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Vaingangavarta19

Oct. 14, 2024   

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डॉ. बाबासाहेब आंबेडकरांची धम्मक्रांती ही नव्या जीवन मार्गाची क्रांती- खोब्रागडे


डॉ. बाबासाहेब आंबेडकरांची धम्मक्रांती ही नव्या जीवन मार्गाची क्रांती- खोब्रागडे   

 

 


    गोकुळनगर येथे धम्म चक्र प्रवर्तन दिन संपन्न


गडचिरोली -डॉ बाबासाहेब आंबेडकरांनी केलेली धम्मक्रांती ही नव्या जीवन मार्गाची क्रांती होती. या धम्मक्रांतीमुळे दलितांच्या जीवनात नव्या पर्वाची सुरुवात झाली आणि त्यांच्या जीवनात आमूलाग्र परिवर्तन झाले. धम्मक्रांतीची हि पताका अधिक डौलाने फडकविण्यासाठी प्रयत्नरत राहिले पाहिजे असे प्रतिपादन प्रसिद्ध आंबेडकरी विचारवंत  डॉ प्रेमकुमार  खोब्रागडें   यांनी केले.   
    सम्यक समाज समिती, विशाखा महिला मंडळ व सम्यक ज्येष्ठ नागरिक समितीच्या संयुक्त विद्यमाने येथील गोकुळनगर येथील सम्यक बुद्ध विहाराचे प्रांगणात आयोजित धम्म चक्र प्रवर्तन दिन कार्यक्रमात प्रमुख पाहुणे म्हणून ते बोलत होते. 
   सम्यक समाज समितीचे अध्यक्ष हंसराज उंदीरवाडे कार्यक्रमाच्या अध्यक्षस्थानी होते तर रिपब्लिकन पक्षाचे नेते रोहिदास राऊत, डॉ. खुशाल दुर्गे, माली समाज संघटनेचे हरिदास कोटरंगे, ज्येष्ठ नागरिक संघाचे कवडूजी उंदीरवाडे, विशाखा महिला मंडळाच्या चंद्रकला  टेम्भूर्णे प्रामुख्याने उपस्थित होते. 
   बाबासाहेबानी माणसाला माणुसकीची जाणीव करून दिली. त्यांच्यात स्वाभिमान जागृत करून बुद्धाचा नवा मार्ग दिला आणि मूकनायकाला प्रबुद्ध भारतात रूपांतरित केले . त्यांचे हे कार्य अतुलनीय आहे आणि धम्माच्या या दिशेनेच मानवी समूहाचे कल्याण होणार आहे असेही डॉ. खोब्रागडे याप्रसंगी म्हणाले आणि धम्म प्रचाराचे कार्य पुढे नेण्याचे आवाहन केले. 
   रोहिदास राऊत म्हणाले बुद्धाचा धम्म आज सर्व जगात पोहोचला आहे. धम्म मार्गाचे अनुसरण देश विदेशात केल्या जात आहे हि बौद्धांसाठी अत्यंत अभिमानाची बाब  आहे. बाबासाहेब आंबेडकरांनी केलेली धम्मक्रांती आज सर्व मानव जातीसाठी उपकारक झाली आहे. धम्मचक्र प्रवर्तन हे बाबासाहेबानी केलेले अलौकिक कार्य आहे आणि त्यामुळे  दलितांच्या जीवनात झालेले परिवर्तन ही अत्यंत ऐतिहासिक बाब आहे.
अन्य मान्यवर पाहुण्यांचीही यावेळी समयोचित भाषणे झालीत. कार्यक्रमाचे प्रास्ताविक गौतम मेश्राम यांनी केले. संचालन नमिता वाघाडे यांनी तर आभार प्रदर्शनअश्विनी  साखरे यांनी  केले. कार्यक्रमाला बौद्ध बांधव व अन्य नागरिक मोठ्या संख्येने उपस्थित होते.
   प्रारंभी पंचशील ध्वजारोहण तथा गौतम बुद्ध व डॉ बाबासाहेब आंबेडकरांच्या प्रतिमान वंदन करण्यात आले व बुद्ध वंदना घेण्यात आली.


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Shivendra Daharwal

Oct. 5, 2024   

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Navratri 2024 Special Story: महिषासुर का अंत करने के लिए …


Navratri 2024 Special Story: नवरात्रि का पर्व विशेष रूप से माता दुर्गा के नौ रूपों की पूजा करने का समय होता है। माता दुर्गा ने कई दैत्यों और असुरों का संहार किया है। उनमें से एक प्रमुख असुर था महिषासुर, जिसके अंत के लिए सभी देवता चिंतित थे। इस समस्या का समाधान खोजने के लिए देवता भगवान शिव और विष्णु जी के पास पहुंचे। आइए जानते हैं कि देवी दुर्गा कैसे प्रकट हुईं और महिषासुर का वध कैसे किया।

 

पौराणिक कथा

प्राचीन काल में एक असुर था जिसका नाम महिषासुर था। उसने अपने बलशाली रूप से असुरों का सम्राट बनने का कार्य किया। महिषासुर ने देवताओं से वरदान प्राप्त किया, जिससे वह अत्यंत शक्तिशाली हो गया। एक दिन, उसने इंद्रलोक पर आक्रमण कर दिया और देवताओं को इंद्र सहित देवलोक से बाहर निकाल दिया। महिषासुर ने अब तीनों लोकों पर अपना शासन स्थापित कर लिया। देवताओं की पीड़ा सुनकर, वे ब्रह्माजी के पास पहुंचे और उनकी सहायता की गुहार लगाई।

 

कैसे प्रकट हुई देवी दुर्गा?

ब्रह्मा जी ने भगवान शिव और विष्णु जी के पास जाकर देवताओं की पीड़ा बताई। उनकी बात सुनकर भगवान विष्णु और शिव जी क्रोधित हो गए। इस क्रोध के फलस्वरूप भगवान विष्णु के मुख से एक तेज निकला। फिर सभी देवताओं के शरीर से भी तेज निकला और सभी तेज एकत्रित होकर अग्नि के समान एक सुंदर स्त्री के रूप में प्रकट हुआ। यही स्त्री माता दुर्गा कहलाई। सभी देवताओं ने माता दुर्गा को अस्त्र-शस्त्र प्रदान किए और उनकी स्तुति की। माता दुर्गा ने गर्जना की, जो युद्ध की घोषणा थी।

 

माता दुर्गा द्वारा सेनापतियों का वध

उधर, देवलोक में असुरों ने समझ लिया कि यह युद्ध का संकेत है। सभी असुरों ने अपने शस्त्र उठाए और महिषासुर के आदेश पर देवी दुर्गा की ओर बढ़े। महिषासुर का सेनापति चिक्षुर सबसे पहले देवी पर आक्रमण करने लगा, लेकिन देवी दुर्गा ने उसे त्वरित रूप से समाप्त कर दिया। इस युद्ध क्षेत्र में सैनिकों के रक्त से कई रक्त कुंड बन गए। चिक्षुर ने भी देवी पर बाणों से प्रहार किया, लेकिन देवी ने उसके बाण काट डाले और उसे  त्रिशूल से समाप्त कर दिया।

 

