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The Visionary

Nov. 29, 2024

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रात में बिस्तर पर जाने से पहले सिर्फ इस 1 पत्ते को खा लीजिए, बंद पेट के खुल जाएंगे सारे द्वार, सदगुरु ने बताए इसके चमत्कारी फायदे


Benefits of Betel Leaves:

 सद्गुरु ने पेट को साफ करने और बॉडी को डिटॉक्स करने का अद्भुत नुस्खा बताया है. यह बेहद आसान टिप्स है जिसे कोई भी अपना सकता है.

हमारे आयुर्वेद में कुछ मामूली चीजें इतनी ज्यादा फायदेमंद है कि यह बड़ी से बड़ी बीमारियां भी पास नहीं फटकने देती. पान के पत्ते ऐसी ही एक औषधि है जिसे अब लोगों ने खाना कम कर दिया है. सदगुरु ने इसके कुछ चमत्कारी फायदे के बारे में बताए हैं. हालांकि पान के पत्ते को लेकर कई वैज्ञानिक रिसर्च भी हुई हैं जिसमें इसके कई औषधीय गुणों की पड़ताल की गई है. एनसीबीआई की रिसर्च पेपर में पाया गया है कि पान के पत्ते एंटी-बैक्टीरियल, एंटी-फंगल, एंटीऑक्सीडेंट्स और एंटीबायोटिक गुणों से भरपूर है. सदगुरु कहते हैं कि पान के पत्ते को लेकर जो वैज्ञानिक रिसर्च हुई हैं उससे इसमें कहीं ज्यादा गुण हैं. उन्होंने बताया कि पान के पत्ते को यूं ही नहीं देवी मां को चढ़ाया जाता है. देवी मां पर अर्णण करने के बाद इसे खा लिया जाता है क्योंकि देवी मां स्वयं इसे अपने भक्तों को खाने को कहते हैं. सदगुरु ने बताया कि पान को विभिन्न तरीकों से इसमें अन्य चीजें मिलाकर खाई जाती है. लेकिन यदि आप रात में बिस्तर पर जाने से पहले इसे खाएं तो इसका फायदा पेट पर सबसे ज्यादा होगा. आइए जानते हैं कि पान के पत्ते को रात में खाने पर इसका क्या फायदा होता है.


मुंह से शुरू होती है कहानी
सदगुरु ने बताया कि पान के फायदे मुंह से ही शुरू हो जाते हैं. यह एंटी-बैक्टीरियल होता है जिसके कारण मुंह में पान जाते ही वहां के बैक्टीरिया या फंगस मरने लगते है. वहीं यह मुंह को सुगंधित बनाता है जिसके कारण मुंह में अन्य हानिकारक चीजें भी नहीं आती है. मुंह और जीभ में अगर छाले हो तो उसे भी यह ठीक कर देता है. हालांकि इसके लिए पान में चूना का बेहद कम इस्तेमाल किया जाता है वरना जीभ कटने का भी डर रहता है.

अम्लनाशक
सदगुरु के मुताबिक पान का पत्ता अम्लनाशक होता है. यानी यह शरीर से जहर को निकालता है. साप काटने के बाद जो जहर बनता है, यह उसे भी निकाल देता है. हालांकि यह पूरी तरह से ऐसा नहीं कर सकता लेकिन एक सीमा तक यह जहर को जरूर साफ करता है. अगर पेट में बहुत ज्यादा अम्ल बन रहा तो यह उसे कम करेगा.

 


सदगुरु कहते हैं कि पान के पत्ते उत्तेजक होते हैं. खासकर यदि आप इसमें सुपारी मिला दें तो यह बेहद उत्तेजक हो जाता है. इसमें न्यूरोलॉजिकल स्फूर्तिदायक गुण होता है. यानी यह नसों को स्पंदित करता है. इससे नसों में ताजगी आती है. जब नसों में ताजगी आती है तो यह पूरे शरीर को स्फूति से भर देता है.

