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Savitri Rahandgle

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Wellhealth Ayurvedic Health Tips: खाली पेट नीम की पत्तियां खाने …


Wellhealth Ayurvedic Health Tips: आजकल की तेज़ रफ्तार ज़िंदगी और खराब खानपान के चलते सेहतमंद रहना किसी चुनौती से कम नहीं है। प्रदूषण और अनियमित दिनचर्या की वजह से बीमारियाँ बढ़ती जा रही हैं, इसलिए हमें अपने खाने-पीने पर खास ध्यान देना बेहद जरूरी है। नीम की पत्तियाँ हमारी सेहत के लिए किसी वरदान से कम नहीं हैं। सदियों से इनका इस्तेमाल कई बीमारियों को दूर रखने के लिए किया जाता रहा है। इसके जीवाणुरोधी, एंटीफंगल और सूजन-रोधी गुण आपके शरीर को अंदर से साफ करते हैं। हर सुबह खाली पेट नीम की पत्तियों का सेवन करना सेहत में चमत्कारी बदलाव ला सकता है। आइए, जानते हैं इसके 5 जबरदस्त फायदे।

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1. पाचन को बेहतर बनाता है

अगर आपको अक्सर पेट की समस्या रहती है, तो नीम की पत्तियाँ आपकी मदद कर सकती हैं। इनमें मौजूद एंटीबैक्टीरियल गुण आंतों की सफाई करते हैं और अपच, कब्ज जैसी समस्याओं से राहत दिलाते हैं।

 

2. मधुमेह के रोगियों के लिए वरदान

अगर आपको मधुमेह है, तो नीम की पत्तियाँ आपकी शुगर को संतुलित रखने में मदद कर सकती हैं। यह आपके ब्लड शुगर को नियंत्रित करने का एक प्राकृतिक तरीका है।

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3. आपकी त्वचा को स्वस्थ और चमकदार बनाता है

नीम की पत्तियों में ऐसे गुण होते हैं जो मुँहासे और दाग-धब्बों से राहत दिलाते हैं। आपकी त्वचा को स्वाभाविक रूप से स्वस्थ और चमकदार बनाने में ये पत्तियाँ बेहद फायदेमंद होती हैं।

 

4. इम्यून सिस्टम को मजबूत करता है

नीम की पत्तियाँ एंटीऑक्सीडेंट्स से भरी होती हैं, जो आपके शरीर की रोग-प्रतिरोधक क्षमता को बढ़ाने में मदद करती हैं। इससे आपका शरीर बीमारियों से लड़ने में सक्षम होता है।

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5. दांतों और मसूड़ों के लिए लाभकारी

आपके दांत और मसूड़े भी नीम की पत्तियों से फायदा उठा सकते हैं। इनमें मौजूद जीवाणुरोधी गुण प्लाक और टार्टर को रोकते हैं, जिससे दांत और मसूड़े स्वस्थ रहते हैं।

 

नीम की पत्तियाँ कैसे खाएँ?

हर सुबह खाली पेट 5-7 नीम की पत्तियाँ चबाएँ। आप चाहें तो नीम के पत्तों का रस भी पी सकते हैं या नीम की पत्तियों को पानी में उबालकर इसका सेवन कर सकते हैं।

निष्कर्ष:
अगर आप अपने स्वास्थ्य को सुधारना चाहते हैं तो आज ही से खाली पेट नीम की पत्तियों का सेवन शुरू करें। यह आपकी पाचन, शुगर कंट्रोल, त्वचा और इम्यून सिस्टम में सुधार लाने का एक सरल और प्राकृतिक तरीका है. 


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Savitri Rahandgle

Sept. 5, 2024   

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Diabetes Control Tips: अगर शुगर को करना है कंट्रोल, तो …


Diabetes Control Tips: डायबिटीज एक ऐसी बीमारी है जो दुनियाभर में तेजी से फैल रही है, और हैरान करने वाली बात ये है कि अब यह कम उम्र के लोगों को भी प्रभावित कर रही है। डायबिटीज तब होती है जब आपका शरीर पर्याप्त मात्रा में इंसुलिन नहीं बना पाता, या इसे सही तरीके से उपयोग नहीं कर पाता। इसके परिणामस्वरूप, ब्लड शुगर लेवल बढ़ जाता है।

डायबिटीज के कारण किडनी, दिल की बीमारियाँ और अन्य गंभीर समस्याएँ हो सकती हैं। हालांकि, कुछ आदतों को बदलकर आप इस खतरे को कम या रिवर्स कर सकते हैं। आइए जानते हैं डायबिटीज से बचाव के 5 आसान तरीके।

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1. कार्बोहाइड्रेट इनटेक को सीमित करें

हमारे शरीर में कार्बोहाइड्रेट जल्दी से ग्लूकोज में बदलता है, जिससे ब्लड शुगर लेवल तेजी से बढ़ता है। अगर आप अपनी डाइट में ज्यादा गेंहूं, चावल और अन्य कार्बोहाइड्रेट ले रहे हैं, तो इसका सेवन कम करें। अपनी डाइट में कार्बोहाइड्रेट की मात्रा को 50% तक कम करें। आप इसे धीरे-धीरे 10% तक घटाकर बेहतर परिणाम देख सकते हैं। ज्यादा कार्बोहाइड्रेट लेने से बचें और फाइबर युक्त खाद्य पदार्थ जैसे हरी सब्जियाँ, ओट्स, और बीन्स शामिल करें।

 

2. तनाव को करें नियंत्रित

तनाव, डायबिटीज का एक बड़ा कारण है। यह मेटाबॉलिज्म को प्रभावित करता है और कई हार्मोन रिलीज करता है, जिससे ब्लड शुगर बढ़ता है। ध्यान (Meditation), योग और डीप ब्रीदिंग जैसी तकनीकों से तनाव को कम करें। नियमित रूप से रिलैक्सेशन एक्सरसाइज करने से ब्लड शुगर को कंट्रोल करने में मदद मिलती है।

ये भी पढे : Home Health Care: शरीर में इस हार्मोन के बढ़ने से हो सकती है ये 3 जानलेवा बीमारियां, शरीर में दिखें ये लक्षण तो महिलाएं तुरंत हो जाएं सावधान

 

3. नियमित एक्सरसाइज करें

फिजिकल एक्टिविटी शरीर के इंसुलिन सेंसिटिविटी को बढ़ाती है, जिससे ब्लड शुगर लेवल कम होता है। रोजाना 30 मिनट की वॉक या एक्सरसाइज करें। सप्ताह में कम से कम तीन दिन 15-20 मिनट की एक्सरसाइज करने से डायबिटीज के खतरे को कम किया जा सकता है।

