गडचिरोली : जिल्ह्यातील निमशासकीय कार्यालय, शाळा, ग्रामपंचायत, तलाठी, प्राथमिक आरोग्य केंद्र, कृषी विभाग, विद्युत कर्मचारी, पंचायत समिती, तहसील कार्यालयासह इतर क्षेत्रात कार्यरत कर्मचारी मुख्यालयी राहात नसल्यामुळे सर्वसामान्यांना अनके अडचणीचा सामना करावा लागत आहे.
अधिकारीवर्गाकडून कर्मचाऱ्यांची पाठराखण होत असल्याने शासकीय कर्मचारी मुख्यालयाला 'खो' देत असल्याची ओरड होवू लागली आहे, दर पाच वर्षांनी निवडणूका येतात. एका मागून एक वेगवेगळ्या पार्टीचे सरकार सत्तेवर पहावयास मिळत आहे. जनतेचे चांगले शासकीय दिवस असे सांगितले. मात्र, एक वेळ निवडणूक झाली की सत्ता बसली की परिस्थिती 'जैसे थे' राहत असल्याचीओरड केली जाते.
चांगले दिवस येणार वअसणाऱ्या समस्येचा निपटारा लागणार अशा आश्वासनांची खैरात वाटण्यात येते. मात्र, राजकीय स्वार्थापोटी समस्या मार्गी लागत नाही. सर्वसामान्यांना अच्छे दिनाऐवजी वाईट दिवस पहावयास मिळत असल्याची खंत जनतेत व्यक्त केली जात आहे. कोणतेही शासन आले तरी प्रशासनावर वचक नसल्याचे दिसून येते. त्यामुळे सर्वसामान्यांना तेच दिवस भोगावे लागतात. शासनाच्या सेवेत समाविष्ट होत असताना कर्मचाऱ्यांना मुख्यालयी राहून कार्य करण्याची अट असते. त्यासाठी काहींना निवासस्थान उपलब्ध करून दिल्या जाते. तर काहींना घरभाडे भत्ता दिला जातो. त्यामुळे राहणे बाध्य आहे.
मात्र, बहुतेक विभागाचे कर्मचारी नावापुरती खोलीदाखवून शहराच्या ठिकाणावरून ये-जा करतात. त्यामुळे शासनाच्या विकासकामांवर परिणाम होत आहे. शासनाच्या विविध योजना जनतेपर्यंत पोहोचणे गरजेचे आहे. मात्र, शासकीय कर्मचाऱ्यांच्या अनुपस्थितीमुळे आवश्यक कागदपत्रे यासाठी हेलपाटे मारावे लागण्याची लाभार्थ्यांवर वेळ येते. बहुतेक ग्रामसेवक, तलाठी, आरोग्यसेवक, कर्मचारी, शिक्षक व यासारखे अन्य कर्मचारी मुख्यालयी राहत नाही. मुख्यालयी न राहणाऱ्या कर्मचाऱ्यांची पाठराखण संबंधित अधिकाऱ्यांकडून होत असल्याचे बोलले जाते. बहुतेक तलाठी व ग्रामसेवक अथवा अन्य शासकीय अधिकारी अथवा कर्मचारी दोन गावांचा कारभार असल्याचे सांगून या गावी, त्यागावी होतो, असे सांगत असल्याचे बोलले जाते.
खोज करने वालों के लिए भारत के गुमनाम पर्वतजैसे माउंट सरामती, ज़ोंगरी पीक और पंगारचुल्ला पीक के बारे में सब कुछ जानिए। इन अनछुए पर्वतों में रोमांच और आध्यात्मिकता का मेल है।
प्रस्तावना:
भारत के प्रसिद्ध पर्वतों के अलावा, कई ऐसे छिपे हुए पर्वत भी हैं जो अब तक पर्यटकों और ट्रेकर्स की नज़रों से दूर हैं। अगर आप एक अनोखा ट्रेकिंग अनुभव ढूंढ रहे हैं, तो इन unexplored पर्वतों की यात्रा आपके लिए सबसे बेहतरीन साबित हो सकती है। ये पर्वत न केवल रोमांच के लिए, बल्कि एक आध्यात्मिक यात्रा का भी अनुभव कराते हैं। इस लेख में हम आपको भारत के गुमनाम पर्वतों की खोजी यात्रा पर ले चलेंगे।
1. माउंट सरामती, नागालैंड: एक छिपा हुआ रत्न
- माउंट सरामती क्यों जाएं? नागालैंड का माउंट सरामती अब तक एक अनछुआ ट्रेकिंग डेस्टिनेशन है। यह घने जंगलों और शांत पर्वतों के रूप में खोजी यात्रियों के लिए एक बेहतरीन स्थल है।
- रोमांच का स्तर: इस ट्रेक में आपको ऊबड़-खाबड़ रास्तों और ऊँचाई पर ट्रेकिंग का अनुभव मिलेगा, जो शुरुआती और अनुभवी ट्रेकर्स दोनों के लिए दिलचस्प है।
- सांस्कृतिक महत्त्व: स्थानीय जनजातियों के लिए यह एक पवित्र स्थान है, जहाँ देवी-देवताओं के निवास का विश्वास किया जाता है।
2. ज़ोंगरी पीक, सिक्किम: कंचनजंगा का मनमोहक दृश्य
- ज़ोंगरी पीक क्यों चुनें? सिक्किम के ज़ोंगरी पीक से आप कंचनजंगा का अद्भुत दृश्य देख सकते हैं। यह एक lesser-known ट्रेकिंग डेस्टिनेशन है जो आपको भीड़ से दूर एक शांति प्रदान करता है।
- अनुभव: यहाँ के लैंडस्केप और बदलते मौसम आपको एक अद्भुत अनुभव देते हैं।
- रहस्यमय ऊर्जा: यहाँ के भिक्षु और स्थानीय लोग कहते हैं कि ज़ोंगरी में एक आध्यात्मिक ऊर्जा है, जो आपको भीतर से शांति का अनुभव कराती है।
3. हर की दून, उत्तराखंड: पांडवों की मिथकीय यात्रा
- पौराणिक ट्रेक: उत्तराखंड की हर की दून घाटी एक प्राचीन स्थल है जहाँ से कहा जाता है कि पांडवों ने अपनी अंतिम यात्रा की थी। यह एक आध्यात्मिक और प्राकृतिक सौंदर्य का मेल है।
