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HealthUpdate

Sept. 21, 2023

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Delicious Butter Chicken Recipe in Hindi : स्वादिष्ट मक्खन चिकन


सूची (Table of Contents)

1. परिचय (Introduction)

2. सामग्री (Ingredients) - Butter Chicken Recipe

3. स्वादिष्ट मक्खन चिकन बनाने की विधि - Delicious Butter Chicken Recipe

4. निष्कर्षण (Conclusion)

5. अक्सर पूछे जाने वाले प्रश्न (FAQs)

परिचय (Introduction)

बटर चिकन बनाने की विधि जानने से पहले आइए बटर चिकन पृष्ठभूमि के बारे में देखें, बटर चिकन एक पंजाबी व्यंजन है जो अपनी स्वादिष्ट और मलाईदार ग्रेवी के लिए प्रसिद्ध है। इस व्यंजन का स्वाद इसके मक्खन से समृद्ध है जो चिकन के टुकड़ों को बेहद स्वादिष्ट बनाता है। बटर चिकन बनाने के लिए चिकन को दही में भिगोया जाता है, मसालों के साथ भूना जाता है और फिर मक्खन जैसी टमाटर की ग्रेवी में पकाया जाता है।

इस डिश का स्वाद हर किसी का मन मोह लेता है और इसे घर पर बनाना भी बहुत आसान है. नान, रोटी या चावल के साथ इसका स्वाद बहुत अच्छा लगता है. बटर चिकन एक विशेष भोजन अनुभव है जिसे आप अपने परिवार और दोस्तों के साथ साझा कर सकते हैं और यहां इसकी रेसिपी दी गई है, जिससे आप घर पर इस स्वादिष्ट व्यंजन का आनंद ले सकते हैं।

सामग्री (Ingredients) - Butter Chicken Recipe

1. 500 ग्राम मुर्ग (बोनलेस, कटा हुआ)

2. 1 कप दही

3. 2 बड़े चम्मच तेल

4. 1 छोटा चम्मच लौंग (कढ़ाई दही खाने का स्वाद आनुसार)

5. 1 छोटा चम्मच हल्दी पाउडर

6. 1 छोटा चम्मच लाल मिर्च पाउडर

7. 1 छोटा चम्मच धनिया पाउडर

8. 1 छोटा चम्मच गरम मसाला

9. 1 बड़ा चम्मच इमली का रस

10. 1 बड़ा चम्मच मिर्ची सॉस

11. 1/2 कप बटर

12. 1/2 कप प्याज (कटा हुआ)

13. 1/2 कप टमाटर (कटा हुआ)

14. नमक स्वाद अनुसार

 स्वादिष्ट मक्खन चिकन बनाने की विधि - Delicious Butter Chicken Recipe

1. सबसे पहले, चिकन को धोकर सुखालें और उसे मुर्गा के पिस्ते में काट लें।

2. एक कढ़ाई में मक्खन को गरम करें और उसमें कढ़ाई में तेल डालें।

3. अब इसमें कद्दूकस किए हुए प्याज डालें और उन्हें सुनहरा होने तक भूनें।

4. अब इसमें अदरक-लहसुन का पेस्ट डालें और उसे अच्छी तरह से मिला दें।

5. अब टमाटर, लाल मिर्च पाउडर, हल्दी पाउडर, धनिया पाउडर, गरम मसाला और नमक डालें।     सबको अच्छी तरह से मिला दें और टमाटर गलने तक पकाएं।

6. इसके बाद, क्रीम और दही को मिलाकर मिश्रित करें और इसे टमाटर मिश्रण में डालें।

7. अब इसमें कटा हुआ चिकन डालें और उसे धीमी आंच पर पकाएं, जब तक चिकन पूरी तरह से पक जाए।

8. आपका स्वादिष्ट बटर चिकन तैयार है! इसे हॉट सर्व करें और साथ में नान या चावल के साथ परोसें।

आप इसे अपने परिवार और दोस्तों के साथ खुशियों से साझा कर सकते हैं। यह स्वादिष्ट रेसिपी हमेशा खासियत बनती है।

निष्कर्षण (Conclusion)

हमारे लिए बटर चिकन रेसिपी सिर्फ एक भोजन नहीं बल्कि एक स्वादिष्ट अनुभव का प्रतीक है। इस व्यंजन में, चिकन के टुकड़ों को मक्खन जैसी चटनी में गर्म और मसालेदार स्वाद के साथ गर्म किया जाता है, जिससे एक स्वर्गीय भोजन बनता है। इसका सुंदर रंग और आकर्षक स्वाद आपकी स्वाद कलिकाओं को उत्कृष्ट आकर्षण प्रदान करता है।

इस आसान और स्वादिष्ट बटर चिकन रेसिपी को आप खास मौकों पर या किसी भी समय बना सकते हैं. इसे नान, चावल या रोटी के साथ परोसने से यह खासी विरासत बन जाती है।

इसका स्वाद इतना अनोखा है कि यह भारतीय रसोइयों के बाजारों से भी आगे निकल जाता है और पूरी दुनिया में पसंद किया जाता है। तो अब जब आपके पास बटर चिकन की रेसिपी है, तो इसे अपने परिवार और दोस्तों के साथ बटर के बिना काटकर खूबसुरत और स्वादिष्ट भोजन का आनंद लें।

अक्सर पूछे जाने वाले प्रश्न (FAQs)

1. बटर चिकन क्या है?

बटर चिकन एक पॉपुलर भारतीय व्यंजन है जिसमें मुर्ग के टुकड़े एक दिवाने स्पाइसी टोमैटो बटर सॉस में पकाए जाते हैं। इसमें बटर, मक्खन, दही, और विभिन्न मसाले शामिल होते हैं, जिससे यह एक स्वादिष्ट और क्रीमी डिश बनती है।

2. बटर चिकन को कैसे बनाते हैं?

बटर चिकन बनाने के लिए सबसे पहले मुर्ग के टुकड़े को मसालों और दही में मरिनेट करें। फिर उन्हें तंदूर में या ऑवन में पकाएं या फ्राई करें। इसके बाद, टमाटर, मलाई, और मसालों से बनी सॉस में पकाएं और बटर से सजाकर परोसें।

3. बटर चिकन के साथ क्या परोसा जा सकता है?

बटर चिकन को चावल, नान, या रोटी के साथ परोसा जा सकता है। यह बने चावल के साथ खासी अच्छा जाता है और नान के साथ भी बहुत ही स्वादिष्ट होता है।

4. क्या बटर चिकन को वीजन रूप में बनाया जा सकता है?

हां, आप बटर चिकन को वीजन रूप में बना सकते हैं। मुर्ग के स्थान पर आप टोफू या सोया चंक्स का उपयोग कर सकते हैं और दही और मलाई के स्थान पर नारियल दूध या कोकोनट क्रीम का उपयोग कर सकते हैं।

5. बटर चिकन को कितने समय तक रखा जा सकता है?

बटर चिकन को फ्रिज में 2-3 दिनों तक रखा जा सकता है, और इसे फिर गरम करके परोसा जा सकता है। लेकिन सबसे अच्छा यह होता है कि आप इसे ताजा तैयार करें ताकि इसका स्वाद बेहतर हो।


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HealthUpdate

Sept. 19, 2023

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PM Kisan Samman Nidhi Yojna : भारत के किसानों के लिए एक आर्थिक सहारा


सूची (Table of Contents)

1.परिचय (Introduction)
2.PM Kisan Samman Nidhi Yojna क्या है?
3.योजना के फायदे 
4.कौन-कौन से लोग लाभ ले सकते है? 
5.कैसे आवेदन करें? 
6.योजना के अंतर्गत कितना पैसा दिया जाता है?
7.किसानों का पंजीकरण कैसे किया जा सकता है?
8.योजना के लाभार्थियों को कितने वर्षों तक सहायता मिलेगी?
9.क्या PM Kisan Samman Nidhi Yojana में कोई नया बदलाव हुआ है?
10.PM Kisan Samman Nidhi Yojna के बगैर किसान की आर्थिक स्थिति कैसे थी?
11.योजना के अंतर्गत कितने किसान शामिल हैं?
12.क्या PM Kisan Samman Nidhi Yojna बच्चों को लाभ पहुंचाती है?
13.निष्कर्षण (Conclusion)
14.पूछे जाने वाले प्रश्न ( FAQ )

    

परिचय (Introduction)

प्रधानमंत्री किसान सम्मान निधि योजना (PM Kisan Samman Nidhi Yojna) भारत के किसानों के लिए एक महत्वपूर्ण योजना है, जो उन्हें वित्तीय सहायता प्रदान करती है। इस लेख में हम इस योजना के बारे में विस्तार से जानेंगे, जिसमें हम प्रधानमंत्री किसान सम्मान निधि योजना की महत्वपूर्ण जानकारी समझेंगे कि यह किसानों के लिए कितना बड़ा सहारा है।

PM Kisan Samman Nidhi Yojna क्या है?

प्रधानमंत्री किसान सम्मान निधि योजना, जिसे PM Kisan Samman Nidhi Yojna के नाम से जाना जाता है, भारत सरकार द्वारा शुरू की गई एक योजना है जो किसानों को वित्तीय सहायता प्रदान करती है। इसका मुख्य उद्देश्य भारतीय किसानों की आर्थिक स्थिति को मजबूत करना है।

योजना के फायदे (Benefits of the Scheme)

1. PM Kisan Samman Nidhi Yojna का लाभ किसानों को सीधे नकद रूप में प्रदान किया जाता है, ताकि वे अधिक खेती कर सकें।

2. PM Kisan Samman Nidhi Yojna के अंतर्गत पात्र किसानों को हर साल 3 बार 2000 रुपये की सहायता मिलती है।

3. उनकी आर्थिक स्थिति को सुधारना।

4. अन्य सरकारी योजनाओं के अंतर्गत उन्हें लाभ पहुंचाना, जैसे कि बीमा और कर्ज माफी का लाभ भी मिलता है, जिससे वे अप्रत्याशित आपदा से सुरक्षित रह सकें.

5. किसानों के बीच आर्थिक समानता बनाना।

कौन-कौन से लोग लाभ ले सकते है? ( Who can avail the benefits? ) 

1. किसान को भारतीय नागरिक होना चाहिए।

2. किसान को कृषि से संबंधित होना चाहिए।

3. किसान का आधिकारिक किसान पंजीकरण होना चाहिए।

कैसे आवेदन करें? (How to Apply?)