 

4. पर्याप्त नींद लें

नींद की कमी शरीर के मेटाबॉलिज्म को बाधित करती है, जिससे इंसुलिन सेंसिटिविटी पर नकारात्मक प्रभाव पड़ता है. रात में कम से कम 7-8 घंटे की नींद लें। रात में सोने से दो घंटे पहले खाना खा लें ताकि पाचन प्रक्रिया सुचारू रूप से हो सके। यह आपके ब्लड शुगर लेवल को नियंत्रित रखने में मदद करता है।

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5. सही समय पर भोजन करें

अनियमित भोजन और खाने का समय बदलने से मेटाबॉलिज्म गड़बड़ा सकता है, जिससे ब्लड शुगर बढ़ सकता है। नियमित रूप से समय पर भोजन करें और नाश्ते को कभी न छोड़ें। सुबह के समय पौष्टिक नाश्ता लेने से ब्लड शुगर को नियंत्रित करने में मदद मिलती है।

डिस्क्लेमर: दोस्तों ये लेख सिर्फ सामान्य जानकारी के लिए है. ये किसी भी तरह से किसी दवा या इलाज का विकल्प नहीं हो सकता. अधिक जानकारी के लिए हमेशा अपने डॉक्टर की सलाह जरूर लीजिए. 


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P10NEWS

Sept. 4, 2024   

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गडचिरोली जिल्हाधिकारी कार्यालयात दिव्यांग अभ्यागत कक्ष स्थापन.


 

 

 

             गडचिरोली दि.३: जिल्हाधिकारी कार्यालयात तक्रार अर्ज व निवेदन सादर करण्यासाठी येणाऱ्या दिव्यांग व्यक्तींच्या सुविधेसाठी तळमजल्यावर दिव्यांग अभ्यागत कक्ष स्थापन करण्यात आला आहे.  जिल्हाधिकारी संजय दैने यांनी  दिव्यांग व्यक्तींची गैरसोय होऊ नये म्हणून सदर कक्ष  स्थापन करण्याचे आदेश दिले आहेत.

जिल्हाधिकारी कार्यालयात सध्या लिफ्ट मशीनचे काम प्रगतीपथावर असून ते पूर्ण होईपर्यंत दिव्यांग अभ्यागत कक्ष तळमजल्यावरील मुख्यमंत्री सचिवालय कक्षाच्या समोरील कक्षात स्थापन करण्यात आला असून या कक्षाचे नोडल अधिकारी म्हणुन नायब तहसिलदार अमोल गव्हारे यांची नेमणूक करण्यात आली आहे.

 

 

 

 


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P10NEWS

Sept. 2, 2024   

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पोषण आहारात अभिमानास्पद कामगिरी करा. - महिला बाल विकास मंत्री …



   

          राज्यस्तरीय पोषण माह शुभारंभ.
    नवीन पीढी घडविण्यात अंगणवाडी सेविकांचा महत्वाचा वाटा
    लाडकी बहीण योजनेचे अर्ज भरणे नियमित सुरू राहील

 

           गडचिरोली दि.1 : प्रत्येक बालक हा सुदृढ व्हावा या उद्दिष्टातून गरोदर व स्तनदा मातांपर्यंत योग्य पोषण आहार पोहचूवन अभिमानास्पद कामगिरी करण्याचे आवाहन महिला व बालविकास मंत्री आदिती वरदा सुनील तटकरे यांनी अंगणवाडी सेविकांना केले.
महिला व बाल विकास विभागाच्या पोषण अभियाअंतर्गत राज्यस्तरीय पोषण माह चे उद्घाटन मंत्री आदिती तटकरे व अन्न व औषध प्रशासन मंत्री धर्मरावबाबा आत्राम यांच्या उपस्थितीत गडचिरोली येथे करण्यात आला. जिल्हाधिकारी संजय दैने, मुख्य कार्यकारी अधिकारी आयुषी सिंह, एकात्मिक बाल विकास सेवा योजनेचे आयुक्त कैलास पगारे, उपायुक्त संगिता लोंढे यावेळी प्रामुख्याने उपस्थित होते.
पोषण आहार योजनेच्या अंमलबजावणीतून सुदृढ नवीन पिढी घडविण्यात महत्वाचा वाटा अंगणवाडी सेविकांचा माध्यमातून होत आहे. अंगणवाडी सेविका आणि मदतनीस बाराही महिने नियमितपणे चांगले काम करत असल्याचे सांगतांना कोविड कालावधीत केलेले काम आणि मुख्यमंत्री योजनेत सर्वाधिक अर्ज नोंदणी केल्याचा त्यांनी विशेष उल्लेख केला. मुख्यमंत्री लाडकी बहीण योजनेचे अर्ज भरणे निरंतर सुरू राहणार असून त्याला कोणतीही मुदत ठरवून दिलेली नाही. अर्ज भरण्यासाठीचा देय भत्ता ऑक्टोबर महिण्यात देण्यात येणार असल्याचेही त्यांनी सांगितले. 
महिलांचा सन्मान व्हावा म्हणून बालकाच्या नावापुढे प्रथम त्याच्या आईचं नाव मग वडिलांचे नाव लावण्याचा ऐतिहासिक निर्णय मे-2024 मध्ये देशात सर्वप्रथम महाराष्ट्राच्या महिला व बालविकास विभागाने घेतला असल्याचे त्यांनी सांगितले.
गडचिरोली जिल्ह्यामध्ये कुपोषणमुक्तीसाठी चांगले उपक्रम राबवित असल्याबद्दल त्यांनी मुख्य कार्यकारी अधिकारी आयुषी सिंह यांचे विशेष अभिनंदन केले. पोषण माहांमध्ये पहिल्या तीन जिल्ह्यांमध्ये गडचिरोली जिल्ह्याचा नंबर आणावा यासाठी अधिकाधिक चांगल्या पद्धतीने नावीन्यपूर्ण काम करण्याचे त्यांनी सांगितले.  दुर्गम भागात काम करणाऱ्या अंगणवाडी सेविकांना खनिकर्म निधीतून सायकल मंजूर करण्यासाठी प्रस्ताव सादर करण्याच्या सूचनाही त्यांनी दिल्या.
अन्न व औषध प्रशासन मंत्री धर्मरावबाबा आत्राम यांनी महिलांना सक्षम करणे ही शासनाची भूमिका असून यासाठी विविध क्रांतीकारक योजना राबविण्यात येत आहेत. मुख्यमंत्री माझी लाडकी बहीण योजना, लखपती दीदी योजना, अन्नपूर्णा योजना, महिलांना मोफत उच्च शिक्षण आदि योजनांचा लाभ घेण्याचे आवाहन त्यांनी केले. स्वच्छ आहार आरोग्यासाठी महत्व आणि फोर्टीफाईड फुड योजनेबाबत त्यांनी माहिती दिली.
आयुक्त कैलास पगारे यांनीही सुपोषीत बालक संकल्पनेवर शासनाच्या योजनांची माहिती दिली. तर जिल्हा परिषदेच्या मुख्य कार्यकारी अधिकारी आयुषी सिंह यांनी कार्यक्रमाचे प्रास्ताविकेतून पोषण आहार योजना व कुपोषणमुक्तीसाठी जिल्हा परिषदेमार्फत राबविण्यात येत असलेल्या उपक्रमांची माहिती दिली.
यावेळी विविध योजनेंतर्गत लाभार्थींचा सत्कार करण्यात आला.
*नवेगाव अंगणवाडी इमारतीचे उद्घाटन*
मंत्री आदिती तटकरे यांच्या हस्ते नवेगाव अंगणवाडीच्या नवीन इमारतीचे उद्घाटन करण्यात आले. इतकी सुसज्ज इमारत राज्यात प्रथमच पाहत असल्याचे सांगून त्यांनी अंगणवाडी इमारतीचे कौतुक केले.