- रोमांच का स्तर: यह ट्रेक शुरुआती लोगों के लिए भी अनुकूल है क्योंकि यहाँ के रास्ते scenic और कम चुनौतीपूर्ण हैं।
4.फॉन्गपुई (ब्लू माउंटेन), मिजोरम: एक रहस्यमय अनुभव
- ब्लू माउंटेन क्यों जाएं? मिजोरम का यह पर्वत अपनी नीली धुंध के लिए मशहूर है, जो इसे रहस्यमय बनाता है। अगर आप प्रकृति के साथ जुड़ना चाहते हैं तो यह ट्रेक सबसे बेहतरीन है।
- शुरुआत करने वालों के लिए अनुकूल: यह ट्रेक शुरुआती लोगों के लिए एकदम सही है, लेकिन फिर भी आपको रोमांच और शांति दोनों का अनुभव मिलेगा।
5. पंगारचुल्ला पीक, उत्तराखंड: एक छिपा हुआ एडवेंचर
- क्या उम्मीद करें: पंगारचुल्ला पीक एक छिपा हुआ रत्न है जहाँ पहुँचना रोमांच खोजने वालों के लिए एक ultimate challenge है। यहाँ से नंदा देवी और शिवलिंग के अद्भुत दृश्य मिलते हैं।
- अनुभवी ट्रेकर्स के लिए: यहाँ का ट्रेक कठिन है, लेकिन अनुभवी ट्रेकर्स के लिए यह एक unforgettable experience है।
निष्कर्ष:
अगर आप एक खोजी यात्रा पर जाना चाहते हैं जो केवल रोमांच नहीं बल्कि आपको आंतरिक शांति भी दे, तो ये गुमनाम पर्वत आपके लिए एकदम सही हैं। भारत के इन unexplored पर्वतों का सफर आपको एक अनोखा अनुभव देगा, जहाँ आप प्रकृति और शांति के साथ एक नया रिश्ता बना पाएंगे।
नवरात्रि का महत्व: माता रानी की भक्ति का त्यौहार
नवरात्रि, जो हर साल माता दुर्गा की पूजा करने के लिए मनाया जाता है, भारतीय परंपरा का एक अनमोल हिस्सा है। इस दौरान, हम माता रानी की उपासना करते हैं, जो सुख, शांति और समृद्धि का प्रतीक हैं। नवरात्रि के 9 दिनों में अलग-अलग रूपों में देवी की पूजा की जाती है, जो उनकी शक्ति और महिमा को दर्शाता है।
माता रानी की पूजा की कहानी
क्या आप जानते हैं कि माता दुर्गा ने असुर महिषासुर को कैसे हराया? यह कहानी हर जगह सुनने को मिलती है, और इसी वजह से हम नवरात्रि के दौरान देवी की शक्ति को मनाते हैं। हर दिन, उनके अलग रूप की पूजा करना, उनकी विशेष गुणों को समझने का एक अवसर होता है।
माता रानी की पूजा की विधि: एक व्यापक गाइड
यदि आप माता रानी की पूजा करने का सोच रहे हैं, तो यह सरल गाइड आपके लिए है:
1. स्थान का चयन
- शुद्ध स्थान: एक साफ और शुद्ध स्थान चुनें जहाँ पूजा की जा सके। यह आपके भक्ति को प्रदर्शित करेगा।
2. पूजा सामग्री की तैयारी
- आपको इन चीजों की आवश्यकता होगी:
- कलश (पानी से भरा)
- नारियल और आम के पत्ते
- रोलि, चावल, और हल्दी
-फूल (मोगरा या चमेली)
- दीया और घी
- प्रसाद (मीठा, चना, या हलवा)
3. स्थापना और आचमन
- कलश को स्थापित करने के बाद, आम के पत्ते और नारियल रखें। आचमन करके शुद्धता का प्रदर्शन करें।
4. पूजा विधि
- धूप जलाकर और दीपक से पूजा शुरू करें। मंत्रों का उच्चारण करें, जैसे "ॐ दुं दुर्गायै नमः"।
5. नैवेद्य समर्पित करना
- जो भोग आपने तैयार किया है, उसे माता रानी को समर्पित करें। इससे आपकी श्रद्धा और भक्ति दर्शाई जाती है।
6. आरती
- पूजा के अंत में आरती गुनगुनाएं। आरती से आपकी भक्ति और समर्पण का प्रतीक है।
देवी के 9 रूप और उनका महत्व
1. शैलपुत्री: प्रकृति की शक्ति।
2. ब्रह्मचारिणी: तपस्या और साधना की देवी।
3. चंद्रघंटा: शांति और सुख की प्रतीक।
4. कुशमंडा: सृजन और समृद्धि की देवी।
5. स्कंदमाता: माता की कृपा और पुत्र की शक्ति।
6. कात्यायनी: बलिदान और वीरता की देवी।
7. कालरात्रि: अंधकार से मुक्ति की देवी।
8. महालक्ष्मी: धन और समृद्धि की प्रतीक।
9. सिद्धिदात्री: सिद्धि और समर्पण की देवी।
माता रानी की उपासना का आधुनिक स्पर्श
आज के समय में, तकनीक की मदद से भी माता रानी की उपासना की जा सकती है:
- वर्चुअल पूजा: ऑनलाइन प्लेटफार्मों पर आप माता रानी की पूजा कर सकते हैं, जो आपको घर बैठे उपासना करने का अवसर देती है।
- मेडिटेशन और माइंडफुलनेस: माता रानी की पूजा के साथ ध्यान शामिल करना आपके आध्यात्मिक अनुभव को और गहरा बनाता है।
व्रत और अंतिम प्रार्थना
