Gold Rate Maharashtra: दिवाळी संपताच सोन्याच्या दागिन्यांची चमक काहीशी कमी झाली आहे. दिवाळीत लोक मोठ्या उत्साहाने सोन्याचे दागिने खरेदी करतात, त्यामुळे त्यावेळी सोन्याच्या किंमती उच्चांकावर होत्या. मात्र, आज (7 नोव्हेंबर 2024) सोन्याच्या दरात मोठी घसरण झाली आहे, ज्यामुळे सोन्याचे भाव कमी झाले आहेत. चला, या घटीचे परिणाम आणि नवीन दर सविस्तर जाणून घेऊया.
सध्या देशातील प्रमुख शहरांमध्ये 24 कॅरेट सोन्याचा दर 80,000 रुपयांच्या आसपास होता, जो आता कमी झाला आहे. सोन्याच्या दरांमध्ये या घसरणीमुळे बाजारात काही प्रमाणात स्थिरता आली आहे. या किंमतीतील बदल जागतिक आर्थिक स्थिती आणि बाजारातील अस्थिरतेशी जोडलेला आहे.
Goodreturns वेबसाईटनुसार, आज 24 कॅरेट 10 ग्रॅम सोन्याचा दर 78,560 रूपये आहे, ज्यामध्ये 1,432 रूपयांची घसरण झाली आहे. तर 22 कॅरेट सोन्याचा भाव 73,650 रुपयांवरून 72,000 रूपयांवर आला आहे. एक किलो चांदीचा दर 93,000 रूपये आहे. उत्पादन शुल्क, राज्य कर, आणि मेकिंग चार्जेस यामुळे भारतात सोन्या-चांदीच्या किंमतींमध्ये बदल होत असतात.
सोन्या-चांदीच्या दरात रोज बदल होत असतो. या घटीमुळे सोनं खरेदी करणाऱ्या ग्राहकांसाठी आनंदाची बातमी आहे.
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आउटडोर फोटोग्राफी में प्राकृतिक रोशनी, मौसम, और परिदृश्यों का उपयोग कर अद्वितीय शॉट्स कैप्चर किए जाते हैं। अगर आप बेहतरीन आउटडोर फोटो खींचना चाहते हैं, तो इस गाइड में आपको जरूरी टिप्स और ट्रिक्स मिलेंगे।
1. प्राकृतिक रोशनी का सही उपयोग
आउटडोर फोटोग्राफी के लिए प्राकृतिक रोशनी सबसे महत्वपूर्ण है। सुबह और शाम की गोल्डन ऑवर में हल्की और गर्म रोशनी आपके फोटोज़ में गहराई और सौंदर्य लाती है। दोपहर की कड़ी धूप में छाया को सही तरीके से मैनेज करें ताकि आउटडोर शॉट्स में स्पष्टता आए।
2. उपकरण का सही चयन
आउटडोर फोटोग्राफी के लिए सही कैमरा और लेंस चुनना जरूरी है।
- डीएसएलआर या मिररलेस कैमरा के साथ वाइड-एंगल लेंस परफेक्ट हैं।
- ट्राइपॉड कम रोशनी में स्थिरता बनाए रखने में मदद करता है, खासकर लैंडस्केप शॉट्स के लिए।
- एनडी फिल्टर और पोलराइज़र का उपयोग करें, जिससे प्राकृतिक रंग और कंट्रास्ट में सुधार हो।
3. कंपोज़िशन टिप्स
एक बेहतरीन आउटडोर फोटो के लिए अच्छी कंपोज़िशन महत्वपूर्ण है।
- रूल ऑफ थर्ड्स का उपयोग कर फ्रेम को बेहतर बनाएं।
- लीडिंग लाइन्स (जैसे सड़कें या नदी) के जरिए दृष्टिकोण को फोकस करें।
- प्राकृतिक फ्रेमिंग का उपयोग करें, जैसे पेड़ों की शाखाएं या खिड़कियां, ताकि आपका विषय स्पष्ट रूप से उभरे।
4. मौसम का प्रभाव
मौसम बदलने के साथ आपके फोटो का मूड भी बदलता है। कोहरे बारिश, और बादलों का सही उपयोग करने से आपके फोटो में अनोखा और प्राकृतिक इफेक्ट आ सकता है। आउटडोर फोटोग्राफी के लिए विभिन्न मौसमों का अन्वेषण करें और बेहतरीन शॉट्स कैप्चर करें।
5. शटर स्पीड और एक्सपोज़र
आउटडोर फोटोग्राफी में बदलती रोशनी के साथ शटर स्पीड और एक्सपोज़र को सही ढंग से सेट करना जरूरी है।
- तेज शटर स्पीड से आप चलती वस्तुओं को कैप्चर कर सकते हैं।
- धीमी शटर स्पीड का उपयोग मूविंग पानी या बादलों की खूबसूरती दिखाने के लिए करें।
6. स्थानीय दृश्य और जीवन
स्थानीय जगहों और समुदायों की अनदेखी सुंदरता को कैप्चर करना आउटडोर फोटोग्राफी का मुख्य उद्देश्य है। स्थानीय संस्कृतिऔर प्राकृतिक परिदृश्यों को तस्वीरों में जीवंत करें।
7. एडिटिंग टिप्स
फोटो कैप्चर करने के बाद, एडिटिंग का सही तरीके से उपयोग करें। कलर बैलेंस, एक्सपोज़र और शार्पनेस को सही ढंग से एडजस्ट करें। कोशिश करें कि फोटो की प्राकृतिक सुंदरता को बनाए रखें और ज्यादा एडिटिंग से बचें।
निष्कर्ष:
आउटडोर फोटोग्राफी रोमांचक और रचनात्मक फोटोग्राफी का एक महत्वपूर्ण हिस्सा है। इस गाइड के माध्यम से, आप प्राकृतिक रोशनी, कंपोज़िशन, और मौसम का सही उपयोग करके अपने आउटडोर फोटोशूट को और भी बेहतर बना सकते हैं।
श्री रतन टाटा यांच्या जाण्याने सम्पूर्ण भारतवासी दुःखाचे अश्रू वाहत आहेत कारण ते सामान्य लोकांसाठी खूप मोठे देव माणूस होते. त्याना सामान्य माणसाच्या गरजा, दुःख, वेदना या सगळ्या गोष्टी कळत होत्या. म्हणूनच त्यांची इमेज एक वेगळीच तयार झाली. त्याना त्यांच्या अफाट संपती चा अजिबात घमण्ड नव्हता. म्हणूनच ते सामान्य जनतेसाठी एक हिरो होते.
