2. सामग्री (Ingredients) - Butter Chicken Recipe
3. स्वादिष्ट मक्खन चिकन बनाने की विधि - Delicious Butter Chicken Recipe
4. निष्कर्षण (Conclusion)
5. अक्सर पूछे जाने वाले प्रश्न (FAQs)
परिचय (Introduction)
बटर चिकन बनाने की विधि जानने से पहले आइए बटर चिकन पृष्ठभूमि के बारे में देखें, बटर चिकन एक पंजाबी व्यंजन है जो अपनी स्वादिष्ट और मलाईदार ग्रेवी के लिए प्रसिद्ध है। इस व्यंजन का स्वाद इसके मक्खन से समृद्ध है जो चिकन के टुकड़ों को बेहद स्वादिष्ट बनाता है। बटर चिकन बनाने के लिए चिकन को दही में भिगोया जाता है, मसालों के साथ भूना जाता है और फिर मक्खन जैसी टमाटर की ग्रेवी में पकाया जाता है।
इस डिश का स्वाद हर किसी का मन मोह लेता है और इसे घर पर बनाना भी बहुत आसान है. नान, रोटी या चावल के साथ इसका स्वाद बहुत अच्छा लगता है. बटर चिकन एक विशेष भोजन अनुभव है जिसे आप अपने परिवार और दोस्तों के साथ साझा कर सकते हैं और यहां इसकी रेसिपी दी गई है, जिससे आप घर पर इस स्वादिष्ट व्यंजन का आनंद ले सकते हैं।
सामग्री (Ingredients) - Butter Chicken Recipe
1. 500 ग्राम मुर्ग (बोनलेस, कटा हुआ)
2. 1 कप दही
3. 2 बड़े चम्मच तेल
4. 1 छोटा चम्मच लौंग (कढ़ाई दही खाने का स्वाद आनुसार)
5. 1 छोटा चम्मच हल्दी पाउडर
6. 1 छोटा चम्मच लाल मिर्च पाउडर
7. 1 छोटा चम्मच धनिया पाउडर
8. 1 छोटा चम्मच गरम मसाला
9. 1 बड़ा चम्मच इमली का रस
10. 1 बड़ा चम्मच मिर्ची सॉस
11. 1/2 कप बटर
12. 1/2 कप प्याज (कटा हुआ)
13. 1/2 कप टमाटर (कटा हुआ)
14. नमक स्वाद अनुसार
स्वादिष्ट मक्खन चिकन बनाने की विधि - Delicious Butter Chicken Recipe
1. सबसे पहले, चिकन को धोकर सुखालें और उसे मुर्गा के पिस्ते में काट लें।
2. एक कढ़ाई में मक्खन को गरम करें और उसमें कढ़ाई में तेल डालें।
3. अब इसमें कद्दूकस किए हुए प्याज डालें और उन्हें सुनहरा होने तक भूनें।
4. अब इसमें अदरक-लहसुन का पेस्ट डालें और उसे अच्छी तरह से मिला दें।
5. अब टमाटर, लाल मिर्च पाउडर, हल्दी पाउडर, धनिया पाउडर, गरम मसाला और नमक डालें। सबको अच्छी तरह से मिला दें और टमाटर गलने तक पकाएं।
6. इसके बाद, क्रीम और दही को मिलाकर मिश्रित करें और इसे टमाटर मिश्रण में डालें।
7. अब इसमें कटा हुआ चिकन डालें और उसे धीमी आंच पर पकाएं, जब तक चिकन पूरी तरह से पक जाए।
8. आपका स्वादिष्ट बटर चिकन तैयार है! इसे हॉट सर्व करें और साथ में नान या चावल के साथ परोसें।
आप इसे अपने परिवार और दोस्तों के साथ खुशियों से साझा कर सकते हैं। यह स्वादिष्ट रेसिपी हमेशा खासियत बनती है।
निष्कर्षण (Conclusion)
हमारे लिए बटर चिकन रेसिपी सिर्फ एक भोजन नहीं बल्कि एक स्वादिष्ट अनुभव का प्रतीक है। इस व्यंजन में, चिकन के टुकड़ों को मक्खन जैसी चटनी में गर्म और मसालेदार स्वाद के साथ गर्म किया जाता है, जिससे एक स्वर्गीय भोजन बनता है। इसका सुंदर रंग और आकर्षक स्वाद आपकी स्वाद कलिकाओं को उत्कृष्ट आकर्षण प्रदान करता है।
इस आसान और स्वादिष्ट बटर चिकन रेसिपी को आप खास मौकों पर या किसी भी समय बना सकते हैं. इसे नान, चावल या रोटी के साथ परोसने से यह खासी विरासत बन जाती है।
इसका स्वाद इतना अनोखा है कि यह भारतीय रसोइयों के बाजारों से भी आगे निकल जाता है और पूरी दुनिया में पसंद किया जाता है। तो अब जब आपके पास बटर चिकन की रेसिपी है, तो इसे अपने परिवार और दोस्तों के साथ बटर के बिना काटकर खूबसुरत और स्वादिष्ट भोजन का आनंद लें।
अक्सर पूछे जाने वाले प्रश्न (FAQs)
बटर चिकन एक पॉपुलर भारतीय व्यंजन है जिसमें मुर्ग के टुकड़े एक दिवाने स्पाइसी टोमैटो बटर सॉस में पकाए जाते हैं। इसमें बटर, मक्खन, दही, और विभिन्न मसाले शामिल होते हैं, जिससे यह एक स्वादिष्ट और क्रीमी डिश बनती है।
2. बटर चिकन को कैसे बनाते हैं?