महिषासुर का अंत

चिक्षुर की मृत्यु के बाद महिषासुर ने देवी दुर्गा की ओर झपट्टा मारा। उसने भैंसे का रूप धारण किया और माता के सिंह पर हमला किया। माता दुर्गा ने उसे पाश से बांध दिया, लेकिन महिषासुर ने सिंह का रूप धारण कर लिया। इस तरह, वह बार-बार अपने रूप बदलने लगा। अंत में, देवी दुर्गा ने उसके हाथी के रूप को समाप्त कर दिया और उसे अपने पैरों से दबा दिया। इससे उसका ऊपरी हिस्सा मानव का हो गया। अंततः माता दुर्गा ने त्रिशूल से उसका वध कर दिया। महिषासुर का अंत होते ही सभी देवता भगवती की स्तुति करने लगे और उन पर पुष्प बरसाने लगे। माता दुर्गा ने देवताओं को वरदान देकर अंतर्ध्यान हो गईं।

निष्कर्ष
यह पौराणिक कथा हमें यह सिखाती है कि बुराई चाहे कितनी भी शक्तिशाली क्यों न हो, सत्य और धर्म की विजय हमेशा होती है। माता दुर्गा का प्रकट होना और महिषासुर का अंत करना हमें एक सकारात्मक संदेश देता है कि हमें बुराई के खिलाफ हमेशा खड़ा होना चाहिए।

डिस्क्लेमर: इस आर्टिकल में दी गई जानकारी धार्मिक मान्यताओं पर आधारित है और सिर्फ सूचना के लिए दी जा रही है। हम इसकी पुष्टि नहीं करते।


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Chunnilal kudwe

Oct. 4, 2024   

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Indrikar Maharaj Kirtan - Chimur - मी खर बोलतो हाच …


 शाळा मंदीर झाली पाहिजेत याकडे लोकप्रतीनीधी, सरपंच यांनी लक्ष देण्याची गरज


चिमूर -
        सुक्षीशीत बुद्धीमान असतात अस नाही. संसार करणं पराक्रम नाही संसार परमारर्थ करण पराक्रम आहे. भौतीक श्रीमंती क्षणीक असते. वारकरी संप्रदायाचे एकच तत्व आहे. जगातली सर्वच माणसं ईश्वराची लेकरं आहेत. कर्मही देवाची पूजा आहे. चांगल बोला चांगल वागा अशा अनेक विषयांचे धडे उदाहरणार्थ किर्तनातून सांगत असताना माझ्या बोलण्याचे वाभाडे काढले जातात. माझ खर बोलणं लोकांना आवडत नाही. मी खर बोलतो हाच माझा गुन्हा असल्याचे हभप निवृत्ती महाराज (देशमुख ) इंदूरीकर महाराज किर्तनातून श्रोत्यांना सांगताना  बोलत होते.

          चिमूर तालुका भारतीय जनता पार्टी व आमदार बंटी भांगडीया यांच्या संकल्पनेतून  आदर्श विद्यालय वडाळा (पैकू) बिपीएड ग्राउंड चिमूर येथे आयोजीत किर्तन कार्यक्रमाचे उद्धघाटन भाजपा प्रदेश अध्यक्ष चंद्रशेखर बावनकुळे यांचे हस्ते पार पडले.
         पुढे किर्तनातून इंदूरीकर महाराज बोलताना म्हणाले की, माणसं मोठी नाही माणसांच कर्तव्य मोठ आहे. ज्ञान देव, देवज्ञान, ज्ञानदेव यांचे महत्व पटवून देताना मिसाईल मॅन अब्दूल कलाम, स्वामी विवेकानंद, लोकमान्य टिळक व राष्ट्रसंत तुकडोजी महाराज कर्तव्यांनी मोठी झालीत तुकडोजी महाराजांची ग्रामगीता आज सर्वाच दैवत ठरल आहे. आज देशातल्या अनेक जिल्हा परिषद शाळा ओस पावल्या आहेत शिक्षण बरोबर मिळत नाही शाळेच्या कवलांची गळती होत आहे. शिक्षक पगारापुरते काम करतात त्यामूळे विद्यार्थी घडत नाही. पुढची पीढी घडली पाहिजे शाळा ही मंदीर झाली पाहिजेत याकडे लोकप्रतिनीधी, गावातील सरपंच यांनी शाळेकडे लक्ष देण्याची गरज असल्याचे किर्तनातून इंदुरिकर महारज सांगत होते.
        चिमूर तालुका भाजपाच्या वतीने हभप प्रबोधनकार निवृत्ती महाराज देशमुख इंदूरीकर महाराज, भाजपा प्रदेश अध्यक्ष चंद्रशेखर बावनकुळे, आमदार बंटी भांगडीया यांचा शाल श्रीफळ शिल्ड व ग्रामगिता देवून सत्कार करण्यात आला. यावेळी किर्तनाचे उद्धघाटक चंद्रशेखर बावणकुळे म्हणाले की, विकास कामाच्या बाबतीत राज्यातील पंधरा आमदारापैकी आमदार बंटी भांगडीया यांचा पहिला नंबर असल्याचे गौरवउदगार काढत समाज परिवर्तन व विकासाठी आमदार बंटी भांगडीया यांच्या सोबत राहण्याचे आवाहन केले. इंदूरीकर महाराजांच्या किर्तनात चिमूर विधानसभा क्षेत्रातील हजारो नागरीक श्रोते मंत्रमुग्ध झाले होते.


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Sanket dhoke

Oct. 3, 2024   

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Navaratri Festival नवरात्रि का आगमन: नौ दिनों का पावन उत्सव


Navaratri Festival नवरात्रि का आगमन: नौ दिनों का पावन उत्सव

नवरात्रि का आगमन: नौ दिनों का पावन उत्सव

आज से शुरू हो रहा नवरात्रि का पावन पर्व हिंदू धर्म का एक महत्वपूर्ण त्योहार है। यह नौ दिनों का उत्सव है जिसमें मां दुर्गा के नौ स्वरूपों की पूजा की जाती है। इस दौरान देश भर में मंदिरों और घरों में धूमधाम से पूजा-अर्चना होती है।
नवरात्रि का महत्व:

 * शक्ति की उपासना: नवरात्रि का मुख्य उद्देश्य मां दुर्गा की शक्ति की उपासना करना है। माना जाता है कि इस दौरान मां दुर्गा अपने भक्तों पर विशेष कृपा बरसाती हैं।

 * बुराई पर अच्छाई की जीत: नवरात्रि का त्योहार बुराई पर अच्छाई की जीत का प्रतीक है। इस दौरान लोग बुराई से दूर रहने और अच्छे कर्म करने का संकल्प लेते हैं।

 * आध्यात्मिक जागरण: नवरात्रि का त्योहार आध्यात्मिक जागरण का भी प्रतीक है। इस दौरान लोग ध्यान, योग और भजन-कीर्तन के माध्यम से अपनी आत्मा को शुद्ध करते हैं।
नवरात्रि के दौरान की जाने वाली गतिविधियां:

 * घरों में पूजा: नवरात्रि के दौरान घरों में मां दुर्गा की प्रतिमा या चित्र स्थापित किए जाते हैं। रोजाना पूजा-अर्चना की जाती है और मां दुर्गा को भोग लगाया जाता है।