पेट साफ करने में रामबाण
रात में पान खाने का सबसे बड़ा फायदा यह है कि इससे आपका बंद पेट भी साफ हो जाएगा. चाहे कितना भी कॉन्स्टिपेशन की समस्या क्यों न हो अगर पान को सही तरीके से लगाकर उसे खा लिया जाय तो कुछ दिनों में कब्ज ठीक हो जाती है. पान का पत्ता पेट में गुड बैक्टीरिया को बढ़ाता है. इसलिए यह पाचन तंत्र को बहुत मजबूत कर देता है. इससे गैस, एसिडिटी, ब्लोटिंग जैसी समस्याओं का खात्मा हो सकता है.

बैक्टीरिया के लिए दुश्मन
डाउन टू अर्थ ने रिसर्च के हवाले से बताया है कि पान के पत्ते ग्राम निगेटिव बैक्टीरिया जैसे कि ई. कोलाई और सियूडोमोनास आदि को मार देता है. इसके अलावा यह ग्राम पोजिटीव बैक्टीरिया जैसे कि स्टेफायलोकोकस और कैंडिंडा बैक्टीरिया को मारता है. वहीं यग फंगस से होने वाली बीमारियों को भी पान का पत्ता खत्म कर देता है.


पुरुषों के लिए फायदेमंद
आयुर्वेद में यह भी कहा गया है कि पान का पत्ता पुरुषों की मर्दानगी के लिए फायदेमंद है. पान के पत्ते का सेवन करने से स्पर्म की संख्या और क्वालिटी बढ़ती है. वही यह प्री-मेच्योर इजेकुलेशन को भी कम कर सकता है.

उम्र बढ़ाने में
पान के पत्तों में एंटीऑक्सीडेंट गुण होते हैं, जो शरीर को फ्री रेडिकल्स से लड़ने में मदद करते हैं. इसलिए यह स्किन को जवां रखता है और उम्र बढ़ने की प्रक्रिया को धीमा कर सकता है.

 


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The Visionary

Nov. 28, 2024

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लाडली बहना योजना के साथ इस योजना से भी मध्य प्रदेश की महिलाओं को मिलते हैं ₹1500, जाने योग्यता पात्रता, कैसे और कहां करें आवेदन


Aahar Anudan Yojana:

मध्य प्रदेश सरकार लगातार महिलाओं को आत्मनिर्भर सशक्त और स्वपोषण बनाने के लिए तरह-तरह की योजनाएं चला रही है जिसमें लाडली बहना योजना महिलाओं के लिए अहम योजना है। इसी तर्ज पर सरकार ने आदिवासी महिलाओं को पौष्टिक आहार देने के लिए “आहार अनुदान योजना” की शुरूआत की है।अगर आप भी इस योजना का लाभ लेना चाहती हैं तो आइए हम आपको बताते हैं कि कौन-कौन महिलाओं इस योजना का लाभ ले सकती हैं। योजना का लाभ लेने के लिए कैसे और कहां आवेदन करना होगा आइए विस्तार से जानते हैं।

लाडली बहना योजना के तहत महिलाओं को मिलते हैं हर महीने 1250 रुपए

बता दें कि मार्च 2023 में तत्कालीन मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान ने लाडली बहना योजना की शुरुआत की थी तब उसे समय इस योजना के तहत लाभार्थी महिलाओं को ₹1000 प्रति महीने दिए जाते थे किंतु अब इस योजना के तहत लाभार्थी महिलाओं को हर महीने 1250 रुपए की सहायता राशि दी जा रही है।

लाडली बहना योजना में अब तक मध्य प्रदेश की 1.29 करोड़ महिलाएं पंजीकृत हैं जिन्हें हर महीने 1250 रुपए भुगतान मिल रहा है। जिन महिलाओं को यह लाभ राशि मिल रही है उनके और उनके पूरे परिवार के जीवन स्तर में काफी सुधार देखा गया है। लाडली बहना योजना के बारे में तो हर कोई जानता है किंतु इसके अलावा भी मध्य प्रदेश सरकार द्वारा महिलाओं के लिए एक और योजना शुरू की गई है जिसका नाम “आहार अनुदान योजना” योजना है आइए इसके बारे में विस्तार से जानते हैं