बटर चिकन बनाने के लिए सबसे पहले मुर्ग के टुकड़े को मसालों और दही में मरिनेट करें। फिर उन्हें तंदूर में या ऑवन में पकाएं या फ्राई करें। इसके बाद, टमाटर, मलाई, और मसालों से बनी सॉस में पकाएं और बटर से सजाकर परोसें।
3. बटर चिकन के साथ क्या परोसा जा सकता है?
बटर चिकन को चावल, नान, या रोटी के साथ परोसा जा सकता है। यह बने चावल के साथ खासी अच्छा जाता है और नान के साथ भी बहुत ही स्वादिष्ट होता है।
4. क्या बटर चिकन को वीजन रूप में बनाया जा सकता है?
हां, आप बटर चिकन को वीजन रूप में बना सकते हैं। मुर्ग के स्थान पर आप टोफू या सोया चंक्स का उपयोग कर सकते हैं और दही और मलाई के स्थान पर नारियल दूध या कोकोनट क्रीम का उपयोग कर सकते हैं।
5. बटर चिकन को कितने समय तक रखा जा सकता है?
बटर चिकन को फ्रिज में 2-3 दिनों तक रखा जा सकता है, और इसे फिर गरम करके परोसा जा सकता है। लेकिन सबसे अच्छा यह होता है कि आप इसे ताजा तैयार करें ताकि इसका स्वाद बेहतर हो।
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अगर आप अपनी सर्दियों की डाइट में हेल्थ एड करना चाहती हैं, तो रोटियों के आटे में गूंथ ले थोड़ी सी मेथी।
मेथी की रोटी मेथी के सेवन का सबसे आसान तरीका है।
सब्जियां वहीं हैं। पर उन्हें खिलाने का आपका अंदाज उन्हें पोषक तत्वों के साथ-साथ स्वाद से भर देता है। इन दिनों बाजार में मेथी की आमद खूब हो रही है। ऐसी ताजी और हरी मेथी न सिर्फ देखने में अच्छी लगती है, बल्कि इसकी हरी पत्तियां आपकी सेहत के लिए भी बहुत फायदेमंद हैं। विभिन्न शोध बताते हैं कि सर्दियों में मेथी का सेवन आपको साल भर की सेहत देता है।
मेथी के स्वाद में थोड़ी कड़वाहट होती है। इसलिए बच्चों को इसे खिलाना थोड़ा मुश्किल होता है। पर मेथी को अगर आप अन्य सब्जियों के साथ मिलाकर बनाएं तो इसकी कड़वाहट का पता ही नहीं चलेगा। मेथी को सिर्फ सब्जी के रूप में ही नहीं, बल्कि रोटी, पूड़ी और परांठे के रूप में भी सेवन किया जा सकता है।
जानिए क्यों सेहत के लिए जरूरी है सर्दियों में हरी मेथी का सेवन
1 पोषक तत्वों से भरपूर है मेथी
संयुक्त राज्य अमेरिका के कृषि विभाग (United States Department of Agriculture) के अनुसार मेथी प्रोटीन, फैट, कार्बोहाइड्रेट, डाइट्री फाइबर के साथ ही सोडियम, कैल्शियम, आयरन, मैग्नीशियम, फास्फोरस, पोटेशियम, जिंक, विटामिन- ए,बी,सी, थायमिन, राइबोफ्लेविन, नियासिन, फोलेट- DFE जैसे पोषक तत्वों से भरपूर होती है। जो हमारे शरीर को स्वस्थ बनाए रखने में बहुत मददगार साबित होती हैं।
2 बालों को बनाती है ज्यादा घना
रिसर्च के अनुसार हरी मेथी का सेवन करने से शरीर में कोलेस्ट्रॉल का स्तर कम होता है। जिससे हृदय संबंधी बीमारियां होने का जोखिम कम हो जाता है। इसके साथ ही मेथी के सेवन से बेचैनी की समस्या भी दूर होती है। इसके अलावा अगर हरी मेथी को पीसकर बालों में लगाया जाए तो इससे बालों को मजबूत, घना, चमकदार और काला बनाने में मदद मिलती है।
3 हार्ट को रखे हेल्दी
मेथी में गैलेक्टोमेन्नन नाम का एक तत्व मौजूद होता है। जो हमारे हृदय को सेहतमंद बनाने में मदद करता है। साथ ही इसमें पोटेशियम भी पर्याप्त मात्रा में मौजूद होता है जो ब्लड प्रेशर को कंट्रोल करने का काम करता है। ऐसे कई शोध हैं जो इस बात की पुष्टि करते हैं कि मेथी के सेवन से हार्ट अटैक का जोखिम की संभावना कम हो जाती है।