 * मंदिरों में मेले: देश भर के मंदिरों में नवरात्रि के दौरान मेले लगते हैं। इन मेलों में लोग झूले, नौटंकी और अन्य मनोरंजन का आनंद लेते हैं।

 * गरबा और डांडिया: नवरात्रि के दौरान गरबा और डांडिया जैसे लोक नृत्यों का आयोजन किया जाता है। लोग रंगीन कपड़े पहनकर इन नृत्यों में हिस्सा लेते हैं।

नवरात्रि के रंग:
नवरात्रि के नौ दिनों में अलग-अलग रंगों का महत्व होता है। प्रत्येक रंग मां दुर्गा के एक अलग स्वरूप का प्रतिनिधित्व करता है। 

  • दिन 1: पीला: मां ब्रह्मचारिणी
  • दिन 2: हरा: मां कात्यायनी
  • दिन 3:  ग्रे: मां शैलपुत्री
  • दिन 4: ऑरेंज: मां कुष्मांडा
  • दिन 5: सफेद: मां कालरात्रि
  • दिन 6: लाल: मां महागौरी
  • दिन 7: नीला: मां स्कंदमाता
  • दिन 8: गुलाबी: मां चंद्रघंटा
  • दिन 9: बैंगनी: मां सिद्धिदात्री

निष्कर्ष:
नवरात्रि का त्योहार भारतीय संस्कृति का एक अभिन्न अंग है। यह त्योहार हमें एकता, भाईचारा और सद्भाव का संदेश देता है। आइए हम सभी मिलकर इस पावन पर्व को हर्षोल्लास के साथ मनाएं और मां दुर्गा के आशीर्वाद से अपने जीवन को धन्य बनाएं।

यह आर्टिकल केवल जानकारी के उद्देश्य से है। किसी भी धार्मिक मान्यता या रीति-रिवाज के बारे में अधिक जानकारी के लिए कृपया किसी धार्मिक गुरु से संपर्क करें।

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Chunnilal kudwe

Sept. 29, 2024   

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Buddha Murthy's dignity and public dedication of social hall 'Sugatakuti …


सोहळ्यात हजारो नागरिकांचा असणार सहभाग.. - सामाजिक कार्यकर्ते जितेंद्र मोटघरे यांची पत्रकार परिषदेत माहिती

चिमूर -
         बौध्द पंचकमेटी, भिमज्योती महिला मंडळ मालेवाडा यांच्या माध्यमातुन गगन मलिक फाउन्डेशन व भांगडीया फाऊन्डेशन यांच्या वतीने 1 ऑक्टोंबर मंगळवारला सुगतकुटी मालेवाडा येथे बुध्दरूप प्रतिष्ठापना तथा सामाजिक सभागृहाचे लोकार्पण सोहळा आयोजीत करण्यात आला आहे. या कार्यकामाची तयारी अंतिम टप्प्यात असून या कार्यक्रमात सुमारे दहा हजाराचे वर बौद्ध उपासकासह नागरिक उपस्थित राहणार असल्याची माहिती शनिवार ला सामाजिक कार्यकर्ते जितेंद्र मोटघरे यांनी सुगतकुटी येथे आयोजित पत्रकार परिषदेत दिली.

       थायलंड देशातुन दान स्वरूपात प्राप्त 8 फुट व 5 फुट उंच असलेला बुध्दरुपाचे प्रतिष्ठापना व महाराष्ट्र शासनाचे सामाजिक न्याय विभागाचे निधीतुन बांधण्यात आलेले सामाजिक सभागृह लोकार्पण सोहळयाकरीता विशेष अतिथी म्हणुन थायलंडचे कॅप्टन नटूट्टाकिट चाईचेलर्ममॉन्गखील व गगन मलिक फाऊन्डेशनचे अध्यक्ष धम्मदुत डॉ. गगन मलिक, चिमूर विधानसभा क्षेत्राचे आमदार किर्तीकुमार भांगडीया उपस्थित राहणार असुन यावेळी थायलंडचे द मोस्ट व्हेन, फ्रा. देवपणा अभ्रोन, संघारामगिरीचे भिक्खु ज्ञानज्योती महास्थविर, सुगतकुटी मालेवाडाचे सचिव भिक्खु सुगतानंद महाथेरो , थायलंडचे फ्रामाहा बॅनजोंग आर्थिजवांग्या, डॉ. फ्रामाहा सुफारोक सुभट्टजरी, डॉ. भिक्खु धम्मचेती, मालेवाडाचे सरपंच कालीदास भोयर, जितेंद्र मोटघरे, पोलीस पाटील हेमंतकुमार गजभीये, बौध्द पंच कमेटी अध्यक्ष मालेवाडाचे जगदीश रामटेके, उपसरपंच शंकर दडमल, लोहाराच्या सरपंच दिक्षा पाटील, जि. प. माजी सदस्य मनोज मामीडवार, ईश्वर मेश्राम, ओम खैरे, काशिनाथ गजभीये, यशवंत सरदार, प्रविण जिवतोडे, गगन मलिक फाऊन्डेशनचे पी. एस. खोब्रागडे, डॉ. मोहन वाकडे, विकास तायडे, विनयबोधी डोंगरे, अनिरुध्द दुपारे, अमित वाघमारे, विशाल कांबळे, वर्षा मेश्राम, गुणवंत सोनटक्के आदी उपस्थित राहणार आहेत.
      1 ऑक्टोंबर  मंगळवार ला सकाळी साडे नऊ वाजता ध्वजा रोहन, दहा वाजता बुद्ध गयेतील मूळ बोधी वृक्ष वृक्षारोपण, साडे दहा वाजता भिक्षू संघाचे भोजनदान, साडे बारा वाजता सुगतकूटी दिक्षाभूमी लोकार्पण सोहळा, एक वाजता बुद्ध प्रतिबिंब प्रतिष्ठापणा, दिड वाजता शिलग्रहण, दोन वाजता पाहुण्यांचे स्वागत, अडीज वाजता भिख्खू संघ धम्मदेशना, सव्वातीन वाजता पाहुण्यांचे मार्गदर्शन, सव्वाचार वाजता संघदान, साडेचार वाजता मंगल मैत्री, पाच वाजता समारोप व आभार व विविध कार्यक्रमाचे आयोजन केले असुन यात प्रसिध्द गायक अनिवृद्ध वनकर, कडुबाई खरात, व संच यांचा बुध्द-भिम गितांचा कार्यक्रम होणार आहे. या कार्यक्रमाला उपस्थित राहण्याचे आवाहन आयोजकांनी केले आहे.
पत्रकार परिषदेला जितेंद्र मोटघरे यांचेसोबत जगदिश रामटेके, काशिनाथ गजभिये, यशवंत सरदार, लीलाधर बन्सोड, शैलेंद्र पाटील, सावन गाडगे, सागर भागवतकर, सतीश वानखेडे, पराग अंबादे, अमर गाडगे, शैलेश ठवरे, अशोक मेश्राम, ईश्वर ठवरे, वामन गजभिये, रोशन बोरकर, पत्रुजी गजभिये, राकेश मेश्राम, नरेश गजभिये आदी उपस्थित होते.


