ड्रिमलँड डेव्हलपर्स
आपल्या स्वप्नातलं घर, निसर्गाच्या सानिध्यात..
तुमचे स्वप्न आमची जबाबदारी...
31-07-2024
कोरोना जैसी महामारी के इस आपातकाल में आखिर किसने दिया साथ?
निजी डाक्टरो (झोलाछाप)ने या फिर बड़ी बड़ी डिग्री धारी वाले डॉक्टरों ने?
मध्यप्रदेश शासन द्वारा बिना डिग्रीधारी झोलाछाप डाक्टरों के उपर सक्त कार्यवाही करने के निर्देश दिए गए हैं,जिस कारण सभी निजी डाक्टरों (झोलाछाप) मे एक डर का माहौल बन गया है,लेकिन आप सभी को ओ कोरोना काल का मंजर याद होगा जंहा खून के रिश्ते वाले लोग भी एक दूसरे को छूने से डरते थे और कइयों ने तो छुआ तक नहीं लेकिन यही निजी डॉक्टर (झोलाछाप) ही है,जिनके द्वारा वन ग्राम सहित ग्रामीण अंचलो मे लोगों को निरंतर स्वास्थ्य सेवाओं का लाभ दिया और लोगो को कोरोना जैसी महामारी से निपटने के उपाय बताए वरना लाशो का ढेर ग्रामीण अंचलों में भी देखने को मिलता।
जबकि इसी कोरोना जैसी महामारी का सरकार के पढ़े लिखे डिग्रीधारी डाक्टरो ने ग्रामीण अंचलो से दुर बड़े बड़े शहरों मे सरकार और जनता दोनों को बेवकुफ बनाकर अपने प्रायवेट अस्पताल खोलकर खुला लूट का व्यापार चलाया।
क्या इन्हें झोलाछाप कहना मानवता के लिए न्यायोचित होगा?
सबसे बड़ा सवाल यह है जो मैं आप सभी से पूछना चाहता हूं की जिनके पास डिग्री नही है,उनको झोलाछाप कहना क्या मानवता के लिए न्यायोचित होगा।
मैं मानता हूँ कि थ्योरी ज्ञान और प्रेक्टिकल ज्ञान में काफी फर्क होता है लेकिन आपातकालीन स्थिति में यदि प्रेक्टिकल ज्ञान से किसी की जिंदगी बचाई जा सकती है तो मैं प्रेक्टिकल ज्ञान के समर्थन हूँ हाँ लेकिन प्रेक्टिकल ज्ञान स्थाई नही है और लम्बी अवधि के लिए नुकसानदेह भी।
मै बड़ी बड़ी डिग्रीधारी डॉक्टरों के विरोध में नही हूँ और उनकी बुराई करने का मुझ मे इतना ज्ञान ना सामर्थ्य है लेकिन बिना डिग्रीधारी (झोलाछाप ) निजी डॉक्टर भी हमारे लिए किसी वरदान से कम नही है।भले ही इनके पास कोई डिग्री न हो लेकिन अनुभव मे बड़े बड़े डॉक्टरों को भी कभी कभी फेल कर देते है
कोरोना काल में दिया मानवता का परिचय
दिन रात,समय-बे समय 24 घण्टे कोरोना काल की भयंकर परिस्थितियों मे भी अपनी जान की परवाह किए बिना हमे बचाने वाले निजी डॉक्टर( झोलाछाप) डॉक्टर ही हमारे लिए भगवान है।
भले ही ये कोई बड़ी बिमारी का ईलाज और सर्जरी नही करते हो लेकिन वन ग्रामों सहित ग्रामीण अँचलों मे छोटी छोटी बिमारियां जैसे की सर्दी,जुकाम,अकड़न
डायरिया,मलेरिया,साइटिका, वात, लकवा आदि का शर्तिया ईलाज करवाकर उचित परामर्श देते है।
लांजी विधायक राजकुमार कर्राहे नही है सरकार के खिलाफ,आदेश का कर रहे हैं विरोध
लांजी विधायक राजकुमार कर्राहे ने झोलाछाप डाक्टरों के समर्थन मे सरकार के आदेश के खिलाफ जाने की बात अधिकत्तर मीडिया न्यूज़ चैनलों एंव अखबारों में दिखाई जा रही है जो एकदम सही है और मै इसका दिल से समर्थन करता हूं और चाहता हूँ की मोहन सरकार अपना निर्णय वापस ले।
सरकार के पास नही है पर्याप्त MBBS डॉक्टर कहाँ से सुधरेगी स्वास्थ्य सेवाएं
सरकार ने शहरी छेत्रो सहित ग्रामीण अंचलो में शासकीय स्वास्थ्य एंव उपस्वास्थ्य केंद्रों के भवन तो बना दिए है लेकिन ओ बिना MBBS डॉक्टर के वीरान पड़े हैं तो आखिर मरीज किनसे इलाज करवाए ये भी सबसे बड़ा सवाल है।
सरकार इन्ही निजी(झोलाछाप)डाक्टरो को दे प्रशिक्षण के साथ प्रमाण पत्र
मध्यप्रदेश की मोहन सरकार आपातकाल से निपटने के लिए उक्त डॉक्टरों को विशेष नीति के तहत प्रशिक्षण देकर ग्रामीण अंचलो की स्वास्थ्य समस्याओं को सुधारने का प्रयास करने में इनका सहयोग प्राप्त कर सकती है।
आपल्या स्वप्नातलं घर, निसर्गाच्या सानिध्यात..
तुमचे स्वप्न आमची जबाबदारी...
सुपर फास्ट बातमी
National
सुपर फास्ट बातमी
Local News
Vaingangavarta19
Local News
Vaingangavarta19
Crime
Vaingangavarta19
Crime
Vaingangavarta19
Crime
Vaingangavarta19
Crime
Vaingangavarta19
Local News
Vaingangavarta19
Crime
Vaingangavarta19
Crime
No Comments