खरच त्यांच्या जाण्याने अख्या भारत रडला आहे.
पण आता श्री रतन टाटा यांचे निधन झाल्यानंतर नोएल टाटा यांच्या खाद्यांवर आता टाटा समूहाची जबाबदारी आली आहे. नोएल टाटा, टाटा ट्रस्टचे नवीन अध्यक्ष आहेत. त्यांची सर्वानुमते अध्यक्षपदी निवड झाली. मुंबईत टाटा ट्रस्टच्या बैठकीत हा निर्णय झाला. सध्या नोएल टाटा हे सर दोराबजी टाटा ट्रस्टचे विश्वस्त आहेत. आता त्यांच्या खाद्यावर टाटा ट्रस्टची जबाबदारी आली आहे. 100 देशांमध्ये विस्तारलेल्या टाटा समूहाच्या व्यावसायिक साम्राज्याचे नेतृत्व ते करतील. टाटा समूह आज 39 लाख कोटींचा आहे.
भारतातील मोठे उद्योगपती म्हणून नावलौकिक असलेल्या रतन टाटा यांचा मृत्यू झाल्यानंतर आता टाटा समूहाचे अध्यक्षपद कुणाकडे जाणार याकडे सर्वांचं लक्ष लागून राहिलं होतं.
रतन टाटा यांचे सावत्र बंधू नोएल टाटा (67) यांचा या पदासाठी विचार करण्यात आला आहे.
रतन टाटा यांचे वडील नवल टाटा यांची दुसरी पत्नी म्हणजे सिमोन टाटा यांचे नोएल टाटा सुपुत्र आहेत.
नोएल हे टाटा इंटरनॅशनल लिमिटेड, व्होल्टाज् अँड टाटा इन्व्हेस्टमेंट कॉर्पोरेशन आणि टाटा स्टील आणि टायटन कंपनी लिमिटेडचे व्हाईस-चेअरमन आहेत.
नोएल टाटा यांची तीन मुलेदेखील टाटा समूहाशी निगडीत असलेल्या काही धर्मादाय संस्थांच्या मंडळावर आहेत.
नोएल टाटा यांचे सुपुत्र नेव्हिल हे स्टार बझारचे प्रमुख आहेत. त्यांची मुलगी लिया टाटा या गेटवे ब्रँड सांभाळत आहे. त्यांची दुसरी मुलगी माया टाटा यांच्याकडे टाटा डिजीटलची जबाबदारी आहे.
“माझ्या सहकारी विश्वस्तांनी माझ्यावर टाकलेल्या जबाबदारीमुळे मी अत्यंत सन्मानित आणि नम्र आहे. रतन टाटा आणि टाटा समूहाच्या संस्थापकांचा वारसा पुढे नेण्यास मी उत्सुक आहे. एक शतकापूर्वी स्थापन झालेली टाटा ट्रस्ट ही सामाजिक हिताचे काम करण्यासाठी एक अद्वितीय साधन आहे. या पवित्र प्रसंगी, आम्ही आमच्या विकासात्मक आणि परोपकारी उपक्रमांना पुढे नेण्यासाठी आणि राष्ट्र उभारणीत आमची भूमिका निभावण्यासाठी स्वतःला पुन्हा समर्पित करतो,” नोएल टाटा यांनी टाटा ट्रस्टचे अध्यक्ष म्हणून त्यांच्या नियुक्तीबद्दल सांगितले. आपल्या पहिल्याच संबोधनात राष्ट्रहिताची बात करत नोएल टाटा यांनी टाटांचा आणि रतन टाटांचा वारसा पुढे नेण्याचा दृष्टीकोन समोर ठेवला.