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Rahul Bisen

Sept. 24, 2024   

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Mata Lakshmi: इन 4 कारणों से लोग बन जाते हैं …


Mata Lakshmi: माता लक्ष्मी को धन, समृद्धि और सौभाग्य की देवी माना जाता है। शास्त्रों के अनुसार, हर व्यक्ति के जीवन में माता लक्ष्मी सात बार प्रवेश करती हैं। लेकिन यदि हम कुछ खास बातों का ध्यान नहीं रखते, तो लक्ष्मी जी हमारे घर में प्रवेश किए बिना ही लौट जाती हैं। गरुड़ पुराण में कुछ ऐसी गलतियों का उल्लेख है, जो माता लक्ष्मी को हमारे घर से दूर कर देती हैं।

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1. घर की स्वच्छता और मुख्य द्वार की सफाई

यदि आप अपने घर के मुख्य द्वार पर गंदगी और जूते-चप्पल का ढेर लगाते हैं, तो माता लक्ष्मी कभी प्रवेश नहीं करतीं। लक्ष्मी जी स्वच्छता पसंद करती हैं, इसलिए घर का मुख्य द्वार साफ-सुथरा होना आवश्यक है। गंदगी और बिखरे हुए जूते-चप्पल देखकर देवी लक्ष्मी वापस लौट जाती हैं।
सुझाव: हमेशा जूते-चप्पल को व्यवस्थित रखें और दरवाजे की सफाई का ध्यान रखें।

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2. महिलाओं के सम्मान का महत्व

गरुड़ पुराण में कहा गया है कि जिस घर में महिलाओं का सम्मान नहीं होता, वहाँ माता लक्ष्मी कभी प्रवेश नहीं करतीं। महिलाओं को घर की लक्ष्मी माना गया है, और उनके साथ दुर्व्यवहार करने पर देवी लक्ष्मी का वास संभव नहीं होता।
सुझाव: महिलाओं का आदर और सम्मान करें ताकि लक्ष्मी की कृपा आपके घर पर बनी रहे।

 

3. नियमित पूजा-पाठ की आवश्यकता

जिस घर में नियमित रूप से पूजा-पाठ नहीं होता, वहाँ लक्ष्मी जी का वास नहीं होता। सुबह-शाम पूजा करना देवी-देवताओं को प्रसन्न करने का सबसे अच्छा तरीका है। इसके अलावा, पूजा स्थल की साफ-सफाई भी जरूरी है।
सुझाव: प्रतिदिन सुबह और शाम पूजा और मंत्रों का जाप करें। पूजा स्थल को स्वच्छ रखें ताकि लक्ष्मी जी प्रसन्न रहें।

 

4. तुलसी का पौधा: देवी लक्ष्मी का प्रिय

तुलसी का पौधा घर में होना बहुत शुभ माना जाता है। माता लक्ष्मी को तुलसी अत्यंत प्रिय है, इसलिए हर दिन तुलसी की पूजा करें और जल अर्पित करें। जिस घर में तुलसी का पौधा नहीं होता या उसकी पूजा नहीं होती, वहाँ लक्ष्मी का वास नहीं होता।
सुझाव: तुलसी के पौधे की नियमित पूजा करें और उसे स्वस्थ बनाए रखें।

 

5. रसोई की सफाई और सही भोजन प्रबंधन

रसोई की सफाई भी लक्ष्मी जी को प्रसन्न करने का महत्वपूर्ण हिस्सा है। रात को जूठे बर्तन छोड़ देना माता लक्ष्मी को नापसंद है। इसके अलावा, रसोई में आटा, नमक और पानी खत्म न होने दें।
सुझाव: रात में रसोई की सफाई करें और जूठे बर्तन न छोड़ें। यह आपकी आर्थिक समृद्धि के लिए भी अच्छा है।

 

6. धन का सही मार्ग से अर्जन

धन को हमेशा सही तरीके से कमाना चाहिए। अगर कोई व्यक्ति चोरी या गलत तरीकों से धन कमाता है, तो वह धन अस्थायी होता है और अंत में बर्बादी की ओर ले जाता है।
सुझाव: सही और ईमानदारी से धन कमाएं ताकि लक्ष्मी जी की कृपा आप पर बनी रहे।

 

7. झाड़ू का सही स्थान

झाड़ू को लक्ष्मी जी का प्रतीक माना जाता है। इसे कभी भी मुख्य द्वार या घर के आस-पास नहीं रखना चाहिए। गलत स्थान पर झाड़ू रखने से लक्ष्मी जी का आगमन बाधित होता है।
सुझाव: झाड़ू को हमेशा सही स्थान पर रखें और ध्यान रखें कि वह मुख्य द्वार के आस-पास न हो।

माता लक्ष्मी की कृपा पाने के लिए इन गलतियों से बचें। अपने घर को स्वच्छ रखें, पूजा-पाठ नियमित करें और सही ढंग से धन कमाएं। इन उपायों को अपनाकर आप अपने घर में लक्ष्मी का स्थायी वास सुनिश्चित कर सकते हैं।


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Jitesh Chouhan

Sept. 23, 2024   

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Bhakti: शिवजी के नंदी बैल ने भक्त पर बरसाई ऐसी …


Bhakti: भारत आस्थाओं और धर्मों का देश है, जहां हर देवी-देवता की पूजा सदियों से की जाती रही है। भगवान शिव के भक्तों के बीच उनका नंदी बैल भी विशेष स्थान रखता है। नंदी बैल शिव जी के सबसे प्रिय माने जाते हैं, और कई स्थानों पर उनकी भी पूजा की जाती है। हाल ही में सोशल मीडिया पर नंदी बैल से जुड़ा एक वीडियो वायरल हुआ है, जिसने लोगों का ध्यान अपनी ओर खींच लिया है।

 

ऐसा है नंदी बैल का वायरल वीडियो

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इस वायरल वीडियो में नंदी बैल को सजाए-संवारे हुए देखा जा सकता है। नंदी के बड़े-बड़े सींग और उनकी आभा से पूरा माहौल आस्था से भरा नजर आता है। वीडियो में एक भक्त को दिखाया गया है, जिसे नंदी बैल तेजी से टक्कर मारते हैं। लेकिन हैरानी की बात ये है कि टक्कर के बाद भी वह भक्त भागने के बजाय नंदी के चरणों में गिर जाता है। वह श्रद्धालु अपने हाथ जोड़कर नंदी के सामने नतमस्तक हो जाता है, मानो पूरी तरह से खुद को उनके सामने समर्पित कर चुका हो।

दूसरा भक्त नंदी बैल को काबू में करने की कोशिश करता है, लेकिन पहला भक्त नंदी के चरणों में पड़ा रहता है। कुछ ही पलों बाद, यह दृश्य बदल जाता है, और नंदी बैल अचानक शांत हो जाते हैं। ऐसा लगता है कि नंदी बैल ने अपने भक्त पर कृपा बरसाई हो। इस चमत्कारी दृश्य ने हर किसी को चौंका दिया है।

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हर-हर महादेव के नारों से गूंज उठा कमेंट बॉक्स

इस वीडियो ने सोशल मीडिया पर धूम मचा दी है। एक्स (पूर्व ट्विटर) पर शिव भक्तों का मेला लग गया है, और पूरा कमेंट सेक्शन "हर-हर महादेव" के नारों से गूंज रहा है। कोई भोलेनाथ की जय कर रहा है, तो कोई इस अद्भुत घटना को शिव जी की कृपा का प्रमाण मान रहा है। भक्त इस वीडियो को जमकर लाइक और शेयर कर रहे हैं, और इसे एक चमत्कारिक घटना के रूप में देख रहे हैं।

