पैक्स कर्मचारियो द्वारा सितम्बर 2023 मै म.प्र. सयुक्त सहकारी (पैक्स) कर्मचारी महासंघ भोपाल के आव्हान वेतनमान व समिति की भुगतान क्षमता न होने के कारण कर्मचारी को कलेक्ट्रर दर से भुगतान नही से आन्दोलन किया गया । जिसमे प्रभारी प्रबंधक , सहायक प्रबंधक , लेखापाल , आपरेट्रर , लिपिक , कैशियर , विक्रेता , कनिष्ठ विक्रेता के साथ साथ भृत्य व चौकीदार सभी बढचड कर हिस्सा लिये जब जाकर 4 अक्टुम्बर 2023 को राज्य शासन 3 ,लाख प्रति वर्ष प्रबंधकीय अनुदान वित्त विभाग के द्वारा स्वीकृत के साथ साथ पुर्वानुसार लेम्प्स को 48 हजार व शहरी संस्था को 24 हजार दिया जाने के साथ साथ विक्रेताओ को 3 हजार रुपये प्रति माह प्रबंधन हेतु प्रति वर्ष आदेश दिया गया ओर *आयुक्त सहकारिता विभाग द्वारा आदेश पत्र क्रमाक/साख/योजना/2024/1582 भोपाल दिनांक 24-7-2024 को स्पष्ट आदेश* दिये गये ।
अब यहा से यहां से कर्मचारियो प्रभारी प्रबधंक , प्रसासक , व शाखा प्रबधंक द्वारा भेदभाव कि निती अपना कर सिर्फ चार कर्मचारियो को मय एरियर्स सहित प्रबधंकीय अनुदान राशी के भुगतान मै बहुत बढा छलावा करते हुये इन कर्मचारियो को लाभ दिया गया जिसमे संस्था के प्रभारी प्रबंधक , आपरेट्रर , लिपिक , मेन गोदाम विक्रेता व भृत्य व चौकीदार मय ऐरिर्यस सहित प्रबंधीय अनुदान को आपस मै बाटकर वाहवाही लुट रहे है । जबकि आदेश मै स्पष्ट लिखा है कि चार कर्मचारी खाका बना सभी सामानता के रुप मै दिया जाने का निर्देश है चार कर्मचारी से अधिक कर्मचारी हो तो 25 हजार प्रतिमाह तो सभी अनुपातिक नियम अपना कर सभी कर्मचारियो मै सामान रुप से भुगतान का आदेश किया गया है।
यदपि ऐसा किया गया है तो सभी कर्मचारियो के मध्य यह बात रखना हमारा दायित्व है कि सभी को सामानता को दृष्टीगत रखते हुये सभी कर्मचारी सेवा नियम मै पदधारित को प्रबंधकीय अनुदान का लाभ दिया जाये अगर ऐसा नही किया गया तो एक तरह से शेष कर्मचारियो के साथ छलावा होगा जो हमे स्वीकार नही है ।
शीग्र ही जिला स्तर पर शाखाओ मै भुगतान किया गया है उनके विरुध उचित कार्यवाही किया जाकर सभी कर्मचारियो लाभ दिलाने हेतु हमे आन्दोलन भी करना पडे तो करेगें ।
अशोक मिश्रा
राष्ट्रीय अध्यक्ष
पैक्स कर्मचारी संघ भारत
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UP News In Hindi: हमीरपुर, 27 अक्टूबर (हि.स.)। उत्तर प्रदेश के हमीरपुर जिले में एक दिल दहला देने वाली घटना सामने आई है, जहां एक व्यक्ति को ससुराल में महिला के साथ कमरे में देखकर कुछ दबंगों ने उसे मौत के घाट उतार दिया। दरअसल, महिला के साथ कमरे में पाए जाने पर गांव के दबंगों ने व्यक्ति को लाठी-डंडों और धारदार हथियारों से जमकर पीटा, फिर खेत में चिता बनाकर उसे जिंदा जला दिया। उसकी हालत गंभीर होने पर उसे कानपुर के अस्पताल ले जाया गया, जहां उसने दम तोड़ दिया। घटना का वीडियो सोशल मीडिया पर वायरल होने के बाद पुलिस ने पांच लोगों के खिलाफ एफआईआर दर्ज कर ली है, जिससे मृतक के परिजनों में कोहराम मच गया है।
हमीरपुर के सुमेरपुर थाना क्षेत्र के मौहर गांव के निवासी रामबालक निषाद (37) की शादी करीब 15 साल पहले बांदा जिले के पैलानी थाना क्षेत्र के साड़ी गांव की भानुमति के साथ हुई थी। दोनों के दो बेटे हैं, नीलेश और राजकुमार। बताया जा रहा है कि भानुमति छह साल पहले अपने मायके चली गई थी और कन्नौज के एक युवक से दूसरी शादी कर ली थी। पुत्रों से मिलने के लिए रामबालक ने अपने ससुराल आना-जाना शुरू कर दिया था और इस दौरान वहां किसी अन्य महिला के साथ उसके रिश्ते बन गए थे। इसी महिला के कहने पर रामबालक ने उसे लोडर की किश्त चुकाने के लिए 20 हजार रुपये नकद भी दिए थे।
