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11-07-2024
10 वें बच्चे को जन्म देने वाली प्रसूता को प्रदाय की जरूरी सामग्री
बालाघाट। जिले के मोहगांव नगरपालिका के वार्ड क्रमांक 01 करहू बैगाटोला मोहगांव निवासी जुगती बाई ने जिला अस्पताल में अपने दसवें बच्चे को जन्म दिया। मुश्किल हालातो में सीजेरियन से दसवें बच्चे को जन्म देने वाली जुगतीबाई के साथ केवल, उसकी 9 वर्षीय मासुम बेटी है। ऐसी हालत में प्रसूता महिला के लिए आवश्यक खानपान, नवजात शिशु के दूध, कपड़े और अन्य सामग्री की आवश्यकता की जानकारी होने पर रोटरी क्लब ऑफ वैनगंगा के अध्यक्ष रोटे. अखिल वैद्य और साथियों ने जिला चिकित्सालय पहुंचकर महिला को जरूरी सामग्री प्रदान की। गौरतलब हो कि आदिवासी महिला 35 वर्षीय जुगतीबाई ने 08 जुलाई की रात सीजेरियन ऑपरेशन से दसवें बालक शिशु का जन्म दिया है। जिस वक्त महिला जुगतीबाई को जिले के बिरसा स्वास्थ्य केन्द्र से बच्चे का हाथ निकल जाने की गंभीर हालत में रिफर किया गया था। उसके जिला सीजेरियन ऑपरेशन काफी क्रिटिकल था। ऐसी परिस्थिति में चिकित्सक के पास उसकी बच्चेदानी निकालकर ही ऑपरेशन संभव था, जिसमें अत्यधिक रक्तस्राव होने की गुंजाईश थी और महिला और बच्चे के जीवन को नुकसान भी पहुंच सकता था, लेकिन चिकित्सक डॉ. अर्चना लिल्हारे और सहयोगी स्टॉप ने पूरे जतन के साथ सीजेरियन से ना केवल उसकी सुरक्षित डिलेवरी कराई बल्कि महिला के बच्चेदानी को भी निकालने की जरूरत नहीं पड़ी। डॉ. अर्चना लिल्हारे की मानें तो मां और बेटे दोनो सुरक्षित है।
अति गरीब है परिवार आशा कार्यकर्ता रेखा कटरे की मानें तो महिला जुगतीबाई पति अकलुसिंह मरावी, 35 वर्ष, मोहगांव नगरपालिका के वार्ड क्रमांक 01 करहू मोहगांव निवासी है, जिसे प्रसव पीड़ा होने पर बिरसा अस्पताल लेकर गए थे। जहां गर्भ के बच्चे का हाथ बाहर आ जाने के कारण उसे सीजेरियन प्रसव के लिए जिला चिकित्सालय लेकर आए। यहां ऑपरेशन ने उसने बेटे को जन्म दिया है। यह उसका दसवां बेटा है। जिसमें पहले जन्मे तीन बच्चो की मौत हो गई। आशा कार्यकर्ता रेखा कटरे ने बताया कि परिवार में पति बाहर कमाने गया है, परिवार की हालत बहुत खराब है, अस्पताल से छुट्टी के बाद महिला के लिए रहने के कोई ठौर ठिकाना भी नहीं है, अभी 06 बच्चों को पड़ोस वाले के यहां रखकर आए है। जानकारी में पता चला कि महिला के पास शासन का किसी भी प्रकार कोई ऐसा प्रमाणिक दस्तावेज नहीं है। जिससे उस परिवार को योजना का लाभ मिल सके। फिलहाल सीजेरियन के बाद, महिला को विशेष देखरेख में रखा गया है।
रोटरी क्लब ऑफ वैनगंगा ने की मदद जिले की सामाजिक संस्था रोटरी क्लब ऑफ वैनगंगा अध्यक्ष अखिल वैद्य ने बताया कि अस्पताल से जानकारी मिलने के बाद क्लब सदस्यो निलेश पटेल, अर्चित नेमा और भूपिन्दरसिंघ के साथ महिला के लिए फल, मां के साथ अस्पताल पहुंची बालिका के कपड़े, नवजात बच्चे के लिए दूध का डब्बा और अन्य खाद्य सामग्री लेकर जाकर दी है। अध्यक्ष अखिल वैद्य ने बताया कि अस्पताल से महिला की जानकारी के बाद वे यहां पहुंचे थे। जिसके बारे में और जानकारी मिलने पर हमने प्रण किए है, महिला के शासकीय दस्तावेज बनवाने से लेकर उसे शासन की मदद दिलाने तक हरसंभव प्रयास करेंगे।
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