आहार अनुदान योजना से महिलाओं को मिलते हैं हर महीने ₹1500

लाडली बहना योजना महिलाओं को आत्मनिर्भर और सशक्त बनाने में अहम भूमिका निभा रही है ऐसी ही योजना आहार अनुदान योजना है। आपको बता दें कि इस योजना के तहत मध्य प्रदेश की आदिवासी महिलाओं को हर महीने ₹1500 दिए जाते हैं।एमपी आहार अनुदान योजना की शुरूआत साल 2017 में की गई थी। इसे जनजातीय कार्य विभाग द्वारा संचालित किया जाता है। इस योजना का लक्ष्य विशेष पिछड़ी जनजाति जैसे बैगा, भारिया, और सहरिया की महिलाओं को कुपोषण से मुक्ति दिलाना और उन्हें स्वपोषण बनाना है। जिसके लिए उन्हें हर महीने ₹1500 की भुगतान राशि प्रदान की जाती है। आइए जानते हैं कैसे लें इस योजना का लाभ।

पात्रता मापदंड

इस योजना का लाभ केवल मध्य प्रदेश की आदिवासी महिलाएं ले सकती हैं।

आवेदक को मध्यप्रदेश का मूल निवासी होनी चाहिए।

आवेदक आर्थिक रूप से गरीब और बैगा, भारिया और सहरिया जाति का होना चाहिए।

आवेदक और उसके परिवार में कोई भी सदस्य सरकरी नौकर या नेता नहीं होना चाहिए।

आवेदक के परिवार की कुल वार्षिक आय 2.5 लाख से अधिक नहीं होना चाहिए।

आहार अनुदान योजना का लाभ कैसे लें

इस योजना का लाभ लेने के लिए आपको योजना में आवेदन पत्र जमा करना होगा। इसके लिए ऑनलाइन तथा ऑफलाइन दोनों तरह से आवेदन किया जा सकता है। ऑनलाइन आवेदन जनजातीय कार्य विभाग की आधिकारिक वेबसाइट से किया जाता है। और ऑफलाइन आवेदन के लिए आप जिले के सहायक आयुक्त या जिला संयोजक जनजाति कार्य विभाग से सम्पर्क करें या फिर ग्राम पंचायत कार्यालय में भी आप संपर्क कर सकते हैं। यहां पर अपने आवश्यक दस्तावेज जमा करने होंगे। पंजीकरण के लिए यहां के कर्मचारियों से सहायता ले सकते हैं।

आवश्यक दस्तावेज-

समग्र आईडी

आधार कार्ड

पहचान पत्र

जाति प्रमाण पत्र

मोबाइल नंबर

बैंक खाता का विवरण

महिला की पासपोर्ट साइज की फोटो

आहार अनुदान योजना का आवेदन फार्म इत्यादि


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The Visionary

Nov. 27, 2024

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MP Ladli Bahna Yojna: लाड़ली बहनों के लिए बुरी खबर, अब इनको नहीं मिलेगी अगली किस्त, सरकार ने काट दिए नाम


 

MP Ladli Bahna Yojna:

मध्य प्रदेश सरकार के द्वारा महिला सशक्तिकरण के लिए लाडली बहना योजना की शुरुआत की गई है। इस योजना का मुख्य उद्देश्य महिलाओं को आर्थिक रूप से समृद्ध बनाना है ताकि महिलाएं अपने खर्च के लिए दूसरों पर निर्भर ना रहे। महिलाओं के अकाउंट में जल्द ही 20वीं किस्त भेजी जाएगी।

कई महिलाओं के खाते में लाडली बहना योजना की किस्त नहीं आई है। इस योजना का लाभ उठाने के लिए कुछ नियम और शर्तें बनाई गई हैं, जिनका पालन नहीं करने पर महिलाओं के खाते में पैसे नहीं आते हैं। इन शर्तों का पालन करने वाली महिलाओं को ही लाडली बहना योजना की राशि मिलेगा।

वार्षिक आय सीमा (MP Ladli Bahna Yojna)

जिन महिलाओं के परिवार की वार्षिक आय 2.5 लाख रुपए से अधिक है, उन्हें इस योजना का लाभ नहीं दिया जाएगा।

आयकरदाता परिवार को नहीं मिलेगा लाभ

जिन महिलाओं का परिवार आयकर दाता है, उन महिलाओं को लाडली बहना योजना का लाभ नहीं दिया जाएगा।

सरकारी कर्मचारी या पेंशनभोगी

लाडली बहना योजना के नियम के अनुसार जिन महिलाओं के परिवार का कोई भी सदस्य सरकारी नौकरी में है, उन्हें इस योजना का लाभ नहीं दिया जाएगा।