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ग्यारह दिन पहले जब वह मजदूरी के लिए बेंगलूर जाने के लिए निकला था, तब महोबा में उसे साड़ी गांव के निवासी रामकेश निषाद ने अपने घर बुला लिया। वहां पार्टी के दौरान रामबालक महिला के घर पर रुक गया। इस बीच महिला के पति ने बाहर से दरवाजा बंद कर दिया और गांव के अन्य लोगों को बुला लिया। आरोप है कि इसके बाद रामबालक को लाठी-डंडों और धारदार हथियारों से पीटा गया और फिर उसे खेत में ले जाकर जिंदा जला दिया गया।
रामबालक के भाई हनुमान निषाद ने बताया कि घटना के कुछ समय बाद गंभीर हालत में रामबालक को अस्पताल ले जाया गया, जहां से उसे कानपुर के हैलट अस्पताल रेफर किया गया। वहां इलाज के दौरान उसकी मौत हो गई। मृतक की पत्नी विमला, जो बांदा जिले की निवासी हैं, घटना के बाद बदहवास है। उनका कहना है कि पैसे के लेनदेन को लेकर श्रीराम और अन्य लोगों ने मिलकर उसके पति की हत्या कर दी। उन्होंने पैलानी थाने में छह लोगों के खिलाफ एफआईआर दर्ज करने की तहरीर दी है।
मारपीट और हत्या का वीडियो वायरल होने के बाद पुलिस ने श्रीराम निषाद, नरेश निषाद, लाला उर्फ राकेश, विल्लों उर्फ नीरज निषाद, और पप्पू समेत पांच लोगों के खिलाफ एफआईआर दर्ज कर ली है। बांदा के ए.एसपी शिवराज सिंह ने बताया कि घटना की जांच की जा रही है और आरोपियों की तलाश की जा रही है।
यह दर्दनाक घटना हमीरपुर जिले में काफी चर्चा में है और लोगों में आक्रोश का माहौल है।
Bhartiya Janganana 2025: देश में 2025 से जनगणना की प्रक्रिया शुरू होने जा रही है, जो 2026 तक जारी रहेगी। सरकारी सूत्रों के अनुसार, यह जनगणना विशेष रूप से महत्वपूर्ण होगी, क्योंकि इसमें कई नए पहलुओं को शामिल करने की योजना बनाई गई है।
जनगणना 2021 में होने वाली थी, लेकिन कोविड-19 महामारी के कारण इसे टालना पड़ा। अब, इस देरी के चलते अगली जनगणना 2035 में होगी। आम तौर पर, हर दस साल में जनगणना की जाती है, जैसे कि 1991, 2001, और 2011 में हुई थी। अब 2025 के बाद से अगली जनगणना की तारीखें 2035, 2045, और 2055 तय की गई हैं।
जनगणना पूरी होने के बाद लोकसभा सीटों का परिसीमन शुरू होगा, जो 2028 तक पूरी होने की संभावना है। जनगणना के बाद इस परिसीमन के जरिए क्षेत्रवार प्रतिनिधित्व तय होगा, जिसका असर राजनीति पर पड़ सकता है।
विपक्षी दलों द्वारा जातिगत जनगणना की मांग लंबे समय से की जा रही है, लेकिन सरकार ने इस पर अभी तक कोई अंतिम निर्णय नहीं लिया है। हालांकि, इस बार की जनगणना में संप्रदाय के आधार पर भी जानकारी लेने की योजना है। उदाहरण के लिए, कर्नाटक में लिंगायत समुदाय स्वयं को एक अलग संप्रदाय मानता है, और अनुसूचित जाति में भी वाल्मीकि और रविदासी जैसे विभिन्न संप्रदाय शामिल हैं। इस प्रकार, सरकार इस बार धर्म और वर्ग के साथ संप्रदाय पर आधारित जानकारी भी एकत्रित कर सकती है।
भारत में पहली जनगणना 1872 में गवर्नर-जनरल लॉर्ड मेयो के शासन काल में हुई थी, जबकि 1881 में संपूर्ण देशव्यापी जनगणना डब्ल्यू.सी. प्लोडेन के नेतृत्व में की गई। इसके बाद से हर दस साल में जनगणना होती आई है। स्वतंत्र भारत में पहली जनगणना 1951 में की गई थी, और अब तक देश में छह बार जनगणना हो चुकी है।
1872, 1881, 1891, 1901, 1911, 1921, 1931, 1941, आजाद भारत की पहली जनगणना 1951, और उसके बाद 1961, 1971, 1991, 2001, 2011 में जनगणना की गई।
जनगणना 2025 में क्या नया देखने को मिलेगा, यह देखना दिलचस्प होगा।
Crime News: अहिल्यानगर जिल्ह्यातून एक हृदय पिळवटून टाकणारी घटना समोर आली आहे. अंगणवाडी सेविकेवर अत्याचार करून तिचा निर्घृण खून केल्याचे समोर आले आहे. ही घटना चिचोंडी पाटील या गावात घडली आहे.