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Savitri Rahandgle

Sept. 2, 2024   

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Healthy Digestion Tips: सुबह पेट साफ नहीं होता और बनती …


Healthy Digestion Tips: क्या आप भी सुबह उठते ही पेट साफ न होने और गैस की समस्या से परेशान रहते हैं? यह एक आम समस्या है, लेकिन इसे हल करना मुश्किल नहीं है। पेट का साफ होना अच्छे स्वास्थ्य के लिए बहुत जरूरी है। अगर यह समस्या लंबे समय तक बनी रहती है, तो यह आपकी सेहत पर बुरा असर डाल सकती है। लेकिन चिंता मत कीजिए, हम आपके लिए लाए हैं एक सरल और प्रभावी उपाय।

 

कब्ज और गैस की समस्या का समाधान: किशमिश का जादू

आपने कभी सोचा है कि रोज़मर्रा की एक साधारण चीज़ जैसे किशमिश कैसे आपकी बड़ी मदद कर सकती है? डायटीशियन के अनुसार, किशमिश में फाइबर और सोर्बिटॉल की प्रचुर मात्रा होती है, जो कब्ज और गैस से राहत दिलाने में अद्भुत रूप से कारगर साबित होती है। एक रिपोर्ट के अनुसार, किशमिश के सेवन से पाचन में सुधार होता है और यह आपकी सेहत के लिए भी कई तरह से लाभकारी है।

 

रात को सोते समय किशमिश वाला दूध पिएं और पाएं राहत

क्या आप जानते हैं कि रात को सोते समय किशमिश वाला दूध पीने से पेट साफ करने में मदद मिलती है? बस इसे अपनी रूटीन का हिस्सा बनाएं और देखें कि कैसे आपकी पेट की समस्याएं दूर हो जाती हैं।

 

कैसे बनाएं किशमिश वाला दूध?

आइए, इसे बनाने का सही तरीका जानें:

  1. सोने से पहले 1 गिलास बिना वसा वाला दूध लें।
  2. इसमें 5 से 6 किशमिश डालकर उबाल लें।
  3. इस गर्म दूध को एक गिलास में निकाल लें।
  4. अब इसे सोने से आधा घंटा पहले पिएं।
  5. चाहें तो इसमें 1 चम्मच घी भी मिला सकते हैं, जिससे आपको और भी बेहतर परिणाम मिलेंगे।

 

फायदे जो आप देखेंगे:

  1. पेट साफ: किशमिश वाला दूध पीने से आपका पेट जल्दी साफ हो जाता है, जिससे गैस की समस्या दूर हो जाती है।
  2. बेहतर पाचन: यह आपकी पाचन क्रिया को भी सुधारता है, जिससे आपको पेट दर्द की शिकायत नहीं होगी।
  3. हड्डियों के लिए फायदेमंद: किशमिश और दूध दोनों ही कैल्शियम से भरपूर होते हैं, जो आपकी हड्डियों को मजबूत बनाने में मदद करते हैं।

इस सरल उपाय को आज़माकर देखें और आप खुद महसूस करेंगे कि कैसे आपकी पेट की समस्याएं छूमंतर हो जाती हैं। तो, क्या आज रात आप भी यह उपाय आज़माने वाले हैं?


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Sajit Tekam

Sept. 2, 2024   

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Women's Waist Size: शादी के बाद चौड़ी क्यों हो जाती …


Women's Waist Size: शादी एक महिला की जिंदगी में कई तरह के बदलाव लेकर आती है। यह सिर्फ उनके सामाजिक और मानसिक जीवन को प्रभावित नहीं करती, बल्कि उनके शरीर पर भी असर डालती है। आपने शायद खुद देखा होगा कि शादी के कुछ समय बाद  महिलाओं की कमर और निचला हिस्सा पहले से अधिक चौड़ा हो गया है।

यह सवाल आपके मन में भी आया होगा कि आखिर ऐसा क्यों होता है? क्या यह केवल एक सामान्य प्रक्रिया है, या इसके पीछे कुछ विशेष कारण हैं?

इस आर्टिकल में, हम उन मुख्य कारणों के बारे में बताने वाले जो शादी के बाद महिलाओं के शरीर में इन बदलावों का कारण बनते हैं। साथ ही, हम यह भी बताएंगे  कि इन बदलावों को कैसे प्रभावी तरीके से नियंत्रित किया जा सकता है ताकि आप एक स्वस्थ, संतुलित और आत्मविश्वास से भरपूर जीवन जी सकें।

 

