के लाभ-: तनाव के समय उत्सर्जित होने वाला हार्मोन को कम करता है,रक्त में लैकटेट एसिड का स्तर कम होता है।हानिकारक कोलेस्ट्रॉल(एल.डी.एल)कम होता है और लाभकारी कोलेस्ट्रॉल(एच.डी.एल) बढ़ता है।मस्तिष्क को तनाव रहित करने वाला हार्मोन बढ़ता है।
एन्टीसैप्टिक आँक्सीडेन्ट इससे बढ़ते हैं जिससे हमारे शरीर की रोग प्रतिरोधक क्षमता बढ़ती है।वहीं इससे तनाव रहित शांत मन,स्वस्थ शरीर एवं भरपूर स्फूर्ति,जीवन में आनंद एवं उत्साह,आत्मिक खोज एवं आध्यात्मिक उन्नति,चिंताओं, उत्तेजनाओं एवं अवसाद से मुक्ति बेहतर भावनात्मक एवं मानवीय संबंध,बेहतर शरीरिक क्षमता,बेहतर एकाग्रता,क्रोध पर नियंत्रण के साथ ही नींद में सुधार ठीक उसी प्रकार सुदर्शन क्रिया हमें तनाव मुक्त कर हमारे अंदर उत्साह का संचार करती है। इस क्रिया के फलस्वरूप हम अपने लक्ष्य पर केंद्रित रखकर जीवन का सफलतापूर्वक आंनद ले सकते हैं। जैसी बातों का लाभ सुदर्शन क्रिया करने से होता है| जिस शिविर में 18 वर्ष से अधिक आयु वर्ग के सभी युवा पुरूष महिला व बुजुर्ग शामिल हो सकते हैं | आर्ट ऑफ लिविंग जीवन जीने की कला शिविर आर्ट ऑफ लिविंग के संस्थापक और इंटरनेशनल एसोसिएशन फॉर ह्यूमन वैल्यूज़ के प्रणेता श्री श्री रविशंकर जी के मानवीय मूल्यों और विश्व शांति को सेवा परियोजनाओं के द्वारा प्रोत्साहित कर रहे हैं। श्री श्री को उनके कार्यों के लिए कई पुरुस्कारों से सम्मानित भी किया गया है।
विश्वविख्यात आध्यात्मिक एवं मानवतावादी गुरु श्री रवि शंकरजी ने विश्व को एक अद्भुत श्वास प्रक्रिया सुदर्शन क्रिया से परिचित कराया है। इसके अभ्यास से तनाव रहित मन और स्वस्थ शरीर प्राप्त होता है तथा जीवन शारीरिक, मानसिक व भावनात्मक रूप से विकसित होता है। सुदर्शन क्रिया से पूरे विश्व में करोड़ों लोग लाभान्वित हुए हैं। सुदर्शन क्रिया क्या है? जिस प्रकार कुछ शब्दों को सुरों में पिरो दिया जाए तो एक मधुर गीत बन जाता है, ठीक उसी प्रकार सुदर्शन क्रिया में सांसो को एक ऐसी धुन में पिरोया गया है जो कि हमारे शरीर, दिमाग व विचारों, को प्रकृति के साथ एक लय में ले आता है। जिस प्रकार मधुर संगीत हमें थकान, तनाव एवं नकारात्म विचार जैसे कि कुंठा, गुस्सा, ग्लानि आदि से मुक्ति दिलाकर मन को प्रसन्न करता है, ठीक उसी प्रकार सुदर्शन क्रिया हमें तनाव मुक्त कर हमारे अंदर उत्साह का संचार करती है। इस क्रिया के फलस्वरूप हम अपने लक्ष्य पर केंद्रित रखकर जीवन का सफलतापूर्वक आंनद ले सकते हैं।
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