PostImage

Raj Thakre

Oct. 29, 2024   

PostImage

पैक्स संस्था कर्मचारी के साथ छलावा



    पैक्स कर्मचारियो द्वारा सितम्बर 2023 मै म.प्र. सयुक्त सहकारी (पैक्स) कर्मचारी महासंघ भोपाल के आव्हान वेतनमान व समिति की भुगतान क्षमता न होने के कारण कर्मचारी को कलेक्ट्रर दर से भुगतान नही से आन्दोलन किया गया । जिसमे प्रभारी प्रबंधक , सहायक प्रबंधक , लेखापाल , आपरेट्रर , लिपिक , कैशियर , विक्रेता , कनिष्ठ विक्रेता के साथ साथ भृत्य व चौकीदार सभी बढचड कर हिस्सा लिये जब जाकर 4 अक्टुम्बर 2023 को राज्य शासन 3 ,लाख प्रति वर्ष प्रबंधकीय अनुदान वित्त विभाग के द्वारा स्वीकृत के साथ साथ पुर्वानुसार लेम्प्स को 48 हजार व शहरी संस्था को 24 हजार  दिया जाने के साथ साथ विक्रेताओ को 3 हजार रुपये प्रति माह प्रबंधन हेतु प्रति वर्ष आदेश दिया गया ओर *आयुक्त सहकारिता विभाग द्वारा आदेश पत्र क्रमाक/साख/योजना/2024/1582 भोपाल दिनांक 24-7-2024 को स्पष्ट आदेश* दिये गये ।
      अब यहा से यहां से कर्मचारियो प्रभारी प्रबधंक , प्रसासक , व शाखा प्रबधंक द्वारा भेदभाव कि निती अपना कर सिर्फ चार कर्मचारियो को मय एरियर्स सहित प्रबधंकीय अनुदान राशी के भुगतान मै बहुत बढा छलावा करते हुये इन कर्मचारियो को लाभ दिया गया जिसमे संस्था के प्रभारी प्रबंधक , आपरेट्रर , लिपिक , मेन गोदाम विक्रेता व भृत्य व चौकीदार मय ऐरिर्यस सहित प्रबंधीय अनुदान को आपस मै बाटकर वाहवाही लुट रहे है ।  जबकि आदेश मै स्पष्ट लिखा है कि चार कर्मचारी खाका  बना सभी सामानता के रुप मै दिया जाने का निर्देश है  चार कर्मचारी से अधिक कर्मचारी हो तो 25 हजार प्रतिमाह तो सभी अनुपातिक नियम अपना कर सभी कर्मचारियो मै सामान रुप से भुगतान का आदेश किया गया है।
   यदपि ऐसा किया गया है तो सभी कर्मचारियो के मध्य यह बात रखना हमारा दायित्व है कि सभी को सामानता को दृष्टीगत रखते हुये सभी कर्मचारी सेवा नियम मै पदधारित को प्रबंधकीय अनुदान का लाभ दिया जाये अगर ऐसा नही किया गया तो एक तरह से शेष कर्मचारियो के साथ छलावा होगा जो हमे स्वीकार नही है ।
       शीग्र ही जिला स्तर पर शाखाओ मै भुगतान किया गया है उनके विरुध उचित कार्यवाही किया जाकर सभी कर्मचारियो लाभ दिलाने हेतु हमे आन्दोलन भी करना पडे तो करेगें ।
अशोक मिश्रा 
राष्ट्रीय अध्यक्ष
पैक्स कर्मचारी संघ भारत
🌹🌹🙏🏻🙏🏻🌹🌹


PostImage

Raj Thakre

Oct. 20, 2024   

PostImage

जिला संगठन: सहकारिता, संरचना और महत्व


जिला सहकारिता संगठन एक स्थानीय सहकारी संस्था है, जो सहकारी संस्थाओं के संचालन और विकास में महत्वपूर्ण भूमिका निभाती है। यह संगठन आर्थिक विकास, सामुदायिक उत्थान और सहयोग की भावना को बढ़ावा देने के लिए कार्य करता है। इस आर्टिकल में हम जानेंगे कि जिला सहकारिता संगठन क्या है, इसकी संरचना, भूमिका और इसके महत्व के बारे में।