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Horse Racing Tips: घोड़े की रेसिंग एक रोमांचक और प्रतिस्पर्धात्मक खेल है। यदि आप एक घोड़े के मालिक हैं और उसे रेसिंग के लिए तैयार करना चाहते हैं, तो यह जानना बहुत जरूरी है कि सही तैयारी कैसे करें। रेसिंग में सफलता पाने के लिए केवल घोड़े की गति ही नहीं, बल्कि उसकी पूरी तैयारी का भी महत्वपूर्ण योगदान होता है। आइए जानते हैं कि आप अपने घोड़े को रेसिंग के लिए कैसे प्रभावी ढंग से तैयार कर सकते हैं।
घोड़े की रेसिंग के लिए सही प्रशिक्षण योजना बनाना पहली और सबसे महत्वपूर्ण कदम है। क्या आपने कभी सोचा है कि आपके घोड़े को किस प्रकार के प्रशिक्षण की जरूरत है? एक अनुभवी प्रशिक्षक से सलाह लेना मददगार हो सकता है। सुनिश्चित करें कि घोड़े को धीरे-धीरे दौड़ने की गतिविधियों में बढ़ाया जाए, जिससे उसकी सहनशक्ति बढ़े। नियमित रूप से रेसिंग ट्रैक पर उसे ले जाएं ताकि वह विभिन्न स्थितियों का सामना कर सके।
आपके घोड़े का पोषण उसके प्रदर्शन को सीधे प्रभावित करता है। क्या आप जानते हैं कि घोड़े को कौन सा खाना देना चाहिए? उच्च गुणवत्ता वाले चारे का चयन करें जिसमें प्रोटीन, कार्बोहाइड्रेट और वसा का सही संतुलन हो। विशेष रूप से रेसिंग के दिन से पहले उसे सही मात्रा में पानी दें, क्योंकि डिहाइड्रेशन से उसकी ऊर्जा प्रभावित हो सकती है।
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क्या आपने कभी सोचा है कि घोड़े की मानसिक स्थिति भी उतनी ही महत्वपूर्ण होती है? घोड़े को नए वातावरण में घुमाने से उसे रेसिंग के लिए मानसिक रूप से तैयार किया जा सकता है। उसे विभिन्न रेसिंग स्थलों पर ले जाएं ताकि वह रेसिंग के माहौल से परिचित हो सके। यह आत्मविश्वास बढ़ाने में मदद करेगा।
घोड़े की सेहत की जांच कराना न भूलें। नियमित रूप से वेटरनरी जांच कराएं ताकि किसी भी स्वास्थ्य समस्या का समय पर पता चल सके। क्या आप जानते हैं कि घोड़े के पैरों और जोड़ों की देखभाल कितनी महत्वपूर्ण होती है? यदि घोड़े को चोट लग जाए या असहजता महसूस हो, तो उसे आराम करने का समय दें।
रेसिंग के बाद आपके घोड़े को आराम की आवश्यकता होती है। क्या आपने कभी ध्यान दिया है कि विश्राम से घोड़े की मांसपेशियों को कितनी राहत मिलती है? घोड़े को हल्की गतिविधियों में शामिल करें, जैसे चलना, ताकि वह सक्रिय रहे। वसूली के समय उसके पोषण का भी ध्यान रखें।
एक सकारात्मक और सहयोगी वातावरण बनाना न भूलें। क्या आप जानते हैं कि घोड़े के साथ प्यार से बातचीत करने का कितना महत्व होता है? नियमित रूप से उसे ट्रीट दें और उसे प्यार से स्नेह करें। इससे उसका आत्मविश्वास बढ़ेगा और वह रेसिंग में बेहतर प्रदर्शन करेगा।
घोड़े को रेसिंग के लिए तैयार करना एक समग्र प्रक्रिया है। सही प्रशिक्षण, पोषण, मानसिक तैयारी, स्वास्थ्य जांच, विश्राम और सकारात्मक वातावरण सभी महत्वपूर्ण हैं। यदि आप इन सुझावों का पालन करते हैं, तो आपका घोड़ा रेसिंग के मैदान में चमक उठेगा।
Ratan Tata Net Worth: टाटा संस के पूर्व चेयरमैन रतन नवल टाटा का 86 वर्ष की आयु में 09 अक्टूबर की रात निधन हो गया। उनका निधन मुंबई के ब्रीच कैंडी अस्पताल में हुआ। रतन टाटा के चले जाने से पूरे देश में शोक की लहर है। जब भी हम रतन टाटा का नाम सुनते हैं, तो हमारे मन में भारतीय उद्योग जगत का एक ऐसा चेहरा उभरता है, जो न केवल अपनी कारोबारी कुशलता के लिए बल्कि समाज सेवा और विनम्रता के कारण भी लोगों के दिलों में एक विशेष स्थान रखते हैं।
रतन टाटा ने अपने जीवन में अथाह संपत्ति बनाई है, और अब उनकी मृत्यु के बाद हर कोई जानना चाहता है कि उनका उत्तराधिकारी कौन होगा। कौन होगा जो उनकी संपत्ति और विरासत को संभालेगा? आइए, जानते हैं कि रतन टाटा अपने पीछे कितनी संपत्ति छोड़ गए हैं और उनकी शानदार विरासत कौन बढ़ाएगा।
रतन टाटा ने टाटा ग्रुप के चेयरमैन रहते हुए भारत में बिजनेस का पूरा दृष्टिकोण ही बदल दिया। उनकी कुल संपत्ति का आकलन कठिन है, क्योंकि टाटा ग्रुप की अधिकांश कंपनियां टाटा ट्रस्ट के अधीन आती हैं। रिपोर्ट्स के अनुसार, रतन टाटा ने करीब 3,800 करोड़ रुपये (लगभग $5.4 बिलियन) की संपत्ति अपने पीछे छोड़ी है।
टाटा ग्रुप का सामूहिक बाजार मूल्य लगभग 24 लाख करोड़ रुपये (300 बिलियन डॉलर) है। इस ग्रुप में प्रमुख कंपनियां जैसे टाटा मोटर्स, टाटा स्टील, टाटा कंसल्टेंसी सर्विसेज (TCS), टाइटन, और टाटा पावर शामिल हैं। इन कंपनियों का भारतीय और अंतरराष्ट्रीय बाजार में बड़ा नाम है, जो टाटा ग्रुप को वैश्विक पहचान दिलाता है।
रतन टाटा के निधन के बाद यह सवाल सबके मन में है कि उनका उत्तराधिकारी कौन होगा। माया टाटा, जो रतन टाटा के सौतेले भाई नोएल टाटा की बेटी हैं, को टाटा समूह की संपत्तियों का संभावित उत्तराधिकारी माना जा रहा है। माया टाटा को समूह का नेतृत्व करने के लिए तैयार किया जा रहा था।
रतन टाटा अपनी साधारण जीवनशैली और टाटा ट्रस्ट के जरिए समाज कल्याण के प्रति अपनी गहरी प्रतिबद्धता के लिए जाने जाते हैं। उनकी संपत्ति का बड़ा हिस्सा समाजसेवा में लगाया गया है, और टाटा ट्रस्ट के तहत 66% शेयरों से होने वाली आय का उपयोग भी इसी उद्देश्य के लिए किया जाता है।
:- भारताच्या उद्योग क्षेत्रातील बापमाणूस, प्रसिद्ध उद्योगपती रतन टाटा यांचं निधन झालं आहे. रतन टाटा यांना रविवारी (6 ऑक्टोबर) रात्री उशिरा साडेबारा ते एक वाजेच्या दरम्यान रुग्णालयात दाखल करण्यात आलं होतं. रतन टाटा यांना रक्तदाबाचा त्रास जाणवू लागल्याने ब्रीच कँडी रुग्णालयात दाखल करण्यात आलं होतं. रतन टाटा यांना रुग्णालयात दाखल करण्यात आल्यानंतर टाटा यांनी सोमवारी (7 ऑक्टोबर) दुपारी साडेबारा वाजेच्या सुमारास स्वत: ट्विट करत आपल्या प्रकृतीची मीहिती दिली होती. “माझ्या प्रकृतीविषयी अफवा पसरली आहे. पण माझे वय लक्षात घेता आणि सध्याची माझी प्रकृती पाहता माझ्या काही वैद्यकीय तपासण्या केल्या जात आहेत. त्यामुळे काळजी करण्यासारखं कोणतेही कारण नाही”, असं रतन टाटा म्हणाले होते. टाटा यांना दाखल केल्याची बातमी समोर आल्यानंतर तिसऱ्या दिवशी संध्याकाळी त्यांची प्रकृती जास्त खालावल्याची माहिती समोर आली. प्रकृती खालावल्यामुळे रतन टाटा यांना ब्रीच कँडी रुग्णालयात आयसीयूत दाखल करण्यात आल्याची माहिती समोर आली होती.