शादी के बाद शरीर में बदलाव के कारण

  1. जीवनशैली में बदलाव: शादी के बाद जीवनशैली में बदलाव आना आम बात है। नए ज़िम्मेदारियों के साथ आपकी दिनचर्या और खानपान में बदलाव आ सकता है। जब महिला पहले जैसी डाइट और एक्सरसाइज को फॉलो नहीं कर पातीं, तो इसका असर आपके शरीर पर पड़ सकता है, जिससे कमर का हिस्सा चौड़ा हो सकता है।
  2. शारीरिक संबंध का प्रभाव: एक अध्ययन के अनुसार, शारीरिक संबंध बनाने से आपके शरीर की मांसपेशियां सक्रिय हो जाती हैं, खासकर निचले हिस्से में। यह भी एक कारण हो सकता है कि शादी के बाद आपका निचला हिस्सा थोड़ा चौड़ा हो जाए। यह पूरी तरह सामान्य है, इसलिए आपको इसे लेकर चिंतित होने की ज़रूरत नहीं है।
  3. हार्मोनल बदलाव: शादी के बाद आपके शरीर में हार्मोनल बदलाव होते हैं। ये बदलाव कई बार वजन बढ़ने का कारण बन सकते हैं, खासकर कमर और निचले हिस्से में। हार्मोनल असंतुलन के कारण शरीर का यह हिस्सा चौड़ा हो सकता है, लेकिन इसे नियमित व्यायाम और संतुलित आहार से नियंत्रित किया जा सकता है।
  4. गर्भावस्था और प्रसव: गर्भावस्था में शरीर में बहुत सारे बदलाव होते हैं। गर्भावस्था के दौरान और प्रसव के बाद आपका शरीर स्वाभाविक रूप से फैलता है, जिससे कमर और निचला हिस्सा चौड़ा हो सकता है। यह शरीर की एक सामान्य प्रक्रिया है, जो बच्चे के विकास और प्रसव के लिए जरूरी होती है।

 


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Savitri Rahandgle

Aug. 27, 2024   

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Garlic Water For High Cholesterol: इस एक चीज को पाणी …


Garlic Water For High Cholesterol: आजकल की बदलती जीवनशैली के कारण, उच्च कोलेस्ट्रॉल और नसों का बंद होना आम समस्याएं बन गई हैं. कई लोग इनका इलाज दवाओं से करते हैं, लेकिन क्या आप जानते हैं कि एक सरल घरेलू उपाय इन समस्याओं को जड़ से खत्म कर सकता है? जी हां, हम बात कर रहे हैं लहसुन पानी की. लहसुन, जिसे एक प्राकृतिक औषधि के रूप में जाना जाता है, न केवल कोलेस्ट्रॉल को कम करने में मदद करता है, बल्कि बंद नसों को खोलने में भी सहायक हो सकता है. इस लेख में हम जानेंगे कि कैसे लहसुन पानी का नियमित सेवन आपके स्वास्थ्य के लिए फायदेमंद साबित हो सकता है.

 

लहसुन के फायदे और कोलेस्ट्रॉल कम करने के उपाय

ये भी पढ़ें : Home Health Care: शरीर में इस हार्मोन के बढ़ने से हो सकती है ये 3 जानलेवा बीमारियां, शरीर में दिखें ये लक्षण तो महिलाएं तुरंत हो जाएं सावधान

 

1. कोलेस्ट्रॉल कम करने के लिए लहसुन का सेवन

लहसुन में मौजूद अल्लिसिन नामक तत्व खून में खराब कोलेस्ट्रॉल (LDL) को कम करने में मदद करता है और अच्छे कोलेस्ट्रॉल (HDL) को बढ़ाता है. नियमित लहसुन का सेवन कोलेस्ट्रॉल को नियंत्रित करने में मदतगार साबीत हो सकता है.

 

2. नसों को खोलने में सहायक

लहसुन में ऐसे तत्व होते हैं जो खून के प्रवाह को बढ़ाते हैं और नसों में जमी चर्बी को खत्म करते हैं. इससे ब्लड सर्कुलेशन बेहतर होता है और दिल की बीमारियों का खतरा कम होता है.

 

लहसुन पानी के अन्य फायदे

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3. डिटॉक्सिफिकेशन के लिए लहसुन पानी

लहसुन शरीर से विषैले तत्वों को बाहर निकालने में मदद करता है. इसे पानी में मिलाकर पीने से शरीर के अंदरूनी अंग साफ होते हैं और आपकी ऑलओवर हेल्थ में सुधार होता है.

 

4. ब्लड प्रेशर को नियंत्रित करने में सहायक

लहसुन का सेवन हाइपरटेंशन के रोगियों के लिए बेहद लाभकारी होता है, क्योंकि यह ब्लड प्रेशर को सामान्य रखने में मदद करता है.

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लहसुन पानी का सेवन कैसे करें?

सुबह खाली पेट एक गिलास गुनगुने पानी में 1-2 कली लहसुन को बारीक काटकर डालें और इसे अच्छे से मिलाकर पिएं. नियमित सेवन से आपको कोलेस्ट्रॉल और ब्लड प्रेशर में फर्क नजर आने लगेगा.

डिस्क्लेमर: दोस्तों ये लेख सिर्फ सामान्य जानकारी के लिए है. ये किसी भी तरह से किसी दवा या इलाज का विकल्प नहीं हो सकता. अधिक जानकारी के लिए हमेशा अपने डॉक्टर की सलाह जरूर लीजिए.


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Rahul Bisen

Aug. 26, 2024   

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Weight Gain Diet Plan: अंडे से भी ज्यादा प्रोटीन है …


Weight Gain Diet Plan: आजकल, लोग अक्सर वजन कम करने की समस्याओं से जूझते हैं, लेकिन कुछ लोग दुबलेपन के कारण भी परेशान रहते हैं. वेट गेन के लिए कई लोग अंडे का सेवन करते हैं, क्योंकि इसमें प्रोटीन की भरपूर मात्रा होती है. हालांकि, वेजिटेरियन लोगों के लिए अंडे एक विकल्प नहीं है। ऐसे में, चौलाई के लड्डू एक बेहतरीन और पौष्टिक विकल्प हो सकते हैं. जानिए कैसे चौलाई के लड्डू आपके वजन बढ़ाने में मदद कर सकते हैं.

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चौलाई: अंडे से भी ज्यादा प्रोटीन युक्त

चौलाई, जिसे क्विनोआ भी कहा जाता है, एक हाई प्रोटीन अनाज है। इसमें अंडे से भी अधिक प्रोटीन होता है। USDA के अनुसार, 100 ग्राम अंडे में 12.6 ग्राम प्रोटीन होता है, जबकि 100 ग्राम चौलाई में 13.6 ग्राम प्रोटीन पाया जाता है। यह प्रोटीन आपके मसल्स को मजबूत बनाने और रिपेयर करने में मदद करता है, और बालों और स्किन के लिए भी लाभकारी है.

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चौलाई के पोषक तत्व

चौलाई के दानों में कैल्शियम, मैग्नीशियम, फॉस्फोरस, और आयरन जैसे महत्वपूर्ण मिनरल्स होते हैं। ये मिनरल्स हड्डियों को मजबूत बनाने और दांतों की सेहत को सुधारने में मदद करते हैं। इसके अलावा, ये ब्लड सर्कुलेशन को भी बेहतर बनाते हैं.

 

सेवन का तरीका:

इन लड्डुओं को सुबह के समय दूध के साथ खाएं। इससे आपको भरपूर ऊर्जा मिलेगी और वजन बढ़ाने में मदद मिलेगी.