शिव और नंदी के इस अनोखे प्रसंग ने भक्तों की श्रद्धा को और गहरा कर दिया है।


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Pawar Interprises

Sept. 20, 2024   

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Tirupati Laddu: गाय की चर्बी वाले 1 लाख लड्डू भेजे …


Tirupati Laddu: तिरुपति मंदिर के लड्डुओं में पशु चर्बी का इस्तेमाल होने की खबरों के बाद बड़ा विवाद खड़ा हो गया है। हिंदू समाज में इस खबर ने आक्रोश पैदा कर दिया है। हाल ही में आई जांच रिपोर्ट से यह खुलासा हुआ कि तिरुपति तिरुमाला मंदिर में तैयार किए गए प्रसाद में गाय की चर्बी, सूअर की चर्बी और मछली के तेल का उपयोग किया गया था। इस खबर ने धार्मिक श्रद्धालुओं को झकझोर कर रख दिया है।

आरएसएस के मुखपत्र 'पांचजन्य' में छपी रिपोर्ट में दावा किया गया है कि तिरुपति तिरुमाला मंदिर से 1 लाख लड्डू अयोध्या के रामलला प्राण प्रतिष्ठा समारोह के लिए भेजे गए थे। ये लड्डू भक्तों के बीच बांटे गए थे। रिपोर्ट में बताया गया है कि इन लड्डुओं में भी वही सामग्री मिलाई गई थी, जिसके कारण तिरुपति मंदिर के प्रसाद पर सवाल उठे हैं।

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टीडीपी के प्रवक्ता अनम वेंकट रमन रेड्डी ने दावा किया कि तिरुमाला तिरुपति देवस्थानम (टीटीडी) द्वारा उपलब्ध कराए गए घी के नमूनों की जांच की गई थी। गुजरात स्थित पशुधन प्रयोगशाला ने जांच में यह पुष्टि की कि घी के नमूनों में पशु चर्बी, लार्ड (सूअर की चर्बी), और मछली के तेल की मौजूदगी पाई गई। यह नमूना 9 जुलाई, 2024 का था और प्रयोगशाला रिपोर्ट 16 जुलाई, 2024 को जारी की गई थी।

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हालांकि, इस मामले में अभी तक आंध्र प्रदेश सरकार या तिरुमाला तिरुपति देवस्थानम (टीटीडी) की ओर से कोई आधिकारिक बयान नहीं आया है। इस गंभीर आरोप के बाद मंदिर प्रबंधन पर सवाल खड़े हो रहे हैं, और श्रद्धालुओं में गहरी नाराजगी है।

इस विवाद ने धार्मिक भावनाओं को आहत किया है, और अब लोग तिरुपति मंदिर के प्रसाद की शुद्धता पर सवाल उठा रहे हैं।


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Rahul Bisen

Sept. 19, 2024   

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Astrology: पर्स हमेशा रहता है खाली? तो आज रखें पर्स …


Astrology: खाली पर्स कई लोगों के लिए चिंता का कारण बन सकता है, खासकर जब पैसे की कमी बार-बार सामने आती है। अक्सर लोग सुबह पर्स में नोटों की गड्डियों के साथ निकलते हैं, लेकिन शाम तक उनके पर्स में केवल चंद सिक्के बचते हैं। क्या आप भी चाहते हैं कि आपके पर्स में हमेशा पैसा टिका रहे? तो ज्योतिष और वास्तु शास्त्र के अनुसार, इन 5 वस्तुओं को पर्स में रखने से आपके धन की कमी कभी नहीं होगी।

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1. अक्षत (चावल)

चावल को धन का प्रतीक माना गया है। पर्स में चावल के कुछ साबुत दाने रखने से आर्थिक स्थिरता बनी रहती है। ध्यान रखें कि चावल खंडित न हो, और इसे मां लक्ष्मी को अर्पित करने के बाद ही पर्स में रखें।

 

2. हल्दी की गांठ

हल्दी को हिंदू धर्म में शुभ और सकारात्मकता का प्रतीक माना गया है। वास्तु के अनुसार, पर्स में एक हल्दी की गांठ को लाल कपड़े में लपेटकर रखने से धन संबंधी समस्याएं दूर होती हैं और नकारात्मक ऊर्जा समाप्त होती है।

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3. मां लक्ष्मी की तस्वीर

धन की देवी मां लक्ष्मी की एक छोटी सी तस्वीर पर्स में रखने से धन का अभाव नहीं होता। ध्यान दें कि मां लक्ष्मी की ऐसी तस्वीर पर्स में रखें, जिसमें वे बैठी मुद्रा में हों।

 

4. पीपल का पत्ता

पीपल के पत्ते को पर्स में रखना आर्थिक संकटों से छुटकारा दिलाता है। लेकिन इसे पर्स में रखने से पहले अभिमंत्रित करना न भूलें।

 

5. चांदी का सिक्का, गोमती चक्र, श्रीयंत्र या कौड़ी

ये वस्तुएं मां लक्ष्मी से जुड़ी मानी जाती हैं। इन्हें पर्स में रखने से न केवल अनचाहे खर्चों में कमी आती है, बल्कि धन की कमी भी महसूस नहीं होती।

निष्कर्ष
यदि आप भी अपने पर्स में हमेशा धन की गड्डियां चाहते हैं, तो इन 5 वस्तुओं को अपने पर्स में रखें और मां लक्ष्मी की कृपा प्राप्त करें। ज्योतिष और वास्तु शास्त्र के अनुसार, इन उपायों से आपका पर्स कभी खाली नहीं रहेगा।


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Rahul Bisen

Sept. 14, 2024   

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New Delhi: प्रधानमंत्री मोदी के घर आया बहुत ही खास …


New Delhi: प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के घर एक बेहद खास मेहमान का आगमन हुआ है, जिसका नाम 'दीपज्योति' रखा गया है। प्रधानमंत्री मोदी का पशु प्रेम तो जगजाहिर है, और उनके आवास पर पहले से ही कई पालतू जानवर मौजूद हैं, जिनमें पुंगनुर ब्रीड की गाय भी शामिल है। हाल ही में पीएम मोदी ने एक वीडियो X हैंडल पर शेयर किया, जिसमें वे एक नवजात बछड़े को दुलार करते हुए दिख रहे हैं।

वीडियो में प्रधानमंत्री ने इस नव वत्सा (बछड़े) का नाम 'दीपज्योति' रखा है। पीएम मोदी ने X हैंडल पर लिखा, हमारे शास्त्रों में कहा गया है गाव सर्वसुख प्रदा प्रधानमंत्री आवास परिवार में एक नए सदस्य का शुभ आगमन हुआ है। इस नव वत्सा के मस्तक पर ज्योति का चिह्न है, इसलिए मैंने इसका नाम 'दीपज्योति' रखा है।