रतन टाटा यांचा जन्म 28 डिसेंबर 1937 रोजी झाला होता. त्यांचं नाव भारताच्या उद्योग क्षेत्रात अभिमानाने घेतलं जातं. रतन टाटा यांनी फक्त उद्योग क्षेत्रात नाव कमवलं नाही तर त्यांनी माणसं जपली. कोरोना काळात देशावर मोठं संकट कोसळलं होतं. त्यावेळी रतन टाटा यांनी आपल्या हॉटेल्स राज्य सरकारला रुग्णांना क्वारंटाईन करण्यासाठी मोफत दिलं होतं. त्यांच्या या मदतीमुळे राज्यातील कोट्यवधी नागरिकांना मोठी मदत झाली होती. रतन टाटा यांच्याकडे एक खरे देशभक्त म्हणून पाहिलं जायचं. त्यांच्याकडून प्रचंड सामाजिक कार्यदेखील झालं. याशिवाय त्यांनी टाटा ग्रुपच्या विविध कंपन्यांना यशाच्या सर्वोच्च शिखरावरही पोहोचवलं. त्यामुळे रतन टाटा यांचं नाव उद्योग क्षेत्रासोबतच सर्वसामान्यांमध्येदेखील आदराने घेतलं जातं. अशा या दिग्गज उद्योगपतीचं निधन झाल्याने देशभरात हळहळ व्यक्त केली जात आहे.
रतन टाटा यांचे वडील जेआरडी टाटा यांनी 1991 मध्ये टाटा सन्सचे अध्यक्षपद सोडले आणि त्यांचा उत्तराधिकारी म्हणून रतन टाटा यांना नियुक्त केलं होतं. रतन टाटा यांना 1991 मध्ये टाटा सन्सच्या अध्यक्षपदाची जबाबदारी मिळाल्यानंतर उपकंपन्यांच्या प्रमुखांकडून तीव्र प्रतिकाराचा सामना करावा लागला होता. त्या सर्व गोष्टींचा प्रतिकार करत टाटा यांनी सर्वांचे हित जपत काम केलं. सर्वांची मने जिंकली. रतन टाटा यांनी 2012 मध्ये अध्यक्षपदाचा राजीनामा दिला.
रतन टाटा एक माणूस म्हणून श्रेष्ठ व्यक्तीमत्व होते. त्यांनी आपल्या कंपन्यांमध्ये काम करणाऱ्या प्रत्येक व्यक्तीचा विचार केला. ते आपल्या कंपन्यांमधील कनिष्ठ पातळीवरील कर्मचाऱ्यांच्या थेट संपर्कात जाण्याचा प्रयत्न करायचे. त्यांनी अनेकदा कर्मचाऱ्यांशी तसा संवादही साधला. ते कर्मचाऱ्यांच्या हितासाठी प्रचंड काम करायचे. त्यांच्या प्रेमामुळे कर्मचारीदेखील टाटा यांच्यावर तितकाच प्रेम करायचा. टाटा यांनी केलेल्या विविध सामाजिक कार्य आणि उद्योग क्षेत्रातील कार्यामुळे त्यांना अनेक पुरस्कारांनी सन्मानित करण्यात आलं होतं.
रतन टाटा यांना 2000 मघ्ये पद्मभूषण पुरस्काराने गौरविण्यात आलं होतं. त्यानंतर त्यांना 2006 मध्ये महाराष्ट्र सरकारच्या सर्वोष्ठ मानल्या जाणाऱ्या महाराष्ट्र भूषण पुरस्काराने गौरविण्यात आलं होतं. त्यानंतर रतन टाटा यांना केंद्र सरकारकडून 2008 मध्ये पद्मविभूषण पुरस्काराने गौरविण्यात आलं होतं. टाटा यांना 2014 मध्ये ऑनररी नाइट ग्रँड क्रॉस ऑफ द ऑर्डर ऑफ द ब्रिटिश एम्पायरने गौरविण्यात आलं होतं. त्यांना 2021 मध्ये आसाम वैभव पुरस्काराने गौरवण्यात आलं होतं. रतन टाटा यांना 2023 मध्ये ऑर्डर ऑफ ऑस्ट्रेलिया या पुरस्कराने देखील सन्मानित करण्यात आलं होतं. अशा अनेक पुरस्कारांनी रतन टाटा यांना देशात आणि विदेशात सन्मानित करण्यात आलं होतं.
