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31-07-2024
Blockchain Technology: फलों और सब्जियों की सही समय पर खपत खुदरा विक्रेता से लेकर उपभोक्ताओं के लिए बड़ी चुनौती है. इस कारण दुनिया की लगभग 45% फल और सब्जियां हर साल बर्बाद हो जाती है.
अमेरिका की ड्यूक यूनिवर्सिटी के फूक्का स्कूल ऑफ बिजनेस के शोधकर्ताओं का मानना है कि इस समस्या का समाधान ब्लॉकचेन तकनीक हो सकती है.
यह तकनीक विक्रेता, उपभोक्ताओं को फल-सब्जियों का वास्तविक डेटा प्रदान करेगी. वे जान पाएंगे कि फल-सब्जियों कितनी ताजा है. उनकी कटाई कब हुई थी और कितनी शेल्फ लाइफ है. इससे उन्हें ऑर्डर अनुकूलित करने, सही मात्रा में भंडारण और केवल वही सामान बेचने या खरीदने में आसानी होगी जो उनकी अपेक्षाओं को पूरा करता है.
भारत में हर साल 8.66 करोड़ मीट्रिक टन फलों और सब्जियों का उत्पादन होता है. इसमें से लगभग 56 लाख टन बर्बाद हो जाती है. एक रिपोर्ट के मुतबिक लगभग 13.3 हजार करोड़ रुपए की फल-सब्जियां हर साल बर्बाद की जाती है.
अमेरिका और चीन में पहले से बड़ी खाद्य कंपनियां ब्लॉकचेन जैसी प्रणाली अपना रही हैं. एक अध्ययन के अनुसार इस तकनीक से वॉलमार्ट के स्ट्रॉबेरी व्यवसाय का वार्षिक लाभ 500 करोड़ बढ़ गया. अनुमान है कि 2025 तक 20% वैश्विक किराना विक्रेता ब्लॉकचेन का उपयोग करेंगे.
विक्रेता तय कर पाएंगे कि उन्हें किस फल और सब्जी को पहले बेचना है. उपभोक्ता फल-सब्जी स्टोर करने के साथ सही समय पर उनका सेवन कर पाएंगे. इससे फल-सब्जियों की बर्बादी कम करने में मदद मिलेगी. अमेरिका में शोध के दौरान 10.5 हजार टन स्ट्रॉबेरी बर्बाद होने से बचाई गई.
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