1. ऑनलाइन पोर्टल पर जाएं और आवेदन पत्र भरें।

2. आवेदन पत्र में आवश्यक जानकारी और दस्तावेज जमा करें।

3. आवेदन की स्थिति ऑनलाइन ट्रैक करें।

 योजना के अंतर्गत कितना पैसा दिया जाता है?

PM Kisan Samman Nidhi Yojna के अंतर्गत पात्र किसानों को हर साल 3 बार 2000 रुपये की सहायता प्रदान की जाती है। यह पैसा सीधे किसानों के खाते में जमा किया जाता है ताकि वे इसका उपयोग अपनी कृषि और जीवन की आर्थिक जरूरतों के लिए कर सकें।

किसानों का पंजीकरण कैसे किया जा सकता है?(How can farmers be registered?)

PM Kisan Samman Nidhi Yojna के लिए आवेदन करने के बाद उनका पंजीकरण ऑनलाइन किया जाता है। इसके लिए किसान को जरूरी दस्तावेज और जानकारी देनी होती है और उसकी जानकारी सरकारी रिकॉर्ड में अपडेट की जाती है।

योजना के लाभार्थियों को कितने वर्षों तक सहायता मिलेगी?

किसानों के लिए PM Kisan Samman Nidhi Yojna के तहत सहायता जारी रहेगी, यह खत्म नहीं होगी। किसान की आर्थिक स्थिति के अनुसार सहायता जारी रहेगी तथा उसके अधिकार के अनुसार वितरित की जायेगी।

क्या PM Kisan Samman Nidhi Yojana में कोई नया बदलाव हुआ है?

हाल के समय में PM Kisan Samman Nidhi Yojna में कुछ महत्वपूर्ण बदलाव किए गए हैं। यह बदलाव किसानों के लिए और भी अधिक लाभकारी हुए हैं, और उन्हें अधिक आर्थिक सहायता मिलने की संभावना है।

PM Kisan Samman Nidhi Yojna के बगैर किसान की आर्थिक स्थिति कैसे थी?

PM Kisan Samman Nidhi Yojna से पहले किसानों की आर्थिक स्थिति कठिन थी। वे अपनी कमाई में सुधार करने में सक्षम नहीं थे और उन्हें वित्तीय सहायता की आवश्यकता थी।

योजना के अंतर्गत कितने किसान शामिल हैं?

PM Kisan Samman Nidhi Yojna के अंतर्गत लाखों किसान शामिल हैं, यह योजना पूरे देश में लागू है और इसका उद्देश्य हर गरीब किसान को सहायता प्रदान करना है।

क्या PM Kisan Samman Nidhi Yojna बच्चों को लाभ पहुंचाती है?

PM Kisan Samman Nidhi Yojna का पूरा लाभ किसानों को प्रदान किया जाता है, और इसमें बच्चों सहित उनके परिवार के सभी सदस्य शामिल होते हैं। इसका मतलब यह है कि किसानों के बच्चे भी योजना के तहत वित्तीय सहायता प्राप्त कर सकते हैं।

निष्कर्षण (Conclusion)

PM Kisan Samman Nidhi Yojna भारतीय किसानों के लिए एक महत्वपूर्ण योजना है जो उन्हें वित्तीय सहायता प्रदान करती है और उनकी आर्थिक स्थिति को मजबूत करने में मदद करती है। यह योजना न सिर्फ किसानों के लिए बल्कि पूरे देश के आर्थिक विकास में अहम भूमिका निभाती है।

पूछे जाने वाले प्रश्न (Frequently Asked Questions)

क्या PM Kisan Samman Nidhi Yojna केवल गरीब किसानों के लिए है?

नहीं, PM Kisan Samman Nidhi Yojna सभी किसानों के लिए है, चाहे वे गरीब हों या अमीर। इसका मुख्य उद्देश्य सभी किसानों को वित्तीय सहायता प्रदान करना है।

2. कितने समय तक योजना का लाभ प्राप्त किया जा सकता है?

PM Kisan Samman Nidhi Yojna के तहत सहायता किसान की आर्थिक स्थिति के अनुसार जारी रहेगी, यह समाप्त नहीं होगी।

3. कैसे PM Kisan Samman Nidhi Yojna के अंतर्गत पंजीकरण किया जा सकता है?

PM Kisan Samman Nidhi Yojna के लिए आवेदन कर रजिस्ट्रेशन करा सकते हैं, जिसके बाद उनकी जानकारी सरकारी रिकॉर्ड में अपडेट हो जाती है।

4. क्या यह योजना सभी राज्यों में लागू है?

हां, PM Kisan Samman Nidhi Yojna सभी भारतीय राज्यों में लागू है।

5. कितने पैसे PM Kisan Samman Nidhi Yojna के तहत प्रदान किए जाते हैं?

PM Kisan Samman Nidhi Yojna के तहत पात्र किसानों को हर साल 3 बार 2000 रुपये की सहायता प्रदान की जाती है।


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HealthUpdate

Sept. 7, 2023

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जानिए किडनी डैमेज होने के ६ भयानक लक्षण कोनसे है ....


1.सुस्ती और थकान :- 

किडनी खराब होने के सामान्य लक्षणों में से एक है सुस्ती और थकान। किडनी का मुख्य कार्य शरीर से विषाक्त पदार्थों को बाहर निकालना और उपयोगी पदार्थों को शरीर में लौटाना है। यदि किडनी स्वस्थ नहीं है, तो शरीर में विषाक्त पदार्थों का निर्माण होता है, जिससे सुस्ती और थकान महसूस हो सकती है।

किडनी खराब होने के अन्य संभावित लक्षणों में पेशाब में बदलाव, पीठ दर्द, मौखिक समस्याएं, उल्टी, चक्कर आना, पेट में परेशानी, उम्र बढ़ने के लक्षण और उल्टी और पेट में परेशानी शामिल हैं।

यदि कोई वायरस आपकी किडनी को नुकसान पहुंचाता है और किडनी में प्रोटीन तैरता है तो आपको कमजोरी और थकान हो सकती है।किडनी खराब होने पर थकान और कमजोरी महसूस हो सकती है, जिसका असर आपकी दिनचर्या पर पड़ सकता है।

किडनी की समस्याओं के लक्षणों को नजरअंदाज नहीं किया जाना चाहिए और यदि आपको इनमें से कोई भी लक्षण महसूस हो तो आपको अपने डॉक्टर से सलाह लेना चाहिए। समय पर उपचार और जाँच किडनी के स्वास्थ्य को बनाए रखने में महत्वपूर्ण हो सकते हैं।

2.चक्कर के साथ अस्थिरता :-

अस्थिरता या चक्कर आने का यह लक्षण किडनी की हानि से जुड़ा हो सकता है। ऐसा तब होता है जब किसी व्यक्ति को बाहर निकलते समय, उठते समय या अचानक स्थिति बदलते समय चक्कर आने जैसा एहसास होता है। इसके साथ ही व्यक्ति को अस्थिरता का एहसास हो सकता है, जिसके कारण उसे गिरने का डर भी महसूस हो सकता है।

किडनी डैमेज के मामूली लक्षणों में चक्कर आना और अस्थिरता की भावना हो सकती है। यह विशेषकर तब होता है जब व्यक्ति तेजी से उठता है या बाथरूम जाने के लिए खड़ा होता है।

चक्कर के साथ अस्थिरता कई कारणों से हो सकती है, जैसे कि खून की कमी, किडनी स्टोन्स, या किडनी समस्याओं के चलते आने वाली असमान्य इलाज की वजह से।

अगर आपको बार-बार चक्कर आ रहे हैं और अस्थिरता महसूस हो रही है तो आपको डॉक्टर से सलाह लेनी चाहिए। वह आपकी पूरी जांच करेगा और सही निदान और उपचार प्रदान करेगा।

3.पेट में तकलीफ :-

पेट में परेशानी या पेट की समस्याएं किडनी खराब होने के लक्षणों में से एक हो सकती हैं। यह असुविधा आपके पेट के किसी भी हिस्से में महसूस की जा सकती है, और यह आमतौर पर तेज या दर्दनाक होती है।

किडनी खराब होने के कारण पेट में परेशानी होने का एक मुख्य कारण यह है कि, किडनी फिल्टरेशन का काम ठीक से नहीं कर पाती है, जिसके कारण शरीर में वायरस और विषाक्त पदार्थ अधिक मात्रा में रह सकते हैं। परिणामस्वरूप, शरीर में वायरस की अधिकता पेट में परेशानी पैदा कर सकती है और आपके पेट, पेट के निचले हिस्से या दोनों को प्रभावित कर सकती है।

पेट की परेशानी के अलावा, किडनी डैमेज से जुड़े अन्य साइड इफेक्ट्स भी हो सकते हैं, जैसे अनियमित उल्टी, सूजन, या पेट में दर्द महसूस होना।

यदि आपको पेट में परेशानी है और आपको लगता है कि यह किडनी की समस्याओं का संकेत हो सकता है, तो आपको तुरंत अपने डॉक्टर से संपर्क करना चाहिए। 

4. हाथों और पैरों में सूजन :-

किडनी डैमेज के लक्षणों में से एक हाथ और पैरों की सूजन हो सकती है, जिसे उत्तेजना और पानी भरने की स्थिति के रूप में भी जाना जाता है।

किडनी का मुख्य कार्य शरीर से वायरस और अतिरिक्त द्रव पदार्थ को बाहर निकालना है। यदि किसी कारण से किडनी इस कार्य को ठीक से करने में असमर्थ हो जाती है, तो शरीर में वायरस और पानी जमा हो सकते हैं, जिसके परिणामस्वरूप हाथों और पैरों में सूजन हो सकती है।

यह सूजन आमतौर पर हाथों, पैरों, आंखों के नीचे और चेहरे के आसपास दिखाई देती है। इसके अतिरिक्त, आपके लक्षणों की गंभीरता इस बात पर निर्भर हो सकती है कि सूजन कितनी है और यह कितने समय तक रहती है।

हाथों और पैरों में सूजन को नजरअंदाज नहीं करना चाहिए, क्योंकि यह किडनी की समस्या का संकेत हो सकता है और इस पर ध्यान देना जरूरी हो सकता है।

5. उल्टी आना :-

किडनी खराब होने के लक्षणों में से एक उल्टी हो सकती है, जिसे उल्टी भी कहा जाता है।

उल्टी किडनी की कमजोरी और उसके कार्य में बदलाव का परिणाम हो सकती है, क्योंकि किडनी विषाणुओं और अतिरिक्त तत्वों को शरीर से बाहर निकालने में मदद करती है।