Today Gold Rate: सोन्याच्या बाजारात सध्या मोठी घसरण पाहायला मिळत आहे, ज्यामुळे ग्राहकांसाठी खरेदीसाठी हा सुवर्णसंधी आहे. गेल्या आठवड्यात सोन्याचे दर उच्चांकी पातळीवर पोहोचले होते, ज्यामुळे अनेकांनी दागिने खरेदी पुढे ढकलली होती. पण , आठवड्याच्या पहिल्याच दिवशी सोन्याचे भाव आणखी कमी झाले आहेत.
सप्टेंबरच्या अखेरीस सोन्याचे दर गगनाला भिडले होते, ज्यामुळे नवरात्रोत्सव आणि दसऱ्याच्या दरम्यान सोन्याचे दर आणखी वाढतील अशी शक्यता वर्तवली जात होती. परंतु, सध्याच्या परिस्थितीत सोन्याच्या दरात चढ-उतार दिसून येत असून, नवरात्रीच्या सुरुवातीला दर कमी झाले आहेत.
आज विविध शहरांमध्ये सोन्याचे दर घसरल्याने ग्राहकांनी खरेदीचा विचार सुरू केला आहे. या घसरलेल्या किंमती जाणून घेतल्यास, तुम्हाला योग्य वेळी खरेदी करण्याची संधी मिळेल.
सोन्याच्या किंमतींमध्ये या आठवड्याच्या पहिल्याच दिवशी आलेली घसरण ग्राहकांसाठी आनंदाची बातमी आहे. ज्या ग्राहकांनी सोने खरेदी करण्याचे नियोजन केले होते, त्यांच्यासाठी ही एक उत्तम संधी आहे.
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Madhumakhi Palan: शहद की खेती, जिसे मधुमक्खी पालन या अपिकल्चर (Apiculture) भी कहा जाता है, एक पारंपरिक और लाभकारी कृषि विधि है। यह न केवल किसानों के लिए एक अतिरिक्त आय का साधन है, बल्कि पर्यावरण के लिए भी अत्यधिक महत्वपूर्ण है, क्योंकि मधुमक्खियां परागण में अहम भूमिका निभाती हैं।
इस आर्टिकल में, हम शहद की खेती के महत्व, इसके लाभ और इसे सफलतापूर्वक करने के तरीके बताने वाले है अगर आप भी इस लाभकारी व्यवसाय में रुचि रखते हैं, तो ये आर्टिकल आपके लिए है. तो आइये जानते इस व्यवसाय के बारे में.
मधुमक्खी पालन से मिलने वाले शहद और मोम की बाजार में बड़ी मांग होती है। इसके अलावा, शहद का उपयोग औषधीय और सौंदर्य उत्पादों में भी किया जाता है, जिससे इसकी खेती का महत्व और भी बढ़ जाता है। इसके अतिरिक्त, मधुमक्खियों द्वारा परागण से फसलों की पैदावार में भी वृद्धि होती है, जिससे किसानों को दोगुना लाभ मिलता है।
मधुमक्खी पालन शुरू करने के लिए बहुत ज्यादा संसाधनों की आवश्यकता नहीं होती, लेकिन कुछ खास बिंदुओं का ध्यान रखना जरूरी है:
शहद की खेती करने के बाद, इसके मार्केटिंग पर ध्यान देना भी आवश्यक है। स्थानीय बाजारों, ऑनलाइन प्लेटफॉर्म्स और ऑर्गेनिक प्रोडक्ट्स की दुकानों पर अपने उत्पाद को बेच सकते हैं। इसके अलावा, विशेष मेलों और कृषि प्रदर्शनियों में भाग लेना भी लाभकारी हो सकता है।
निष्कर्ष
शहद की खेती किसानों के लिए एक उत्कृष्ट आय का साधन हो सकती है। इसके साथ ही यह पर्यावरण संरक्षण और कृषि उत्पादन में भी सहायक होती है।
Poultry Farm Business Plan: मुर्गी पालन आज के समय में एक तेजी से लोकप्रिय हो रहा व्यवसाय है, जो कम लागत में शुरू होकर किसानों और छोटे उद्यमियों के लिए बड़ा मुनाफा कमाने का साधन बन सकता है। पोल्ट्री फार्मिंग Poultry Farm से न केवल अच्छी आमदनी हो सकती है, बल्कि यह लोगों को स्वस्थ भोजन भी प्रदान करता है। अगर आप भी मुर्गी पालन का व्यवसाय शुरू करने की सोच रहे हैं, तो यह आर्टिकल आपके लिए है. तो दोस्तों आइए जानते है मुर्गी पालन के बारे में साडी जानकारी।
भारत सरकार मुर्गी पालन को बढ़ावा देने के लिए कई योजनाएँ चला रही है। आप इन योजनाओं का लाभ उठाकर सब्सिडी और प्रशिक्षण प्राप्त कर सकते हैं। इसके लिए अपनी नजदीकी कृषि कार्यालय से संपर्क करें और सरकारी योजनाओं की जानकारी लें।
निष्कर्ष
मुर्गी पालन एक ऐसा व्यवसाय है, जिसमें आप कम लागत में अधिक मुनाफा कमा सकते हैं। अगर आप सही तरीके से इसे प्रबंधित करते हैं, तो यह आपके लिए स्थायी और लाभकारी हो सकता है। स्वास्थ्य के प्रति जागरूक लोगों के बीच इसकी मांग बढ़ रही है, जिससे यह व्यवसाय और भी फायदे का साबित हो सकता है।
Goat Farming Business Plan: बकरी पालन एक प्राचीन और स्थायी व्यवसाय है, जो न केवल आर्थिक लाभ प्रदान करता है, बल्कि यह पर्यावरण के लिए भी फायदेमंद है। यह एक ऐसा व्यवसाय है जिसे कोई भी व्यक्ति आसानी से शुरू कर सकता है, चाहे वह गाँव में हो या शहर में।