 

 


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The Visionary

Nov. 26, 2024

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8th Pay Commission: आठवें वेतन आयोग में इतनी मिलेगी सैलरी,


सोशल मीडिया पर आठवें वेतन आयोग का मुद्दा अभी काफी चर्चाओं में चल रहा है क्योंकि अब बहुत ही जल्द ही देश में केंद्र सरकार एवं वित्तीय विभाग के द्वारा आठवें वेतन आयोग को लागू करने के विचार सामने आ रहे हैं। देश भर में इस मुद्दे पर अलग-अलग प्रकार की प्रतिक्रियाएं देखने को मिल रही है।

इन्हीं प्रतिक्रिया के बीच कर्मचारी भी काफी दुविधा ग्रस्त है तथा यह सुनिश्चित जानकारी प्राप्त करना चाहते हैं कि आठवें वेतन आयोग के लिए किस प्रकार बैठक की जाएगी तथा इस प्रकार से इस वेतन आयोग में वेतनमान में बदलाव देखने को मिलेंगे।

इस आर्टिकल के माध्यम से आज हम सभी कर्मचारियों तथा पेंशन धारकों के लिए आठवे वेतन आयोग की कुछ अपेक्षित तिथियां के बारे में बात करने वाले हैं तथा हम यह भी बताएंगे कि देश में पुष्टिकृत रूप से आठवां वेतन आयोग कब तक लागू किया जा सकता है।

8th Pay Commission

देश के कर्मचारियों तथा पेंशन धारकों के बीच आठवें वेतन आयोग की आवश्यकता बहुत ही विशेष रूप से दिखाई दे रही है क्योंकि कर्मचारियों की निरंतर मांगे एवं केंद्र सरकार के प्रति उनके आवेदन इस बात का स्पष्ट सबूत है।

वेतन आयोग के प्रति सरकार के जो नियम कानून है उसी प्रकार से अगला वेतनमान यानी आठवां वेतन आयोग लागू होगा अर्थात वर्ष 2016 के सातवें वेतन आयोग के बाद अब वर्ष 2026 में ही आठवां वेतन आयोग सामने आ पाएगा।

आठवे वेतन आयोग लागू होने8th Pay Commission के फायदे

अगर देश में आठवां वेतन आयोग लागू हो जाता है तो कर्मचारियों तथा पेंशन धारकों के लिए निम्न फायदे होंगे :-

-आठवे वेतन आयोग लागू होने पर केंद्रीय कर्मचारियों के वेतनमान में 92% तक का इजाफा किया जाएगा।

-  इस वृद्धि के साथ पेंशन धारकों की पेंशन में भी आश्चर्यजनक परिवर्तन         देखने को मिलेंगे।

- कर्मचारियों तथा पेंशन धारकों के लिए देश की बढ़ती इस महंगाई में काफी राहत मिलेगी।

-अब वे अधिक वेतनमान की सहायता से अपने दैनिक खर्च को बहुत ही आराम के साथ पूरा कर सकेंगे।

आठवे वेतन आयोग की जानकारी

केंद्र सरकार के द्वारा अक्टूबर 2024 में आठवे वेतन आयोग की चर्चाओं के लिए कैबिनेट बैठकों का आयोजन किया गया है जिसमें कर्मचारियों की सैलरी की बढ़ोतरी के साथ आठवे वेतन आयोग लागू होने के लिए मुख्य कार्य विधि तथा तिथियां पर भी चर्चा की गई है। इन बैठकों के दौरान देश के सभी राज्यों के वेतनमान को सुनिश्चित किया जाएगा।

 

इतने दिनों बाद होगा आठवां वेतन आयोग लागू

जैसा कि हमने पहले ही बताया है कि केंद्र सरकार के द्वारा 10 वर्ष में वेतन आयोग लागू होता है। इस नियम के अनुरूप वर्ष 2026 के शुरुआती महीने यानी जनवरी में ही आठवीं वेतन आयोग को लागू कर दिया जाएगा।आठवे वेतन आयोग का इंतजार कर रहे कर्मचारियों तथा पेंशन धारकों के लिए अभी 1 वर्ष तक का इंतजार और करना पड़ सकता है।


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The Visionary

Nov. 26, 2024

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काजू बादाम से भी ज्यादा ताकतवर है ये ड्राई फ्रूट्स, शरीर को बनाएगा फौलादी नहीं महसूस होगी कमजोरी, बस ऐसे करें डाइट में शामिल


Right Ways To Eat Dates: खजूर को सेहत के लिए फायदेमंद माना जाता है. इसे आप डाइट में कई तरह से शामिल कर सकते हैं.