पोलिस तपासात समोर आले आहे की, आरोपीने पुरावा नष्ट करण्याच्या उद्देशाने मृतदेह फरफटत नेऊन नदीच्या पाण्यात फेकून दिला. आरोपीला ताब्यात घेतल्यानंतर त्याने या गुन्ह्याची कबुली दिली आहे. अटक करण्यात आलेल्या आरोपीचे नाव सुभाष बंडू बर्डे (वय 25, रा. कुक्कडवेढे, ता. राहुरी, हल्ली रा. चिचोंडी पाटील) असे आहे.
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पोलिसांच्या माहितीनुसार, अंगणवाडी सेविका गुरुवारी (दि. 24) सकाळी नेहमीप्रमाणे अंगणवाडीत गेल्या होत्या. त्यानंतर त्यांनी सुभाष बर्डेला त्याच्या मुलीसाठी पोषण आहाराचे साहित्य घेण्यासाठी बोलावले. दुपारच्या सुमारास तो अंगणवाडीत पोहोचला आणि तेथे सेविका एकटी होती. त्याने या संधीचा फायदा घेत अत्याचार करण्याचा प्रयत्न केला, मात्र सेविकेने प्रतिकार केला असता त्याच्या झटापटीत आरोपीने तिचे डोके भिंतीवर आपटले, ज्यामुळे ती जागीच मृत झाली.
या घटनेची माहिती मिळताच नातेवाइकांनी शोध घेतला आणि अंगणवाडीत जाऊन पाहणी केली असता, तेथे रक्ताचा सडा दिसून आला. ही माहिती पोलिसांना दिल्यानंतर पोलिसांनी घटनास्थळी धाव घेतली.
पोलिस अधीक्षक राकेश ओला यांनी या घटनेच्या तातडीने तपासाचे निर्देश दिले. तांत्रिक विश्लेषणाद्वारे सुभाष बर्डे याच्यावर संशय बळावला, त्याला ताब्यात घेतल्यानंतर त्याने गुन्ह्याची कबुली दिली. पुढील तपास सुरू असून आरोपीला न्यायालयीन कोठडीत ठेवले आहे.
Gadchiroli News: सिरोंचा: जमिनीच्या वादातून काका आणि पुतण्या यांच्यात शुक्रवार रात्री कडाक्याचे भांडण झाले, ज्यातून एका दुर्दैवी हत्येची घटना घडली. सिरोंचा तालुक्यातील जंगलपल्ली येथे रागाच्या भरात पुतण्याने काकावर कुऱ्हाडीने वार करून त्याचा जीव घेतला. ही थरारक घटना रात्री 9 वाजण्याच्या सुमारास घडली.
पोलिसांनी दिलेल्या माहितीनुसार, मृत व्यक्तीचे नाव नरेश पोचम तेरकरी (50) असून, आरोपी पुतण्याचे नाव राजू धर्मय्या तेरकरी (30) आहे. कुटुंबामध्ये जमिनीच्या हिश्श्यावरून वारंवार वाद निर्माण होत होते, आणि शुक्रवारी सायंकाळी त्यांच्यातील वाद उग्र झाला. भांडणाचा ताण वाढल्यावर राजूने घरची कुऱ्हाड आणून नरेशच्या डोक्यावर प्राणघातक वार केला, ज्यात नरेश यांचा घटनास्थळीच मृत्यू झाला.
हत्या झाल्यानंतर राजू गावातून पळून गेला. परंतु आसरअल्ली पोलिसांनी त्वरित कारवाई करत त्याला अटक केली. या प्रकरणात आसरअल्ली पोलिस स्टेशनचे प्रभारी अधिकारी सहायक पोलिस निरीक्षक समाधान दौड यांच्या नेतृत्वाखालील पथकाने उल्लेखनीय कामगिरी केली. या पथकामध्ये पोलिस उपनिरीक्षक निखिल मेश्राम, पोलिस हवालदार गोपी आकुलवार, पोलिस शिपाई बिभीषण अनवने, राजू कळंबे, संजय चाबूकस्वार, सोपान अनकाडे, आणि बापूराव काळे यांचा समावेश होता.