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प्रधानमंत्री मोदी के आवास पर पहले से ही पुंगनुर ब्रीड की गाय मौजूद है, जो दुनिया की सबसे छोटी नस्ल की गाय मानी जाती है। इस ब्रीड की गाय का दूध अत्यंत पौष्टिक माना जाता है और यह मकर संक्रांति के मौके पर भी पीएम मोदी के गौसेवा करने की तस्वीरें वायरल हुई थीं।

प्रधानमंत्री मोदी का अपने पालतू पशुओं के प्रति प्रेम और देखभाल का यह भाव, न सिर्फ उनकी व्यक्तिगत संवेदनाओं को दर्शाता है, बल्कि भारतीय संस्कृति में गाय के महत्व को भी प्रकट करता है।


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Vaingangavarta19

Sept. 11, 2024   

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आष्टी येथील प्रतिष्ठित सामाजिक कार्यकर्ते संजयभाऊ पंदीलवार यांच्या परिवाराची महालक्ष्मी …


आष्टी येथील प्रतिष्ठित सामाजिक कार्यकर्ते 
संजयभाऊ पंदीलवार यांच्या परिवाराची महालक्ष्मी स्थापनेची १७ वर्षा पासून परंपरा कायम


 दरवर्षी प्रमाणे यंदाही होणार भक्तांची दर्शनासाठी गर्दी 


आष्टी:-
आष्टी येथील प्रतिष्ठित शेतकरी, व सामाजिक कार्यकर्ते संजय नानाजी पंदीलवार व माजी जिल्हा परिषद सदस्या रूपालीताई पंदिलवार यांच्या परिवारात १८ वर्षांपासून अखंडपणे दरवर्षी भाद्रपद महिन्यात महालक्ष्मी स्थापनेची परंपरा कायम राखली जात आहे. त्यानुसार यावर्षी सुद्धा पंदीलवार परिवारात महालक्ष्मीची स्थापना करण्यात आली आहे.
पंदीलवार परिवारात २००८ पासून भाद्रपद महिन्यात महालक्ष्मीची स्थापना करून पूजाअर्चना केली जात आहे. ही अखंड परंपरा कायम ठेवण्याचा प्रयत्न त्यांच्याकडून चालविला जात आहे. महालक्ष्मीच्या दर्शनासाठी आष्टी परिसरातील इल्लूर, अनखोडा, कढोली, चपराळा, चौडमपल्ली, ठाकरी, कुनघाडा, चंदनखेडी, मार्कंडा (कं) आदी गावातील भाविक मोठ्या संख्येने येऊन मनोकामनेसाठी प्रार्थना करतात. या उत्सवात सर्व जाती, धर्माचे लोक सहभागी होत असल्याने सर्व धर्म समभावाचे वातावरण येथे निर्माण होत असते.
पंदिलवार परिवारांकडून सातत्याने सामाजिक कार्यात योगदान राहत असल्यामुळे त्यांच्याकडील उत्सवात परिसरातील नागरिक सहभागी होत असतात. परिवाराकडून अपघातग्रस्तांना मदत वैद्यकीय उपचारासाठी मदत करणे, नैसर्गीक आपत्ती ग्रस्तांना मदत केली जाते हा वारसा त्यांनी मागील अनेक वर्षांपासून चालविला आहे. यामुळे त्यांच्या घरील महालक्ष्मी उत्सवाला विशेष महत्व प्राप्त होत असते. संजयभाऊ पंदिलवार हे स्वतः या उत्सवात सहभागी व्हावे यासाठी परिसरातील जनतेला निमंत्रित करतात व सर्व भाविकांना स्नेहभोज करण्याची विनंती करतात असे संजूभाऊ मनमिळाऊ स्वभावाचे धनी असल्याने परिसरातील जनतेला त्यांचे कौतुक वाटते आहे


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Chunnilal kudwe

Sept. 10, 2024   

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'Muslim community' on the streets to honor religious leader - …


धर्मगुरू का अपमान करने वालों पर सख्त कार्रवाई करें

 चिमुर:-
       नासिक जिले के शाह पंचाले गांव में अखंड हरिनाम सप्ताह के दौरान महंत रामगिरि महाराज ने पैगंबर हजरत मोहम्मद का गलत शब्दों में वर्णन कर मुस्लिम समुदाय का अपमान किया था। भाजपा के विधायक नितेश राणे ने भी एक कार्यक्रम के दौरान मुस्लीम समाज के बारे में अभद्र टिप्पनी की जिसके बाद सोमवार को चिमूर में मुस्लिम समुदाय सड़कों पर उतर आया और मांग की भारतीय जनता पार्टी के विधायक नितेश नारायण राणे व महंत रामगिरी महाराज के खिलाफ कार्रवाई की मांग को लेकर उपविभागीय अधिकारी के माध्यम से मुख्यमंत्री को ज्ञापन सौपा।  इस दौरान मुस्लिम भाईचारे ने हात को काली पट्टी बांधकर इस घटना का विरोध किया

          महंत रामगिरि महाराज और भाजपा विधायक नितेश राणे ने मुस्लिम भाइयों के प्रति अशोभनीय शब्द बोलकर समाज में भय का माहौल पैदा किया है।  दोनों के खिलाफ कड़ी कार्रवाई की मांग को लेकर मुस्लिम एकता समाज संगठन ने सोमवार को नेहरू विद्यालय से लेकर मुख्य सड़क पर स्थित उपविभागीय अधिकारी कार्यालय से उपविभागीय पुलिस अधिकारी कार्यालय तक मोर्चा निकाला।  मुख्यमंत्री एकनाथ शिंदे, उप मुख्यमंत्री देवेन्द्र फड़नवीस, को उपविभागीय पुलिस अधिकारि और उपविभागीय अधिकारियों के माध्यम से राज्य के विधानसभा के विपक्ष  नेता विजय वडेट्टीवार, गडचिरोली - चिमूर लोकसभा क्षेत्र के सांसद डॉ नामदेव किरसान ,चंद्रपुर के पुलिस अधीक्षक, जिल्हाधीकारी को ज्ञापन दिया गया। मोर्चा में सैकड़ों महिला - पुरुष मुस्लिम भाई मौजूद थे।

        ज्ञापन देते वक्त तंजील रज़ा, हाफ़िज़ अनीस, हाफ़िज़ अमजद, हाफ़िज़ अज़हर, जावा शेख, मौलाना अंसार, मोहम्मद सौदागर, मोहम्मद आरिफ़, अज़हर शेख, इकबाल सौदागर, कलीम पठान, पप्पू भाई, आरिफ़ बाबू, रिज़वान पठान, अम्मुभाई, अब्दुल राजिक, जमीर शेख आदि मौजूद थे।


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Pawar Interprises

Sept. 9, 2024   

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Mobile Blast Reason: इस छोटी सी गलती से बम की …


Mobile Blast Reason: दोस्तों आजकल लगभग हर व्यक्ति के पास मोबाइल या स्मार्टफोन है, जो हमारे जीवन को बहुत आसान बना देता है। लेकिन कभी-कभी लापरवाही की वजह से ये स्मार्टफोन हमारे लिए घातक साबित हो सकता है। कई बार मोबाइल में विस्फोट की घटनाएं सामने आई हैं, जिनका मुख्य कारण अक्सर फोन की बैटरी का फटना होता है। आपकी एक छोटी सी गलती मोबाइल में विस्फोट का कारण और जानलेवा साबित हो सकती है। तो दोस्तों इस आर्टिकल में, हम बताने वाले है कि मोबाइल की बैटरी क्यों फटती है और इससे बचने के उपाय क्या हैं। तो आइए जानते है.