इसके अलावा, किडनी खराब होने से वायरस और बैक्टीरिया के अत्यधिक संचय के कारण भी उल्टी हो सकती है।

अगर आपको बार-बार उल्टियां आ रही हैं और इसके साथ ही किडनी से जुड़े लक्षण भी दिखाई देने लगें तो आपको तुरंत डॉक्टर से सलाह लेनी चाहिए। यह आपकी स्थिति का निदान करने और उचित उपचार का सुझाव देने में मदद कर सकता है।

6. त्वचा की समस्या :-

किडनी खराब होने के लक्षणों में से एक त्वचा संबंधी समस्याएं हो सकती हैं, जिसमें त्वचा का कुछ रंग खराब होना, खुजली, सूखापन या काले धब्बे या पैच, खासकर हड्डियों के नीचे हो सकते हैं।

किडनी का मुख्य कार्य शरीर से अपशिष्ट उत्पादों और वायरस को बाहर निकालना है, जिसमें विषाक्त पदार्थ भी शामिल होते हैं।

जब किडनी की समस्या होती है, तो शरीर में वायरस और अतिरिक्त बैक्टीरिया जमा हो सकते हैं, जिसके परिणामस्वरूप त्वचा पर प्रभाव पड़ सकता है।

किडनी के काम करने में कमी के कारण शरीर में वायरस और तत्वों का अनावश्यक परिवर्तन हो सकता है, जिससे त्वचा संबंधी समस्याएं हो सकती हैं। ये त्वचा संबंधी समस्याएं आमतौर पर अपने आप हल नहीं होती हैं और इसके लिए पेशेवर डॉक्टर की सलाह और निदान की आवश्यकता हो सकती है।


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HealthUpdate

Sept. 6, 2023

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एअर कंडीशनर( AC ) की हवा में सांस लेने से बचें, नहीं तो होगा आपके स्वास्थ पर बुरा असर....


परिचय :-

एअर कंडीशनर, जिसे AC भी कहा जाता है, यह एक एअर कंडीशनिंग के लिए डिज़ाइन किया गया एक उपकरण है। इसका उपयोग गर्मियों में कमरे के तापमान को कम करने के लिए किया जाता है ताकि लोग आराम से रह सकें। जब एसी चलता है, तो यह आसपास की गर्म हवा को ठंडा करता है और कमरे के तापमान कम कर देता है। यह एक आरामदायक उपकरण है, लेकिन इसका अत्यधिक उपयोग हमारे स्वास्थ्य को खतरे में डाल सकता है।

विशेष रूप से यदि उपयोग के स्थान पर वायु प्रदूषण अधिक है, तब भी यह स्वास्थ्य समस्याओं की संभावना को बढ़ा सकता है। इस वजह से, वायु शुद्धिकरण संबंधी समस्याओं के लिए एअर कंडीशनर का उपयोग किया जाना चाहिए।

1. आपकी गर्मी सहन करने की प्रवृत्ति कम हो जाती है :- 

गर्मी के मौसम में हम अक्सर एअर कंडीशनर की मदद से आराम से समय बिताने का आनंद लेते हैं, एअर कंडीशनर की ठंडी हवा के कारण व्यक्ति की गर्मी सहन करने की प्रवृत्ति कम हो जाती है।  जिससे आपके लिए बाहर की गर्मी सहन करना कठिन हो सकता है। जब आप अपने कमरे में एअर कंडीशनर चलाकर बाहर की गर्मी से राहत पाते हैं, तो आपकी शारीरिक सहनशीलता कम हो सकती है। 

एअर कंडीशनर का उपयोग बाहरी स्थानों के साथ किया जाता है, तो यह उन लोगों को भी ठंड का एहसास करा सकता है जो बाहरी तापमान को सहन करने के अधिक आदी हैं।इससे आपके शारीरिक स्वास्थ्य पर प्रतिकूल प्रभाव पड़ सकता है और आपकी गर्मी सहन करने की क्षमता भी कम हो सकती है।

इसलिए, एअर कंडीशनर का ठीक से उपयोग करना महत्वपूर्ण है, और यह सुनिश्चित करने के लिए कि आपकी गर्मी सहनशीलता बनी रहे, आपको नियमित आधार पर बाहरी तापमान सहना पड़ सकता है।

2. अस्थमा और एलर्जी :- 

एअर कंडीशनर की हवा में सांस लेने के बारे में चिंतित होने का एक कारण यह है कि, यह विशेष रूप से अस्थमा और एलर्जी को प्रभावित कर सकता है। कुछ लोगों के साथ ऐसा इसलिए होता है, क्योंकि ज्यादातर समय बंद कमरों में एअर कंडीशनर चालू रहता है और यहां तक ​​कि वे वातावरण में हवा के बजाय बंद कमरे में ही रहते हैं।

एअर कंडीशनर की हवा से अस्थमा और एलर्जी जैसी स्वास्थ्य समस्याएं बढ़ सकती हैं क्योंकि वातावरण में फंसे कण जाल के बजाय खींचने का काम करते हैं और यह एक प्रकार की हवा को विस्थापित कर देता है जो अस्थमा और एलर्जी के लिए प्रभावी हो सकती है।

एअर कंडीशनर की हवा से एलर्जी हो सकती है और अस्थमा के मामले बढ़ सकते हैं। एअर कंडीशनर वातावरण में धूल, कीटाणुओं, बैक्टीरिया और अन्य एलर्जी को छोड़ने के बजाय तार की सफाई कर सकते हैं।

 दोपहर के बीच में एअर कंडीशनर को बंद रखे। इसके अलावा, नियमित रूप से एअर कंडीशनर फिल्टर को साफ करने और नियमित रूप से ठंड में काम करने से एलर्जी और अस्थमा के प्रकोप से बचने में मदद मिल सकती है।

3. सिरदर्द और माइग्रेन :-

एअर कंडीशनर से निकलने वाली ठंडी हवा और हवा का शुष्क होना सिरदर्द और माइग्रेन का मुख्य कारण हो सकता है। ठंडी हवा और सीधी हवा संवेदनशीलता बढ़ा सकती है, जिससे सिरदर्द और माइग्रेन की संभावना बढ़ सकती है।

 यह आपके मानसिक स्वास्थ्य पर भी प्रतिकूल प्रभाव डाल सकता है और अधिकतम सिरदर्द का कारण बन सकता है।आपको एअर कंडीशनर को सही तापमान और आरामदायक आयाम पर सेट करना चाहिए, और यदि आपको सिरदर्द है, तो आपको इसका उपयोग सीमित करना चाहिए 

यदि आपको सिरदर्द और माइग्रेन की समस्या है, तो आपको सही तापमान और वायु परिसंचरण बनाए रखने के लिए सावधानीपूर्वक एअर कंडीशनर को प्राथमिकता देनी चाहिए।

4. सूखी और खुजलीदार त्वचा :-

एअर कंडीशनर की हवा आपकी त्वचा को शुष्क कर सकती है, जिसके परिणामस्वरूप त्वचा में खुजली, त्वचा के स्वास्थ्य की हानि और त्वचा संबंधी कई समस्याएं हो सकती हैं। एअर कंडीशनर का उपयोग करते समय त्वचा में नमी बनाए रखना बेहद जरूरी है।

अपनी त्वचा को हाइड्रेटेड रखने के लिए, आपको पर्याप्त पानी पीना चाहिए और उचित त्वचा देखभाल उत्पादों का उपयोग करना चाहिए। 

इससे बचने के लिए एअर कंडीशनर को ज्यादा न चलने दें और समय-समय पर त्वचा की देखभाल करते रहें। यदि आपकी त्वचा खुजली या शुष्कता के साथ प्रतिक्रिया कर रही है, तो आपको एक अच्छे मॉइस्चराइज़र का उपयोग करने और त्वचा को अंदर से बाहर तक आवश्यक जलयोजन देने की सलाह दी जा सकती है।

5. निर्जलीकरण :-

एअर कंडीशनर की ठंडी हवा आपके शरीर में पानी की हर कमी को बढ़ा सकती है, जिससे आपका शरीर डिहाइड्रेशन की समस्या से ग्रस्त हो सकता है। निर्जलीकरण से आपके शरीर में पानी के स्तर में कमी आती है, जिससे आपके शरीर के अंदर आवश्यक प्रक्रियाएं प्रभावित होती हैं

एअर कंडीशनर का उपयोग करते समय, विशेष रूप से लंबे समय तक, आपको प्यास बुझाने के लिए पानी पीने का प्रयास करना चाहिए। आपको नियमित अंतराल पर पानी पीने की कोशिश करनी चाहिए ताकि आपका शरीर हाइड्रेटेड रहे।

लंबे समय तक एअर कंडीशनर में बिताने से आपके शरीर की आपूर्ति ख़त्म हो सकती है,जिसके परिणामस्वरूप आपके शारीरिक और मानसिक स्वास्थ्य पर बुरा असर पड़ सकता है।

6.फेफड़ों पर एअर कंडीशनिंग का प्रभाव :- 

एअर कंडीशनर की हवा को सांस लेने के बाद फेफड़ों पर एक कुछ प्रभाव पड़ सकते हैं, और यह आपके स्वास्थ्य पर बुरा असर डाल सकता है। ऐसा इसलिए हो सकता है क्योंकि एअर कंडीशनर की हवा कई कणों, धूल और अन्य जहरीले कणों से भरी होती है, जो आपके फेफड़ों में जाने पर समस्या पैदा कर सकते हैं।

 एअर कंडीशनर से निकलने वाली हवा ठंडी और सूखी होती है, जिसके परिणाम स्वरूप आपके फेफड़ों को आपूर्ति कम हो सकती है। इससे आपके फेफड़े सूख सकते हैं और फेफड़ों के लिए आवश्यक नमी की मात्रा कम हो सकती है, जिससे सांस लेना मुश्किल हो सकता है।

एअर कंडीशनर की हवा में मौजूद धूल और कणों को श्वसन मार्ग के माध्यम से आपके फेफड़ों तक पहुंचने से आपके फेफड़ों में समस्याएँ हो सकती हैं, जैसे कि फेफड़ों की सूजन और बीमारीयों का खतरा हो सकता है।

 

 


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HealthUpdate

Sept. 4, 2023

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हर रोज पिएंगे निंबू पाणी तो होंगे फायदे ही फायदे ....