1. दीवाली का अर्थ और महत्व
दीवाली, जिसे हम दीपावली भी कहते हैं, एक प्रमुख हिंदू त्योहार है जो हर साल मनाया जाता है। यह अंधकार से प्रकाश की ओर जाने का प्रतीक है। इस दिन लोग अपने घरों को रोशनी से भरते हैं, मिठाइयाँ बनाते हैं और परिवार के साथ समय बिताते हैं।
2. लक्ष्मी-गणेश की पूजा का महत्व
दीवाली के दिन, लक्ष्मी-गणेश की पूजा का विशेष महत्व है। माँ लक्ष्मी धन, समृद्धि और भाग्य की देवी मानी जाती हैं, जबकि भगवान गणेश बाधाओं को दूर करने वाले हैं। इस पूजा के माध्यम से हम सुख, समृद्धि और शांति की प्रार्थना करते हैं।
3. दीवाली का सामाजिक और पारिवारिक महत्व
इस त्योहार पर परिवार और दोस्तों के साथ मिलकर खुशियाँ बांटना एक महत्वपूर्ण परंपरा है। लोग एक-दूसरे को मिठाई और उपहार देते हैं, जो रिश्तों को मजबूत करता है। इस दौरान पारिवारिक समारोह और सामुदायिक पूजा का आयोजन भी होता है, जो एकता और प्रेम को बढ़ावा देता है।
4. नई पीढ़ी का इको-फ्रेंडली दीवाली मनाने का तरीका
आज की युवा पीढ़ी पर्यावरण के प्रति जागरूक हो रही है। वे इको-फ्रेंडली दीवाली मनाने के लिए मिट्टी के दीये, जैविक रंगोली और प्रदूषण-मुक्त पटाखों का इस्तेमाल कर रहे हैं। इससे न केवल प्रकृति की रक्षा होती है, बल्कि यह त्योहार को भी विशेष बनाता है।
5. दीवाली के दौरान सेवा और दान का महत्व
इस दौरान जरूरतमंदों की मदद करना और खुशियों को बांटना महत्वपूर्ण है। दीवाली पर सेवा करने का अर्थ है कि हम अपने आस-पास के लोगों के जीवन में रोशनी और खुशियाँ लाने का प्रयास करते हैं।
6. दीवाली में आत्मा की शुद्धता
दीवाली सिर्फ बाहरी सजावट का नहीं, बल्कि आंतरिक शुद्धता का भी पर्व है। हम लक्ष्मी-गणेश की पूजा के माध्यम से अपने दिल और मन को सकारात्मकता से भर सकते हैं। यह आत्मविश्वास और भक्ति को बढ़ाने का एक शानदार तरीका है।
7. दीवाली के दीये और आरती
दीवाली पर घर के चारों ओर दीप जलाना और आरती करना हमारी भक्ति का प्रतीक है। यह न केवल घर में रोशनी लाता है, बल्कि हमारे जीवन में भी सकारात्मकता का संचार करता है।
निष्कर्ष
दीवाली का त्योहार केवल रोशनी और मिठाइयों का नहीं है, बल्कि यह एक ऐसा अवसर है जब हम अपने परिवार, समाज और पर्यावरण के प्रति अपनी जिम्मेदारियों का निर्वहन करते हैं। इस दीवाली, चलिए हम सभी मिलकर एक इको-फ्रेंडली और सामूहिक भक्ति का अनुभव करें।
Crime News In Hindi: कर्नाटक के उडुपी जिले के करकला तालुक के अजेकर गांव की एक दर्दनाक घटना ने सभी को झकझोर कर रख दिया। एक महिला ने अपने प्रेमी के प्यार में पागल होकर अपने पति को तड़पा-तड़पा कर मौत के घाट उतार दिया। यह महिला अपने पति के खाने में धीमा जहर मिलाती थी, ताकि उसकी मौत स्वाभाविक बीमारी की वजह से लग सके।
कहानी की शुरुआत तब हुई जब अजेकर जंक्शन के पास ब्यूटी पार्लर चलाने वाली प्रतिमा की मुलाकात एक व्यापारी दिलीप हेगड़े से हुई। दोनों की जान-पहचान धीरे-धीरे दोस्ती में बदल गई और फिर प्रेम में तब्दील हो गई। उनके प्रेम संबंध की खबर प्रतिमा के पति बालकृष्ण पुजारी को भी मिल गई। उसने कई बार प्रतिमा को समझाने की कोशिश की, लेकिन वह नहीं मानी। उलटे, उसने अपने पति को रास्ते से हटाने की साजिश रचनी शुरू कर दी।
प्रतिमा ने अपने पति के खाने में धीरे-धीरे जहर मिलाना शुरू किया। इससे बालकृष्ण की तबीयत बिगड़ने लगी और उसका लीवर और किडनी प्रभावित हो गए। उसे इलाज के लिए बेंगलुरु और मैंगलोर के अस्पतालों में भर्ती करवाया गया। लेकिन किस्मत ने उसका साथ दिया, और इलाज के बाद उसकी हालत में सुधार होने लगा। बालकृष्ण जब वापस घर आया, तब भी प्रतिमा ने अपने खतरनाक इरादे नहीं छोड़े।
एक रात, बालकृष्ण ने अपनी मां के हाथ का खाना खाया और अपने कमरे में सोने चला गया। जैसे ही वह गहरी नींद में था, प्रतिमा ने अपने प्रेमी दिलीप को बुलाया। दोनों ने मिलकर बालकृष्ण का गला घोंट दिया और उसकी जान ले ली। सुबह होते ही प्रतिमा ने घरवालों को बालकृष्ण की मौत की खबर दी, मानो कुछ हुआ ही न हो। पुलिस को इस घटना पर शक हुआ और प्रतिमा से कड़ी पूछताछ की। आखिरकार, उसने अपना जुर्म कबूल कर लिया।
Chandrapur News: नागभीड: अल्पवयीन मुलीवर अत्याचार करणाऱ्या आरोपीला तालुका न्यायालयाने गुरुवारी (दि. 24) 20 वर्षांची शिक्षा सुनावली. लीलाधर चंद्रज्योती लांजेवार (21) असे आरोपीचे नाव आहे.