खजूर खाने के फायदे:

 खजूर एक ऐसा मेवा है जिसे सेहत के लिए बेहद फायदेमंद माना जाता है. ठंड के मौसम में इस मेवा को खाने से शरीर को कई लाभ मिल सकते हैं. आपको बता दें कि खजूर को (Dates) डेट्स के नाम से जाना जाता है. इसमें आयरन, मिनरल, कैल्शियम, अमीनो एसिड, फॉस्फोरस और विटामिन्स जैसे तमाम गुण पाए जाते हैं, जो शरीर को कई समस्याओं से बचाने में मददगार हैं. खजूर को डाइट में कई तरह से शामिल किया जा सकता है. खजूर को दूध के साथ खाने से इम्यूनिटी को मजबूत बनाया जा सकता है. मजबूत इम्यूनिटी शरीर को कई तरह के संक्रमण से बचाने में मदद करती है. तो चलिए जानते हैं खजूर खाने का तरीका और फायदे.

खजूर खाने का तरीका- (Right Ways To Eat Khajoor)

1. खीर-

खजूर से आप खीर बना सकते हैं. खजूर की खीर काफी स्वादिष्ट लगती है. इसे आसानी से कम समय में बनाया जा सकता है.

 

2. लड्डू-

सर्दियों के मौसम में खजूर को डाइट में शामिल करने का सबसे बेस्ट तरीका है लड्डू. खजूर से बने लड्डूओं को आप एक गिलास दूध के साथ भी खा सकते हैं. ये उन लोगों के लिए भी अच्छा माना जाता है जिनका वजन कम है और वो वजन को बढ़ाना चाहते हैं.

खजूर खाने के फायदे- (Dates Eating Health Benefits)

खजूर खाने से शरीर को कई लाभ मिल सकते हैं. खजूर में कई तरह के मिनरल्स होते हैं जैसे, मैग्नीज, कॉपर आदि, जो शरीर के विकास और हड्डियों को मजबूत बनाने में मदद कर सकते हैं. खून की कमी को दूर करने के लिए आप खजूर का सेवन कर सकते हैं. इतना ही नहीं अगर आप थकान महसूस कर रहे हैं तो खजूर को डाइट में शामिल कर सकते हैं. खजूर में पर्याप्त मात्रा में ग्लूकोज, फ्रक्टोज और सुक्रोज पाया जाता है, जो तुरंत एनर्जी देने में मदद कर सकते हैं. 

 


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The Visionary

Nov. 22, 2024

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BSNL ने लॉन्च की भारत की पहली Satellite-to-Device सर्विस, अब नेटवर्क के बिना भी होगी कॉलिंग


BSNL ने हाल ही में डायरेक्ट-टू-डिवाइस सैटेलाइट कनेक्टिविटी टेक्नोलॉजी की शुरुआत की है। यह सेवा दूरदराज के इलाकों में इमरजेंसी कॉल, SOS संदेश और UPI भुगतान की इजाजत देती है। BSNL इस सेवा का ट्रायल अक्टूबर 2024 में शुरू कर चुका है और ये बहुत जल्द उपलब्ध होगा।

भारत संचार निगम लिमिटेड (बीएसएनएल) ने भारत की पहली सैटेलाइट-टू-डिवाइस सेवा शुरू की है, जिसे देश के सबसे अलग-थलग इलाकों में भी निर्बाध कनेक्टिविटी प्रदान करने के लिए डिज़ाइन किया गया है। बुधवार को भारतीय दूरसंचार विभाग (डीओटी) द्वारा घोषित, यह नई सेवा कैलिफोर्निया स्थित संचार प्रौद्योगिकी कंपनी वायसैट के सहयोग से शुरू की गई है, और इसका उद्देश्य सीमित या बिना सेलुलर कवरेज वाले क्षेत्रों में निर्बाध नेटवर्क पहुँच प्रदान करना है।