बकरियाँ तेजी से बढ़ने वाली और आसान देखभाल करने वाली होती हैं। ये न केवल दूध और मांस प्रदान करती हैं, बल्कि भूमि की उपजाऊता बढ़ाने और पारिस्थितिकी संतुलन को बनाए रखने में भी मदद करती हैं। बकरी का दूध बहुत पौष्टिक होता है, और इसकी मांग बढ़ती जा रही है।
इस आर्टिकल में, हम बकरी पालन के विभिन्न पहलुओं पर चर्चा करेंगे। हम जानेंगे कि यह कैसे एक लाभकारी व्यवसाय बन सकता है, इसकी देखभाल कैसे करें, और इसे सफलतापूर्वक चलाने के लिए किन बातों का ध्यान रखना चाहिए।
बकरी पालन के कई फायदे हैं, जो इसे एक आकर्षक व्यवसाय बनाते हैं:
बकरी पालन शुरू करने से पहले कुछ महत्वपूर्ण बातें ध्यान में रखें:
बकरी पालन का व्यवसाय शुरू करने के लिए इन कदमों का पालन करें:
निष्कर्ष
बकरी पालन एक लाभकारी व्यवसाय है जो आपके आर्थिक विकास में मदद कर सकता है। यदि आप इसे सही तरीके से करते हैं और बकरियों की उचित देखभाल करते हैं, तो आप एक स्थायी और सफल व्यवसाय की दिशा में बढ़ सकते हैं।
बकरी पालन एक ऐसा क्षेत्र है जहां छोटे किसान भी अपनी आर्थिक स्थिति को सुधार सकते हैं और एक सशक्त भविष्य की ओर बढ़ सकते हैं।
Sarkari Yojana 2024: मध्यप्रदेश सरकार महिलाओं को आत्मनिर्भर बनाने के लिए निरंतर प्रयासरत है। लाडली बहना योजना, आजीविका मिशन, और स्वसहायता समूह के माध्यम से सरकार महिलाओं को आर्थिक सशक्तिकरण का समर्थन दे रही है।
मुख्यमंत्री डॉ. मोहन यादव ने हाल ही में महिलाओं के लिए एक और अहम घोषणा की है। उन्होंने बताया कि छोटे उद्योगों से जुड़े महिला उद्यमियों के उत्पादों को ऑनलाइन बिक्री के लिए नई सुविधाएं दी जाएंगी। कुटीर और ग्रामोद्योग विभाग के माध्यम से इन महिला उद्यमियों को घरेलू और अंतरराष्ट्रीय बाजार में अपने उत्पाद बेचने का अवसर मिलेगा।
महिलाओं को सशक्त करने के लिए भोपाल बाजार और अन्य प्रमुख स्थानों पर साप्ताहिक बाजार का आयोजन किया जाएगा। इस बाजार में महिलाएं अपने उत्पाद बेच सकेंगी। साथ ही, वन डिस्ट्रिक्ट-वन प्रोडक्ट योजना के तहत विभिन्न स्थानीय और हस्तशिल्प उत्पादों का प्रचार किया जाएगा।
मध्यप्रदेश सरकार ने कुटीर उद्योगों को बढ़ावा देने के लिए बांस उत्पादन और शहद संग्रहण में भी महिलाओं को रोजगार के अवसर देने की योजना बनाई है। लाडली बहनों को अगरबत्ती निर्माण और अन्य छोटे उद्योगों से जोड़ा जाएगा, जिससे उनकी आय में वृद्धि होगी।
उज्जैन में वन स्टॉप मार्केट प्लेस के रूप में यूनिटी मॉल की स्थापना की जाएगी, जहां महिलाएं अपने उत्पादों को बेच सकेंगी। यह मॉल देश का पहला ऐसा केंद्र होगा जहां स्थानीय उत्पादों की बिक्री होगी।
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ज्या दुर्गम भागात अजूनपर्यंत शिक्षण पोहचला नाही.
त्या लक्ष्मणराव मानकर स्मृती संस्था च्या कार्यातून
त्यांचं भविष्य उज्वल झालं आहे.
लघु आणि कुटील उद्योग कोंबडी पालन ते बत्तक पालन वैकल्पिक शेती पासून ते महिलांना आत्मनिर्भर बनवण्याचा संकल्प कै. लक्ष्मणराव मानकर ट्रस्ट ने पूर्ण करून दाखवलं आहे.
तुम्ही पण बघू शकता की कस लक्ष्मणराव मानकर च्या कार्यातून बहुतांश लोकांना याच चांगलाच फायदा झाल आहे. त्यांच्या जीवनातखूप मोठा बदल झाल आहे.
त्याचप्रमाणे साखेरा च्या जनार्धन कटाने साठी प्रिंटिंग मशीन आणि झेरॉक्स मशीन घेणं अवघड झालं असत आज ते वर्षाचे ६४ हजार रुपये पण कमवू शकले नसते. जर लक्ष्मणराव मानकर ट्रस्टचा त्याना आधार मिळाला नसतं
अविनाश पोरेटी याना कैलाश लक्षणराव मानकर यांच्या नागपूर संस्थे मधून बदक पालन, मत्स्य पालन, कोंबडी पालन, यामुळे त्यांची आर्थिक उन्नती झाली झाली.
आणि त्यानी या व्यवसायातून स्वतःची एक नवीन ट्रॅक्टर विकत घेतला आहे. आणि त्यांचं वर्षातून एक ते दीड लाखापर्यंत त्यांचं टर्न ओवर आहे.
चिंचोली चे अनिकेत गुरनुले कोंबदयचे नर आणि 2 मादा घेऊन कोंबडी पालन करून जवळपास
48 हजार रुपये त्यानी कमवल नसत जर त्याना लक्ष्मणराव मानकर स्मृती संस्थाचा त्याना सहारा मिळाला नसता. या व्यवसायामुळे त्यांच परिवार खुश आहेत आनंदी आहेत कारण त्याना वर्षातून 50 तरी हजारापर्यंत नफा होतो...! त्यामुळे त्यांची आर्थिक उन्नती या व्यवसायातून दिसून येत आहे.