4 कोलेस्ट्रॉल को करती है कंट्रोल
हमारे शरीर में मौजूद खराब कोलेस्ट्रॉल कई मायनों में हमारे स्वास्थ्य के लिए नुकसानदायक होता है। मेथी की पत्तियों में ऐसे शक्तिशाली गुण मौजूद होते हैं जो कोलेस्ट्रॉल को नियंत्रित करने में मददगार साबित हो सकते हैं। आप अपने कोलेस्ट्रॉल को मैनेज करने के लिए हरी मेथी को कई तरह से अपनी डाइट में शामिल कर सकती हैं।
5 डायबिटीज में भी है फायदेमंद
हरी मेथी में मौजूद एमिनो एसिड और घुलनशील फाइबर शरीर में ब्लड शुगर लेवल को कंट्रोल करने के लिए बहुत फायदेमंद है। इसलिए डायबिटीज के रोगियों के लिए हरी मेथी का सेवन करना बहुत फायदेमंद है।
6 शरीर के दर्द में देती है राहत
हरी मेथी की तासीर गर्म होती है। इसलिए सर्दियों में मेथी का सेवन बहुत फायदेमंद माना जाता है। इसमें कैल्शियम, आयरन और फास्फोरस जैसे गुण मौजूद होते हैं। जो हमारे शरीर को दर्द से राहत दिलाने के लिए काफी फायदेमंद होते हैं। इसके अलावा गठिया, बदन दर्द और जोड़ों के दर्द की समस्या से राहत पाने के लिए भी हरी मेथी का सेवन बहुत लाभकारी होता है।
7 पाचन तंत्र को बनाए मजबूत
हरी मेथी में फाइबर और एंटीऑक्सीडेंट होते हैं। जो हमारे शरीर से टॉक्सिन को बहार निकालने का काम करते हैं। साथ ही पाचन तंत्र को भी दुरुस्त करते हैं। हरी मेथी के सेवन से आपको कब्ज, अपच या पेट दर्द की समस्या से राहत मिलती है। साथ हरी मेथी कई पेट संबंधी परेशानियों को दूर करने के लिए भी फायदेमंद है।
#सदा_स्वस्थ_रहें
रत्नागिरी : कोकणातील सर्वात मोठा सण असलेला गणेशोत्सव अवघ्या काही दिवसांवर येऊन ठेपला आहे. सणासुदीच्या काळात ग्राहकांकडून मोठ्या प्रमाणात मिठाईची खरेदी केली जाते. नैवेद्य म्हणून, प्रसाद म्हणून मिठाईचा वापर मोठ्या प्रमाणात होतो. त्यामुळे ग्राहकांच्या आरोग्याचे हित लक्षात घेऊन अन्न व औषध प्रशासन खाते जिल्ह्यात खाद्य पदार्थ बनवणाऱ्यांकडे स्वच्छतेविषयीची कडक तपासणी करणार आहे.
या अंतर्गत उत्पादन जागेवर तसेच विक्री जागेवर स्वच्छतेचे नियम पाळले जात आहे का, हे प्रामुख्याने पाहिले जाणार आहे. अन्न व औषध प्रशासनाने दिलेल्या माहितीनुसार, अन्नपदार्थ उत्पादनासाठी वापरण्यात येणारे पाणी हे १०:५०० या मानांकानुसार पिण्यायोग्य असल्याचे विश्लेषण रून घेणे आवश्यक आहे. त्यानंतरच पाणी वापरात आणावे. जिल्ह्यातील मिठाई उत्पादक, मोदक उत्पादक तसेच फरसाण उत्पादक व अन्न व्यावसायिकांनी स्वच्छतेसंदर्भात विशेष काळजी घ्यावी. तसेच सर्व अन्न व्यावसायिकांनी अन्न सुरक्षा प्रशिक्षण व प्रमाणीकरणाबाबत प्रशिक्षण घेण्याचे आवाहन करण्यात आले आहे.
अन्न व्यावसायिकांनी मिठाईची विक्री करताना पाकिटावर उत्पादनाची तारीख तसेच ते वापरण्याबाबतची कालमर्यादा, अन्न नोंदणी / अन्न परवाना क्रमांक याची माहिती देणे बंधनकारक आहे. त्याचप्रमाणे व्यावसायिकांनी अन्नपदार्थांची विक्री केल्यानंतर विक्री बिल ग्राहकाला देणे आवश्यक आहे. बिलावर अन्न परवाना क्रमांक नमूद करणे अत्यंत आवश्यक आहे. त्यामुळे एखाद्या ग्राहकाने तक्रार केली तर बिलावर नमूद अन्न परवाना क्रमांकद्वारे तक्रारीचे निराकरण त्वरित करणे सोयीचे होते. या नियमांचे पालन व्यावसायिकांनी करावे, असे आवाहन अन्न व औषध प्रशासन खात्याने केले आहे.