आरोपी व पीडित हे एकमेकांना ओळखत होते. 19 जुलै 2022 रोजी रात्री 8 वाजता आरोपी लीलाधर हा अल्पवयीन मुलीच्या घरी गेला होता. तेव्हा पीडित मुलीच्या आईने आरोपीला अंडी आणण्यास सांगितले. तेव्हा दुकान माहीत नाही, असे सांगून पीडित मुलीला दुकान दाखविण्यास सोबत नेले.
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त्यानंतर तिला दुचाकीवर बसवून एका महाविद्यालयामागे घेऊन गेला व अत्याचार केला. याप्रकरणी पीडिताच्या आईने तक्रार केल्यानंतर नागभीड पोलिसांनी अटक केली. तत्कालीन पोलिस उपनिरीक्षक स्वाती फुलेकर व ब्रह्मपुरीतील पोक्सो पथकाने तपास करून न्यायालयात दोषारोपपत्र सादर केले होते.
Pune News: राज्यात निवडणुकांचे बिगुल वाजल्यानंतर सर्वत्र नाकाबंदी आणि तपासणी प्रक्रिया सुरू झाली आहे. निवडणुकांदरम्यान गैरव्यवहार टाळण्यासाठी प्रशासनाने यंदा कडक उपाययोजना केल्या आहेत, आणि पुण्यात त्याचे परिणाम नुकतेच दिसले आहेत.
आज पुण्यात सहकार नगर पोलीस स्टेशनच्या हद्दीत झालेल्या नाकाबंदीत पोलिसांनी 138 कोटी रुपयांच्या सोन्याचे दागिने जप्त केले आहेत. सकाळच्या वेळी सातारा रस्त्यावर झालेल्या तपासणीत, पोलिसांनी एका संशयित टेम्पोची तपासणी केली असता त्यात सोन्याचे मोठे घबाड सापडले. हे सोनं नेमकं कोणाकडून आले होते आणि कुठे पोचवले जात होते याचा तपास सध्या सुरू आहे.
या घटनेमुळे निवडणुकीच्या पार्श्वभूमीवर पुणे शहरात अधिक सतर्कता बाळगण्यात येत आहे. दरम्यान, या टेम्पोमध्ये सोन्याच्या पार्सलचे बॉक्स सापडले, जे एका खाजगी लॉजिस्टिक कंपनीद्वारे पुरवले जात होते. तपासामध्ये हे सोनं पुण्यातील एका व्यापाऱ्याकडे जात असल्याचा संशय असून, यासंबंधी सविस्तर माहिती आयकर विभाग आणि निवडणूक आयोगाला कळवण्यात आली आहे.
ताज्या माहिती नुसार, सकाळी 8 वाजता नाकाबंदी दरम्यान अडवलेल्या या टेम्पोमध्ये पांढऱ्या पोत्यांमध्ये सोन्याचे बॉक्स आढळले. वाहनातील चालकासह आणखी एका व्यक्तीची चौकशी सुरू असून पोलिसांनी या प्रकरणात कसून तपास लावला आहे.
या आधी देखील पुण्यातील खेड-शिवापूर परिसरात 5 कोटींची रोख रक्कम सापडल्याची घटना घडली होती. या घटनांमुळे राजकीय वातावरण तापले असून प्रशासनाने निवडणूक काळात अशा प्रकारच्या घडामोडी टाळण्यासाठी कठोर पावले उचलली आहेत.
Delhi News In Hindi: दिल्ली के नांगलोई इलाके में रहने वाली 20 साल की सोनी का एक दर्दनाक अंत हुआ। करवा चौथ के दिन जब सोनी अपने बॉयफ्रेंड से मिलने घर से निकली, तो उसके परिवार ने कभी सोचा भी नहीं था कि वह उन्हें फिर कभी नहीं देख पाएंगे। चार दिन बाद, सोनी का शव हरियाणा के रोहतक जिले के मदीना गांव के खेतों में दफन मिला, जिससे इलाके में सनसनी फैल गई।
सोनी, जो बारहवीं कक्षा की छात्रा थी, पिछले कुछ महीनों से सलीम नाम के युवक के साथ प्रेम संबंध में थी। इसी दौरान, दोनों के बीच शारीरिक संबंध बने, जिसके कारण सोनी गर्भवती हो गई थी। सोनी के गायब होने के बाद, उसके परिवार ने नांगलोई थाने में उसकी गुमशुदगी की रिपोर्ट दर्ज कराई। पुलिस ने जांच शुरू की और शक के आधार पर सलीम से पूछताछ की। पूछताछ के दौरान सलीम ने स्वीकार किया कि उसने सोनी की गला दबाकर हत्या कर दी थी। उसने अपने दोस्तों के साथ मिलकर सोनी के शव को मदीना गांव के खेतों में तीन-चार फीट गहरे गड्ढे में दफनाया।
इस खुलासे के बाद, दिल्ली पुलिस ने तुरंत सलीम और उसके साथी पंकज को गिरफ्तार कर लिया। रोहतक की बहु अकबरपुर थाना पुलिस की मदद से शव को बरामद किया गया। ड्यूटी मजिस्ट्रेट और एफएसएल टीम की निगरानी में, सोनी के शव को खेत से बाहर निकाला गया और पोस्टमार्टम के लिए रोहतक के पीजीआई अस्पताल भेजा गया।
Gadchiroli News: सिरोंचा : पत्नी झोपेत असतानाच पतीने धारदार शस्त्राने तिचा गळा चिरून खून केला. ही धक्कादायक घटना तालुक्यातील कोटा पोचमपल्ली येथे बुधवार, 23 ऑक्टोबर रोजी मध्यरात्री घडली. या प्रकरणातील आरोपी पती मात्र घटनेनंतर फरार झाला आहे.