व्रत रखना न केवल शरीर की शुद्धि करता है, बल्कि मन और आत्मा को भी सुख देता है। अंतिम प्रार्थना के दौरान माता रानी से अपने और अपने परिवार के लिए शांति और समृद्धि की कामना करें।
निष्कर्ष: माता रानी की कृपा का अनुभव
नवरात्रि के दिनों में माता रानी की उपासना एक अनमोल अनुभव है। इससे न केवल आपकी भक्ति प्रकट होती है, बल्कि आपके जीवन में सुख और समृद्धि भी आती है। तो, इस त्यौहार को अपनी जिंदगी का एक हिस्सा बनाइए और माता रानी की कृपा का अनुभव कीजिए।
Floods In Nepal 2024: नेपाल में मूसलाधार बारिश ने तबाही मचा दी है, जिससे व्यापक बाढ़ आई है। अब तक 112 लोगों की मौत हो चुकी है, और कई लोग लापता हैं। बारिश के कारण नेपाल के विभिन्न हिस्से जलमग्न हो गए हैं, जिससे आपदा प्रबंधन अधिकारियों ने बाढ़ के लिए चेतावनी जारी की है।
बारिश के चलते लोगों को सुरक्षित ठिकानों पर भेजा जा रहा है। शैक्षणिक संस्थानों को तीन दिनों के लिए बंद करने का निर्णय लिया गया है। नेपाल पुलिस और सशस्त्र पुलिस बल ने बताया कि अभी तक 3000 लोगों को बचाया गया है। बारिश के कारण 63 स्थानों पर मुख्य राजमार्ग अवरुद्ध हो गए हैं, जिससे आवागमन में बाधा उत्पन्न हुई है।
लापता लोगों की खोज जारी है, और नेपाल पुलिस ने विशेष टीमें गठित की हैं। प्रत्यक्षदर्शियों के अनुसार, काठमांडू घाटी में पिछले 40-45 वर्षों में इतनी विनाशकारी बाढ़ नहीं देखी गई। जलवायु और पर्यावरण विशेषज्ञ अरुण भक्ता श्रेष्ठ ने कहा, "काठमांडू में मैंने पहले कभी इतने बड़े पैमाने पर बाढ़ नहीं देखी।
इंटरनेशनल सेंटर फॉर इंटेग्रेटेड माउनटेन डेवलेपमेंट (आईसीआईएमओडी) की एक रिपोर्ट के अनुसार, काठमांडू की मुख्य नदी बागमती शुक्रवार और शनिवार को मूसलाधार बारिश के बाद खतरे के निशान से ऊपर बह रही है। बंगाल की खाड़ी में कम दबाव की प्रणाली और मानसून की स्थिति के कारण असाधारण रूप से तीव्र वर्षा हुई है। वैज्ञानिकों का मानना है कि जलवायु परिवर्तन के कारण पूरे एशिया में बारिश की मात्रा और समय में बदलाव आ रहा है।
Wild Animals Life: धरती पर लाखों तरह के जीव मौजूद हैं, और हर एक की उम्र अलग होती है। कुछ जानवर चंद साल ही जीते हैं, जबकि कुछ सौ सालों तक भी जिंदा रहते हैं। उनकी उम्र उनके शरीर की बनावट, जीवनशैली, और पर्यावरण पर निर्भर करती है। इस लेख में हम कुछ प्रमुख जानवरों की उम्र और उनकी जीवनशैली के बारे में जानेंगे, जो आपको चौंका सकती हैं।
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क्या आप जानते हैं कि कुछ कछुए 150 साल तक भी जी सकते हैं? गैलापागोस और एल्डाबरा जैसे विशाल कछुए अपनी उम्र के लिए प्रसिद्ध हैं। धीमे मेटाबॉलिज्म और एक मजबूत खोल उन्हें इतना लंबा जीवन जीने में मदद करता है। कछुए का जीवन आपको यह सिखाता है कि कभी-कभी धीरे-धीरे चलना भी लंबी जिंदगी का राज होता है।
हाथी 60 से 70 साल तक जीते हैं। इनकी उम्र का राज है इनकी सामाजिक जीवनशैली और पारिवारिक बंधन। हाथी अपने झुंड के साथ चलते हैं और इनका जीवन आपसी सहयोग पर आधारित होता है। इंसानों की तरह हाथियों में भी परिवार के बड़े-बुजुर्ग होते हैं, जो बाकी झुंड को सुरक्षा और नेतृत्व प्रदान करते हैं।
कुत्तों की उम्र औसतन 10 से 15 साल होती है, लेकिन छोटे नस्ल के कुत्ते 18 से 20 साल तक भी जी सकते हैं। कुत्तों की उम्र में उनकी नस्ल, आहार, और देखभाल का बड़ा योगदान होता है। आप जब अपने पालतू कुत्ते की देखभाल अच्छे से करेंगे, तो वह अधिक समय तक आपके साथ रहेगा। एक पुरानी कहावत है, "जिसका इंसान सबसे अच्छा दोस्त हो, उसकी उम्र हमेशा लम्बी होती है।
बिल्लियाँ औसतन 12 से 18 साल तक जीती हैं, लेकिन कई पालतू बिल्लियाँ 20 साल से भी ज्यादा जिंदा रहती हैं। बिल्लियाँ अपनी स्वतंत्रता के लिए जानी जाती हैं, लेकिन अगर उन्हें प्यार और देखभाल मिले, तो वे आपके साथ कई सालों तक रहेंगी। उनका शांत स्वभाव और खुद को साफ-सुथरा रखना उनकी लंबी उम्र का राज है।
घोड़े लगभग 25 से 30 साल तक जीते हैं। वे अपनी गति और शक्ति के लिए जाने जाते हैं। घोड़ों की लंबी उम्र का राज है उनकी देखभाल, आहार, और नियमित अभ्यास। खासकर अरबी नस्ल के घोड़े अपनी लंबी उम्र और सहनशीलता के लिए प्रसिद्ध हैं। सही प्रशिक्षण और अच्छा खानपान उनके जीवन को और भी बेहतर बनाता है।