मोहालीची सुलोचना
जय दुर्गा स्वयंसहाय्यता समूहाची सगळ्या महिला
बकरी पालन करून आज लाखो रुपये कमवल नसत जर त्याना लक्ष्मणराव मानकर ट्रस्ट चा सहारा मिळालं नसत तर
आणि
आणि त्या व्यवसायातून अनेक आदिवासी लोकांचा उदरनिर्वाह अत्यंत चांगल्या प्रकारे होऊन राहिला आहे. त्या आदिवासी भागातील लोकांच्या चेहऱ्यावर आज स्मिथ हास्य येऊन राहील आहे. आणि या व्यवसायामुळे आज ते खूप सुखा समाधानाने आपले जीवन जगत आहेत..!
आणि हे सगळं शक्य होऊ शकलं ते फक्त कैलासराव लक्ष्मणराव मानकर या संस्था च्या माध्यमातून
त्याच कारण त्या मुलांची शिक्षण खुपच उत्तम प्रकारे चालू आहे. ज्यांचे आई वडील सप्टेंबर आक्टोबर महिन्यात ऊस कापण्यासाठी दुसऱ्या गावात जात असतात.
या विद्यालयातून जवळपास 75 टक्के मुलांना संधी मिळाली आहे.
ज्या मुलांची संख्या 120 आहे.
गोपवाडी, लोन्द्री, फेटरा, या विद्यालयामुळे त्या मुलांना शिक्षणापासून वंचीत होण्यापासून वाचवलं आहे.
लक्ष्मणराव मानकर या ट्रस्ट च्या माध्यमातून जी. प शाळेमध्ये सुद्धा उत्तम प्रकारे विद्यार्थ्यांची वाढ झाली आहे.
मागील ५ वर्षांपासून हे एकलव्य शाळा सुरू झाल्या
जवळपास १२० विद्यार्थ्यांना या शाळेचा लाभ झाला
यापूर्वी ते १२० विद्यार्थी शिक्षणापासून वंचीत होते पण कैलासराव लक्ष्मणराव मानकर ट्रस्ट च्या माध्यमातून
माळ पठार चाळिसगाव मधे एकलव्य एकल विद्यालय सुरू झाले तेव्हापासून शिक्षणाची गंगा घरोघरी पोहचली.
हा ट्रस्ट त्या महामानव च्या नावाने आहे. ज्यांचे अस्तित्व राजकारण सेवा ला जुडून होत. विधायक आणि सांसद होते त्या लक्ष्मणराव मानकर ने एकीकडे जनसंघ आणि बिजेपीला दिल आणि दुसऱ्या बाजूला मानववसेवा राजकारण ला मूलमंत्र बनवलं. म्हणून त्यांच्या नावाने या पवित्र ट्रस्ट च्या
या कार्याला समोर नेण्यासाठी माननीय सडक परिवहन एवम राजमार्ग मंत्री श्री नितिन गडकरी जी चा खुप या कार्यात खूप मोठा वाटा आहे
खासकरून नागपूर मध्ये विशेष ट्रेनिंग दिली जाते मुलींना त्यामधून मनीषा मडावी यांची नुकतीच जानेवारी महिन्यात भारतीय खेळाडू पदासाठी निवड झाली.
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Google Success Story: आज, 4 सितंबर 2024 को, Google अपनी 26वीं वर्षगांठ मना रहा है। 1998 में इसी दिन Google की नींव एक गैराज से रखी गई थी। आज, यह सर्च इंजन दुनिया का सबसे ज्यादा इस्तेमाल किया जाने वाला सर्च इंजन बन चुका है, जिसकी सर्च मार्केट में करीब 92% हिस्सेदारी है।
Google Inc. की स्थापना 4 सितंबर 1998 को लैरी पेज और सर्गेई ब्रिन ने की थी। सन माइक्रोसिस्टम्स के सह-संस्थापक एंडी बेचटोलशाइम ने इसमें $100,000 का निवेश किया था, जिससे यह कंपनी अपने पहले कदम बढ़ा सकी।
लैरी पेज का जन्म 26 मार्च 1973 को ईस्ट लैंसिंग, मिशिगन, अमेरिका में हुआ था। वे एक अमेरिकी कंप्यूटर वैज्ञानिक और उद्यमी हैं। लैरी और सर्गेई ब्रिन को ऑनलाइन सर्च इंजन के निर्माता के रूप में जाना जाता है।
सर्गेई ब्रिन का जन्म 21 अगस्त 1973 को मास्को, रूस में हुआ था। वे एक अमेरिकी व्यवसायी और कंप्यूटर वैज्ञानिक हैं। 1995 में, स्टैनफोर्ड यूनिवर्सिटी में पीएचडी करते समय, लैरी पेज और सर्गेई ब्रिन ने एक सर्च इंजन प्रोजेक्ट पर काम करना शुरू किया, जिसे 'बैकरब' नाम दिया गया। 1997 में, इस प्रोजेक्ट का नाम बदलकर Google कर दिया गया, जो गणितीय शब्द "गूगोल" पर आधारित है।
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1998 में, पेज और ब्रिन ने कैलिफोर्निया के मेनलो पार्क में एक गैराज में आधिकारिक तौर पर Google की स्थापना की।
बहुत कम लोग जानते हैं कि Google का नाम एक स्पेलिंग मिस्टेक का परिणाम है। दरअसल, इस सर्च इंजन का नाम पहले 'Googol' रखा जा रहा था, लेकिन गलती से 'Google' नाम रखा गया, जिसे बाद में कभी ठीक नहीं किया गया।
Google के इतिहास के अनुसार, पेज और ब्रिन ने 29 अप्रैल 2004 को Google के इनिशियल पब्लिक स्टॉक ऑफरिंग (IPO) के लिए अप्लाई किया, और अगस्त 2004 में कंपनी सार्वजनिक हो गई।
आज Google सिर्फ एक सर्च इंजन नहीं है, बल्कि यह अपने यूजर्स को जीमेल, फोटोज, मीट, ड्राइव, जेमिनी, डॉक्स, शीट्स, कैलेंडर, चैट्स, कॉन्टैक्ट्स जैसे कई प्लेटफॉर्म्स प्रदान करता है।
2015 में, Google ने अपनी कंपनी का नाम बदलकर 'अल्फाबेट' कर दिया था। इस कदम का उद्देश्य एंटीट्रस्ट उल्लंघन से बचना और कंपनी की सभी अधिग्रहण और सेवाओं को एक प्रौद्योगिकी समूह के रूप में एकीकृत करना था।
कंपनी के मौजूदा सीईओ सुंदर पिचाई हैं, जिन्होंने 24 अक्टूबर 2015 को Google के सीईओ का पदभार संभाला था। 3 दिसंबर 2019 से, सुंदर पिचाई की पहचान अल्फाबेट इंक के सीईओ के रूप में है। भारतीय मूल के सुंदर पिचाई का जन्म 10 जून 1972 को तमिलनाडु के मदुरै में हुआ था।
Gadchiroli News: गडचिरोली शहरात 29 ऑगस्ट रोजी एक गंभीर आर्थिक फसवणुकीची घटना उघडकीस आली आहे, ज्यामध्ये एका इसमाचे पैसे डबल करण्याचे आमिष दाखवून लाखो रुपयांची फसवणूक करण्यात आली आहे. या प्रकरणात गडचिरोली पोलीस ठाण्यात तक्रार दाखल करण्यात आली असून, आरोपीविरुद्ध गुन्हा नोंदविण्यात आला आहे.
