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08-09-2024
Narendra Modi Bhavishyavani: प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने तीसरी बार देश के प्रधानमंत्री के रूप में शपथ ली है, और इस मौके पर उनकी कुंडली पर खास ज्योतिषीय नजर डाली गई है। वृश्चिक लग्न में बनी उनकी कुंडली संघर्ष, अवसर और चुनौतियों से भरी हुई है, जो उनके तीसरे कार्यकाल को विशेष रूप से प्रभावित कर सकती है।
प्रधानमंत्री मोदी की कुंडली में शनि की चतुर्थ भाव में स्थिति और शशक महापुरुष राजयोग का निर्माण उनके तीसरे कार्यकाल को काफी हद तक प्रभावित करेगा। शनि की इस स्थिति से नए कानूनों और अनुशासन से संबंधित कदमों के संकेत मिलते हैं। वहीं, पंचम भाव में राहु की उपस्थिति से कुछ जटिल निर्णयों का सामना करना पड़ सकता है, जिससे पार्टी के भीतर भी चुनौतियाँ उत्पन्न हो सकती हैं।
ज्योतिषीय गणना के अनुसार, प्रधानमंत्री मोदी का तीसरा कार्यकाल चुनौतियों से भरा रहेगा। उनकी कुंडली के लग्नेश मंगल छठे भाव में स्थित हैं, जो शत्रुओं पर विजय का संकेत है। लेकिन शनि की दृष्टि मंगल पर होने के कारण इस कार्यकाल में विरोधियों से कड़ा मुकाबला होगा और संघर्ष की स्थिति बनी रहेगी। शनि के प्रभाव से कार्यों में देरी और राजनीतिक तनाव की संभावना भी बनी रहेगी।
द्वितीय भाव का स्वामी सप्तम भाव में स्थित है, जो भारत की अर्थव्यवस्था के लिए शुभ संकेत है। इस समय देश की अर्थव्यवस्था में सुधार के साथ-साथ पार्टी को भी समर्थन मिलेगा। हालांकि, बुध और शुक्र के अस्त होने से कुछ बड़े वादों और योजनाओं को पूरा करने में कठिनाइयाँ आ सकती हैं। यदि कुछ नीतियाँ विफल होती हैं, तो इससे सरकार की छवि को नुकसान हो सकता है।
प्रधानमंत्री मोदी की कुंडली के सप्तम भाव में सूर्य, बृहस्पति, बुध और शुक्र की उपस्थिति विदेश नीति में सफलता का संकेत देती है। यह समय अंतरराष्ट्रीय संबंधों को मजबूत बनाने का होगा, जिससे भारत की अर्थव्यवस्था को लाभ मिलेगा। बृहस्पति और सूर्य की स्थिति यह दर्शाती है कि मोदी के मंत्रिमंडल के सदस्य भी अपनी जिम्मेदारियों को सफलतापूर्वक निभाएँगे।
प्रधानमंत्री की कुंडली के नवम भाव में स्वराशि का चंद्रमा स्थित है, जो सरकार के धार्मिक और सामाजिक संतुलन को बनाए रखने का संकेत है। यह समय सरकार के लिए धर्मनिरपेक्ष राजनीति पर जोर देने और देश में सामाजिक एकता को बढ़ावा देने का होगा।
ज्योतिषीय दृष्टि से 2026-27 का समय प्रधानमंत्री मोदी के लिए चुनौतीपूर्ण हो सकता है। इस दौरान जनता का समर्थन घट सकता है और राजनीतिक तनाव बढ़ सकता है। शनि की स्थिति से प्रधानमंत्री को मानसिक तनाव और राजनीतिक अस्थिरता का सामना करना पड़ सकता है।
कुल मिलाकर, प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी का तीसरा कार्यकाल ज्योतिषीय दृष्टि से संघर्षपूर्ण रहेगा, लेकिन आर्थिक और विदेश नीति के मोर्चे पर सफलता की संभावनाएँ भी प्रबल हैं। देश में नए कानूनों का निर्माण और सामाजिक सुधारों पर भी गहरा प्रभाव पड़ सकता है।
Disclaimer: ये जानकारी मान्यताओं और ज्योतिषीय गणनाओं पर आधारित है।
ये किसी भी ज्योतिषीय उपाय और भविष्यवाणी को अपनाने से पहले विशेषज्ञ की सलाह जरुर ले
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