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MK CREATION

Aug. 26, 2024   

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Hospital Bill: तुम्ही पण हॉस्पिटल च्या खर्चाने आहात त्रस्त तर …


Hospital Bill: आजच्या धावपळीच्या जीवनात, आरोग्य विमा हा तुमच्या आणि तुमच्या कुटुंबाच्या आर्थिक व आरोग्य संरक्षणासाठी एक अत्यंत महत्वाचा साधन आहे. हा विमा तुम्हाला हॉस्पिटलायझेशन, औषधे, आणि डॉक्टरांच्या सल्ल्याच्या खर्चाची चिंता कमी करण्यास मदत करतो. मासिक प्रीमियम भरल्यावर, तुम्ही एक ठराविक कालावधीसाठी सुरक्षित असता, जो सहसा एक वर्षाचा असतो आणि नंतर रिन्यू करता येतो.

 

आरोग्य विम्याचे प्रकार:

 

1. मेडिक्लेम प्लान  (Mediclaim plan)

 

मेडिक्लेम प्लान हे एक बेसिक आरोग्य विमा आहे. या योजनेत, हॉस्पिटलमध्ये दाखल होताना झालेल्या खर्चाची भरपाई एक ठराविक मर्यादेपर्यंत केली जाते. यामुळे, तुमच्या हॉस्पिटल च्या खर्चाची चिंता कमी होते आणि आर्थिक स्थिरता राखता येते.

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2. गंभीर आजार विमा प्लान  (Critical Illness Insurance Plan)

गंभीर आजार विमा प्लान गंभीर आजारांचा समावेश करते आणि हॉस्पिटलच्या खर्चाची भरपाई करत नाही. मात्र, गंभीर आजाराचे निदान झाल्यावर तुम्हाला एकरकमी पैसे दिले जातात. हे तुम्हाला उपचारांवर लक्ष केंद्रित करण्यास मदत करते.

 

 आरोग्य  विमा घेण्याचे फायदे (Health insurance)

 

1. कुटुंबाची सुरक्षितता

 आरोग्य विमा घेणे कुटुंबाच्या सुरक्षिततेसाठी अत्यंत महत्वाचे आहे. आजाराच्या स्थितीत आर्थिक चिंतेची गरज कमी होते, आणि तुम्हाला उपचारांवर लक्ष केंद्रित करता येते.

 

2. हॉस्पिटलचा  खर्च कमी करा

हॉस्पिटलच्या खर्चात झपाट्याने वाढ होत आहे. किरकोळ आजारांवरही मोठा खर्च येऊ शकतो. आरोग्य विमा तुम्हाला या खर्चाच्या चिंतेपासून मुक्त करतो आणि तुम्हाला आर्थिक संरक्षण प्रदान करतो.

 

3. गंभीर आजारांपासून संरक्षण

 गंभीर आजाराच्या बाबतीत, तुम्हाला आर्थिक चिंता करण्याची आवश्यकता नाही. गंभीर आजार विमा तात्काळ आर्थिक मदत पुरवतो, ज्यामुळे तुम्ही उपचारांवर लक्ष केंद्रित करू शकता.

 

4. बचतीसाठी सुरक्षा

फक्त बचतीवर अवलंबून राहणं आणि आरोग्य विमा न घेणं तुम्हाला मोठा धोका ठरू शकतो. गंभीर आजाराच्या स्थितीत, तुमची बचत एका झटक्यात संपवली जाऊ शकते. आरोग्य विमा तुम्हाला आर्थिक सुरक्षा प्रदान करतो आणि तुमच्या बचतीची रक्षण करतो.

अशाच सरकारी योजना संबंधित माहिती जनून घेण्यासाठी आमच्या WhatsApp ग्रुप ला जॉइन करा, ग्रुप जॉइन करण्यासाठी खालील बटन ला क्लिक करा.

 


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Sujata Awachat

Aug. 25, 2024   

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Food Not To Fridge: भूल कर भी फ्रिज में न …


Food Not To Fridge: आजकल के जीवन में फ्रिज एक ऐसी सुविधाजनक वस्तु बन गई है, जिससे हम अपने खाने को ताजा और सुरक्षित रख सकते हैं। हालांकि, यह जानना भी महत्वपूर्ण है कि कुछ खाद्य पदार्थ ऐसे होते हैं जिन्हें फ्रिज में रखना उनके गुणों को कम कर सकता है और स्वास्थ्य के लिए हानिकारक हो सकता है. बहुत से लोग यह मानते हैं कि सभी खाद्य पदार्थ फ्रिज में सुरक्षित रहते हैं, लेकिन कुछ खाद्य पदार्थ ऐसे हैं जिन्हें फ्रिज में रखने से वो जल्दी खराब हो सकते हैं और उनका स्वाद भी बदल सकता है. इस आर्टिकल में, हम उन 5 खाद्य पदार्थों के बारे में जानेंगे जिन्हें आपको फ्रिज में रखने से बचना चाहिए ताकि आप अपने भोजन को ताजा और स्वादिष्ट बना सकें। तो आइए जानते है. उन 5 पदार्थों के बारे में.

 

1. ब्रेड

ब्रेड को फ्रिज में रखने से वह सूखी और सख्त हो जाती है, जो इसके स्वाद और बनावट को प्रभावित करती है. ब्रेड को फ्रिज के बजाय खुली हवा में रखने पर यह लंबे समय तक ताजा रहती है.

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2. शहद

शहद को फ्रिज में रखने से वह जल्दी जम जाता है और सख्त हो जाता है, जिससे इसका उपयोग करना मुश्किल हो जाता है. शहद को ठंडे स्थान पर रखने की बजाय कमरे के तापमान पर स्टोर करना बेहतर होता है.

 

3. कॉफ़ी

कॉफ़ी को फ्रिज में रखने से उसकी प्राकृतिक सुगंध और स्वाद खराब हो सकते हैं. फ्रिज की नमी और अन्य पदार्थों की गंध से कॉफ़ी की गुणवत्ता कम होती है. कॉफ़ी को हवा-tight कंटेनर में कमरे के तापमान पर रखना बेहतर है.

 

4. केले

कच्चे केले को फ्रिज में रखने से उनकी पकने की प्रक्रिया रुक जाती है और वे जल्दी काले हो जाते हैं। केले को ताजा रखने के लिए उन्हें बाहर ही स्टोर करें. फ्रिज में रखने से केले की रंगत, स्वाद और बनावट खराब हो जाती है.

 

5. टमाटर

टमाटरों को फ्रिज में रखने से उनका रंग और बनावट बिगड़ जाती है। ठंडे तापमान के कारण टमाटर की त्वचा नरम हो जाती है, जिससे वे खाने योग्य नहीं रहते। टमाटरों को कमरे के तापमान पर स्टोर करना चाहिए.