परिचय :-

निंबू पानी प्राकृतिक रूप से हमारे द्वारा उपभोग किया जाने वाला एक पौष्टिक पेय है, जिसमें विटामिन सी, पोटैशियम, और अन्य मिनरल्स होते हैं.
यह हमारे इम्यून सिस्टम को मजबूती देता है, त्वचा को स्वस्थ रखता है, वजन को नियंत्रित करने में मदद करता है, और हमारे शारीरिक स्वास्थ्य को बनाए रखने में मदद कर सकता है.
निंबू पानी का सेवन बेहतर हेल्थ और वेलनेस की दिशा में एक सरल तरीका हो सकता है.

1.व्हिटॅमिन सी से भरपूर :-

नींबू पानी विटामिन सी का बहुत अच्छा स्रोत है, जो हमारे स्वास्थ्य के लिए अधिक महत्वपूर्ण होता है।

विटामिन सी आपके रक्त प्रवाह को बेहतर बनाने में मदद करता है और रक्तचाप को  भी कम करने में मदद करता है।

विटामिन सी आपके शरीर की प्रतिरोधक क्षमता को बढ़ाता है, जिससे आपकी त्वचा स्वस्थ और चमकदार बनी रहती है।

2.वजन कम करने में मदद :-

नींबू पानी में पेक्टिन नाम का फाइबर होता है, जो भोजन पचाने और वजन कम करने में आपकी मदद करता है।.

निंबू पाणी आपके पेट को भरने की भावना प्रदान करता है और भोजन के बाद आपको दिन भर बूढ़ापे का अहसास नहीं होता।.

निंबू पानी का कैलोरी स्तर काफी कम होता है, जिसके कारण आप उचित मात्रा में ताजा किस्म की भूख को रोक सकते हैं, जो वजन कम करने में मदद कर सकता है.

3.पाचन सुधारणे की लिए :-

नींबू पानी पीने से आपका पाचन बेहतर होता है। इसमें मौजूद विटामिन सी और भरपूर मात्रा में पेक्टिन आपके पाचन को बेहतर बना सकता है।

नींबू पानी का सेवन करने से अपच, गैस और पेट दर्द से राहत मिलती है।

यह आपके पेट को शांत कर सकता है और आपको आनंददायक भोजन के प्रति अधिक जागरूक बना सकता है।

भोजन के बाद नींबू पानी का सेवन करने से पाचन क्रिया बेहतर होती है और खाना पचने में मदद मिलती है।

4.ब्लड शुगर को नियंत्रित करना :- 

निंबू पानी में उपस्थित विटामिन सी ब्लड शुगर को नियंत्रित करने में मदद कर सकता है. यह इंसुलिन के प्रति अधिक संवेदनशीलता बढ़ा सकता है और इंसुलिन के प्रभाव को बढ़ावा देने में मदद कर सकता है।

निंबू पानी पीने से खून में शुगर के स्तर को संतुलित रूप से बनाए रखने में मदद मिलती है, जिससे मधुमेह के प्रबंधन में सहायक हो सकता है।

इसका नियमित सेवन ब्लड शुगर के स्तर को कम कर सकता है और मधुमेह की संरक्षण में मदद कर सकता है।

5. किडनी स्टोन से बचाव :-

निंबू पानी में सिट्रिक एसिड (citric acid)रहता है, और वह किडनी स्टोन के बचाव में मदद कर सकता है।.

सिट्रिक एसिड की मौजूदगी किडनी स्टोन के बनने की संभावना को कम कर सकती है और मूत्र में कैल्शियम की जमावट को रोक सकती है।.

निंबू पानी के नियमित सेवन से किडनी स्टोन के बढने की संभावना को कम किया जा सकता है और अगर पहले से आपको किडनी स्टोन हैं, तो उसे निंबू पाणी कि सहायता से खतम कर सकते है।

6.चिंता कम करे :- 

नींबू पानी में उपस्थित विटामिन सी का सेवन आपके मानसिक स्वास्थ्य को बेहतर बना सकता है।

विटामिन सी के नियमित सेवन से चिंता, तनाव और दबाव को कम करने में मदद मिल सकती है क्योंकि यह तनाव हार्मोन को कम करने में मदद करता है।

नींबू पानी का सेवन आपको स्वस्थ मानसिक स्थिति और सकारात्मक भावनाएं प्राप्त करने में मदद कर सकता है।

7. हार्ट हेल्थ के लिए फायदेमंद :-

नींबू पानी में मौजूद विटामिन सी और पोटेशियम हृदय स्वास्थ्य के लिए फायदेमंद हो सकते हैं।

विटामिन सी और अन्य एंटीऑक्सीडेंट की मदद से यह आपके हृदय को स्वस्थ रखने और हृदय संबंधी बीमारियों की संभावना को कम करने में मदद कर सकता है।

पोटेशियम सामग्री संविधान को संतुलित रखने में मदद कर सकती है और रक्तदाब को कम करने में सहायक हो सकती है।

8. त्वचा में चमक लाए :- 

नींबू पानी में मौजूद विटामिन सी त्वचा के स्वास्थ्य के लिए फायदेमंद हो सकता है।

नींबू पानी त्वचा के लिए प्राकृतिक टोनर के रूप में काम कर सकता है, जिससे त्वचा की चमक बढ़ती है और त्वचा का कालापन दूर होता है।

नींबू पानी का नियमित सेवन त्वचा को स्वस्थ और चमकदार बनाने में मदद कर सकता है और दाग-धब्बों को कम करने में मदद कर सकता है।

 


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HealthUpdate

Sept. 2, 2023

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जास्त प्रमाणात व्हिटॅमिन - D घेण्याचे दुष्परिणाम...


व्हिटॅमिन डी हे पाण्यात विरघळणारे जीवनसत्व आहे, जे निरोगी हाडे राखण्यासाठी, रोगप्रतिकारक शक्तीला समर्थन देण्यासाठी आणि इतर शारीरिक प्रक्रियांमध्ये कॅल्शियम पातळी नियंत्रित करण्यासाठी महत्वाचे आहे.

गुणवत्ता वाढवण्यासाठी पुरेशा प्रमाणात उच्च-गुणवत्तेचे व्हिटॅमिन डी आवश्यक आहे, परंतु जास्त प्रमाणात व्हिटॅमिनचा ओव्हरडोज होऊ शकतो, ज्यामुळे विविध लक्षणे आणि आरोग्य समस्या उद्भवू शकतात.

त्याचे विविध प्रकारचे नकारात्मक परिणाम आणि आरोग्य समस्या असू शकतात. आम्ही या प्रस्तावनेमध्ये व्हिटॅमिन डी घेण्याचे काय दुष्परिणाम आहेत हे सांगणार आहोत. 

1. हायपरकॅल्सेमिया (Hypercalcemia) :-

हायपरकॅल्सेमिया हा व्हिटॅमिन डी च्या ओव्हरडोजशी संबंधित प्राथमिक दुष्परिणामांपैकी एक आहे.

जास्त प्रमाणात व्हिटॅमिन डी चे सेवन केल्याने शरीरातील कॅल्शियमच्या पातळीत अत्याधिक वाढ होते आणि विविध रोगांची लक्षणे आणि समस्या उद्भवू शकतात.

हायपरक्लेसीमिया म्हणून ओळखला जाणारा वैद्यकीय रोग रक्तातील अत्यंत उच्च कॅल्शियम पातळीद्वारे परिभाषित केला जातो. जेव्हा कॅल्शियमचे नियंत्रण शिल्लक नसते तेव्हा कॅल्शियम रक्तामध्ये विकसित होते

.आतड्यांमधून कॅल्शियम शोषण्यात व्हिटॅमिन डी महत्त्वाची भूमिका बजावते. जेआहारातील स्त्रोतांकडून जास्त प्रमाणात व्हिटॅमिन डी किंवा जास्त सूर्यप्रकाशामुळे आतड्यांमधून कॅल्शियमचे शोषण वाढते आणि रक्तातील कॅल्शियमची पातळी वाढते..

2. पचन समस्या ( Digestive Issues ) :- 

व्हिटॅमिन डी च्या अतिरेकामुळे होणारा एक नकारात्मक परिणाम म्हणजे पाचन समस्या.

व्हिटॅमिन डी चा जास्त वापर पचनसंस्थेला त्रास देऊ शकतो ज्यामुळे विविध प्रकारचे पाचक समस्या निर्माण करू शकतात . हे व्हिटॅमिन डी च्या वाढत्या शोषणामुळे कॅल्शियमच्या वाढीव पातळीला शरीराच्या प्रतिसादामुळे होते. .

व्हिटॅमिन डीच्या ओव्हरडोजमुळे रक्तप्रवाहातील अतिरिक्त कॅल्शियममुळे पोट आणि आतड्यांच्या आतील थराला त्रास होऊ शकतो.या वेदनामुळे वरील लक्षणे दिसू शकतात.

ओव्हरडोजची पातळी आणि एखाद्या व्यक्तीची संवेदनशीलता यावर अवलंबून, व्हिटॅमिन डी च्या ओव्हरडोजमुळे उद्भवलेल्या पाचक समस्यांची व्याप्ती आणि कालावधी बदलू शकतो. जरी ही लक्षणे सहसा लहान आणि साधी असू शकतात, परंतु  ती वारंवार अधिक गंभीर आणि दीर्घकाळ टिकणारी देखील असू शकतात.

3. हाडांचे दुखणे ( Bone Pain ) :-

हाडे दुखणे हा व्हिटॅमिन डीच्या अतिसेवनाशी निगडीत संभाव्य दुष्परिणामांपैकी एक आहे.

कॅल्शियम शोषण आणि हाडांच्या आरोग्यामध्ये व्हिटॅमिन डी महत्त्वाची भूमिका बजावते. तथापि, जास्त प्रमाणात घेतल्यास, ते रक्तप्रवाहात कॅल्शियमची पातळी वाढवू शकते, ज्यामुळे हाडे दुखू शकतात.

व्हिटॅमिन डी विषारी असलेल्या व्यक्तींना त्यांच्या हाडांमध्ये सतत, खोल किंवा वेदनादायक वेदना जाणवू शकतात. काही प्रकरणांमध्ये, वेदना सांध्यापर्यंत पसरू शकते, ज्यामुळे मंदपणा आणि अस्वस्थता निर्माण होते.

व्हिटॅमिन डी ओव्हरडोजच्या गंभीर प्रकरणांमध्ये, फ्रॅक्चर आणि हाडांना दुखापत होण्याचा धोका वाढतो.

4. मूत्रपिंड समस्या ( Kidney Problems ) :-

व्हिटॅमिन डी चा उच्च डोस रक्तप्रवाहात कॅल्शियमची पातळी वाढवू शकतो कारण ते कॅल्शियमचे नियमन करते. अतिरिक्त कॅल्शियम फिल्टर आणि काढून टाकण्याची जबाबदारी असलेल्या मूत्रपिंडांवर याचा परिणाम म्हणून अधिक ताण येऊ शकतो.