गडचिरोली येथील डोमाजी डेकलुजी डोंगरे यांना आरोपी सतीश लहुजी येरगुडे, रा. तुकुम वार्ड, चंद्रपूर, याने पैसे डबल करण्याचे आमिष दाखवले. आरोपीने डोंगरे यांना सांगितले की, तीन लाख रुपयांचे मुदतीठेव म्हणून ठेवल्यास त्यांना सहा लाख रुपये मिळतील. तसेच, आरडीच्या 21 हप्त्यांमधून 42 हजार रुपये मिळतील असा दावा करून, एकूण 3 लाख 42 हजार रुपयांच्या फसवणुकीत त्यांना गोवले. मुदतीठेवीच्या व्याजासह, डोंगरे यांना 6 लाख 42 हजार रुपयांचे आमिष दाखवून आरोपीने त्यांची आर्थिक फसवणूक केली.
सदर घटना 31 ऑक्टोबर ते 15 फेब्रुवारी 2024 या काळात घडली. आपली फसवणूक झाल्याचे लक्षात आल्यानंतर डोंगरे यांनी 29 ऑगस्ट 2024 रोजी गडचिरोली पोलीस ठाण्यात तक्रार दाखल केली. तक्रारीच्या आधारावर पोलिसांनी आरोपी सतीश येरगुडे विरुद्ध गुन्हा नोंदवून तपास सुरू केला आहे.
या घटनेने शहरात खळबळ माजली आहे, आणि आणखी किती लोकांना अशाच प्रकारे फसवले गेले आहे, याचा शोध घेणे गडचिरोली पोलिसांसमोर मोठे आव्हान ठरणार आहे.
गडचिरोली पोलिसांकडून पुढील तपास सुरू आहे.
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Success Story: नीरजा सेठी, जिन्होंने एक समय रतन टाटा की कंपनी टाटा कंसल्टेंसी सर्विसेज (TCS) में काम किया था, आज 8395 करोड़ रुपये की संपत्ति की मालिक हैं. उनके जीवन की इस अद्भुत यात्रा को जानने से पहले, आइए समझते हैं कि कैसे उन्होंने इस सफलता की ऊँचाइयों तक पहुंचने का सफर तय किया.
नीरजा सेठी ने अपनी पेशेवर यात्रा की शुरुआत टाटा कंसल्टेंसी सर्विसेज (TCS) में की थी. अपने पति के साथ मिलकर, नीरजा ने 1980 में सिर्फ 2,000 डॉलर (लगभग 1.6 लाख रुपये) के निवेश से सिंटेल (Syntel) नाम की एक आईटी कंपनी की स्थापना की। यह कंपनी आज वैश्विक आईटी क्षेत्र में एक महत्वपूर्ण नाम बन चुकी है.
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नीरजा सेठी का जन्म और शिक्षा भारत में हुई. उन्होंने दिल्ली विश्वविद्यालय से गणित में स्नातक और ऑपरेशन रिसर्च में MBA किया। इसके बाद, उन्होंने ओकलैंड यूनिवर्सिटी से कंप्यूटर साइंस में मास्टर डिग्री प्राप्त की. अमेरिका में TCS में काम करते समय उनके पति भरत देसाई से उनकी मुलाकात हुई, जिनके साथ मिलकर उन्होंने सिंटेल की शुरुआत की.
सिंटेल ने 2018 में फ्रांसीसी आईटी फर्म Atos SE के साथ एक बड़ा सौदा किया, जिसमें सिंटेल को 3.4 अरब डॉलर में खरीदा गया. इस सौदे में नीरजा को उनकी हिस्सेदारी के लिए लगभग 51 करोड़ डॉलर प्राप्त हुए. इसके बाद, नीरजा ने Atos में शामिल नहीं होने का निर्णय लिया और अपने परिवार के साथ समय बिताने लगीं.
नीरजा सेठी आज फ्लोरिडा के फिशर आइलैंड में रह रही हैं और अमेरिका की सबसे अमीर महिलाओं में शामिल हैं. उन्होंने फोर्ब्स की लिस्ट में कई बार अपनी जगह बनाई है और उनकी कहानी आज भी प्रेरणा का स्रोत है.