शेर की औसत उम्र जंगल में 10 से 14 साल तक होती है, लेकिन कैद में उन्हें 20 साल तक भी जिंदा रखा जा सकता है। जंगल में इनका जीवन कठिन होता है, लेकिन शेरों का शिकार और शक्ति इनकी उम्र का सबसे बड़ा हिस्सा होती है। शेर का जीवन हमें सिखाता है कि संघर्ष और शक्ति के बिना राजा नहीं बना जा सकता।
घड़ियाल 70 से 100 साल तक जी सकते हैं। उनके ताकतवर जबड़े और जल में रहने की क्षमता उन्हें बहुत लंबी उम्र तक जिंदा रहने में मदद करती है। घड़ियाल का जीवन यह बताता है कि सही जगह पर सही समय पर रहना जीवन को लम्बा बना सकता है।
मछलियों की उम्र उनकी प्रजाति पर निर्भर करती है। कुछ मछलियाँ केवल एक-दो साल तक जीती हैं, जबकि कुछ बड़ी मछलियाँ जैसे कार्प 50 साल तक जीवित रह सकती हैं। मछलियाँ जल की गुणवत्ता और पर्यावरण पर निर्भर रहती हैं, और इसीलिए उनकी उम्र काफी भिन्न हो सकती है।
गोरिल्ला आमतौर पर 35 से 40 साल तक जीते हैं। लेकिन कैद में इन्हें 50 साल तक जिंदा रखा जा सकता है। ये प्राणी बहुत ही सामाजिक होते हैं और अपनी समझदारी और देखभाल के लिए जाने जाते हैं। इनके जीवन का बड़ा हिस्सा परिवार के साथ बीतता है, जो उनकी उम्र बढ़ाने में मदद करता है।
जानवरों की उम्र उनके जीवन के तरीके और पर्यावरण पर आधारित होती है। चाहे कछुए हों जो 150 साल तक जिंदा रहते हैं, या कुत्ते और बिल्लियाँ जो हमारे घरों में प्यार से पलते हैं, हर जानवर की उम्र अपने-आप में खास होती है। यह हमें जीवन की विविधता और धरती पर मौजूद हर प्राणी के महत्व का एहसास कराती है। अगर हम सही देखभाल और सम्मान के साथ इन प्राणियों के साथ रहते हैं, तो वे भी हमें लंबे समय तक अपनी उपस्थिति का आशीर्वाद देते रहेंगे।
Wild Animals: जानवरों की अद्भुत दुनिया: जानें कुछ प्रमुख जानवरों के बारे में
क्या आपने कभी सोचा है कि जानवरों की दुनिया कितनी विविध और रोचक है? हर जानवर की अपनी एक खासियत होती है, जो उसे अद्वितीय बनाती है। चलिए, हम कुछ प्रमुख जानवरों के बारे में जानते हैं और उनकी अद्भुतताओं पर चर्चा करते हैं।
शेर को जंगल का राजा कहा जाता है। ये ताकतवर और सामाजिक जानवर हैं, जो समूह में रहते हैं। जब शेर गर्जना करते हैं, तो यह उनकी शक्ति और क्षेत्र का प्रदर्शन होता है। क्या आप जानते हैं कि शेर अपने परिवार के साथ रहना पसंद करते हैं? ये अफ्रीका के सवाना में पाए जाते हैं और सामूहिक रूप से शिकार करते हैं।
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गाय भारतीय संस्कृति में विशेष स्थान रखती है। इसे "गौ माता" कहा जाता है। गाय दूध देती है, जो हमारे जीवन का एक महत्वपूर्ण हिस्सा है। क्या आपने कभी देखा है कि गांवों में लोग गाय का कितना ख्याल रखते हैं? गाय का गोबर भी जैविक खाद के रूप में उपयोग होता है, जिससे फसलें अच्छी होती हैं।
हाथी सबसे बड़े थलचर जानवर हैं और इन्हें अपनी बुद्धिमत्ता के लिए जाना जाता है। ये सामाजिक प्राणी होते हैं और अपने झुंड के सदस्यों के प्रति बहुत संवेदनशील होते हैं। क्या आप जानते हैं कि हाथी एक-दूसरे के साथ अपने भावनाओं को साझा करने के लिए अपनी आवाज़ों का उपयोग करते हैं?
कुत्ते को मानव का सबसे अच्छा मित्र माना जाता है। ये वफादार और समझदार होते हैं। क्या आपने कभी अपने कुत्ते के साथ खेलने का आनंद लिया है? कुत्ते न केवल हमें सुरक्षा देते हैं, बल्कि वे हमें खुशियों से भी भर देते हैं।
चिड़िया छोटी लेकिन अद्भुत जीव हैं, जो आकाश में उड़ने की क्षमता रखती हैं। चिड़ियों की विभिन्न प्रजातियाँ हैं, और प्रत्येक की अपनी विशेषता होती है। क्या आपने कभी सुनी है कि तोते अपनी आवाज़ की नकल कैसे करते हैं?
निष्कर्ष
जानवरों की दुनिया हमारे जीवन का एक महत्वपूर्ण हिस्सा है। ये न केवल हमारे पारिस्थितिकी तंत्र का संतुलन बनाए रखते हैं, बल्कि हमारी संस्कृति और जीवनशैली में भी महत्वपूर्ण भूमिका निभाते हैं। चलिए, हम सभी मिलकर इन अद्भुत जीवों की रक्षा करें ताकि आने वाली पीढ़ियाँ भी इनका आनंद ले सकें।
आपका पसंदीदा जानवर कौन सा है? हमें बताएं!