उच्च कॅल्शियम पातळी लघवीचे उत्पादन वाढवू शकते, ज्यामुळे वारंवार लघवी होते.

वारंवार लघवी होण्यामुळे निर्जलीकरण होऊ शकते कारण शरीरात द्रवपदार्थ लवकर कमी होतात.

ज्या व्यक्तींमध्ये कॅल्शियमचे प्रमाण जास्त असते त्यांना किडनी स्टोन होण्याची शक्यता असते, ज्यामुळे किडनी स्टोनमुळे वेदना आणि अस्वस्थता होऊ शकते.

 5. वाढलेली तहान आणि लघवी ( Increased Thirst and Urination ) :- 

वाढलेली तहान आणि लघवी हे व्हिटॅमिन डीच्या प्रमाणा बाहेर पडण्याशी संबंधित सामान्य दुष्परिणाम आहेत.

जास्त प्रमाणात व्हिटॅमिन डी घेतल्याने रक्तप्रवाहात कॅल्शियमची पातळी वाढू शकते. यामुळे शरीरातील मूत्रपिंड आणि द्रव संतुलनावर परिणाम होऊ शकतो, परिणामी तहान आणि लघवी वाढते.

लघवीमुळे जास्त तहान लागते, ज्यामुळे व्यक्तीला जास्त द्रवपदार्थ खावेसे वाटू शकतात.

जास्त प्रमाणात व्हिटॅमिन डीच्या सेवनाने रक्तप्रवाहात वाढलेल्या कॅल्शियमच्या पातळीमुळे पाणी पुन्हा शोषून घेण्याची आणि द्रव संतुलन राखण्याची मूत्रपिंडाची क्षमता बाधित होऊ शकते.

6.स्नायू कमजोरी ( Muscle Weakness ) :-

व्हिटॅमिन डी ओव्हरडोजच्या संभाव्य दुष्परिणामांपैकी एक म्हणजे स्नायू कमकुवत होणे.

व्हिटॅमिन डी स्नायूंच्या कार्यामध्ये महत्वाची भूमिका बजावते आणि जास्त प्रमाणात सेवन केल्याने हे संतुलन बिघडू शकते, ज्यामुळे स्नायूंशी संबंधित लक्षणे जसे की कमकुवतपणा दिसून येतो.व्यक्तींना त्यांच्या स्नायूंमध्ये अशक्तपणा आणि शक्ती कमी झाल्याची सामान्य भावना येऊ शकते.

स्नायूंच्या कमकुवतपणामुळे हालचाली बिघडू शकतात, ज्यामुळे नियमित कर्तव्ये आणि कार्ये पार पाडणे कठीण होते.

वेदना आणि चिंता यामुळे कमकुवत स्नायूंवर परिणाम होण्याची शक्यता असते. तसेच काही लोकांसाठी उभ्या किंवा बसलेल्या स्थितीतून उठणे कठीण होऊ शकते.

7.मळमळ आणि उलटी ( Nausea and Vomiting ) :-

मळमळ आणि उलट्या हे जास्त प्रमाणात व्हिटॅमिन डी घेण्याशी संबंधित सामान्य दुष्परिणाम आहेत. 

जेव्हा व्हिटॅमिन डी जास्त प्रमाणात सेवन केले जाते, तेव्हा ते पचनसंस्थेला त्रास देऊ शकते, ज्यामुळे मळमळ आणि काही प्रकरणांमध्ये उलट्या होतात.

व्हिटॅमिन डी पिण्याचे ही लक्षणे बहुतेक वेळा प्रथम दिसतात. व्हिटॅमिन डी मध्ये असलेल्या विषारी पणामुळे काही व्यक्तींना उलट्या होऊ शकतात.
कॅल्शियमची पातळी वाढल्याने भूकेवर परिणाम होऊ शकतो, ज्यामुळे खाण्याची इच्छा कमी होते.


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HealthUpdate

Sept. 1, 2023

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जाणून घ्या, काय आहेत फायदे दररोज चहा पिण्याचे ....


1. ताजेपणा आणि ऊर्जा

चहामध्ये आढळणारे कॅफिन आपल्याला ताजेपणा आणि ऊर्जा देते.
कॅफिनच्या मदतीने आपल्याला चालना मिळते. जेणेकरून आपण सक्रिय आणि ताजे राहून पर्यावरणाचा आनंद घेऊ शकतो.
चहामध्ये आढळणारे कॅफिन आपल्याला ऊर्जा देते, जे आपल्याला दिवसभर सक्रिय राहण्यास मदत करते.

2. हृदयाच्या आरोग्यास प्रोत्साहन मिळते 

चाय हा अनेक लोकांच्या आवडत्या पदार्थांपैकी एक आहे आणि तो हृदयाच्या आरोग्यासाठी फायदेशीर ठरू शकतो.
चहामध्ये अशी तत्त्वे आहेत जी रक्तदाब किंवा हृदयाच्या आरोग्याची पातळी नियंत्रित करण्यास मदत करू शकतात.
चहामध्ये फॉलिक ऍसिड आणि अँटीऑक्सिडंट्सचे प्रमाण जास्त असते, ज्यामुळे ते हृदयाच्या आरोग्यासाठी खूप फायदेशीर ठरते.
चहामध्ये आढळणारे फ्लेव्होनॉइड्स हृदयाच्या आरोग्यासाठी फायदेशीर आहेत, हृदयविकारांविरूद्ध प्रतिकार वाढवतात.

3. थंडीपासून संरक्षण करते

चहामध्ये मिळणारे गरम पाणी आपल्याला थंड करते, ज्यामुळे आपल्याला ताज्या  हवेत श्वास घेता येतो.
चहाच्या गरमपणाचा अर्थ असा आहे की आपल्याला थंड वातावरणात राहण्याची संधी मिळते, ज्यामुळे गरमीला नैसर्गिकरित्या थंड वाटण्यास मदत होते.
गरम चहा पिल्याने तुम्हाला विशेष किंवा अवेळी थंड हवामानात उत्साह मिळेल आणि तुमचे मनोबल वाढेल. 

4. दिवसभर ऊर्जा राखण्यास मदत करते 

चहामध्ये आढळणाऱ्या कॅफिनमुळे चुस्ती तुम्हाला दिवसभर मदत करू शकते.
कॅफीन आपल्या मेंदूच्या क्रिया कलापांची स्थिती वाढवू शकते, ज्यामुळे आपण सतर्क आणि सक्रिय होतो.
चहामध्ये आढळणारे कॅफिन आपल्याला ऊर्जा देते, वाढीव सर्जनशीलतेसह दिवसभर जाण्यास मदत करते.

5. त्वचेसाठी अनेक फायदे

चहामध्ये असे घटक असतात जे तुम्हाला तुमच्या त्वचेसाठी अनेक फायदे देऊ शकतात.
चहामध्ये आढळणारे अँटीऑक्सिडंट्स, फ्लेव्होनॉइड्स आणि जीवनसत्त्वे त्वचेच्या कोलेजन उत्पादनात मदत करतात, ज्यामुळे त्वचेची लवचिकता वाढते आणि त्वचा नैसर्गिकरित्या निरोगी आणि चमकदार राहते.
चहामध्ये पालक आम्ल, व्हिटॅमिन सी आणि लोह भरपूर असते, ज्यामुळे त्वचेची चमक, ताजेपणा आणि तेज वाढते.
चहामध्ये आढळणारे कॅटेचिन आणि तत्त्वे त्वचेच्या आरोग्यासाठी फायदेशीर आहेत, त्वचेच्या किंवा चेहऱ्याच्या अनेक समस्यांवर उपचार करण्यात मदत करतात.

6. पचन सुधारणे

चहामध्ये आढळणारे पॅलेटल असिड आणि विशेष तत्त्वे तुमची पचनक्रिया सुधारण्यास मदत करतात.
विशेष अपवर्तक तत्त्वांमध्ये अनेक खनिजे, रसायने आणि जीवनसत्त्वे यांचा समावेश होतो जे पचनसंस्थेच्या कार्यात मदत करू शकतात.
चहामध्ये पाचक सहाय्य, अनुकूल बॅक्टेरिया आणि प्रोबायोटिक्स जास्त प्रमाणात दिले जातात, ज्यामुळे आपल्याला चांगले पचन करण्याची क्षमता मिळते.
अशा प्रकारे, चहामध्ये पेक्टिन असलेली तत्त्वे आपली पचनसंस्था सुधारण्याच्या दृष्टीने खूप महत्त्वाची आहेत.

7. सूज कमी करणे

चहामध्ये आढळणारे अँटीऑक्सिडंट्स आणि अँटी-इंफ्लेमेटरी गुणधर्म त्वचेची सूजन  कमी करण्यास मदत करतात.
विशेषतः, पॉलिफेनॉल, कॅटेचिन आणि फ्लेव्होनॉइड्स त्वचेतील जळजळ कमी करण्यास मदत करतात.
चहामध्ये पालक आम्ल, व्हिटॅमिन सी आणि लोह यांचे महत्त्वाचे मिश्रण त्वचेची सूजन शांत करण्यास मदत करते.
चहामध्ये आढळणारी विशेष तत्त्वे त्वचेच्या सूजन आलेल्या समस्यांवर उपचार करण्यासाठी उपयुक्त आहेत, त्वचेला आराम आणि तेज निर्माण करण्यासाठी योगदान देतात.

8. पीरियड क्रॅम्प्स सुधारते

चहाचे पाचक फायदे असल्यामुळे, त्यात असलेले घटक तुम्हाला पीरियड क्रॅम्प्स आणि वेदना नैसर्गिकरित्या अनुभवण्यास मदत करतात.
चहामध्ये फॉलीक ऍसिड, पोटॅशियम आणि म्यूसिन मोठ्या प्रमाणात असतात, जे पीरियड क्रॅम्प्सवर उपचार करण्यास मदत करतात.
चहामध्ये आढळणारे कॅफीन तुमचा मूड सुधारण्यास मदत करू शकते.


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HealthUpdate

Aug. 28, 2023

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जाणून घ्या काय आहेत, दुर्बिणीद्वारे लेझर शस्त्रक्रियेचे फायदे ?