इन सरल नियमों का पालन करके आप न केवल अपने खाद्य पदार्थों की गुणवत्ता को बनाए रख सकते हैं, बल्कि उन्हें लंबे समय तक ताजा भी रख सकते हैं.


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Tejal Goods Appliances

Aug. 24, 2024   

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Clove and cardamom: Ayurvedic benefits and health benefits लौंग और …


Clove and cardamom लौंग और इलायची जैसे सामान्य मसाले न केवल आपके भोजन का स्वाद बढ़ाते हैं, बल्कि ये स्वास्थ्य के दृष्टिकोण से भी बेहद फायदेमंद हैं। यहाँ हम जानेंगे इन दोनों मसालों के आयुर्वेदिक लाभ और कैसे ये आपकी सेहत को बेहतर बना सकते हैं।

 लौंग के स्वास्थ्य लाभ:

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1. पाचन सुधारें:

   लौंग का सेवन पाचन को बेहतर बनाता है। इसके एंटी-इंफ्लेमेटरी गुण गैस, अपच, और पेट दर्द को कम करने में मदद करते हैं।

2. दांत दर्द से राहत:

   लौंग का तेल दांत दर्द और मसूड़ों की सूजन को कम करता है। यह एक प्राकृतिक एन्टीसेप्टिक के रूप में काम करता है।

3. इम्यून सिस्टम को मजबूत बनाएं:

   लौंग में मौजूद एंटीऑक्सीडेंट्स शरीर की प्रतिरक्षा प्रणाली को मजबूत बनाते हैं और संक्रमण से बचाव करते हैं।

4. श्वसन समस्याओं में राहत:

   लौंग खांसी, जुकाम, और अस्थमा जैसे श्वसन समस्याओं में सहायक होती है। यह बलगम को ढीला करती है और श्वसन मार्ग को साफ करती है।

5. मानसिक तनाव कम करें:

   लौंग का उपयोग मानसिक तनाव और थकान को कम करने में सहायक है। यह मानसिक स्पष्टता और ध्यान केंद्रित करने में मदद करता है।

इलायची के आयुर्वेदिक फायदे:

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1. पाचन तंत्र को सुधारें:

   इलायची पेट की समस्याओं जैसे गैस, एसिडिटी, और पेट फूलने में राहत देती है। इसका सेवन पाचन तंत्र को स्वस्थ बनाता है।

2. मुँह की ताजगी:

   इलायची मुँह की दुर्गंध को दूर करती है और ताजगी प्रदान करती है। यह दांतों की सेहत के लिए भी लाभकारी है।

3. डिटॉक्सिफिकेशन:

   इलायची शरीर से विषाक्त पदार्थों को बाहर निकालने में मदद करती है और रक्त को शुद्ध करती है। 

4. ब्लड प्रेशर नियंत्रण:

   इलायची उच्च रक्तचाप को नियंत्रित करती है। इसमें पौटेशियम और मैग्नीशियम जैसे खनिज होते हैं जो रक्तचाप को संतुलित करते हैं।

5. तनाव और मूड में सुधार:

   इलायची का सेवन तनाव को कम करता है और मूड को अच्छा बनाता है। यह मानसिक शांति और सुकून प्रदान करती है।

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Tejal Goods Appliances

Aug. 23, 2024   

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The benefits and uses of aloevera are:एलोवेरा के लाभ और …


The benefits and uses of aloevera are:एलोवेरा, जिसे 'घास का चमत्कार' भी कहा जाता है, केवल त्वचा की देखभाल के लिए नहीं, बल्कि कई अनोखे तरीकों से उपयोगी है। आइए, जानते हैं एलोवेरा के कुछ विशेष लाभ और उपयोग के बारे में जो आमतौर पर कम ही जाने जाते हैं।

 1. अंतरिक्ष में एलोवेरा का उपयोग

aloevera एलोवेरा का उपयोग अब अंतरिक्ष में भी हो रहा है। वैज्ञानिक इसके गील और एंटीऑक्सीडेंट गुणों का परीक्षण कर रहे हैं ताकि इसे अंतरिक्ष यात्रियों की त्वचा की देखभाल और रेडिएशन से सुरक्षा के लिए इस्तेमाल किया जा सके। भविष्य में, यह पौधा अंतरिक्ष यात्रा का अहम हिस्सा बन सकता है।

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2. मानसिक स्वास्थ्य के लाभ
aloeveraएलोवेरा का उपयोग मानसिक स्वास्थ्य को भी संजीवनी दे सकता है। इसके सुगंधित गुण तनाव को कम करने और मन को शांत करने में मदद कर सकते हैं। योग और ध्यान के साथ एलोवेरा की सुगंध का प्रयोग मानसिक शांति और ताजगी लाने में सहायक हो सकता है।

3. बायोटेक्नोलॉजी में नवाचार

विज्ञान के क्षेत्र में एलोवेरा को नई ऊंचाइयों पर ले जाया जा रहा है। वैज्ञानिक इसे जेनेटिकली मॉडिफाई कर रहे हैं ताकि इसके औषधीय गुण और भी प्रभावी हो सकें। इसके घाव भरने और कैंसर के इलाज के लिए किए जा रहे शोध इसके भविष्य को उज्जवल बना सकते हैं।

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4. पर्यावरण संरक्षण में एलोवेरा
एलोवेरा की खेती अब पर्यावरण संरक्षण के प्रतीक के रूप में देखी जा रही है। इसकी खेती में कम पानी की जरूरत होती है और यह भूमि की उर्वरता को भी बनाए रखता है। इसे ज़ीरो-वेस्ट ब्यूटी प्रोडक्ट्स और ऑर्गेनिक खेती में भी इस्तेमाल किया जा रहा है, जिससे यह सस्टेनेबिलिटी का प्रतीक बनता है।

5. आधुनिक व्यंजनों में एलोवेरा
आजकल, शेफ और फूड इनोवेटर्स एलोवेरा को अपने व्यंजनों और पेय पदार्थों में शामिल कर रहे हैं। इसका न केवल स्वाद बल्कि स्वास्थ्यवर्धक गुण भी इसे एक नया फूड ट्रेंड बना रहे हैं। एलोवेरा जूस, स्मूदी, और सलाद में इसका उपयोग बढ़ रहा है।

 6. लोकप्रिय संस्कृति में एलोवेरा
एलोवेरा का जिक्र फिल्मों, साहित्य और कला में भी किया गया है। यह पौधा केवल एक औषधि ही नहीं, बल्कि जीवन शक्ति और सस्टेनेबिलिटी का प्रतीक बन चुका है। इसकी उपस्थिति ने इसे एक सांस्कृतिक आइकॉन बना दिया है।

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Savitri Rahandgle

Aug. 23, 2024   

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Home Health Care: शरीर में इस हार्मोन के बढ़ने से …


Home Health Care: एस्टरोजेन हार्मोन, जिसे फीमेल हार्मोन भी कहा जाता है, महिलाओं के शारीरिक और यौन विकास में महत्वपूर्ण भूमिका निभाता है. यह हार्मोन महिलाओं के मासिक धर्म, प्रजनन प्रणाली और हड्डियों के स्वास्थ्य के लिए आवश्यक है. लेकिन जब शरीर में एस्टरोजेन का स्तर अत्यधिक बढ़ जाता है, तो इससे कई गंभीर स्वास्थ्य समस्याएं उत्पन्न हो सकती हैं.

