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20-10-2024
12 Jyotirlinga Name And Place: भारत, आध्यात्मिकता और धार्मिक आस्था की भूमि, भगवान शिव के अनन्य भक्तों के लिए एक पवित्र धरोहर समेटे हुए है—12 ज्योतिर्लिंग। यह 12 ज्योतिर्लिंग न केवल धार्मिक यात्रा के केंद्र हैं, बल्कि वे शिव की अपार शक्ति और दिव्यता का साक्षात्कार करने के स्थान माने जाते हैं। प्रत्येक ज्योतिर्लिंग के पीछे अनोखी पौराणिक कथाएँ और अद्वितीय महत्व छिपा है, जो इसे खास बनाते हैं। ऐसा माना जाता है कि इन ज्योतिर्लिंगों के दर्शन से व्यक्ति के समस्त कष्टों का निवारण होता है और वह शिव की कृपा से मोक्ष प्राप्त कर सकता है। आइए, शिव की आराधना के इन 12 पवित्र स्थलों के अद्भुत रहस्यों और धार्मिक महत्त्व को विस्तार से जानें।
भारत में 12 पवित्र ज्योतिर्लिंगों का विशेष धार्मिक महत्व है। यह ज्योतिर्लिंग भगवान शिव के भक्तों के लिए प्रमुख तीर्थस्थल हैं। इनका दर्शन करने से व्यक्ति को शिव की कृपा प्राप्त होती है। प्रत्येक ज्योतिर्लिंग एक विशेष कथा और धार्मिक मान्यता से जुड़ा हुआ है। यहाँ भारत के 12 प्रमुख ज्योतिर्लिंगों के नाम और स्थानों का विवरण दिया गया है।
सोमनाथ मंदिर भारत का पहला ज्योतिर्लिंग मंदिर है, जिसे चालुक्य शैली में बनाया गया है। यह मंदिर गुजरात के काठियावाड़ जिले के वेरावल क्षेत्र में अरब सागर के तट पर स्थित है। यहाँ हर साल हजारों श्रद्धालु भगवान शिव का दर्शन करने आते हैं, और महाशिवरात्रि के मौके पर यहाँ खासतौर पर भारी भीड़ होती है।
आंध्र प्रदेश के कृष्णा नदी के किनारे स्थित मलिक्कार्जुन ज्योतिर्लिंग श्रीशैल पर्वत पर स्थित है। इस मंदिर का ऐतिहासिक महत्व सतवाहन साम्राज्य से जुड़ा है, और छत्रपति शिवाजी महाराज ने भी इस मंदिर की देखरेख में योगदान दिया था। इसके पास एक शक्तिपीठ भी स्थित है.
उज्जैन में स्थित महाकालेश्वर ज्योतिर्लिंग मंदिर 12 ज्योतिर्लिंगों में एकमात्र दक्षिणमुखी ज्योतिर्लिंग है। यहाँ प्रतिदिन हजारों श्रद्धालु भगवान शिव के दर्शन करने आते हैं। महाकालेश्वर की पूजा विशेष रूप से भस्म से की जाती है, जो इस मंदिर की अनूठी विशेषता है।
मध्य प्रदेश के खंडवा जिले में स्थित ओंकारेश्वर ज्योतिर्लिंग नर्मदा नदी के किनारे मंधाता पर्वत पर स्थित है। यह तीन मंजिला मंदिर अपने अद्वितीय स्थापत्य के लिए प्रसिद्ध है और भक्तों के बीच लोकप्रिय है।
झारखण्ड के संथाल परगना क्षेत्र में स्थित बाबा बैधनाथ ज्योतिर्लिंग भारत के प्रसिद्ध मंदिरों में से एक है। इसे 51 शक्तिपीठों में भी शामिल किया गया है और भगवान शिव के भक्त इसे अत्यंत पवित्र मानते हैं।
भीमाशंकर ज्योतिर्लिंग पुणे के खेड़ तालुका में स्थित है और भीमा नदी के पास समहाद्री पर्वत के करीब है। यह मंदिर अद्वितीय प्राकृतिक सौंदर्य और धार्मिक महत्व का प्रतीक है।
तमिलनाडु के कन्याकुमारी क्षेत्र में स्थित रामेश्वर ज्योतिर्लिंग मंदिर का ऐतिहासिक और धार्मिक महत्व अत्यधिक है। भगवान राम और विभीषण की पहली मुलाकात यहाँ हुई थी, और वानर सेना के लिए बनाए गए 24 कुएँ आज भी इस मंदिर की शोभा बढ़ाते हैं।
द्वारका के पास स्थित नागेश्वर ज्योतिर्लिंग मंदिर को नागनाथ मंदिर के नाम से भी जाना जाता है। यहाँ भगवान शिव की 80 फ़ीट ऊंची मूर्ति स्थापित है, और यह मंदिर अपनी भव्यता के लिए प्रसिद्ध है।
वाराणसी में स्थित काशी विश्वनाथ ज्योतिर्लिंग मंदिर भारत के सबसे पवित्र स्थलों में से एक है। इसका धार्मिक महत्व असीम है, और यहाँ हर साल लाखों श्रद्धालु भगवान शिव का आशीर्वाद प्राप्त करने आते हैं।
नासिक के पास स्थित त्र्यंबकेश्वर ज्योतिर्लिंग मंदिर अपने तीन लिंगों के लिए प्रसिद्ध है, जो शिव, विष्णु और ब्रह्मा का प्रतिनिधित्व करते हैं। यह मंदिर गौतमी नदी के किनारे स्थित है और इसका धार्मिक महत्व अत्यधिक है।
केदारनाथ ज्योतिर्लिंग मंदिर गढ़वाल हिमालय में स्थित है और यह हिन्दू धर्म के चार धामों में से एक है। ऊँचाई और ठंडे मौसम के बावजूद, यहाँ भगवान शिव की पूजा करने के लिए श्रद्धालु बड़ी संख्या में आते हैं।
महाराष्ट्र के औरंगाबाद में स्थित घृष्णेश्वर ज्योतिर्लिंग मंदिर 12 ज्योतिर्लिंगों में अंतिम स्थान पर आता है। इसका वास्तुशिल्प अद्वितीय है, और यह मंदिर भगवान शिव के भक्तों के लिए महत्वपूर्ण धार्मिक स्थल है।
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