Ajab Gajab: हाल ही में इंग्लैंड के लीड्स अस्पताल में एक दिन की बच्ची की स्तनपान करते समय दुखद मौत हो गई। इस घटना ने न केवल परिवार को बल्कि डॉक्टरों को भी हैरान कर दिया। प्रारंभिक जांच में यह पता चला कि दूध पीते समय बच्ची की सांसें रुक गईं और उसकी श्वास नली में दूध भर गया।
मां ने दूध पिलाते-पिलाते सोने की गलती की, और इस दौरान बच्ची ने जल्दी-जल्दी दूध पी लिया। मां प्रसव और दवा के कारण थकी हुई थी, और जब उसकी आंख खुली, तब तक बच्ची का दिल धड़कना बंद हो चुका था। नवजात को तुरंत अस्पताल ले जाया गया, जहां डॉक्टरों ने उसे मृत घोषित कर दिया।
इस घटना के बाद, डॉक्टरों ने कुछ महत्वपूर्ण सलाह दी है।
यह घटना न केवल एक दिल दहलाने वाला मामला है, बल्कि यह हमें बच्चों को दूध पिलाने के दौरान अतिरिक्त सावधानी बरतने की याद दिलाती है। सभी माताओं को इस दिशा में ध्यान देने की आवश्यकता है ताकि ऐसी दुखद घटनाएं भविष्य में न हों।
Animals Name: आपने अक्सर देखा होगा कि हमारे आस-पास कितने सारे कीड़े-मकोड़े होते हैं, लेकिन क्या आपने कभी उनके नाम या उनकी आदतों पर ध्यान दिया है? अधिकांश कीड़े एक-दूसरे को ही अपना भोजन बना लेते हैं, लेकिन आज हम आपको उन खास जानवरों के बारे में बताएंगे, जिन्हें खून पीना पसंद है। ये जानवर न केवल जीवों के लिए खतरा बन सकते हैं, बल्कि ये इंसानों के लिए भी कई बार समस्या उत्पन्न कर सकते हैं। आइए जानते हैं वे कौनसे 5 जानवर हैं जो खून पीकर जीते हैं।
मच्छर एक ऐसा जीव है जिसने शायद ही किसी का खून न चूसा हो।" दुनिया में शायद ही कोई ऐसा व्यक्ति हो, जिसका खून इन मच्छरों ने न चूसा हो। मादा मच्छर अपने अंडों के लिए खून पीती है, और यही कारण है कि ये इंसानों और अन्य जीवों के करीब रहते हैं। मच्छर कई प्रकार की बीमारियों का भी कारण बनते हैं, जैसे डेंगू और मलेरिया।
ये जानवर मुख्य रूप से रात में सक्रिय होते हैं और अक्सर पक्षियों और स्तनधारियों का खून चूसते हैं। इन्हें "वैंपायर चमगादड़" के नाम से भी जाना जाता है। इनकी एक खासियत है कि ये खून पीने के लिए अपने शिकार को बेहोश कर सकते हैं।
जोंक एक जल-जीव है जो अपने शिकार पर चिपक कर खून पीता है। ये अक्सर नदियों और तालाबों में पाए जाते हैं। जब ये एक बार चिपक जाते हैं, तो इन्हें हटाना आसान नहीं होता। जोंक का खून पीने का तरीका काफी विशेष होता है, जो उन्हें उनके शिकार पर निर्भर रहने में मदद करता है।
ये छोटे जीव रात में हमारे बिस्तरों पर सक्रिय होते हैं। जब ये हमें काटते हैं, तो हमारी नींद उड़ जाती है। खटमल भी खून पीकर जीवित रहते हैं और इनसे छुटकारा पाना कठिन होता है। इनसे होने वाली एलर्जी और खुजली अक्सर लोगों को परेशान करती है।
टिक्स छोटे-छोटे कीड़े हैं जो स्तनधारियों, पक्षियों और जमीन पर रेंगने वाले जीवों का खून चूसते हैं। टिक्स कई बीमारियों का कारण भी बन सकते हैं, जैसे कि लाइम बीमारी। इनके काटने से बचना बेहद जरूरी है।
इन जानवरों की विशेषताएँ और उनके द्वारा खून पीने की आदतें हमें यह समझाती हैं कि प्राकृतिक संतुलन बनाए रखने में इनका क्या योगदान है। हालांकि, ये जीव मानव स्वास्थ्य के लिए खतरा भी बन सकते हैं, इसलिए इनके प्रति जागरूक रहना आवश्यक है। अगर आपको यह लेख पसंद आया हो, तो कृपया अपने विचार टिप्पणियों में साझा करें और इसे अपने दोस्तों के साथ शेयर करें!
Who Is The Most Beautiful Women In The World: जगातील सर्वात सुंदर महिला कोणत्या देशात राहतात, याबाबत एकसंध मानक नसले तरी विविध सर्वेक्षणांमधून वेगवेगळ्या देशांचा उल्लेख केला जातो. सौंदर्य ही एक सापेक्ष गोष्ट असून त्याचे मोजमाप प्रत्येकाच्या दृष्टिकोनावर अवलंबून असते. परंतु काही सर्वेक्षण आणि प्रतिष्ठित संस्थांच्या अंदाजांनुसार विविध देशातील महिलांचे सौंदर्य वैश्विक स्तरावर मानले जाते.
मिसोसॉलॉजीच्या मते, जगातील सर्वात सुंदर महिलांचा देश म्हणजे व्हेनेझुएला. यानंतरच्या यादीत फिलीपिन्स, मेक्सिको, दक्षिण आफ्रिका, व्हिएतनाम, थायलंड, पोर्तो रिको, इंडोनेशिया, कोलंबिया, आणि अमेरिका यांचा समावेश आहे.
ScoopHoop च्या सर्वेक्षणानुसार, ब्राझील हा देश जगातील सर्वात सुंदर महिलांचा मान पटकावतो. दुसऱ्या क्रमांकावर युक्रेन तर त्यानंतर दक्षिण कोरिया, डेन्मार्क, आणि कोलंबिया यांचा क्रमांक आहे. रशिया या यादीत सहाव्या स्थानावर आहे, त्यानंतर व्हेनेझुएला, इटली, नेदरलँड, आणि कॅनडातील महिलांचा समावेश होतो.
डेफिनेशनच्या सर्वेक्षणानुसार, इटली पहिल्या क्रमांकावर आहे. यानंतर युनायटेड किंगडम, बोलिव्हिया, आणि मग भारत यांचा क्रमांक लागतो. यानंतर फिलीपिन्स, नेदरलँड, स्वीडन, बल्गेरिया, आणि अर्जेंटिना हे देश आहेत.
BScholarly या सर्वेक्षणात तुर्की देशातील महिलांना जगातील सर्वात सुंदर मानले गेले आहे, त्यानंतर ब्राझील, फ्रान्स, आणि रशिया हे देश आहेत. या यादीत भारत देखील उल्लेखनीय आहे, जो आंतरराष्ट्रीय सौंदर्य यादीत स्थान मिळवतो.
म्हणजेच, विविध सर्वेक्षणांनुसार भारतीय महिला आंतरराष्ट्रीय पातळीवर सौंदर्याच्या यादीत स्थान मिळवतात, परंतु ते क्रमवारीनुसार वेगवेगळे असू शकते. काही सर्वेक्षणांनुसार भारतीय महिलांना शीर्ष 10 मध्ये स्थान दिले गेले आहे.