मृत महिलेचे नाव पद्मा समय्या बोल्ले (35) असे असून, आरोपीचे नाव समय्या मुथया बोल्ले (40) असे आहे. पद्मा आणि समय्या यांच्यात मागील काही दिवसांपासून घरगुती कारणावरून वाद होत होते. या वादाचे नेमके कारण अद्याप पोलिसांना समजू शकलेले नाही, मात्र घरातील रोजच्या ताणतणावातून हे भांडण उफाळून आल्याचे पोलिसांनी प्राथमिक तपासात स्पष्ट केले.
या वादातून बुधवारी मध्यरात्री पती समय्याने धारदार शस्त्राने पद्माच्या गळ्यावर वार करत तिची हत्या केली. त्यानंतर तो घटनास्थळावरून पळून गेला. घटनेची माहिती मिळताच पद्माच्या नातेवाईकांनी तक्रार दाखल केली असून, पोलिसांनी आरोपीविरोधात गुन्हा नोंदवला आहे. तपास अधिकारी म्हणाले की, आरोपीला पकडल्यानंतर खुनाचे नेमके कारण उघड होईल.
Uttarakhand News: उत्तराखंड के उधम सिंह नगर जिले के दिनेशपुर क्षेत्र में एनएच-74 के किनारे एक अज्ञात महिला का शव बैग के अंदर मिलने से सनसनी फैल गई है। घटना की सूचना मिलते ही पुलिस मौके पर पहुंची और शव को कब्जे में लेकर जांच पड़ताल शुरू कर दी है।
यह मामला उधम सिंह नगर के मोहनपुर नंबर-1 का है, जहां एक खेत में महिला का शव बैग में ठूंसा हुआ मिला। इससे पहले 31 जुलाई को भी किच्छा कोतवाली क्षेत्र के बेनी मजार वाली नदी में इसी तरह का मामला सामने आया था, जब एक महिला का शव बैग में बरामद किया गया था।
दोनों ही घटनाओं में एक समानता देखने को मिल रही है, जिससे यह संदेह हो रहा है कि दोनों घटनाएं एक दूसरे से जुड़ी हो सकती हैं। पुलिस ने शव का पंचनामा भरकर उसे पोस्टमार्टम के लिए भेज दिया है। पोस्टमार्टम के बाद ही महिला की मौत का असली कारण सामने आएगा।
घटना में प्रयुक्त बैग को पुलिस ने अपने कब्जे में ले लिया है और आसपास के सीसीटीवी फुटेज खंगाले जा रहे हैं। फॉरेंसिक टीम और डॉग स्क्वायड ने भी मौके पर जांच की है।
किच्छा कोतवाली क्षेत्र में मिले महिला के शव की पहचान के लिए पुलिस पिछले ढाई महीने से प्रयासरत है। उत्तर प्रदेश और उत्तराखंड के कई जनपदों में मृतका की शिनाख्त के प्रयास किए जा चुके हैं, लेकिन अब तक कोई सुराग नहीं मिला है।
पुलिस ने जांच के लिए चार टीमें गठित की हैं, जो उत्तर प्रदेश के बरेली, रामपुर, मुरादाबाद और पीलीभीत सहित उत्तराखंड के नैनीताल, बागेश्वर, चंपावत और अल्मोड़ा जिलों में महिला के बारे में जानकारी जुटाने में लगी हैं। अब तक दर्जनों सीसीटीवी फुटेज खंगाले गए हैं, लेकिन ढाई महीने के बाद भी पुलिस को कोई ठोस सबूत नहीं मिला है।
गडचिरोली : भाजपने जाहीर केलेला पहिल्या यादीत जिल्ह्यातील केवळ आरमोरीचा समावेश आहे. यात गडचिरोलीचे नाव नसल्याने पक्षांतर्गत अस्वस्थता वाढली असून विद्यमान आमदार डॉ.देवराव होळी यांना उमेदवारी दिल्यास भाजपमधील एक मोठा गट पक्षाला सोडचिठ्ठी देण्याच्या तयारीत असल्याची माहिती आहे. तर होळींनी देखील समर्थकांना पुढे करून दबावतंत्राचा वापर सुरू केला आहे. यामुळे भाजपच्या अडचणीत वाढ झाली आहे.