यह पहल, जिसे शुरू में इंडिया मोबाइल कांग्रेस (IMC) 2024 में प्रदर्शित किया गया था, भारत के डिजिटल विभाजन को पाटने की दिशा में एक महत्वपूर्ण कदम है। बीएसएनएल के अनुसार, डायरेक्ट-टू-डिवाइस सैटेलाइट कनेक्टिविटी सेवा का पहले ही व्यापक परीक्षण हो चुका है, जिसमें दूरदराज और चुनौतीपूर्ण स्थानों में कनेक्शन बनाए रखने की इसकी क्षमता के बारे में आशाजनक परिणाम मिले हैं।

 

दूरसंचार विभाग (DoT) ने लॉन्च का जश्न मनाने के लिए X (पूर्व में Twitter) का सहारा लिया, जिसमें बताया गया कि BSNL की सेवा का उद्देश्य भारतीय उपयोगकर्ताओं के लिए उपग्रह संचार को व्यापक रूप से उपलब्ध कराना है। हालाँकि, आपातकालीन उपयोग के लिए Apple के iPhone 14 जैसे उपकरणों में पहले से ही उपग्रह कनेक्टिविटी की सुविधा दी जा रही है, लेकिन भारत में अब तक ऐसी सेवाएँ केवल सरकारी और सैन्य उपयोग तक ही सीमित हैं। BSNL की पेशकश इस तकनीक को आम जनता तक पहुँचाती है, जिससे उपयोगकर्ता दूरदराज के इलाकों में भी जुड़े रह सकते हैं।

भारत भर में दूरदराज के उपयोगकर्ताओं के लिए कनेक्टिविटी

बीएसएनएल की नई सैटेलाइट सेवा का उद्देश्य सीमित नेटवर्क पहुंच वाले चुनौतीपूर्ण स्थानों में उपयोगकर्ताओं की सहायता करना है। चाहे स्पीति घाटी में ट्रैकिंग कर रहे हों या ग्रामीण क्षेत्र में रह रहे हों, उपयोगकर्ता अब उन स्थितियों में परिवार और दोस्तों से जुड़ सकेंगे जहां सेलुलर या वाई-फाई नेटवर्क उपलब्ध नहीं हैं। यह सेवा आपातकालीन कॉलिंग, SoS मैसेजिंग और यहां तक कि UPI भुगतान का भी समर्थन करती है जब अन्य नेटवर्क पहुंच से बाहर हों।


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The Visionary

Nov. 22, 2024

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सोना-चांदी में आया ₹1400 का बड़ा उछाल, जानिए 24 कैरेट गोल्ड का भाव क्या हो गया


 सोना-चांदी की कीमत में फिर से तेजी देखी जा रही है. एक तरफ इस बात की संभावना बढ़ रही है कि अगले महीने सितंबर में फेडरल रिजर्व इंटरेस्ट रेट घटा सकता है. दूसरी तरफ ईरान-इजरायल क्राइसिस के कारण लगातार जियो पॉलिटिकल टेंशन बनी हुई है. दोनों परिस्थिति में सोना-चांदी की डिमांड बढ़ जाती है. हफ्ते के आखिरी कारोबारी सत्र में यानी शुक्रवार को दिल्ली सर्राफा बाजार में इसकी कीमत में करीब 1400 रुपए की बड़ी तेजी दर्ज की 

शुक्रवार को दिल्ली सर्राफा बाजार में सोना 1100 रुपए मजबूत होकर 72450 रुपए प्रति 10 ग्राम पर जा पहुंचा. चांदी की कीमत भी 1400 रुपए के उछाल के साथ 82500 रुपए प्रति किलोग्राम पर जा पहुंची. राष्ट्रीय राजधानी में पिछले कारोबारी सत्र में 99.5 फीसदी शुद्धता वाला सोना 1,100 रुपए मजबूत होकर 72,100 रुपए प्रति 10 ग्राम पर जा पहुंचा जो पहले 71,000 रुपए प्रति 10 ग्राम पर बंद हुआ था. व्यापारियों ने सोने की कीमतों में तेजी का श्रेय स्थानीय आभूषण विक्रेताओं की ताजा मांग और अंतरराष्ट्रीय बाजारों में मजबूती के रुख को दिया. 