Wild Life: दुनिया में साँपों की बात हो और किंग कोबरा का नाम न लिया जाए, ऐसा हो नहीं सकता। ये विशाल और घातक साँप अपने जहरीले दंश से अपने शिकार को पलक झपकते ही मौत की नींद सुला देता है। लेकिन क्या आप जानते हैं कि किंग कोबरा के कुछ दुश्मन भी हैं, जो इस खतरनाक साँप से भी टक्कर लेने की हिम्मत रखते हैं? तो आइए जानते हैं उन 5 जानवरों के बारे में, जिन्हें किंग कोबरा का सबसे खतरनाक और कट्टर दुश्मन माना जाता है।
क्या आपने कभी सुना है कि नेवला और किंग कोबरा की लड़ाई में कौन जीतता है? नेवला किंग कोबरा का सबसे बड़ा दुश्मन माना जाता है। उसकी फुर्ती और आक्रामकता उसे किंग कोबरा के सामने खतरनाक प्रतिद्वंद्वी बनाती है। नेवला किंग कोबरा के जहरीले दंश से नहीं डरता और उससे मुठभेड़ करने के लिए हमेशा तैयार रहता है। इसकी लड़ाई को देखना किसी रोमांचक मुकाबले से कम नहीं होता।
बिज्जू को "निडर शिकारी" कहा जाता है और इसका कारण है इसकी ताकत और आक्रमकता। यह शिकारी किंग कोबरा जैसे जहरीले सांपों से लड़ने में माहिर है। बिज्जू की मोटी त्वचा और तेज पंजे उसे किसी भी सांप के खिलाफ बेहद प्रभावी बनाते हैं। बिज्जू के बारे में कहा जाता है कि वो किसी भी सांप को कुछ ही मिनटों में धूल चटा देता है।
आसमान का राजा, ईगल, किंग कोबरा के लिए सबसे खतरनाक दुश्मनों में से एक है। ईगल अपनी तेज़ उड़ान और शक्तिशाली पंजों से किंग कोबरा पर झपटता है और उसे एक ही बार में जकड़ लेता है। उसकी तेज नज़र और अद्भुत शिकारी क्षमता उसे इस घातक सांप के लिए एक बड़ा खतरा बनाती है।
किंग कोबरा का एक और हवाई दुश्मन है बाज। उसकी तीखी नज़र और बेमिसाल उड़ान उसे किंग कोबरा का शिकार करने में मदद करती हैं। बाज इतनी तेजी से हमला करता है कि किंग कोबरा को संभलने का मौका तक नहीं मिलता। कुछ ही पलों में बाज उसे उठा लेता है और उसे अपना शिकार बना लेता है।
यह अनोखा पक्षी किंग कोबरा जैसे खतरनाक साँपों से लड़ने में माहिर है। इसकी लंबी टाँगें और मजबूत चोंच इसे किंग कोबरा के खिलाफ एक शक्तिशाली दुश्मन बनाती हैं। सेक्रेटरी पक्षी को लेकर कहा जाता है कि यह सांपों को मारने के लिए अपनी तेज़ चोंच का इस्तेमाल करता है और इस प्रक्रिया में वह सांपों के लिए जानलेवा साबित होता है।
New Moon: आकाशातील सौरमालेत पृथ्वीसोबत इतर अनेक ग्रह आहेत, जसे की गुरु, शुक्र, शनी इत्यादी. प्रत्येक ग्रहाभोवती फिरणारे चंद्रही आहेत. शनीभोवती तर तब्बल 146 चंद्र आहेत, परंतु पृथ्वीभोवती केवळ एकच चंद्र आहे. पण, लवकरच एका दुर्मीळ खगोलीय घटनेमुळे पृथ्वीला दोन महिन्यांसाठी आणखी एक मिनी चंद्र मिळणार आहे.
अमेरिकन अॅस्ट्रोनॉमिकल सोसायटीने प्रकाशित केलेल्या अहवालात ही माहिती समोर आली आहे. 7 ऑगस्ट 2024 रोजी या मिनी चंद्राचे पहिले दर्शन झाले, ज्यामुळे खगोल शास्त्रज्ञांना मोठी आशा मिळाली आहे.
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खगोल संशोधकांनी या अहवालात स्पष्ट केले आहे की, अवकाशातील कोणतीही वस्तू जेव्हा पृथ्वीच्या गुरुत्वाकर्षणाच्या कक्षेत येते, तेव्हा ती घोड्याच्या नालेसारख्या मार्गाने फिरते. ती वस्तू पृथ्वीभोवती परिभ्रमण पूर्ण करत नाही, परंतु काही काळासाठी गुरुत्वाकर्षणाच्या प्रभावाखाली राहते आणि नंतर आपल्या मार्गाने पुढे जाते. याच घटनेला 'मिनीमून' असे म्हणतात, आणि खगोल अभ्यासकांसाठी ही एक अद्भुत संधी असते.
हा चमत्कार पृथ्वीच्या गुरुत्वाकर्षणामुळे घडणार आहे. 29 सप्टेंबर ते 25 नोव्हेंबर 2024 या काळात एक लघुग्रह पृथ्वीच्या गुरुत्वाकर्षणाच्या प्रभावाखाली येणार आहे. या लघुग्रहाचे नाव 2024पीटी5 असे आहे, आणि तो काही काळ पृथ्वीभोवती फिरणार आहे, परंतु परिभ्रमण पूर्ण करण्याआधीच तो पृथ्वीच्या कक्षेतून बाहेर पडेल. 25 नोव्हेंबरनंतर हा लघुग्रह पुन्हा सू्र्याभोवती परिभ्रमण सुरु करेल.
हा मिनी चंद्र आपल्या मूळ चंद्रासारखा मोठा आणि चमकदार नसेल. याचा व्यास फक्त 10 मीटर इतका असणार आहे, त्यामुळे तो डोळ्यांनी किंवा टेलिस्कोपने सहज दिसणार नाही. तो लघुग्रहाच्या स्वरूपात असणार असून खगोल अभ्यासकांसाठी मात्र हा एक महत्त्वाचा अभ्यासाचा विषय ठरणार आहे.
होय, याआधीही पृथ्वीवर मिनी मून आल्याचे नोंद आहे. 1981 आणि 2022 मध्ये अशाच प्रकारच्या घटना घडल्या होत्या, पण आकाराने लहान असल्याने आणि वेगाने फिरत असल्याने त्यांना ओळखणे कठीण होते.