गडचिरोली विधानसभेसाठी भाजपमधून विद्यमान आमदार डॉ.देवराव होळी यांच्या व्यतिरिक्त डॉ. मिलिंद नरोटे, माजी आमदार डॉ.नामदेव उसेंडी या तिघांमध्ये उमेदवारीसाठी मोठी चुरस पाहायला मिळत आहे. आमदार होळी यांच्या विरोधात आदिवासी समाजाची असलेली नाराजी आणि लोकसभेत पक्षविरोधी कारवाया केल्याच्या तक्रारी, यामुळे याठिकाणी उमेदवार बदलण्यासंदर्भात पक्षाकडून चाचपणी करण्यात आली. दुसरीकडे संघपरिवाराचे जवळचे असलेले डॉ. मिलिंद नरोटे यांच्यासाठी संघ आणि भाजपधील महत्वाचे पदाधिकारी आग्रही आहे. त्यामुळे भाजपमध्ये दुफळी निर्माण झाली आहे. पहिल्या यादीमध्ये गडचिरोलीचे नाव नसल्याचे बघून आमदार होळी समर्थकांमध्ये खळबळ उडाली होती. त्या पार्श्वभूमीवर महायुतीमधील घटक पक्षातील काही पदाधिकाऱ्यांनी होळी यांना उमेदवारी देण्याची मागणी केली.
मात्र, यात भाजपचे महत्वाचे पदाधिकारीच अनुपस्थित होते. उमेदवारी जाहीर करण्यात विलंब होत असल्याने डॉ. मिलिंद नरोटे समर्थकदेखील अस्वस्थ झाले आहे. भाजप आणि संघातील एक मोठा गट नरोटे यांच्या पाठीशी आहे. त्यांचा होळींच्या उमेदवारीला विरोध आहे. त्यामुळे आज गुरुवारी नरोटे समर्थकांनी एक बैठक आयोजित केली असून नरोटे यांना उमेदवारी न मिळाल्यास पक्षाला सोडचिठ्ठी देणार असा इशारा त्यांनी दिला आहे. त्यामुळे गडचिरोलीची उमेदवारी जाहीर करताना भाजप नेतृत्वाची चांगलीच दमछाक होणार आहे.
आमदार होळी समर्थकांची २५ ला सभा
आमदार होळी उमेदवारीसाठी दाबतंत्राचा वपार करीत असून २५ ऑक्टोबरला त्यांनी समर्थकांची सभा आयोजित केली आहे. यामध्यमातून ते पक्षावर दबाव निर्माण करण्याच्या प्रयत्नात आहे. त्यामुळे गडचिरोली भाजपामध्ये मोठे राजकीय वादळ उठण्याची चिन्हे आहेत. दुसरीकडे डॉ. उसेंडी हे देखील उमेदवारीसाठी आग्रही आहेत. त्यांच्यासाठी चिमूरचे आमदार बंटी भंगाडिया मैदानात उतरले आहे. उसेंडी यांना उमेदवारी मिळावी म्हणून भंगाडिया यांनी प्रदेशाध्यक्ष चंद्रशेखर बावनकुळे यांना गळ घातली आहे. परंतु स्थानिक भाजप पदाधिकारी त्यांच्यासाठी अनुकूल नाही. त्यामुळे ऐन निवडणुकीत भाजपला बंडाखोरीचा फटका बसू शकतो
गडचिरोली : राष्ट्रवादी काँग्रेस पक्ष शरद पवार गटाकडून अहेरी विधानसभेतून मंत्री धर्मरावबाबा आत्राम यांची कन्या भाग्यश्री आत्राम यांना उमेदवारी जाहीर करण्यात आली आहे. त्यामुळे अहेरीत आता पिता विरुद्ध पुत्री, अशी लढत होणार आहे. काही दिवसांपूर्वी भाग्यश्री यांनी वडील धर्मरावबाबा आत्राम यांच्याविरोधात बंड करून शरद पवार गटात प्रवेश केला होता. तेव्हापासून अहेरी विधानसभेतील राजकारणाची राज्यपातळीवर चर्चा होती. सोबतच काँग्रेसनेही या जागेवर आपला दावा कायम ठेवल्याने आघाडीत बिघाडीची चिन्हे निर्माण झाली आहेत.
राष्ट्रवादी काँग्रेस पक्षात फूट पडल्यानंतर राज्याचे अन्न व औषध प्रशासन मंत्री धर्मरावबाबा आत्राम यांनी अजित पवार गटासोबत जाण्याचा निर्णय घेतला होता. तेव्हापासून त्यांच्या कन्या भाग्यश्री आत्राम शरद पवार गटाच्या संपर्कात होत्या. महिनाभरापूर्वी त्यांनी प्रदेशाध्यक्ष जयंत पाटील यांच्या उपस्थितीत शरद पवार गटात प्रवेश केला. अहेरी विधानसभेवर राष्ट्रवादी काँग्रेस पक्षाचा पारंपारिक दावा राहिलेला आहे. त्यामुळे काँग्रेस आग्रही असताना देखील शरद पवार गटाकडून गुरुवारी जाहीर करण्यात आलेल्या ४५ उमेदवारांच्या यादीत भाग्यश्री आत्राम यांच्या नावाची घोषणा करण्यात आली. त्यामुळे अहेरीत ‘वडील विरुद्ध मुलगी’ असा थेट सामना होणार आहे. दरम्यान, भाजपकडून डावलण्यात आल्यानंतर मंत्री आत्राम यांचे पुतणे अम्ब्रीशराव आत्राम हे देखील शरद पवार गटाच्या संपर्कात होते. परंतु त्यांचे प्रयत्न कमी पडले. त्यामुळे ते आता अपक्ष लढतील अशी शक्यता आहे. अहेरीतील एकंदरीत राजकीय समिकरण बघता यंदा कधी नव्हे ते चार तुल्यबळ उमेदवार उभे राहणार आहे. त्यामुळे विजश्री खेचून आणण्यासाठी सर्वांचाच कस लागणार आहे.