रक्तस्त्राव कमी होणे :-

दुर्बिणीद्वारे लेझर शस्त्रक्रियेचा एक महत्वपूर्ण फायदा हे आहे की त्याच्या माध्यमातून शस्त्रक्रियेच्या क्रियेसह रक्तस्त्राव किमान कमी होतो.या शस्त्रक्रियेत लेझर तंतु निकळल्याने रक्तवाहिन्यांच्या शिरांतल्या सांध्यांची संकुचन करण्यात आत्मीय आहे. रक्तस्त्राव कमी होण्याच्या कारणाने, ऑपरेशन किमान पैसे व्यय करून झाल्याच्या असल्याची संभावना आहे. हस्तमुद्रा शस्त्रक्रियेतील संसर्ग प्रतिबंध साठीच्या उपायामुळे रक्तस्त्रावाची शक्यता कमी आहेत.

 टाके / चिरफाड धागे दोरेची गरज नाही :-

दुर्बिणीद्वारे लेझर शस्त्रक्रियांचा आतापर्यँत समाधान म्हणजे, शस्त्रक्रियाच्या क्रियेसह टाके / चिरफाड धागे दोरेच्या गरजा कमी आहेत.पारंपरिकपणे, बिना टाके / चिरफाड धागे दोरेच्या गरजेच्या कारणाने स्थितिवरती त्रुटी होऊ शकतात. यामुळे ऑपरेशन आतापर्यँत सुरू केल्यास चिरफाड धागे दोरेच्या गरजाची समस्या नसताना वागण्यासाठी परस्पर दिली जाऊ शकते. दुर्बिणीद्वारे लेझर शस्त्रक्रियांमुळे टाके / चिरफाड धागे दोरेच्या गरजाच्या प्रश्नांची किंमत कमी करण्यात आली आहे.शस्त्रक्रियांमुळे धाग्यांच्या जुळ्या आणि उपयुक्ततेच्या आधारे, शस्त्रक्रियांनी टाके / चिरफाड धागे दोरेच्या गरजाचे उपचार करण्याची क्षमता प्रदान केली आहे.

कमीत कमी जखम होणे :-

दुर्बिणीद्वारे लेझर शस्त्रक्रिया केल्यास, जखम होण्याचा धोका खूप कमी होतो.
शस्त्रक्रियेच्या क्रियेमुळे जखम तपासल्याने व त्याची उपचार केल्याने, पारंपरिक ऑपरेशनच्या तुलनेत कमी जखम होण्याची संभावना असते.
असे आहे कारण दुर्बिणीद्वारे लेझर शस्त्रक्रिया स्वतःच्या वर्णन शक्तीसह जखम संवेदनशीलतेच्या दृष्टिकोनात केल्यामुळे, जखमाची उच्चतम दर्जेची निगरानी केली जाते.
तसेच, दुर्बिणीद्वारे लेझर शस्त्रक्रियेच्या क्रियेमुळे विचारण्यात आणण्यात आलेल्या जखमांच्या आधारे, उपचार तयार केला जातो, ज्यामुळे कमीत कमी जखम होण्याची संभावना आहे. 

दररोज पट्टी (ड्रेसिंग) करण्याची गरज नाही :-

दुर्बिणीद्वारे लेझर शस्त्रक्रियेच्या उपयोगामुळे जखमेच्या ठिकाणी दररोज पट्टी करण्याची गरज नाही.
परंतु दुर्बिणीद्वारे लेझर शस्त्रक्रिया केल्यास, जखमेच्या ठिकाणी बदलांतराच्या आधारे त्वचा स्वतःच्या न्यायसंवेदनेत बदलतात.
त्यामुळे जखमेच्या ठिकाणी वरील निर्णय त्याच्या न्यायसंवेदने नुसार घेण्यात आला पाहिजे व त्यातल्या पट्ट्याची गरज नसताना पट्टीच्या किंमतीच्या आदानप्रदानाची गरज नाही.
 कारण लेझर शस्त्रक्रियेच्या उपयोगामुळे जखमी प्लेसेस वरील बदलांतराच्या आधारे त्वचा सुधारित होऊन येतात, ज्यामुळे दररोज पट्टी करण्याची गरज नसताना अत्यंत आवश्यक आहे.

फक्त एक दिवसाची प्रक्रिया :-

दुर्बिणीद्वारे लेझर शस्त्रक्रिया एक अत्यंत दुर्लभ आणि स्थायित विकल्प आहे किंवा फक्त एक दिवसाची प्रक्रिया म्हणून मानली जाते.
आपल्याला ऑपरेशनच्या आतापर्यँत दृष्टिकोनात थकलेले कमी होण्याची संभावना आहे, कारण आपल्या शरीराच्या आत्मीयतेने लेझर तंतु वापरल्यामुळे शस्त्रक्रियेच्या प्रक्रियेची लागण होणार नाही.
यामुळे, दुर्बिणीद्वारे लेझर शस्त्रक्रिया सामान्यपणे पूर्ण होण्याच्या संधीत किंवा एकशे पन्नास तासात असतानाची प्रक्रिया आहे.
एक दिवसाच्या समयात विचारल्यास, त्वचाच्या समस्यांच्या उपचारासाठी हा विकल्प खूप योग्य आहे, किंवा सुविधासाठी जरूरी आहे.

उत्कृष्ट परिणाम :-

दुर्बिणीद्वारे लेझर शस्त्रक्रिया एक उत्कृष्ट परिणाम देणारा प्रकार आहे.
या विशेष प्रकारच्या शस्त्रक्रियांच्या माध्यमातून, संक्रमण प्रतिरक्षण किंवा त्वचा सुधारण्याच्या कामांसाठी अत्यंत वैशिष्ट्य दृष्टीकोन दिलेली आहे.
त्वचेच्या समस्यांमुळे पिडित व्यक्तिंना उत्तम आणि त्वचाच्या स्वास्थ्याच्या दृष्टीने महत्वपूर्ण परिणाम मिळू शकतात.
दुर्बिणीद्वारे लेझर शस्त्रक्रियेच्या उपयोगामुळे प्रक्रिया अत्यंत प्रेक्षापूर्ण आणि सुरक्षित आहे.


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HealthUpdate

Aug. 27, 2023

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जाणून घ्या काय आहेत, जंक फूड खाण्याचे फायदे आणि नुकसान ?


जंक फूड :-

जंक फूड म्हणजे उच्च प्रक्रिया केलेले आणि कमी पौष्टिक पदार्थ. ज्यात कॅलरी, अस्वस्थ चरबी, साखरेचे प्रमाण आणि सोडियम जास्त असतात. शरीराच्या योग्य कार्यासाठी आवश्यक असलेले  जीवनसत्त्वे, खनिजे आणि फायबरचा त्यांच्यामध्ये अनेकदा अभाव असतो. जंक फूडच्या उदाहरणांमध्ये बर्गर, आलू, गोड पाणी, मिठाई आणि पॅक केलेले स्नॅक्स यांसारख्या फास्ट फूड पदार्थांचा समावेश होतो.

जंक फूडचे फायदे 

1. स्वादिष्टपणा :- जंक फूडमध्ये अनेकदा स्वादिष्ट आणि मोहक चव असते, ज्यामुळे लोकांना ते खायला आवडते.

2. घटकांचा प्रवेश :- जंक फूडमध्ये प्रामुख्याने तेल, साखर, मीठ आणि प्रक्रिया केलेले पीठ यासारखे घटक असतात जे घटक त्वचेत जलद प्रवेश करतात.

 जंक फूडचे नुकसान

1. कमी पोषण :- जंक फूड बहुतेक वेळा पोषण नसलेले असतात आणि त्यामध्ये कॅलरी, तेल आणि साखरेचे प्रमाण जास्त असते, जे आरोग्यासाठी हानिकारक असू शकते.

2. अतिरीक्त वजन :- जंक फूडच्या अतिसेवनामुळे अतिरिक्त वजन वाढू शकते, ज्यामुळे नंतर लठ्ठपणासारख्या समस्या उद्भवू शकतात.

3. आरोग्याशी संबंधित समस्या :- जंक फूड खाल्याने मानसिक आरोग्याच्या समस्या उद्भवू शकतात जसे की डिप्रेशन आणि वाढलेली लालसा.

4. कमी मूल्यमापन (evaluation) : जंक फूडच्या अतिसेवनामुळे मूल्यांकन कमी होऊ शकते, ज्यामुळे अभ्यास आणि कामावर परिणाम होऊ शकतो.

5. आरोग्य समस्या: जंक फूडच्या अतिसेवनामुळे मधुमेह, हृदयरोग, उच्च रक्तदाब यांसारख्या आजारांचा धोका वाढू शकतो.

त्यामुळे, जंक फूडच्या अतिसेवनामुळे होणारे फायदे तोट्यांपेक्षा जास्त असू शकतात, ज्याचा आरोग्यावर नकारात्मक परिणाम होऊ शकतो याची जाणीव ठेवावी.


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HealthUpdate

Aug. 25, 2023

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Artificial Intelligence And Machine Learning इंजिनीरिंग ची हि शाखा घडवू शकते तुमचं भविष्य...


Artificial intelligence and Machine Learning इंजिनीरिंग, ज्याला संक्षिप्त रूपात AIML इंजिनीरिंग म्हणतात, याला अनेकदा इंजिनीरिंगचे भविष्य म्हटले जाते. आजच्या युगामध्ये AIML इंजिनीरिंग मानव आणि यंत्रांच्या एकत्रीकरणासाठी आधारशिला म्हणून काम करते . Artificial intelligence मानवी विचार, वर्तन आणि भावनांना सामोरे जाण्यास आणि मशीन्ससह एकत्रित करण्यास सक्षम आहे, तर Machine Learning  हा कृत्रिम बुद्धिमत्तेचा एक उपसंच आहे. जो प्रोग्रामिंगशिवाय डेटामधून शिकण्यास सक्षम आहे. Artificial intelligence and Machine Learning इंजिनीरिंगद्वारे अनुमती असलेल्या मानव आणि मशीनचे हे सहअस्तित्व आहे.

आजच्या युगामध्ये सर्वात जास्त पैसे देणारी आणि सर्वात जास्त मागणी असलेल्या अभियांत्रिकी शाखांपैकी Artificial intelligence and Machine Learning एक आहे. संपूर्ण भारतातील विविध शैक्षणिक संस्था आता Artificial Intelligence And Machine Learning मध्ये बॅचलर आणि मास्टर्स पदवी प्रदान करत आहेत. तथापि, जर तुम्हाला Machine Learning तज्ञ बनण्यात उत्सुकता असेल, तर अशी अनेक संस्था आहेत जी Artificial Intelligence And Machine Learning संकल्पना शिकण्यासाठी उत्कृष्ट संसाधने म्हणून काम करतात.