 

मोबाइल की बैटरी क्यों फटती है?

मोबाइल चार्ज करते समय इसके आसपास रेडिएशन का स्तर बहुत ज्यादा होता है, जिससे बैटरी गरम हो जाती है। इसके अलावा, अगर बैटरी में कोई डिफेक्ट होता है या अगर यूजर कुछ सामान्य गलतियाँ करता है, जैसे बैटरी को लंबे समय तक चार्ज पर छोड़ना, तो इससे भी बैटरी के फटने की संभावना बढ़ जाती है। बैटरी के सेल्स समय के साथ डेड हो जाते हैं, जिससे फोन के अंदर के केमिकल में बदलाव आता है और बैटरी फट सकती है।

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फोन में दिखें ये बदलाव तो हो जाएं सावधान

अगर आपके फोन की स्क्रीन धुंधली हो जाती है या पूरी तरह से डार्क हो जाती है, तो यह एक संकेत हो सकता है कि बैटरी में कोई समस्या है। इसके अलावा, अगर आपका फोन बार-बार हैंग हो रहा है या उसकी प्रोसेसिंग स्लो हो रही है, तो इसे नजरअंदाज न करें। फोन का ज्यादा गर्म होना भी बैटरी की खराबी का संकेत हो सकता है और इससे भी विस्फोट की चांसेस हो सकते है।

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कैसे चेक करें बैटरी खराब है या नहीं

अगर आपके पास फोन की बैटरी को निकालने का विकल्प है, तो बैटरी को फोन से निकले और इसे टेबल पर रखें और घुमाकर देखें। अगर बैटरी तेज घूम रही है. फूली हुई है. जिन स्मार्टफोन्स में बैटरी इनबिल्ट होती है, उन्हें हीट से चेक किया जा सकता है। फोन को 20% बैटरी रहते हुए चार्ज पर लगाएं और पूरी तरह बैटरी खत्म होने न दे, क्योंकि पूरी बैटरी खत्म होने के बाद चार्ज करने में ज्यादा पावर सप्लाई की जरूरत होती है, जिससे बैटरी फटने की चांसेस ज्यादा रहते है।

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भूलकर भी न करें ऐसी गलतियां

डुप्लीकेट चार्जर या बैटरी का इस्तेमाल ना करें और हमेशा अपने स्मार्टफोन के ब्रांड के अनुसार ही चार्जर का इस्तेमाल करें। चार्जर के पिन को भींगने से बचाएं और पिन सूखने के बाद ही इसे चार्ज पर लगाएं। बैटरी को भूलकर भी 100% तक चार्ज ना करे. इसे 80 से 90% तक ही चार्ज करें, क्योंकि पूरी तरह चार्ज करने से ओवरचार्जिंग की संभावना बढ़ जाती है और इससे बैटरी फटने की बहुत ज्यादा चांस रहते है.


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Today Latest News

Sept. 9, 2024   

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Gadchiroli News: श्री गुरुदेव नवयुवक गणेश मंडळ कनेरी च्या वतीने …


Gadchiroli News: दिनांक 10-09-2024 रोजी, मंगळवार, श्री गुरुदेव नवयुवक गणेश मंडळ, कनेरी ( Shri Gurudeo Navayuvak Ganesh Mandal Kaneri, Gadchiroli ) यांच्या वतीने समाजसेवेच्या क्षेत्रात एक महत्वाकांक्षी आणि प्रेरणादायक उपक्रम आयोजित करण्यात आले आहे. मंडळाच्या वतीने भव्य रक्तदान शिबिर आयोजित करण्यात आलेले आहे. समाजातील गरजू लोकांसाठी एक महत्त्वाची संधी ठरणार आहे. हे शिबिर दुपारी 11 वाजता कनेरी येथे सुरु होईल.

रक्तदान म्हणजे जीवन दान. हे समाजसेवेचे एक खूप महत्वाचे कार्य आहे, ज्यामध्ये सहभागी होणे म्हणजे लोकांच्या जीवनात आशा निर्माण करणे. श्री गुरुदेव नवयुवक गणेश मंडळाने हे लक्षात घेऊन, रक्तदान शिबिराच्या माध्यमातून रक्ताची गरज पूर्ण करण्याचे ठरवले आहे. मंडळाच्या या उपक्रमामुळे अनेक गरजू लोकांना जीवनदान मिळवता येईल आणि त्यामुळेच हा उपक्रम अत्यंत महत्वाचा ठरतो.

या शिबिरात रक्तदान करणाऱ्यांसाठी सर्व सुविधांची व्यवस्था करण्यात आलेली आहे. मंडळाने रक्तदात्यांना आरामदायी आणि सुरक्षित वातावरण प्रदान करण्याची काळजी घेतली आहे. यामध्ये तपासणी, मार्गदर्शन आणि इतर सर्व आवश्यक सेवा उपलब्ध असतील. मंडळाचे सदस्य रक्तदान करण्यासाठी आलेल्या प्रत्येक व्यक्तीस प्रोत्साहन देत, योग्य मार्गदर्शन करतील.

मंडळाचे अध्यक्ष तेजराम रायशिडाम, सचिव नितीन बांगरे, सरपंच तुषार भाऊ मडावी, पोलीस पाटील गणेश जी मडावी आणि कार्यकारणी सदस्य कृष्णकांत कोतपल्लीवार, युद्धांत गेडाम, लिंगजी बांगरे, अंकित समर्थ, सुरज मेश्राम, शुभम बांगरे, लोमेश समर्थ, रितिक अलाम, तुषार कोहळे, हर्षल पेंदाम, नरेश कोडप, ज्ञानेश्वर कोडप, अतुल समर्थ, क्रिश कोतपल्लीवार, मयूर कन्नाके, नितीन मेश्राम, प्रफुल मडावी, राहुल ठाकरे, शुभम मेश्राम, दादू सूर्यवंशी, शंकर धोटे, प्रणय मडावी, अस्मित आत्राम, मंथन ठाकरे आणि ताराचंद कोहळे यांच्यासह सर्व सदस्य या उपक्रमामध्ये सक्रियपणे सहभाग घेत आहेत आणि एकत्रितपणे कार्यरत आहेत.

कनेरीच्या ग्रामस्थांसाठी आणि परिसरातील नागरिकांसाठी हा उपक्रम एक अनमोल संधी आहे. आपला सहभाग हे एक सामाजिक दायित्व आहे आणि प्रत्येक व्यक्तीच्या योगदानामुळे या उपक्रमाचे यश सुनिश्चित होईल. मंडळाच्या अथक प्रयत्नांमुळे आणि समर्पणामुळे हे शिबिर यशस्वी होईल, असे विश्वास आहे.

सर्व नागरिकांना या रक्तदान शिबिरात सहभागी होण्याचे आवाहन करण्यात येत आहे. आपले रक्तदान केल्याने अनेक लोकांचे जीवन वाचवता येईल. आपला सहभाग ही एक सामाजिक जबाबदारी आहे आणि आपल्याला यामध्ये सहभागी होण्यासाठी आवाहन केले जात आहे.