जिला सहकारिता संगठन क्या है?
जिला सहकारिता संगठन एक ऐसा संगठन है, जो विभिन्न सहकारी संस्थाओं को संगठित करता है और उनके समन्वय, संचालन और वित्तीय सहायता प्रदान करता है। इसका मुख्य उद्देश्य सहकारी सिद्धांतों के तहत सदस्यों के हितों की सुरक्षा और आर्थिक विकास को प्रोत्साहित करना होता है। ये संगठन मुख्य रूप से ग्रामीण और शहरी क्षेत्रों में सहकारी समितियों को लाभ पहुंचाने के लिए कार्य करते हैं।

जिला सहकारिता संगठन की भूमिका

1. सदस्यों के हितों की सुरक्षा:
   जिला सहकारिता संगठन अपने सदस्यों के आर्थिक और सामाजिक हितों की रक्षा करता है। यह विभिन्न सहकारी संस्थाओं के बीच तालमेल बैठाकर एकजुटता को बढ़ावा देता है।

2. वित्तीय सहायता:
   यह संगठन अपने सदस्य सहकारी संस्थाओं को वित्तीय सहायता प्रदान करता है, जिसमें ऋण, अनुदान और अन्य वित्तीय सेवाएं शामिल हैं। इसका उद्देश्य किसानों, छोटे व्यापारियों और अन्य जरूरतमंद लोगों को आर्थिक रूप से सशक्त करना है।

3. प्रशिक्षण और विकास:  
   जिला सहकारिता संगठन अपने सदस्यों को संगठन प्रबंधन, वित्तीय नियंत्रण और नई तकनीकों के बारे में प्रशिक्षण देता है। इससे सहकारी संस्थाओं की दक्षता और कार्यकुशलता में सुधार होता है।

4. सामाजिक और आर्थिक उत्थान:
   जिला सहकारिता संगठन ग्रामीण और शहरी क्षेत्रों में विकासशील गतिविधियों को बढ़ावा देता है। कृषि, पशुपालन, छोटे उद्योग और सेवा क्षेत्रों में आर्थिक विकास को प्रोत्साहित करता है।

5. कानूनों का पालन:
   सहकारी संगठनों को संचालित करने के लिए नियम और कानून बनाए गए हैं। जिला सहकारिता संगठन सुनिश्चित करता है कि सदस्य सहकारी समितियां इन कानूनों का पालन करें और नैतिक रूप से कार्य करें।

जिला सहकारिता संगठन की संरचना

1. सामान्य सभा (General Body):
   यह सभी सदस्य सहकारी संस्थाओं का समूह होता है, जो संगठन की नीतियों और महत्वपूर्ण फैसलों पर मतदान करता है।

2. प्रबंध समिति (Management Committee):
   यह समिति संगठन की दिन-प्रतिदिन की गतिविधियों और नीतियों के कार्यान्वयन के लिए जिम्मेदार होती है।

जिला सहकारिता संगठन के सामने चुनौतियाँ

- वित्तीय संसाधनों की कमी:
   कई बार जिला सहकारिता संगठनों को उचित वित्तीय सहायता नहीं मिल पाती, जिससे उनकी कार्यक्षमता प्रभावित होती है।

- प्रबंधन की चुनौतियाँ:
   संगठन को कुशल प्रबंधन और समय-समय पर प्रशिक्षण की जरूरत होती है, ताकि संगठन बेहतर तरीके से काम कर सके।

- प्रतिस्पर्धा का सामना: 
   निजी क्षेत्र और वैश्विक बाजार की प्रतिस्पर्धा के कारण सहकारी संगठनों को अपने अस्तित्व और विकास के लिए संघर्ष करना पड़ता है।