24 कैरेट गोल्ड का ताजा भाव क्या है?

IBJA यानी इंडियन बुलियन ज्वैलर्स एसोसिएशन की वेबसाइट पर उपलब्ध जानकारी के मुताबिक, 24 कैरेट गोल्ड का भाव 6966 रुपए प्रति ग्राम रहा. 22 कैरेट का भाव 6799 रुपए, 20 कैरेट का भाव 6200 रुपए, 18 कैरेट का भाव 5643 रुपए और 14 कैरेट का भाव 4493 रुपए प्रति ग्राम रहा है. 999 प्योरिटी वाली चांदी का भाव 80263 रुपए प्रति किलोग्राम रही.

 

सोना-चांदी में तेजी बने रहने की उम्मीद

कोटक सिक्योरिटीज के कमोडिटी ऐनालिस्ट कायनात चैनवाला ने कहा कि चाइनीज सेंट्रल बैंक की तरफ से लगातार तीसरे महीने सोने की खरीद से परहेज किए जाने के बावजूद भी इस धातु में तेजी आई है. एंजल वन ने अपनी रिपोर्ट में कहा कि जेपी मॉर्गन, सिटी ग्रुप का मानना है कि फेडरल रिजर्व सितंबर में 50 bps की रेट कट करेगा. सोने की मांग अभी मजबूत बने रहने की उम्मीद है. एक तरफ फेड रेट कट का फायदा मिलेगा तो दूसरी तरह जियो पॉलिटिकल टेंशन से बायर्स को बूस्ट मिलेगा.


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The Visionary

Nov. 22, 2024

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सरकार ने पकड़ा फर्जीवाड़ा, रद्द किए 5.80 करोड़ फेक राशन कार्ड


सरकार ने PDS (पब्लिक डिस्ट्रीब्यूशन सिस्टम) को डिजिटल कर दिया. अब 80.6 करोड़ लोगों तक सही तरीके से राशन पहुंच रहा है. अब तक 20.4 करोड़ राशन कार्ड डिजिटल हो चुके हैं. इनमें से 99.8% राशन कार्ड आधार से जुड़े हुए हैं. साथ ही 98.7% लोगों का बायोमेट्रिक ऑथेंटिकेशन भी हो चुका है.

पहले देश में राशन में गड़बड़ी बहुत ज्यादा थी. फर्जी राशन कार्ड बनाकर लोग राशन ले लेते थे. इसे रोकने के लिए सरकार ने PDS (पब्लिक डिस्ट्रीब्यूशन सिस्टम) को डिजिटल कर दिया. अब 80.6 करोड़ लोगों तक सही तरीके से राशन पहुंच रहा है.फर्जी राशन कार्ड हटाने के लिए आधार और eKYC का इस्तेमाल किया जा रहा है. अब सिर्फ असली लाभार्थियों को ही राशन मिलता है. अभी तक 5.8 करोड़ फर्जी राशन कार्ड हटा दिए गए हैं. इससे जरूरतमंद लोगों को ही राशन मिल रहा है और गड़बड़ी खत्म हो गई है.

अब तक 20.4 करोड़ राशन कार्ड डिजिटल हो चुके हैं. इनमें से 99.8% राशन कार्ड आधार से जुड़े हुए हैं. साथ ही 98.7% लोगों का बायोमेट्रिक ऑथेंटिकेशन भी हो चुका है. इससे यह तय हो गया है कि राशन सिर्फ सही लोगों तक पहुंचे.

ePoS मशीन से पारदर्शिता

सरकार ने पूरे देश में 5.33 लाख ePoS मशीनें लगाई हैं. इन मशीनों से आधार के जरिए पहचान की जाती है और राशन दिया जाता है. इससे गलत कार्ड से राशन लेना बंद हो गया है. हर जगह पारदर्शिता बढ़ गई है और गड़बड़ी खत्म हो गई है. eKYC की मदद से 64% लोगों का वेरिफिकेशन पूरा हो चुका है. बाकी लोगों का काम भी जल्द ही पूरा होगा. अब राशन लेने में किसी को कोई परेशानी नहीं होती. यह प्रक्रिया सरल और सुरक्षित हो गई है| 

 राशन ढुलाई और आपूर्ति को ट्रैक करने के लिए नई तकनीक का इस्तेमाल किया जा रहा है. रियल-टाइम ट्रैकिंग से यह पता चलता है कि राशन सही समय पर और सही जगह पर पहुंचा है. इससे गड़बड़ी की संभावना खत्म हो गई है.