अत्यधिक एस्टरोजेन से न केवल यौन और प्रजनन स्वास्थ्य पर असर पड़ता है, बल्कि यह बालों के झड़ने, मूड स्विंग्स, और यहां तक कि ब्रेस्ट कैंसर जैसी गंभीर बीमारियों का भी कारण बन सकता है. इस आर्टिकल में हम जानेंगे कि एस्टरोजेन के स्तर के बढ़ने से क्या लक्षण हो सकते हैं, इसके कारण क्या हैं, और इसे नियंत्रित करने के लिए क्या उपाय किए जा सकते हैं. तो आइए जानते है.

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एस्टरोजेन हार्मोन का महत्व:

  • यौन और प्रजनन विकास: एस्टरोजेन महिलाओं के यौन और प्रजनन विकास के लिए आवश्यक है.
  • स्वास्थ्य समस्याएं: इसका अत्यधिक स्तर बाल झड़ने, तनाव, पीसीओएस (पॉलिसिस्टिक ओवरी सिंड्रोम), और ब्रेस्ट कैंसर जैसी समस्याओं को जन्म दे सकता है.

 

एस्टरोजेन हार्मोन के बढ़ने के लक्षण:

  • अनिद्रा
  • थकान
  • अनियमित मासिक धर्म
  • मूड स्विंग्स और चिंता

 

एस्टरोजेन हार्मोन को नियंत्रित करने के उपाय:

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1. तनाव कम करें:

  • ज्यादा तनाव से कोर्टिसोल और एस्टरोजेन हार्मोन का बैलेंस बिगड़ सकता है. तनाव कम करने के लिए योग और ध्यान का अभ्यास करें.

2. शराब और कैफिन का सेवन सीमित करें:

  • शराब और कैफिन के सेवन से एस्टरोजेन का स्तर बढ़ सकता है. रेड और प्रोसेस्ड फूड से परहेज करें और प्लांट-बेस्ड डाइट अपनाएं.

3. वजन नियंत्रित रखें:

  • वजन बढ़ने से हार्मोन का स्तर प्रभावित हो सकता है. नियमित व्यायाम और संतुलित खानपान से वजन नियंत्रित रखें.

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4. फाइबर से भरपूर आहार:

  • फाइबर युक्त भोजन से एस्टरोजेन संतुलित रहता है और पाचन तंत्र भी मजबूत होता है. अपने आहार में अधिक फाइबर शामिल करें.

5. डेयरी प्रोडक्ट्स का सीमित सेवन:

  • डेयरी प्रोडक्ट्स में भी एस्टरोजेन की मात्रा हो सकती है. इनका सेवन सीमित करें और एक संतुलित आहार अपनाएं.

निष्कर्ष:
महिलाओं में एस्टरोजेन हार्मोन का संतुलित स्तर स्वास्थ्य के लिए अत्यंत महत्वपूर्ण है. सही जीवनशैली, संतुलित आहार, और नियमित व्यायाम के माध्यम से इसे नियंत्रित किया जा सकता है.

डिस्क्लेमर: यह लेख सामान्य जानकारी के लिए है और किसी भी दवा या इलाज का विकल्प नहीं है. अधिक जानकारी के लिए अपने डॉक्टर से संपर्क करें.


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Tejal Goods Appliances

Aug. 23, 2024   

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Cumin, Fennel and Celery Water : जीरा, सौंफ और अजवाइन …


आजकल सेहत के लिए न जाने कितने नए-नए ट्रेंड्स आ रहे हैं, लेकिन कुछ घरेलू नुस्खे ऐसे हैं जो सदियों से कारगर साबित होते आए हैं। इन्हीं में से एक है जीरा, सौंफ और अजवाइन का पानी। यह पानी न सिर्फ आपकी सेहत को बेहतर बनाता है, बल्कि इसमें छुपे हैं कुछ ऐसे फायदे, जिन्हें जानकर आप भी हैरान रह जाएंगे।

 1.पाचन को सुधारें और गैस से राहत पाएं

जीरा का पानी, सौंफ का पानी, और अजवाइन का पानी मिलकर एक ऐसा शक्तिशाली पेय बनाते हैं जो आपके पाचन तंत्र को मजबूत करता है। यह गैस, एसिडिटी और अपच को दूर करता है। इसे रोज़ाना पीने से आपका डाइजेशन बेहतर होता है और पेट से जुड़ी समस्याएं कम होती हैं।

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 2.शरीर को प्राकृतिक रूप से डिटॉक्स करें

यह डिटॉक्स ड्रिंक शरीर को साफ करने में मदद करता है। इसके एंटीऑक्सीडेंट्स आपके शरीर से टॉक्सिन्स को बाहर निकालते हैं, जिससे आपकी त्वचा निखरती है और ऊर्जा का स्तर बढ़ता है। 

3. महिलाओं के लिए विशेष फायदे

इस जीरा, सौंफ और अजवाइन के पानी का नियमित सेवन महिलाओं के लिए बेहद फायदेमंद हो सकता है। यह हार्मोनल बैलेंस बनाए रखने में मदद करता है और मासिक धर्म से जुड़ी समस्याओं को कम करता है। इसके साथ ही, यह रजोनिवृत्ति के लक्षणों को भी नियंत्रित करने में सहायक है।

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 4. सांस की समस्याओं और इम्यूनिटी को करें बेहतर

अजवाइन में पाए जाने वाले थाइमोल जैसे तत्व खांसी, जुकाम, और अस्थमा जैसी समस्याओं से राहत दिलाते हैं। इसके साथ ही, यह पानी इम्यून सिस्टम को भी मजबूत बनाता है, जिससे आप बीमारियों से बचे रहते हैं।