सर्व टॉप टेक आणि नॉन-टेक कंपन्यांमधील भर्ती करणारे AIML अभियंत्यांना प्राधान्य देतात. आणि भारतामध्येच नाही तर बाहेरील देशामध्ये सुद्धा तुम्ही तुमचे भविष्य उज्वल करू शकता. भारतातील Artificial Intelligence And Machine Learning इंजिनिअरसाठी सरासरी पगार ₹12 LPA आहे.

भारतातील Artificial intelligence and Machine Learning इंजिनिअर्ससाठी टॉप टेक आणि नॉन-टेक नामांकित कंपनीज देखील आहेत:

1. ऍमेझॉन
2. मायक्रोसॉफ्ट
3. एक्सेंचर
4. Google
5. IBM

भारतातील Artificial intelligence and Machine Learning इंजिनीअर्सना मिळणारे वेतनमान खालीलप्रमाणे आहे :

फ्रेशर: ₹8 LPA
कनिष्ठ स्तर: ₹12 LPA
वरिष्ठ स्तर: ₹20+ LPA


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HealthUpdate

Aug. 10, 2023

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राज्य शासनाने सुरु केलेल्या या योजनेमुळे वृद्ध नागरिकांना होतोय खूप फायदा ?


नमस्कार मित्रांनो, आज आपण महाराष्ट्र सरकारने सुरु केलेल्या अश्या योजनेची माहिती बघणार आहोत, जी योजना पूर्ण राज्यभरात वृद्ध नागरिकांना सेवा देत असते आणि या योजने मधून संपूर्ण महाराष्ट्रातील लोक लाभ घेत आहेत .ती म्हणजे श्रावणबाळ सेवा राज्य निर्धारण योजना...

तर मित्रांनो, श्रावणबाळ योजना काय आहे ? या योजनेचे लाभ कोणते आहेत ? या योजनेचे लाभ घेण्यास कोण पात्र आहे ? अर्ज कुठे करायचा ? आवश्यक कागदपत्रे कोणती ? श्रावणबाळ योजनेचा शासन निर्णय या सर्व घटकांची माहिती आपण आज या सर्व घटकांची आपण आज या लेखात माहिती पाहणार आहोत. जर तुमच्या कुटुंबात वृद्ध नागरिक असतील तर हा लेख नक्की वाचा, कारण या योजनेचा लाभ हा वृद्ध नागरिकांना घेता येणार आहे. महाराष्ट्र राज्य सरकार वृद्ध नागरिकांना श्रावणबाळ योजनेअंतर्गत दरमहा आर्थिक सहाय्य्य करणार आहे.

 या श्रावणबाळ सेवा राज्य निर्धारण योजनेचे उद्दिष्ट्य –

श्रावण बाळ योजनचे मुख्य उद्दीष्ट म्हणजे वयाच्या ६५  व्या वर्षा नंतर वृद्धांना आर्थिक प्रोत्साहन देणे. या पेन्शन योजनेच्या माध्यमातून राज्यातील वृद्ध लोक आर्थिकदृष्ट्या स्वतंत्र होतील आणि त्यांचे हाल कमी होतील. राज्य सरकारच्या श्रावणबाळ योजनेचे प्रमुख उद्देश्य हे आहेत की, राज्यातील वृद्ध नागरिकांना आर्थिक सहाय्य्य करून त्यांना आर्थिक स्थेर्य प्राप्त करुन देणे आहे. वृद्ध काळात त्यांना उदरनिर्वाहासाठी आर्थिक मदत म्हणून सरकार दरमहा 1000/- रुपयांचे सरकार मदत म्हणून वृद्ध नागरिकांच्या खात्यात या योजनेअंतर्गत टाकणार आहे.

श्रावण बाळ योजना लाभार्थी पात्रता                      (Shravan Bal Yojana Age Limit) –

1. या योजनेचे लक्ष्य ६५ वर्षे वयापेक्षा जास्त वयाच्या वृद्ध नागरिकांना निवृत्तीवेतन प्रदान करणे आहे.

2. दारिद्र्य रेषेखालील (बीपीएल) श्रेणी आणि बिगर बीपीएल श्रेणी या दोन्ही श्रेणींना या योजनेचा लाभ मिळतो.

श्रावण बाळ योजनेसाठी पात्रता निकष –

1.अर्जदार हे महाराष्ट्रातील कायमचे रहिवासी असले पाहिजेत.

2. अर्जदाराचे वय 65 वर्षे किंवा अधिक असणे आवश्यक आहे.

3. अर्जदाराचे वार्षिक उत्पन्न २१,०००/- पेक्षा जास्त नसावे.

श्रावण बाळ योजनेसाठी अर्ज करण्यासाठी आवश्यक कागदपत्रे –

1. अर्ज

2. रहिवासी प्रमाणपत्र

3. पासपोर्ट आकाराचे फोटो

4. उत्पन्नाचा प्रमाणपत्र

5. वय पुरावा

7. रेशन कार्ड


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HealthUpdate

July 30, 2023

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गडचिरोली जिल्हयातील अतिदुर्गम भागातील रेगुंठाची ' लेडी टॅक्सी ड्राइवर ' घेणार इंग्लंड मध्ये शिक्षण...


गडचिरोली :- सिरोंचा तालुक्यातील रेगुंठा ते सिरोंचा पर्यंत काळीपिवळी चालवून कुटुंबाचा उदरनिर्वाह करणाऱ्या किरण कुर्मा या २४ वर्षीय युवतीला राज्य शासनाच्या समाज कल्याण विभागाने ४० लाख रु. स्कॉलरशिप मंजूर केली आहे . 

शिष्यवृत्ती च्या मदतीने ती इंटरनॅशनल मार्केटिंग मॅनॅजमेण्ट हा एक वर्षाचा अभ्यासक्रम पूर्ण करून दोन वर्ष एखाद्या कंपनी मध्ये काम करणार आहे . त्यानंतर ती देशात परत येणार आहे..   

रेगुंठा हे गाव सिरोंचा पासून ६० कि.मी अंतरावर आहे . किरण ही उच्च विद्याभूषित आहे. तीने तेलंगणा राज्यातील हैदराबाद येथे उस्मानिया विद्यापीठातून शिक्षण घेतले आहे. अर्थशास्त्र या विषयात ती M.A आहे. शिक्षण घेतल्यानंतर रोजगाराचे साधन म्हणून तिने रेगुंठा ते सिरोंचा पर्यंत काळीपिवळी चालवण्यास सुरुवात केली. सुरुवातीला तिच्याकडे एकच टॅक्सी होती. या व्यवसायात तिने स्वतःला झोकून दिले होते. त्यामुळे तिला या व्यवसायातून उत्तम अशी कमाई  करता आली. त्यामुळे तिने या व्यवसायात वाढ करण्याचा निर्णय घेतला. आणि आज ती तीन  टॅक्सी ची मालक देखील आहे .                  

 इथेच न थांबता तिने मार्केटिंग चे उच्च शिक्षण इंग्लड या देशातून घेण्याचा निर्णय घेतला. मात्र त्यासाठी लाखो रुपयांचा खर्च येतो. हा खर्च भागविण्यासाठी तिने मुंबई मंत्रालय गाठून उख्यमंत्री एकनाथ शिंदे साहेब यांची भेट घेतली.शिक्षाबद्दल तिच्यामध्ये असलेली जिद्द आणि चिकाटी बघून मुख्यमंत्र्यांनी तिच्यासाठी ४० लाख रुपयांची शिष्यवृत्ती मंजूर केली आहे .या शिष्यवृत्ती च्या मदतीने किरण चे विदेशात शिक्षण घेण्याचे स्वप्न पूर्ण होणार आहे..


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July 28, 2023

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वसतिगृहात 5 अल्पवयीन मुलींवर अत्याचार ; तिघांविरोधात गुन्हा दाखल तर दोघांना अटक…


जळगाव :- मुलींच्या वसतिगृहात पाच अल्पवयीन मुलींवर अत्याचार झाल्याची संतापजनक घटना समोर आली आहे. याप्रकरणी पोलिसांकडूनच देण्यात आलेल्या फिर्यादीवरून तिघांविरुद्ध गुन्हा दाखल करण्यात आला असून, दोघांना अटक करण्यात आली आहे. गणेश पंडित असे नराधमाचे नाव आहे. एरंडोल तालुक्यातील एका गावात शासनमान्यता असलेल्या खासगी संस्थेचे मुलींचे वसतिगृह जूनमध्ये बंद पडल्यानंतर तेथील पाच मुलींना जळगावातील शासकीय मुलींच्या निरीक्षणगृहात दाखल करण्यात आले. या मुलींनी वसतिगृहात काम करणाऱ्या कर्मचाऱ्यांकडे गावातील वसतिगृहातील काळजीवाहकाने अत्याचार केल्याचा प्रकार कथन केला. ऑगस्ट २०२२ ते जून २०२३ या कालावधीत गावातील मुलींच्या वसतिगृहात पाच मुली अभिरक्षेत असताना तेथील काळजीवाहक गणेश पंडित याने पाचही मुलींवर वेळोवेळी अत्याचार केले. यासंदर्भात मुलींच्या वसतिगृहाच्या अधीक्षिकांसह सचिवांकडे वेळोवेळी तक्रार करूनही त्यांनी टाळाटाळ केल्याचा प्रकारही समोर आला. दरम्यान, यासंदर्भात जळगावच्या बालकल्याण समितीच्या अध्यक्षांनी एरंडोल येथील पोलिसांना पत्र दिले. त्याअनुषंगाने या प्रकरणाची तातडीने दखल घेत पोलिसांनी स्वतःच फिर्यादी होऊन एरंडोल येथील पोलीस ठाण्यात बुधवारी गुन्हा दाखल केला. वसतिगृह बंद होईपर्यंत म्हणजे वर्षभर मुलींवर अत्याचार करण्यात आल्याचे पोलिसांच्या तक्रारीत म्हटले आहे. गुन्हा दाखल झाल्यानंतर पाचही मुलींवर अत्याचार करणारा काळजीवाहक गणेश पंडित याला अटक करण्यात आली आहे. या प्रकाराची माहिती असूनही हे प्रकरण लपवून ठेवून गणेश पंडितला साथ देणारी पत्नी, वसतिगृह अधीक्षिकांसह सचिवांनाही पोलिसांनी अटक केली आहे. याप्रकरणी पोलीस उपनिरीक्षक शरद बागल यांच्या फिर्यादीवरून गणेश पंडित, सचिव भिवाजी पाटील, वसतिगृहाच्या अधीक्षिका अरुणा पंडित यांच्याविरुद्ध गुन्हा दाखल करण्यात आला आहे.