काँग्रेसही लढणार
महाविकास आघाडीकडून भाग्यश्री आत्राम यांची उमेदवारी जाहीर झाल्यानंतर काँग्रेसमध्ये असंतोष बघायला मिळत आहे. विरोधी पक्षनेते विजय वाडेट्टीवार हे हणमंतू मडावी यांच्यासाठी आग्रही आहेत. त्यामुळे जागा वाटपाच्या बैठकीत वाडेट्टीवार यांनी अहेरीची जागा आम्ही लढवणारच यावर ठाम होते. गुरुवारी दिवसभर काँग्रेसच्या गोटात घडलेल्या घडामोडीनंतर हणमंतू मडावी देखील काँग्रेसकडून नामांकन दाखल करणार असल्याची माहिती सूत्रांनी दिली आहे. २०१९ मध्ये देखील काँग्रेस विरुद्ध राष्ट्रवादी काँग्रेसची मैत्रीपूर्ण लढत झाली होती. मात्र, राष्ट्रवादी काँग्रेसचे उमेदवार धर्मरावबाबा आत्राम विजयी झाले. पुन्हा तीच पारिस्थिती उद्भवल्यानेमहाविकास आघाडीत वाद पेटण्याची चिन्हे आहेत.
UP News: लोग अक्सर अपनी समस्याओं के समाधान के लिए आश्रम जैसी धार्मिक स्थलों का सहारा लेते हैं, लेकिन उन्हें यह नहीं पता होता कि उनके बच्चों के साथ वहां क्या हो सकता है। हाल ही में उत्तर प्रदेश के बुलंदशहर में राधा स्वामी सत्संग व्यास में हुई एक चौंकाने वाली घटना ने इस गंभीर मुद्दे को फिर से उजागर किया है।
यह घटना तब सामने आई जब एक 14 साल की बच्ची, जो कक्षा 6 में पढ़ती है, पेट में दर्द के चलते डॉक्टर के पास गई। जांच में पता चला कि वह चार महीने की गर्भवती है। जब परिजनों ने उससे पूछताछ की, तो उसने बताया कि उसे और उसकी सहेली को आश्रम के 65 वर्षीय सेवादार ने प्रसाद के बहाने नशीली गोलियां खिलाई थीं।
आरोपी पर आरोप है कि उसने दो बच्चियों के साथ यौन शोषण किया। दूसरी बच्ची, जो कक्षा 7 में पढ़ती है, ने भी इसी तरह की बातें बताई। ये दोनों बच्चियां अपने गांव के पास स्थित आश्रम में खेलते समय इस भयानक स्थिति का सामना कर रही थीं।
परिजनों ने तुरंत पुलिस से संपर्क किया और मामले की शिकायत दर्ज कराई। पुलिस ने मामले की गंभीरता को समझते हुए आरोपी को गिरफ्तार कर लिया और दोनों बच्चियों को मेडिकल जांच के लिए जिला अस्पताल भेजा गया है। पुलिस इस मामले में कार्रवाई कर रही है.
पुणे: अनेकदा न्यायालयात काम करताना एखाद्या प्रकरणावर कोणते उपाय सूचवावेत हे आपल्याला सूचत नाही. ज्यावेळी अयोध्येचे काम माझ्यापुढे आले होते, त्यावेळी ३ महिने आम्ही अयोध्येच्या कामावर विचार करत होतो. शेकडो वर्षे ज्यावर कुणी उपाय काढला नाही ते काम आमच्यापुढे आले. हे काम सुरू असताना यातून मार्ग कसा शोधायचा हे कुणालाही माहीत नव्हते. मी दैनंदिन जीवनात दररोज पूजा करतो, त्यामुळे
यातून मार्ग शोधून द्या, अशी प्रार्थना केली. मनात आस्था असेल तर मार्ग नेहमी निघतो असे मला वाटते, असे मत सर्वोच्च न्यायालयाचे सरन्यायाधीश डॉ. धनंजय चंद्रचूड यांनी व्यक्त केले. रविवारी सरन्यायाधीश त्यांच्या मूळ गावी खेड तालुक्यातील कनेरसर येथे असताना त्यांचा नागरी सत्कार झाला. त्यावेळी ते बोलत होते. या प्रसंगी जिल्हा व अतिरिक्त सत्र न्या. ए. एस. सय्यद, न्या. एस. बी. पोळ, न्या. एस. बी. पवार, उपविभागीय अधिकारी अनिल दौंडे आदी उपस्थित होते.
देवीच्या कृपेमुळे मी सरन्यायाधीश झालो
गावातील यमाई देवीच्या कृपेमुळे मी सर्वोच्च न्यायालयाचा सरन्यायाधीश झालो, असे मला कायम वाटते. कनेरसर गावासोबतचे माझे नाते लहानपणापासून आहे, या शब्दांत चंद्रचूड यांनी भावना व्यक्त केल्या.