वन नेशन, वन राशन कार्ड’ योजना

इस योजना से अब लोग किसी भी राज्य में अपना राशन ले सकते हैं. चाहे आप अपने राज्य से बाहर हों, आपका राशन कार्ड हर जगह काम करेगा. इससे प्रवासी मजदूरों को बहुत मदद मिली है.

 

इन सभी सुधारों की वजह से अब PDS पूरी तरह पारदर्शी हो गया है. राशन सिर्फ असली जरूरतमंदों तक पहुंच रहा है और वितरण में कोई समस्या नहीं हो रही.

 


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Nov. 8, 2024

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घाटों पर दिखा आस्था और उल्लास का संगम


छठ पर्व के तीसरे दिन गुरुवार को डूबते हुए सूर्य को अर्घ्य दिया गया। डूबते हुए सूर्य को अर्घ्य देने के साथ ही अब शुक्रवार सुबह उगते सूर्य को अर्घ्य देने के बाद व्रती 36 घंटे के निर्जला व्रत का पारण करेंगे। जिसके बाद छठ महापर्व का समापन हो जाएगा।

विभिन्न स्थानों पर बने छठ घाटों पर आस्था, उल्लास और समर्पण का अनूठा संगम नजर आया। यमुना घाट की रौनक देखते ही बन रही थी। दिल्ली में बड़ी संख्या में रहने वाले पूर्वांचलवासी अस्तांचल सूर्य व उनकी पत्नी प्रत्यूषा (सूर्य की आखिरी किरण) को अर्घ्य देने के लिए यमुना नदी के आइटीओ व कालिंदी कुंज घाट पर पहुंचे थे। वहीं दिल्ली के बाजार विशेष रूप से छठ पूजा के सामान से सजे हुए दिखाई दिए।

मालूम हो कि छठ महापर्व के तीसरे दिन यानी कार्तिक मास के शुक्ल पक्ष की षष्ठी तिथि को डूबते सूर्य व प्रत्यूषा को अर्घ्य देकर व्रतधारी छठ मइया को याद करते हैं। गुरुवार को छठ व्रतधारी शाम 4 बजे से ही यमुना नदी में पानी में खड़े होकर हाथ में धूपबत्ती लेकर सूर्य की उपासना करते दिखाई दिए। जैसे ही सूर्यदेव अस्त हुए और आसमान में लालिमा बिखरी तो व्रतधारियों ने घर में बना 'ठेकुआ' व फल को सूप व बांस की टोकरी में रखकर उन्हें अर्घ्य दिया। वहीं घर जाकर व्रतधारियों ने अपने-अपने घर कोसी भरी और रातभर छठ मइया के स्थान पर अखंड ज्योति जलाई। इस दौरान परिवार के लोगों ने मिलकर धूप से हवन भी किया।


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Nov. 6, 2024

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पीने के पानी में मिल रहे प्लास्टिक के सूक्ष्म कण


पेन स्टेट के शोधकर्ताओं ने पाया कि 1950 के दशक से मीठे पानी के वातावरण में माइक्रोप्लास्टिक की मात्रा बढ़ रही है, जिसका संबंध वैश्विक प्लास्टिक उत्पादन से है। अध्ययन ने चार पेंसिल्वेनिया वाटरशेड से तलछट कोर की जांच की और पाया कि जनसंख्या घनत्व या भूमि उपयोग और उच्च माइक्रोप्लास्टिक स्तरों के बीच कोई संबंध नहीं है। हालांकि, 2010 तक प्रत्येक दशक में माइक्रोप्लास्टिक संचय में वृद्धि हुई और 2010 से 2020 तक इसमें कमी आई, संभवतः पुनर्चक्रण प्रयासों में वृद्धि के कारण। प्रदूषण में कमी के लिए प्लास्टिक की खपत और जोखिम को कम करने के तरीके खोजना महत्वपूर्ण है