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July 26, 2023

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गडचिरोलीमध्ये छप्पर तुटलेल्या एसटीत प्रवाशांना घेऊन प्रवास केल्याची धक्कादायक घटना…


गडचिरोलीमध्ये एसटी महामंडळाचा भोंगळ कारभार समोर आला आहे. छप्पर तुटलेल्या एसटीत प्रवाशांना घेऊन प्रवास केल्याची धक्कादायक घटना घडली आहे. याचा व्हिडिओ सोशल मीडियावर व्हायरल होत आहे. तसेच महामंडळावर प्रश्नचिन्ह उभं राहिलं आहे.
भविष्यात येणाऱ्या नव्या गाड्यांची स्वप्न रंगवत असताना सर्वसामान्यांचा वर्तमानातील एसटी प्रवास अडचणीचा आणि त्रासदायक ठरत आहे. असाच एक व्हिडिओ समोर आला असून अहेरी आगारातील एका चालत्या बसचे छप्पर उडाल्याचे दिसून येत आहे. विशेष म्हणजे चालत्या बसची छप्पर उडाल्याने त्या बस चालकाने बस न थांबवता चक्क प्रवाशांना घेऊन गडचिरोली जिल्हा मुख्यालयातून अहेरीपर्यंत धोकादायक स्थितीत बस चालवत असल्याचे विचित्र चित्र दिसून आले. त्यामुळे एसटीचा सुरक्षित समजला जाणाऱ्या प्रवास आता धोक्याचा झाल्याचे दिसून येत आहे.
महाराष्ट्रातील ग्रामीण भागाची जीवनवाहिनी समजल्या जाणाऱ्या एसटीचा प्रवास खडतर स्थितीत सुरू आहे. ब्रम्हपुरी,गडचिरोली आणि अहेरी या तीन आगारावर गडचिरोली जिल्ह्यात प्रवाशांची मदार आहे. मात्र,मागील काही वर्षापासून रस्त्यावरील खड्डे, भंगार बससेवामुळे नागरिक त्रस्त झाले असून नाईलाजास्तव जीव धोक्यात टाकून त्याच एसटी महामंडळाच्या बसमधून प्रवास करण्याची नामुष्की ओढवल्याचे चित्र गडचिरोली जिल्ह्यात दिसून येत आहे. मात्र याकडे कोणीच लक्ष देत नसल्याने शिंदे साहेब इकडे लक्ष द्या ! भंगार गाड्यातून जीवघेणा प्रवास थांबवा, अशी म्हणण्याची वेळ प्रवाशांवर आली आहे.
एसटी महामंडळाच्या बस मध्ये मार्गस्थ बिघाड होणे, बसचे छत गळणे, उशिरा पोहोचणे यामुळे एसटी महामंडळाच्या बस सेवेवर प्रवाशांचा विश्वास उडाला आहे. मात्र पर्याय नसल्याने गडचिरोली जिल्ह्यातील नागरिकांना जीव धोक्यात घालून एसटी बस मध्येच प्रवास करावा लागत आहे. अशीच एक घटना आज २६ जुलै रोजी गडचिरोली ते चामोर्शी मार्गावर पाहायला मिळाली. चक्क धावत्या एसटी बसचे छप्पर उडल्याचा व्हिडीओ व्हायरल झाला. अहेरी आगारातील एमएच -४० वाय-५४९४ क्रमांकाची ही बस असून सकाळी ६ वाजताच्या सुमारास अहेरी आगारातुन सुटली. ही बस अहेरी-मुलचेरा-गडचिरोलीला जाऊन गडचिरोलीवरून अहेरीला परत येताना धावत्या बसचे छप्पर उडाल्याचे दिसून आले.


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July 24, 2023

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Tiger Huntingin : चंद्रपूर गडचिरोली वाघांच्या शिकारीचे आंतरराज्यीय तार; बावरीया टोळीचे 16 जण ताब्यात


चंद्रपूर :- चंद्रपूर, गडचिरोली जिल्ह्यातील वाघांची शिकार करणारी एक आंतरराज्यीय टोळी सक्रिय असून याचा नुकताच पर्दाफाश झाला आहे. हरियाणा, तेलंगाणा ते आसामपर्यंत याचे तार जुळलेले असल्याचे समोर आले आहे. गडचिरोली जिल्ह्यातील वाघाची शिकार केल्याच्या प्रकरणी आसामच्या गुवाहाटी वनविभागाने बावरीया टोळीच्या तिघांना वाघाच्या कातडीसह अटक केली होती. तर चौकशीसाठी 16 जणांना ताब्यात घेतले आहे.

बावरीया टोळीतील सोळा जण ताब्यात : या टोळीतील काही सदस्य चंद्रपूर, गडचिरोली वनक्षेत्रात असल्याची माहिती आरोपींनी दिली होती. याच माहितीच्या अनुशंगाने चंद्रपूर, गडचिरोली वन पथकाने गडचिरोली जिल्ह्यातील आंबेशिवणी येथून बावरीया टोळीतील सोळा सदस्यांना ताब्यात घेतले. त्यांच्याकडून वाघाचे पंजे, नख, शस्त्र आणि ४६ हजार रुपये जप्त केले आहेत. आसाम येथे पकडण्यात आलेल्या शिकारप्रकरणी आणि देशातील विविध भागांतील शिकार प्रकरणांत या टोळीचा समावेश असल्याची माहिती आहे. गुवाहाटी, आसाम राज्य येथील पोलिसांनी तसेच वनविभागाच्या पथकाने वाघाच्या शिकार प्रकरणी हरयाणा राज्यातील बावरीया जमातीच्या तिघांना वाघाच्या कातडीसह आगोदरच अटक केली होती.

शिकारीसाठी टोळी गडचीरोलीत : वन्यजीव गुन्हे नियंत्रण ब्युरो, नवी दिल्ली यांनी देशातील सर्व प्रमुख व्याघ्र प्रकल्पांच्या सभोवतालच्या क्षेत्रांत वाघांच्या शिकारीची शक्यता असल्याची सुचना दिली होती. यानंतर ताडोबा क्षेत्रसंचालकांनी तीन सदस्यांचे पथक गुवाहाटी येथे रवाना केले होते. या पथकाने गुवाहाटी येथे कारागृहात असलेल्या आरोपींची चौकशी केली. या चौकशीत शिकारी टोळीमधील काही सदस्य गडचिरोली वनविभागाच्या क्षेत्रात फिरत असल्याची माहिती दिली.

धुळ्यात काही संशयित ताब्यात : त्यानंतर वनविभागाने शोधमोहीम राबविली. गडचिरोलीजवळ आंबेशिवणी येथे तीन झोपड्यांत काही लोक राहत असल्याची माहिती मिळाली. याच माहितीच्या आधारे वनविभाग, पोलिसांनी छापा टाकला. या तीन झोपड्यांत शिकारीचे साहित्य, शस्त्र, वाघाचे नख, पंजे आणि अन्य साहित्य जप्त करण्यात आले. याप्रकरणी बावरीया टोळीतील सोळा जणांना ताब्यात घेण्यात आले. तेलंगणातील करीमनगर, धुळे येथूनही काही संथयितांना वनविभागाने ताब्यात घेतले आहे. संशयितांवर वन्यजीव संरक्षण अधिनियम १९७२ मधील तरतुदींनुसार गुन्हा नोंदविण्यात आला आहे. देशातील विविध भागांतील शिकार प्रकरणात या टोळीचा समावेश असल्याची माहिती चौकशीत समोर आली आहे. या प्रकरणाचा तपास विशेष कार्य दल करीत आहे.


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July 23, 2023

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'ताडोबा'तील सोमनाथ सफारी गेटमुळे उघडले रोजगाराचे 'द्वार'- वनमंत्री मुनगंटीवार


Somnath Safari Gate at Tadoba: ताडोबा अंधारी व्याघ्र प्रकल्पातील सोमनाथ सफारी गेटच्या माध्यमातून पर्यटकांना जंगल भ्रमंतीसह व्याघ्र पर्यटनाचा आनंद लुटता येणार आहे. विशेष म्हणजे या नव्या गेटच्या निमित्ताने तरुणांसाठी रोजगाराचे एक नवे दालन खुले झाले आहे, असे प्रतिपादन राज्याचे वनमंत्री तथा जिल्हाचे पालकमंत्री सुधीर मुनगंटीवार यांनी केले. मुल तालुक्यातील सोमनाथ देवस्थान येथे सोमनाथ सफारी पर्यटन गेटचे त्यांच्या हस्ते उद्घाटन झाले. त्यावेळी ते बोलत होते. पालकमंत्री सुधीर मुनगंटीवार यांच्या हस्ते हिरवा झेंडा दाखवून सोमनाथ ताडोबा सफारी गेटचा शुभारंभ करण्यात आला.

वनमंत्री सुधीर मुनगंटीवार म्हणाले, "सोमनाथ गेट पर्यटकांसाठी खुले करण्याची मागणी स्थानिकांनी केली होती. गावातील नागरिकांच्या शिष्टमंडळाने ताडोबा सफारीसाठी गेट निर्माण करावा, अशी सूचना केली होती. या मागणीचा सन्मान करत वन विभागाला सूचना केल्या व पर्यटकांच्या आनंदासाठी तसेच तरुणांना प्रत्यक्ष व अप्रत्यक्ष रोजगार उपलब्ध व्हावा, यासाठी गेट सुरू करण्यात आला आहे. सोमनाथ सफारी गेट पर्यटकांसाठी खुले होत असल्याचा मनस्वी आनंद होत आहे."

"पावसामुळे ताडोबा येथील कोअरमध्ये प्रवेश बंदी असते. मात्र, बफरमध्ये मोठ्या प्रमाणात पर्यटक येतात. महाराष्ट्रात असे अनेक जिल्हे आहेत जिथे वनराई दिसून येत नाही. मात्र, चंद्रपूर जिल्ह्यातील नागरिक वनांच्या बाबतीत भाग्यशाली आहे.चंद्रपूर जिल्ह्यात २५ लक्ष वृक्ष लागवडीचे उद्दिष्ट आहे. वंदे मातरम १९२६ यंत्रणा कार्यान्वित करण्यात आली आहे. यामध्ये अवैध वृक्षतोड, अवैध शिकार तसेच कामचुकार अधिकाऱ्यांच्या बाबतीत तक्रार दाखल करता येणार आहे," अशी माहितीही मुनगंटीवार यांनी दिली.