Ajab Gajab News: दुनियाभर में कई अजीबोगरीब गांव हैं, जिनकी अपनी विशेष परंपराएं और संस्कृति हैं। आज हम आपको एक ऐसे गांव के बारे में बताने जा रहे हैं, जो अपनी अनूठी विशेषताओं के कारण चर्चा में है। यह गांव है उमोजा, जो अफ्रीकी महाद्वीप के केन्या देश में स्थित है। यहां एक भी पुरुष नहीं रहता है, फिर भी यहां की महिलाएं गर्भवती हो जाती हैं। आइए जानते हैं इस रहस्यमयी गांव की खासियत और इसके पीछे की सच्चाई।
उमोजा गांव, केन्या के सबसे अनोखे गांवों में से एक है, जो पिछले तीन दशकों से सुर्खियों में है। इस गांव की सबसे बड़ी खासियत यह है कि यहां एक भी पुरुष निवास नहीं करता। उमोजा गांव की स्थापना 1990 में उन महिलाओं द्वारा की गई थी, जो स्थानीय ब्रिटिश सैनिकों द्वारा बलात्कार का शिकार हुई थीं। इन महिलाओं ने मिलकर इस गांव को बनाया, जहां आज भी पुरुषों का प्रवेश पूरी तरह से प्रतिबंधित है। गांव की सीमा पर कंटीले तार लगे हुए हैं, और पुरुषों के गांव में घुसने पर सजा दी जाती है। यहां बलात्कार, बाल विवाह, घरेलू हिंसा और खतना जैसी हिंसा का सामना करने वाली महिलाएं रहती हैं। वर्तमान में इस गांव में लगभग 250 महिलाएं और 200 बच्चे रहते हैं।
अब सवाल यह है कि बिना पुरुषों के इस गांव में महिलाएं गर्भवती कैसे होती हैं? इसका उत्तर गांव के बगल के गांव के पुरुषों में छिपा है। दरअसल, कई महिलाएं इस गांव के पास स्थित अन्य गांव के पुरुषों के संपर्क में आती हैं। इन पुरुषों के साथ कई महिलाओं के रिश्ते होते हैं, लेकिन ये संबंध समाज के सामने खुलकर स्वीकार नहीं किए जाते। इस कारण किसी को यह नहीं पता चलता कि कौन सी महिला का किस पुरुष के साथ संबंध है। इसके अलावा, यहां गर्भनिरोधक उपायों की कमी के कारण महिलाएं गर्भवती हो जाती हैं।
Most Poisonous Snakes In The World: सांपों का नाम सुनते ही हमारे मन में डर और खौफ का अनुभव होता है। दुनियाभर में हर साल हजारों लोग सांप के काटने का शिकार होते हैं, जिनमें से कई अपनी जान गंवा देते हैं। विश्व स्वास्थ्य संगठन (WHO) के अनुसार, सांप का काटना एक गंभीर समस्या है, लेकिन इसके बावजूद इसे एक उपेक्षित बीमारी माना जाता है। खासकर भारत जैसे देशों में सांप के काटने से होने वाली मौतों का आंकड़ा काफी ज्यादा है। हालांकि, दुनिया के सबसे जहरीले सांप सिर्फ भारत में ही नहीं, बल्कि विभिन्न हिस्सों में पाए जाते हैं। आइए जानें दुनिया के 5 सबसे घातक और जहरीले सांपों के बारे में, जिनका काटना पल भर में मौत का कारण बन सकता है।
इनलैंड टाइपैन दुनिया का सबसे जहरीला सांप माना जाता है। इसका जहर इतना खतरनाक है कि सिर्फ एक बूँद ही 100 से अधिक इंसानों की जान लेने के लिए पर्याप्त होती है। यह सांप दक्षिण ऑस्ट्रेलिया के सूखे इलाकों में पाया जाता है और अधिकांश समय अपने बिल में छिपा रहता है। इसका शिकार अक्सर छोटे स्तनधारी होते हैं, लेकिन अगर यह इंसान को काट ले, तो मिनटों में मौत हो सकती है।
कोस्टल टाइपैन दुनिया के सबसे तेज़ और जहरीले सांपों में से एक है। ऑस्ट्रेलियन म्यूजियम के अनुसार, यह सांप इतनी तेजी से हमला करता है कि इंसान को प्रतिक्रिया देने का मौका भी नहीं मिलता। इसके जहर में न्यूरोटॉक्सिन होते हैं, जो तुरंत नसों और मस्तिष्क पर असर डालते हैं। इस सांप का काटना बेहद खतरनाक साबित हो सकता है।
किंग कोबरा दुनिया का सबसे लंबा विषैला सांप है, जिसकी लंबाई 18 फीट तक हो सकती है। यह सांप विशेष रूप से अपने लंबे फन और खतरनाक जहर के लिए जाना जाता है। किंग कोबरा का जहर तंत्रिका तंत्र पर हमला करता है, जिससे इंसान की मौत 15 मिनट में हो सकती है। इस सांप का जहर इतना खतरनाक होता है कि एक वयस्क हाथी भी कुछ घंटों में मर सकता है।
धारीदार करैत भारत और दक्षिण एशिया में पाया जाने वाला एक बेहद विषैला सांप है। यह रात में अधिक सक्रिय होता है और इसके काटने से इंसान की मांसपेशियां धीरे-धीरे काम करना बंद कर देती हैं, जिससे श्वास रुकने की समस्या उत्पन्न होती है। इसके काटने के बाद उचित इलाज न मिले, तो मौत निश्चित होती है।
सॉ-स्केल्ड वाइपर को भारत में "बिग फोर" सांपों में से एक माना जाता है, जो सबसे ज्यादा मौतों के लिए जिम्मेदार है। यह सांप खासकर ग्रामीण इलाकों में पाया जाता है और इसका जहर इंसान के खून को जमा देता है, जिससे मौत हो सकती है। इस सांप की एक खासियत यह है कि यह खतरे के समय अपनी दांतेदार त्वचा को बजाकर चेतावनी देता है।
इन खतरनाक सांपों के बारे में जानना बेहद जरूरी है, ताकि आप इनके खतरों से सतर्क रहें। उनके बारे में जानकारी होना आपकी सुरक्षा के लिए आवश्यक है।
UP News: भारत-नेपाल सीमा पर हाल ही में एक बड़ी घटना सामने आई है। कस्टम विभाग ने 16 टन (1400 क्विंटल) चाइनीज लहसुन जब्त किया, जिसे नेपाल से तस्करी करके भारत में लाया गया था। इस लहसुन की जांच में पता चला कि यह सेहत के लिए बेहद खतरनाक है, क्योंकि इसमें खतरनाक फंगस पाए गए हैं।