श्री गुरुदेव नवयुवक गणेश मंडळाने समाजसेवा क्षेत्रात दाखवलेल्या या प्रेरणादायक कार्याची खरीखुरी प्रशंसा केली पाहिजे. त्यांच्या या उपक्रमामुळे अनेक लोकांना मदत होईल आणि समाजात एक सकारात्मक बदल घडवला जाईल.


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Today Latest News

Sept. 8, 2024   

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Gadchiroli News: श्री गुरुदेव नवयुवक गणेश मंडळ कनेरी तर्फे रक्तदान …


Gadchiroli News: श्री गुरुदेव नवयुवक गणेश मंडळ, कनेरी यांच्या वतीने दरवर्षीप्रमाणे यंदाही सामाजिक उपक्रम राबवत गणेशोत्सव साजरा केला जात आहे. या वर्षी मंडळाचे 12 वे वर्ष असून, या निमित्ताने मंडळाच्या वतीने रक्तदान शिबिराचे आयोजन करण्यात आले आहे.

मंडळाचे अध्यक्ष तेजराम रायशिडाम, सचिव नितीन बांगरे, सरपंच तुषार भाऊ मडावी, पोलीस पाटील गणेश जी मडावी, कृष्णकांत कोतपल्लीवार, युद्धांत गेडाम यांनी या उपक्रमाची माहिती दिली आणि नागरिकांनी या शिबिरात मोठ्या संख्येने सहभागी होण्याचे आवाहन केले.

या उपक्रमात मंडळाचे सदस्य लोमेश समर्थ, रितिक अलाम, अंकित समर्थ, सुरज मेश्राम, शुभम बांगरे, मयूर कन्नाके, तुषार कोहळे, लिंगाजीजी बांगरे, राहुल ठाकरे, हर्षद पेंदाम, शुभम मेश्राम, आणि वैष्णव सूर्यवंशी यांचे विशेष सहकार्य लाभले आहे.

रक्तदान शिबिराच्या माध्यमातून समाजातील गरजूंना मदत करण्याची संधी उपलब्ध करून दिली जात आहे. गणेशोत्सवाच्या निमित्ताने सामाजिक कार्याची ही परंपरा मंडळाने जपली असून, नागरिकांनी यामध्ये उत्स्फूर्त सहभाग नोंदवावा, असे मंडळाच्या सदस्यांनी आवाहन केले आहे.


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Jitesh Chouhan

Sept. 8, 2024   

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Narendra Modi Bhavishyavani: पंतप्रधान नरेंद्र मोदी को लेकर ज्योतिषी की …


Narendra Modi Bhavishyavani: प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने तीसरी बार देश के प्रधानमंत्री के रूप में शपथ ली है, और इस मौके पर उनकी कुंडली पर खास ज्योतिषीय नजर डाली गई है। वृश्चिक लग्न में बनी उनकी कुंडली संघर्ष, अवसर और चुनौतियों से भरी हुई है, जो उनके तीसरे कार्यकाल को विशेष रूप से प्रभावित कर सकती है।

 

कुंडली में शनि और राहु का प्रभाव

प्रधानमंत्री मोदी की कुंडली में शनि की चतुर्थ भाव में स्थिति और शशक महापुरुष राजयोग का निर्माण उनके तीसरे कार्यकाल को काफी हद तक प्रभावित करेगा। शनि की इस स्थिति से नए कानूनों और अनुशासन से संबंधित कदमों के संकेत मिलते हैं। वहीं, पंचम भाव में राहु की उपस्थिति से कुछ जटिल निर्णयों का सामना करना पड़ सकता है, जिससे पार्टी के भीतर भी चुनौतियाँ उत्पन्न हो सकती हैं।

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तीसरा कार्यकाल: संघर्ष और विरोध

ज्योतिषीय गणना के अनुसार, प्रधानमंत्री मोदी का तीसरा कार्यकाल चुनौतियों से भरा रहेगा। उनकी कुंडली के लग्नेश मंगल छठे भाव में स्थित हैं, जो शत्रुओं पर विजय का संकेत है। लेकिन शनि की दृष्टि मंगल पर होने के कारण इस कार्यकाल में विरोधियों से कड़ा मुकाबला होगा और संघर्ष की स्थिति बनी रहेगी। शनि के प्रभाव से कार्यों में देरी और राजनीतिक तनाव की संभावना भी बनी रहेगी।

 

अर्थव्यवस्था और पार्टी को लाभ

द्वितीय भाव का स्वामी सप्तम भाव में स्थित है, जो भारत की अर्थव्यवस्था के लिए शुभ संकेत है। इस समय देश की अर्थव्यवस्था में सुधार के साथ-साथ पार्टी को भी समर्थन मिलेगा। हालांकि, बुध और शुक्र के अस्त होने से कुछ बड़े वादों और योजनाओं को पूरा करने में कठिनाइयाँ आ सकती हैं। यदि कुछ नीतियाँ विफल होती हैं, तो इससे सरकार की छवि को नुकसान हो सकता है।

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विदेश नीति में सफलता

प्रधानमंत्री मोदी की कुंडली के सप्तम भाव में सूर्य, बृहस्पति, बुध और शुक्र की उपस्थिति विदेश नीति में सफलता का संकेत देती है। यह समय अंतरराष्ट्रीय संबंधों को मजबूत बनाने का होगा, जिससे भारत की अर्थव्यवस्था को लाभ मिलेगा। बृहस्पति और सूर्य की स्थिति यह दर्शाती है कि मोदी के मंत्रिमंडल के सदस्य भी अपनी जिम्मेदारियों को सफलतापूर्वक निभाएँगे।

 

सामाजिक सुधार और धार्मिक संतुलन

प्रधानमंत्री की कुंडली के नवम भाव में स्वराशि का चंद्रमा स्थित है, जो सरकार के धार्मिक और सामाजिक संतुलन को बनाए रखने का संकेत है। यह समय सरकार के लिए धर्मनिरपेक्ष राजनीति पर जोर देने और देश में सामाजिक एकता को बढ़ावा देने का होगा।

 

भविष्य की चुनौतियाँ: 2026-27 में विशेष ध्यान

ज्योतिषीय दृष्टि से 2026-27 का समय प्रधानमंत्री मोदी के लिए चुनौतीपूर्ण हो सकता है। इस दौरान जनता का समर्थन घट सकता है और राजनीतिक तनाव बढ़ सकता है। शनि की स्थिति से प्रधानमंत्री को मानसिक तनाव और राजनीतिक अस्थिरता का सामना करना पड़ सकता है।

कुल मिलाकर, प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी का तीसरा कार्यकाल ज्योतिषीय दृष्टि से संघर्षपूर्ण रहेगा, लेकिन आर्थिक और विदेश नीति के मोर्चे पर सफलता की संभावनाएँ भी प्रबल हैं। देश में नए कानूनों का निर्माण और सामाजिक सुधारों पर भी गहरा प्रभाव पड़ सकता है।

Disclaimer: ये जानकारी मान्यताओं और ज्योतिषीय गणनाओं पर आधारित है। 
ये  किसी भी ज्योतिषीय उपाय और भविष्यवाणी को अपनाने से पहले विशेषज्ञ की सलाह जरुर ले