5.वजन घटाने में सहायक

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यदि आप वजन घटाने के लिए कोई आसान और घरेलू तरीका ढूंढ रहे हैं, तो जीरा, सौंफ और अजवाइन का पानी आपके लिए बेस्ट है। यह आपके मेटाबॉलिज्म को तेज करता है और भूख को नियंत्रित करता है, जिससे वजन घटाना आसान हो जाता है।

6.दिमाग को शांत करें और बेहतर नींद पाएं

सौंफ और अजवाइन में ऐसे गुण होते हैं जो आपके दिमाग को शांत करते हैं और तनाव को कम करते हैं। इस पानी का सेवन मेंटल हेल्थ को बेहतर बनाने और अच्छी नींद लाने में मदद करता है।

 निष्कर्ष

अगर आप अपने स्वास्थ्य को प्राकृतिक और असरदार तरीके से सुधारना चाहते हैं, तो जीरा, सौंफ और अजवाइन का पानी आपकी दिनचर्या का हिस्सा होना चाहिए। इसके नियमित सेवन से आप ना सिर्फ शारीरिक रूप से, बल्कि मानसिक रूप से भी तंदुरुस्त रह सकते हैं। इसे आजमाएं और देखें कि कैसे ये सरल पेय आपके जीवन में बड़ा बदलाव ला सकता है।

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Zadipatti VC News and Business

Aug. 23, 2024   

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दैनंदिन तपासणी डायरी उलटली दोन सिस्टरांच्या जीवावर


 

गडचिरोली.दिनांक २२ अगस्ट

पोरला प्राथमिक आरोग्य केंद्रात कार्यरत असलेले वैद्यकीय अधिकारी डॉक्टर गजानन उपलेचवार यांनी आपल्या प्राथमिक स्तरावर दैनंदिनी डायरी तपासणीसाठी प्राथमिक आरोग्य केंद्रात मीटिंग बोलावलेली असताना .पोरला प्राथमिक उपकेंद्रात कार्यरत असलेल्या साखरा येथील सी.एच.ओ.डॉक्टर सीमा ढवळे व कंत्राटी परिचारिका वैशाली कुळमेथे या दोन आरोग्य परीचारीका यांचा दिनांक २२ आगस्ट रोजी साखरा येथे अपघात झालेला असून, अपघातात दोन्हीं गंभीर झाल्याची चर्चा आहे.

 सदर या दोन्ही महिला गडचिरोली येथिल जिल्हा सामान्य रुग्णालयातील अतिदक्षता विभागात भरती असून त्यांचेवर उपचार सुरू आहेत .तसेच त्यांच्या उजव्या पायाला व हाताला गंभीर दुखापत झाली असल्याचे सांगितले जात आहे.

डॉक्टर गजानन उपलेचवार यांच्या प्रशासनावर प्राथमिक आरोग्य केंद्रातील कर्मचाऱ्यांनी नाराजी व्यक्त व्यक्त करून,त्यांच्या  बदलीची मागणी सुद्धा केली जात असल्याची चर्चा होत आहे.


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Chunnilal kudwe

Aug. 22, 2024   

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Dengue in Chimur taluka - चिमूरकरांनो सावधान - तालुक्यात डेंग्यू


चिमूर उपजिल्हा रुग्णालयात वीस दिवसात 29 रुग्ण 

 

चिमूर - 
         जुलै-ऑगस्ट महिन्यात झालेल्या पावसाने अनेक शहरातील खाली जागेतील प्लॉट वर तालुक्यातील अनेक ठिकाणी पाणी साचले आहे तर अनेक भागातील नाल्याची सफाई न झाल्याने अनेक भागात गटारगंगा वाहत आहेत त्यामुळे  शहरात व ग्रामीण भागात डासांचे प्रमाण मोठ्या प्रमाणात वाढले आहे गटारगंगा व अस्वच्छतेमुळे  नागरिकांचे आरोग्य धोक्यात आले आहे.

 
       चिमुरातील उपजिल्हा रुग्णालयात वीस दिवसात 29 डेंगू रुग्णाची नोंद झाली असून आज घडीला आठ ते दहा रुग्ण उपजिल्हा रुग्णालयात उपचार घेत आहेत तर काही रुग्ण उवचार घेऊन घरी गेले आहेत वीस दिवसात 29 रुग्णांची  नोंद झाल्याने चिमुरकरानो सावधान,शहरात डेंग्यूचा  धोखा वाढतोय......सध्या पावसाळ्याचे दिवस सुरु असून मागील चार पाच दिवसापासून पावसाने अनेक भागात उसंत दिली आहे त्यामुळे नागरीकांना चांगलाच उकाळा सहन करावा लागत आहे या गर्मीमुळे तालुक्यात सर्दी,खोकला ताप, मलेरिया,डेंगू सारख्या आजाराचा सामना करावा लागत आहे खाजगी दवाखान्यासह, प्राथमिक आरोग्य केंद्र, उपजिल्हा रुग्णालयाच्या ओपीडी मध्ये  रुग्णसंख्या वाढली आहे 
      चिमूर येथील उपजिल्हा रुग्णालयात ऑगस्ट महिन्यात वीस तारखेपर्यत 29 डेंगू रुग्णांची नोंद झाली असून त्यात 10 पुरुष,12 महिला  तर 7 मुलांची नोंद करण्यात आली आहे तर आजघडीला आठ ते दहा डेंग्यूचे रुग्ण रुग्णालयात उपचार घेत आहेत हा आकडा चिमूर उपजिल्हा रुग्णालयातील असून खाजगी दवाखान्यातील डेंगू रुग्ण वेगळेच आहेत याकडे  शहरातील नगर परिषद व तालुक्यातील ग्राम पंचायतचे दुर्लक्ष होत आहे. अनेक ठीकाणी फवारणी मशीनने धुव्वा सोडण्याच  शहरात दिसून येत नाही. मात्र डेंग्यूच्या या रुग्ण संख्येवरून चिमूर शहरासह तालुक्यात डेंग्यूचा धोखा वाढला असून हा डेंग्यूचा आकडा चिमुरकरांना सावधानतेचा इशारा  देत आहे. 
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बदलणाऱ्या लाइफस्टाइलने व परिसरातील अस्वच्छतेने घरातील एसी,कुलर मधील पाण्यात डेंग्यूच्या डासाची निर्मिती होते त्यामुळे नागरिकांनी हप्त्यातून एक दिवस ड्राय डे पाळणे गरजेचे आहे तर साधा ताप आल्यास वेळीच रक्ताची तपासणी करून जवळच्या रुग्णालयात उवचार करावे

डॉ.अश्विन अगडे
वैद्यकीय अधिकारी,
उपजिल्हा रुग्णालय चिमूर