चाइनीज लहसुन को प्राकृतिक तरीके से नहीं उगाया जाता। इसे कृत्रिम रसायनों और प्रक्रियाओं के माध्यम से तैयार किया जाता है, जो इसे स्वास्थ्य के लिए खतरनाक बनाते हैं। इसमें मौजूद फंगस से गंभीर बीमारियाँ हो सकती हैं, और इसका सेवन सेहत के लिए हानिकारक हो सकता है।
जब कस्टम विभाग ने इस लहसुन को जब्त किया, तो इसे मिट्टी में दबाकर नष्ट कर दिया गया। लेकिन अधिकारियों के जाने के बाद, स्थानीय ग्रामीणों ने मिट्टी खोदकर लहसुन निकालना शुरू कर दिया। सोशल मीडिया पर वायरल हो रहे वीडियो में साफ देखा जा सकता है कि कैसे लोग लहसुन को मिट्टी से निकाल रहे हैं। ग्रामीणों का कहना है कि वे इसे खाने के लिए नहीं, बल्कि खेतों में बुआई के लिए ले जा रहे हैं।
स्वास्थ्य विशेषज्ञों का कहना है कि यह चाइनीज लहसुन किसी भी रूप में उपयोग के लिए सुरक्षित नहीं है। इसमें पाए जाने वाले फंगस और हानिकारक रसायन गंभीर स्वास्थ्य समस्याएं पैदा कर सकते हैं। इस स्थिति को देखते हुए, कस्टम विभाग को पूरी तरह से नष्ट करने के लिए अधिक प्रभावी उपाय करने चाहिए थे, जैसे कि जलाना या अन्य सुरक्षित विधियों का उपयोग करना।
ग्रामीणों का कहना है कि बाजार में लहसुन की ऊंची कीमतों के कारण उन्होंने इसे खेतों में बोने के लिए निकाला है। हालांकि, विशेषज्ञों के अनुसार, इस लहसुन का उपयोग किसी भी रूप में स्वास्थ्य के लिए खतरनाक हो सकता है।
कॅलिफोर्नियाः अमेरिकेच्या कॅलिफोर्नियातील वरीष्ठ सभागृहाच्या सदस्या (सेनेटर) मेरी अल्वाराडो-गिल यांनी पुरुष कर्मचाऱ्याकडून लैंगिक सुखाची मागणी करत बळजबरी केल्याचा आरोप ठेवण्यात आला आहे. लैंगिक सुखाची मागणी केल्यानंतर माझ्या पाठीला आणि मणक्याला दुखापत झाली, असा दावा गिल यांचे माजी चीफ ऑफ स्टाफ चाइ कँडीट यांनी केला आहे.
माजी सिनेट सदस्य गॅरी कँडीट यांचा मुलगा असलेल्या चाड कँडीट यांनी आता याबद्दल कायदेशीर खटला दाखल केला असून प्रवासादरम्यान गिल लैंगिक सुखाची मागणी करत असत, असा आरोप केला आहे. यावर गिल
यांच्या वकिलानेही प्रत्युत्तर दाखल केले असून कँडीट यांचे आरोप फेटाळून लावले आहेत. सॅक्रामेंटो सुपीरियर न्यायालयात दाखल केलेल्या खटल्यानुसार, कँडीट यांनी दावा केला की, नोकरी टिकविण्यासाठी त्यांनी गिल यांच्या लैंगिक सुखाच्या मागणीची प्रतिपूर्ती केली. मेरी अल्वाराडो गिल या पूर्वी डेमोक्रॅट पक्षात होत्या, आता त्या रिपब्लिकन पक्षाच्या सदस्या आहेत. मेरी अल्वाराडो- गिल यांच्याविरोधात दाखल
केलेल्या खटल्यात कँडीट यांनी असाही दावा केला की, गिल यांनी कार्यालयात दहशतीचे वातावरण तयार केले होते. तसेच आपले शेवटचे भांडण झाले, तेव्हा गिल यांनी एका छोट्याश्या गाडीत माझ्याकडे लैंगिक सुखाची मागणी केली. ज्यामुळे माझ्या पाठीला जबर दुखापत झाली आणि ज्यामुळे माझ्या तीन हाडांना मार बसला. त्यानंतर डिसेंबर महिन्यात कँडीट यांना कामावरून काढून टाकण्यात आले होते. पाठीच्या दुखापतीचे कारण देत त्यांनी गिल यांच्या मागणीला नकार दिला होता, म्हणून ही कारवाई झाली, असे ते म्हणाले. तसेच नोकरीवरून काढून टाकण्याआधी गिल यांनी आपल्या अधिकाराचा गैरवापर करत कँडीट यांच्यावर शिस्तभंगाची कारवाई केली होती.
Hello Word History: जब हम फोन पर किसी से बात करने के लिए कॉल करते हैं या कॉल रिसीव करते हैं, तो सबसे पहला शब्द जो आपके मुँह से निकलता है, वह 'हैलो' होता है। लेकिन क्या आपने कभी सोचा है कि यह शब्द हमारे संवाद का हिस्सा क्यों बना? और क्यों हम फोन बात करते समय हॅलो खाते है. 'हैलो' के बारे में जानना न केवल हमें इसके ऐतिहासिक संदर्भ को समझने में मदद करता है, बल्कि यह एक दिलचस्प कहानी भी पेश करता है। तो आइए जाणते है कि 'हैलो' शब्द कैसे और क्यों टेलीफोन के अभिवादन का हिस्सा बना।
हमारे रोजमर्रा के जीवन में 'हैलो' एक सामान्य अभिवादन बन गया है। लेकिन क्या आप जानते हैं कि इसका इस्तेमाल किसी व्यक्ति के नाम से जुड़ा हुआ है? दरअसल, 'हैलो' नाम था महान वैज्ञानिक ग्राहम बेल की गर्लफ्रेंड का मारग्रेट हैलो।
ग्राहम बेल, जिन्होंने टेलीफोन का आविष्कार किया, अपनी गर्लफ्रेंड मारग्रेट को प्यार से 'हैलो' कहकर पुकारते थे। जब ग्राहम बेल ने टेलीफोन का परीक्षण शुरू किया, तो उन्होंने कॉल्स के दौरान 'हैलो' शब्द का इस्तेमाल किया। इस आदत ने धीरे-धीरे फोन कॉल्स के लिए मानक अभिवादन का रूप ले लिया।
'हैलो' शब्द अब फोन कॉल्स पर मान्यता प्राप्त अभिवादन बन चुका है। यह केवल एक शब्द नहीं, बल्कि ग्राहम बेल और उनके व्यक्तिगत जीवन की एक अनूठी कहानी भी है। अगली बार जब आप फोन पर 'हैलो' कहें, तो इसे एक सम्मानजनक अभिवादन के रूप में मानें।